Rajasthan Board RBSE Class 10 Hindi क्षितिज Chapter 8 झाँसी की रानी (सुभद्रा कुमारी चौहान)
RBSE Class 10 Hindi Chapter 8 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
RBSE Class 10 Hindi Chapter 8 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
लक्ष्मीबाई किसकी मुँहबोली बहिन थी ?
उत्तर:
लक्ष्मीबाई नाना की मुँहबोली बहिन थी।
प्रश्न 2.
लक्ष्मीबाई की सहेली कौन थी ?
उत्तर:
लक्ष्मीबाई की सहेली मुंदरा थी।
प्रश्न 3.
रानी लक्ष्मीबाई बचपन में क्या खेल खेलती थी ?
उत्तर:
रानी लक्ष्मीबाई बचपन में व्यूह रचना करना, किलों को घेरना, तलवार, बरछी, कटार आदि चलाने के खेल खेलती थी।
प्रश्न 4.
झाँसी के राजा के मरने पर कौन हर्षाया ?
उत्तर:
झाँसी के राजा की मृत्यु पर लार्ड डलहौजी हर्षाया था।
RBSE Class 10 Hindi Chapter 8 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
देश में व्यापारी बनकर कौन आए?
उत्तर:
देश में व्यापारी बनकर अँग्रेज आए थे। इंग्लैण्ड में कुछ व्यापारियों ने ईस्ट इंडिया कंपनी नाम से एक व्यापारिक कंपनी बनाई और भारत से अनेक वस्तुएँ योरोप में निर्यात करने लगे।
प्रश्न 2.
रानियाँ और बेगमें क्यों रोती थीं ?
उत्तर:
अँग्रेजों ने हिन्दू और मुसलमान राजाओं और नवाबों के राज्यों पर अधिकार करने के साथ ही वहाँ से रानियों और बेगमों के आभूषण और मूल्यवान वस्त्र लूट लिए। उन्हें कोलकाता के बाजारों में सरेआम नीलाम करके धन कमाया। इसी अपमान के कारण रानियाँ और बेगमें रोती थीं।
प्रश्न 3.
रानी लक्ष्मीबाई की आराध्य देवी कौन थी ?
उत्तर:
रानी लक्ष्मीबाई महाराष्ट्र की थीं। महाराष्ट्र के लोग भवानी या पार्वती को अपनी कुलदेवी मानते थे। अतः रानी लक्ष्मीबाई की आराध्य देवी भी भवानी ही थीं।
प्रश्न 4.
लक्ष्मीबाई को किसकी गाथाएँ याद थीं ?
उत्तर:
महाराष्ट्र के वीर पुरुषों में शिवाजी सबसे अधिक प्रसिद्ध और सम्माननीय थे। उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब और दक्षिण के अनेक हिन्दू विरोधी शासकों से संघर्ष किया था। उनकी वीरता और चतुराई की कहानियाँ रानी लक्ष्मीबाई को जबानी याद र्थी।
प्रश्न 5.
राजमहल में काली घटाएँ क्यों छा गईं ?
उत्तर:
लक्ष्मीबाई जब रानी बनकर झाँसी आई थीं तब राजभवन में प्रसन्नता का उजाला छा गया था किन्तु समय का चक्र ऐसा बदला कि राजभवन में दुख की काली घटा छा गईं। झाँसी के राजा का रोग के कारण देहान्त हो गया। राजा के नि:सन्तान मरने से विधवा रानी लक्ष्मीबाई शोक में डूब गई और सारे राजभवन में भी शोक की काली घटा छा गई।
प्रश्न 6.
रानी के साथ किन सखियों ने युद्ध किया ?
उत्तर:
जब अँग्रेजी सेना ने झाँसी पर आक्रमण किया तो रानी लक्ष्मीबाई के साथ उसकी दो सखियाँ भी वीरवेश में युद्ध करने गईं। इन दोनों के नाम ‘काना’ और ‘मुन्दरा’ थे।
RBSE Class 10 Hindi Chapter 8 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
रानी लक्ष्मीबाई के बचपन की गतिविधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
बचपन में लक्ष्मीबाई नाना के साथ खेलती और पढ़ती थीं। अस्त्र-शस्त्र ही उनकी सहेलियों के समान थे। शकली युद्ध व्यूहों की रचना करना, शिकार खेलना, नकली सेना का घेराव करना, नकली दुर्गों को तोड़ना आदि उनके प्रिय खेल होते थे।
प्रश्न 2.
कविता के माध्यम से अंग्रेजों की नीतियों और अत्याचारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अँग्रेज एक कंपनी बनाकर भारत में व्यापार करने आए थे। उस समय के भारतीय शासकों से आज्ञा लेकर वे व्यापार करने लगे। धीरे-धीरे उन्होंने भारतीय राजाओं के आपसी मामलों में दखल देना आरम्भ कर दिया। उन्होंने अपना राज्य स्थापित कर लिया और भारत के देशी राज्यों पर अधिकार करना आरम्भ कर दिया। अँग्रेज प्रशासक लार्ड डलहौजी ने नियम बनाया कि जिन राजाओं की कोई संतान नहीं होगी उनकी मृत्यु पर उनका राज्य अँग्रेजी राज्य में मिला लिया जायेगी। झाँसी के साथ भी उसने ऐसा ही किया। अंग्रेज देशी रियासतों की रानियों और बेगमों के आभूषणों और वस्त्रों पर अधिकार करके उन्हें नीलाम करते थे। वे भारतीय राजाओं से कर वसूलते थे। धीरे-धीरे उन्होंने दिल्ली, लखनऊ, बिठूर, नागपुर, उदयपुर, तंजौर, सतारी, बंगाल और मद्रास पर अधिकार कर लिया।
प्रश्न 3.
स्वतंत्रता की चिनगारी में किन-किन सपूतों ने लोहा लिया।
उत्तर:
अँग्रजों के अत्याचार बढ़ने और राजा-नवाबों के राज्य छिनने से सारे भारत में अंग्रेजों के विरुद्ध आक्रोश पनपने लगा। जब डलहौजी ने झाँसी पर कब्जा करना चाहा तों स्वतंत्रता की चिनगारी महायज्ञ की ज्वाला बन गई। इस संग्राम में रानी लक्ष्मीबाई सहित अनेक भारतीय सपूतों ने अपनी आहुतियाँ दीं। इनमें प्रसिद्ध नाम थे-नाना साहब, धुन्धू पंत, ताँत्या टोपे, अजीमुल्ला, मौलवी अहमद शाह, ठाकुर कुँवर सिंह आदि।
प्रश्न 4.
रानी लक्ष्मीबाई के युद्ध कौशल का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
रानी लक्ष्मीबाई की. बचपन से ही अस्त्र-शस्त्र संचालन, व्यूह रचना, सेना घेरना आदि सैन्य क्रिया-कलापों में बहुत रुचि थी। जब उनको अँग्रेजों से युद्ध हुआ तो उनके युद्धकौशल का प्रमाण भी सामने आया। जब अँग्रेज सेनानायक लेफ्टिनेंट वॉकर ने रानी को दुर्बल नारी समझने की मूर्खता की तो रानी तलवार लेकर उस पर टूट पड़ी और वॉकर को घायल होकर भागना पड़ा। इसी प्रकार रानी ने स्मिथ को भी अपने युद्ध कौशल से परास्त किया। जब यूरोज ने रानी को पीछे से घेर लिया तो भी. रानी घबराई नहीं। वह मार-काट मचाती हुई अँग्रेजी सेना के घेरे से निकल गई। अन्त में अकेली रानी पर अनेक अँग्रेज सैनिकों ने मिलकर आक्रमण कर दिया और रानी वीरतापूर्ण संघर्ष करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गई।
प्रश्न 5.
‘मिला तेज से तेज’ कवयित्री ने ऐसा क्यों कहा ?
उत्तर:
रानी लक्ष्मीबाई साधारण नारी नहीं थी। कवयित्री ने उसे लक्ष्मी, दुर्गा और वीरता का अवतार कहा है। बचपन से ही उसकी तेजस्विता के प्रमाण मिलने लगे थे। उसने अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष करते हुए, रणभूमि में शत्रुओं को परास्त करते हुए वीरगति पाई थी। इसी कारण रानी की चिता से उठती तेजमयी अग्नि की लपटों के रूप में, उसका तेज परमात्मा रूपी परम तेज में विलीन हो गया। महान आत्माओं के देहावसान पर ऐसा ही माना जाता रहा है।
निम्नलिखित पद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए
उत्तर:
संकेत – व्याख्या संख्या 1 से 4 तक के लिए छात्र सप्रसंग व्याख्या प्रकरण का अवलोकन करें और स्वयं व्याख्याएँ लिखें।
RBSE Class 10 Hindi Chapter 8 अन्य महत्वपूर्ण प्रोत्तर
RBSE Class 10 Hindi Chapter 8 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत के राजवंशों ने भृकुटियाँ क्यों तानी थीं ?
उत्तर:
अँग्रेज निरंतर उनके राजसिंहासनों पर छल-बल से अधिकार कर रहे थे। इसी कारण राजवंश क्रोधित हो। रहे थे।
प्रश्न 2.
भारतवासियों ने किसकी कीमत पहचानी थी ?
उत्तर:
भारतवासियों ने विदेशी अँग्रेजों द्वारा छीन ली गई अपनी स्वतंत्रता की कीमत पहचान ली थी।
प्रश्न 3.
भारतवासियों ने अपने मन में क्या ठान लिया था ?
उत्तर:
भारतवासियों ने फिरंगियों (अँग्रेजों) को भारत से बाहर निकालने की बात मन में ठान ली थी।
प्रश्न 4.
नाना ने लक्ष्मीबाई को क्या माना था ?
उत्तर:
नाना ने लक्ष्मीबाई को अपनी बहिन मान लिया था।
प्रश्न 5.
नाना लक्ष्मीबाई को किस नाम से पुकारते थे ?
उत्तर:
नानी लक्ष्मीबाई को ‘छबीली’ नाम से पुकारते थे।
प्रश्न 6.
बचपन में लक्ष्मीबाई की सहेलियाँ कौन थीं ?
उत्तर:
बचपन में लक्ष्मीबाई की सहेलियाँ बरछी, ढाल, कटार, तलवार आदि शस्त्र थे।
प्रश्न 7.
कवयित्री ने लक्ष्मीबाई को किनका अवतार माना है ?
उत्तर:
कवयित्री ने लक्ष्मीबाई को लक्ष्मी, दुर्गा या वीरता का अवतार माना है।
प्रश्न 8.
मराठों को क्या देखकर आनंद मिलता था ?
उत्तर:
मराठों को लक्ष्मीबाई की तलवार का वार देखकर आनंद मिलता था।
प्रश्न 9.
राजभवन में बधाई और झाँसी में खुशियाँ कब छाईं ?
उत्तर:
लक्ष्मीबाई के रानी बनकर झाँसी आने पर राजमहल में बधाइयाँ और झाँसी में खुशियाँ छा गईं।
प्रश्न 10.
झाँसी के राज और लक्ष्मीबाई के मिलन की समता कवयित्री ने किनसे की है ?
उत्तर:
कवयित्री राजा और लक्ष्मीबाई के मिलन को चित्रांगदा तथा अर्जुन और शिव तथा भवानी के मिलन के तुल्य बताया है।
प्रश्न 11.
झाँसी में शोक छा जाने का कारण क्या था ?
उत्तर:
झाँसी के राजा की असामयिक मृत्यु से झाँसी में शोक छा गया।
प्रश्न 12.
रानी लक्ष्मीबाई के शोक मग्न होने के पीछे क्या कारण थे ?
उत्तर:
पति की मृत्यु से रानी विधवा हो गई और राजा संतानरहित मरे थे, ये ही रानी के शोकमग्न होने के कारण थे ।
प्रश्न 13.
डलहौजी के प्रसन्न होने का कारण क्या था ?
उत्तर:
झाँसी के राजा के बिना संतान मरने पर डलहौजी को झाँसी पर अधिकार का अवसर मिल गया। यही उसकी प्रसन्नता का कारण था।
प्रश्न 14.
अँग्रेज भारत में किसलिए आए थे ?
उत्तर:
अँग्रेज भारत में व्यापार करने आए थे।
प्रश्न 15.
डलहौजी ने भारतीय राजाओं और नवाबों के साथ कैसा व्यवहार किया ?
उत्तर:
डलहौजी ने भारतीय राजाओं और नवाबों का अपमान करना आरम्भ कर दिया।
प्रश्न 16.
1857 में अंग्रेजों के द्वारा प्रकाशित अखबारों में क्या छपा करता था ?
उत्तर:
उन दिनों अँग्रेजी अखबारों में रानियों और बेगमों के आभूषणों और वस्त्रों की नीलामी के समाचार छपा करते थे।
प्रश्न 17.
1857 के संग्राम से पूर्व भारत में और महलों के निवासियों की मानसिक दशा कैसी थी ?
उत्तर:
कटीवासी निर्धनता, गरीबी और बेकारी से दुखी थे और महलवासी राजा-नवाब अपमान से आहत थे।
प्रश्न 18.
अठारह सौ सत्तावन में रणचंडी का आह्वान किसने किया ?
उत्तर:
रानी लक्ष्मीबाई ने अँग्रेजों से बदला लेने के लिए रणचण्डी (युद्ध) का आह्वान किया।
प्रश्न 19.
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में किन-किन ने भूमिका निभाई थी ?
उत्तर:
संग्राम को सफल बनाने में महलों और कुटियों दोनों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
प्रश्न 20.
किनकी कुर्बानियों को अंग्रेज जुर्म बताते थे ?
उत्तर:
स्वतंत्रता संग्राम में आत्मबलिदान करने वाले वीरों की कुर्बानियों को अँग्रेज जुर्म अथवा अपराध बताते थे।
प्रश्न 21.
वॉकर को हैरानी किस बात से हुई थी ?
उत्तर:
एक स्त्री (लक्ष्मीबाई) के अप्रत्याशित पराक्रम को देखकर वॉकर को हैरानी हुई थी।
प्रश्न 22.
रानी की सखियों ने युद्ध में क्या भूमिका निभाई ?
उत्तर:
काना और मुंदरा सखियों ने युद्ध में अँग्रेजी सेना पर जमकर प्रहार किए थे।
प्रश्न 23.
रानी के सामने अचानक क्या संकट आ गया ?
उत्तर:
रानी अँग्रेजी सेना के घेरे को तोड़कर आगे जा रही थी तभी एक नाला सामने आ गया और उसका घोड़ा वहीं रुक गया।
प्रश्न 24.
रानी ने कैसे वीरगति प्राप्त की ?
उत्तर:
पीछा करते अँग्रेज सैनिकों ने एक साथ रानी पर वार करना आरम्भ कर दिया। रानी घायल होकर गिर गई और वीरगति को प्राप्त हो गई।
प्रश्न 25.
मृत्यु के समय रानी लक्ष्मीबाई की आयु कितनी थी ?
उत्तर:
रानी की आयु केवल तेईस वर्ष थी।
प्रश्न 26.
रानी के बलिदान से कवयित्री ने क्या आशा की है ?
उत्तर:
कवयित्री ने आशा की है कि रानी का बलिदान भारतीयों में स्वतंत्रता की अमर भावना जगाता रहेगा।
RBSE Class 10 Hindi Chapter 8 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
‘बूढ़े भारत में भी आई फिर से नई जवानी थी’ कवयित्री के इस कथन का क्या आशय है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारतीय शासक अँग्रेजों की मनमानी, छल, कपट और अपमानजनक व्यवहार को सहते आ रहे थे किन्तु 1857 में राजा और नवाब ही नहीं बल्कि आम भारतीय जन भी अँग्रेजी अत्याचारों से दुखी होकर अँग्रेजी सत्ता से टकराने को तत्पर हो गए। उस समय ऐसा लगा कि निरंतर पराधीनता से निराश और जर्जर भारत में नई जवानी, नए उत्साह और नए साहस का संचार हो उठा था।
प्रश्न 2.
वीरता की वैभव के साथ सगाई होने से कवयित्री का आशय क्या है ? लिखिए।
उत्तर:
लक्ष्मीबाई वीरता का अवतार थी। उसे सैन्य क्रिया-कलाप बहुत भाते थे। उधर झाँसी के राजा राजसी वैभव से सम्पन्न थे। इसीलिए कवयित्री ने दोनों के विवाह संबंध को वीरता के साथ वैभव की सगाई कहा है, जो सर्वथा उपयुक्त है।
प्रश्न 3.
झाँसी के राजमहल में पहले उजियाली छाई और फिर काली घटा घिर आई, ऐसा क्यों हुआ ? कविता के आधार पर उत्तर लिखिए।
उत्तर:
जब लक्ष्मीबाई रानी बनकर आई तो राजभवन में ही नहीं पूरी झाँसी में उल्लास का उजाला सा छा गया। राजा के उत्तराधिकारी के आगमन की आशा भी जाग उठी परन्तु जब नि:संतान ही राजा की असमय मृत्यु हो गई तो राजभवन में ही नहीं, पूरे झाँसी में शोक की काली घटा छा गई।
प्रश्न 4.
झाँसी के राजा का देहान्त हो जाने पर डलहौजी ने क्या कुटिल चाल चली ?
उत्तर:
झाँसी के राजा नि:संतान मरे थे। यह देखकर डलहौजी ने अपनी मनमानी और अन्यायपूर्ण नीति का आश्रय लेकर झाँसी पर कब्जा करना चाहा। उसने झाँसी पर अधिकार करने के लिए अपनी सेनाएँ भेज दीं। उत्तराधिकारी से रहित झाँसी राज्य का डलहौजी स्वयं उत्तराधिकारी बन गया।
प्रश्न 5.
रानी दासी बनी, बनी यह दासी अब महारानी थी।’ इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
डलहौजी की कुटिल नीति के कारण झाँसी की रानी अपने पद और अधिकार से वंचित हो गई। उसके साथ एक दासी जैसा व्यवहार हुआ जबकि अँग्रेजी सत्ता जो दासी बन कर भारत में आई थी, अब झाँसी की रानी यो स्वामिनी बन गई। यह बड़ी बिडंबनापूर्ण स्थिति थी।
प्रश्न 6.
डलहौजी की उत्तराधिकारी रहित भारतीय राज्यों पर अधिकार कर लेने की नीति का क्या परिणाम आ ? लिखिए।
उत्तर:
धीरे-धीरे भारत की अनेक रियासतों पर अँग्रेजी सरकार का कब्जा होता चला गया। अँग्रेजों ने देशी राज्यों से सत्ता ही नहीं छीनी अपितु उनकी मान-मर्यादा को भी तार-तार कर दिया। उनकी रानियों और बेगमों के आभूषण और वस्त्र सरेआम नीलाम किए जाने लगे। इसे अन्याय के परिणामस्वरूप राजवंशों ने अँग्रेजी सत्ता के विरुद्ध संघर्ष करने का निश्चय किया और भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम हुआ।
प्रश्न 7.
1857 के स्वतंत्रता संग्राम को सभी वर्गों का सहयोग क्यों प्राप्त हुआ ? लिखिए।
उत्तर:
स्वतंत्रता संग्राम में सभी वर्गों की सहभागिता के पीछे कई कारण थे। कुटीवासी गरीबी से दुखी थे। महलवासी अपमान और अन्याय से आक्रोशित थे। सैनिकों को अपने स्वाभिमानी पुरखों के काम याद आ रहे थे। इसी कारण इन सभी ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया।
प्रश्न 8.
रानी लक्ष्मीबाई का किन-किन अँग्रेज सैन्य अधिकारियों से युद्धभूमि में सामना हुआ ? रानी इन पर कैसे पार पाई ?
उत्तर:
सर्वप्रथम रानी का सामना वॉकर से हुआ। वह रानी से द्वन्द्व युद्ध में पराजित और घायल होकर भाग गया। फिर रानी ने स्मिथ को धूल चटाई। इसके पश्चात् ह्यूरोज ने रानी को पीछे से घेर लिया। रानी ने फिर भी हार नहीं मानी। वह मारकाट करती हुई निकल गई।
प्रश्न 9.
भाग्य रानी के विरुद्ध था। इसी कारण उसको रणभूमि में प्राण त्यागने पड़े। वीरगति प्राप्त करने के समय रानी के सामने क्या विषम परिस्थितियाँ थीं ? लिखिए।
उत्तर:
रानी अँग्रेजी सेना के चक्रव्यूह को तोड़ कर निकल चुकी थी। यदि भाग्य साथ देता तो उसके सामने अप्रत्याशित संकट न आता। रानी का घोड़ा नया था। वह सामने नाला देख कर ठिठक गया। उसे पार नहीं का पाया।
हुए अँग्रेज सैनिक आ पहुँचे और अकेली रानी को घेरकर प्रहार करने लगे। रानी ने वीरतापूर्वक संघर्ष करते हुए प्राण त्याग दिए।
प्रश्न 10.
कवयित्री द्वारा रानी को दी गई काव्यमय श्रद्धाँजलि को अपने शब्दों में प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
कवयित्री कहती है कि सारे भारतवासी रानी के प्रति कृतज्ञ हैं। कवयित्री को विश्वास है कि रानी का यह यों में स्वतंत्रता की अमिट भावना जगाता रहेगा। अँग्रेजी सरकार रानी का नामोनिशान मिटाने की लाख कोशिश करे, इतिहासकार भी रानी पर भले ही कुछ न लिखें और सच्चाई बताने वाले भी चाहे फाँसी पर चढ़ा दिए जाएँ किन्तु रानी को भारतवासियों के हृदय से कोई नहीं हटा सकेगा।
प्रश्न 11.
लार्ड डलहौजी की राज्यों के उत्तराधिकारियों से संबधित नीति क्या थी ? उसने झाँसी पर क्यों कब्जा करना चाहा ? लिखिए।
उत्तर:
डलहौजी अँग्रेजी राज्य का सारे भारत में विस्तार करना चाहता था। उसकी कुदृष्टि भारत के रियासतों पर थी। उसने एक कुटिल और मनमानी नीति बनाई, जिस देशी राज्य का शासक नि:सन्तान मरता था; उस राज्य को अंग्रेजी राज्य में मिला लिया जाता था। झाँसी के महाराज भी संतानरहित मरे थे। अतः डलहौजी को झाँसी पर अधिकार करने का अवसर मिल गया।
RBSE Class 10 Hindi Chapter 8 निबंधात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
‘झाँसी की रानी’ कविता के आधार पर रानी लक्ष्मीबाई के चरित्र की विशेषताएँ संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
रानी के चरित्र की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं
(क) सैन्य गतिविधियों में रुचि लक्ष्मीबाई की बचपन से ही सैन्य क्रिया – कलापों में विशेष रुचि थी। अस्त्र-शस्त्रसंचालन का अभ्यास, नकली व्यूह रचना, सेना का घिराव, दुर्ग ध्वस्त करना आदि कार्यों में भाग लेना उसे बहत सुहाता था। भाग्य ने रानी को वास्तविक युद्धों में भाग लेने को बाध्य कर दिया।
(ख) एक तेजस्वी वीरांगना – डलहौजी की धमकी से न घबराने वाली रानी ने समर्पण के बजाय संघर्ष का मार्ग चुना। उसने वीरता के साथ अपने सीमित संसाधनों से अँग्रेजी सेना को कई बार परास्त किया।
(ग) कीर्तिमय मृत्यु का वरण – रानी ने अकेले ही अभिमन्यु की तरह युद्ध करते हुए, अद्वितीय नारी शक्ति का परिचय देते हुए, रणभूमि में मृत्यु का वरण किया।
रानी का चरित्र एक आदर्श वीरांगना की सभी विशेषताओं से सुशोभित है।
प्रश्न 2.
‘झाँसी की रानी’ कविता का सार अपने शब्दों में संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
सन् 1857 में भारत के राजवंश अँग्रेजी शासन के विरुद्ध उठ खड़े हुए। इनमें रानी लक्ष्मीबाई भी सम्मिलित थीं। रानी बचपन में सैन्य क्रिया-कलापों में विशेष रुचि रखती थीं। रानी का विवाह झाँसी के राजा से हुआ किन्तु कुछ दिनों बाद राजा की असमय मृत्यु हो गई। अँग्रेज शासक डलहौजी ने झाँसी पर अधिकार करना चाहा। रानी ने युद्ध छेड़ दिया। कई बार अँग्रेज सेना को पराजित करने पर भी विपरीत परिस्थितियों के कारण रानी युद्ध भूमि में वीरगति को प्राप्त हुई। कवयित्री ने रानी को कविता में भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।
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