Rajasthan Board RBSE Class 10 Hindi व्याकरण मुहावरे
‘मुहावरा’ शब्द हिन्दी भाषा का नहीं है, अपितु मूल रूप से यह अरबी भाषा का शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है‘अभ्यास’। हिन्दी में इसे विशिष्ट अर्थ देने वाला वाक्यांश माना गया है। वास्तव में, मुहावरे से शाब्दिक अर्थ की प्रतीति नहीं होती, बल्कि एक विशिष्ट अर्थ का ज्ञान होता है। प्रयोग करने पर ही मुहावरे का अर्थ स्पष्ट होता है। मुहावरेदार भाषा बड़ी प्रभावशाली होती है और श्रोता के हृदय पर अपना प्रभाव छोड़ती है।
परिभाषा – हिन्दी शब्द सागर’ में मुहावरे को इस प्रकार परिभाषित किया गया है
“मुहावरा लक्षणा या व्यंजनों द्वारा सिद्ध वाक्य का वह प्रयोग है, जो किसी एक ही बोली या लिखी जाने वाली भाषा ‘ में प्रचलित हो और जिसका अर्थ प्रत्यक्ष अभिधेय (सीधे) अर्थ से विलक्षण हो।”
मुहावरों की विशेषताएँ
- मुहावरा प्रयोगानुसार परिवर्तनशील होता है।
- मुहावरा किसी भी भाषा की अमूल्य निधि है।
- मुहावरा वाच्यार्थ की अपेक्षा लक्ष्यार्थ और व्यंग्यार्थपरक होता है।
- मुहावरों के प्रयोग से भाषा में अद्भुत शक्ति आ जाती है।
- मुहावरा लोकभाषा की व्यापकता को रेखांकित करता है।
हिन्दी में प्रचलित मुहावरे (अर्थ एवं प्रयोग सहित)
1. अक्ल पर पत्थर पड़ना (मूर्खतापूर्वक आचरण करना) – उस जुआरी और चोर का विश्वास कर लिया, मेरी अक्ल पर पत्थर पड़ गये थे।
2. अँधेरे घर का उजाला होना (घर में एकमात्र पुत्र होना) – प्रकाश का इकलौता पुत्र उसके अँधेरे घर का उजाला है।
3. अपना उल्लू सीधा करना (अपना स्वार्थ सिद्ध करना) – आजकल राजनीति में हर व्यक्ति अपना उल्लू सीधा करने में लगा रहता है।
4. अन्धे के हाथ बटेर लगना (अनायास ही अयोग्य व्यक्ति को कोई मूल्यवान् वस्तु मिल जाना) – मोहन के पास होने की सम्भावना भी नहीं थी, किन्तु वह कक्षा में प्रथम आया। यह तो अन्धे के हाथ बटेर लगने जैसा है।
5. आँखों से गिर जाना (सम्मान खो देना) – जिस दिन से गिरीश परीक्षा में नकल करते हुए पकड़ा गया है, वह गुरुजनों की आँखों से गिर गया है।
6. अंकुश रखना (नियंत्रण में रखना) – अभी से अपने उद्दण्ड पुत्र पर अंकुश लगाओ। बड़ा होकर वह नहीं सुधरेगा।
7. अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना (अपनी प्रशंसा आप करना) – मुन्ना अपनी बड़ी प्रशंसा करता रहता है। एक दिन बीनू ने कहा कि अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना भी कोई बड़ी बात है।
8. अमृत बरसाना (सबको सुख देना या आनन्दित करना) – कवि-सम्मेलन में अनेक कवियों ने अपने काव्य-पाठ से अमृत बरसाया।
9. आँखें चार होना (एक-दूसरे को देखना)-ज्यों ही सलीम की अनारकली से आँखें चार हुईं, वह अपनी सुध-बुध खो बैठा।
10. आकाश-पाताल एक करना (अत्यधिक परिश्रम करना) – परीक्षा में प्रथम श्रेणी यों ही नहीं आती, उसके लिए आकाश-पाताल एक करना होता है।
11.आग-बबूला होना (अत्यधिक क्रोधित होना) – तुम्हारा मित्र इतनी-सी बात पर आग-बबूला हो गया।
12. आटे-दाल का भाव मालूम होना (वास्तविकता ज्ञात होना) – गुरुजी बोले, “बेटा, बाप के राज में मौज कर लो, जब घर का भार सिर पर आएगा तो आटे-दाल का भाव मालूम हो जाएगा।”
13. आनन – फानन में (बहुत शीघ्र)–किसी भी मामले की आनन-फानन में जाँच करना व्यक्ति के साथ अन्याय करने के बराबर है।
14. आसमान सिर पर उठाना (बहुत शोर या उपद्रव करना.) – अध्यापक के कक्षा से बाहर जाते ही छात्रों ने आसमान सिर पर उठा लिया।
15. आँखों में धूल झोंकना (धोखा देना)-मैं तुम्हारी असलियत जान गया हूँ, अब तुम मेरी आँखों में धूल नहीं झोंक सकते।
16. आपे से बाहर होना (बहुत क्रोधित होना)-अपने मित्र का अपमान होता देखकर रविशंकर आपे से बाहर हो गया।
17. आग में घी डालना (उत्तेजित होना)-जैसे-तैसे मामला ठंडा हुआ था कि सोहन ने गाली देकर आग में घी डाल दिया।
18. आस्तीन का साँप होना (विश्वासघाती होना) – तुम सुरेश पर बड़ा विश्वास करते हो न, वह आस्तीन का साँप है, किसी दिन भारी धोखा देगी।
19. आँखों का तारा होना (बहुत प्रिय होना) – आजकल ब्रजेश अपनी आज्ञाकारिता और विनम्रता से माँ-बाप की आँखों का तारा बना हुआ है।
20. अपने पैरों पर खड़े होना (स्वावलम्बी होना)-दिनेश शिक्षा समाप्त करके अपने पैरों पर खड़ा हो गया है।
21. अमर होना (सदैव प्रसिद्ध होना)-नेताजी सुभाषचन्द्र बोस सदा के लिए इतिहास में अंमर हो गये हैं।
22. फूले न समाना (बहुत प्रसन्न होना) – तरक्की मिलने पर जयकुमार फूले नहीं समा रहे थे।
23. अंग बनना (निकट सहयोगी बन जाना) – मैं अब आपके घर का अंग बन गया हूँ। हर सुख-दुःख में आपके साथ हूँ।
24. अपने हाथ से अपनी कब्र खोदना (अपनी अवनति का कारण स्वयं बनना)-इधर-उधर की भिड़ाकर महन्तजी ने अपने हाथ से अपनी कब्र खोद ली।
25. अपनी खिचड़ी अलग पकाना (सबसे अलग रहकर कार्य करना) – हरी किसी के साथ नहीं मिल सकता। वह अपनी खिचड़ी अलग पकाता रहता है।
26. अन्न-जल उठ जाना (किसी स्थान से सम्बन्ध टूटने का समय आना) – ट्रांसफर आर्डर देखकर पिताजी बोले – भाई अब तो यहाँ से हमारा अन्न जल उठ गया ।
27. आवाज उठाना (विरोध में बोलना) – जब सभी भ्रष्टाचार में भागीदार हों तो उसके विरुद्ध आवाज कौन उठाएगा?
28. अंगारे बरसना (भीषण गर्मी होना) – इतनी भीषण गर्मी है मानो आसमान से अंगारे बरस रहे हों।
29. अंगारों पर चलना (अत्यंत कठिन कार्य का भार लेना)-देशभक्तों ने देश की स्वतन्त्रता के लिए अंगारों पर चलना स्वीकार किया।
30. अँगूठा दिखाना (निर्धारित समय पर इंकार करना) – महिला ने पड़ोसन को ऐन वक्त पर रुपया देने के नाम पर अँगूठा दिखा दिया।
31. अंड-बंड बकना (अशोभनीय भाषा का प्रयोग करना) – कुछ तो शर्म करो यों ही अंड-बंड क्यों बक रहे हो ?
32. आँखें बदलना (घोषित पक्ष से हट जाना) – स्वार्थ के कारण उसने आँखें बदल लीं ।
33. आँखें बिछाना (अति उत्साह से स्वागत करना) – मन्त्री जी के आगमन पर नागरिकों ने उनके स्वागत में आँखें बिछा दीं।
34. आँखों में खून उतरना (अत्यधिक क्रोध करना) – शत्रु को देखते ही उनकी आँखों में खून उतर आया। 35. आँखों में रात काटना (रात्रि जागरण)–उन्होंने चिन्ता के कारण आँखों में रात काट दी।
36. आग लगने पर कुआँ खोदना (आपत्ति आने के बाद उससे बचने हेतु प्रयत्न करना) – बरसात आने पर छप्पर डालोगे? तुम्हारी यह बात आग लगने पर कुआँ खोदने की तरह है।
37. आकाश के तारे तोड़ना (असम्भव कार्य करना) – वैज्ञानिकों ने चन्द्रलोक पर पहुँचकर जैसे आकाश के तारे तोड़ लिये।
38. आकाश से बातें करना (बहुत ऊँचा होना) – मुम्बई में इतने ऊँचे-ऊँचे भवन हैं कि वे आकाश से बातें करते से जान पड़ते हैं।
39. इधर की दुनिया उधर होना (अनहोनी घटना घटित होना) – उसने अपने मित्र से कह दिया कि चाहे इधर की दुनिया उधर हो जाए, मैं तुम्हारा साथ नहीं छोडूंगा।।
40. ईंट से ईंट बजाना (समूल नाश करना) – अपनी बहुमूल्य वस्तुएँ प्राप्त करने के लिए उन्होंने चोरों के घर की ईंट से ईंट बजा दी।
41. ईंट का जवाब पत्थर से देना (कड़ा मुकाबला करना) – डाकुओं को जब पुलिस ने ईंट का जवाब पत्थर से दिया तभी उन्होंने डकैती डालना छोड़ा।
42. ईश्वर को प्यारा होना (मृत्यु को प्राप्त होना) – सुनामी लहरों की विभीषिका में हजारों लोग असमय ही ईश्वर को प्यारे हो गए।
43. इतिश्री होना (कार्य समाप्त होना) – भवन-निर्माण के कार्य की आज इतिश्री हो गई।
44. इस कान से सुनना, उस कान से निकालना (ध्यान न देने की स्थिति) – कार्यालय के लिपिकों ने अधिकारी की बात को इस कान से सुना और उसे कान से निकाल दिया।
45. इधर-उधर की लगाना (चुगली करना)-अब इधर-उधर की लगाना छोड़ दो, वरना इसका दण्ड भुगतोगे।
46. ईद का चाँद होना (बहुत समय बाद दिखाई देना)-चुनाव जीतने के बाद नेता ईद के चाँद हो जाते हैं।
47. उँगली पर नचाना (मनमाना व्यवहार करना)–धनी लोग गरीबों को उँगली पर नचा रहे हैं।
48. उँगली पकड़कर पहुँचा पकड़ना (थोड़ा मिलने पर धीरे-धीरे सम्पूर्ण पर अधिकार कर लेना) – मुझे तुम्हें जो देना था, वह मैंने दे दिया; अब तुम उँगली पकड़कर पहुँचा मत पकड़ो।
49. उड़ती चिड़िया पहचानना (भीतर तक की बातें जान लेना)–अनुभव होने पर लोग उड़ती चिड़िया पहचान ही लेते हैं।
50. उल्लू बोलना (उजाड़ हो जाना)-गुजरात में आए भूकंप से भुज और कच्छ क्षेत्रों में उल्लू बोलने लगे ।
51. उल्टे उस्तरे से मँड़ना ( धोखा देना, ठग लेना) – आजकल नेता लोग जनता को उल्टे उस्तरे से मँड़ने में लगे हैं।
52. उँगली उठाना (दोष लगाना) – लोग तुम पर उँगली उठाएँ, इससे पहले ही अपनी आदतें सुधार लो।
53. उल्टी गंगा बहना (विरुद्ध बातें करना) – यह कैसी उल्टी गंगा बहा रहे हैं, आप, स्वागत तो हमें आपका करना चाहिए।
54. अपना उल्लू सीधा करना (स्वार्थ सिद्ध करना) – आजकल हर आदमी अपना उल्लू सीधा करना चाहता है।
55. ऊँट के मुँह में जीरा (आवश्यकता से बहुत कम) – लाखों बाढ़ पीड़ितों के लिए पाँच सौ बोरी गेहूँ की सहायता ऊँट के मुँह में जीरा थी।
56. एड़ी-चोटी का पसीना एक करना (बहुत मेहनत करना) – निर्धन व्यक्ति बच्चों के पालन-पोषण के लिए एड़ी-चोटी का पसीना एक कर देते हैं।
57. एक न चलने देना (किसी भी बात को न मानना) – विवाह के अवसर पर रूढ़िवादी लोग युवाओं की एक नहीं चलने देते हैं।
58. एक लाठी से सबको हाँकना (उचित-अनुचित का भेद न करना) – आदमी को देखकर बातें करो। सभी को एक लाठी से मत हाँको।।
59. एक आँख ने भाना (बिल्कुल अच्छा न लगना) – पिताजी को मेरे बड़े भाई अपनी कामचोरी के कारण एक आँख नहीं भा रहे हैं।
60. औंधी खोपड़ी होना (घोर मूर्ख होना) – उससे क्यों माथा-पच्ची कर रहे हो, वह आँधी खोपड़ी वाला आदमी
61, औने-पौने में भाव करना (जल्दबाजी में सस्ते दामों पर बेच देना) – मन्दी आने पर सब्जी-विक्रेताओं ने आलू औने-पौने भाव से बेच दिये।
62. ओखली में सिर डालना (कष्ट सहने के लिए तैयार रहना) – जब हाँ कर दी है तो ओखली में सिर डालने से क्यों डरते हो ?
63. कटी पतंग होना (अनिश्चित जीवन होना) – विधवा-स्त्री कटी पतंग की तरह होती है।
64. कलेजे पर साँप लोटना (मन ही मन कुढ़ना) – तुम्हारी सफलता देखकर तुम्हारे विरोधियों के कलेजे पर साँप लोट रहे हैं।
65. कसौटी पर कसना (परीक्षा लेना) – विपत्तिरूपी कसौटी पर कसे गए मित्र ही सच्चे मित्र होते हैं।
66. कलेजा ठण्डा होना (मन को संतोष मिलना) – उसे उसकी दुष्टता का दण्ड दिए बिना मेरा कलेजा ठण्डा नहीं होगा।
67. कमर सीधी करना (थोड़ा विश्राम या आराम करना) – काम करते-करते थक गए हो अब जरा कमर सीधी कर लो।
68. कलई खुलना (सच्चाई प्रकट होना) – अब तुम कितनी भी सफाई दो, जनता के सामने तुम्हारी कलई खुल चुकी है।
69. कलम तोड़ना (बहुत अच्छा लिखना)-भाई आपने निबन्ध क्या लिखा है, बस कलम ही तोड़ दी है।
70. कुत्ते की मौत मरना (अत्यन्त पीड़ादायक मृत्यु) – उसने इतने पाप किये थे कि वह कुत्ते की मौत मरा।
71. कान पर जूं न रेंगना (परवाह न करना)-मैं नौकर से रोज जल्दी आने को कहता हूँ, पर उसके कान पर तो हूँ। ही नहीं रेंगती है।
72. काटो तो खून नहीं (गुमसुम हो जाना) – इकलौते पुत्र की मृत्यु का समाचार सुनकर माँ की ऐसी दशा हो गयी जैसे-काटो तो खून नहीं।
73. कान में तेल डालना (किसी की बात न सुनना) – मैंने तुमसे कितना कहा कि उसे उधार मत दो, किन्तु तुमने कान में तेल डाल रखा था।
74. कानों-कान खबर न होना (किसी को पता न लगना) – तुम अपने पिता को बता देना कि मैं कल उनसे मिलूंगा, किन्तु इस बात की किसी को कानों-कान खबर न हो।
75. कमर कसना (दृढ़ निश्चय करना) – इस बार कक्षा दस के छात्रों ने परीक्षा में प्रथम श्रेणी लाने के लिए कमर कस ली है।
76. कमर टूटना (अत्यधिक हानि हो जाना) – दुकान में आग लगने से दुकानदार की तो कमर ही टूट गई।
77. कलेजा फटना (घोर दुःख होना) – बिहार के बाढ़ पीड़ितों की दशा देखकर हमारा कलेजा फटने लगा।
78. कलेजे पर पत्थर रखना (कड़ा जी करना) – सम्पूर्ण सम्पत्ति लुट जाने पर उन्होंने कलेजे पर पत्थर रख लिया।
79. करवटें बदलना (अत्यधिक बेचैनी अनुभव करना) – वह अपने भविष्य को लेकर रातभर करवटें बदलता रहा।
80. कदम लड़खड़ाना (डाँवाँडोल स्थिति होना) – अखाड़े में नामी पहलवान को देखकर छोटे पहलवान के कदम लड़खड़ा गये।
81. किस खेत की मूली होना (निरर्थकता का बोध कराना) – अच्छे-अच्छे इनके मारे घबराये हैं, तुम किस खेत की मूली हो ?
82. कोल्हू का बैल होना (निरन्तर मेहनत करते रहना) – वृद्ध होने पर भी बाबा कोल्हू के बैल की तरह खेत में लगे रहते हैं।
83. कान काटना (चतुराई-भरे कार्य करना) – छोटा होने पर भी वह बड़े-बड़ों के कान काट रहा है।
84. किस्मत ठोकना (भाग्य को दोष देना) – विद्यार्थी पहले तो अध्ययन नहीं करते, बाद में असफल होने पर अपनी किस्मत ठोकते हैं।
85. कीचड़ उछालना (दोष लगाना, कलंक लगाना) – ऐसे सज्जन पर कीचड़ उछालते हुए तुम्हें शर्म नहीं आती ?
86. खेल बिगड़ जाना (कार्य में विघ्न पड़ना) – राम और श्याम की माँ की मृत्यु होने पर उन बेचारों का सारा खेल बिगड़ गया।
87. खून सूखना (भयग्रस्त होना) – आतंकवादियों को देखकर कश्मीर के नागरिकों का खून सूख रहा है।
88. खून का प्यासा होना (कट्टर शत्रु बनना, जान लेने पर तुलना) – आतंकवादी शान्तिप्रिय नागरिकों के खून के प्यासे हो रहे हैं।
89. खाक छानना (सर्वत्र भटकना) – वृद्ध माता-पिता अपने इकलौते पुत्र की तलाश में दर-दर की खाक छान रहे हैं।
90. खाक डालना (भूल जाना) – उन्होंने पुरानी दुश्मनी पर खाक डाल दी।
91. खरी-खोटी सुनाना (बुरा-भला कहना) – नौकर के तनिक-सी देर में पहुँचने पर राम ने उसे खूब खरीखोटी सुनाई।
92. खटाई में पड़ना (उलझन में पड़ना) – उसके कारण मेरी नौकरी खटाई में पड़ गयी है।
93. खून-पसीना एक करना (कठिन परिश्रम करना) – ईमानदार व्यक्ति खून-पसीना एक करके अपना पेट पालते हैं।
94. खून खौलना (अधिक क्रोध आना) – मैं सुरजीत से होली पर मिलने गया था किन्तु उसके मुँह से गालियाँ सुनकर मेरा खून खौलने लगा।
95. खेत रहना (युद्ध में मारे जाना) – कारगिल युद्ध में हमारे अनेक वीर-सैनिक खेत रहे।
96. गले पड़ना (न चाहने पर भी साथ रखना पड़ना) – मैं उससे जरा मुस्कराते हुए क्या बोल दिया, वह तो मेरे गले ही पड़ गया।
97. गला काटना (बेईमानी करना) – सुरेश आज धनी बना बैठा है, जानते हो उसने कितनों का गला काटकर यह सम्पत्ति अर्जित की है।
98. गिरगिट की तरह रंग बदलना (एक मत पर न टिकना) – आजकल लोग धन-सम्पदा प्राप्त करने के लिए गिरगिट की तरह रंग बदल रहे हैं।
99. गड़े मुर्दे उखाड़ना (भूली हुई बातों का सन्दर्भ देना) – हम सभी भारतीयों को प्रेम से रहना चाहिए, गड़े मुर्दे उखाड़ने से कोई लाभ नहीं ।
100, गले का हार होना (अत्यधिक प्रिय होना) – तुम मधुर व्यवहार से सभी के गले का हार बन सकते हो।
101. गागर में सागर भरना (थोड़े शब्दों में अधिक भाव भर देना) – बिहारी ने ‘सतसई’ में गागर में सागर भर दिया है।
102. गाल बजाना (बढ़-चढ़कर बातें करना) – कुछ करके दिखाओ, कोरे गाल बजाने से क्या होगा।
103. घाव पर नमक छिड़कना (दुःख में और दु:ख देना) – विपिन परीक्षा में फेल हो गया था और रिश्तेदार उसे ताने देकर उसके घाव पर नमक छिड़क रहे थे।
104. घड़ों पानी पड़ना (बहुत लज्जित होना) – जब श्याम चोरी करते पकड़ा गया, तो उस पर घड़ों पानी पड़ गया।
105. घी के दीपक जलाना (खुशियाँ मनाना) – मुकदमे में जीत जाने पर श्याम के घर घी के दीपक जलाये गए।
106. घाव हरा होना (भूले हुए दु:ख की याद आना) – राम ने पुरानी कहानी कहकर मेरे घाव को हरा कर दिया।
107. घर का दीपक बुझना (एकमात्र सन्तान का मर जाना) – रोहिताश्व की मृत्यु हो जाने से हरिश्चन्द्र के घर का दीपक बुझ गया।
108. घुटने टेकना (हार स्वीकार कर लेना) – कारगिल के युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया ।
109. घर बैठे गंगा आना (बिना परिश्रम के सफलता मिल जाना) – आप क्या आये घर बैठे गंगा आ गयी। मैं तो इस समस्या को लेकर आपके पास आने वाला था।
110. घर में न पूँजी भाँग न कडुआ तेल होना (बहुत अधिक गरीब होना) – सोहन 50 आदमियों को भोजन कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है, परन्तु उसके घर में न पूँजी भाँग है न कडुआ तेल।।
111. चपत लगना ( धन की हानि होना) – तुम्हारी तनिक-सी असावधानी से मुझे एक हजार रुपये की चपत लग गयी।
112. चपत लगाना (धोखा देकर धन ऐंठना) – उस दुकानदार ने मुझे नकली टी. वी. सेट बेचकर 12 हजार रुपयों की चपत लगा दी।
113. चम्पत हो जाना (गायब हो जाना) – आयकर वालों को देखकर बड़े व्यापारी शहर से चम्पत हो गये।
114. चिकनी-चुपड़ी बातें करना (चापलूसी करना)-आजकल राजेश अपने लखपति चाचा से धन ऐंठने के लिए चिकनी-चुपड़ी बातों में लगा रहता है ।
115. चुल्लू भर पानी में डूब मरना (अधिक लज्जा का अनुभव होना)-तीन साल में भी बी.ए. पास न कर पाना तुम्हारे लिए चुल्लू भर पानी में डूब मरने की बात है।
116. चौकड़ी भूल जाना (सन्तुलन खो बैठना) – राणा प्रताप के शौर्य को देखकर मुगल-सेनापति चौकड़ी भूल गया।
117. चाँदी काटना (बहुत धन कमाना) – तुम्हारे मित्र ने जब से शेयर का काम किया है, वह चाँदी काट रहा है।
118. चाँदी का जूता (धन का बल) – आजकल चाँदी के जूते से सब काम आसान हो जाते हैं।
119. चिकना घड़ा होना (बेशर्म होना) – राधे ऐसा चिकना घड़ा है कि उस पर कहने-सुनने की कोई असर ही नहीं होता।
120. चैन की बंशी बजाना (बड़े आनन्द से रहना) – जब से राम को उसके चाचा की सम्पत्ति मिली है, तब से वह चैन की बंशी बजी रहा है।
121. चोली-दामन का साथ होना (बहुत गहरा सम्बन्ध होना) – लेखक और प्रकाशक का चोली-दामन का साथ है।
122. चार चाँद लगाना (शोभा बढ़ाना)-प्रधानमंत्री ने भोज में सम्मिलित होकर उसकी शोभा में चार चाँद लगा दिए।
123. छप्पर फाड़कर देना (अनायास धन प्राप्त होना) – भगवान जब प्रसन्न होते हैं, तब छप्पर फाड़कर देते हैं।
124. छाती पर मूंग दलना (कष्ट देना) – इन लोगों ने मेरा इतना अपमान किया और अब भी मेरी छाती पर मूंग दल रहे हैं।
125. जमीन पर पैर न पड़ना (अधिक इतराना या अभिमान करना)-सुरेश ने प्रथम श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण क्या कर ली, अब उसके जमीन पर पैर ही नहीं पड़ते।
126. जयचन्द होना (देश-द्रोही होना) – भारत-पाकिस्तान के युद्ध के समय कुछ अपने ही लोग भी जयचन्द हो गये।
127. जीभ चलाना (अधिक तथा व्यर्थ बोलना) – समय पर कुछ करके दिखाना, खाली जीभ चलाने से क्या लाभ?
128. जहर का पूँट पीना (अपमान को सहन कर जाना) – उसने सबके सामने मेरा अपमान किया, पर परिस्थितवश मैं जहर का पूँट पीकर रह गया।
129. जान पर खेलना (जान की परवाह न करना) – नेताजी सुभाषचन्द्र बोस देश-हित के लिए अपनी जान पर खेल गए।
130. झख मारना (व्यर्थ के कामों में समय नष्ट करना) – यहाँ बैठे-बैठे क्या झख मार रहे हो ? कल के प्रश्नपत्र की तैयारी क्यों नहीं करते ?
131. झख मारकर (विवश होकर) – अंग्रेजों को झख मारकर भारत छोड़ना ही पड़ा।
132. टूट पड़ना (तीव्रता से आक्रमण करना) – शिवाजी के सैनिक मुगलों पर अचानक टूट पड़ते थे।
133. टस से मस न होना (कुछ भी असर न होना) – प्रधानाध्यापक के बार-बार समझाने पर भी विद्यार्थी टस से मस नहीं हुए।
133. टाँग अड़ाना (काम में बाधा डालना) – इस लड़के की यह बहुत बुरी आदत है कि सबके काम में टाँग अड़ाता है।
134. टेढ़ी खीर (बहुत कठिन काम) – आजकल सरकारी नौकरी पाना टेढ़ी खीर हो गया है।
135. ठण्डा होना (मर जाना) – शिकारी की एक ही गोली से शेर ठण्डा हो गया।
136. दर-दर की ठोकर खाना (जगह-जगह भटकना) – एम. ए. होकर भी वह दर-दर की ठोकर खा रहा है।
137. इकार जाना (हड़प जाना) – रामलाल अपने चाचा की सारी सम्पत्ति अकेले ही डकार गया।
138. डंके की चोट पर (चुनौती देकर) – राम डंके की चोट पर कहता है कि उसे हराने वाला पैदा नहीं हुआ है।
139. डींग मारना (अपनी अधिक प्रशंसा करना) – यों ही डींग मारने से क्या होगा ? मर्द हो तो कुछ करके दिखाओ।
140. ढिंढोरा पीटना (प्रचार करना) – प्रकाश से कोई बात मत कहना क्योंकि वह ढिंढोरा पीट देगा।
141. तारे गिनना (नींद न आना) – नौकरी की चिंता में वह तारे गिन-गिनकर रात बिताता है।
142. तिल का ताड़ बनाना (थोड़ी बात को बहुत बढ़ाकर कहना) – मोहन के घर कल थोड़ी सी कहा-सुनी हो गई। परन्तु उसके पड़ौसी ने तिल का ताड़ बनाकर यह बात पूरे मौहल्ले में फैला दी।
143. तीन तेरह होना (बिखर जाना) – पिता के मरते ही रमेश का परिवार तीन तेरह हो गया।
144. त्यौरी चढ़ाना (क्रुद्ध होना) – रामदत्त की व्यंग्योक्ति सुनते ही अमरपाल की त्यौरी चढ़ गई।
145. थाह लेना (मन की बात जानना, समझना) – आप चाहे कुछ भी करें, पर उसके मन की थाह लेना बड़ा कठिन काम है।
146. दम तोड़ना (अन्तिम साँस लेना) – घायलों ने अस्पताल पहुँचने से पहले ही दम तोड़ दिया।
147. दंग रह जाना (अचम्भित होना) – कमलेश के ठाट-बाट देखकर मैं दंग रह गया।
148. दाँत खट्टे करना (बुरी तरह से हराना) – भारत ने हॉकी-प्रतियोगिता में पाकिस्तान के दाँत खट्टे कर दिये।
149. दाँत काटी रोटी होना (घनिष्ठ सम्बन्ध होना) – आजकल राम और श्याम की दाँत काटी रोटी है।
150. दाँत से कौड़ी पकड़ना (बहुत कंजूस होना) – वह ऐसा कंजूस है कि दाँत से कौड़ी पकड़ता है।
151. दाँत पीसना (क्रोध प्रकट करना) – उद्दण्ड युवक की बातें सुनकर दरोगा क्रोध से दाँत पीसने लगा।
152. दाँतों तले उँगली दबाना (आश्चर्य करना) – बाढ़ में उफनती नदी को पार करते युवक को देख सभी ने दाँतों तले उँगली दबा ली।
153. दाल में काला होना (सन्देहपूर्ण स्थिति) – उसके पास पैसा तो इतना है नहीं, किन्तु वह बहुत बड़ी योजना बनाकर काम कर रहा है। दाल में कुछ काला लगता है।
154. दिल छोटा करना (उदास होना) – दिल छोटा मत करो, ऐसी विपत्तियाँ तो आती ही रहती हैं।
155. दिल छोटा होना (ओछे विचार होना, कृपण होना) – मेरा दिल ‘इतना छोटा नहीं है कि मैं तुम्हारी सहायता न कर सकें।
156. दिल टूटना (आघात पहुँचना) – सुबोध से मुझे ऐसी आशा न थी, उसके दुर्व्यवहार को देखकर मेरा दिल टूट गया।
157. दूध का दूध, पानी का पानी (स्पष्ट निर्णय करना) – बहुत दिन से तुम मुझे धोखा दे रहे हो। आज तो दूध का दूध, पानी का पानी हो जाना चाहिए।
158. धोती ढीली करना (घबरा जाना) – कट्टे के साथ बदमाशों को देखते ही लालाजी की धोती ढीली हो गई ।
159. नौ दो ग्यारह होना (भाग जाना) – गाँव वालों के आते ही चोर नौ दो ग्यारह हो गए।
160. नमक-मिर्च लगाना (बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहना) – रमेश को नमक-मिर्च लगाकर बात कहने की आदत है।
161. निन्यानवे के फेर में पड़ना (धन जोड़ने की चिन्ता में रहना) – सुरेश आजकल निन्यानवे के फेर में पड़ गया है। एक-एक पैसे की कंजूसी करता है।
162. पानी-पानी होना (बहुत लज्जित होना) – राम के कुकृत्यों को सुनकर उसके पिता पानी-पानी हो गये।
163. पैर तले की जमीन खिसकना (घबरा जाना) – जेब में हाथ डालते ही मेरे पैर तले की जमीन खिसक गयी। जेब कट गयी थी और पैसे गायब थे।
164. पीठ दिखाना (हार मानना) – दुश्मन को पीठ दिखाकर भागने की अपेक्षा वहीं मर जाना अच्छा है।
165. फेंक-फेंक कर पाँव रखना (बहुत सावधानी से काम करना) – देखो मित्र ! समय बहुत खराब है। अतः फेंक-फेंक कर पाँव रखने की आवश्यकता है।
166. फूला न समाना (बहुत प्रसन्न होना) – राम आठवीं बोर्ड-परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुआ है। इस कारण वह फूला नहीं समा रहा है।
167. बाल बाँका न होना (कुछ हानि न होना) – विरोधियों ने सारे प्रयत्न कर लिये लेकिन किशोर का बाल बाँकी नहीं कर सके।
168. बाल की खाल निकालना (व्यर्थ ही कमियाँ निकलना) – कोई कितनी भी सही बात कहे लेकिन सौरभ को बाल की खाल निकालने की आदत है।
169. बाट जोहना (प्रतीक्षा करना) – बीनू की बाट जोहते-जोहते शाम हो गयी, किन्तु वह अभी तक नहीं आयी।
170. बाल-बाल बचना (हानि होते-होते बच जाना) – गाड़ी से टकराने से वह बाल-बाल बच गया।
171. बोलबाला होना (प्रसिद्ध होना, धाक जमना) – आजकल राजनीति में अवसरवादिता का ही बोलबाला है।
172. भण्डाफोड़ होना ( भेद खुल जाना) – चोरों में फूट पड़ जाने से चोरी का भण्डाफोड़ हो गया।
173. भूत सवार होना (काम के पीछे पड़ जाना) – वैभव पर इस समय कार्यक्रम को सफल बनाने का भूत सवार हो गया है।
174. मैदान मारना (लड़ाई जीतना) – भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सैनिकों ने मैदान मार लिया।
175. मन मारना (पछताना, निराश होकर रह जाना) – मैंने पिताजी से कहा कि मुझे भी मुम्बई घुमाने ले चलो, पर उन्होंने अगली बार के लिए कह दिया। क्या करता मन मारकर रह गया।
176. मिट्टी में मिलना (बरबाद होना) – सट्टेबाजी की लत से सेठ रामदास का व्यापार मिट्टी में मिल गया।
177. रोड़े अटकाना (बाधा डालना) – अमरेश सदैव सुरेश के काम में रोड़े अटकाता है।
178. मुट्ठी गर्म करना (रिश्वत देना) – काम निकालना है, तो पुलिस की मुट्ठी गर्म करो।
179. मुट्ठी में करना (वश में कर लेना) – बहू ने अपने परिश्रम और मधुर स्वभाव से सारा घर मुट्ठी में कर लिया है।
180, मुँह में पानी भर आना (लालायित होना) – मिठाई की दुकान देखकर राम के मुँह में पानी भर आया।
181. मूंछों पर ताव देना (अकड़ना) – ठाकुर साहब ने मूंछों पर ताव देते हुए, कहा, “देखें कौन हमारे सामने आता है?”
182. मक्खन लगाना (चापलूसी करना) – मणिकान्त अपने अधिकारियों को मक्खन लगाने में बड़ा कुशल है।
183. मुँह लटकाना (सुस्त होना) – प्रसून ! तुम तो तनिक बात पर मुँह लटकाकर बैठ गये।
184. मुँह मोड़ना (साथ छोड़ना) – रामू ने अपने मित्र से संकट के समय मुँह मोड़ लिया।
185. मन में लड्डू फूटना (कल्पना में प्रसन्न होना) – नौकरी लगते ही भुवनेश के मन में भविष्य को लेकर लड्डू फूटने लगे।
186. लकीर पीटना (पुरानी रीति पर चलना) – रीति-रिवाजों की लकीर पीटने से क्या लाभ, समय देखकर कार्य करो।
187. लोहा मानना (श्रेष्ठता स्वीकार करना) – अपने राकेट से सौ से अधिक उपग्रह एक साथ ले जाने से सारा संसार भारत का लोहा मान रहा है।
188. लम्बी हाँकना (डींग मारना) – उसके पास कुछ भी नहीं है, पर वह हर समय लम्बी हाँकता है।
189. लाल-पीली आँखें करना (क्रोधित होना) – जब मैंने राम के पिता से उसकी चोरी की शिकायत की तो वे उल्टे मुझ पर लाल-पीली आँखें करने लगे।
190. लोहे के चने चबाना (बड़ा कठिन काम करना) – परीक्षा में प्रथम स्थान पाने के लिए लोहे के चने चबाने पड़ते ।
191. श्रीगणेश करना (आरम्भ करना) – रमेश ने बर्तन के व्यापार का श्रीगणेश कर दिया है।
192. सफेद झूठ (निराधार झूठ) – तुमने तीन लुटेरों को अकेले ही पकड़ लिया, इस सफेद झूठ पर कौन विश्वास करेगा?
193. हवाई किले बनाना (ऊँची-ऊँची कल्पनाएँ करना) – मोहन को अभी लाटरी मिली भी नहीं कि वह हवाई किले बनाने लगा है।
194. हाथ-पाँव फूल जाना (भय या शोक से घबरा जाना) – हथियारबन्द डाकुओं को देखकर पुलिसवालों के हाथ-पाँव फूल गये।
195. हाथ पर हाथ धरे बैठे रहना (कुछ न करना) – हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने से काम नहीं चलेगा, कुछ। उपाय सोचो।
196. हवा से बातें करना (बहुत तेज चलना) – थोड़ी ही देर में गाड़ी हवा से बातें करने लगी।
197. हाथ पसारना (सहायता माँगना) – स्वाभिमानी व्यक्ति किसी के सामने हाथ नहीं पसारता।
198. हाथ मलना (पछताना) – समय पर तो चेते नहीं, अब हाथ मलने से क्या होगा ?
199. बेड़ियाँ कट जाना (स्वतन्त्र हो जाना) – 15 अगस्त, 1947 को हमारी मातृभूमि की परतंत्रता की बेड़ियाँ कट गर्यो ।
200. बातों में उड़ाना (महत्त्व न देना) – मेरे प्रश्न को बातों में मत उड़ाओ, उत्तर दो।
पाठ्यपुस्तक के पाठों में प्रयुक्त मुहावरे, अर्थ व प्रयोग
पाठ 10. एक अद्भुत अपूर्व स्वप्न
(1) तप्त तवे की बूंद होना – (क्षणिक या नाशवान होना)
सांसारिक वैभव तप्त तवे की बूंद के समान होता है। देखते-देखते नष्ट हो जाता है।
(2) मुख फेरकर भी न देखना – (भुला देना, तनिक भी महत्व न देना)
काम निकल जाने पर उसने मुझे मुख फेरकर भी नहीं देखा।
(3) डूबते-डूबते बचना – (अप्रत्याशित रूप से हानि से बच जाना)
मुझे तो तनिक भी आशा न थी पर मेरे रुपये डूबते-डूबते बच गए।
(4) घेर की केवल मूंछे ही पूँछे होना – (स्वयं के पास नाम मात्र का साधन होना)
वह तो मित्रों ने समय-समय पर सहायता कर दी तो बन गया। हमारे पास तो घर की पूँछे ही पूँछे थीं।
(5) हाथ लगना – (अचानक प्राप्त होना)
जंगल में घूमते हुए उसके हाथ एक थैली लगी, जो नोटों से भरी थी।
(6) दिन काटने पड़ना – (कठिनाइयों में दिन बिताना)
गरीबी के कारण उसे बड़े कष्टों में दिन काटने पड़े।
(7) पारी फेरना – (व्यर्थ बना देना)
अपनी मूर्खता से उसने मेरी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया।
(8) राई पर्वत बना देना – (बहुत छोटी या साधारण बात को, बहुत बड़ा बना देना) साधारण-सी कहासुनी दंगे में बदल गई। पुलिस की लापरवाही से राई का पर्वत बन गया।
(9) दिल के अरमान निकालना-(मन की इच्छा पूरी करना) = आज तुम्हारे पास पैसा है, दिल के अरमान निकाल लो। आगे मौका मिले न मिले।
(10) सिर पर सवार होना-(बात मनवाने पर अड़ना) = सुधीर सुबह से ही मेरे सिर पर सवार है। अपने पैसे लेकर ही टलेगा।
(11) मुँह चुराना-(सामने न पड़ना) उधार न चुका पाने के कारण वरुण मुँह चुराता रहता है।
(12) जी चुराना-(परिश्रम से बचना) पढ़ने से जी चुराओगे तो बहुत कष्ट उठाने पड़ेंगे।
(13) दिल बैठ जाना – (हिम्मत न रह जाना) = कलाकृति का मूल्य सुनकर उसका दिल बैठ गया। वह चुपचाप आगे बढ़ गया।
(14) नानी मर जाना – (भयभीत हो जाना) – पुलिस को देखते ही मनचलों की जैसे नानी मर गई, सब इधर-उधर हो गए।
(15) आग में कूदना-(महान साहस दिखाना) = उन्मत्त भीड़ के बीच जाना, आग में कूदने के समान था।
पाठ 12. स्त्री-शिक्षा के विरोधी कुतर्को का खंडन
(16) छक्के छुड़ाना-(घबरा देना, लज्जित कर देना) चुनाव परिणामों ने बड़े-बड़े वाक् वीरों के छक्के छुड़ा दिए।
(17) गई-बीती समझना-(महत्वहीन मानना) वृद्धजनों की मान्यताओं को गई-बीती समझना अज्ञान और अहंकार की निशानी है।
(18) सोलहों आने होना-पूर्णतः होना) योग को धार्मिक आधार पर ठुकराना, सोलहों आने मूर्खता का प्रमाण है।
पाठ 13. अमर शहीद
19) नाक कटवा देना – (सम्मान को गिराना) अपनी इस घटिया हरकत द्वारा, तुमने पूरे परिवार की नाक कटवा दी
(20) नाक ऊँची कराना – (सम्मान बढ़ाना) भारतीय वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों से भारत की नाक ऊँची करवाई है।
(21) छत्रछाया पाना – (आश्रय या सुरक्षा पाना) आपकी छत्रछाया पाकर ही मैंने यह सफलता प्राप्त की है।
(22) प्राणों की बाजी लगाना – (जीवन को दाँव पर लगाना) शत्रु को परास्त करने के लिए वीर सैनिक प्राणों की बाजी लगा देते हैं।
(23) खून पसीने से सींचना – (घोर परिश्रम और त्याग करना) अपने खून पसीने से सींच-सींचकर ही देशभक्तों ने स्वतन्त्रता की वेला को बढ़ाया था।
(24) प्राण पखेरू उड़ना – (मृत्यु हो जाना) इकलौते पुत्र की मृत्यु का समाचार सुनते ही माँ के प्राण पखेरू उड़ गए।
(25) मजा चखानी – (बदला लेना) पाक की नापाक करतूतों का जवाब भारत ने सर्जीकल स्ट्राइक से मजा चखाकर दिया।
(26) कच्ची गोलियाँ न खेलना – (सटीक सामना करना) प्रतिपक्षी पहलवान के हर दाँव को बेकार करके उसने दिखा दिया कि उसने कच्ची गोलियाँ खेलना नहीं सीखा है।
पाठ 14. आखिरी चट्टान
(27) आँखों में समेटना-(अच्छी तरह देखना) प्रकृति के एक से एक सुन्दर दृश्यों को, सभी यात्री आँखों में समेट लेना चाहते थे।
(28) कुँआरापन टूटना-(प्रथम बार प्रयोग में आना) उस पर्वतीय गुफा में प्रवेश करते हुए हमें ऐसा लगा कि जैसे उसी समय उसका कुँवारापन टूटा हो।
(29) हिमाकत करना-(अक्षम्य भूल करना) तुम्हारी इस हिमाकत को इस बारे तो क्षमा किया जाता है किन्तु आगे सावधान रहना।
पाठ 15. ईष्र्या तू न गई मेरे मन से
(30) कलेजा जलना – (ईष्र्या करना) भारत की दिन-दिन होती प्रगति को देखकर कुछ पड़ौसियों के कलेजे जलते रहते .
(31) आँखों से गिर जाना – (सम्मान न रहना) अपने अशोभनीय व्यवहार के कारण वह मित्रों की आँखों से गिर गया।
(32) गुणों को कुंठित बनाना – (गुणों का महत्व घटाना) अपने अनैतिक आचरण से व्यक्ति अपने गुणों भी कुंठित बना डालता है।
(33) सिर खुजलाना – (सोचना-विचारना, कारण जानना) मित्र के अप्रत्याशित व्यवहार को देखकर वह सिर खुजला रहा था पर कुछ समझ नहीं आ रहा था।
(34) अनुभवों को निचोड़ना – (अनुभवों को सार निकालना) महाभारत में व्यास जी ने अपने अनुभवों को निचोड़कर बड़े लाभदायक संदेश दिए हैं।
पाठ 16. गौरा
(35) मन का विद्रोह करना – (कोई बात मन को उचित न लगना) धर्म के नाम पर पाखण्ड प्रदर्शन से मेरा मन धार्मिकों से विद्रोह करने लगता है।
(36) दृष्टि का उत्सव होना – (आँखों को प्रिय लगना) आश्रम की गतिविधियाँ हमारे लिए दृष्टि का उत्सव बन गई थीं।
(37) निर्मम सत्य उद्घाटित होना – (कठोर या पीड़ादायक सच्चाई सामने आना) आतंकी विस्फोट, मनुष्य के भीतर छिपे राक्षस का निर्मम सत्य सङ्घाटित कर रहा था।
पाठ 17. लोक संत दादू दयाल
(39) रेखांकित करना – (ध्यान आकर्षित करना) आपके पत्र में छात्रों के लिए संदेश तो रेखांकित किए जाने योग्य है।
पाठ 18. लोक संत पीपा
(40) संसार का फंदा काटना – (सांसारिक मोह से मुक्त करना) संतों की संगति और उपदेशों से व्यक्ति संसार का फंदा काटने में सफल हो जाता है।
(41) हृदय में जीवित रहना – (सदा मन में निवास करना) महापुरुष मृत्यु के उपरान्त भी लोगों के हृदयों में जीवित रहा करते हैं।
पाठ 19. सड़क सुरक्षा
(42) प्रश्नसूचक दृष्टि से देखना-(आँखों में जिज्ञासा या कारण जानने का भाव होना) गुरुजी ने कक्षा में आते ही जोर-जोर से डाँटना आरम्भ कर दिया, तो हम उनकी ओर प्रश्नसूचक दृष्टि से देखने लगे।
RBSE Class 10 Hindi व्याकरण मुहावरे परीक्षोपयोगी प्रोत्तर
अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
‘दाँत पीसना’ मुहावरे से एक ऐसा वाक्य बनाइए कि अर्थ स्पष्ट हो जाए।
उत्तर:
माँ! कमीज तो राकेश ने फाड़ी है और तुम मुझ पर दाँत पीस रही हो।
प्रश्न 2.
‘दिल टूटना’ मुहावरे से ऐसा वाक्य बनाइए कि अर्थ स्पष्ट हो जाए।
उत्तर:
अपने मित्र गोपाल को विरोधियों के पक्ष में गवाही देते देखकर रामदयाल का दिल टूट गया।
प्रश्न 3.
‘कीचड़ उछालना’ मुहावरे का अर्थ लिखिए तथा वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उसका आशय स्पष्ट हो जाए।
उत्तर:
कीचड़ उछालना-कलंक लगाना। प्रयोग-राजनैतिक दल एक-दूसरे पर कीचड़ उछालते हैं और स्वयं को निर्दोष बताते हैं।
प्रश्न 4.
‘हाथ-पैर फूल जाना’ मुहावरे का अर्थ लिखिए तथा वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उसका आशय स्पष्ट हो जाए।
उत्तर:
हाथ-पैर फूल जाना-घबरा जाना। प्रयोग-सुनसान जंगल के रास्ते पर बदमाशों के गिरोह को खड़ा देख मोटर चालक के हाथ-पैर फूल गये।
प्रश्न 5.
‘हाथ पसारना’ मुहावरे का अर्थ लिखिए तथा वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उसका आशय स्पष्ट हो जाए।
उत्तर:
हाथ पसारना-सहायता के लिए प्रार्थना करना , प्रयोग-विपत्ति में भी हर किसी के सामने हाथ पसारना उचित नहीं है।
प्रश्न 6.
‘घुटने टेकना’ मुहावरे का अर्थ लिखिए तथा वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उसका आशय स्पष्ट जाए।
उत्तर:
घुटने टेकना-पराजय स्वीकार करना। प्रयोग-पृथ्वीराज की सेना के सम्मुख कई बार मुहम्मद गौरी ने घुटने टेक दिये थे।
प्रश्न 7.
‘कान पर जूं न रेंगना’ मुहावरे का वाक्य में किस अर्थ में प्रयोग होता है?
उत्तर:
‘कान पर जूं न रेंगना’ मुहावरे का प्रयोग ‘परवाह न करना’ के अर्थ में किया जाता है।
प्रश्न 8.
ईंट से ईंट बजाना’ मुहावरे का अर्थ स्पष्ट करते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
ईंट से ईंट बजाना-ध्वस्त या बर्बाद करना। वाक्य प्रयोग- भारतीय वीर शत्रु-देश की ईंट से ईंट बजाने में पीछे नहीं रहते।’
प्रश्न 9.
‘हाथ उठाना’ मुहावरे का अर्थ लिखते हुए उसका अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
हाथ उठाना-मारपीट करना। वाक्य प्रयोग–क्रोध में आकर उसने पत्नी पर हाथ उठा दिया।
प्रश्न 10.
‘हाथ लगना’ मुहावरे का अपने वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि अर्थ स्पष्ट हो जाए।
उत्तर:
वाक्य प्रयोग-‘आज तो मोटी रकम हाथ लगी है कुछ चाय-पानी हो जाय।
प्रश्न 11.
‘छक्के छुड़ाना’ मुहावरे का अपने वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि अर्थ स्पष्ट हो जाय।
उत्तर:
प्रयोग- भारतीय मुक्केबाजों ने अपने प्रहारों से विरोधियों के छक्के छुड़ा दिए।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त मुहावरों को अपने बनाए वाक्यों में प्रयोग कीजिए
(क) पिताजी के आँखें दिखाते ही शुभम् और प्रिया चुपचाप खिसक गए।
उत्तर:
मुहावरा-आँखें दिखाना। वाक्य प्रयोग-गुरुजी के आँखें दिखाते ही सारी कक्षा में सन्नाटा छा गया। मुहावरा-खिसक जाना। प्रयोग-माँ के आने से पहले ही चुपचाप खिसक लो, वर्ना मेरी मुसीबत आ जाएगी।
प्रश्न 13.
‘कमर कसना’ मुहावरा का अर्थ स्पष्ट करते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
मैंने कठोर परिश्रम करने के लिए कमर कस ली है।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखिएअँगूठा दिखाना, आँखों में धूल झोंकना, इधर उधर की लगाना, कसौटी पर कसना, चार चाँद लगाना।
उत्तर:
अँगूठा दिखाना = इन्कार करना।
आँखों में धूल झोंकना = धोखा देना।
इधर-उधर की लगाना = चुगली करना।
कसौटी पर कसना = परीक्षा लेना।
चार चाँद लगाना = शोभा बढ़ाना, आकर्षक बनाना।।
प्रश्न 15.
उँगली पर नचाना’ मुहावरे का प्रयोग इस प्रकार कीजिए कि इसका अर्थ स्पष्ट हो जाए।
उत्तर:
मैनेजर महोदय सारे नियमों की उपेक्षा करके, अपने कर्मचारियों को अपने उँगली पर नचाना चाहते हैं, मनमानी करते हैं।
प्रश्न 16.
‘आस्तीन का साँप होना’ मुहावरे का अर्थ लिखते हुए वाक्य में प्रयोग करो।
उत्तर:
‘आस्तीन का साँप होना’ मुहावरे का अर्थ है–विश्वासघाती होना।
वाक्य प्रयोग-वह अनाथ बालक तो आस्तीन का साँप निकला जिसने पालन-पोषण किया उसी को जान से मार डाली।
प्रश्न 17.
निम्नलिखित मुहावरे का अर्थ बताते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए
उत्तर:
हाथ पीले करना-पुत्री का विवाह करना
वाक्य-प्रयोग-बेटी के हाथ पीले करके उसे सुपात्र को सौंपना माता-पिता का कर्तव्य है।
प्रश्न 18.
‘कहीं से भाग जाना’ अर्थ के लिए सही मुहावरा लिखिए।
उत्तर:
सही मुहावरा है-नौ दो ग्यारह हो जाना।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
‘हाथ मलना’ मुहावरे का क्या अर्थ है? अपने दो वाक्यों में इस मुहावरे का प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
हाथ मलना-पछताना।
- पहले तो पढ़े नहीं, अब अनुत्तीर्ण होने पर हाथ क्यों मल रहे हो ?
- अब हाथ मलने से क्या होगा, जब वक्त था तब तो चेते नहीं।
प्रश्न 2.
‘आँखें दिखाना’ और ‘आँखें फेरना’ मुहावरों को अन्तर स्पष्ट करते हुए अलग-अलग वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
(i) आँखें दिखाना-डराना, धमकाना। वाक्य-प्रयोग-चंगुल में फंसे व्यक्ति को आँखें दिखाकर पुलिस जैसा चाहती है, कहलबा लेती है।
(ii) आँखें फेरना-उपेक्षा करना। वाक्य-प्रयोग-बुरा समय आने पर दुनिया आँखें फेर लेती है।
प्रश्न 3.
नाकों चने चबाना’ और ‘नाक पर मक्खी न बैठने देना’ मुहावरों का अर्थ बताते हुए वाक्यों में उनका प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
(i) नाकों चने चबाना-खूब तंग करना। वाक्य-प्रयोग-प्रथम भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना ने पाक-सेना को नाकों चने चबवा दिए थे।
(ii) नाक पर मक्खी न बैठने देना-सम्मान कम न होने देना।
वाक्य-प्रयोग-प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्रीजी ने अमेरिका की खाद्य-सहायता को ठोकर मार दी, परन्तु भारत की नाक पर मक्खी नहीं बैठने दी।
प्रश्न 4.
‘घर बैठे गंगा आना’ और ‘घी के दीपक जलाना’ मुहावरों का अर्थ स्पष्ट करते हुए उनका अलग-अलग वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
(i) घर बैठे गंगा आना-परिश्रम किये बिना ही फल प्राप्त होना। वाक्य-प्रयोग-उत्तर प्रदेश में स्वकेन्द्र परीक्षा व्यवस्था से मानो छात्रों के लिए घर बैठे गंगा आ गयी।
(ii) घी के दीपक जलाना-हार्दिक हर्ष प्रकट करना। वाक्य-प्रयोग- मुकदमे में जीत जाने से महावीर के घर घी के दीपक जल रहे हैं।
प्रश्न 5.
‘मुट्ठी गरम करना’ और ‘मुट्ठी में करना’ मुहावरों का अर्थ स्पष्ट करते हुए उनका अलग-अलग वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
(i) मुट्ठी गरम करना-रिश्वत देना। वाक्य-प्रयोग-आजकल किसी भी विभाग में चले जाइए, बिना मुट्ठी गरम किये आपका काम नहीं हो सकता।
(ii) मुट्ठी में करना-वश में करना। वाक्य-प्रयोग- अपनी कार्यकुशलता और प्रभावशाली व्यक्तित्व से उसने अपने अफसरों को मुट्ठी में कर रखा है।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखिए, तथा किन्हीं दो को अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए
(क) कसौटी पर कसना
(ख) चोली-दामन का साथ होना
(ग) जड़ खोदना
(घ) टाँग अड़ाना।
उत्तर:
अर्थ – (क) परीक्षा लेना।
(ख) बहुत गहरा सम्बन्ध होना।
(ग) बड़ी हानि पहुँचाना।
(घ) काम में बाधा डालनी ।
वाक्य-प्रयोग-(क) जनता सरकार के कार्यों के आधार पर उसे कसौटी पर कसती है।
(ख) खेती और सिंचाई का चोली-दामन का साथ है।
प्रश्न 7.
‘पानी फेरना’, ‘मुँह चुराना’ तथा ‘छक्के छुड़ाना’ मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
मुहावरा-‘पानी फेरना’।
वाक्य-प्रयोग-मैंने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए कठिन परिश्रम किया था, परन्तु लड़के ने कुसंग में पड़कर मेरे सपनों पर पानी फेर दिया।
मुहावरा-‘मुँह चुराना’।
वाक्य-प्रयोग-यदि अधिकारियों ने निष्पक्ष रूप से कार्य किया होता तो आज जाँचकर्ताओं के सामने मुँह नहीं चुराना पड़ता।
मुहावरा-‘छक्के छुड़ाना’।
वाक्य-प्रयोग-भारतीय सैनिकों ने घुसपैठियों का मुकाबला करते हुए उनके छक्के छुड़ा दिए और उन्हें भागना पड़ा।
प्रश्न 8.
‘नाक कटवाना’ तथा ‘मजा चखाना’ मुहावरों का अर्थ देते हुए उनका अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
नाक कटवाना-अर्थ-सम्मान को गिराना। प्रयोग-प्रतियोगिता में बुरी तरह हार कर तुमने तो विद्यालय की नाक कटवा दी। मजा चखाना-अर्थ-बदला देना। वाक्य-प्रयोग-आज के अपमान का तुम्हें ऐसा मजा चखाऊँगा कि जीवन भर याद रखोगे।
प्रश्न 9.
पैरों में पड़ना’, पैरों पर खड़े होना’ मुहावरों का अर्थ बताते हुए अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
पैरों में पड़ना-अर्थ- क्षमा माँगना। वाक्य-प्रयोग-पृथ्वीराज से बुरी तरह परास्त गौरी ने अनेकों बार पैरों में पड़कर माफी माँगी थी। वाक्य-प्रयोग-पढ़लिखकर अपने पैरों पर खड़े हो जाओ, दूसरों पर निर्भर मत रहो।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित मुहावरों का प्रयोग करते हुए परस्पर सम्बद्ध वाक्यों से एक अनुच्छेद की रचना कीजिए सौलहों आने, हाथ फैलाना, मुँह चुराना, प्राणों की बाजी लगाना, हृदय में जीवित रहना।
उत्तर:
यह सोलहों आने सच है कि स्वामिभानी व्यक्ति किसी के सामने हाथ नहीं फैलाता है। वह समस्याओं से मुँह नहीं चुराता। जीवन मूल्यों की सुरक्षा के लिए वह प्राणों की बाजी लगाने से भी नहीं झिझकता। ऐसे लोग सदा लोगों के हृदय में जीवित रहते हैं।
प्रश्न 11.
‘मुट्ठी में करना’ और ‘मुट्ठी ढीली करना’ मुहावरों का अर्थ स्पष्ट करते हुए उनका अलग-अलग वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
(i) मुट्ठी में करना-वश में करना। वाक्य-प्रयोगअपनी कार्यकुशलता और प्रभावशाली व्यक्तित्व से उसने अपने अधिकारियों को मुट्ठी में कर रखा है।
(ii) मुट्ठी ढीली करना–(कुछ धनराशि व्यय करना) वाक्य-प्रयोग-मुट्ठी ढीली करो तो हर काम बन सकता है।
RBSE Class 10 Hindi व्याकरण मुहावरे अश्यास प्रश्न
प्रश्न 1. मुहावरों के प्रयोग से भाषा पर क्या प्रभाव पड़ता है?
प्रश्न 2. किसी मुहावरे का प्रयोग करते हुए एक वाक्य लिखिए।
प्रश्न 3. ‘प्राण पखेरू उड़ना’ मुहावरे का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइए।
प्रश्न 4. ‘आँखों से गिर जाना’ मुहावरे का अर्थ लिखते हुए वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि अर्थ स्पष्ट हो जाए।
प्रश्न 5. ‘जले पर नमक छिड़कना’ मुहावरे का वाक्य में प्रयोग कीजिए।
प्रश्न 6. आपके आगमन से इस उत्सव को चार चाँद लग गए’। इस वाक्य में प्रयुक्त मुहावरे का अर्थ लिखिए और अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए।
प्रश्न 7. ‘जले पर नमक छिड़कना’, ‘दाँतों तले उँगली दबाना’ इन मुहावरों का अपने वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि अर्थ स्पष्ट हो जाए।
प्रश्न 8. ‘पानी-पानी होना’ तथा ‘पापड़ बेलना’ मुहावरों का अर्थ देते हुए वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
प्रश्न 9. ‘चिकना घड़ा होना’, ‘जमीन पर पैर न पड़ना’, ‘आग में कूदना’, ‘खून पसीने से सींचना’, ‘छत्र-छाया पाना इन मुहावरों के अर्थ स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न 10. ‘नौ दो ग्यारह होना’, ‘लाखों में एक होना’ इन मुहावरों के अर्थ लिखते हुए अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
प्रश्न 11. ‘मुँहतोड़ जबाव देना’, ‘काम तमाम कर देना’, इन मुहावरों के अर्थ लिखते हुए, इनका अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
प्रश्न 12. उसके चक्कर में मत हँसना, वह बहुत बड़ा घाघ है। तुम्हारा पैसा लेकर रफू चक्कर जो जाएगा और तुम हाथ मलते रह जाओगे।’ इन वाक्यों में आए मुहावरों को छाँटकर लिखिए और अर्थ देते हुए अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
प्रश्न 13. (क) सतर्क और सावधान हो जाना।
(ख) किसी को पता न चलना।
(ग) तेजी से भाग जाना।
(ग) कठोर परिश्रम करना।
(घ) अपनी मर्यादा की रक्षा करना। उपर्युक्त अर्थों को प्रकट करने वाले मुहावरों को लिखिए।
प्रश्न 14. अपनी प्रशंसा स्वयं करना’ इस अर्थ में सम्बन्धित मुहावरा लिखिए।
प्रश्न 15. ‘नाक कटना’-मुहावरे का अर्थ बताते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए।
प्रश्न 16. ‘मन में चकरी होना’ मुहावरे को अर्थ बताते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए।
प्रश्न 17. ‘हवा से बातें करना’ मुहावरे का अर्थ बताते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए।
प्रश्न 18. निम्नलिखित अर्थ प्रकट करने वाले मुहावरे लिखिए और अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए
(क) कुछ भी न बिगड़ना
(ख) दुखी व्यक्ति को और अधिक कष्ट पहुँचाना।
(ग) सामना न कर पाना
(घ) छोटी सी बात को बढ़ा-चढ़ा कर प्रस्तुत करना ।
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