Rajasthan Board RBSE Class 10 Physical Education Chapter 14 मनोरंजनात्मक एवं शैक्षणिक खेल
RBSE Class 10 Physical Education Chapter 14 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
RBSE Class 10 Physical Education Chapter 14 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मनोरंजनात्मक शैक्षणिक खेल से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
मनोरंजनात्मक शैक्षणिक खेती से अभिप्राय ऐसे खेलों से है जिनसे मनोरंजन भी होता हो तथा शिक्षा भी प्राप्त होती हो।
प्रश्न 2.
मानसिक थकान को दूर करने के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर:
मानसिक थकान को दूर करने के लिए मनोरंजन के साधनों का उपयोग करना चाहिए।
प्रश्न 3.
किन्हीं दो मनोरंजनात्मक शैक्षणिक खेलों का नाम बताइये।
उत्तर:
दो मनोरंजनात्मक शैक्षणिक खेलों के नाम निम्नलिखित हैं
- स्पर्श एवं दौड़ के खेल
- दो दलों के खेल।
प्रश्न 4.
प्राचीन काल में मनोरंजन के साधनों के नाम बताइये।
उत्तर:
प्राचीन काल में लोकनृत्य, लोकगीत और भजन मनोरंजन के साधन थे।
RBSE Class 10 Physical Education Chapter 14 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मनोरंजनात्मक शैक्षणिक खेल का महत्त्व बताइये।
उत्तर:
मनोरंजनात्मक शैक्षणिक खेल सर्वांगीण विकास में सहायक होने से इसका अत्यधिक महत्त्व है। शरीर स्वस्थ और शक्तिशाली बनता है। माँसपेशियाँ और अस्थियाँ भी मजबूत बनती हैं। पाचन क्रिया उत्तम रखने में भी सहायक है। शारीरिक विकास के साथ बौद्धिक एवं भावात्मक विकास होता है, इससे आपसी तालमेल एवं सूझबूझ का विकास होता है। तनाव कम होने से दुःख दर्द कम हो जाता है। संघर्षपूर्ण एवं मानसिक तनाव से युक्त शैक्षणिक खेल दुःख दर्द कम करने में सहायक हैं। मनोरंजनात्मक शैक्षणिक खेल से उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त होता है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है।
उक्त युक्ति में, शैक्षणिक खेलों का योगदान होने से महत्त्व है। खेल सभी के व्यस्त जीवन में विशेष रूप से विद्यार्थियों के जीवन में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि शारीरिक एवं मानसिक तन्दुरुस्ती प्राप्त करने में भी सहायक हैं। शैक्षणिक खेल सर्वांगीण विकास में सहयोगी होने से प्राचीनकाल से ही इसका अत्यधिक महत्त्व है। इस अध्याय में मनोरंजनात्मक शैक्षणिक खेल अनेकानेक हैं जिन्हें खेलकर आनन्द प्राप्त कर सकते हैं।
प्रश्न 2.
मनोरंजनात्मक शैक्षणिक खेल से होने वाले लाभों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मनोरंजनात्मक शैक्षणिक खेल से लाभ-व्यक्ति के उत्तम स्वास्थ्य के लिये मनोरंजनात्मक शैक्षणिक खेलों से निम्नांकित लाभ हैं ।
- मस्तिष्क क्रियाशील होता है।
- सामाजिक कौशल का विकास होता है।
- मानसिक थकान से मुक्ति मिलती है।
- आनन्द की प्राप्ति होती है।
- सामूहिकता का भाव जागृत होता है।
- शारीरिक स्वास्थ्य उत्तम रहता है।
- स्वस्थ हृदय एवं स्वस्थ श्वसन में सहायक है।
- प्रतियोगी भावना का विकास होता है।
- तत्परता में सहायक।
- विजय आनन्द देता है।
- स्फूर्ति की प्राप्ति होती है।
- आत्मीयता एवं मैत्री भाव का विकास होता है।
प्रश्न 3.
मनोरंजनात्मक शैक्षणिक खेल सर्वांगीण विकास में सहायक है ? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानव मन को थकान से मुक्लि दिलाने एवं आनन्द प्राप्ति के लिये मनोरंजन की नितांत आवश्यकता है। छोटे से लेकर शतायु आयुवान मनुष्य के लिये जीवन में मनोरंजन की महत्ता है क्योंकि शारीरिक एवं मानसिक थकान से मनोरंजन मुक्ति दिलाता है। प्राचीन काल से ही मनोरंजन प्रथा का इतिहास ध्यान में आता है। लोक नृत्य, लोक गीत, भजन के माध्यम से वार त्यौहार उत्सव विभिन्न समारोह में आनन्द प्राप्त करते रहते थे। विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लिये मनोरंजनात्मक शैक्षणिक खेल बहुत लाभदायक हैं। जिससे विद्यार्थी प्रसन्नचित हो जाता है। आनन्द की अनुभूति प्राप्त करता है जिससे मानसिक स्वास्थ्य उत्तम रहता है।
विद्यालय स्तर पर अनेक शैक्षणिक खेल डम्बल, लेजियम आदि क्रियाओं से विद्यार्थी का हित होता है। अतः शैक्षणिक खेलों का उपयोग विद्यार्थी हित में करते हैं जिससे विद्यार्थी प्रफुल्लित एवं स्वयं ताजगी से युक्त हो जाता है। मनोरंजनात्मक शैक्षणिक खेलों का उपयोग अब विद्यालय तक ही नहीं वरन् आमजन भी कर रहे हैं। आज के इस युग में भाग दौड़भरी जिंदगी में भारी भरकम कार्य और प्रतिस्पर्धा इंसान को पूरी तरह थका देती है। जिस प्रकार से शरीर को लगातार कार्य करने के बाद भोजन की जरूरत होती है।
उसी प्रकार मन और दिमाग को भी आराम की आवश्यकता होती है, यह आवश्यकता मनोरंजन पूरी करने में सहायक है। पहले शतरंज, चौपाल, ढोलक और क्षेत्रीय संगीतों के माध्यम से लोग अपने शौक के अनुसार चीजों का उपयोग कर मनोरंजन करते थे। आज टेलीविजन, मोबाइल फोन, इन्टरनेट, सिनेमाघर आदि से व्यक्ति मनोरंजन भी प्राप्त करता है। लेकिन मनोरंजनात्मक खेल से मानसिक आनन्द के साथ-साथ शारीरिक लाभ भी प्राप्त करता है।
RBSE Class 10 Physical Education Chapter 14 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
RBSE Class 10 Physical Education Chapter 14 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
मनोरंजनात्मक शैक्षणिक खेलों से होने वाला लाभ
(अ) मस्तिष्क क्रियाशील होता है।
(ब) स्फूर्ति की प्राप्ति होती है।
(स) सामूहिकता का भाव जागृत होता है।
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तरमाला:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 2.
बैठकर खेलने वाला खेल नहीं है
(अ) फुर्र
(ब) रूमाल झपट्टा
(स) नेताजी की खोज
(द) शक्ति परिचय
उत्तरमाला:
(ब) रूमाल झपट्टा
RBSE Class 10 Physical Education Chapter 14 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मन को आनन्दित करने के लिए क्या आवश्यक
उत्तर:
मन को आनन्दित करने के लिए मनोरंजन आवश्यक है।
प्रश्न 2.
मनोरंजन के आधुनिक साधनों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
टेलीविजन, मोबाइल फोन, इन्टरनेट, सिनेमाघर आदि मनोरंजन के आधुनिक साधन हैं।
प्रश्न 3.
मनोरंजनात्मक शैक्षणिक खेलों से किन गुणों का विकास होता है ?
उत्तर:
मनोरंजनात्मक शैक्षणिक खेलों से स्फूर्ति, सामूहिकता, सूझ-बूझे आदि गुणों का विकास होता है।
RBSE Class 10 Physical Education Chapter 14 लघूत्तरात्मक प्रश्न्
प्रश्न 1.
दो दलों के खेलों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
दो दलों के खेल निम्नलिखित हैं –
(1) शक्ति परिचय-दोनों दलों के खिलाड़ी आगे पीछे एक-दूसरे की कमर पकड़कर श्रृंखला बनाएंगे। शुरू के दोनों दलों के प्रथम खिलाड़ी एक-दूसरे को हाथ या दण्ड (लाठी) पकड़ेंगे दूसरे दल को खींचकर अपनी ओर ले जाने वाला दल विजयी होगा। सावधानी – एकदम हाथ या दण्ड (लाठी) छोड़नी नहीं है।
(2) रुमाल झपट्टा – समस्त खिलाड़ियों को दो दलों में विभक्त कर देंगे मैदान के मध्य में करीब एक मीटर व्यास का गोली बनाएँगे तथा एक उसमें रुमाल रहेगा। गोले के दोनों ओर समान दूरी पर एक-एक लाइन खींच देंगे। जो करीब 10 फीट तथा मैदान छोटा होने पर कम भी हो सकती है। दोनों दल के खिलाड़ियों को आरोही क्रम में अंक दे दिया जाएगा। जैसे – 1, 2, 3, 4, 5 आदि निर्णायक जो अंक बोलेगा दोनों ओर से उस अंक वाले खिलाड़ी आकर रुमाल उठाने का प्रयास करेंगे। रुमाल सहित अपने दल में सुरक्षित पहुँचने पर उस दल को एक अंक मिल जाएगा दूसरा खिलाड़ी उसका पीछा करेगा। यदि वह रुमाल झपट कर ले जाने वाले खिलाड़ी को छू देता है तो अंक उसके दल को मिल जाएगा जो दल 15 अंक पहले बना लेगा वह विजयी होगा।
विशेष –
(1) दोनों में से किसी भी खिलाड़ी को पैर मंडल के अन्दर नहीं पड़ना चाहिए।
(2) रुमाल को स्पर्श करने के बाद उसे उठाना अनिवार्य होगी।
प्रश्न 2.
स्पर्श एवं दौड़ के खेलों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्पर्श एवं दौड़ के खेल निम्नलिखित हैं –
1. स्पर्श के शैक्षणिक खेल
(1) विष-अमृत-एक विद्यार्थी मैदान में फैले विद्यार्थियों को छूने का प्रयास करेगा छुए जाने से पूर्व जो बैठ जाएगा उसे सिर पर हाथ रखकर वह विष कहेगा। शेष विद्यार्थी उसे छू कर अमृत बोलेगें तो वह खिलाड़ी पिर से दौड़ने लगेगा खड़े-खड़े विष हो जाने वाले विद्यार्थी को आउट माना जाता है और वह खेल से बाहर हो जाता है।
(2) सहायता – छूने वाला विद्यार्थी जिसे पकड़ने दौड़ेगा वह चिल्लाकर सहायता माँगेगा तब शेष में से कोई भी एक विद्यार्थी उसका हाथ थामकर उसे बचा लेगा। छूने वाला अब किसी अन्य को पकड़ेगा जो अकेला पकड़ा जाएगा फिर वह विद्यार्थी खेल शुरू करेगा। इसमें ध्यान रखा जाता है कि दो विद्यार्थी हाथ पकड़कर बहुत देर तक एक साथ न खड़े रहें। ऐसा होने पर एक दण्ड या दो बैठक लगाकर खेल रहे किसी भी विद्यार्थी को छू लेगा।
2. दौड़ के खेल
(1) खड़ी खो – इस खेल में खिलाड़ी मंडल यानि गोल घेरे पर खड़े रहेंगे। एक खिलाड़ी बाहर तथा एक अन्दर रहेगा। सिटी बजने पर (अ) दौड़ कर (ब) को पकड़ेगा। (ब) किसी। भी खिलाड़ी के (स) के आगे पीठ करके खड़ा होगा तथा खो कहेगा, तब (अ) खो मिलने पर (स) को पकड़ेगा। इस प्रकार यह खेल चलता रहेगा, यदि (अ) ने (ब) या (स) को पकड़ लिया तो यह क्रम उलट जाएगा। शिक्षक बीच-बीच में बदली भी करा सकते हैं।
(2) नमस्ते जी-इस खेल में एक खिलाड़ी (अ) मंडल के बाहर दौड़ते हुए (ब) किसी (ब) की पीठ को स्पर्श करेगा। इस पर (ब) तेजी से विपरीत दिशा में दौड़ेगा जहाँ यह दोनों मिलेंगे वहाँ हाथ जोड़कर नमस्ते जी कहेंगे तथा फिर दौंडेगे (ब) के स्थान पर दोनों में से जो पहले पहुँचेगा वह विजयी होगा पराजित खिलाड़ी अब खेल शुरू करेगा।
RBSE Class 10 Physical Education Chapter 14 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
बैठकर खेलने वाले खेलों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
बैठकर खेले जाने वाले खेल निम्नलिखित हैं –
(1) महापुरुषों की श्रृंखला – इस खेल में खिलाड़ी मंडल में बैठकर शुरुआती एक खिलाड़ी किसी महापुरुष का नाम लेगो उदाहरण श्रीराम दूसरा खिलाड़ी बोलेगा श्रीराम फिर अपनी इच्छा से कोई अन्य नाम श्रीकृष्ण बोलेगा तीसरा खिलाड़ी श्रीराम श्रीकृष्ण तथा अन्य नाम बोलेगा इसी प्रकार यह क्रम चलता रहेगा। महापुरुषों तरह महान् नारियों के नामों पर आधारित खेल भी ले सकते हैं। इस खेल में जो बिना गलती किए सर्वाधिक सही नाम बताएगा वह विजेता माना जाएगा।
(2) नेता की खोज इस खेल में सारे खिलाड़ी गोल मंडल में बैठ जाएँगे शिक्षक किसी एक खिलाड़ी को दूर भेज देगा तथा शेष में से किसी एक को नेता बनाएगी। इस पर सब खिलाड़ी ताली बजाएँगे। ताली सुनकर दूर भेजा हुआ खिलाड़ी लौटेगा नेता जैसी क्रियाएँ करेगा शेष सब वैसा ही करेंगे। नेता बार-बार अपनी क्रियाएँ बदलेगा इसी आधार पर नेता उसे खोजेगा तथा नेता को जिस खिलाड़ी पर शक होगा वह उसके सामने पीठ करके बैठेगा, यदि वही नेता होगा तो उठकर बाहर चला जाएगा अन्यथा जो खिलाड़ी पीठ करके बैठा है उसकी पीठ पर धीरे से मुक्का मारेगा तीन मुक्के खाने के बाद भी यदि नेता ने खोजा जा सका तो शिक्षक ने जिन्हें नेता बनाया था उस नेता को बाहर भेजकर नए सिरे से खेल शुरू करेगी। इस खेल में बनाए गये नेता की खोज करते समय खिलाड़ी मंडल रेखा या अन्य किसी स्थान पर रुकेगा, वह मंडल के अन्दर घूमता रहेगा।
(3) खाएँगे – सब खिलाड़ी बाँयी हथेली पर दाहिने हाथ की उँगलियाँ (खाने वाली वस्तु पकड़ने की मुद्रा में) रखेंगे। शिक्षक (निर्णायक) द्वारा एक-एक कर खाने वाली वस्तुओं काजू, बादाम, अंजीर, अखरोट, आम, केला, मिठाई आदि के नाम बोलेगा सब खिलाड़ी दाहिने हाथ को मुँह तक ले जाकर कहेंगे खाएँगे। बीच में वह बोलने वाला कभी-कभी अखाद्य वस्तु पत्थर, पेन्सिल, पेन, थप्पड़ आदि का नाम लेगा तब जो खाएँगे कहेगा वह खेल से आउट माना जाएगा। अंत में बचने वाला खिलाड़ी विजेता माना जाएगा।
(4) फुर – इस खेल में सब खिलाड़ी गोल मंडल में या सीधी रेखा पर बैठ अपनी उंगली धरती पर रखेंगे। शिक्षक उड़ने वाले पक्षियों के नामों (कौआ, मोर, कबूतर आदि) पर खिलाड़ियों का उंगली उठाकर फुर्र कहना है न उड़ने वाले नामों साइकिल, भैंस आदि पर जो फुर्र करेगा वह खिलाड़ी खेल से बाहर हो जाएगा, अंत में बचने वाला खिलाड़ी विजेता माना जाएगा।
(5) जोड़ीदार शब्द – इस खेल में खिलाड़ी को मंडलाकार या पंक्ति में बैठाकर शिक्षक द्वारा बोले गये शब्द का सम्बन्धित शब्द बोलते हैं। जैसे-ताला-चाबी, कलम-दवात, किताब-कॉपी, रोटी-सब्जी आदि यह सम्बन्धित शब्द खिलाड़ी नहीं बता पाएगा तो दूसरे खिलाड़ी से पूछा जाएगा तथा जो खिलाड़ी सर्वाधिक उत्तर बताएगा वह विजेता माना जाएगा।
(6) राजधानी – इस खेल में खिलाड़ियों को दो दलों में बैठाकर एक दूसरे से विभिन्न देशों तथा प्रदेशों की राजधानी के सम्बन्ध में प्रश्न करेंगे। सही उत्तर बताने पर उस दल को एक अंक मिलेगा। खेल के निर्धारित समय में अधिक अंक बनाने वाली दल विजयी होगा।
(7) स्मरण शक्ति इस खेल में एक मेज पर बीस पच्चीस वस्तुएँ (पैन, पेन्सिल, रबर, स्केल, चश्मा, घड़ी, चाबी, ताला, चित्र साबुन आदि) रखें सब विद्यार्थी अच्छी तरह देख लें। अब उस पर चादर ढककर सबको एक कागज दें विद्यार्थी अपनी स्मरण शक्ति के आधार पर सब निर्धारित समय दो या तीन मिनट में अधिकतम वस्तुओं के नाम लिखेंगे। सबसे अधिक ठीक नाम लिखने वाला विद्यार्थी विजयी होगा।
(8) शक्ति परिचय – इस खेल में खिलाड़ी जोड़ी में बैठकर कोहनी धरती पर टिकाकर एक-दूसरे के हाथ में हाथ फसाएँगे तथा सीटी बजने पर दूसरे के हाथ को झुकाने का प्रयास करेंगे। हाथ झुकने हेतु ताकत लगाते समय दोनों खिलाड़ियों में से कोई भी खिलाड़ी कोहनी धरती से ऊपर नहीं उठाएगा जो खिलाड़ी दूसरे खिलाड़ी का हाथ झुका देगा वह विजेता माना जाएगा।
(9) विलोम शब्द इस खेल में खिलाड़ी को मंडलाकार या पंक्ति में बैठाकर शिक्षक द्वारा बोले गये शब्द का विलोम शब्द बोलना होगा (रात-दिन, आकाश-पाताल, प्रकाश-अन्धकार आदि) यदि खिलाड़ी नहीं बता पाएगा तो दूसरे खिलाड़ी से पूछा जाएगा तथा जो खिलाड़ी सर्वाधिक उत्तर बताएगा वह विजेता माना जाएगा।
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