RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 8 कार्बन एवं उसके यौगिक are part of RBSE Solutions for Class 10 Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 10 Science Chapter 8 कार्बन एवं उसके यौगिक.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 10 |
Subject | Science |
Chapter | Chapter 8 |
Chapter Name | कार्बन एवं उसके यौगिक |
Number of Questions Solved | 97 |
Category | RBSE Solutions |
Rajasthan Board RBSE Class 10 Science Chapter 8 कार्बन एवं उसके यौगिक
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
बहुचयनात्मक प्रश्न
1. मेथेन में बन्ध कोण का मान होता है
(क) 109°28
(ख) 120°
(ग) 180°
(घ) 105°
2. C5H10 हाइड्रोकार्बन है
(क) पेन्टेन
(ख) पेन्टीन
(ग) पेन्टाइन
(घ) पेन्टा डाइईन
3. फ्रियॉन-11 का अणुसूत्र है
(क) CFCl3
(ख) C2F2Cl4
(ग) CF2Cl2
(घ) C2F4Cl
4. प्राकृतिक रबर किसका बहुलक होता है ?
(क) नियोप्रीन
(ख) 1,3-ब्युटाडाइईन
(ग) आइसोप्रीन
(घ) ब्युना–N
5. कार्बन का कौनसा अपररूप विद्युत का सुचालक होता है?
(क) हीरा
(ख) ग्रेफाइट
(ग) फुलरीन
(घ) कोक
6. प्राकृतिक रबर की गुणवत्ता एवं तनन सामर्थ्य बढ़ाने के लिए इसे सल्फर (S) के साथ गर्म करते हैं। इस क्रिया को कहते हैं
(क) बहुलकीकरण
(ख) साबुनीकरण
(ग) वल्कनीकरण
(घ) समानीकरण
7. यदि कार्बन में कार्बन परमाणु की संख्या 3 है तो पूर्वलग्न होगा
(क) ऐथ
(ख) प्रोप
(ग) ब्युट
(घ) पेन्ट
8. CH2 = CH – CH2– Cl का IUPAC नाम है
(क) 1-क्लोरो-2-प्रोपीन
(ख) प्रोप-1-क्लोरो-2-ईन
(ग) 3-क्लोरो-2-प्रोपीन
(घ) 3-क्लोरो-1-प्रोपीन ।
उत्तरमाला-
1. (क)
2. (ख)
3. (क)
4. (ग)
5. (ख)
6. (ग)
7. (ख)
8. (घ)
प्रश्न 9.
एल्केन, एल्कीन एवं एल्काइन श्रेणी का सामान्य सूत्र लिखिए।
उत्तर-
एल्केन CnH2n+2, एल्कीन CnH2n, एल्काइन CnH2n-2
प्रश्न 10.
हाइड्रोकार्बन कौनसे दो तत्वों से निर्मित होते हैं ?
उत्तर-
हाइड्रोकार्बन, कार्बन तथा हाइड्रोजन तत्वों से निर्मित होते हैं।
प्रश्न 11.
IUPAC का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर-
IUPAC का पूरा नाम International Union of Pure and Applied Chemistry (शुद्ध एवं अनुप्रयुक्त रसायन का अन्तर्राष्ट्रीय संघ) होता है।
प्रश्न 12.
वल्कनीकरण की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
प्राकृतिक रबर की गुणवत्ता, तनन सामर्थ्य एवं प्रत्यास्थता बढ़ाने के लिए इसे सल्फर (S) के साथ गर्म करते हैं, इस प्रक्रिया को वल्कनीकरण कहते हैं ।
प्रश्न 13.
फुलरीन में कार्बन परमाणुओं की संख्या कितनी हो सकती है?
उत्तर-
फुलरीन में 60-70 या अधिक कार्बन परमाणु हो सकते हैं।
प्रश्न 14.
कार्बन परमाणु की ज्यामिति कैसी होती है?
उत्तर-
कार्बन परमाणु की ज्यामिति समचतुष्फलकीय होती है।
प्रश्न 15.
फ्रियॉन की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
पॉली क्लोरो-फ्लुओरो एल्केनों को फ्रियॉन कहते हैं।
प्रश्न 16.
सबसे पहले कार्बनिक यौगिक का निर्माण करने वाला वैज्ञानिक कौन था?
उत्तर-
प्रथम कार्बनिक यौगिक यूरिया का निर्माण 1828 में हृवोलर ने किया था।
प्रश्न 17.
CNG का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर-
CNG का पूरा नाम संपीडित प्राकृतिक गैस (Compressed | Natural Gas) है।
प्रश्न 18.
आरलॉन किन अणुओं के बहुलकीकरण से बनता है?
उत्तर-
आरलॉन, एक्रिलो नाइट्राइल (विनाइल सायनाइड) CH2 = CH-CN के बहुलकीकरण से बनता है।
प्रश्न 19.
कार्बन के अपररूपों के नाम लिखिये।।
उत्तर-
- क्रिस्टलीय अपररूप-हीरा, ग्रेफाइट तथा फुलरीन।।
- अक्रिस्टलीय अपररूप-कोल, कोक, काष्ठ चारकोल, जन्तु चारकोल, काजल, गैस कार्बन।
प्रश्न 20.
आइसोब्युटेन का IUPAC नाम लिखिये।
उत्तर-
प्रश्न 21.
PAN का पूरा नाम लिखिये ।
उत्तर-
PAN का पूरा नाम पॉली एक्रिलो नाइट्राइल (Poly Acrylo Nitrile) है।।
प्रश्न 22.
PVC किसके बहुलकीकरण से बनता है?
उत्तर-
PVC (Poly Vinyl Chloride), विनाइल क्लोराइड CH2=CH-Cl के बहुलकीकरण से बनता है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 23.
हीरा एवं ग्रेफाइट के गुणों में कोई तीन अन्तर बताइये।
उत्तर-
हीरा तथा ग्रेफाइट के गुणों में अन्तर निम्न हैं
- हीरा कठोर होता है जबकि ग्रेफाइट मुलायम व चिकना होता है।
- हीरा विद्युत का कुचालक होता है जबकि ग्रेफाइट विद्युत को सुचालक होता है।
- हीरे की संरचना चतुष्फलकीय होती है जबकि ग्रेफाइट षट्कोणीय परतों के रूप में व्यवस्थित होता है।
प्रश्न 24.
कार्बन परमाणु की ‘ श्रृंखलन’ (Catenation) प्रवृत्ति से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
कार्बन परमाणु में एक विशेष गुण पाया जाता है जिसके अनुसार कार्बन के परमाणु आपस में जुड़कर अशाखित, शाखित तथा चक्रीय यौगिकों का निर्माण करते हैं। इस गुण को श्रृंखलन कहते हैं। कार्बन के परमाणु आपस में एकल, द्वि या त्रिआबन्ध द्वारा जुड़ सकते हैं।
प्रश्न 25.
निम्न के IUPAC नाम एवं संरचना सूत्र लिखिए
(i) C5H12
(ii) C4H8
(iii) C3H4
उत्तर-
(i) C5H12
CH3-CH2-CH2-CH2-CH2 पेन्टेन
(ii) C4H8
CH3-CH2-CH = CH2
1-ब्यूटीन
या
ब्यूट-1-ईन
(iii) C3H4
CH3-C ≡ CH प्रोपाइन
प्रश्न 26.
फ्रियॉन के दो उपयोग लिखिए।
उत्तर-
फ्रियॉन के उपयोग निम्नलिखित हैं
- फ्रियॉन अक्रिय विलायक के रूप में प्रयुक्त होते हैं।
- ये रेफ्रिजरेटरों, एयरकंडीशनर, शीत संग्रहागारों में प्रशीतक के रूप में प्रयुक्त होते हैं।
प्रश्न 27.
CNG ईंधन के रूप में LPG से श्रेष्ठ क्यों है?
उत्तर-
CNG ईंधन के रूप में LPG से अधिक श्रेष्ठ एवं सुरक्षित है। क्योंकि इसके दहन से CO तथा CO2 बहुत कम मात्रा में निकलती है अतः यह पर्यावरण के लिए कम हानिकारक है। इसके अतिरिक्त CNG, LPG से हल्की होती है, अतः यदि इसका रिसाव भी हो जाता है तो यह वायु में फैल जाती है। जबकि LPG भारी होती है इसलिए नीचे की सतह में एकत्रित हो जाती है, जिससे दुर्घटना होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
प्रश्न 28.
हीरा कठोर एवं ग्रेफाइट मुलायम होता है। क्यों?
उत्तर-
हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु अन्य चार कार्बन परमाणुओं के साथ बन्ध बनाकर एक दृढ़ त्रिआयामी चतुष्फलकीय संरचना बनाता है तथा इसमें प्रबल सहसंयोजक बन्धों का त्रिविम जाल होता है अतः यह अत्यधिक कठोर होता है। जबकि ग्रेफाइट में प्रत्येक कार्बन अन्य तीन कार्बन परमाणुओं के साथ एक ही तल में बन्ध बनाकर षट्कोणीय वलय संरचना का निर्माण करता है। ये षट्कोणीय वलय, एक-दूसरे पर व्यवस्थित होकर परत संरचना बनाती है। इन परतों के मध्य दुर्बल वान्डरवाल बल पाया जाता है तथा इन परतों के मध्य दूरी भी अधिक होती है अतः ये परतें एक-दूसरे पर फिसल जाती हैं इसी कारण ग्रेफाइट मुलायम होता है।
प्रश्न 29.
फुलरीन की कोई चार विशेषताएँ बताइये।
उत्तर-
फुलरीन की विशेषताएँ निम्न हैं
- फुलरीन की संरचना एक फुटबॉल के समान होती है तथा ये गोल गुम्बद के समान लगते हैं।
- फुलरीन में 60-70 या अधिक कार्बन परमाणु पाए जाते हैं, जिनमें से C60 सर्वाधिक स्थायी फुलरीन है जिसे बकमिन्सटर फुलरीन भी कहते हैं।
- C60 की संरचना में 32 फलक होते हैं जिसमें 20 फलक षट्कोणीय तथा 12 फलक पंचकोणीय होते हैं तथा इसे ‘बकीबॉल’ भी कहते हैं।
- (iv) C60 विद्युत का कुचालक होता है एवं इसमें कार्बन-कार्बन बंध लम्बाई 1.40Å होती है।
प्रश्न 30.
हाइड्रोकार्बन के वर्गीकरण का रेखाचित्र बनाइये।
उत्तर-
हाइड्रोकार्बन का वर्गीकरण अग्र प्रकार किया जाता है
प्रश्न 31.
ग्रेफाइट के उपयोग लिखिये।
उत्तर-
ग्रेफाइट के प्रमुख उपयोग निम्न हैं–
- ग्रेफाइट को पेन्सिल बनाने में प्रयुक्त किया जाता है।
- यह इलेक्ट्रॉड बनाने में काम आता है।
- ग्रेफाइट स्नेहक के रूप में भी प्रयुक्त होता है।
- इससे लोहे की वस्तुओं पर पॉलिश की जाती है।
- ग्रेफाइट को नाभिकीय परमाणु भट्टी में मंदक के रूप में भी प्रयुक्त किया जाता है।
प्रश्न 32.
कार्बन परमाणु की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-
कार्बन परमाणु की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
- कार्बन परमाणु का परमाणु क्रमांक 6 है तथा इसका प्रतीक C है।
- कार्बन परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s²2s²2p² होता है।
- कार्बन की संयोजकता चार होती है तथा इन्हें चार एकल बन्ध, दो एकल बन्ध व एक द्विबन्ध, एक एकल बन्ध व एक त्रिबन्ध तथा दो द्विबन्धों द्वारा संतुष्ट किया जा सकता है।
- कार्बन की ज्यामिति समचतुष्फलकीय होती है जिसकी चारों संयोजकताएँ एक समचतुष्फलक के चारों कोनों की ओर निर्देशित होती हैं। कार्बन परमाणु समचतुष्फलक के केन्द्र में स्थित होता है तथा इसमें बन्धों के मध्य बन्ध कोण 109°28′ होता है।
प्रश्न 33.
निम्न के IUPAC नाम लिखिए
(i) आइसो आक्टेन
(ii)
(iii) नियोपेन्टेन
(iv)
उत्तर-
(i) आइसो आक्टेन
प्रश्न 34.
प्लास्टिक किसे कहते हैं? प्रमुख प्लास्टिक बहुलकों के नाम लिखिए।
उत्तर-
वह कृत्रिम कार्बनिक बहुलक जिसे मुलायम अवस्था में किसी भी संरचना में ढाला जा सकता है तथा ठण्डा होने पर यह दृढ़ या आंशिक प्रत्यास्थ हो जाता है,उसे प्लास्टिक कहते हैं। प्रमुख प्लास्टिक बहुलक-पॉलीथीन पॉलीविनाइल क्लोराइड, पॉली स्टाइरीन तथा पॉलीएक्रिलो नाइट्राइल प्रमुख प्लास्टिक बहुलक हैं।
प्रश्न 35.
हीरा एवं फुलरीन की उपयोगिता बताइए।
उत्तर-
(a) हीरा के उपयोग निम्नलिखित हैं
- कांच को काटने में कटर के रूप में।
- चट्टानों एवं पत्थर काटने की मशीन में।
- फोनोग्राम की सूई बनाने में।
- रत्नों तथा आभूषणों के निर्माण में।
(b) फुलरीन के उपयोग निम्नलिखित हैं
- प्राकृतिक गैस के शुद्धिकरण में
- आणविक बेयरिंग में।
- उच्च ताप पर अतिचालक होने के कारण तकनीकी रूप से महत्त्वपूर्ण।
प्रश्न 36.
फ्रियॉन के नामकरण को समझाइये।
उत्तर-
फ्रियॉन का नाम देते समय इसके अणुसूत्र में उपस्थित कार्बन हाइड्रोजन तथा फ्लुओरीन परमाणुओं की संख्या का निम्नानुसार प्रयोग करते हैं
फ्रियॉन-XYZ
यहाँ X = फ्रियॉन अणु में उपस्थित कार्बन परमाणुओं की संख्या -1 अर्थात् (C – 1)
Y = फ्रियॉन अणु में उपस्थित हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या + 1 अर्थात् (H + 1)
Z = फ्रियॉन अणु में उपस्थित फ्लुओरीन परमाणुओं की संख्या
उदाहरण-
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 37.
संश्लेषित बहुलक क्या हैं? इनके निर्माण की प्रक्रिया एवं उपयोग लिखिए।
उत्तर-
संश्लेषित बहुलक-
मानव निर्मित बहुलकों को कृत्रिम बहुलक या संश्लेषित बहुलक कहते हैं। संश्लेषित बहुलकों को तीन भागों में वर्गीकृत किया जाता है—
(a) कृत्रिम रेशे
(b) प्लास्टिक
(c) संश्लेषित रबर।
(a) कृत्रिम रेशे- नाइलॉन-66, टेरीलीन तथा रेयॉन इसके मुख्य उदाहरण हैं।
- नाइलोन-66-यह एडिपिक अम्ल (6 कार्बन) तथा हेक्सामेथिलीन डाईएमीन (6 कार्बन) के संघनन बहुलकीकरण से बनता है अतः इसे नाइलोन-66 कहते हैं।
नाइलोन-66 के उपयोग
(i) मशीनों के गियर, बियरिंग बनाने में।
(ii) टायर, कपड़े, रेशे, रस्सियाँ, ब्रश आदि बनाने में। - टेरीलीन-यह ऐथिलीन ग्लाइकॉल तथा टेरेफ्थैलिक अम्ल के संघनन बहुलकीकरण से बनता है। इसे डेक्रॉन भी कहते हैं।
टेरीलीन के उपयोग-यह कपड़े, नावों की पॉल, बेल्ट, चुम्बकीय टेप तथा फिल्म बनाने में काम आता है। - रेयॉन-कागज (सेल्युलोज) को सोडियम हाइड्रोक्साइड के विलयन में भिगोकर साफ किया जाता है फिर इसे कार्बनडाई सल्फाइड (CS) में घोलते हैं। तो सेल्युलोज का विलयन प्राप्त होता है। इस विलयन को महीन छिद्र में से प्रवाहित करके तनु सल्फ्युरिक अम्ल में छोड़ा जाता है जिससे रेयॉन के महीन चमकदार रेशे प्राप्त होते हैं।
रेयॉन के उपयोग– रेयॉन वस्त्र, धागे तथा दरियाँ आदि बनाने के काम आता है।
(b) प्लास्टिक-
- पॉलीथीन-उच्च ताप एवं दाब पर उत्प्रेरक की उपस्थिति में एथीन के बहुलीकरण से पॉलीथीन प्राप्त होता है। यह लचीला एवं मजबूत प्लास्टिक है।
उपयोग-पॉलीथीन थैलियाँ, सांचे में ढली वस्तुएँ, पाइप तथा ट्यूब आदि बनाने के काम आता है। - पॉली विनाइल क्लोराइड (PVC)-PVC, विनाइल क्लोराइड (CH2 = CH – Cl) के बहुलीकरण से प्राप्त होता है।
उपयोग-PVC पाइप, जूते, चप्पल, थैले, बरसाती कपड़े, खिलौने, फोनोग्राम के रिकार्ड, विद्युतरोधी परतें इत्यादि बनाने के काम आता है। - पॉली एक्रिलो नाइट्राइल या ऑरलॉन (PAN)-यह विनाइल सायनाइड के बहुलीकरण से प्राप्त होता है।
उपयोग-ऑरलॉन से स्वेटर, ऊन जैसे तन्तु बनाए जाते हैं जिससे तकिया, गद्दे आदि बनते हैं। - पॉली-स्टाइरीन-विनाइल बेंजीन (स्टाइरीन) के बहुलीकरण से पॉलीस्टाइरीन प्राप्त होता है।
पॉलीस्टाइरीन । उपयोग-पॉलीस्टाइरीन चाय के कप, बोतलों के ढक्कन, रेफ्रिजरेटर के भाग, दीवारों की टाइल्स तथा पैकिंग सामग्री बनाने के काम आता है।
(c) संश्लेषित रबर- ये मुख्यतया दो प्रकार के होते हैं
- ब्युना –S (ब्युटाडाइईन एवं स्टाइरीन के बहुलीकरण से निर्मित)
- ब्युना –N (ब्युटाडाइईन एवं एक्रिलोनाइट्राइल के बहुलीकरण से निर्मित)
संश्लेषित रबर बनाने के लिए 2,3-डाई मेथिल -1,3-ब्युटाडाइईन को CO2 की उपस्थिति में सोडियम द्वारा उत्प्रेरित कर रबर जैसा उत्पाद प्राप्त किया गया था जिसे ब्युना (Buna) कहा गया। इसमें Bu ब्युटाडाइईन तथा Na सोडियम उत्प्रेरक को दर्शाता है।
उपयोग–यह तेल की टंकियाँ, टायर-ट्यूब, चिकित्सा के उपकरण, पेट्रोल के नल, जूतों के तले इत्यादि बनाने के काम आता है।
प्रश्न 38.
निम्न पर टिप्पणी लिखिए
- फ्रियॉन
- सी.एन.जी.
- प्राकृतिक रबर
उत्तर-
- फ्रियॉन-(क्लोरोफ्लुओरो कार्बन)-एल्केन के पॉली क्लोरोफ्लुओरो व्युत्पन्नों को फ्रियॉन कहा जाता है। इन्हें क्लोरो-फ्लुओरो कार्बन (CFC) भी कहा जाता है क्योंकि कार्बन परमाणु के साथ क्लोरीन तथा फ्लुओरीन परमाणुओं के जुड़ने से इन यौगिकों का निर्माण होता है।
फ्रियॉन का निर्माण-SbCl5 की उपस्थिति में कार्बन टेट्राक्लोराइड (CCl4) की अभिक्रिया हाइड्रोजनफ्लुओराइड (HF) से करवाने पर फ्रियॉन-11 प्राप्त होता है।
- सी.एन.जी.-संपीडित प्राकृतिक गैस (Compressed Natural Gas) को CNG कहते हैं। इसमें मुख्यतः मेथेन तथा कुछ अन्य उच्च हाइड्रोकार्बन होते हैं । सी.एन.जी. में कार्बन की प्रतिशत मात्रा कम होती है, अतः इसके दहन से CO (कार्बन मोनो ऑक्साइड) एवं CO2 (कार्बन डाई ऑक्साइड) कम मात्रा में बनती है। इसलिए यह अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की तुलना में पर्यावरण के लिए कम हानिकारक है।
पृथ्वी की गहराई में पेट्रोलियम के ऊपर परत के रूप में पाई जाने वाली गैसों को प्राकृतिक गैस कहते हैं। जब पेट्रोलियम का खनन किया जाता है तो उसके साथ ही प्राकृतिक गैसें भी बाहर आ जाती हैं। इन प्राकृतिक गैसों को उच्च ताप पर संपीडित किया जाता है अतः इसे संपीडित प्राकृतिक गैस कहा जाता है। - प्राकृतिक रबर-प्राकृतिक रबर एक वृक्ष से द्रव के रूप में प्राप्त होता है जिसे रबर क्षीर या लेटेक्स कहते हैं। यह आइसोप्रीन का बहुलक होता है।
लेटेक्स में ऐसिटिक अम्ल मिलाकर उसे ठोस अवस्था में परिवर्तित किया जाता है। इस प्रकार प्राप्त रबर अत्यन्त प्रत्यास्थ तथा कम तनन सामर्थ्य युक्त होता है। अतः इससे परिष्कृत उत्पाद नहीं बनाए जा सकते हैं। रबर की तनन सामर्थ्य एवं प्रत्यास्थता बढ़ाने के लिए इसमें सल्फर (s) मिलाकर गर्म किया जाता है, इस प्रक्रिया को वल्कनीकरण कहते हैं। इस प्रकार प्राप्त रबर कम घिसने वाला, मजबूत, कठोर एवं प्रत्यास्थ होता है।
प्रश्न 39.
(क) एल्केन के नामकरण में प्रयुक्त मुख्य नियमों को लिखिये।
(ख) निम्न के सूत्र लिखिए
(i) नियोपेन्टेन
(ii) आइसोपेन्टेन
(iii) 1,3-डाईक्लोरोप्रोपेन
(iv) 3-एथिल-4-मेथिल हेक्सेन
(v) 3-मेथिल-1-ब्यूटीन।
उत्तर-
(क) एल्केन के नामकरण के नियम- एल्केनों के नामकरण के लिए निम्नलिखित नियम प्रयुक्त होते हैं
(i) सर्वप्रथम सर्वाधिक लम्बी श्रृंखला का चयन किया जाता है, जिसे मुख्य श्रृंखला कहते हैं। मुख्य श्रृंखला के बाहर रहे समूहों को प्रतिस्थापी कहते हैं।
(ii) यदि समान लम्बाई की दो या दो से अधिक सर्वाधिक लम्बी श्रृंखलायें हों तो अधिक प्रतिस्थापी युक्त श्रृंखला का चयन किया जाता है।
(iii) यौगिकों का नाम लिखते समय सबसे पहले प्रतिस्थापियों का नाम उनके ‘पूर्वलग्न’ का प्रयोग करते हुए अंग्रेजी वर्णमाला क्रम में लिखा जाता है।
(iv) यदि समान प्रतिस्थापी एक से अधिक हों तो उनकी संख्या दर्शाने के लिए अग्रलिखित शब्द प्रयुक्त किए जाते हैं
(v) प्रतिस्थापियों का अंकन-अंकन करते समय प्रतिस्थापियों को न्यूनतम अंक दिये जाते हैं। यदि दो प्रतिस्थापियों को समान अंक मिल रहे हैं तो अंग्रेजी वर्णमाला क्रम में पहले आने वाले प्रतिस्थापी को न्यूनतम अंक दिया जाता है।
(vi) यौगिक का नाम लिखते समय अंकों के मध्य ‘कोमा’ (,) तथा अंक व शब्द के मध्य ‘हाइफन’ (-) का प्रयोग करते हैं।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. एथेन का आण्विक सूत्र -C2H6 है। इसमें
(अ) 6 सहसंयोजक आबंध हैं
(ब) 7 सहसंयोजक आबंध हैं।
(स) 8 सहसंयोजक आबंध हैं
(द) 9 सहसंयोजक आबंध हैं।
2. खाना बनाते समय यदि बर्तन की तली बाहर से काली हो रही है तो इसका अर्थ है कि
(अ) भोजन पूरी तरह नहीं पका है।
(ब) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है।
(स) ईंधन आर्द्र है।।
(द) ईंधन पूरी तरह से जल रहा है।
3. प्रोपेन है
(अ) असंतृप्त हाइड्रोकार्बन
(ब) एलिसाइक्लिक यौगिक
(स) संतृप्त हाइड्रोकार्बन
(द) एक एल्काइन ।
4. CH3-CH2-CH2-OH का व्युत्पन्न पद्धति में नाम है
(अ) कार्बिनॉल
(ब) मेथिल कार्बिनॉल
(स) डाइमेथिल कार्बिनॉल
(द) एथिल कार्बिनॉल
5. दलदल (मार्शी स्थान) से प्राप्त यौगिक है
(अ) काष्ठ स्प्रिट :
(ब) मार्श गैस
(स) कार्बिनॉल
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
6. CH3-C ≡ C-CH3 का IUPAC नाम है
(अ) प्रोपाइन
(ब) 1-ब्यूटाइन
(स) 2-ब्यूटाइन
(द) 2-ब्यूटीन
7. हीरे का विशिष्ट घनत्व, ग्रेफाइट से होता है
(अ) कम।
(ब) अधिक
(स) समान
(द) कुछ नहीं कहा जा सकता जा सकता
8. कृत्रिम रेशा है
(अ) नाइलॉन-66
(ब) टेरीलीन
(स) रेयॉन
(द) उपरोक्त सभी
9. विद्युतरोधी परतें बनाने में काम आने वाला बहुलक है
(अ) नाइलॉन-66
(ब) PAN
(स) PVC
(द) टेरीलीन
10. कार्बन के जिस अपररूप में मुक्त इलेक्ट्रॉन पाए जाते हैं, वह है
(अ) हीरा
(ब) कोयला
(स) ग्रेफाइट।
(द) कोक
उत्तरमाला–
1. (ब)
2. (ब)
3. (स)
4. (द)
5. (ब)
6. (स)
7. (ब)
8. (द)
9. (स)
10. (स)
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
एल्काइन श्रेणी का सामान्य सूत्र लिखिए। (माध्य. शिक्षा बोर्ड, 2018)
उत्तर-
CnH2n-2
प्रश्न 2.
एल्कीन श्रेणी का सामान्य सूत्र लिखिए। (माध्य. शिक्षा बोर्ड, मॉडल पेपर, 2017-18)
उत्तर-
CnH2n
प्रश्न 3.
CNG का प्रमुख घटक होता है
उत्तर-
मेथेन (CH4) गैस।।
प्रश्न 4.
एक कार्बनिक यौगिक कालिख ज्वाला के साथ जलता है तो यह यौगिक है, संतृप्त या असंतृप्त?
उत्तर-
संतृप्त।।
प्रश्न 5.
मेथेन (CH4) की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना क्या होती है?
उत्तर-
प्रश्न 6.
मेथिल एसीटिलीन का सूत्र क्या होता है?
उत्तर-
मेथिल एसीटिलीन का सूत्र CH3—C ≡ CH है। इसे IUPAC में प्रोपाइन कहते हैं।
प्रश्न 7.
CH4 (मेथेन) का क्या उपयोग है?
उत्तर-
CH4 ईंधन के रूप में प्रयुक्त होती है तथा यह संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) का प्रमुख घटक है।
प्रश्न 8.
ऐल्केन, एल्कीन तथा एल्काइन किसे कहते हैं?
उत्तर-
संतृप्त हाइड्रोकार्बन को ऐल्केन (C-C), (C=C) द्विआबन्ध युक्त असंतृप्त हाइड्रोकार्बन को एल्कीन एवं (C≡C) त्रिआबन्ध युक्त असंतृप्त हाइड्रोकार्बन को एल्काइन कहते हैं।
प्रश्न 9.
हेलोजनों के पूर्वलग्न क्या होते हैं ?
उत्तर-
हेलोजनों का पूर्वलग्न हेलो होता है, जैसे—F (फ्लुओरो), Cl (क्लोरो), Br (ब्रोमो) तथा I (आयोडो)
प्रश्न 10.
प्राकृतिक बहुलक किसे कहते हैं?
उत्तर-
प्राकृतिक बहुलक-वे बहुलक जो प्रकृति से सीधे प्राप्त होते हैं, उन्हें प्राकृतिक बहुलक कहते हैं। जैसे प्राकृतिक रबर, स्टार्च, सेल्युलोज, रेजिन इत्यादि।
प्रश्न 11.
एक ऐसा यौगिक बताइए जिसमें कार्बन पर एक एकल बन्ध तथा एक त्रिबन्ध हो।
उत्तर-
H-C ≡ N हाइड्रोजन सायनाइड
प्रश्न 12.
एलिसाइक्लिक यौगिक का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
प्रश्न 13.
उत्तर-
प्रश्न 14.
शाखित एल्कीन में न्यूनतम कितने कार्बन होंगे ?
उत्तर-
प्रश्न 15.
लेक्टिक अम्ल का सूत्र क्या होता है तथा इसका नाम लेक्टिक अम्ल क्यों दिया गया?
उत्तर-
यह अम्ल दूध (लेक्टम) के फटने (खट्टे होने)
पर बनता है अतः इसका नाम लेक्टिक अम्ल दिया गया।
प्रश्न 16.
आइसो प्रोपिल एसीटिक अम्ल का सूत्र लिखिए।
उत्तर-
प्रश्न 17.
अपररूप किसे कहते हैं ?
उत्तर-
किसी तत्व के दो या दो से अधिक रूप जिनके भौतिक गुण भिन्न होते हैं, उन्हें अपररूप कहते हैं तथा इस गुण को अपररूपता कहते हैं।
प्रश्न 18.
बहुलक किसे कहते हैं?
उत्तर-
छोटे-छोटे समान या भिन्न अणु (एकलक) मिलकर एक उच्च अणुभार युक्त लम्बी श्रृंखला का बड़ा अणु बनाते हैं, तो इसे बहुलक कहते हैं तथा इस प्रक्रिया को बहुलकीकरण कहते हैं।
प्रश्न 19.
पॉली एक्रिलो नाइट्राइल बहुलक के निर्माण में प्रयुक्त एकलक कौनसा होता है ?
उत्तर-
विनाइल सायनाइड या एक्रिलो नाइट्राइल
प्रश्न 20.
ब्युना-N (BuNa-N) में Na किसको दर्शाता है?
उत्तर-
ब्युना-N में Na सोडियम उत्प्रेरक को दर्शाता है।
प्रश्न 21.
फुलरीन का नाम किस आधार पर दिया गया?
उत्तर-
अमेरिका के प्रसिद्ध वास्तुकार बकमिन्सटर फुलर के नाम पर कार्बन के इस अयस्क का नाम फुलरीन दिया गया।
प्रश्न 22.
संतृप्त हाइड्रोकार्बन को जलाने पर कैसी ज्वाला प्राप्त होती है?
उत्तर-
स्वच्छ नीली ज्वाला।
सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए
(i) एथेन (A) एलिसाइक्लिक यौगिक
(ii) बेन्जीन (B) संतृप्त हाइड्रोकार्बन
(iii) साइक्लोहेक्सेन (C) एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन
उत्तर-
(i) (C)
(ii) (A)
(iii) (B)
प्रश्न 2.
अग्रलिखित को सुमेलित कीजिए
(i) फ्रेऑन (A) —C ≡ C—
(ii) यूरिया (B) प्रशीतक
(iii) ऐसीटिलीन (C) व्होलर
उत्तर-
(i) (C)
(ii) (A)
(iii) (B)
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित यौगिकों के IUPAC नाम लिखिए
(माध्य. शिक्षा बोर्ड, 2018)
उत्तर-
(a) 2-मेथिल-1-प्रोपीन
(b) 2-ब्यूटीन
(c) 2-क्लोरो ब्यूटेन
प्रश्न 2.
निम्न के I.U.P.A.C. नाम लिखिए
(माध्य. शिक्षा बोर्ड, मॉडल पेपर, 2017-18)
उत्तर-
(i) ब्यूटेन
(ii) एथाइन
(iii) प्रोपीन
प्रश्न 3.
पेन्टेन के कितने समावयवी होते हैं? इनके सूत्र लिखकर IUPAC नाम भी लिखिए।
उत्तर-
पेन्टेन (C5H12) के तीन समावयवी होते हैं, जिनके सूत्र तथा IUPAC नाम निम्न प्रकार हैं
प्रश्न 4.
(a) ऐल्कीन तथा एल्काइन श्रेणी के प्रथम चार सदस्यों के नाम तथा सूत्र लिखिए।
(b) सरलतम एल्काइन का नाम तथा इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना लिखिए।
उत्तर-
(a) ऐल्कीन श्रेणी के प्रथम चार सदस्य एथिलीन (CH2=CH2) या एथीन, प्रोपीन (CH3-CH = CH2), 1-ब्यूटीन (CH3-CH2-CH = CH2) तथा 1-पेन्टीन (CH3-CH2-CH2-CH = CH2) हैं।
एल्काइन श्रेणी के प्रथम चार सदस्य एथाइन (CH ≡ CH), प्रोपाइन (CH3-C ≡ CH), 1-ब्यूटाइन (CH3-CH2-C = CH) तथा 1-पेन्टाइन (CH3-CH2CH2-C ≡ CH) हैं।
(b) सरलतम एल्काइन या एल्काइन श्रेणी का प्रथम सदस्य एथाइन (HC ≡ CH) है। इसका इलेक्ट्रॉनिक सूत्र निम्न है
प्रश्न 5.
निम्न को समझाइए
- जैव शक्ति सिद्धान्त
- कार्बनिक रसायन
- समचतुष्फलक।
उत्तर-
- जैव शक्ति सिद्धान्त-बर्जीलियस (1815) के अनुसार कार्बनिक यौगिक केवल सजीवों से ही प्राप्त हो सकते हैं तथा इनका प्रयोगशाला में संश्लेषण सम्भव नहीं है, इसे जैव शक्ति सिद्धान्त कहते हैं ।
- कार्बनिक रसायन-कार्बनिक (Organic) शब्द की उत्पत्ति सजीव से हुई है क्योंकि organic का अर्थ है Living organism (सजीव)। इसी कारण कार्बन के यौगिकों को कार्बनिक यौगिक कहा गया तथा कार्बनिक यौगिकों के अध्ययन को कार्बनिक रसायन कहते हैं।
- समचतुष्फलक-ऐसा चतुष्फलक जिसमें चार त्रिभुजाकार फलक उपस्थित हों, इनमें से एक को आधार मानते हुए इसके तीन कोनों को एक शीर्ष पर मिलाने पर यदि तीन त्रिभुजाकार फलक बनते हैं तो इस सम्पूर्ण त्रिविम ज्यामिति को समचतुष्फलक कहते हैं।
प्रश्न 6.
- जैव शक्ति सिद्धान्त का खण्डन कैसे हुआ?
- हृवोलर द्वारा यूरिया के निर्माण के समीकरण लिखिए।
उत्तर-
- हृवोलर (1828) द्वारा सर्वप्रथम अकार्बनिक यौगिकों द्वारा प्रयोगशाला में प्रथम कार्बनिक यौगिक यूरिया के प्राप्त करने से जैव शक्ति सिद्धान्त का खण्डन हुआ।
- अमोनियम सल्फेट तथा पोटेशियम सायनेट को गर्म करने पर यूरिया प्राप्त होता है।
(NH4)2SO4 + 2KCNO → 2NH4CNO + K2SO4
अमोनियम सल्फेट पोटेशियम सायनेट अमोनियम सायनेट
NH4CNO →∆→ NH2 – CO – NH2 यूरिया (कार्बनिक यौगिक)
प्रश्न 7.
(a) ऐसा यौगिक बताइए
(i) जिसमें कार्बन की चारों संयोजकताएँ एकल संयोजी परमाणुओं से संतुष्ट हों।
(ii) जिसमें कार्बन पर एक द्विबन्ध तथा दो एकल बन्ध हों।
(iii) जिसमें कार्बन पर दो द्विबन्ध हों।
(b) कार्बन σ बन्ध के साथ-साथ π बन्ध भी बनाता है। इसका क्या कारण है?
उत्तर-
(a) (i) CCl4 कार्बन टेट्राक्लोराइड
(ii) फार्मेल्डिहाइड
(iii) कार्बन डाईऑक्साइड O = C = O
(b) कार्बन अपने छोटे आकार के कारण σ बन्ध के साथ-साथ π बन्ध भी बनाता है।
प्रश्न 8.
- बन्ध कोण किसे कहते हैं? मेथेन की ज्यामिति तथा बन्ध कोण भी बताइए।
- हाइड्रोकार्बन कैसे बनते हैं?
- फुलरीन की संरचना बनाइए।
उत्तर-
- किसी यौगिक में दो निकटवर्ती बन्धों के मध्य कोण को बन्ध कोण कहते हैं। CH4 में बन्ध कोण 109°28′ का होता है एवं इसकी ज्यामिति समचतुष्फलकीय होती है।
- कार्बन परमाणु की विद्युत ऋणता हाइड्रोजन परमाणु के लगभग समान होने के कारण यह हाइड्रोजन परमाणु के साथ इलेक्ट्रॉन की समान साझेदारी करके सहसंयोजक बंध का निर्माण कर हाइड्रोकार्बन बनाता है। इस प्रक्रिया में कार्बन का अष्टक एवं हाइड्रोजन का हीलियम गैस जैसा द्विक विन्यास प्राप्त हो जाता है।
प्रश्न 9.
(a) एलिसाइक्लिक तथा एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन यौगिकों में अन्तर बताइए।
(b) कार्बन के अपररूपों के गुणों में अन्तर का क्या कारण है?
(c) कार्बन के क्रिस्टलीय अपररूप क्या होते हैं?
उत्तर-
(a) एलिसाइक्लिक यौगिक एलिफैटिक होते हैं तथा इन्हें जलाने पर बिना धुएं की ज्वाला के साथ जलते हैं। जैसे-साइक्लोहेक्सेन
जबकि एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन को जलाने पर ये काले धुएं के साथ जलते हैं तथा ये अन्य एरोमैटिक गुण दर्शाते हैं। जैसे—बेन्जीन
(b) कार्बन के अपररूपों के गुणों में अन्तर का कारण कार्बन परमाणुओं के परस्पर आबन्धन में भिन्नता है।
(c) कार्बन के वे अपररूप जिनमें कार्बन परमाणु एक निश्चित व्यवस्था में रहते हुए एक निश्चित ज्यामिति से निश्चित बन्धकोण का निर्माण करते हैं, उन्हें क्रिस्टलीय अपररूप कहते हैं।
प्रश्न 10.
(a) कार्बनिक यौगिकों के नामकरण की आवश्यकता क्यों हुई। तथा इनके नामकरण की कितनी पद्धतियाँ होती हैं ? नाम बताइए।
(b) नामकरण की रूढ़ पद्धति क्या होती है? समझाइए।
उत्तर-
(a) कार्बनिक यौगिकों की संख्या बहुत अधिक है अतः इन्हें पहचानने तथा समझने के लिए इनके नामकरण की आवश्यकता हुई।
कार्बनिक यौगिकों के नामकरण की प्रमुख पद्धतियाँ निम्न हैं
- रूढ़ पद्धति (Trival system)
- व्युत्पन्न पद्धति (Derived system)
- आई.यू.पी.ए.सी. (IUPAC) पद्धति
(b) नामकरण की रूढ़ पद्धति- इस पद्धति में कार्बनिक यौगिकों का नाम उनके प्राकृतिक स्रोत अथवा गुणों के आधार पर दिया जाता है। जैसे
- CH3OH-काष्ठ स्प्रिट-लकड़ी के भंजक आसवन से।
- CH3COOH-एसिटिक अम्ल-सिरके के लेटिन नाम ऐसिटम से लिया गया है।
- HCOOH-फॉर्मिक अम्ल-फॉर्मिका (चींटी) से प्राप्त।
प्रश्न 11.
नामकरण की रूढ़ पद्धति में नार्मल, आइसो तथा नियो का प्रयोग कब किया जाता है? उदाहरण सहित बताइए।
उत्तर-
(i) नामकरण की रूढ़ पद्धति में अशाखित हाइड्रोकार्बनों के नाम में ‘नॉर्मल’ (n-) शब्द का प्रयोग किया जाता है।
जैसे-n-पेंटेन-CH3-CH2-CH2-CH2-CH3
(ii) यौगिक के एक किनारे पर
समूह हो तथा शेष कार्बन श्रृंखला सीधी हो तो उसके नाम में आइसो शब्द का प्रयोग किया जाता है। जैसे आइसो पेंटेन
(iii) यौगिक के एक किनारे पर
समूह होने तथा शेष कार्बन श्रृंखला सीधी होने पर Neo (नियो) शब्द का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 12.
कार्बनिक यौगिकों के नामकरण की व्युत्पन्न पद्धति की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
नामकरण की व्युत्पन्न पद्धति में कार्बनिक यौगिकों का नामकरण उस श्रेणी के सरलतम यौगिक के व्युत्पन्न के रूप में किया जाता है।
(i) CH4
प्रश्न 13.
हाइड्रोकार्बनों के IUPAC नामकरण के सामान्य नियम क्या हैं?
उत्तर-
हाइड्रोकार्बनों (एल्केन, एल्कीन तथा एल्काइन) का नामकरण निम्नानुसार किया जाता है
(i) यौगिंक के अणु में उपस्थित कार्बन परमाणुओं की संख्या के आधार पर उसका पूर्वलग्न (prefix) लिखा जाता है।
(ii) अणु में उपस्थित बन्ध के आधार पर उसका अनुलग्न (suffix) लिखा जाता है। जैसे-≡C-C≡ के लिए ऐन (-ane), >C = C< के लिए ईन (-ene) तथा – C ≡ C – के लिए आइन (-yne)।
(iii) पूर्वलग्न तथा अनुलग्न को जोड़कर हाइड्रोकार्बन का पूरा नाम लिखा जाता है।
(iv) अणु में उपस्थित कार्बन परमाणुओं की संख्या के आधार पर पूर्वलग्न
प्रश्न 14.
हीरे की संरचना तथा गुण बताइए।
उत्तर-
(i) हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु अन्य चार कार्बन परमाणुओं के साथ बन्ध बनाकर एक दृढ़ त्रिआयामी चतुष्फलकीय संरचना बनाता है।
(ii) इसमें कार्बन-कार्बन बन्ध लम्बाई 1.54Å होती है।
(iii) हीरा कार्बन का अतिशुद्ध रूप होता है तथा यह रंगहीन व पारदर्शी होता
(iv) हीरा विद्युत का कुचालक होता है क्योंकि इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते।
(v) हीरे की संरचना में प्रबल सहसंयोजक बंधों का त्रिविम जाल होता है, अतः यह अत्यधिक कठोर होता है। यह अब तक का ज्ञात सर्वाधिक कठोर पदार्थ है।
(vi) हीरे का गलनांक 3843 K तथा विशिष्ट घनत्व 3.51 होता है।
(vii) कोयले की परतों पर चट्टानों का दाब पड़ने से हीरा पारदर्शक हो जाता है।
(viii) शुद्ध कार्बन पर उच्च दाब तथा ताप लगाकर हीरे को संश्लेषित किया जा सकता है।
प्रश्न 15.
हीरे की संरचना का चित्र बनाइए।
उत्तर-
प्रश्न 16.
(a) निम्नलिखित में से ऐल्कीन एवं ऐल्काइन की पहचान कीजिए ।
(i) C2H6
(ii) C3H4
(iii) C3H6
(iv) C3H8
(b) एथीन की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना बनाइए।
उत्तर-
(a)
(i) C2H6 एल्केन
(ii) C3H4 ऐल्काइन
(iii) C3H6 ऐल्कीन
(iv) C3H8 एल्केन
(b) एथीन (C2H4)-
प्रश्न 17.
(a) कार्बन के दो विशिष्ट लक्षण लिखिए जिनके कारण वह बड़ी संख्या में यौगिक बनाता है। कार्बनिक यौगिकों में आबंध की प्रकृति लिखिए।
(b) एथेन के दो उत्तरोत्तर सदस्यों के सूत्र लिखिए।
(c) एथेन की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना बनाइए।
उत्तर-
(a) कार्बन के छोटे आकार तथा श्रृंखलन के गुण के कारण यह बड़ी संख्या में यौगिक बनाता है।
कार्बन अन्य कार्बन परमाणुओं तथा अन्य तत्वों के परमाणुओं से संयोजकता इलेक्ट्रॉनों का साझा करके सहसंयोजी बन्ध बनाते हैं।
(b) एथेन के दो उत्तरोत्तर सदस्य
(i) C3H8 (प्रोपेन)
(ii) C4H10 (ब्यूटेन)
(c) एथेन की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना
एथेन (C2H6)
प्रश्न 18.
(a) निम्न यौगिकों के IUPAC नाम दीजिए
(b) एल्कीनों को ऑलिफिन्स भी कहते हैं, क्यों?
उत्तर-
(a) (i) 2-ब्रोमो-3-क्लोरो ब्यूटेन
(ii) साइक्लो ब्यूटेन
(iii) 3-एथिल-2-मेथिल पेन्टेन
(b) एल्कीन, ब्रोमीन जल से अभिक्रिया करके तैलीय द्रव (oily liquid) बनाते हैं अतः इन्हें ऑलिफिन्स भी कहते हैं।
प्रश्न 19.
(a) द्रवित पेट्रोलियम गैस क्या होती है?
(b) CNG के दो उपयोग बताइए।
उत्तर-
(a) पेट्रोलियम का प्रभाजी आसवन करने पर पेट्रोलियम के कई अवयवों के साथ कुछ गैसें मुक्त होती हैं, इन गैसों को पेट्रोलियम गैसें कहते हैं। इन गैसों को उच्च दाब पर संपीडित करके द्रव में बदला जाता है तो इसे द्रवित पेट्रोलियम गैस (LPG) कहा जाता है।
(b) CNG के दो उपयोग निम्न हैं
- CNG ईंधन के रूप में काम आती है।
- आजकल यातायात के लिए चलने वाले वाहनों में पेट्रोल तथा डीजल के स्थान पर CNG का प्रयोग किया जाने लगा है।
प्रश्न 20.
ग्रेफाइट की संरचना तथा गुण बताइए।
उत्तर-
- ग्रेफाइट में प्रत्येक कार्बन अन्य तीन कार्बन परमाणुओं के साथ एक ही तल में बन्ध बनाकर षट्कोणीय वलय संरचना का निर्माण करता है। ये षट्कोणीय वलये, एक-दूसरे पर व्यवस्थित होकर परत संरचना बनाते हैं।
- ग्रेफाइट में प्रत्येक कार्बन का चतुर्थ इलेक्ट्रॉन स्वतंत्र रहता है लेकिन एक बन्ध में द्विबन्ध के गुण पाए जाते हैं। इन्हीं स्वतंत्र इलेक्ट्रॉनों तथा दो परतों के मध्य उपस्थित रिक्त स्थान के कारण ही यह विद्युत का सुचालक होता है।
- ग्रेफाइट चमकीला, अपारदर्शी तथा काले धूसर रंग का मुलायम पदार्थ होता है, जिसका विशिष्ट घनत्व 2.25 है।
- ग्रेफाइट में दो परतों के मध्य दुर्बल वान्डरवाल बल होने तथा उनके मध्य अधिक दूरी होने के कारण एक परत दूसरी परत पर आसानी से फिसल सकती है। इसी कारण ग्रेफाइट को शुष्क स्नेहक के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।
प्रश्न 21.
ग्रेफाइट की संरचना को चित्रित कीजिए।
उत्तर-
प्रश्न 22.
नाइलॉन-66 तथा टेरीलीन किस प्रकार बनता है?
उत्तर-
(i) नाइलॉन-66-यह एडिपिक अम्ल (6 कार्बन) तथा हेक्सा मेथिलीन डाईएमीन (6 कार्बन) के संघनन बहुलीकरण से बनता है अतः इसे नाइलॉन-66 कहते हैं।
(ii) टेरीलीन-यह एथिलीन ग्लाइकॉल तथा टेरेपथैलिक अम्ल के संघनन बहुलीकरण से बनता है। इसे डेक्रॉन भी कहते हैं।
प्रश्न 23.
(a) पॉलीथीन बनाने की विधि, गुण तथा उपयोग बताइए।
(b) पॉली-स्टाइरीन बहुलक किस एकलक से बनता है? इसके उपयोग भी बताइए।
उत्तर-
(a) पॉलीथीन-उच्च ताप एवं दाब पर उत्प्रेरक की उपस्थिति में एथीन के बहुलीकरण से पॉलीथीन बनता है। यह लचीला एवं मजबूत प्लास्टिक है।
उपयोग-पॉलीथीन थैलियाँ, सांचे में ढली वस्तुएँ, पाइप, ट्यूब आदि बनाने के काम आता है।
(b) पॉली-स्टाइरीन, विनाइल बेंजीन (स्टाइरीन) के बहुलीकरण से प्राप्त होता है।
उपयोग-चाय के कप, बोतलों के ढक्कन, रेफ्रिजरेटर के भाग, दीवारों की टाइल्स, पैकिंग सामग्री इत्यादि बनाने में पॉली–स्टाइरीन का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 24.
(a) PVC के उपयोग बताइए।
(b) संश्लेषित रबर कितने प्रकार के होते हैं? ये किनसे बनते हैं तथा इनके उपयोग भी बताइए।
उत्तर-
(a) PVC पाइप, जूते, चप्पल, थैले, बरसाती कपड़े, खिलौने, फोनोग्राम के रिकार्ड तथा विद्युतरोधी परतें इत्यादि बनाने के काम आता है।
(b) संश्लेषित रबर-संश्लेषित रबर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं
- ब्युना-S (ब्युटाडाइईन एवं स्टाइरीन के बहुलीकरण से निर्मित)
- ब्युना-N (ब्युटाडाइईन एवं एक्रिलोनाइट्राइल के बहुलीकरण से निर्मित)
उपयोग-संश्लेषित रबर तेल की टंकियाँ, टायर-ट्यूब, चिकित्सा के उपकरण, पेट्रोल के नल, जूतों के तले इत्यादि बनाने के काम आता है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
(अ) बेन्जीन का अणुसुत्र लिखिए।
(ब) बेन्जीन का संरचना सूत्र बनाइए तथा इसमें उपस्थित त्रिबन्धों की संख्या लिखिए।
(स) निम्नलिखित में से एथेन कौनसी है? इसमें उपस्थित सहसंयोजक बन्धों की संख्या लिखिए
(i) C2H2
(ii) C2H4
(iii) C2H6
उत्तर-
(अ) बेन्जीन का अणुसूत्र-C2H6 होता है।
(ब) बेन्जीन को संरचना सूत्र निम्न है–
बेन्जीन में उपस्थित त्रिबन्धों की संख्या शून्य होती है अर्थात् इसमें कोई त्रिबन्ध उपस्थित नहीं है।
(स) C2H6 (एथेन)
एथेन में सहसंयोजक बन्धों की संख्या 7 होती है।
प्रश्न 2.
(अ) साइक्लोहेक्सेन का अणुसूत्र लिखिए।
(ब) साइक्लोहेक्सेन का संरचना सूत्र बनाइए तथा इसमें उपस्थित सहसंयोजक बंधों की संख्या लिखिए।
(स) निम्नलिखित में ऐथीन कौनसी है? इसमें उपस्थित द्विबन्ध की संख्या लिखिए
(i) C2H2
(ii) C2H4
(iii) C2H6
उत्तर-
(अ) साइक्लोहेक्सेन का अणुसूत्र C6H12 होता है।
(ब) साइक्लोहेक्सेन का संरचना सूत्र निम्न है
इसमें 18 सहसंयोजक बन्ध होते हैं।
(स) C2H4 (ऐथीन)-
ऐथीन में एक द्विबन्ध उपस्थित होता है।
प्रश्न 3.
संतृप्त हाइड्रोकार्बन किसे कहते हैं? इस श्रेणी का विशेष नाम बताइए तथा इस श्रेणी के प्रथम पाँच सदस्यों की संरचना लिखिए।
उत्तर-
संतृप्त हाइड्रोकार्बन-कार्बन तथा हाइड्रोजन से बने कार्बनिक यौगिक, जिनमें कार्बन परमाणुओं के मध्य एकल आबन्ध (≡C-C≡) पाया जाता है, उन्हें संतृप्त हाइड्रोकार्बन कहते हैं।
ऐसे संतृप्त हाइड्रोकार्बन ऐल्केन कहलाते हैं। इनका सामान्य रासायनिक सूत्र CnH2n+2 होता है, जहाँ n = 1, 2, 3, 4….. है। ऐल्केनों में प्रबल सहसंयोजक बन्ध होता है अतः इनकी क्रियाशीलता बहुत कम होती है।
ऐल्केन श्रेणी के प्रथम पाँच सदस्य निम्नलिखित हैं
प्रश्न 4.
एल्कीनों तथा एल्काइनों का IUPAC नामकरण उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर-
(a) एल्कीन
- सर्वप्रथम कार्बन की द्विबन्ध युक्त सबसे लम्बी श्रृंखला का चयन किया जाता है, जिसे मुख्य श्रृंखला कहते हैं।
- मुख्य श्रृंखला का अंकन उस सिरे से करते हैं जिधर से द्विबन्ध को न्यूनतम अंक मिले।
- एल्कीन में > C = C< का अनुलग्न ईन होता है।
- अन्य नियम एल्केन के नामकरण के अनुसार ही होते हैं।
उदाहरण-
- जब यौगिक में एक से अधिक द्विबन्ध उपस्थित होते हैं तो उनकी संख्या दर्शाने के लिए डाई, ट्राई इत्यादि शब्द का प्रयोग करते हैं। जैसे
(b) एल्काइन
- सर्वप्रथम कार्बन की त्रिबन्ध युक्त सबसे लम्बी श्रृंखला का चयन किया जाता है जिसे मुख्य श्रृंखला कहते हैं।
- मुख्य श्रृंखला का अंकन उस सिरे से करते हैं जिधर से त्रिबन्ध को न्यूनतम अंक मिले।।
- एल्काइन में – C ≡ C – के लिए आईन अनुलग्न का प्रयोग होता है।
- जब यौगिक की कार्बन श्रृंखला में एक से अधिक त्रिबन्ध होते हैं तो डाई, ट्राई इत्यादि शब्दों के प्रयोग द्वारा उनकी संख्या को दर्शाया जाता है।
उदाहरण-
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