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RBSE Solutions for Class 10 Social Science Chapter 9 भारतीय कृषि

February 6, 2019 by Fazal Leave a Comment

RBSE Solutions for Class 10 Social Science Chapter 9 भारतीय कृषि are part of RBSE Solutions for Class 10 Social Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 10 Social Science Solutions Chapter 9 भारतीय कृषि.

Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 10
Subject Social Science
Chapter Chapter 9
Chapter Name भारतीय कृषि
Number of Questions Solved 44
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 10 Social Science Solutions Chapter 9 भारतीय कृषि

पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न [Textbook Questions Solved]

भारतीय कृषि बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

प्रश्न 1.
भारत में कृषि व कृषि संबंधी क्षेत्रों से कितने प्रतिशत रोजगार मिलता है?
(अ) 50 प्रतिशत
(ब) 60 प्रतिशत
(स) 54.6 प्रतिशत
(द) 70 प्रतिशत

प्रश्न 2.
भारत में कृषि व कृषि संबंधी क्षेत्रों से सकल घरेलू उत्पाद में कितने प्रतिशत योगदान है?
(अ) 18 प्रतिशत
(ब) 20 प्रतिशत
(स) 17.4 प्रतिशत
(द) 18.4 प्रतिशत

प्रश्न 3.
निम्न में से कौन-सी खरीफ फसल है?
(अ) गेहूँ।
(ब) चना
(स) सरसों
(द) मूंगफली

प्रश्न 4.
निम्न में से कौन-सी खाद्यान्न फसल है?
(अ) गेहूँ।
(ब) चना
(स) सरसों
(द) मूंगफली

उत्तर:
1. (स)
2. (स)
3. (द)
4. (अ)

भारतीय कृषि अति लघूत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
भारतीय कृषि को ऋतुओं के आधार पर कितने रूपों में विभाजित किया गया है?
उत्तर:
भारतीय कृषि को ऋतुओं के आधार पर तीन भागों में बाँटा गया है

  1.  खरीफ फसल
  2.  रबी फसल
  3. जायद फसल

प्रश्न 2.
भारत में बागानी फसलें कौन-कौन सी हैं?
उत्तर:
भारत में बागानी फसलें चाय, कॉफी, रबड़ सिनकोना आदि हैं।

प्रश्न 3.
मुद्रादायिनी फसलों से क्या आशय है?
उत्तर:
वह फसलें जिनका उपयोग व्यावसायिक कार्यों के लिए या उद्योग में कच्चे माल के रूप में किया जाता हो उन्हें मुद्रादायिनी फसल कहते हैं।

प्रश्न 4.
भारत में चावल की कितनी फसलें उगाई जाती हैं?
उत्तर:
भारत में मौसम के अनुसार वर्ष भर में चावल की तीन फसलें-मानसूनकालीन अमन, शीतकालीन ओस तथा ग्रीष्मकालीन बोरो फसलें उगायी जाती हैं।

प्रश्न 5.
राजस्थान में शुष्क कृषि किन जिलों में की जाती है?
उत्तर:
राजस्थान में शुष्क कृषि जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, सीकर गंगानगर झुंझनू, अलवर आदि जिलों में की जाती है।

प्रश्न 6.
सिंचित कृषि से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
सिंचित कृषि से तापर्य्य ऐसी फसलों से है जिनका उत्पादन सिंचाई सुविधा के अभाव में संभव नहीं है। जिनमें गेंहूँ, चावल, गन्ना आदि प्रमुख हैं।

प्रश्न 7.
भारत में सर्वाधिक कपास का उत्पादन किन राज्यों में होता है ?
उत्तर:
भारत के अनेक राज्यों में कपास की फसल उगाई जाती है, लेकिन सर्वाधिक अमेरिकन कपास-पंजाब, हरियाणा तथा राजस्थान में; मध्यम रेशेवाली कपास-गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक तथा तमिलनाडु में उगाई जाती हैं। 8. नरमा से आप क्या समझते हैं? उत्तर: लंबे व महीन रेशेवाली कपास को नरमा कपास कहते हैं। इसे अमेरिकन कपास भी कहा जाता है।

भारतीय कृषि लघूत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
भारत में कृषि फसलों का उपयोग के आधार पर वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
भारत में कृषि फसलों को उपयोग के आधार पर वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया गया है

  •  खाद्यान्न फसलें- जिनका उपयोग खाने या भोजन के रूप में किया जाता है, उन्हें खाद्यान्न फसलें कहते हैं। इनमें चावल, गेंहूँ, मक्का, ज्वार तथा बाजरा प्रमुख हैं।
  •  व्यावसायिक फसलें- जिन फसलों का उपयोग व्यावसायिक कार्यो के लिए अथवा उद्योग में कच्चे माल के रूप में किया जाता है उन्हें व्यावसायिक फसलें कहते हैं। इनमें गन्ना, कपास, जूट, तिलहन आदि हैं।
  • बागानी फसलें- जिन फसलों को विशाल बागानों में उत्पादित किया जाता है तथा पेय और औद्योगिक कार्यों में उपयोग में लाया जाता है उन्हें बागानी फसलें कहते हैं। इनमें चाय, कॉफी व रबड़ आदि आते हैं।
  •  उद्यान फसलें- इसमें फल व सब्जियाँ शामिल होती हैं।

प्रश्न 2.
मक्का की फसल के बारे में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मक्का, खाद्यान्न फसल के साथ-साथ एक औद्योगिक फसल भी है, जो स्टार्च व ग्लूकोज बनाने वाले उद्योगों को कच्चा-माल प्रदान करती है। इसका उपयोग चारे तथा खाद्यान्न के लिए किया जाता है। चावल के बाद यह दूसरी प्रमुख खरीफ की फसल है। भारत मक्का उत्पादन में दसवाँ बड़ा देश है। आंध्र प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश तथा पंजाब इसके मुख्य उत्पादक राज्य हैं।

प्रश्न 3.
तिलहन की फसलों में सरसों का योगदान बताइए।
उत्तर:
देश की कुल तिलहन फसल का 35% हिस्सा सरसों से प्राप्त किया जाता है। भारत की 85% सरसों उत्तरी राज्यों में पैदा की जाती है। राजस्थान देश को 41% सरसों का उत्पादन करके जो पहले स्थान पर है तथा उत्तर प्रदेश दूसरे, मध्य प्रदेश तीसरे तथा गुजरात चौथे स्थान पर है। इनके अलावा पंजाब तथा हरियाणा में भी इसका उत्पादन किया जाता है।

प्रश्न 4.
मुद्रादायिनी फसलों में कपास के योगदान का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कपास एक मुद्रादायिनी फसल है, जो किसानों की आर्थिक दशा में परिवर्तन लाने में सक्षम है। सूती वस्त्र उद्योग को कच्चा माल होने के कारण इसकी बहुत माँग है। लंबे व महीन रेशे, मध्यम रेशे तथा छोटे रेशे वाली कपास की मुख्य किस्में हैं। कपास उत्पादन क्षेत्रों के किसानों को इसका लाभ पहुँचता है। अर्थात कपास का मुद्रादायिनी फसल के रूप में सकारात्मक योगदान है।

प्रश्न 5.
बाजरे की फसल के बारे में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
बाजरा खाद्यान्न तथा चारे दोनों के लिए उगाया जाता है। इसकी खेती गर्म तथा शुष्क जलवायु में जून से अक्टूबर के मध्य की जाती है। 15° से 25° सेल्सियस तापमान तथा 40-60 सेमी० वर्षा हो तो यह सभी प्रकार की मिट्टी में बोई जा सकती है। राजस्थान देश का 42% बाजारा का उत्पादन करता। जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, सीकर, गंगानगर, झुन्झनू, अलवर, जयपुर तथा जालौर बाजरा उत्पादक मुख्य जिले हैं।

भारतीय कृषि निबंधात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
भारत में कृषि फसलों में दलहन का योगदान बताइए।
उत्तर:
कृषि फसलों में दलहन का एक महत्वपूर्ण योगदान है, क्योंकि भारत की जनसंख्या का एक बड़ा भाग प्रोटीन की पूर्ति के लिए दालों का उपयोग करता है। इसकी खेती रबी तथा खरीफ दोनों मौसम में की जाती। मूंग, मोठ, उड़द, अरहर खरीफ मौसम में, मटर, चना, मसूर आदि रबी के मौसम में पैदा की जाती है। दालों के उत्पादन में एक-तिहाई भाग चने की दाल का है तथा इसके बाद अरहर का स्थान आता है। उड़द तथा मूंग भी महत्वपूर्ण दलहन फसलें हैं। राजस्थान मँग उत्पादन में देश में प्रथम है। यहाँ अर्ध शुष्क मरुस्थलीय जिलों-जालौर, नागोर, जोधपुर व पाली में मूंग का उत्पादन किया जाता है। उड़द, कोटा, बूंदी, झालावाड़, मेवाड़ में चित्तौड़, उदयपुर, भीलवाड़ा, बाँसवाड़ा में उगायी जाती है। मसूर पूर्वी राजस्थान में अलवर, भरतपुर, धौलपुर में बोया जाता है।

प्रश्न 2.
भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि के योगदान पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
(i) रोजगार के साधन के रूप में- भारत में कृषि लगभग 56% जनसंख्या का रोजगार परक साधन है। पशुपालन, मत्स्यपालन, वानिकी रोजगार के अलावा कृषि आधारित उद्योगों तथा अन्य को कच्चे माल की आपूर्ति कर जीवन निर्वाह के साधन को स्थायित्व प्रदान करते हैं।

(ii) भारत के घरेलू उत्पाद में कृषि तथा इसके अन्य सहायक कारकों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। 1951 में, 1993-94 की कीमतों के आधार पर 55.11% था। वह 1990 में 44.26% रहे गया तथा 2007-08 में, यह 1999-2000 की कीमतों के आधार पर 17.8% व 2015-16 में 2011-12 में घटकर 15.35 प्रतिशत रह गया था, इसका कारण औद्यागिक विकास में द्वितीय तृतीय क्षेत्रों में उत्तरोत्तर वृद्धि रहा।

(iii) विदेशी व्यापार में योगदान- भारत की विश्व पटल पर कृषि उत्पादों के निर्यात में 2.07 प्रतिशत हिस्सेदारी है। जो कि भारत को विश्व का दसवाँ बड़ा उत्पाद निर्यातक देश बनाता है।

(iv) उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति- कृषि उत्पाद आधारित उद्योग; जैसे-कपड़ा उद्योग, चीनी उद्योग, वनस्पति तेल उद्योग, जूट उद्योग, रबड़ उद्योग तथा मसाला उद्योग को कच्चे माल को आपूर्ति कृषि से की जाती है।

(v) औद्योगिक उत्पादों के लिए बाजार-भारत की बहुत बड़ी जनसंख्या (70%) गाँवों में निवास करती है जो कृषि पर निर्भर है। यहा औद्योगिक इकाइयों द्वारा कृषि यंत्रों, उर्वरकों तथा कीटनाशकों का उत्पादन बढ़ाने तथा उन्हें वृहत्त व गतिशील बाजार उपलब्ध कराती है।

प्रश्न 3.
भारत में कृषि की प्रयोग में लाई जाने वाली विधियों के अनुसार वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
भारत में कृषि फसलों को उपयोग के आधार पर वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया गया है

(i) खाद्यान्न फसलें- जिनका उपयोग खाने या भोजन के रूप में किया जाता है, उन्हें खाद्यान्न फसलें कहते हैं। इनमें चावल, गेंहूँ, मक्का, ज्वार तथा बाजरा प्रमुख हैं।

(ii) व्यावसायिक फसलें- जिन फसलों का उपयोग व्यावसायिक कार्यो के लिए अथवा उद्योग में कच्चे माल के रूप में किया जाता है उन्हें व्यावसायिक फसलें कहते हैं। इनमें गन्ना, कपास, जूट, तिलहन आदि हैं।

(iii) बागानी फसलें- जिन फसलों को विशाल बागानों में उत्पादित किया जाता है तथा पेय और औद्योगिक कार्यों में उपयोग में लाया जाता है उन्हें बागानी फसलें कहते हैं। इनमें चाय, कॉफी व रबड़ आदि आते हैं।

(iv) उद्यान फसलें- इसमें फल व सब्जियाँ शामिल होती हैं।

प्रश्न 4.
भारत में खाद्यान्न फसलों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
भारत की खाद्यान्न फसलेंगेहूँ- यह उत्तरी भारत की प्रमुख रबी फसल है। यह देश के समशीतोष्ण भागों में बोई जाती है। भारत का 70% गेहूँ का उत्पादन पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार में होता है। भारत विश्व में गेहूँ उत्पादन का तीसरा बड़ा देश है। हरित क्रांति के प्रभाव से उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त हुई है। चावल- खरीफ की मुख्य फसल है। इसकी पैदावार उष्णकटिबंधीय भागों में की जाती है। भारत में मौसम के अनुसार वर्ष भर में चावल की तीन फसलों अमन, ओस, बोरों को पैदा किया जाता है। देश में चावल के कुल उत्पादन का 90% भाग प० बंगाल, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, बिहार, तमिलनाडु आदि राज्यों में किया जाता है।

भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है। मक्का- चावल के बाद यह दूसरी प्रमुख खरीफ है। इसका प्रयोग चारे तथा खाद्यान्न के रूप में किया जाता है। देश में 60% मक्का का उत्पादन आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश तथा पंजाब में किया जाता है। भारत विश्व भर में मक्का का दसवाँ बड़ा उत्पादक देश है। बाजरा- बाजरा खाद्यान्न तथा चारे दोनों के लिए उगाया जाता है। इसकी खेती गर्म तथा शुष्क जलवायु में जून से अक्टूबर के मध्य की जाती है। इसे 15 से 25° सेल्सियस तापमान तथा 40-60 सेमी. वर्षा हो तो यह सभी प्रकार की मिट्टी में बोई जा सकती है। राजस्थान देश के 42% बाजारा का उत्पादन करता है। जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, सीकर, गंगानगर, झुन्झनू, अलवर जयपुर तथा जालौर बाजरा उत्पादक मुख्य जिले हैं।

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर (More Questions Solved)

भारतीय कृषि बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

प्रश्न 1.
भारतीय कृषि को ऋतुओं के आधार पर कितने रूपों में बाँटा गया है?
(अ) दस
(ब) पाँच
(स) तीन
(द) चार

प्रश्न 2.
इसबगोल कौन-सी ऋतु की फसल है?
(अ) खरीफ
(ब) जायद
(स) रबी
(द) खरीफ तथा जायद

प्रश्न 3.
भारत में बाजरा उत्पादन का अग्रणी राज्य कौन-सा है?
(अ) मध्य प्रदेश
(ब) उत्तर प्रदेश
(स) राजस्थान
(द) हिमाचल प्रदेश

प्रश्न 4.
चने के बाद प्रमुख दलहन फसल कौन-सी है?
(अ) मोठ
(ब) उड़द
(स) मँग
(द) अरहर

प्रश्न 5.
भारत में सूती वस्त्र के प्रयोग संबंधी उल्लेख निम्न में से किसमें मिलता है?
(अ) रामचरितमानस
(ब) गीता तथा उपनिषदों
(स) अरण्यक।
(द) मनुस्मृति तथा ऋग्वेद

प्रश्न 6.
भारत में सर्वाधिक सरसों किस राज्य में उगाई जाती है?
(अ) उत्तर प्रदेश
(ब) मध्य प्रदेश
(स) राजस्थान
(द) पंजाब

उत्तर:
1. (स)
2. (स)
3. (स)
4. (द)
5. (द)
6. (स)

भारतीय कृषि अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
जायद फसलें कौन-सी होती हैं?
उत्तर:
इसमें मुख्य रूप से हरी सब्जियाँ एवं चारा फसलें होती हैं।

प्रश्न 2.
भारत में कौन-सा चावल सबसे अधिक मात्रा में उत्पन्न किया जाता है?
उत्तर:
भारत में सबसे अधिक अमन (मानसूनकालीन) चावल का उत्पादन किया जाता है।

प्रश्न 3.
भारत में मक्का कब और किसके द्वारा लाया गया था?
उत्तर:
भारत में मक्का 17वीं सदी में, पुर्तगालियों द्वारा लाया गया था।

प्रश्न 4.
मूंग उत्पादन में कौन-सा राज्य प्रथम स्थान पर है?
उत्तर:
मूंग उत्पादन में राजस्थान प्रथम स्थान पर है।

प्रश्न 5.
कौन-सा राज्य अरण्डी का उत्पादन सबसे अधिक करता है।
उत्तर:
गुजरात अरण्डी का उत्पादन सबसे अधिक करता है।

भारतीय कृषि लघूत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
भारत के प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों के नाम लिखिए।।
उत्तर:
भारत में चावल उत्पादक मुख्य राज्यों में प० बंगाल, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, बिहार, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश
आसाम, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र तथा पंजाब शामिल हैं।

प्रश्न 2.
राजस्थान के किन जिलों में मक्का उत्पादन किया जाता है?
उत्तर:
राजस्थान में मक्का उत्पादन-कोटा, बूंदी, बारा, झालावार, उदयपुर, डूंगरपुर, बाँसवाड़ा, चित्तौड़ आदि में किया जाता है।

प्रश्न 3.
कपास की माँग को पूरा करने के लिए किन देशों से इसका आयात किया जाता है?
उत्तर:
कपास की माँग को पूरा करने के लिए अमेरिका, सूडान, केन्या तथा मिश्र से आयात किया जाता है। इसमें अधिकांश लंबे महीन रेशे वाली कपास ही होती है।

प्रश्न 4.
भारतीय कृषि क्षेत्र किन औद्योगिक उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराता है?
उत्तर:
कृषि कार्य में प्रयोग होने वाले यंत्र; जैसे-ट्रैक्टर, जुताई, बुआई तथा कटाई उपकरण, कीटनाशक, उर्वरकों आदि के बाजार उपलब्ध कराता है।

भारतीय कृषि निबंधात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
उत्तरी भारत तथा दक्षिणी भारत के गन्ना उत्पादन में क्या अंतर है?
उत्तर:

  1. गन्ने के उत्पादन क्षेत्र की दृष्टि से उत्तरी भारत अग्रणी है जबकि उत्पादन की दृष्टि से दक्षिणी भारत अग्रणी है।
  2. दक्षिणी भारत की आर्द्र जलवायु गन्ने में रस के भाग को बढ़ाती है, जिस कारण उत्पादन अधिक होता है।
  3. भारत में गन्ना उत्पादक मुख्य राज्यों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश व गुजरात है।
  4. भारत का उत्तरी भाग, तथा दक्षिणी भाग में बुनियादी रूप से जलवायु भिन्नता पायी जाती है जो गन्ना उत्पादन को प्रभावित करती है।
  5.  राजस्थान में गन्ना उत्पादन उदयपुर, गंगानगर, भीलवाड़ा, चित्तौड़ व बूंदी में होता है।

प्रश्न 2.
भारतीय कृषि तथा कृषकों का विकास कैसे हो सकता है?
उत्तर:

  1. कृषि की मानसून पर निर्भरता तथा उसकी अनिश्चितता व अनियमितता से छुटकारा दिलाकर।
  2. बाढ़ तथा सूखे के निदान द्वारा।
  3. कृषि के प्राचीन स्वरूप व उत्पादन का जीवन निर्वाहन प्रयोजन में परिवर्तन द्वारा।
  4. कृषकों को शिक्षित तथा उनकी गरीबी दूर करने से।
  5. कृषकों को कर्ज मुक्त कर उनके विकास को संभव बना सकते हैं।

प्रश्न 3.
भारतीय कृषि के विविध रूपों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: भारत में कृषि को ऋतुओं के आधार पर तीन भागों में बाटाँ गया है

  1.  खरीफ फसल
  2. रबी फसल
  3. जायद फसल

(अ) खरीफ फसल- इस ऋतु की फसलें जून-जुलाई दक्षिण-पश्चिमी मानसून के साथ बोई जाती है तथा अक्टूबर-नवंबर में काटी जाती हैं। इनमें उष्ण कटिबंधीय फसलें सम्मिलित हैं; जैसे-चावल, कपास, मक्का, बाजरा, मूंगफली, मूंग, उड़द गन्ना, अरहर, सोयाबीन आदि प्रमुख हैं। अधिकांशतः ये फसलें मानसून से होने वाली वर्षा पर निर्भर होती हैं, परंतु वर्तमान में कुछ भागों में सिंचाई के द्वारा भी बुआई की जाती है ।

(ब) रबी फसल- ऐसी फसलें जो अक्टूबर-नवंबर में बोई जाती हैं तथा मार्च-अप्रैल में काटी जाती हैं। अतः इन फसलों को शीतोष्ण तथा उपोष्ण कटिबंधीय फसलें कहते हैं। ऐसी फसलों में गेहूँ, चना, जौ, तिलहन (अलसी, सरसों) जीरा, धनिया, अफीम, इसबगोल की फसलें प्रमुख हैं। इसमें अधिकांश फसलें सिंचाई के विविध स्रोतों से उत्पादित होती हैं।

(स) जायदे फसल- यह एक अल्पकालिक ग्रीष्मकालीन फसल ऋतु है। यह रबी की कटाई के बाद शुरू होता है। इसमें मुख्य रूप से हरी सब्जियाँ एवं चारा फसलें होती हैं, जिसको फरवरी-अप्रैल में बोया जाता है तथा जून-जुलाई में काटा जाता है। इसमें तरबूज, लौकी, ककड़ी, खीरा आदि की फसलें आती हैं।

प्रश्न 4.
भारत में कृषि विधियों के उपयोग के आधार रूप कौन-कौन से है वर्णन कीजिए।
उत्तर:

  1. खाद्यान्न फसलें-ऐसी फसलें जिनका उपयोग खाने या भोजन के रूप में किया जाता हो; जैसे-चावल, गेहूँ, मक्का, ज्वार, बाजरा, जौ व दालें इत्यादि प्रमुख हैं।
  2. व्यावसायिक या औद्योगिक फसलें-ऐसी फसलें जिनका उपयोग व्यावसायिक कार्यों के लिए या उद्योग में कच्चे माल के रूप में किया जाता हो। इन्हें मुद्रादायिनी फसलें कहा जाता है, इसमें गन्ना, कपास, जूट, तंबाकू तथा तिलहन आदि फसलें सम्मिलित की जाती हैं।
  3. बागानी फसलें-ऐसी फसलें जो विशाल बागानों में उत्पादित की जाती हों तथा पेय व औद्योगिक कार्यों में उपयोग में ली जाती हों; जैसे-चाय, काफी, रबड़, सिनकोना, गर्म मसाले इत्यादि। उद्यान फसलें-इसमें फल व सब्जियों को सम्मिलित किया जाता है।

प्रश्न 5.
भारत की प्रमुख खाद्यान्न फसलें कौन-कौन-सी हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
1. गेहूँ- उत्तरी भारत की प्रमुख रबी फसल जो भारत के समशीतोष्ण भागों में बोई जाती है। बोने के समय तापमान 10° सेल्सियस से 15° सेल्सियस तक तथा पकते समय 20-30° सेल्सियस तापमान उपयुक्त होता है तथा 50 से 75 सेंटीमीटर वर्षा तथा हल्की दोमट व चिकनी मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। भारत का 70 प्रतिशत गेहूँ उत्पादन पंजाब (21%), हरियाणा (6.17%) उत्तर प्रदेश (32.68%) तथा अन्य राज्यों में मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार में किया जाता है।

राजस्थान में गेहूं का उत्पादन गंगानगर, हनुमानगढ़, अलवर, भरतपुर, जयपुर, कोटा आदि में किया जाता है। भारत गेहूँ उत्पादन की दृष्टि विश्व में चीन व अमेरिका के बाद तीसरा बड़ा देश है। भारत में हरित क्रांति के प्रभाव से उत्पादन, उत्पादकता तथा उत्पादन क्षेत्र में वृद्धि के कारण आज देश खाद्यान्न क्षेत्र
में आत्मनिर्भर है।

2. चावल- चावल भारत की मुख्य खाद्यान्न फसलों में एक है। देश की जनसंख्या के बहुत बड़े भाग का यह प्रमुख भोजन है। यह फसल वर्षा ऋतु में देश के अधिकांश भागों में बोई जाती है। इस कारण यह खरीफ की मुख्य फसल हैं। इसकी खेती उन भागों में की जाती है जहाँ का तापमान 25° सेल्सियस से ऊपर हो तथा वार्षिक वर्षा 75 से 200 सेमी के मध्य होती हो। इस फसल के उत्पादन के लिए नदी घाटी क्षेत्रों की चिकनी, दोमट तथा कछारी मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। भारत में मौसम के अनुसार वर्ष भर में चावल की तीन फसलों अमन (मानसूनकालीन), ओस (शीतकालीन), बोरो (ग्रीष्मकालीन) को पैदा किया जाता है। यद्यपि देश को 86 प्रतिशत उत्पादन अमन अर्थात मानसून काल में होता है, इस कारण इसे खरीफ की फसलों की श्रेणी में रखा गया है।

देश में चावल के कुल उत्पादन का 90 प्रतिशत भाग पं. बंगाल (15.22%), आंध्र प्रदेश (14.3%), उत्तर प्रदेश (11.78%), उडीसा (9.2%), बिहार (8.0%), तमिलनाडु (8.2%) तथा अन्य राज्यों में मध्य प्रदेश (8. 1%) आसाम, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, पंजाब में किया जाता है। राजस्थान में चावल का उत्पादन गंगानगर, हनुमानगढ़, कोटा व बूंदी में सिंचाई के द्वारा अल्प मात्र में होता है। भारत चावल के उत्पादन की दृष्टि विश्व में चीन के बाद दूसरा बड़ा देश है। जो कि संसार के कुल उत्पादन का लगभग 22% है।

3. मक्का- यह खाद्यान्न फसल के साथ औद्योगिक फसल है, जो स्टार्च व ग्लूकोज निर्माण करने वाले उद्योगों को कच्चा माल प्रदान करती है तथा चारे तथा खाद्यान्न के रूप में भी उपयोग में ली जाती है। भारत में उत्पादित की जाने वाली चावल के बाद यह दूसरी प्रमुख खरीफ की फसल है, जिसे 17वीं सदी में पुर्तगालियों के द्वारा भारत में लाया गया था। मक्का की फसल के लिए 21° से 27° सेल्सियस तापमान तथा वर्षा 50 से 100 सेंटीमीटर तथा नाइट्रोजन युक्त गहरी मिट्टी जिसमें जल निकासी पर्याप्त मात्र में हो तो ऐसी दशा अच्छी मानी जाती है। देश में मक्का के कुल उत्पादन का 60 प्रतिशत भाग आंध्र प्रदेश (19.3%), कर्नाटक (16.78%), राजस्थान (10.34%), उत्तर प्रदेश (10%), गुजरात (7.0%) तथा मध्य प्रदेश पंजाब में किया जाता है शेष उत्पादन देश के अन्य राज्यों में किया जाता है।

राजस्थान में मक्का का उत्पादन कोटा, बूंदी, बारा, झालावाड, उदयपुर डुगरपुर बांसवाड़ा चित्तौड़, अजमेर तथा गंगानगर तथा हनुमानगढ़ में किया जाता है। भारत मक्का के उत्पादन की दृष्टि विश्व का दसवाँ बड़ा देश है। यह फसल कुल बोये क्षेत्र के केवल 3.6% भाग में बोई जाती है। अन्य मोटे अनाजों की अपेक्षा इसकी पैदावार अधिक होती है। परंतु इस फसल का उत्पादन माँग की तुलना में कम होने के कारण इसका निर्यात नही किया जाता है।

4. बाजरा- इस फसल को चारा तथा खाद्यान्न दोनों के लिए उत्पादित किया जाता है। बाजरा की खेती गर्म तथा शुष्क जलवायु में जून से अक्टूबर के मध्य की जाती है। यह खरीफ की फसल है, इसे 15°-25° सेल्सियस तापमान तथा वर्षा 40 से 60 सेंटीमीटर तथा हल्की मिट्टी जिसमें जल निकासी की उपयुक्त अवस्था में बोयी जाती है। हालाँकि यह सभी प्रकार की मिटटी में बोई जा सकती है। देश में कुल बाजरा के उत्पादन का, राजस्थान (42.%), महाराष्ट्र (20%), गुजरात (12.%), उत्तर प्रदेश (11%) उत्पादन किया जाता है।

शेष उत्पादन अन्य राज्यों में-आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश कर्नाटक पंजाब में किया जाता है। सूखा प्रतिरोधक किस्मों के आगमन से तथा गुजरात व हरियाणा में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार से इस फसल की पैदावार में वृद्धि हुई है। राजस्थान में बाजरा का उत्पादन जोधापुर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, सीकर, गंगानगर, झुंझुनू, अलवर, जयपुर तथा जालौर जिलों में किया जाता है भारत उत्पादन की दृष्टि से विश्व में प्रथम स्थान पर है।।

प्रश्न 6.
भारत की दलहन फसलों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत की प्रमुख दलहन फसलें ( दालें)- भारत की अधिकतर जनसंख्या शाकाहारी है। प्रचुर मात्रा में प्रोटीन के स्रोत होने के कारण दालें शाकाहारी भोजन के प्रमुख संघटक हैं क्योंकि ये फलीदार फसलें हैं, जो नाइट्रोजन योगीकरण के द्वारा मिट्टी की प्राकृतिक उर्वरकता बढ़ाती हैं। भारत दालों का प्रमुख उत्पादक देश है तथा विश्व की लगभग 20% दालें उत्पन्न करता है। भारत में दालें खरीफ तथा रबी दोनों मौसम में बोई जाती हैं। मूंग, मोठ, उड़द, अरहर आदि खरीफ के मौसम तथा मटर चना, मसूर आदि रबी के मौसम में उत्पादित की जाती हैं, भारत में दालों के उत्पादन में भी एक-तिहाई भाग चने की दाल का है। देश के कुल बोये क्षेत्र का लगभग 11% भाग दालों के आधीन है।

यह मुख्यत: उत्तरी भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, पं. बंगाल के मैदानी भागों में पैदा की जाती है राजस्थान में चना गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, के नहरी सिंचाई वाले भागों में उत्पादित की जाती है। अब देश के कुल बोये क्षेत्र के केवल 2.8% भाग पर ही चने की खेती की जाती है। चने के बाद दूसरी प्रमुख दलहन फसल अरहर है जो कि ज्वार, बाजरा व राई के साथ बोई जाती है। इस फसल का उत्पादन महाराष्ट्र (प्रथम), उत्तर प्रदेश (द्वितीय), कर्नाटक (तृतीय), बिहार, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश में किया जाता है। भारत के कुल बोए गए क्षेत्र के लगभग 2% भाग पर इसकी खेती की जाती है। इस फसल की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता कम तथा अनियमित है। उड़द तथा मूंग को ज्वार, बाजरा व कपास के साथ प्रायद्वीपीय भागों में बोया जाता है।

राजस्थान मूंग के उत्पादन में देश में प्रथम है। यहाँ पर मूंग का उत्पादन अर्द्ध शुष्क मरुस्थलीय भागों में जालोर, नागौर, जोधपुर व पाली में किया जाता है। इसी प्रकार राजस्थान में उड़द को हाड़ौती में कोटा, बून्दी, झालावाडे, तथा मेवाड़ में चित्तौड, उदयपुर, भीलवाड़ा, तथा दक्षिण राजस्थान में बासवाड़ा में बोया जाता है मसूर की दाल को रबी की फसलों के साथ पूर्वी राजस्थान में अलवर, भरतपुर, धौलपुर, में बोया जाता है।

प्रश्न 7.
भारत की प्रमुख मुद्रादायिनी फसलें कौन-कौन सी हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत की प्रमुख मुद्रादायिनी या वाणिज्यिक या नकदी फसलें भारत में कुल कृषि भूमि के एक-चौथाई भाग पर मुद्रादायिनी फसलों का उत्पादन किया जाता है। ये फसलें जहाँ किसानों की आय का साधन है वहीं उद्योगों को कच्चा माल भी प्रदान करती हैं। इन व्यावसायिक फसलों में गन्ना, कपास, तिलहन, जूट व तंबाकू प्रमुख हैं।

1. गन्ना- गन्ना भारतीय मूल का पौधा व बाँस वनस्पति का वंशज है। यह देश की व्यावसायिक फसलों में प्रथम स्थान रखता है और साथ-साथ गन्ना उत्पादन तथा उत्पादक क्षेत्र की दृष्टि से भी भारत विश्व में द्वितीय स्थान रखता है। भारत विश्व के 50 प्रतिशत गन्ने का उत्पादन करता है भारत में गन्ने का उत्पादन उष्ण कटिबंधीय भागों में किया जाता है। वर्षा पर निर्भर परिस्थितियों में यह केवल आर्द्र व उपार्द्र जलवायु वाले क्षेत्रों में बोई जा सकती है। गन्ने के उत्पादन के लिए 21° सेल्सियस से 27° सेल्सियस तापमान तथा 75 सेमी० से 100 सेमी वार्षिक वर्षा तथा नदी घाटी क्षेत्रों की नमी युक्त चिकनी दोमट तथा कछारी मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। गन्ने के उत्पादन क्षेत्र में सर्वाधिक उत्तरी भारत जबकि उत्पादन या पैदावार की दृष्टि से दक्षिणी भारत अग्रणी है।

क्योंकि दक्षिण भारत की आर्द्र जलवायु गन्ने में रस की मात्रा को बढ़ाती है, जिससे उत्पादन अधिक होता है। भारत में गन्ने के प्रमुख उत्पादक राज्यों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश व गुजरात प्रमुख हैं। राजस्थान में गन्ना उदयपुर, गंगानगर, भीलवाड़ा, चित्तौड़ व बूंदी में पैदा किया जाता है। देश के कुल शस्य क्षेत्र के 2.4% भाग पर ही इसकी कृषि की जाती है। भारत में गन्ने का उपयोग गुड़, चीनी व एल्कोहल बनाने के लिए किया जाता है।

2. कपास- भारत में सूती वस्त्र के प्रयोग के संबंध में उल्लेख मनुस्मृति तथा ऋग्वेद में मिलता है जो स्पष्ट करता है कि भारतीयों को कपास से सूती वस्त्र बनाने का ज्ञान प्राचीन समय से रहा है। कपास एक उष्णकटिबंधीय फसल है, जो देश के अर्ध-शुष्क भागों में बोई जाती है। देश की कुल कृषि भूमि के 6.7 प्रतिशत भाग पर कपास की फसल पैदा की जाती है। भारत में कपास खरीफ के मौसम में बोया जाता है। इस फसल के लिए तापमान 21° सेल्सियस से 25° सेल्सियस के मध्य तथा वर्षा 50 से 100 सेंटीमीटर तथा फसल पकते समय (फूल व फल) साफ आकाश चमकता सूर्य 210 पाले रहित दिन, गहरी तथा काली मिटटी व चूने व पोटाश की मात्रा वाली भूमि उपयुक्त मानी जाती है। भारत में कपास की तीन किस्में बोई जाती है

  •  लंबे व महीन रेशेवाली कपास (अमेरिकन कपास) जो कि कुल उत्पादन का 50 प्रतिशत है जिसका पंजाब, हरियाणा व राजस्थान में उत्पादन होता है इसे नरमा भी कहा जाता है।
  • मध्यम रेशेवाली कपास जो कि कुल उत्पादन का 40 प्रतिशत है, जिसका गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में उत्पादन होता है।
  •  छोटे रेशेवाली कपास जो कि कुल उत्पादन का 10 प्रतिशत है, जिसे देश के सभी राज्यों में अल्प मात्र में बोया जाता है। देश में कपास उत्पादन व उत्पादन क्षेत्र की दृष्टि से गुजरात प्रथम स्थान पर तथा महाराष्ट्र द्वितीय स्थान पर व तीसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश है। देश के समस्त बोए क्षेत्र के लगभग 4.7% क्षेत्र पर कपास बोई जाती है। कपास का उत्पादन माँग से कम होने के कारण भारत अमेरिका, सूडान, केनिया, तथा मिश्र से आयात करता है राजस्थान में कपास का उत्पादन गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, तथा कोटा, बूंदी, झालावाड़ में किया जाता है।

3. तिलहन- खाद्य तेल निकालने के लिए तिलहन की खेती की जाती है। भारत में विश्व के 10 प्रतिशत तिलहन का उत्पादन किया जाता है। तिलहन फसलें खरीफ तथा रबी दोनों मौसम में उत्पादित की जाती हैं। भारत में तिलहन की मुख्य फसलों के रूप में मूंगफली, सरसों, तिल, सूरजमुखी, अलसी, अरंडी, सोयाबीन है। मूंगफली तथा सरसों दोनों फसलें कुल तिलहन उत्पादन का 80 प्रतिशत भाग रखती है। मालवा पठार, मराठवाड़ा, गुजरात, राजस्थान के शुष्क भागों, तेलंगाना, रायलसीया क्षेत्र, प्रमुख तिलहन उत्पादक क्षेत्र हैं। तिलहन देश के कुल शस्य क्षेत्र के केवल 14% भाग पर ही बोए जाते हैं।

4. मूंगफली- यह ब्राजील मूल की फसल है। विश्व का लगभग 19 प्रतिशत भाग भारत में ही उत्पादित किया जाता है। यह मुख्यत: शुष्क प्रदेशों की वर्षा आधारित खरीफ फसल है लेकिन दक्षिण भारत में यह रबी ऋतु में बोई जाती है, तथा देश के कुल शस्य क्षेत्र के 3.6% क्षेत्र पर फैली है। देश की कुल तिलहन फसल का 45 प्रतिशत भाग मूंगफली से प्राप्त किया जाता है। देश में मूंगफली की 85 प्रतिशत पैदावार गुजरात (प्रथम), आंध्र प्रदेश (द्वितीय), तमिलनाडु (तृतीय), महाराष्ट्र (चतुर्थ) तथा कर्नाटक राज्यों में होती है। राजस्थान में चित्तौड़, सवाईमाधोपुर, भीलवाड़ा, जयपुर, गंगानगर, बीकानेर, हनुमानगढ़ तथा राजस्थान नहर के सिंचाई क्षेत्रों में उत्पादित की जाती है।

प्रश्न 8.
भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान विषय पर एक संक्षिप्त निबंध लिखिए।
उत्तर:
1. रोजगार का साधन- कृषि भारत में 55.6 प्रतिशत जनसंख्या का प्रत्यक्ष रूप से रोजगार का साधन है। कृषि सहायक कारकों; जैसे-पशुपालन, मत्स्यपालन, व वानिकी रोजगार के साथ उद्योगों का कच्चे माल की आपूर्ति करती है, जो कि अप्रत्यक्ष आजीविका का स्रोत है।

2. सकल घरेलू उत्पाद में सहायक- कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग है। भारत में सकल घरेलू उत्पाद में कृषि व सहायक कारकों का योगदान अधिक रहा है। 1951 में जो योगदान 1993-94 की कीमतों पर 55.11 प्रतिशत था वह 1990 में 44.26 प्रतिशत रह गया। वर्ष 2007-08 में 1999-2000 की कीमतों पर 17.8 प्रतिशत तथा 2015-16 में 2011-12 की कीमतों पर 15.35 प्रतिशत रह गया। इस कमी का कारण औद्योगिक विकास में द्वितीय व तृतीय क्षेत्रों में उत्तरोतर वृद्धि रहा है।

3. विदेशी व्यापार में योगदान- भारत वैश्विक कृषि उत्पादों के निर्यात में 2.07 प्रतिशत योगदान रखता है। भारत कृषि उत्पादों के निर्यात की दृष्टि से विश्व का दसवां बड़ा देश है। यह भारत के कुल निर्यात का चौथा बड़ा सेक्टर है। निर्यात के रूप में चाय, चीनी, तिलहन, तंबाकू, मसाले, ताजे फल व बासमती चावल आदि प्रमुख उत्पाद हैं। अन्य कृषि सामग्री; जैसे-जूट, कपड़े, मुर्गीपालन आदि उत्पाद भी इसमें सम्मिलित हैं, जबकि आयात में खाद्यान्न सम्मिलित किया जाता है।

4. उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति- भारतीय कृषि आधारित उद्योग जैसे कपड़ा उद्योग, चीनी उद्योग, वनस्पति तेल उद्योग, जूट उद्योग, रबड़ उद्योग तथा मसाला उद्योग को कच्चा माल कृषि फसलों से मिलता है।

5. औद्योगिक उत्पादों के लिए बाजार- भारत की 60 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, जो कि कृषि पर निर्भर है। कृषि से संबंधित यंत्र; जैसे-ट्रैक्टर, जुताई उपकरण तथा खाद व कीटनाशकों के लिए यह क्षेत्र एक गतिशील बाजार उपलब्ध कराता है। कृषि जहाँ भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार है वहीं रोजगार तथा आय सृजन का बड़ा साधन है परंतु कृषि की मानसून पर निर्भरता तथा उसकी अनिश्चितता व अनियमितता तथा बाढ़ व सूखे की विभिषिका के कारण उत्पादन कम होता है। यदि भारत में कृषि का विकास करना है तो हमें कृषि के प्राचीन स्वरूप व उत्पादन का जीवन निर्वाहन प्रयोजन में परिवर्तन करना होगा। कृषको में से अशिक्षा, गरीबी, तथा ऋणग्रस्तता को दूर करना होगा तभी भारतीय कृषि व कृषकों का विकास होगा।

We hope the given RBSE Solutions for Class 10 Social Science Chapter 9 भारतीय कृषि will help you. If you have any query regarding Rajasthan Board RBSE Class 10 Social Science Solutions Chapter 9 भारतीय कृषि, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

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