Rajasthan Board RBSE Class 11 Accountancy Chapter 5 तलपट एवं अशुद्धियों का सुधार
RBSE Class 11 Accountancy Chapter 5 पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
RBSE Class 11 Accountancy Chapter 5 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
तलपट ………….. है।
(अ) अन्तिम खाता
(ब) एक सूची
(स) सहायक बही
(द) एक खाता
उत्तर-
(ब) एक सूची
प्रश्न 2.
नरेश को चुकाये Rs 5,000 महेश के खाते में नाम कर दिये । यह अशुद्धि है।
(अ) भूल की
(ब) हिसाब की
(स) क्षतिपूरक
(द) सैद्धान्तिक
उत्तर-
(ब) हिसाब की
प्रश्न 3.
तलपट के दोनों पक्षों का योग बराबर नहीं आयेगा । यदि
(अ) उमा से प्राप्त राशि Rs 800 उशा के खाते में जमा कर दी।
(ब) भावना ने Rs 1,200 का माल लौटाया जिसा लेखा नहीं किया।
(स) भंवरलाल से कमीशन प्राप्त हुआ, जिसे कमीशन खाते में नाम कर दिया Rs 250
(द) फर्नीचर खरीदा Rs 3,700 जिससे क्रय खाते को नाम कर दिया
उत्तर-
(स) भंवरलाल से कमीशन प्राप्त हुआ, जिसे कमीशन खाते में नाम कर दिया Rs 250
प्रश्न 4.
तलपट का जमा पक्ष Rs 4,000 से अधिक शेष दर्शा रहा है। इसका कारण है।
(अ) सृष्टि से प्राप्त डूबत ऋण की राशि Rs 4,000 उसके व्यक्तिगत खाते में जमा कर दी
(ब) पुरानी मशीन विनोद को बेची Rs 8,000 जिसे विक्रय बही में लिख दिया
(स) ममता को माल बेचा Rs 1,000 पर लेखा करना भूल गये ।
(द) आनन्द को चुकाये Rs 2,000 आनन्द के खाते में जमा कर दिया
उत्तर-
(द) आनन्द को चुकाये Rs 2,000 आनन्द के खाते में जमा कर दिया
प्रश्न 5.
तलपट बनाने का मुख्य उद्देश्य है।
(अ) सहायक बहियों से की गई खतौनी की जाँच के लिये
(ब) लेखा पुस्तकों की गणितीय शुद्धता की जाँच के लिए।
(स) इसे दोहरा लेखा प्रणाली का हिस्सा बनाने के लिए।
(द) सभी खातों को एक स्थान पर लिखना।
उत्तर-
(ब) लेखा पुस्तकों की गणितीय शुद्धता की जाँच के लिए।
प्रश्न 6.
तलपट के दोनों पक्षों का योग समान नहीं आने पर अन्तर की राशि लिखी जाती है।
(अ) भूल-चूक खाते में
(ब) व्यापार खाते में
(स) लाभ-हानि खाते में
(द) किसी भी खाते में
उत्तर-
(अ) भूल-चूक खाते में
RBSE Class 11 Accountancy Chapter 5 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
तलपट किसे कहते हैं?
उत्तर-
तलपट खाताबही के सभी खातों के योग या शेषों की एक सूची है जिसके नाम व जमा पक्ष का योग समान आने पर यह माना जाता है कि खाते गणितीय रूप से शुद्ध हैं।
प्रश्न 2.
तलपट बनाने की कौन-सी विधियाँ हैं? नाम बताइये।
उत्तर-
तलपट बनाने की तीन विधियाँ हैं
- योग विधि
- शेष विधि
- योग एवं शेष विधि
प्रश्न 3.
उचन्ती खाते का अर्थ बताइये।
उत्तर-
जब तलपट के दोनों पक्षों का योग काफी प्रयास के बाद भी समान नहीं आता है तो उसके अन्तर की राशि जिस खाते में लिखी जाती है उसे उचन्ती खाता कहते हैं।
प्रश्न 4.
तलपट के नाम पक्ष का योग Rs 10,000 तथा जमा पक्ष का योग Rs 8,700 है, उचन्ती खाता बनाइये।
उत्तर-
Suspense A/c
प्रश्न 5.
तलपट को प्रभावित न करने वाली अशुद्धियों के नाम बताइये।।
उत्तर-
- भूल की अशुद्धि
- हिसाब की अशुद्धि
- सैद्धान्तिक अशुद्धि
- क्षतिपूरक अशुद्धि।
प्रश्न 6.
तलपट को प्रभावित करने वाली कोई दो अशुद्धियों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
उदाहरण-
- क्रय बही के पृष्ठ का योग Rs 6,300 था जिसे अगले पृष्ठ पर Rs 3,600 लिखा गया।
- देवेश को Rs 4,000 का माल बेचा इसकी खतौनी देदेश के खाते में तो हो गयी लेकिन विक्रय खाते में नहीं हो पाई।
प्रश्न 7.
क्या तलपट का मिलान इस बात का अकाट्य प्रमाण है कि लेखे गणितीय रूप से शुद्ध हैं ?
उत्तर-
नहीं, क्योंकि तलपट के मिल जाने पर भी ऐसी त्रुटियाँ बनी रहती हैं जो तलपट के मिलान को प्रभावित नहीं करती हैं।
प्रश्न 8.
तलपट बनाने से पूर्व पता लगा कि सुरभि से Rs 250 प्राप्त हुए थे, उसके खाते के नाम पक्ष में लिख दिया। सुधार कीजिए।
उत्तर-
Surbhi’s A/c
प्रश्न 9.
तलपट बनाने के पश्चात् ज्ञात हुआ कि इकबाल से Rs 1,500 का माल खरीदा था, जिसे क्रय खाते में Rs 500 तथा इकबाल के खाते में Rs 1,050 लिख दिया। सुथार की प्रविष्टि कीजिए।
उत्तर-
सुधार प्रविष्टि
Purchase A/c Dr. 1,000
To Iqbal’s A/c 450
To Suspense A/C 550
(Being under posted in purchase account and Iqbal’s account, now rectified)
प्रश्न 10.
क्षतिपूरक अशुद्धि का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
उदाहरण-गणेश को Rs 5,000 चुकाये पर उसके खाते में Rs 500 से खतौनी की तथा सुरेश को Rs 500 चुकाये पर उसके खाते के Rs 5,000 से नाम किया।
प्रश्न 11.
सैद्धान्तिक अशुद्धि का अर्थ बताइये।
उत्तर-
लेखांकन के सिद्धान्तों के लागू न करने के कारण होने वाली अशुद्धि सैद्धान्तिक अशुद्धि कहलाती है।
प्रश्न 12.
पक्ष के आधार पर अशुद्धियों के प्रकार बताइये।
उत्तर-
पक्ष के आधार पर अशुद्धियाँ दो प्रकार की होती हैं-
- एक पक्षीय अशुद्धियाँ,
- द्वि-पक्षीय अशुद्धियाँ ।
प्रश्न 13.
डेबिट शेष वाले दो वास्तविक खातों के नाम बताइये।
उत्तर-
- मशीनरी खाता,
- फर्नीचर खाता ।
प्रश्न 14.
क्रय वापसी बही का योग Rs 4,000 है, इसे क्रय वापसी के खाते के नाम पक्ष में Rs 400 से खता दिया। इस अशुद्धि से तलपट में अन्तर कितनी राशि से आयेगा तथा किस पक्ष को योग कम आयेगा?
उत्तर-
इस अशुद्धि से तलपट में 4,000 + 400 = Rs 4,400 से अन्तर आयेगा तथा जमा पक्ष का योग कम आयेगा।
RBSE Class 11 Accountancy Chapter 5 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
तलपट किसे कहते हैं? उसकी तीन विशेषताएँ बताइये।
उत्तर-
तलपट (Trial Balance) तलपट खाताबही के विभिन्न खातों के नाम तथा जमा योगों या खातों के शेषों की वह सूची है जो एक निश्चित तिथि पर खाताबही की गणितीय शुद्धता ज्ञात करने के उद्देश्य से बनायी जाती हैं। इसके दोनों पक्षों के योग के मिल जाने से यह प्रमाणित हो जाता है कि खतौनी ठीक प्रकार से की गयी है तथा अंकगणित सम्बन्धी कोई अशुद्धि नहीं हुई है। तलपट की तीन प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
- तलपट एक सूची या विवरण पत्र है।
- इसे खाताबही तथा रोकड़ बही की सहायता से बनाया जाता है।
- यह प्रारम्भिक लेखों की सहायता से खाताबही में की गई खतौनी की गणितीय शुद्धता की जाँच करता है।
प्रश्न 2.
तलपट बनाने के उद्देश्य संक्षेप में समझाइये।
उत्तर-
तलपट बनाने के उद्देश्य (Objects of Trial Balance)- तलपट बनाने के उद्देश्य निम्नलिखित हैं
- खातों की गणितीय शुद्धता की जाँच (Checking of Mathematical Accuracy of Accounts)तलपट के नाम व जमा पक्ष का योग समान होने पर यह मान लिया जाता है कि सभी व्यवहारों का दोहरा लेखा हो चुका है तथा खाते गणितीय रूप से
- खाताबही का सारांश (Summary of Ledger) खाताबही में सभी खातों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। लेकिन तलपट में खातों के शेष दिये होने से प्रत्येक खाते के बारे में वर्तमान स्थिति की जानकारी हो जाती है।
- अन्तिम खाते बनाने का आधार (Base of Preparing Final Accounts) तलपट अन्तिम खाते बनाने का आधार है क्योंकि इसी की सहायता से वर्ष के अन्त में व्यवसाय के लाभ-हानि खाते तथा आर्थिक चिट्ठा तैयार किये जाते हैं।
प्रश्न 3.
तलपट बनाने की योग विधि व शेष विथि को समझाइये।
उत्तर-
(i) योग विधि द्वारा तलपट बनाना (Preparing Trial Balance by Total Method)-इस विधि से तलपट तैयार करने के लिए सभी खातों का नाम तलपट में लिखा जाता है। खाताबही में खुले प्रत्येक खाते के दोनों पक्षों का योग अलग-अलग कर लिया जाता है। इसके बाद तलपट में जिस खाते का नाम लिखा जाता है उससे सम्बन्धित ऋणी (Debit) पक्ष की धनराशि के योग को तलपट के ऋणी (Debit) धनराशि के खाने में तथा धनी (Credit) पक्ष के योग को तलपट के धनी (Credit) धनराशि के खाने में लिखते हैं। इस प्रकार एक-एक करके सभी खातों के दोनों पक्षों के योगों को तलपट में लिखा जाता है । अन्त में ‘खातों के नाम वाले खाने में योग लिखकर तलपट के ऋणी एवं धनी धनराशि वाले खानों का अलग-अलग योग कर लिया जाता है। धनराशि के दोनों खानों का योग यदि समान होता है तो यह मान लिया जाता है कि खाताबही (Ledger) में गणित सम्बन्धी कोई अशुद्धि नहीं है।
(ii) शेष विधि द्वारा तलपट तैयार करना (Preparing Trial Balance by Balance Method)-इस विधि द्वारा तलपट बनाने के लिए सबसे पहले खाताबही में खुले प्रत्येक खाते का शेष निकाला जाता है। इसके लिए प्रत्येक खाते के दोनों पक्षों का अलग-अलग योग करके जिस पक्ष का योग अधिक होता है उसमें से जिस पक्ष का योग कम होता है उसे घटाकर शेष निकाला जाता है। इस प्रकार निकला शेष अधिक योग वाले पक्ष का माना जाता है। जैसे—माना कि किसी खाते का ऋणी (Debit) पक्ष का योग अधिक है तथा धनी (Credit) पक्ष का योग कम है तो निकला हुआ शेष ऋणी शेष (Debit Balance) माना जायेगा । इस प्रकार शेष निकालने के बाद तलपट में खाते का नाम लिखकर उसे खाते से सम्बन्धित शेष ऋणी है तो तलपट के ऋणी धनराशि वाले खाने में लिखते हैं और यदि शेष धनी है तो तलपट में धनी धनराशि वाले खाने में लिखते हैं। इस प्रकार सभी खातों का शेष लिखने के पश्चात् ‘खातों के नाम वाले खाने में योग लिखकर धनराशि के दोनों खानों का अलग-अलग योग कर लिया जाता है। यह योग यदि समान होता है तो यह माना जाता है कि खातों में गणित सम्बन्धी अशुद्धि नहीं है।
प्रश्न 4.
तलपट बनाते समय होने वाली अशुद्धियों का पता आप किस प्रकार लगायेंगे ?
उत्तर-
तलपट बनाते समय होने वाली अशुद्धियों का पता लगाने के लिए निम्नलिखित उपाय किये जाते हैं
- प्रारम्भिक लेखे की अशुद्धियों का पता लगाना-
(a) सहायक बहियों के योग को पुनः लगाना तथा यह सुनिश्चित करना कि अगले पृष्ठ पर योग ले जाने में त्रुटि तो नहीं हुई है।
(b) रोकड़ बही के सभी पृष्ठों के शेष को पुनः मिलाना तथा अगले पृष्ठों पर ले जायी गयी राशि सही है यह सुनिश्चित करना।
(c). यह सुनिश्चित करना कि सभी प्रारम्भिक लेखे लेखांकन सिद्धान्तों व नियमों के अनुसार किए गए हैं तथा उनमें भूल व सिद्धान्त की कोई अशुद्धि नहीं है। - खाता वही से सम्बन्थित अशुद्धियों का पता लगाना-
(a) यह सुनिश्चित करना कि नये वर्ष में पिछले वर्ष के शेष सही ले जाये गये हैं।
(b) यह सुनिश्चित करना कि सभी खातों के शेष सही निकाले गये हैं तथा Balance c/f व Balance b/f करने में कोई गलती नहीं की गई है।
(c) यह सुनिश्चित करना कि प्रारम्भिक लेखा बहियों में सभी खातों की खतौनी नियमानुसार कर दी गयी है।
(d) यह सुनिश्चित करना कि सभी खातों तथा रोकड़ बही के रोकड़ एवं बैंक कॉलम के शेष तलपट में लिख दिये गये हैं। - तलपट से सम्बन्धित अशुद्धियों का पता लगाना
(a) यह सुनिश्चित करना कि तलपट के अन्तर की राशि का कोई खाता लिखने से तो नहीं छूट गया है।
(b) किसी खाते का शेष तलपट में दो बार तो नहीं लिख दिया गया है यह देखना ।।
(c) पक्ष बदलने से अन्तर की राशि दो गुनी हो जाती है अतः अन्तर की राशि में 2 का भाग देकर यह देख लेना चाहिए कि कोई खाता गलत पक्ष में तो नहीं लिख दिया गया है।
(d) यदि फिर भी त्रुटि का पता न चले तो अन्तर की राशि में 9 का भाग देकर देखना चाहिए क्योंकि यदि अन्तर की राशि में 9 का भाग पूरा-पूरा चला जाए तो यह आशंका रहती है कि अंकों के उलटफेर की अशुद्धि हुई है। जैसे-363 के स्थान पर 336 लिखा जाना या 245 के स्थान पर 542 लिखा जाना या 500 के स्थान पर 50 लिखा जाना : दि इन सभी के अन्तर की राशि 9 से विभाजित है।
(e) यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि सभी देनदारों व लेनदारों के खाते सूची में शामिल कर लिए गये हैं तथा सूची का योग सही है।
प्रश्न 5.
एक पक्षीय व द्वि-पक्षीय अशुद्धि के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
एक पक्षीय अशुद्धि के उदाहरण
- कमीशन प्राप्त हुआ Rs 1,500 पर कमीशन खाते में खतौनी नहीं की गयी ।
- ब्याज का भुगतान किया Rs 300 पर ब्याज खाते में खतौनी नहीं की गयी।
द्वि-पक्षीय अशुद्धि के उदाहरण
- गणेश को माले बेचा Rs 3,000 पर इस व्यवहार का लेखा क्रय बही में कर दिया।
- रामलाल से माल खरीदा Rs 20,000 पर इस व्यवहार का लेखा विक्रय बही में कर दिया।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित खातों के शेष के आधार पर नाम व जमा को ध्यान में रखते हुये एक तालिका बनाइये।
उत्तर-
रोकड़ खाता, क्रय वापसी खाता, पूँजी खाता, आहरण खाता, क्रय खाती, विक्रय खता, देनदार का खाता, लेनदार का खाता, मशीनरी खाता, वेतन खाता, भवन खाता, बैंक ऋण खाती, विक्रय वापसी खाता, विनियोग खाता, बट्टा प्राप्य खाता, प्रारम्भिक रहतिया खाता, हंसा को ऋण खाती, अग्नि से माल नष्ट खाता ।
खातों का नाम | नाम/जमा |
रोकड़ खाता | नाम |
क्रय वापसी खाता | जमा |
पूँजी खाता। | जमा |
आहरणे खाता | नाम |
क्रय खाता | नाम |
विक्रय खाता | जमा |
देनदार खाता | नाम |
लेनदार खाता | जमा |
मशीनरी खाता | नाम |
वेतन खाता | नाम |
भवन खाता | नाम |
बैंक ऋण खाता | जमा |
विक्रय वापसी खाता | नाम |
विनियोग खाता | नाम |
बट्टा प्राप्य खाता | जमा |
प्रारम्भिक रहतिया खाता | नाम |
हंसा को ऋण खाता | नाम |
अग्नि से माल नष्ट खाता | नाम |
प्रश्न 7.
तलपट को प्रभावित नहीं करने वाली अशुद्धियों को संक्षेप में समझाइये।
उत्तर-
तलपट को प्रभावित न करने वाली अशुद्धियाँ निम्नलिखित हैं
- भूल की अशुद्धियाँ (Errors of Omission)-ये अशुद्धियाँ व्यवहार का प्रारम्भिक लेखा करने से भूल जाने अथवा खाताबही में खतौनी करने से भूल जाने के कारण होती हैं।
- हिसाब की अशुद्धियाँ (Errors of Commission) ये अशुद्धियाँ व्यवहार की गलत राशि लिखने या गलत खाते में लेकिन सही पक्ष में लेखा करने के कारण होती है। ये दो प्रकार की होती हैं
(a) व्यवहार की खतौनी गलत एवं समान राशि से करना ।।
(b) अन्य खाते के सही पक्ष में सही-राशि से खतौनी करना। - सैद्धान्तिक अशुद्धियाँ (Errors of principle) लेखांकन के सिद्धान्तों को लागू न करने वाली अशुद्धि सैद्धान्तिक अशुद्धि कहलाती है।
- क्षतिपूरक अशुद्धियाँ (Compensatory Errors) जब एक अशुद्धि का प्रभाव दूसरी अशुद्धि से स्वतः समाप्त हो जाता है तो ऐसी अशुद्धि क्षतिपूरक अशुद्धि कहलाती है।
प्रश्न 8.
तलपट को प्रभावित करने वाली कोई चार अशुद्धियों को उदाहरण द्वारा समझाइये।
उत्तर-
- सहायक पुस्तकों का योग लगाने में या अगले पृष्ठ पर ले जाने में अशुद्धि ।
उदाहरण- क्रय बही का योग Rs 6,100 के स्थान पर अगले पृष्ठ पर Rs 1,600 ले जाया गया। - रोकड़ बही में विपरीत प्रविष्टि पूर्ण न होना।
उदाहरण- बैंक में Rs 5,000 जमा किये, जिसका लेखा रोकड़ के कॉलम में हो गया लेकिन बैंक के कॉलम में नहीं हुआ। - व्यवहार के दोनों पक्षों में से एक पक्ष में गलत राशि लिखना।
उदाहरण- सुरेन्द्र को Rs 5,000 भुगतान किया लेकिन रोकड़ खाते में Rs 500 से खतौनी कर दी गयी । - तलपट में एक खाते का शेष दो बार लिखना।
उदाहरण- तलपट में विक्रय खाते का योग Rs 3,000 दो बार लिख दिया गया।
प्रश्न 9.
योग विधि से बनने वाले तलपट तथा शेष विधि से बनने वाले तलपट में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
योग विधि से बनने वाले तथा शेष विधि से बनने वाले तलपट में अन्तर
योग विधि से बनने वाला तलपट | शेष विधि से बनने वाला तलपट |
यह सभी खातों के दोनों पक्षों के योग से बनाया जाता है। | इसमें सभी खातों के शेषों की सूची बनाई जाती है। |
इसमें दोनों पक्षों के समान योग वाले खातों को भी लिखा जाता है। | इसमें शून्य शेष वाले खातों को नहीं लिखा जाता है। |
इसमें खाते के दोनों पक्षों का अन्तर नहीं निकाला जाता है। | इसमें खाते के दोनों पक्षों का योग करके तथा अधिक योग वाले पक्ष में से कम योग वाले पक्ष को घटाकर शेष निकाला जाता है । |
इससे अन्तिम खाते बनाने से पूर्व खातों के शेषों की गणना करनी पड़ती है। | इसमें अलग से खातों के शेष निकालने की आवश्यकता नहीं होती है। |
प्रश्न 10.
कारण सहित बताइये कि निम्न में से कौन-सी अशुद्धि तलपट को प्रभावित करेगी या प्रभावित नहीं करेगी ?
(A) श्याम से खरीदा माल Rs 2,800 का लेखा विक्रय बही में Rs 2,000 से कर दिया।
(B) रामलाल से प्राप्त 1,200 की खतौनी मोहनलाल के खाते में नाम कर दी।
(C) निजी उपयोग के लिए खरीदे फर्नीचर को फर्नीचर खाते में नाम किया Rs 4,300 ।
(D) रोकड़ बही केमा पक्ष से स्टेशनरी खाते की खतौनी करना भूल गये Rs 700।।
उत्तर-
(A) श्याम से खरीदे माल का लेखा क्रय बही में होना चाहिये जबकि उसे विक्रय बही में लिख दिया । अतः तलपट 2,800 + 2,000 = Rs 4,800 से प्रभावित होगा ।
(B) रामलाल से प्राप्त राशि को रामलाल के खाते के जमा पक्ष में लिखने के स्थान पर मोहनलाल के खाते के नाम पक्ष में लिख दिया अतः तलपट दो गुनी (1,200 + 1,200) = Rs 2,400 रकम से प्रभावित होगा।
(C) निजी उपयोग के लिए खरीदे गये फर्नीचर का लेखा आहरण खाते के नाम पक्ष में होना चाहिए था लेकिन फर्नीचर खाते के नाम पक्ष में कर दिया। इससे तलपट प्रभावित नहीं होगा। यह सैद्धान्तिक अशुद्धि है।
(D) स्टेशनरी खाते की खतौनी न होने से Rs 700 का अन्तर आ जायेगा । अतः तलपट प्रभावित होगा।
प्रश्न 11.
तलपट बनाने के पूर्व निम्नलिखित अशुद्धियों का पता लगा । आवश्यक सुधार कीजिये
- विक्रय बद्दी का योग Rs 2,200 से कम लगा।
- मशीन पर लगाया मूल्य ह्रास Rs 1,400 मूल्य हास खाते में Rs 400 से लिखा ।
- कविता को चुकाये Rs 3,200 उसके खाते में लिखना भूल गये ।
उत्तर-
1. विक्रय बही का योग कम लगने से विक्रय खाते के जमा पक्ष में Rs 2,200 कम खताये गये हैं। अतः अशुद्धि सुधार के लिए विक्रय खाते के जमा पक्ष में Rs 2,200 लिखेंगे।
2. मूल्य हास का लेखा 1,400 – 400 = Rs 1,000 से कम हुआ है अतः अब करना होगा।
3. कविता को चुकाये Rs 3,200 को उसके खाते में लेखा किया जायेगा ।
प्रश्न 12.
तलपट बनाने के बाद निम्नलिखित अशुद्धियों का पता लगा। सुधार की प्रविष्टियाँ दीजिये तथा उचन्ती खाता बनाइये।
- विक्रय वापसी वही का योग अगले पृष्ठ पर ले जाते समय Rs 6,500 के स्थान पर Rs 5,600 ले जाया गया।
- दिव्या का पुराना फर्नीचर Rs 1,250 में बेचा जिसका लेखा विक्रय बही में कर दिया।
- रोकड़ बही के नाम पक्ष के बड़े खाते का योग Rs 200 अधिक लगा दिया।
उत्तर-
In the Books of …….
Journal Entries (Rectification Entries)
प्रश्न 13.
तलपट बनाने के बाद निम्नलिखित अशुद्धियों का पता लगा। सुथार की प्रविष्टिय दीजिये।
- विशाल से माल खरीदा Rs 3,000 जिसका लेखा विक्रय बही में कर दिया।
- ऋषभ को लौटाये माल Rs 1,500 का लेखा विक्रय वापसी बही में किया।
- कीर्तिका को माल बेचा Rs 2,600 का लेखा क्रय वापसी पुस्तक में किया ।
- प्रियंका से फर्नीचर खरीदा Rs 1,200 का लेखा क्रय बही में कर दिया।
उत्तर-
In the Books of …….
Journal Entries (Rectification Entries)
प्रश्न 14.
तलपट बनाने से पूर्व लेखापाल को निम्न अशुद्धियों का पता लगा । इन अशुद्धियों को सीधे खातों में सुधार कीजिये
- मोहन से प्राप्त Rs 200 उसके खाते में नहीं लिखे गये।
- प्राप्त कमीशन Rs 120 को कमीशन खाते में Rs 420 से खताया गया ।
- क्रय वापसी पुस्तक का योग Rs 2,111 आगे ले गये और Rs 21 से लिखा गया ।
उत्तर-
प्रश्न 15.
तलपट बनाने के बाद ज्ञात हुई निम्नलिखित अशुद्धियों को सुधारने के लिए लिये आवश्यक जर्नल प्रविष्टियाँ दीजिये।
- उधार विक्रय के Rs 531 को विक्रय बही में Rs 351 से लिख दिया।
- विकास से प्राप्त Rs 320 का चैक बैंक ने अप्रतिष्ठित करके लौटा दिया । इसे विकास के बजाय बट्टा खाता में खता दियो ।
- Rs 15,400 में कम्प्यूटर बेचा जिसे विक्रय बही में लिख दिया गया।
उत्तर-
In the Books of ………….
Journal Entries (Rectification Entries)
RBSE Class 11 Accountancy Chapter 5 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
तलपट का मिलान न होने पर अशुद्धियों का पता लगाने के लिए आप कौन-कौन से कदम उठायेंगे ?
उतर-
तलपट का मिलान न होने पर अशुद्धियों का पता लगाना
यदि तलपट का मिलान नहीं हो रहा है तो निम्नलिखित तीन स्तरों पर अशुद्धियों की सम्भावना रहती है-
(i) प्रारम्भिक लेखे की अशुद्धियाँ ।
(ii) खाताबही से सम्बन्धित अशुद्धियाँ
(iii) तलपट से सम्बन्धित अशुद्धियाँ ।
हम इन तीनों प्रकार की अशुद्धियों का पता लगाने के लिए निम्नलिखित कदम उठायेंगे-
(i) प्रारम्भिक लेखे की अशुद्धियों का पता लगाना
(a) सहायक बहियों के योग को पुन: लगाना तथा यह सुनिश्चित करना कि अगले पृष्ठ पर योग ले जाने में त्रुटि तो नहीं हुई है।
(b) रोकड़ बही के सभी पृष्ठों के शेष को पुनः मिलाना तथा अगले पृष्ठों पर ले जायी गयी राशि सही है यह सुनिश्चित करना ।
(c) यह सुनिश्चित करना कि सभी प्रारम्भिक लेखे लेखांकन सिद्धान्तों व नियमों के अनुसार ही किये गये हैं तथा उनमें भूल व सिद्धान्त की कोई अशुद्धि नहीं है।
(ii) खाताबही से सम्बन्धित अशुद्धियों का पता लगाना
(a) यह सुनिश्चित करना कि नये वर्ष में पिछले वर्ष के शेष सही ले जाये गये हैं।
(b) यह सुनिश्चित करना कि सभी खातों के शेष सही निकाले गये हैं तथा Balance c/d व Balance b/d करने में कोई गलती नहीं की गई है।
(c) यह सुनिश्चित करना कि प्रारम्भिक लेखा बहियों में सभी खातों की खतौनी नियमानुसार कर दी गयी है।
(d) यह सुनिश्चित करना कि सभी खातों तथा रोकड़ बही के रोकड़ एवं बैंक कॉलम के शेष तलपट में लिख दिये गये हैं।
(iii) तलपट से सम्बन्धित अशुद्धियों का पता लगाना
(a) यह सुनिश्चित करना कि तलपट के अन्तर की राशि का कोई खाता लिखने से तो नहीं छूट गया है।
(b) किसी खाते का शेष तलपट में दो बार तो नहीं लिख दिया है यह देखना।
(c) पक्ष बदलने से अन्तर की राशि दो गुनी हो जाती है। अतः अन्तर की राशि में 2 का भाग देकर यह देख लेना चाहिए कि कोई खाता गलत पक्ष में तो नहीं लिख दिया गया है।
(d) यदि फिर भी त्रुटि न मिले तो अन्तर की राशि में 9 का भाग देकर देखना चाहिए क्योंकि यदि अन्तर की राशि में 9 का भाग पूरा-पूरा चला जाए तो यह आशंका रहती है कि अंकों के उलटफेर की अशुद्धि हुई है। जैसे-363 के स्थान पर 336 लिखा जाना,245 के स्थान पर 542 लिखा जाना,500 के स्थान पर 50 लिखा जाना आदि इन सभी के अन्तर की राशि 9 से विभाजित है।
(e) यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि सभी देनदारों व लेनदारों के खाते सूची में शामिल कर लिए गये हैं तथा सूची का योग सही है।
प्रश्न 2.
लेखांकन में अशुद्धि से क्या तात्पर्य है? वे कौन-कौन-सी अशुद्धिय हैं जो तलपट के मिलान को प्रभावित करती हैं ?
उत्तर-
लेखांकन में अशुद्धि का अर्थ (Meaning of Errors in Accounting)
भूलवश दोहरा लेखा प्रणाली के विभिन्न नियमों व सिद्धान्तों का पालन न करके लेखा पुस्तकों में लेखा करने पर होने वाली त्रुटि ही लेखांकन में अशुद्धि कहलाती है। अशुद्धियाँ दो प्रकार की होती हैं
- तलपट को प्रभावित न करने वाली अशुसिय, तथा
- तलपट को प्रभावित करने वाली अशुद्धियाँ ।
तलपट को प्रभावित करने वाली अशुद्धियाँ (Errors Affecting Trial Balance)
ये ऐसी अशुद्धियाँ होती हैं जिनके होने पर तलपट के दोनों पक्षों का योग समान नहीं आता है। ऐसी अशुद्धियों को दो भागों में बाँटा जा सकता है
(i) लेखा करने में अशुद्धियाँ (Errors in Accounting) इन्हें पुनः दो भागों में बाँटा जा सकता है
(a) प्रारम्भिक लेखा पुस्तकों में अशुद्धियाँ (Errors in the books of Original Entries)
- सहायक पुस्तकों का योग लगाने में अथवा योग को अगले पृष्ठ पर ले जाने में अशुद्धि ।।
- रोकड़ बही के रोकड़ व बैंक कॉलम का शेष निकालने या शेष को अगले पृष्ठ पर ले जाने में अशुद्धि ।
- रोकड़ बही में विपरीत प्रविष्टि पूर्ण न होने की अशुद्धि ।
(b) खाताबही से सम्बन्धित अशुद्धियाँ (Errors Relating to Ledger)
- किसी व्यवहार के किसी एक पक्ष की खतौनी न होना।
- व्यवहार के किसी एक पक्ष में गलत राशि लिखना।।
- व्यवहार के एक पक्ष में सही लेकिन दूसरे पक्ष के गलत पक्ष में खतौनी करना ।
- किसी एक पक्ष में भूलवश दो बार खतौनी करना ।
- खाते का प्रारम्भिक शेष न लिखना, शेष निकालने में त्रुटि करना या अगले पृष्ठ पर शेष ले जाने में गलती करना ।
(ii) तलपट से सम्बन्धित अशुद्धिय (Errors Relating to Trial Balance)
(a) किसी खाते का शेष तलपट में लिखने से छूट जाना।
(b) किसी एक खाते का शेष दो बार लिख देना।
(c) किसी खाते का शेष तलपट के गलत पक्ष में लिखना।
(d) तलपट में किसी खाते की गलत राशि लिखना ।
(e) गलती से अन्तिम स्टॉक को तलपट में लिखा जाना ।
प्रश्न 3.
तलपट को प्रभावित नहीं करने वाली अशुद्धियों को उदाहरण सहित समझाइये।
उत्तर-
तलपट को प्रभावित न करने वाली अशुद्धिय (Errors Not Affecting Trial Balance)
सामान्यतया तलपट के दोनों पक्षों का योग समान आ जाने पर हम यह मान लेते हैं कि खाते में कोई त्रुटि नहीं है व खाते गणितीय रूप से शुद्ध हैं लेकिन यह लेख की शुद्धता का अकाट्य प्रमाण नहीं है क्योंकि ऐसी अशुद्धियाँ जो तलपट के मिलान को प्रभावित नहीं करती हैं उनके रह जाने पर भी तलपट का मिलान हो जाता है। ऐसी अशुद्धियाँ निम्नलिखित हैं—
(i) भूल की अशुद्धियाँ (Erors of Omission)-
भूल की अशुद्धियाँ निम्नलिखित दो प्रकार की होती है
(a) व्यवहार का प्रारम्भिक लेखा न करना –
उदाहरण – देवप्रकाश को माल बेचा Rs 5,000 लेकिन इसका लेखा नहीं किया। इसका प्रभाव यह होगा कि देव प्रकाश के नाम पक्ष में Rs 5,000 नहीं लिखे तथा विक्रय खावे के जमा पक्ष में Rs 5,000 नहीं लिखे गये। अतः तलपट के दोनों पक्षों में Rs 5,000 कम पहुँचे लेकिन तलपट फिर भी मिल जायेगा।
(b) खातावही में खतौनी न करना –
यदि किसी व्यवहार का प्रारम्भिक लेखा तो ठीक प्रकार से हो गया है लेकिन खतौनी करना भूल गये हैं तो त्रुटि बनी रहेगी।
उदाहरण – दयाराम से माल खरीदा Rs 2,000 लेकिन खाताबही में लेखा नहीं हुआ। इसका प्रभाव यह होगा कि क्रय खाते के नाम पक्ष तथा दयाराम के खाते का जमा पक्ष दो-दो हजार से कम रहेंगे लेकिन इस त्रुटि के बने रहने पर भी तलपट मिल जायेगा।
(ii) हिसाब की अशुलियाँ (Errors of Commission)-
हिसाब की अशुद्धियाँ निम्नलिखित दो प्रकार की होती हैं-
(a) व्यवहार की खतौनी गलत लेकिन समान राशि से करना
उदाहरण – दीपक से माल खरीदा Rs 10,000 लेकिन खतौनी Rs 1,000 से की। इसका प्रभाव यह हुआ कि दोनों पक्षों में Rs 9,000 से कम खतौनी हुई। लेकिन इस त्रुटि के रहते हुए भी तलपट मिल जायेगा।
(b) अन्य खाते के सही पक्ष में सही राशि से खतौनी-
उदाहरण देवेश से Rs 1500 प्राप्त हुए लेकिन देवेन्द्र के खाते में जमा कर दिये । इस प्रविष्टि में देवेश के स्थान पर देवेन्द्र का खाती जमा हो गया लेकिन इस अशुद्धि के रहते हुए ही तलपट मिल जायेगा ।
(iii) सैद्धान्तिक अशुद्धियाँ (Erors of Principles)-
कभी-कभी बहीखाता के मूल सिद्धान्तों एवं नियमों का ज्ञान न होने के कारण गलत खाते में खतौनी हो जाती है अर्थात् पूँजीगत तथा आयगत व्ययों का लेखा करते समय लेखांकन के सिद्धान्तों का ध्यान नहीं रखा जाता है और गलत खाते में प्रविष्टि कर दी जाती है, तो इस प्रकार की अशुद्धियाँ सैद्धान्तिक अशुद्धियाँ कहलाती हैं। जैसे—मशीन की मरम्मत का व्यय मशीन खाते में डेबिट करना,मशीन खरीदने पर क्रय खाते को डेबिट करना आदि।
(iv) ऋतिपूरक अशुद्धियाँ (Compensatory Errors)-
कभी-कभी प्रारम्भिक लेखे की एक अशुद्धि का प्रभाव दूसरी अशुद्धि से स्वतः समाप्त हो जाता है, ऐसी अशुद्धियों को क्षतिपूरक अशुद्धियाँ कहते हैं। इनसे तलपट तो मिल जाता है लेकिन अशुद्धियाँ बनी रह जाती हैं। जैसे-सुरेश से माल खरीदने पर क्रय खाता Rs 1,000 के स्थान पर Rs 100 से डेबिट किया तथा दिनेश से माल खरीदने पर क्रय खाता Rs 100 के स्थान पर Rs 1,000 से डेबिट कर दिया। इस प्रकार पहली अशुद्धि दूसरी से समाप्त हो गई।
प्रश्न 4.
अशुद्धि सुधार की प्रथम व द्वितीय अवस्था को विस्तार से समझाइये।।
उत्तर-
अशुद्धि सुधार की अवस्थाएँ (Stages of Rectification of Errors)
लेखा पुस्तकों में हुई अशुद्धियों के सुधार की निम्नलिखित तीन अवस्थाएँ हैं
तलपट बनाने से पूर्व अशुद्धियों का सुधार।।
तलपट बनाने के पश्चात् लेकिन अन्तिम खाते बनाने से पूर्व अशुद्धियों का सुधार।
अन्तिम खाते बनाने के बाद अशुद्धियों को सुधार।
उपरोक्त में से प्रथम दो अवस्थाओं का विस्तार से वर्णन निम्न प्रकार है
तलपट बनाने से पूर्व अशुद्धियों को सुधार (Rectification of Errors before Preparing Trial Balance)
इस स्थिति में अशुद्धि सुधार के लिए निम्नलिखित विधि अपनाई जाती है
- सबसे पहले वे खाते बनाये जाते हैं जिनमें अशुद्धि हुई है तथा सुधार करना है।
- अशुद्धि वाले खाते में सबसे पहले अशुद्धि सुधार की खतौनी करेंगे।
- अशुद्धि वाले खाते में यदि अधिक राशि लिख दी है तो सुधार के लिए अन्तर की राशि उसी खाते के विपरीत पक्ष में लिखी जायेगी।
- जब अशुद्धि में खाते का पक्ष बदल जाता है तो सुधार की राशि दोगुनी हो जायेगी।
- अशुद्धि सुधार करते समय खाते में अशुद्धि का कारण भी लिखा जाता है।
तलपट बनाने के पश्चात् लेकिन अन्तिम खाते बनाने से पूर्व अशुद्धियों का सुधार
(Rectification of Errors after Preparing Trial Balance but before Preparing the final Account)
(A) तलपट को प्रभावित करने वाली अशुद्धियों का सुधार इस प्रकार की अशुद्धियों को सुधार करने के लिए उचन्ती खाते का प्रयोग किया जाता है । इनका सुधार निम्न प्रकार किया जाता है
1. सहायक बही के योग सम्बन्धी अशुद्धि का सुधार
- यह देखना अशुद्धि से कौन-सा खाता प्रभावित हुआ है तथा उसका नाम शेष है या जमा शेष ।
- यदि सहायक बही के योग की खतौनी होने से छूट गई है अथवा कम राशि से की गई है अथवा योग कम लग गया है या अगले पृष्ठ पर शेष कम ले जाया गया है तो सुधार के लिए कमी की राशि से डेबिट शेष वाले खाते को डेबिट तथा क्रेडिट शेष वाले खाते को क्रेडिट करेंगे।
- यदि सहायक बही में अधिक राशि से खतौनी कर दी गई है अथवा योग अधिक लग गया है या अगले पृष्ठ पर अधिक राशि ले जायी गयी है तो सुधार के लिए अतिरिक्त राशि से डेबिट शेष वाले खाते को क्रेडिट तथा क्रेडिट शेष वाले खाते को डेबिट करेंगे।
2. खाते में खतौनी सम्बन्धी अशुद्धि का सुधार
(i) व्यवहार के एक पक्ष की खतौनी न होना या कम राशि से होना–ऐसी स्थिति में सम्बन्धित खाते को कमी की राशि से नाम/जमा किया जाता है तथा दूसरे पक्ष में उचन्ती खाते का उपयोग किया जाता है, जैसे- Rs 2,000 ब्याज का भुगतान किया लेकिन ब्याज खाते में Rs 200 से खतौनी की गई। इसका प्रभाव यह होगा कि ब्याज खाते के नाम पक्ष का योग Rs 1,800 से कम हो जायेगा । अतः इसकी सुधार प्रविष्टि निम्न प्रकार होगी
Interest A/c Dr. 1,800
To Suspense A/C 1,800
(Being amount of interest under posted by Rs 1,800, now rectified)
(ii) सही खाते के गलत पक्ष में खतौनी ऐसी स्थिति में दो गुनी राशि का अन्तर हो जाता है। अतः सुधार प्रविष्टि दो गुनी राशि से की जाती है, जैसे–दीपक को Rs 2,000 चुकाये जिसे उसके खाते में जमा कर दिया । दीपक के खाते को नाम करने के स्थान पर जमा कर दिया अतः Rs 4,000 का अन्तर पड़ गया । अतः इसकी सुधार प्रविष्टि निम्न प्रकार होगी
Deepak’s A/c Dr. 4,000
To Suspense A/C 4,000
(Being deepak’s A/c wrongly credited instead of debit, now rectified)
(iii) गलत खाते के गलत पक्ष में खतौनी-ऐसी स्थिति में यह सोचा जाता है कि सही लेखा क्या होना था ? तथा गलत क्या हो गया ? अब ऐसी प्रविष्टि होगी जिससे गलती का प्रभाव समाप्त हो जाए तथा लेखा भी सही हो जाए। जैसे—प्रदीप से माल खरीदा Rs 3,000 लेकिन देवेश के खाते में Rs 300 जमा नाम कर दिए। इसके सुधार हेतु प्रदीप के खाते को Rs 3,000 से जमा तथा देवेश के खाते को भी गलती के प्रभाव को समाप्त करने के लिए Rs 300 से जमा करना होगा। अतः निम्न प्रकार प्रविष्टि होगी
Suspense A/C Dr. 3,300
To Pradeep’s A/c 3,000
To Devesh’s A/c . 300
(Being devesh’s account was wrongly debited instead of Pradeep’s account, now rectified)
B. तलपट को प्रभावित न करने वाली अशुद्धियों को सुधार
1. किसी व्यवहार को लेखा करने से छूट जाना—ऐसी स्थिति में जिस व्यवहार का लेखा नहीं किया गया है उसका लेखा कर देंगे, जैसे—गणेश से मशीनरी खरीदी Rs 2,000 लेकिन लेखा करना भूल गये । इसका लेखा निम्न प्रकार कर दिया जायेगा-
Machinery A/c Dr. 2,000
To Ganesh’s A/c
(Being machinery purchased from Ganesh but not entered, now rectified)
2. किसी व्यवहार का लेखा दोनों पक्षों में गलत पर समान राशि से करना-ऐसी स्थिति में गलती को सुधारते हुए लेखा किया जाता है, जैसे दीपिका से माल खरीदा Rs 5,200 जिसका लेखा Rs 2,500 से कर दिया। स्पष्ट है कि (5,200 – 2,500) = Rs 2,700 से कम लेखा हुआ है अतः सुधार प्रविष्टि निम्न प्रकार बनेगी
Purchase A/C Dr. 2,700
To Deepika’s A/c 2,700
(Being goods purchased by Deepika short entered by Rs 2,700 now corrected) ।
3. गलत खाते के सही पक्ष में सही राशि से लेखा-ऐसी स्थिति में जिस खाते में गलत लेखा कर दिया गया है उसके विपरीत पक्ष में भी उतनी ही रकम से लेखा किया जाता है तथा जिस खाते में लेखा होना चाहिए था उसमें कर दिया जाता है, जैसे—किरोड़ीमल को Rs 9,300 चुकाये इसकी खतौनी मीना लाल के खाते में कर दी। इसकी सुधार प्रविष्टि निम्न प्रकार होगी- Kirorimal’s Dr. 9,300
To Meenalal’s A/C 9,300
(Being amount paid to Kirorimal wrongly debited to Meenalal, now corrected)
4. गलत सहायक बही में लेखा करना इस स्थिति में अशुद्धि का सुधार करने के लिए सही प्रविष्टि की जायेगी तथा गलत प्रविष्टि को विपरीत प्रविष्टि करके समाप्त (Undo) कर दिया जायेगा, जैसे—प्रभात से Rs 2,000 का माल खरीदा जिसका लेखा विक्रय बही में कर दिया । प्रभात का खाता जमा करने के स्थान पर नाम कर दिया है। अतः अब उसे 2000 + 2,000 = Rs 4,000 से जमा करना होगा तथा विक्रय खाते को नाम करना होगा तथा क्रय खाता भी नाम होगा। इसे निम्न प्रकार समझा जा सकता है
RBSE Class 11 Accountancy Chapter 5 आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित खातों की सहायता से योग विधि और शेष विधि से तलपट बनाइये।
(Prepare Trial Balance with the help of following accounts by Total method and Balancing Method)
उत्तर:
1. Total Method-
2.Balance Method-
प्रश्न 2.
मोहम्मद यूनुस की पुस्तकों से लिये गये निम्नलिखित खातों के शेष से 31 मार्च 2017 को तलपट तैयार कीजिये।
(From the following account balances taken from the books of Mohammed Yunus, prepare Trial Balance as on 31st March, 2017)
रहतिया (Stock) (1,4,2015)- Rs 30,000, क्रय (Purchase)- Rs 57,500, विक्रय (Sales)- Rs 80,500, पूँजी । (Capital)- Rs 13,000, लेनदार (Creditors)- Rs 19,295, विक्रय वापसी (Sales Returns)- Rs 3,000, बैंक ऋण (Bank (Loan)- Rs 7,500, प्राप्य बिल (B/R)- Rs 1,000, क्रय वापसी (Purchase Return)- Rs 2,500, देनदार (Debitors)- Rs 12,500, मशीनरी (Machinery)- Rs 5,500, भवन (Building)- Rs 4,950, किराया चुकाया (Rent Paid)- Rs 1,500, बैंक ऋण पर ब्याज चुकाया (Paid on Person Bank Loan)- Rs 500, कमीशन प्राप्त हुआ (Commission Received)- Rs 1,855, डूबत ऋण (Bad Debts)- Rs 200, बैंक शेष (Bank Balance)- Rs 2,250, रोकड़ शेष (Cash Balance)- Rs 4,500, फर्नीचर (Furniture)- Rs 1,500, हिरण (Drawings)- Rs 1,000, देय बिल (B/P)- Rs 1,250, रहतिया (Stock) (31,3.2017)- Rs 20,000।
उत्तर:
Trial Balance (as on 31st March 2017)
अन्तिम रहतिया (Closing stock)- Rs 20,000
प्रश्न 3.
निम्नलिखित सूचनाओं से रमेशकुमार की पुस्तकों में 31 दिसम्बर, 2016 को तलपट तैयार कीजिये
(Prepare Trial Balance in the books of Ramesh Kumar as on 31st December, 2016 from the following informations)
उत्तर:
Trial Balance (as on 31st March 2016)
अन्तिम रहतिया (Closing Stock)- Rs 35,000
प्रश्न 4.
एक अनुभवहीन लेखापाल तेजपाल द्वारा बनाये गये अशुद्ध तलपट को सही बनाइये। (31 मार्च, 2017)
(Rectify the following Trial Balance prepared by an unexperienced accountant Tejpal) (31 Mar., 2017)
उत्तर:
Trial Balance (as on 31st March 2017)
प्रश्न 5.
तलपट बनाने के बाद ज्ञात हुई निम्न अशुद्धियों के सुधार की प्रविष्टिय दीजिये तथा उचन्ती खाता बनाइये।
Give rectifying entries for the following errors detected after the trial balance was prepared and prepare Suspense Account)
1. क्रय बही का योग Rs 2,000 से कम लगाया गया (The purchase book was undercast by Rs 2,000)
2. माँगीलाल से प्राप्त व्याज Rs 1,500 मोतीलाल के खाते में Rs 500 से जमा कर दिया
(Interest received from Mangilal Rs 1,500 was credited to the account of Motilal as Rs 500)
3. रामकिशन से Rs 3,000 का नकद क्रय का लेखा क्रय बही में कर दिया
(Cash purchase of Rs 3,000 from Ramkishan was entered in Purchase Book)
4. रोकड़ बही के प्राप्ति पक्ष का बट्टा स्तम्भ Rs 200 से कम जोड़ा गया
(The total of discount received column of Cash Book was undercat by Rs 200)
5. माल क्रय पर चुकाया गाड़ी भाड़ा Rs 600 को पुस्तकों में दर्ज नहीं किया गया
(Freight Rs 600 paid on purchase of goods was not recorded in the books)
6. स्टेशनरी के चुकाये Rs 700 से स्टेशनरी खाते के जमा पक्ष में लिख दिया।
(Paid for stationery Rs 700 was credited to stationery account)
उत्तर:
In the Books of ……..
Journal Entries (Rectifying Entries)
प्रश्न 6.
प्रश्न सं. 5 में यह मानते हुए अशुद्धि का सुधार कीजिये कि अशुद्धियों का पता तलपट बनाने के पूर्व हुआ है।
(Rectify the errors given in Q. No. 5 assuming that these errors were detected before trial balance. was prepared)
उत्तर:
प्रश्न 7.
एक तलपट के अन्तर को उचन्ती खाते में हस्तान्तरण करने के बाद निम्न अशुद्धियों का पता चला। इनके सुधार की प्रविष्टियाँ दीजिये तथा उचन्ती खाता बनाइये।
(Following errors were detected after transferring the difference of trial balance in suspense account)
1. पुरानी मशीन को Rs 2,500 में बेचा जिसका लेखा विक्रय पुस्तक में कर दिया गया
(An old machine was sold for Rs 2,500 which was entered in Sales Book)
2. क्रय वापसी बही का योग Rs 1,400 के स्थान पर Rs 4,100 आगे ले जाया गया
(The total of Purchase Return Book was carried forward as Rs 4,100 instead of Rs 1,400)
3. नरेश कोर 800 का भुगतान किया, पर इसे महेश के खाते में जमा कर दिया गया
(Paid Rs 800 to Naresh was credited to Mahesh’s account)
4. विक्रय बही का योग Rs 2,000 से अधिक लगा (The Sales Book was overcast by Rs 2,000)
5. मशीन पर लगाया गया मूल्य ह्रास Rs 1,000 मूल्य हासे खाते में Rs 1,100 लिखा
(Depreciation on machinery Rs 1,000 was written as Rs 1,100 in depreciation Account)
6. रोकड़ बही के नाम पक्ष से सुनील के Rs 500 की खतौनी उसके व्यक्तिगत खाते में नहीं की
(From the debit side of Cash Book, Sunil’s amount Rs 500 was not entered in pessonal account)
उत्तर:
Journal Proper
प्रश्न 8.
तलपट बनाने के पूर्व निम्न अशुद्धियों का पता लगाकर आवश्यक सुथार कीजिये।
(Following errors were detected before preparing trial balance, make necessary rectification)
1. पुष्पा को उधार विक्रय Rs 1,800 उसके व्यक्तिगत खाते में Rs 800 ही खताये गये
(A credit sales of Pushpa worth Rs 1,800 was postged as Rs 800 only in her personal account)
2. दीपक के खाते के नाम शेष के Rs 1,300 आगे ले जाते समय जमा पक्ष में Rs 130 लिख दिये।
(The debit balance of Rs 1,300 from Deepak’s account was carried forward as Rs 130 on credit side)
3. रोकड़ बही के जमा पक्ष के बड़े कॉलम में Rs 150 लिखना भूल गये ।
(An ommission of Rs 150 was made in discount column of credit side of Cash Book)
4. फर्नीचर क्रय पर चुकाया गया गाड़ी भाड़ा Rs 500 गाड़ी भाड़ा खाते में नाम कर दिया
(Carriage paid on purchase of furniture Rs 500 was debited to carriage account)
5. प्रवीण को Rs 2,700 का माल लौटाया, जिसका लेखा विक्रय बही में कर दिया।
(Goods returned to Praveen Rs 2,700 was passed through Sales Book)
Solution :
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