• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • RBSE Model Papers
    • RBSE Class 12th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 10th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 8th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 5th Board Model Papers 2022
  • RBSE Books
  • RBSE Solutions for Class 10
    • RBSE Solutions for Class 10 Maths
    • RBSE Solutions for Class 10 Science
    • RBSE Solutions for Class 10 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 10 English First Flight & Footprints without Feet
    • RBSE Solutions for Class 10 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 10 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 10 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 10 Physical Education
  • RBSE Solutions for Class 9
    • RBSE Solutions for Class 9 Maths
    • RBSE Solutions for Class 9 Science
    • RBSE Solutions for Class 9 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 9 English
    • RBSE Solutions for Class 9 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 9 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 9 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 9 Physical Education
    • RBSE Solutions for Class 9 Information Technology
  • RBSE Solutions for Class 8
    • RBSE Solutions for Class 8 Maths
    • RBSE Solutions for Class 8 Science
    • RBSE Solutions for Class 8 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 8 English
    • RBSE Solutions for Class 8 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 8 Sanskrit
    • RBSE Solutions

RBSE Solutions

Rajasthan Board Textbook Solutions for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

  • RBSE Solutions for Class 7
    • RBSE Solutions for Class 7 Maths
    • RBSE Solutions for Class 7 Science
    • RBSE Solutions for Class 7 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 7 English
    • RBSE Solutions for Class 7 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 6
    • RBSE Solutions for Class 6 Maths
    • RBSE Solutions for Class 6 Science
    • RBSE Solutions for Class 6 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 6 English
    • RBSE Solutions for Class 6 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 5
    • RBSE Solutions for Class 5 Maths
    • RBSE Solutions for Class 5 Environmental Studies
    • RBSE Solutions for Class 5 English
    • RBSE Solutions for Class 5 Hindi
  • RBSE Solutions Class 12
    • RBSE Solutions for Class 12 Maths
    • RBSE Solutions for Class 12 Physics
    • RBSE Solutions for Class 12 Chemistry
    • RBSE Solutions for Class 12 Biology
    • RBSE Solutions for Class 12 English
    • RBSE Solutions for Class 12 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit
  • RBSE Class 11

RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 18 तना-बाह्य आकारिकी

June 21, 2019 by Safia Leave a Comment

Rajasthan Board RBSE Class 11 Biology Chapter 18 तना-बाह्य आकारिकी

RBSE Class 11 Biology Chapter 18 पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

RBSE Class 11 Biology Chapter 18 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
तने में शाखाओं की उत्पत्ति होती है –
(क) अन्तर्जात
(ख) बहिर्जात
(ग) पर्ण से
(घ) मूलशीर्ष से

प्रश्न 2.
कुछ स्तम्भों पर मिलने वाली धागे सदृश्य संरचना है –
(क) शूल
(ख) प्रतान
(ग) पर्णाभपर्व
(घ) अंकुश

प्रश्न 3.
पर्णाभपर्व का उदाहरण है –
(क) नागफनी
(ख) शतावर
(ग) नींबू
(घ) पान

RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 18 तना-बाह्य आकारिकी

प्रश्न 4.
जलकुंभी उदाहरण है –
(क) भूस्तारी
(ख) अन्त: भूस्तारी
(ग) भूस्तारिका
(घ) उपरी भूस्तारी

प्रश्न 5.
नागफनी में प्रकाश संश्लेषी अंग है –
(क) तना
(ख) पत्ती
(ग) जड़
(घ) शूल

उत्तरमाला:
1. (ख), 2. (ख), 3. (ख), 4. (ग), 5. (क)

RBSE Class 11 Biology Chapter 18 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वृक्ष कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर:
वृक्ष के तने की प्रकृति के आधार पर चार प्रकार के होते हैं –
पुच्छी, आचूडाक्ष, लीनाक्ष तथा संघित।

प्रश्न 2.
दो ऐसे तनों के नाम बताइये जो खाने के काम आते हैं ?
उत्तर:
कंद (आलू) तथा शल्ककंद (प्याज)।

प्रश्न 3.
तनों के मुख्य स्वरूप बताइये।
उत्तर:
तने शाकीय व काष्ठीय होते हैं। काष्ठीय पादपों में क्षुप या झाड़ी तथा वृक्ष मिलते हैं। वृक्ष पुच्छी (Caudex), आचूडाक्ष (Excurrent), लीनाक्ष (Deliquescent) तथा संघित या कल्म (Culm) स्वरूपों के होते हैं।

RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 18 तना-बाह्य आकारिकी

RBSE Class 11 Biology Chapter 18 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
तने के कार्य लिखिये।
उत्तर:
तनों के मुख्य कार्य निम्न प्रकार से हैं –

  1. तना शाखाओं, पत्तियों, फूलों व फलों को धारित करते हैं।
  2. जल, खनिज लवणों एवं खाद्य पदार्थों के संवहन में सहायक होते हैं।
  3. विशेष परिस्थितियों में रूपान्तरित होकर भोजन संग्रहण, आरोहण एवं पादप सुरक्षा का कार्य भी करते हैं।
  4. पादप वृद्धि नियामकों का संश्लेषण करते हैं।

प्रश्न 2.
तना एवं मूल में अन्तर बताइये।
उतर:
तना या स्तम्भ व मूल में अन्तर –

तना यो स्तम्भ मूल
1. यह ऋणात्मक गुरुत्वानुवर्ती व धनात्मक प्रकाशानुवर्ती होता है। 1. यह धनात्मक गुरुत्वानुवर्ती व ऋणात्मक प्रकाशानुवर्ती होती है।
2. यह प्रांकुर से विकसित होता है। 2. यह मूलांकुर से विकसित होती है।
3. तरुण तना सामान्यतः हरे रंग का होता है। 3. यह सामान्यतः सफेद या भूरे रंग की होती है।
4. तने पर पर्व व पर्वसन्धियाँ उपस्थित होती हैं। 4. इनका अभाव होता है।
5. तने पर पार्श्व अंग शाखा, पत्ती, कलिका, पुष्प, फल आदि पाये जाते हैं। 5. पार्श्व मूल उपस्थित होती है।
6. शाखाओं की उत्पत्ति बहिर्जात (exogenous) होती है। 6. पार्श्व मूलों की उत्पत्ति अन्तर्जात (endogenous) होती है।
7. तने पर बहुकोशिकीय रोम पाए जाते हैं। 7. मूल रोम एककोशिकीय होते हैं।
8. प्ररोह शीर्ष (shoot apex) पर शीर्षस्थ कलिका (apical bud) होती है। 8. मूल शीर्ष मूल गोप (root cap) द्वारा ढका होता है।

RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 18 तना-बाह्य आकारिकी

प्रश्न 3.
पर्णाभ स्तम्भ व पर्णाभ पर्व में क्या अन्तर है ?
उतर:
पर्णाभ स्तम्भ व पर्णाभ पर्व (Phylloclade and Cladode) में अन्तर –

पर्णाभ स्तम्भ पर्णाभ पर्व
1. इसमें अनेक पर्व व पर्व सन्धियाँ होती हैं। 1. इसमें केवल एक पर्व होता है।
2. यह चपटा या गोलाकार पर्ण जैसा होता है। 2. ये भी पर्ण जैसे होते हैं।
3. यह प्रकाश-संश्लेषण का कार्य करता है तथा पत्तियाँ रूपान्तरित होकर छोटे कांटों के रूप में होती हैं।
उदाहरण – नागफनी, रसकस।
3. यह भी प्रकाश-संश्लेषण करती है परन्तु इस पर अन्य रचनायें नहीं होती हैं।
उदाहरण – शतावर।

RBSE Class 11 Biology Chapter 18 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
तने के वायव रूपान्तरणों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
वायवीय रूपान्तरण (Aerial modification):
ये निम्न प्रकार के होते हैं –

  1. स्तम्भीय प्रतान (Stem tendril): जब शाखा बनाने वाली कलिका एक कुण्डलित तन्तु बना लेती है तथा आरोहण में सहायता करती है। उदा – पेसन फ्लावर (Passion flower)।
  2. स्तम्भ कंटक (Stem thorns): पत्तियों के कक्ष या स्तम्भ शीर्ष पर उपस्थित कलिकाएँ कठोर, सीधी नुकीली संरचनाएँ बनाती हैं, जिन्हें कंटक कहते हैं। उदा – करौंदा, बोगेनविलिया।
  3. स्तम्भ तीक्ष्णवर्ध एवं अंकुश (Stem prickles and hooks): ये हुक (hook) के समान मुड़ी हुई नुकीली संरचनाएँ होती हैं। स्तम्भ कंटक का विकास अन्तर्जात होता है किन्तु इनका बहिर्जात होता है। उदा – गुलाब एवं स्माइलैक्स (Smilax)।
  4. पर्णाभ स्तम्भ (Phylloclade): इन पौधों के तने मांसल, हरे, चपटे होकर पत्ती जैसे हो जाते हैं। ये प्रकाश-संश्लेषण करते हैं। इनकी पत्तियाँ शूलों में रूपान्तरित हो जाती हैं। इसमें अनेक चपटे पर्ण होते हैं। उदा – नागफनी (Opuntia), कोकोलोबा (Cocoloba) तथा एपीफिल्लम (Epiphyllum)।
  5. पर्णाभ पर्व (Cladode): एक पर्ण वाला पर्णाभ स्तम्भ पर्णाभ पर्ण कहलाता है। उदा – शतावर (Asparagus)।
    RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 18 तना-बाह्य आकारिकी img-1
  6. पत्र प्रकलिका (Bulbil): इसमें कायिक कलिका अथवा पुष्प कलिका भोजन संग्रह कर फूल जाती है। यह पृथक् होकर नया पौधा बनाती है तथा कायिक जनन में सहायता करती है। उदा – धींकवार या ग्वारपाठा (Aloe), अगेव (Agave)।

RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 18 तना-बाह्य आकारिकी

प्रश्न 2.
तने के दो वायव व दो अर्द्धवायव उदाहरणों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
वायवीय रूपान्तरण (Aerial modification):
ये निम्न प्रकार के होते हैं –

  1. स्तम्भीय प्रतान (Stem tendril): जब शाखा बनाने वाली कलिका एक कुण्डलित तन्तु बना लेती है तथा आरोहण में सहायता करती है। उदा – पेसन फ्लावर (Passion flower)।
  2. स्तम्भ कंटक (Stem thorns): पत्तियों के कक्ष या स्तम्भ शीर्ष पर उपस्थित कलिकाएँ कठोर, सीधी नुकीली संरचनाएँ बनाती हैं, जिन्हें कंटक कहते हैं। उदा – करौंदा, बोगेनविलिया।
  3. स्तम्भ तीक्ष्णवर्ध एवं अंकुश (Stem prickles and hooks): ये हुक (hook) के समान मुड़ी हुई नुकीली संरचनाएँ होती हैं। स्तम्भ कंटक का विकास अन्तर्जात होता है किन्तु इनका बहिर्जात होता है। उदा – गुलाब एवं स्माइलैक्स (Smilax)।
  4. पर्णाभ स्तम्भ (Phylloclade): इन पौधों के तने मांसल, हरे, चपटे होकर पत्ती जैसे हो जाते हैं। ये प्रकाश-संश्लेषण करते हैं। इनकी पत्तियाँ शूलों में रूपान्तरित हो जाती हैं। इसमें अनेक चपटे पर्ण होते हैं। उदा – नागफनी (Opuntia), कोकोलोबा (Cocoloba) तथा एपीफिल्लम (Epiphyllum)।
  5. पर्णाभ पर्व (Cladode): एक पर्ण वाला पर्णाभ स्तम्भ पर्णाभ पर्ण कहलाता है। उदा – शतावर (Asparagus)।
    RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 18 तना-बाह्य आकारिकी img-2
  6. पत्र प्रकलिका (Bulbil): इसमें कायिक कलिका अथवा पुष्प कलिका भोजन संग्रह कर फूल जाती है। यह पृथक् होकर नया पौधा बनाती है तथा कायिक जनन में सहायता करती है। उदा. धींकवार या ग्वारपाठा (Aloe), अगेव (Agave)।

अर्द्धवायवीय अथवा भूपृष्ठीय रूपान्तरण (Sub-aerial modifications):
इन तनों की पाश्र्व शाखाएँ भूमि के समानान्तर नीचे या ऊपर विकसित होती हैं। ये निम्न प्रकार के होते हैं –

  1. उपरिभूस्तारी या भू-प्रसारी (Runner): ये भूमि पर रेंगते हुए बढ़ते हैं। पर्व लम्बे तथा पर्वसन्धियों से नीचे की ओर जड़े व ऊपर की ओर शाखाएँ निकलती हैं। इन पर शल्क पर्ण (scaly leaves) भी होती हैं। उदा – ऑक्जेलिस (Oxalis), मार्सीलिया (Marsilea)। इनकी शाखाएँ पृथक् होकर नए पौधे बनाती हैं।
  2. भूस्तारी या विरोहक (Stolon): मुख्य तने के आधारीय भाग से शाखाएँ निकलकर भूमि के अन्दर या बाहर समानान्तर बढ़ती हैं। ये शाखाएँ अन्त में भूमि को छूकर नये पौधों का निर्माण करती हैं। उदा – कचालू (Colocasia), ड्रेसिना (Dracaena)।
    RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 18 तना-बाह्य आकारिकी img-3
  3. भूस्तारिका (Ofset): सामान्यत: जलीय पौधों में मिलते हैं। ये उपरिभूस्तारी जैसे होते हैं परन्तु इनमें शाखाएँ छोटी, मोटी व एक पर्व वाली होती हैं। उदा – पिस्टिआ (Pistia), जलकुम्भी।
  4. अन्तः भूस्तारी (Sucker): मुख्य तने के निचले भाग से शाखाएँ निकलकर भूमि के अन्दर कुछ दूरी तक बढ़ने के बाद वापस बाहर निकल आती हैं। पर्वसन्धि पर नये पौधों का जन्म होता है। उदा – पोदीना।

RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 18 तना-बाह्य आकारिकी

प्रश्न 3.
विभिन्न प्रकार के दुर्बल तनों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
दुर्बल तने (Weak stem): दुर्बल तने जो सीधे खड़े रहने में असमर्थ होते हैं, ये निम्न प्रकार के होते हैं –

(i) तलसर्प (Trailing): दुर्बल तने जो भूमि पर फैलते हैं तथा इनकी पर्वसन्धियों से मूल का निर्माण नहीं होता, ये भी निम्न प्रकार के होते हैं –

  • शयान (Prostrate or procumbent): तलसर्पा तना जो भूमि पर पड़ा रहकर चारों ओर फैलता है। परन्तु शाखाओं के शीर्ष उठे हुये नहीं होते हैं, उदाहरण – शंखपुष्पी।
  • उर्वशीर्षी (Decumbent): तलसर्प तना जो भूमि पर पड़ा रहता है परन्तु इनका शीर्ष भूमि से ऊपर उठा रहता है,   उदाहरण – पोर्चुलाका (Portulaca)।
    RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 18 तना-बाह्य आकारिकी img-4
  • विसरित (Diffuse): शाखायें भूमि पर फैली रहती हैं परन्तु इसमें अनेक शाखायें होती हैं जो चारों तरफ फैलती हैं। उदाहरण – कोरोनोपस (CoronopuS)।

(ii) विसप (Creeping): तना दुर्बल व धरती पर रेंगता हुआ होता है तथा पर्वसंधियों से मूल का विकास होता है। ये विभिन्न प्रकार के जैसे उपरिभूसारी (runner), भूस्तारी (stolon), भूस्तारिका (offset) तथा अंत:भूस्तारी (sucker) प्रकार के होते हैं। इनका वर्णन तने के अधः वायवीय रूपान्तर में दिया गया है।

(iii) आरोही (Climbers): दुर्बल तने जो किसी सहारे या अन्य पादप पर विशेष संरचनाओं की सहायता से आरोहण करते हैं। आरोहण अंग की उपस्थिति व प्रकार के आधार पर आरोही पादप निम्न प्रकार के होते हैं –

(a) मूल आरोही (Rootclimber): लताओं के तने की पर्वसंधियों से अपस्थानिक मूल निकलती है, इन जड़ों के सिरों से चिपकने वाला पदार्थ स्रावित होता है, जो इन्हें आधार से चिपकाने में सहायक होता है। अतः मूलों की सहायता से लताओं में आरोहण होता है, उदाहरण – पोथोस (Pothos), पान, आइवी।
RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 18 तना-बाह्य आकारिकी img-5
(b) प्रतान आरोही (Tendril climber): कुछ पौधों के तने तथा शाखाओं से कोमल, पतली, बेलनाकार, धागे सदृश्य संरचनायें बनती हैं, जिन्हें प्रतान कहते हैं। प्रतान स्पर्श के प्रति संवेदनशील होते हैं। जैसे ही प्रतान किसी आधार से सम्पर्क में आता। है त्योंही यह कुण्डलित होकर आरोहण में सहायक होता है। तना, शाखा, पर्ण, कायिक व पुष्प कलिका अर्थात् पादप का कोई भी भाग प्रतान में रूपान्तरित हो सकता है।

स्माइलेक्स में दोनों अनुपर्ण, ग्लोरीओसा में पर्णफलक का शिखाग्र, जंगली मटर में सम्पूर्ण पर्ण तथा देशी मटर में पिच्छाकार संयुक्त पर्ण के ऊपर वाले 3 – 5 पर्णक, एन्टिगोनम में पुष्प कलिका व पेसीफ्लोरा एवं अंगूर में कायिक कलिकायें प्रतान में रूपान्तरित होकर आरोहण में सहायक होती हैं। क्लिमेटिस में लम्बे पर्णवृत्त प्रतान की जैसे बनकर आरोहण में सहायता करते हैं।
RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 18 तना-बाह्य आकारिकी img-6
(c) अंकुश आरोही (Hook climbers): कुछ आरोही पादपों से तने पर कठोर, नुकीले, नीचे की ओर मुड़े हुए अंकुश के समान शूल। व कंटक मिलते हैं। अंकुश आस-पास के पादपों में उलझकर आरोहण में सहायता करते हैं। बिगोनिया में अन्तिम तीन पर्ण पत्रक अंकुश बनाते हैं, कंटीली चम्पा, बोगेनविलिया व गुलाब में भी कंटक मुड़कर हुक जैसी रचना बनाते हैं। शतावर (Asparagus) में पूर्णशूल (spines), बेंत (Calamus) में पर्णाच्छद (leaf sheath) एक लम्बे वृंत के समान जिस पर अनेक अंकुशिकाएँ (hooklets) या तीक्ष्णवर्ध मिलते हैं जो आरोहण में सहायक होते हैं।
RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 18 तना-बाह्य आकारिकी img-7
(d) वल्लरियाँ (Twiners): कुछ आरोही पौधों में विशेष अंग न होकर इनके तने। कोमल व पतले होते हैं। ऐसे तने आधार के सम्पर्क में आते ही चारों ओर लिपटकर आरोहण में सहायक होते हैं, उदाहरण रेल्वे क्रीपर (Iponned palmata), सेम (Dolichos lablab)।
RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 18 तना-बाह्य आकारिकी img-8
(e) कंठलतायें (Lianas): इनका तना मोटा, काष्ठीय व कठोर होता है, पौधे बहुवर्षीय होते हैं। प्रायः ये तने जंगलों में पाये जाते हैं। कंठलतायें अन्य लम्बे वृक्षों के तनों के सहारे ऊपर प्रकाश की प्राप्ति हेतु वृद्धि करते हैं, उदाहरण फाईकस (Ficus) की कुछ जातियाँ, बाहिनिआ वाहिलाई (Baultinia vahlii)।

RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 18 तना-बाह्य आकारिकी

प्रश्न 4.
तने के कार्य व लक्षणों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
तने के सामान्य लक्षण:

  1. तना ऋणात्मक गुरुत्वानुवर्ती (negatively geotropic) एवं धनात्मक प्रकाशानुवर्ती (positively phototropic) होता है।
  2. तरुण तना प्रायः हरे रंग का होता है परन्तु बाद में यह काष्ठीय तथा गहरे भूरे रंग का हो जाता है।
  3. तने पर पर्व व पर्वसन्धियाँ पाई जाती हैं।
  4. तने पर सामान्यतः पाश्र्व अंग जैसे कलिकाएँ व पुष्प लगे रहते हैं।
  5. ये सब मिलकर प्ररोह तन्त्र (shoot system) को निर्माण करते हैं।
  6. तने पर पाश्र्व अंगों की उत्पत्ति बहिर्जात (exogenous) होती है।
  7. तने पर उपस्थित रोम बहुकोशिक होते हैं।

तने का मुख्य कार्य शाखाओं को फैलाना, पत्ती, पुष्प तथा फल को सम्भाले रखना है। यह जल, खनिज लवण तथा प्रकाश-संश्लेषी पदार्थों का संवहन करता है। कुछ तने भोजन संग्रह करने, सहारा तथा सुरक्षा देने और कायिक प्रवर्धन करने के कार्य सम्पन्न करते हैं।
RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 18 तना-बाह्य आकारिकी img-9
तने के कार्य:

  1. यह शाखाओं, पत्तियों, पुष्प एवं फलों को धारण करता है। यह इन्हें अवलम्ब प्रदान करता है।
  2. यह जलं, खनिज लवण एवं तैयार खाद्य पदार्थों के संवहन में सहायक होता है।
  3. विशेष परिस्थितियों में रूपान्तरित होकर विभिन्न कार्य जैसे जल व खाद्य पदार्थों का संग्रह, प्रजनन, आरोहण, आत्मरक्षा इत्यादि कार्य भी करता है।

RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 18 तना-बाह्य आकारिकी

प्रश्न 5.
विभिन्न प्रकार के भूमिगत रूपान्तरित तनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भूमिगत रूपान्तरण (Underground modifications):
ये तने भूमि के अन्दर रहते हैं तथा इनका प्रमुख कार्य भोजन संग्रह तथा चिरकालिता (perenation) होता है। ये पर्णहरित रहित होते हैं व मूल जैसे दिखाई देते हैं। इन्हें पर्व, पर्वसन्धियाँ, शल्कपर्णो तथा कक्षस्थ एवं अंतस्थ कलिकाओं की उपस्थिति के द्वारा पहचाना जा सकता है। ये निम्न प्रकार के होते हैं –

  1. प्रकन्द (Rhizome): यह मोटा, गूदेदार, अनियमित आकार का होता है व क्षैतिज तल के समानान्तर बढ़ता है। पर्व, पर्वसन्धियाँ स्पष्ट, शल्क पर्यों, कक्षस्थ कलिकाओं आदि की उपस्थिति इसके लक्षण हैं। अनुकूल परिस्थितियों में कक्षस्थ कलिकाएँ नये पादप बनाती हैं। उदा – अदरक, हल्दी इत्यादि।
  2. कंद (Tuber): भूमिगत शाखाओं के सिरे फूल जाने से बनते हैं। इन पर गड्ढों में कलिकाएँ होती हैं जिन्हें आँखें (eyes) कहते हैं। उदा – आलू।
    RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 18 तना-बाह्य आकारिकी img-10
  3. घनकन्द (Corm): यह मुख्य तने के आधारीय भाग के फूलने से बनता है। उदा – केसर (Crocus), जमीकंद (Cladiolus)।
  4. शल्ककंद (Bulb): इसमें तना अत्यन्त छोटा और शल्कपर्णो से ढका होता है। भोजन इन्हीं शल्कपत्रों में एकत्रित रहता है। तने के निचले भाग से अपस्थानिक जड़े निकलती हैं। उदा – प्याज, लहसुन।

RBSE Solutions for Class 11 Biology

Share this:

  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)

Related

Filed Under: Class 11 Tagged With: RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 18, RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 18 तना-बाह्य आकारिकी

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Recent Posts

  • RBSE Solutions for Class 7 Our Rajasthan in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 6 Our Rajasthan in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 7 Maths Chapter 15 Comparison of Quantities In Text Exercise
  • RBSE Solutions for Class 6 Maths Chapter 6 Decimal Numbers Additional Questions
  • RBSE Solutions for Class 11 Psychology in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 11 Geography in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 Hindi
  • RBSE Solutions for Class 3 English Let’s Learn English
  • RBSE Solutions for Class 3 EVS पर्यावरण अध्ययन अपना परिवेश in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 Maths in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 in Hindi Medium & English Medium

Footer

RBSE Solutions for Class 12
RBSE Solutions for Class 11
RBSE Solutions for Class 10
RBSE Solutions for Class 9
RBSE Solutions for Class 8
RBSE Solutions for Class 7
RBSE Solutions for Class 6
RBSE Solutions for Class 5
RBSE Solutions for Class 12 Maths
RBSE Solutions for Class 11 Maths
RBSE Solutions for Class 10 Maths
RBSE Solutions for Class 9 Maths
RBSE Solutions for Class 8 Maths
RBSE Solutions for Class 7 Maths
RBSE Solutions for Class 6 Maths
RBSE Solutions for Class 5 Maths
RBSE Class 11 Political Science Notes
RBSE Class 11 Geography Notes
RBSE Class 11 History Notes

Copyright © 2023 RBSE Solutions

 

Loading Comments...