Rajasthan Board RBSE Class 11 Biology Chapter 38 पारिस्थितिकी-सामान्य परिचय
RBSE Class 11 Biology Chapter 38 पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
RBSE Class 11 Biology Chapter 38 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
जीव एवं उसके पर्यावरण की अन्योन्यक्रियाओं के अध्ययन को कहते हैं
(क) जीव विज्ञान
(ख) प्राणि विज्ञान
(ग) कार्यिकी
(घ) पारिस्थितिकी
प्रश्न 2.
ग्रीक शब्द ‘ऑइकॉस’ का अर्थ है
(क) वासस्थल
(ख) अध्ययन
(ग) समुदाय
(घ) समष्टि
प्रश्न 3.
किसने जीवों के आकार, प्रकार्यों तथा कारकों की अन्योन्यक्रियाओं के अध्ययन’ को पारिस्थितिकी कहा
(क) राः अम्बष्ट
(ख) रा. मिश्रा
(ग) रा. त्रिपाठी
(घ) बृ. गोपाल
प्रश्न 4.
किसने ‘प्रकृति की संरचना तथा कार्य’ के अध्ययन को पारिस्थितिकी कहा
(क) टेलर
(ख) क्रेब्स
(ग) ओडम
(घ) एल्टन
प्रश्न 5.
एक जाति विशेष के जीवों के समूह को कहा जाता है
(क) समष्टि
(ख) व्यष्टि
(ग) समुदाय
(घ) पारितंत्र
प्रश्न 6.
किसी विशेष क्षेत्र में रहने वाले जैव समुदायों के संगठन को कहते
(क) समुदाय
(ख) समष्टि
(ग) जीवोम
(घ) जैवमण्डल
प्रश्न 7.
जीवों के भौगोलिक वितरण से सम्बद्ध अध्ययन कहलाता है
(क) पादप भूगोल
(ख) जन्तु भूगोल
(ग) जैव भूगोल
(घ) कृषि भूगोल
प्रश्न 8.
पारिस्थितिकी अध्ययन की आधारभूत इकाई है
(क) व्यष्टि जीव
(ख) समष्टि
(ग) समुदाय
(घ) जीवोम
उत्तर तालिका
1. (घ)
2. (क)
3. (ख)
4. (ग)
5. (क)
6. (ग)
7. (ग)
8. (क)
RBSE Class 11 Biology Chapter 38 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
इकॉलॉजी शब्द की सर्वप्रथम व्याख्या किसने प्रस्तुत की थी?
उत्तर-
अरनेस्ट हैकिल (Ernst Haeckel) ने।।
प्रश्न 2.
इकॉलॉजी शब्द की व्युत्पत्ति किस भाषा से हुई?
उत्तर-
इकॉलॉजी शब्द की व्युत्पत्ति ग्रीक भाषा के दो शब्दों से हुई।
प्रश्न 3.
प्रकृति की संरचना एवं प्रकार्यों का अध्ययन पारिस्थितिकी है। किसने परिभाषित किया?
उत्तर-
ओडम ने।
प्रश्न 4.
पारिस्थितिक अध्ययन की आधारभूत इकाई क्या है?
उत्तर-
जीव पारिस्थितिक अध्ययन की आधारभूत इकाई है।
प्रश्न 5.
पारिस्थितिक तंत्र में जीव की भूमिका को क्या कहते हैं?
उत्तर-
एक जाति विशेष के जीवों के समूह को जनसंख्या या समष्टि या जीव संख्या कहते हैं ।
प्रश्न 6.
अनेक समष्टियों के जैव समूह को क्या कहा जाता है?
उत्तर-
जब विभिन्न जातियों या समष्टियाँ किसी एक समय, एक निश्चित क्षेत्रफल या स्थान विशेष में विद्यमान हो तो इसे समुदाय (Community) कहते हैं।
RBSE Class 11 Biology Chapter 38 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पारिस्थितिकी की परिभाषा दीजिये।
उत्तर-
किसी जीव का उसके जैविक व अजैविक वातावरण के मध्य पारस्परिक संबंधों के अध्ययन को पारिस्थितिकी (Ecology) या पारिस्थितिक विज्ञान (Ecological Science) कहा जाता है।
प्रश्न 2.
जैविक वर्णक्रम को जटिलता के उत्तरोत्तर क्रम में लिखिये।
उत्तर-
प्रकृति के समस्त जीवों में संगठन के अनेक स्तर होते हैं। जीवविज्ञान के विद्यार्थी भली-भांति जानते हैं कि प्रत्येक जीव में शरीर का निर्माण कोशिकाओं से होता है जिसमें जीवद्रव एवं जीन निहित होता है। अनेक कोशिकाओं के समूह से उत्तक, ऊतकों के संगठन से अंग, अंगों के समुच्चय से तंत्र एवं तंत्रों के समुच्चय से एक व्यष्टि जीव (Individual organism) का निर्माण होता है। जीव पारिस्थितिकी अध्ययन की आधारभूत इकाई है।
प्रश्न 3.
पारिस्थितिक तंत्र एवं पारिस्थितिकी को परिभाषित कीजिये।
उत्तर-
ऐसी इकाई जिसमें किसी विशेष क्षेत्र के सजीव सम्मिलित हों व अपने भौतिक वातावरण से पारस्परिक क्रिया करते हों, जिसमें नियमित ऊर्जा प्रवाह, स्पष्ट पोषक संरचना, पदार्थों का परिचक्रण एवं जैव विविधता पाई जावे, उसे पारिस्थितिक तंत्र कहते हैं।
किसी जीव का उसके जैविक वे अजैविकं वातावरण के बीच पारस्परिक संबंधों के अध्ययन को पारिस्थितिकी (Ecology) कहते हैं।
प्रश्न 4.
स्वपारिस्थितिकी को परिभाषित कीजिये।
उत्तर-
स्वपारिस्थितिकी (Autecology) के अंतर्गत किसी भी जंतु या पौधे की एक जाति और उसके वातावरण का अध्ययन किया जाता है। इसके अंतर्गत विशिष्ट जीव या विशिष्ट जाति (Individual Species) के अध्ययन को प्रधानता दी जाती है। इस प्रकार यदि हम खेजड़ी के वृक्ष या बाघ के पर्यावरण के साथ संबंधों का अध्ययन करते हैं। तो इस अध्ययन को स्वपारिस्थितिकी कहते हैं।
RBSE Class 11 Biology Chapter 38 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पारिस्थितिकी से क्या तात्पर्य है? ओडम तथा मिश्रा द्वारा प्रतिपादित परिभाषाएं लिखिये तथा उनकी व्याख्या कीजिये।
उत्तर-
प्रस्तावना (Introduction)-
पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी पेड़-पौधे अपने आसपास के वातावरण के अनुसार अपने आप को ढाल लेते हैं या अनुकूलन क्षमता प्रदर्शित करते हैं व इस प्रकार अपने आपको जीवित रखने में सक्षम होते हैं। यद्यपि इन्हें समूचे जीवनकाल में अनेकों प्रकार के वातावरण सम्बन्धी बदलावों के अनुसार समायोजित करना पड़ता है। वातावरण में परिवर्तन आने पर पेड़-पौधों की बाह्य आकारिकी, आंतरिक संरचना एवं कार्यिकी में भी परिवर्तन आता है। अतः पौधों की उपस्थिति वहां के पर्यावरण पर निर्भर करती है। यही नहीं, उस स्थान के पर्यावरण के निर्धारण में वहां उपस्थित पादप व प्राणियों की भी विशेष भूमिका होती है। इस प्रकार प्रकृति के दो प्रमुख घटक सजीव एवं पर्यावरण एक दूसरे पर निर्भर परस्पर सम्बन्धित होते हैं एवं परस्पर क्रिया प्रदर्शित करते हैं। अतः विभिन्न सजीवों एवं उनके पर्यावरण के आपसी सम्बन्धों के अध्ययन को पारिस्थितिकी (Ecology) कहते हैं।
पारिस्थितिक (Ecology) शब्द का गठन ग्रीक भाषा के दो शब्दों क्रमश: ऑइकॉस (Oikos) एवं लोगोस (Logos) को संयुक्त करके किया गया है। हिन्दी में ऑइकॉस शब्द का अर्थ घर या आवास स्थान तथा लोगोस का अर्थ अध्ययन है। अतः पारिस्थितिक का तात्पर्य सजीवों के प्राकृतिक आवास या पर्यावरण से है। पारिस्थितिक शब्द का गठन जर्मन जन्तुविज्ञानी रीटर (Rieter) ने किया था तथा अन्य जर्मन वैज्ञानिक अर्नेस्ट हेकल (E. Haeckel) ने इसकी व्याख्या की थी।
पारिस्थितिक विज्ञान की परिभाषा (Defination of Ecology)
अनेक वैज्ञानिकों ने इकोलॉजी की परिभाषा अपने-अपने तरीके से प्रस्तुत की है-
- ई. हेकल (E. Haeckel) के अनुसार पारिस्थितिकी एक ऐसा अध्ययन है, जिसके द्वारा पृथ्वी की अर्थव्यवस्था की जानकारी मिलती है।
- ऐल्टन (Elton) के अनुसार विविध प्रकार के प्राणियों के वैज्ञानिक प्राकृतिक इतिहास सम्बन्धी अध्ययन को पारिस्थितिकी कहा जाता है।
- टेलर (Taylor) के अनुसार समस्त सजीवों के अपने पर्यावरण के साथ आपसी सम्बन्धों के समग्र अध्ययन को पारिस्थितिकी कहते हैं।
- यूजीन पी. ओडम (Eugene P. Odum) के अनुसार ‘पारिस्थितिक तंत्र की संरचना एवं कार्य-प्रणाली के अध्ययन को पारिस्थितिकी कहते हैं।
- रामदेव मिश्र (R. Misra) भारतीय पारिस्थितिक विज्ञ हैं, इनके अनुसार जीवों के आकार, प्रकार्यों (functions) तथा कारकों (factors) की अन्योन्यक्रियाओं (interaction) का अध्ययन ही पारिस्थितिकी है।
उपरोक्त सभी परिभाषाओं से तात्पर्य है कि पारिस्थितिकी विज्ञान में सजीवों और उनके वातावरण का आपसी सम्बन्ध व प्रभाव का अध्ययन किया जाता है।
प्रश्न 2.
संगठन स्तरों की संकल्पना का सचित्र वर्णन कीजिये।
उत्तर-
प्रकृति में विभिन्न जीवधारियों में जीवन संगठन के अनेक स्तर होते हैं। उदाहरण के तौर पर प्रत्येक सजीव इकाई में शरीर का निर्माण एक से असंख्य कोशिकाओं द्वारा होता है तथा इन कोशिकाओं में जीवद्रव्य होता है। समस्त कार्य संपादित करने वाली कोशिकाओं के समूह को उत्तक कहा जाता है। अनेक प्रकार की ऊत्तकों के संगठन से अंग (Organ) का निर्माण होता है। एक जाति विशेष के जीवों के समूह को जनसंख्या या समष्टि या जीव संख्या (Population) कहा जाता है किंतु जब विभिन्न जातियों की यही जीव संख्या किसी एक समय, एक निश्चित क्षेत्रफल या स्थान विशेष में विद्यमान हो तो इससे समुदाय (Community) का गठन होता है। समुदाय और उसके चारों ओर विद्यमान अजैविक पर्यावरण के बीच निरन्तर क्रिया, प्रतिक्रिया एवं सहक्रिया होती रहती है। इस प्रकार एक पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण होता है। अखिल भूमण्डल की वह परिसीमा जहाँ तक पारिस्थितिक तंत्र संचालित है पारिमण्डल (Eco sphere) या जैवमण्डल (Biosphere) कहलाता है अर्थात् जीवधारियों से युक्त मृदा (थलमण्डल), जल (जलमण्डल) तथा वायु (वायुमण्डल) के समुच्चय को ही जैवमण्डल या पारिमण्डल कहते हैं ।
इस प्रकार एक पदानुक्रमीय व्यवस्था (Hierarchical arrangement) में वृहत् से सूक्ष्म रूप की ओर कई मुख्य जैविक स्तर हैं।
प्रश्न 3.
संपारिस्थितिकी किसे कहते हैं? इसकी तीन शाखाओं का वर्णन कीजिये।
उत्तर-
संपारिस्थितिकी (Synecology)-इसके अंतर्गत किसी विशेष वातावरण में निवास करने वाले विभिन्न जीव-जंतुओं और पौधों के समुदायों (Communities) का सामूहिक अध्ययन किया जाता है। किसी भौगोलिक क्षेत्र विशेष में उपस्थित समस्त समष्टियों (Population) को सम्मिलित रूप से समुदाय या जैव समुदाय (Bio community) कहते हैं, व इनके अध्ययन को संपारिस्थितिकी (Community ecology or Synecology) कहते हैं।
इसके अतिरिक्त पारिस्थितिकी को निम्न शाखाओं में भी बांटा जा । सकता है।
- प्राणी पारिस्थितिकी (Animal Ecology) – यदि अध्ययन का मुख्य विषय प्राणी (जन्तु) है तो इसे प्राणी पारिस्थितिकी कहते हैं। इस उपविभाग के अंतर्गत प्राणियों को प्रधानता दी जाती है तथा पर्यावरण के अन्य घटकों विशेषकर पौधों को गौण मानकर अध्ययन किया जाता
- पादप पारिस्थितिकी (Plant Ecology) – यदि मुख्य संदर्भ वनस्पति या पौधे हैं तो अध्ययन पादप पारिस्थितिकी कहलाता है। इस उपविभाग में पौधों को मूल रूप में प्रधानता दी जाती है। तथा प्राणियों को वातावरण का एक अंग मानते हुए अध्ययन किया जाता है।
- आवास पारिस्थितिकी (Habitat Ecology) – इसके अंतर्गत जैवमंडल (Biosphere) के विभिन्न आवासीय स्थानों (Habitats) का अध्ययन किया जाता है। आवास का तात्पर्य उस विशिष्ट स्थान से होता है। जिसमें जीव रहते हैं।
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