Rajasthan Board RBSE Class 11 Business Studies Chapter 7 कार्यालय प्रबंधन
RBSE Class 11 Business Studies Chapter 7 पाठ्यपुस्तक के प्रश्न एवं उनके उत्तर
RBSE Class 11 Business Studies Chapter 7 बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कार्यालय संचालन के लिये उपयुक्त व्यक्ति है –
(अ) प्रबन्धक
(ब) तकनीशियन
(स) सलाहकार
(द) विधिवेत्ता
उत्तरमाला:
(अ) प्रबन्धक
प्रश्न 2.
कार्यालय में प्राप्त व प्रेषित डाक का इन्द्राज किया जाता है –
(अ) स्टॉक रजिस्टर में
(ब) आवक – जावक पंजिका में
(स) कम्प्यू टर में
(द) आगन्तुक रजिस्टर में
उत्तरमाला:
(ब) आवक – जावक पंजिका में
प्रश्न 3.
कार्यालय में प्राप्त पत्रों की छंटनी पश्चात् व्यवस्थित एवं सन्दर्भ के लिये सुलभ उपलब्धता हेतु उन्हें रखा जाता है –
(अ) फाइल में
(ब) विशेष प्रकार की पैकिंग सामग्री में
(स) अलमारी में
(द) दराज में
उत्तरमाला:
(अ) फाइल में
प्रश्न 4.
कार्यालय के स्वागत कक्ष का प्रयोग है –
(अ) अतिथि को ठहराने के लिये
(ब) विभिन्न व्यक्तियों की बैठक के लिये
(स) अतिथि को वांछित सूचना व सत्कार करने के लिये
(द) चाय – नाश्ते व अखबार पढ़ने के लिये
उत्तरमाला:
(स) अतिथि को वांछित सूचना व सत्कार करने के लिये
प्रश्न 5.
कार्यालय की कार्यक्षमता वे कुशलता में वृद्धि होती है –
(अ) अच्छे सलाहकारों की नियुक्ति से
(ब) वातानुकूलित मशीनें लगाने से
(स) आधुनिक प्रौद्योगिकी के कार्यालय उपकरण लगाने से
(द) आउट सोर्स एजेन्सियों की नियुक्ति से
उत्तरमाला:
(स) आधुनिक प्रौद्योगिकी के कार्यालय उपकरण लगाने से
प्रश्न 6.
संस्था के लेखों को न्यूनतम कितने वर्षों तक संरक्षित रखा जाना चाहिये?
(अ) 3 वर्ष
(ब) 8 वर्ष
(स) 18 वर्ष
(द) 10 वर्ष
उत्तरमाला:
(अ) 3 वर्ष
RBSE Class 11 Business Studies Chapter 7 अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कार्यालय प्रबन्ध क्या है?
उत्तर:
प्रबन्धन के मूल सिद्धान्तों और व्यावहारिक आयामों का कार्यालय के व्यवस्थापन में उपयोग करना कार्यालय प्रबन्धन कहलाता है।
प्रश्न 2.
कार्यालय के मुखिया व्यवस्थापक को क्या कहते हैं?
उत्तर:
कार्यालय प्रबन्धक।
प्रश्न 3.
कार्यालय अभिलेख किसे कहते हैं?
उत्तर:
उपक्रमों में किये गये लेन – देन के लिखित विवरण पत्र, कागजों एवं महत्वपूर्ण दस्तावेजों को कार्यालय अभिलेख कहा जाता है।
प्रश्न 4.
कार्यालय में डाक से सम्बन्धित कौन – से विभाग होते हैं?
उत्तर:
पत्राचार विभाग (पत्र विभाग), अभिलेख विभाग।
प्रश्न 5.
कार्यालय में स्वागत कक्ष क्या होता है?
उत्तर:
कार्यालय में प्रवेश करने वाले कोई भी उपभोक्ता या अन्य व्यक्तियों के लिये नियत स्थान, जहाँ हवा, पानी, बैठने के स्थान की समुचित व्यवस्था होती है, कार्यालय का स्वागत कक्ष कहलाता है।
प्रश्न 6.
कम्प्यूटर क्या है?
उत्तर:
कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो डाटा और निर्देशों को इनपुट के रूप में ग्रहण करता है तथा प्रोसेस करके आउटपुट के रूप में परिणाम प्रदान करता है।
प्रश्न 7.
प्रिंटर से कार्यालय में क्या कार्य किया जाता है?
उत्तर:
कार्यालय में हार्ड कॉपी बनाने (पेपर का प्रिन्ट) का कार्य प्रिंटर से किया जाता है।
प्रश्न 8.
कार्यालय प्रबन्धक किसे कहते हैं?
उत्तर:
कार्यालय प्रबन्धक कार्यालय का महत्वपूर्ण प्रमुख व्यक्ति होता है जो प्रशासनिक व्यवस्था द्वारा निर्धारित नीतियों को क्रियान्वित करता है।
प्रश्न 9.
कार्यालय की सामान्य गणनाओं के लिये किस लघु मशीन को काम में लेते हैं?
उत्तर:
कैल्कुलेटर।
प्रश्न 10.
स्कैनर क्या करता है?
उत्तर:
स्कैनर कम्प्यूटर की इनपुट डिवाइस है जिसका उपयोग कम्प्यूटर में डाटा डालने के लिये किया जाता है।
प्रश्न 11.
स्वागत कक्ष के संचालक को क्या कहते हैं?
उत्तर:
स्वागतकर्ता।
प्रश्न 12.
डाक प्राप्ति लिपिक क्या करता है?
उत्तर:
प्रतिदिन आने वाली डाक को अपनी डाक प्राप्ति पंजिका में लेखा करना तथा डाक को सम्बन्धित विभाग में कार्यवाही हेतु भिजवाना।
प्रश्न 13.
डाक प्रेषित लिपिक क्या करता है?
उत्तर:
बाहर भेजी जाने वाली डाक का अपनी प्रेषित पंजिका में लेखा करना तथा प्रेषित डाक को बाहर भेजने की व्यवस्था करना।
प्रश्न 14.
कार्यालय में काम में आने वाले दो आधुनिक उपकरणों में नाम बताइये।
उत्तर:
मॉडम, स्कैनर।
प्रश्न 15.
प्रतिलिपि प्राप्त करने के लिये कौन – सी मशीन काम में आती है?
उत्तर:
फोटोकॉपी मशीन।
RBSE Class 11 Business Studies Chapter 7 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
स्वागत कक्ष को समझाइये।
उत्तर:
कार्यालय में जब कोई उपभोक्ता या अन्य व्यक्ति प्रवेश करता है तो सर्वप्रथम स्वागत कक्ष में प्रविष्ट कराया जाता है, जहाँ से सम्बन्धित व्यक्ति को अपनी वांछित कार्यालय गतिविधि के सम्बन्ध में स्थान, व्यक्ति आदि के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है। स्वागत कक्ष में हवा, पानी, बैठने का स्थान तथा अन्य सुविधाएँ भी होती है।
प्रश्न 2.
कार्यालय प्रबन्ध में क्या किया जाता है?
उत्तर:
कार्यालय प्रबन्ध के अन्तर्गत कार्यालय में उपलब्ध व्यक्ति, उपकरण, वित्त और अन्य संसाधनों के उत्तम समायोजन से कार्यालय की वांछित गतिविधियों का अनुकूल एवं कुशल संचालन किया जाता है जिससे कार्यालय के निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके। इसमें न्यूनतम लागत और न्यूनतम समय में अधिकतम परिणाम प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है।
प्रश्न 3.
कार्यालय में डाक व्यवस्था से आपका क्या आशय है?
उत्तर:
कार्यालय से बाहर भेजी जाने वाली डाक एवं प्राप्त होने वाली डाक के लिये संस्था के आकार के अनुसार लिपिक वर्ग कर्मचारियों की नियुक्ति की जाती है। प्राप्ति और प्रेषित डाक हेतु अलग – अलग पंजिका की व्यवस्था रहती है जिसमें दिनांक और डाक विवरण के साथ प्रतिदिन आने वाली और जाने वाली डाक का लेखा किया जाता है।
प्रश्न 4.
अभिलेख संधारण किसे कहते हैं?
उत्तर:
अभिलेख संधारण के अन्तर्गत व्यावसायिक कार्यालय में विभिन्न प्रकार के अभिलेखों (पत्र, रिपोर्ट, वाउचर, चालान, परिपत्रे, कर सम्बन्धी रिकार्ड, सांख्यिकी रिकार्ड, कीमत सूचियाँ, कैटलॉग) को व्यवस्थित ढंग से सुरक्षित एवं वर्गीकृत किया जाता है। जिससे आवश्यकता पड़ने पर इनमें से किसी भी अभिलेख का उपयोग कम समय तथा कम लागत में किया जा सके।
प्रश्न 5.
कार्यालय में कौन – कौन से पारम्परिक उपकरण काम में आते हैं?
उत्तर:
कार्यालय में उपक्रम की परिस्थिति एवं आकार के आधार पर निम्न पारम्परिक उपकरण हो सकते हैं –
- टाइपराइटर
- टेलीफोन
- दिनांक डालने की मशीन
- छेदक
- संख्या डालने वाली मशीन
- कैल्कुलेटर
- अलमारी
प्रश्न 6.
कार्यालय में कौन – कौन से आधुनिक उपकरण काम में आते हैं?
उत्तर:
कार्यालय में निम्न आधुनिक उपकरण काम में आते हैं –
- कम्प्यूटर|
- स्कै नर
- प्रिन्टर
- बेब कैमरा
- पेन ड्राइव
- सी.डी.
- ई – अलमारी आदि
प्रश्न 7.
कार्यालय प्रबन्धक के लिये अपने कार्य में निपुणता क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
कार्यालय प्रबन्धक सम्पूर्ण कार्यालय का प्रमुख और जिम्मेदार व्यक्ति होता है। उसे अनेकानेक परिस्थितियों और लोगों से सामना करना पड़ता है। यहाँ उसकी तीव्र बुद्धि त्वरित प्रतिक्रिया देने हेतु तैयार रहनी चाहिए। अपने अधीनस्थों को अभिप्रेरित करने, नेतृत्व करने तथा उनको प्रसन्न रखते हुये उनसे उचित काम लेने के लिये अपने कार्य में निपुण होना बहुत आवश्यक है।
प्रश्न 8.
कार्यालय प्रबन्धक के शीर्ष प्रबन्धक के प्रति क्या दायित्व है?
उत्तर:
शीर्ष प्रबन्धक की नीति को नीचे तक पहुँचाना, संस्था के व्यावसायिक लक्ष्यों की पूर्ति का प्रयास करना, संस्थान में अनुशासन की स्थापना करना, कर्मचारियों की भर्ती, इनका पारिश्रमिक, प्रशिक्षण तथा उनके कार्यों के मूल्यांकन में सहयोग करना, तथा शीर्ष प्रबन्धक द्वारा मांगी गयी सूचनाओं को समय पर उपलब्ध कराना आदि कार्यालय प्रबन्धक के दायित्व होते हैं।
प्रश्न 9.
कार्यालय प्रबन्धक के सहयोगी कर्मचारियों के प्रति क्या दायित्व है?
उत्तर:
एक कार्यालय प्रबन्धक ने अपने पेशे की पर्याप्त शिक्षा एवं प्रशिक्षण भले ही प्राप्त किया हो परन्तु सहयोगी कर्मचारियों को सन्तुष्ट किये बिना वह अपने कार्य में सफल नहीं हो सकता है। अतः उसे अपने सहकर्मियों के साथ सलाह मशविरा, चर्चा आदि के माध्यम से उनमें सहभागिता की भावना का विकास और अच्छा वातावरण बनाने का दायित्व एक कार्यालय प्रबन्धक का होता है।
प्रश्न 10.
कार्यालय प्रबन्धक के अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के प्रति क्या दायित्व है?
उत्तर:
कार्यालय प्रबन्धक कार्यालय का एक प्रमुख व्यक्ति होता है, उसके लिए अपने अधीनस्थों के हितों की रक्षा करना एक महत्वपूर्ण दायित्व होता है। साथ ही अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को अभिप्रेरित करना, उनको मार्गदर्शन करना, उनकी समस्याओं के निराकरण का प्रयास करना, उच्च स्तरीय प्रबन्ध के सामने अधीनस्थों का प्रतिनिधित्व करना उसका दायित्व होता है।
प्रश्न 11.
कार्यालय प्रबन्धक के कार्यालय के प्रति क्या – क्या दायित्व होते हैं?
उत्तर:
कार्यालय प्रबन्धक के कार्यालय के प्रति निम्न दायित्व होते हैं –
- शीर्ष प्रबन्ध द्वारा सौंपे गये कार्य को निर्धारित अवधि में सम्पन्न करना।
- सम्पन्न किये जाने वाले कार्य को गुणवत्ता पूर्वक करना।
- कार्य को कम लागत और कम समय में पूरा करना।
- कार्यालय के विभिन्न उपकरणों का उचित प्रकार से रख – रखाव करना।
- अभिलेखीय कार्यों का उपयुक्त एवं अनुकूल निष्पादन करना।
प्रश्न 12.
कार्यालय में कौन – कौन से अभिलेख संधारित किये जाते हैं?
उत्तर:
कुशल कार्यालय प्रबन्धन में विभिन्न प्रकार के अभिलेखों का संधारण किया जाता है। जिनकी आवश्यकता पड़ने पर शीघ्रता से उनका उपयोग किया जाता है। इन अभिलेखों में मुख्य रूप से पत्र, रिपोर्ट, चालान, अनुबन्ध, बाउचर, परिपत्र, बैठक के सूक्ष्म (मिनट्स), सूचना, कर सम्बन्धी रिकॉर्ड, सांख्यिकी रिकॉर्ड, कीमत सूचीयाँ, कैटलॉग आदि हो सकते हैं।
प्रश्न 13.
अभिलेख संधारण के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
अभिलेख संधारण के लाभ निम्नलिखित है –
- अभिलेख संधारण के माध्यम से कम समय और कम लागत पर अभिलेखों का प्रयोग किया जाता है।
- अंभिलेखों का त्वरित सन्दर्भ के रूप में उपयोग।
- नियन्त्रण के लिये वांछित सूचनाओं की प्राप्ति।
- संरक्षित अभिलेखों से व्यावसायिक उद्देश्यों की पूर्ति।
- विधिक और अन्य मामलों में सबूत के तौर पर अभिलेखों का उपयोग।
- अभिलेखों की जाँच व प्रतिपुष्टि हेतु उपयोग।
प्रश्न 14.
डाक की सुचारु व्यवस्था से क्या लाभ है?
उत्तर:
आधुनिक प्रतिस्पर्धी युग में व्यावसायिक संस्थानों की सफलता ग्राहकों, सरकारी एजेन्सी, शाखाओं एवं विभागों के मध्य निरन्तर घनिष्ठ सम्पर्क पर ही निर्भर है एवं आपसी सम्पर्क का उचित एवं प्रभावी माध्यम डाक ही है। डाक की सुचारू व्यवस्था के माध्यम से व्यावसायिक उद्देश्य की प्राप्ति सम्भव होने के साथ ही व्यवसाय की ख्याति में वृद्धि होती है।
प्रश्न 15.
स्वागत कक्ष व्यवस्था का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
स्वागत कक्ष में पधारे व्यक्ति को अपनी वांछित कार्यालय की गतिविधि के सम्बन्ध में स्थान, व्यक्ति आदि के बारे में जानकारी शीघ्रता से प्राप्त हो जाती है। स्वागत कक्ष में हवा, पानी, बैठने का स्थान और अन्य सुविधायें भी होती है जिससे बाहर से आये व्यक्ति को कार्यालय में सन्तोषजनक वातावरण प्राप्त होता है और उस व्यक्ति के दिमाग में संगठन के प्रति अच्छी छवि बनती है।
RBSE Class 11 Business Studies Chapter 7 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कार्यालय प्रबन्धन को परिभाषित कीजिए। कार्यालय प्रबन्ध के अन्तर्गत आने वाले कार्यों का वर्णन कीजिये। प्रभावी कार्यालय प्रबन्ध के चरणों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
कार्यालय प्रबन्धन का आशय:
किसी संस्थान में प्रबन्धन के मूलभूत सिद्धान्तों और व्यावहारिक आयामों का कार्यालय के व्यवस्थापन में उपयोग करना कार्यालय प्रबन्धन कहलाता है। जिसमें कार्यालय में उपलब्ध व्यक्ति, उपकरण, वित्त और अन्य संसाधनों के बेहतर समायोजन से कार्यालय की वांछित गतिविधियों का उपयुक्त संचालन किया जाता है।
कार्यालय प्रबन्धन के कार्य:
कार्यालय प्रबन्धन के अन्तर्गत आने वाले कार्य निम्न है –
- कार्यालय नियोजन एवं कार्यालय अभिविन्यास का निर्माण करना।
- कार्यालय की संगठन संरचना का निर्माण करना।
- कार्यालय में आवश्यकताओं के अनुरूप फर्नीचर और उपकरणों की व्यवस्था करना।
- कार्यालय के संचार, सम्प्रेषणीय कार्यों का प्रबन्धन करना।
- कार्यालय में क्रय, विक्रय, कर्मचारी, वित्त, उत्पादन आदि से सम्बन्धित अभिलेखों का संधारण और प्रबन्धन करना।
- संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों, अधिकारियों के वेतन, नियुक्ति, स्थानान्तरण आदि क्रियाओं को प्रशासित करना।
- कार्यालय में की जाने वाली समस्त क्रियाओं का नियमन, नियोजन, नियन्त्रण करना।
प्रभावी कार्यालय प्रबन्ध के चरण:
प्रभावी कार्यालय प्रबन्ध के चरण निम्नांकित है –
1. उद्देश्य निर्धारण करना – संस्थान में कार्यालय की स्थापना जिस उद्देश्य को लेकर की गयी है उसी को ध्यान में रखकर उद्देश्य निर्धारण सर्वप्रथम कार्यालय के उद्देश्यों का निर्धारण कार्यालय प्रबन्धन द्वारा किया जाता है। यह लक्ष्यों की ओर जाने हेतु कार्यालय प्रबन्ध का प्रथम चरण है।
2. कार्यालय के प्रारूपों एवं प्रक्रियाओं का विश्लेषण – कार्यालय में व्यवसाय एवं कार्यालय की आवश्यकतानुसार विभिन्न प्रारूपों एवं प्रक्रियाओं का निर्धारण किया जाता है जो व्यवसाय के लक्ष्य को पूरा करने में सहायता करते हैं। साथ ही इनका विश्लेषण भी किया जाता है।
3. विकल्पों का चयन – कार्यालय के लिये उपयुक्त विभिन्न प्रारूपों और प्रक्रियाओं के विश्लेषण के पश्चात् कम्पनी के प्रबन्धन कार्यालय
के लिये उपयुक्त विकल्प का चयन करना होता है। यही विकल्प कार्यालय की संरचना को स्थायी रूप प्रदान करना है।
4. विकल्प हेतु कार्य निष्पादन – कार्यालय में विकल्प चयन के पश्चात् उपयुक्त विकल्प पर कार्य प्रारम्भ किया जाता है। इसमें कार्यालय प्रबन्धन की उस विधि को अपनाया जाता है जो लक्ष्य विश्लेषणों और सम्बन्धि ति विकल्प चयन के पश्चात कम्पनी द्वारा निर्धारित की गई है।
5. प्रतिपुष्टि एवं जाँच – कार्यालय प्रबन्धन द्वारा उपयुक्त विकल्प पर कार्य प्रारम्भ करने के पश्चात् उनसे प्राप्त हुये परिणाम का अवलोकन किया जाता है तथा उस परिणाम को व्यवस्थित रूप में सामने लाकरे उसकी रिपोर्ट तैयार की जाती,है और प्रतिपुष्टि की जाती है। इसी के द्वारा आगे की क्रियाओं पर नियन्त्रण किया जाता है।
6. नियन्त्रण – कार्यालय प्रबन्ध की गतिविधियों पर कार्य की प्रतिपुष्टि एवं जाँच के बाद वास्तविक और वांछित के मध्य अन्तराल को कम करने के लिये नियन्त्रण की विभिन्न तकनीकों का सहारा लिया जाता है जिससे आगे होने वाले कार्य निष्पादन में वांछित लक्ष्यों को पूर्णतः प्राप्त किया जा सके।
प्रश्न 2.
कार्यालय प्रबन्धक किन – किन कार्यों को सम्पादित करता है? इन कार्यों को करने के लिये कार्यालय प्रबन्धक में कौन – कौन से गुण होने चाहिये?
उत्तर:
कार्यालय प्रबन्धक के कार्य:
कार्यालय प्रबन्धक कार्यालय का सबसे अधि कि जिम्मेदार एवं प्रमुख व्यक्ति होता है जो उच्च स्तरीय प्रबन्धन और निम्न स्तरीय कार्मिक वर्ग के मध्य एक कड़ी के रूप में कार्य करता है। एक कार्यालय प्रबन्धक द्वारा निम्न कार्यों का सम्पादन किया जाता है –
- अपने अधीनस्थों की सहायता से शीर्ष प्रबन्धन द्वारा निर्धारित नीतियों का पालन करते हुए व्यावसायिक लक्ष्यों की पूर्ति का प्रयास करना।
- संस्थान में अनुशासन का वातावरण उत्पन्न करना।
- कार्यालय के कार्यों को निर्धारित अवधि में गुणवत्तापूर्वक सम्पन्न कराना।
- कार्यालय के उपकरणों एवं अभिलेखों का उचित रख – रखाव करना।
- कार्यालय सहकर्मियों के साथ उचित सलाह, चर्चा आदि के माध्यम से उनमें सहभागिता की भावना का विकास करना।
- अधीनस्थ कर्मचारियों का मार्गदर्शन एवं उन्हें अभिप्रेरणा प्रदान करना।
- अधीनस्थ कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण कराने में सहयोग प्रदान करना।
कार्यालय प्रबन्धक के गुण:
कार्यालय के समस्त कार्यों के सफल संचालन हेतु एक कार्यालय प्रबन्धक में निम्न गुणों को होना चाहिये –
1. व्यावसायिक ज्ञान और निर्णायक शक्ति – कार्यालय प्रबन्धक एक प्रभावी निर्णयकर्ता होना चाहिये तथा उपक्रम से सम्बन्धित प्रत्येक क्षेत्र का पूरा ज्ञान होने के साथ – साथ एक सफल प्रबन्धक को अपने कार्यों की पर्याप्त शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्राप्त होना चाहिये।
2. नेतृत्व शक्ति – कार्यालय प्रबन्धक उपक्रम को सर्वोच्च नेता होता है। उसमें एक आदर्श नेता के सभी गुण होने चाहिये। जिससे कि वह जिस निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में अपने सहकर्मियों एवं अधीनस्थों को प्रभावित करे सके।
3. निष्पक्षता – कार्यालय प्रबन्धक को उपक्रम में कार्य कर रहे समस्त कर्मचारियों के प्रति निष्पक्ष होना चाहिये जिससे उसकी न्यायिका और प्रमाणिकता का कार्यालय के निर्णयों पर सकारात्मक प्रभाव पड़े और कर्मचारी उसके प्रति निष्ठावान हों।
4. तकनीकी ज्ञान – एक कार्यालय प्रबन्धक में कार्यालय में आने वाली दैनिक एवं आकस्मिक समस्याओं का समाधान करने की योग्यता तथा व्यवसाय में विभिन्न पहलुओं का तकनीकी ज्ञान होना चाहिये।
5. दूरदर्शिता – एक दूरदर्शी कार्यालय प्रबन्धक उपक्रम को विकास के चरम स्तर पर ले जा सकता है। अतः कार्यालय की प्रक्रियाओं, लोगों, क्रियाविधियों आदि में प्रबन्धक को दूरदर्शी होना चाहिये जिससे भविष्य में आने वाली चुनौतियों एवं घटनाओं से बचा जा सके।
6. प्रभावशाली व्याक्तित्व – प्रभावशाली व्यक्तित्व व्यक्ति की सबसे बड़ी पूँजी है। यदि कार्यालय प्रबन्धक में शालीनता, विनम्रता, सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता, आत्मविश्वास, ईमानदारी, धैर्य और आपसी सामंजस्य का गुण है। तो वह लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर सकता है। उनसे कार्य ले सकता है, अपने व्यवहार से उन्हें प्रभावित कर सकता है।
7. अनुभव – एक कार्यालय प्रबन्धक को प्रबन्धकीय एवं तकनीकी योग्यता के साथ अनुभवी होना आवश्यक है। यह अनुभव संस्था के लिये एक वरदान के रूप में उभर सकता है। अनुभवी प्रबन्धक अपने उपक्रम पर कुशल नेतृत्व करके उसको चरम चीमा पर ले जा सकता है।
8. जोखिम क्षमता – वर्तमान युग में निरन्तर प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है। इन प्रतिस्पर्धाओं के मध्य जोखिमों को साथ लेकर चलना पड़ता है। तभी उस क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। कुशल कार्यालय प्रबन्धक वही है जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपने को पार ले जा सकता है।
प्रश्न 3.
कार्यालय में कौन – कौन से उपकरण काम में लिये जाते हैं? इन उपकरणों का कार्यालय के सुचारु संचालन में क्या महत्व है?
उत्तर:
आधुनिक विज्ञान व तकनीक ने विविध प्रकार के यंत्रों का आविष्कार करके मानव जीवन को आसान, सुखद व आनन्ददायक बना दिया है जिससे कार्यालय की कार्य प्रणाली आसान हो गयी है। विभिन्न उपक्रमों के कार्यालयों में आकार के आधार पर उपकरण प्रयोग किये जाते हैं। यह इस प्रकार हो सकते हैं –
- कम्प्यू टर
- टाइपराइटर
- प्रिन्टर
- स्कैनर
- फोटोस्टेट मशीन
- फैक्स मशीन
- मॉडम
- टेलीफोन
- पंचिंग मशीन
- कैल्कुलेटर
- फाईलर या रैक या ई – अलमारी
- वेब कैमरा
- पेन ड्राइव
- सी.डी.
कार्यालय उपकरणों का महत्त्व:
कार्यालय संचालन में उपकरणों का महत्व निम्न प्रकार है –
1. कार्यक्षमता वे उत्पादकता में वृद्धि – कार्यालय में आधुनिक उपकरणों के सहयोग से काम करने वाले कर्मचारियों की कार्य में वृद्धि होती हैं तथा कार्यालय की उत्पादकता में भी वृद्धि होती है जो कि संस्थान के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण है।
2. मितव्ययिता – कार्यालय में उपकरणों का प्रयोग करने से कार्यालय में सम्पन्न किये जाने वाले अनेक नैत्यक कार्य, जिसे पहले लिपिकगण मिलकर भी कठिनाई से कर पाते थे, अब उन्हें आसानी से कुशलतापूर्वक सम्पन्न कर सकते हैं।
3. मानव श्रम एवं समय की बचत – कार्यालय में विभिन्न प्रकार के उपकरणों का प्रयोग करने से श्रम एवं समय की बचत होती है। अतः कार्यालय में जब कम समय एवं श्रम से कार्य सम्पन्न हो जाते . हैं, तो अन्य कार्यालयी कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण किया जा सकता है।
4. गलतियों की सम्भावना में कमी – मानव के सहयोग के माध्यम से सम्पन्न किये गये कार्यों को पुनः उपकरणों द्वारा मिलाया जा सकता है और गलतियों की सम्भावना से बचा जा सकता है जिससे उपक्रम की साख में वृद्धि होती है।
5. कार्य की शुद्धता – कार्यालय में विभिन्न प्रकार के कार्य सम्पन्न किये जाते हैं। उन सभी कार्यों में गलती होने की सम्भावना सामान्यतः बनी रहती है जो कि मानव की स्वाभाविक प्रवृत्ति है लेकिन उपकरण सामान्यतः कार्य को बड़ी शुद्धतापूर्वक सम्पन्न करते हैं।
6. नीरसता में कमी – संस्थान के कार्यालय में जब आधुनिक यंत्रों का प्रयोग किया जाता है तो कार्यालय के कर्मचारियों में नीरसता का अभाव पाया जाता है और वह स्वाभाविक रूप से लगन एवं उत्साह से कार्य सम्पन्न करते हैं।
7. कर्मिकों को सुविधा और सहयोग – कार्यालय में स्थित उपकरण कर्मचारियों के सहयोगी के रूप में कार्य करते हैं। उनके कार्य को सरल करते है और सुविधा भी प्रदान करते है। कठिनाई होने पर नियंत्रण में भी सहायता प्रदान करते हैं।
प्रश्न 4.
अभिलेख संधारण के चरण समझाइये। कार्यालय प्रबन्ध में अभिलेख संधारण और अभिलेख प्रबन्ध के लाभ समझाइये।
उत्तर:
अभिलेख संधारण के अन्तर्गत उपक्रम के कार्यालय में विभिन्न प्रकार के अभिलेखों (पत्र, रिपोर्ट, वाउचर, विभिन्न स्किॉर्ड) को व्यवस्थित ढंग से वर्गीकृत एवं संरक्षित किया जाता है जिससे आवश्यकता पड़ने पर किसी भी अभिलेख का उपयोग किया जा सके।
अभिलेख संधारण के चरण:
एक सफल कार्यालय में अभिलेख संधारण के निम्न चरणों को अपनाया जा सकता है –
- सूची बनाना
- सूचीबद्ध अभिलेखों का समयानुसार वर्गीकरण करना
- आवश्यक संग्रहण स्थान का चयन करना
- कार्यालय में अभिलेख संधारण विभाग का निर्माण करना
- उपकरणों का संयोजन करना
- कर्मचारियों की नियुक्ति और प्रशिक्षण प्रदान करना
- अभिलेखों का वर्गीकरण और संरक्षण करना
- जाँच वे नियन्त्रण करना
अभिलेख संधारण और अभिलेख प्रबन्ध से लाभ – कार्यालय प्रबन्ध में अभिलेख संधारण और अभिलेख प्रबन्ध से निम्न लाभ होते हैं –
1. सन्दर्भ में सुविधा – कार्यालय में रखे अभिलेखों की आवश्यकता पता नहीं कब पड़ जाये, इस हेतु अभिलेख संधारण और अभिलेख प्रबन्ध की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। त्वरित सन्दर्भ के रूप में अभिलेखों का प्रयोग आसानी से किया जा सकता है।
2. कानूनी आवश्यकता – विभिन्न कानून या अधिनियम के अनुसार किसी भी प्रकार के संगठन या संस्थान को अपने अभिलेखों (रिकॉर्ड) को वर्षों तक (3 वर्ष से 8 वर्ष) सुरक्षित रखना अनिवार्य होता है। उतः उचित देखभाल से किया गया संधारण ही प्रबन्धन की कुशलता है।
3. भविष्य की योजना बनाने में सहायक – व्यवसाय के उद्देश्यों को पूरा करने के लिये भविष्य की योजनाएँ बनानी पड़ती है और वह तभी सम्भव है, जबकि व्यवसाय के सभी अभिलेख सुरक्षित एवं वर्गीकृत हो। लेकिन अभिलेख संधारण और अभिलेख प्रबन्ध के माध्यम से यह कार्य आसान हो जाता है।
4. मतभेद निवारण में प्रमाण – व्यवसाय में या किसी प्रतिष्ठान में किसी विषय को लेकर यदि मतभेद हो जाता है तो उपलब्ध संधारित अभिलेखों की सहायता से मतभेद निवारण आसानी से किया जा सकती है तथा विधिक और अन्य मामलों में सबूत के तौर पर उपयोग किया जा सकता है।
5. प्रभावी नियंत्रण – कार्यालय में अभिलेख संधारण और प्रबन्धन के माध्यम से नियन्त्रण के लिये वांछित सूचनाओं की प्राप्ति होती है। इसके माध्यम से असाधारण अभिलेखों की जानकारी उच्चाधिकारियों को तुरन्त मिल जाती है।
6. उत्तर देने में सुविधा – कार्यालय में किसी विषय का जबाब देनी है तो उसके लिये सुरक्षित अभिलेखों की आवश्यकता होती है लेकिन यह कार्य अभिलेख संधारण एवं अभिलेख प्रबन्धन की सहायता से आसानी से किया जा सकता है।
प्रश्न 5.
कार्यालय उपकरण की श्रेणियाँ बनाते हुए नवीन आविष्कृत उपकरणों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
कार्यालय उपकरणों को दो श्रेणियों में बाँटा जा सकता है –
- परम्परागत उपकरण
- आधुनिक उपकरण
1. परम्परागत उपकरण – एक कार्यालय में उपक्रम की परिस्थिति एवं आकार के आधार पर निम्न पारम्परिक उपकरण हो सकते हैं –
- टाइपराइटर
- टेलीफोन
- दिनांक डालने की मशीन
- छेदक
- संख्या डालने की मशीन
- कैल्कुलेटर
- अलमारी
2. आधुनिक उपकरण – वर्तमान में कार्यालय के अन्दर निम्न आधुनिक उपकरण देखे जा सकते हैं –
- कम्प्यूटर
- स्कैनर
- प्रिन्टर
- वेब कैमरा
- पेन ड्राइव
- सी.डी.
- मॉडम
- ई – अलमारी
(a) कम्प्यूटर:
विभिन्न आधुनिक कार्यालयों में कम्प्यूटर कार्य करने का एक अनिवार्य अंग बन गया है। कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो डाटा और निर्देशों को इनपुट के रूप में ग्रहण करता है और प्रोसेस करके तथा डाटा का संग्रहण करके आउटपुट के रूप में परिणाम प्रदान करता है। कम्प्यूटर मानव की तुलना में लाख गुना तेजी से डाटा को प्रोसेस कर सकता है तथा एक ही समय में कई कार्य कर सकता है। कम्प्यूटर में विभिन्न प्रकार के अभिलेखीय रिकॉर्ड सुरक्षित रखे जा सकते हैं, जो बिना किसी परेशानी और कम समय में प्राप्त किये जा सकते हैं।
(b) प्रिन्टर:
कार्यालय में इस उपकरण का प्रयोग हार्ड कॉपी बनाने के लिये किया जाता है। किसी प्रकार का डाटा जैसे टैक्स्ट या चित्र जो कम्प्यूटर के मॉनीटर पर दिखायी देता है, उसे पेपर पर प्रिन्ट करने के लिये प्रिन्टर को प्रयोग करते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं –
- इम्पेक्ट प्रिन्टर – इस प्रकार के प्रिन्टर में प्रिन्टर हेड और कागज के बीच सम्बन्ध होता है। इसमें कुछ पिनें होती है जो कि कार्बन या स्याही फीते पर अक्षरों के रूप में हिट मारती है जिससे फीते के पीछे लगे कागज पर प्रिन्ट होता है।
- नॉन – इम्पेक्ट प्रिन्टर-इन प्रिन्टरों में तापीय रासायनिक इलेक्ट्रॉनिक और इंकजेट तकनीकी रंगों के फुहारों का प्रयोग होता है। इन प्रिन्टरों की गुणवत्ता अच्छी होती है।
(c) मॉडम – मॉडम कार्यालय का आधुनिक उपकरण है जो इन्टरनेट से अपना कम्प्यूटर जोड़ने के लिये टेलीफोन लाइन को इसके प्रयोग द्वारा जोड़ा जाता है। आज समस्त कार्यालयों में इन्टरनेट एक अनिवार्य अंग बन गया, बिना इसके कार्य सम्भव नहीं है। मॉडम इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
(d) स्कैनर – कार्यालयों में विभिन्न प्रकार की हार्ड कॉपी या फोटो कॉपी इन्टरनेट के जरियें भेजनी है या अपने कम्प्यूटर में संग्रहित करना है तो स्कैनर की सहायता से आसानी से किया जा सकता है। स्कैनर कम्प्यूटर की एक इनपुट डिवाइस है जिसका उपयोग कम्प्यूटर में डाटा डालने के लिये किया जाता है।
(e) फोटोस्टेट मशीन – फोटोस्टेट मशीन कार्यालयों में एक अनिवार्य अंग बन गयी है। इसके द्वारा फोटो ग्राफ वाले विशेष कागज पर किसी भी पत्र, चित्र, प्रलेख आदि की प्रतिलिपियाँ ज्यों की त्यों तैयार कर ली जाती है। प्रतिलिपि के लिये इस मशीन में कैमरा लगा होता है जिसके द्वारा कुछ ही समय में पत्र या प्रलेख की स्वच्छ व आकर्षक प्रतिलिपि प्राप्त की जा सकती है। इसके द्वारा मूल प्रलेख के आकार को छोटा या बड़ा आसानी से किया जा सकता है।
RBSE Class 11 Business Studies Chapter 7 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
RBSE Class 11 Business Studies Chapter 7 बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
प्रबन्ध के मूलभूत सिद्धान्त और व्यावहारिक आयामों का कार्यालय के व्यवस्थापन में उपयोग करना कहलाता है –
(अ) कार्यालय प्रबन्धन
(ब) कार्यालय प्रबन्धक
(स) कार्यालय उपकरण
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तरमाला:
(अ) कार्यालय प्रबन्धन
प्रश्न 2.
कार्यालय सम्पर्क का केन्द्र होता है –
(अ) कार्यरत कर्मियों का
(ब) उपभोक्ताओं का
(स) विक्रेताओं को
(द) उपरोक्त सभी
उत्तरमाला:
(द) उपरोक्त सभी
प्रश्न 3.
कार्यालय संस्थापन में सर्वप्रथम निर्धारण किया जा सकता है –
(अ) संगठन को
(ब) स्थान का
(स) कार्यालय फर्नीचर का
(द) अभिलेख प्रबन्धन का
उत्तरमाला:
(ब) स्थान का
प्रश्न 4.
कार्यालय स्थान के चुनाव में ध्यान रखना चाहिए –
(अ) ग्राहकों की सुविधा का
(ब) पर्याप्त स्थान का
(स) सुरक्षा एवं जलवायु का
(द) उपरोक्त सभी का
उत्तरमाला:
(द) उपरोक्त सभी का
प्रश्न 5.
आधुनिक कार्यालय में होना चाहिए –
(अ) सुन्दर भवन
(ब) उपयुक्त फर्नीचर
(स) आधुनिक श्रम – संचक यन्त्र
(द) उपरोक्त सभी
उत्तरमाला:
(द) उपरोक्त सभी
प्रश्न 6.
कार्यालय में विक्रय, क्रय, कर्मचारी, वित्त, उत्पादन से सम्बन्धित सभी अभिलेखों का संधारण करना कहलाता है –
(अ) अभिलेख प्रबन्धन
(ब) उत्पादन प्रबन्धन
(स) वित्त प्रबन्धन
(द) क्रया प्रबन्धन
उत्तरमाला:
(अ) अभिलेख प्रबन्धन
प्रश्न 7.
कार्यालय में वांछित और निष्पादित के अन्तर को पूर्ण करने की प्रक्रिया कहलाती है –
(अ) नियोजन
(ब) नियन्त्रण
(स) संगठन
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तरमाला:
(ब) नियन्त्रण
प्रश्न 8.
कार्यालय प्रबन्धन में कार्यालय की प्रक्रियाओं का किया जाता है –
(अ) नियमन
(ब) नियोजन
(स) नियन्त्रण
(द) उपरोक्त सभी
उत्तरमाला:
(द) उपरोक्त सभी
प्रश्न 9.
प्रभावी कार्यालय प्रबन्ध का प्रथम चरण है –
(अ) नियन्त्रण
(ब) विकल्पों का चयन
(स) उद्देश्य निर्धारण
(द) प्रतिपुष्टि एवं जाँच
उत्तरमाला:
(स) उद्देश्य निर्धारण
प्रश्न 10.
कार्यालय में पत्र – व्यवहारिक विभाग को मुख्य कार्य होता है –
(अ) आने वाले पत्रों का लेखा करना
(ब) जाने वाले पत्रों का लेखा करना
(स) अ और ब सही हैं।
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तरमाला:
(स) अ और ब सही हैं।
प्रश्न 11.
बाहर जाने वाली डाक का लेखा डाक प्रेषित पुस्तिका में किया जाता है –
(अ) भविष्य के सन्दर्भ के लिए
(ब) डाक व्यय का सही अनुमान के लिए
(स) डाक भेजने के प्रमापण के लिए
(द) उपरोक्त सभी
उत्तरमाला:
(द) उपरोक्त सभी
प्रश्न 12.
डाक प्राप्ति पंजिका प्रयोग में ली जाती है जब –
(अ) डाक को बाहर भेजा जाता है।
(ब) बाहर से प्राप्त डाकों को संक्षिप्त विवरण लिखा जाता है।
(स) उपरोक्त दोनों
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तरमाला:
(ब) बाहर से प्राप्त डाकों को संक्षिप्त विवरण लिखा जाता है।
प्रश्न 13.
आधुनिक कार्यालयों में उच्च स्तरीय प्रबन्धन और निम्न स्तरीय कार्मिक वर्ग के मध्य कड़ी के रूप में कार्य करने वाला व्यक्ति कहलाता है –
(अ) कार्यालय प्रबन्धक
(ब) उत्पादन प्रबन्धक
(स) वित्त प्रबन्धक
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तरमाला:
(अ) कार्यालय प्रबन्धक
प्रश्न 14.
कार्यालय प्रबन्धक में गुण होने चाहिये –
(अ) नेतृत्व कौशल
(ब) निष्पक्षता
(स) चरित्रवान
(द) उपरोक्त सभी
उत्तरमाला:
(द) उपरोक्त सभी
प्रश्न 15.
कार्यालय प्रबन्धक का कार्य है –
(अ) उपकरणों का रख – रखाव करना
(ब) व्यवसाय लक्ष्यों की पूर्ति का प्रयास करना
(स) अधीनस्थ कर्मचारियों को अभिप्रेरित करना
(द) उपरोक्त सभी
उत्तरमाला:
(द) उपरोक्त सभी
प्रश्न 16.
अभिलेख संधारण का अन्तिम चरण है –
(अ) विभाग का निर्माण
(ब) जाँच एवं नियंत्रण
(स) सूची बनाना
(द) उपकरणों का संयोजन
उत्तरमाला:
(ब) जाँच एवं नियंत्रण
प्रश्न 17.
अभिलेख संधारण और प्रबन्धन का महत्व है –
(अ) प्रभावी परिणाम
(ब) त्वरित सन्दर्भ
(स) प्रभावी नियन्त्रण
(द) उपरोक्त सभी
उत्तरमाला:
(द) उपरोक्त सभी
प्रश्न 18.
कार्यालय उपकरणों को लाभ नहीं है –
(अ) कार्य की गुणवत्ता में कमी होती है।
(ब) संचालन लागत कम आती है।
(स) प्रभावशीलता में वृद्धि होती है।
(द) नियन्त्रण में सहायता मिलती है।
उत्तरमाला:
(अ) कार्य की गुणवत्ता में कमी होती है।
प्रश्न 19.
कार्यालय में उपकरणों के प्रयोग से –
(अ) मानव श्रम की बचत होती है।
(ब) समय की बचत होती है।
(स) कार्य की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।
(द) उपरोक्त सभी
उत्तरमाला:
(द) उपरोक्त सभी
प्रश्न 20.
कार्यालय में समय व श्रम बचाने वाला यंत्र है –
(अ) कम्प्यू टर
(ब) मॉडम
(स) पंचिंग मशीन
(द) उपरोक्त सभी
उत्तरमाला:
(द) उपरोक्त सभी
RBSE Class 11 Business Studies Chapter 7 अति लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
कार्यालय में प्रबन्धन के लिये प्रबन्धकीय कार्यकुशलता की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
उत्तर:
कार्यालय व्यवसाय का केन्द्रीय स्थान होता है इसीलिये कार्यालय में प्रबन्धन के लिये प्रबन्धकीय कार्यकुशलता की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 2.
कार्यालय संस्थापन में सबसे पहले किसका निर्धारण किया जाता है?
उत्तर:
कार्यालय के संस्थापन में सबसे पहले स्थान का निर्धारण किया जाता है।
प्रश्न 3.
कार्यालय में संगठन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
कार्यालय में संगठन से तात्पर्य विभागीय और कर्मचारी ढाँचे से है, जैसे – स्टाफ, लाइन, परियोजना आदि। कार्यालय विन्यास के बाद इस ढाँचे की स्थापना की जाती है।
प्रश्न 4.
अभिलेख प्रबन्धन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
कार्यालय में विक्रय, क्रय, कर्मचारी, वित्त, उत्पादन आदि से सम्बन्धित सभी अभिलेखों का संधारण एवं प्रबन्धन करना अभिलेख प्रबन्धन कहलाता है।
प्रश्न 5.
कार्यालय नियन्त्रण से आप क्या समझते है?
उत्तर:
वांछित और निष्पादित के अन्तर को पूर्ण करने की प्रक्रिया को कार्यालय नियन्त्रण कहा जाता है।
प्रश्न 6.
प्रभावी कार्यालय प्रबन्ध के प्रथम दो चरणों को बताइये।
उत्तर:
- कार्यालय के उद्देश्यों का निर्धारण।
- विभिन्न प्रारूपों एवं प्रक्रियाओं का विश्लेषण।
प्रश्न 7.
कार्यालय के स्वागत कक्ष में हवा, पानी, बैठने के स्थान की व्यवस्था करने की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
उत्तर:
कार्यालय में बाहर से आये व्यक्ति को कार्यालय का संतोषजनक वातावरण उपलब्ध कराया जा सके और उसके दिमागे में संस्थान की अच्छी छवि बन सके।
प्रश्न 8.
कार्यालय में आने वाली और जाने वाली डाक की व्यवस्था किस विभाग द्वारा की जाती है?
उत्तर:
डाक विभाग द्वारा।
प्रश्न 9.
डाक प्रेषित पंजिका में किस प्रकार की डाक का लेखा किया जाता है?
उत्तर:
बाहर जाने वाली डाक का।
प्रश्न 10.
कार्यालय से बाहर जाने वाली डाक का लेखा डाक प्रेषित पंजिका में करने की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
उत्तर:
भविष्य के सन्दर्भ के लिए।
प्रश्न 11.
डाक प्राप्ति पंजिका क्या है?
उत्तर:
डाक प्राप्ति पंजिका में प्रतिदिन आने वाली डाक का लेखा किया जाता है जिसमें दिनांक, डाक विवरण, सम्बन्धित विभाग की संक्षिप्त जानकारी होती है।
प्रश्न 12.
एक सफल कार्यालय प्रबन्धक के दो गुणों को बताइये।
उत्तर:
- एक सफल कार्यालय प्रबन्धक को उपक्रम के प्रत्येक क्षेत्र का ज्ञान होना चाहिए।
- कार्यालय प्रबन्धक में तकनीकी योग्यता एवं तकनीकी ज्ञान होना चाहिये।
प्रश्न 13.
कार्यालय प्रबन्धक के दो प्रमुख कार्य लिखिये।
उत्तर:
- शीर्ष प्रबन्धन की नीति को नीचे तक पहुँचाना।
- अधीनस्थ कर्मचारियों को अभिप्रेरित करना।
प्रश्न 14.
कार्यालय प्रबन्ध में अभिलेख संधारण और अभिलेख प्रबन्ध के दो महत्व लिखिये।
उत्तर:
- त्वरित सन्दर्भ के रूप में अभिलेखों का उपयोग।
- नियन्त्रण के लिये वांछित सूचनाओं की प्राप्ति।
प्रश्न 15.
संस्था के अभिलेखों को कितने वर्षों तक संरक्षित रखा जाना चाहिए।
उत्तर:
3 वर्ष से 8 वर्ष तक।
प्रश्न 16.
अभिलेख संधारण के प्रथम चरण को समझाइये।
उत्तर:
अभिलेख संधारण के प्रथम चरण में प्राप्त और एकत्र अभिलेखों की सूची बनायी जाती है।
प्रश्न 17.
कार्यालय के अभिलेख विभाग के कार्यों से सम्बन्धित जाँच और नियन्त्रण की गतिविधि नियमित अन्तराल पर क्यों की जाती हैं?
उत्तर:
प्रभावी अभिलेख प्रबन्धन के लिए।
प्रश्न 18.
कार्यालय उपकरणों के दो उद्देश्य लिखिये।
उत्तर:
- मानव श्रम एवं समय की बचत के लिये।
- कार्मिकों की सुविधा और सहयोग के लिये उपयोगी।
प्रश्न 19.
कार्यालय में उपकरण का प्रयोग करने से क्या लाभ होते हैं?
उत्तर:
कार्यालय में उपकरणों का प्रयोग करने से कार्य की गुणवत्ता में वृद्धि होती है तथा संचालन लागत में कमी आती है।
प्रश्न 20.
कार्यालय में समय और श्रम बचाने वाले दो उपकरण बताइये।
उत्तर:
- फैक्स मशीन
- टाइपराइटर
प्रश्न 21.
कार्यालय में पंचिंग मशीन का क्या उपयोग है?
उत्तर:
कागजों को नत्थी करने के उद्देश्य से उनमें छेद करने के लिये पंचिंग मशीन का प्रयोग किया जाता है।
RBSE Class 11 Business Studies Chapter 7 लघूत्तरीय प्रश्न (SA – I)
प्रश्न 1.
कार्यालय प्रबन्धन से क्या आशय है? स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
किसी संस्थान में प्रबन्ध के मूलभूत सिद्धान्तों और व्यावहारिक आयामों का कार्यालय के व्यवस्थापन में उपयोग करना कार्यालय प्रबन्धन कहलाता है। जिसमें कार्यालय में उपलब्ध व्यक्ति, उपकरण, वित्त और अन्य साधनों के बेहतर समायोजन से कार्यालय की वांछित गतिविधियों का उपयुक्त संचालन किया जाता है।
प्रश्न 2.
‘कार्यालय अभिलेख प्रबन्धन का केन्द्र होता है।’ स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
किसी संस्थान में किये जाने वाले पत्र व्यवहार एवं व्यावसायिक प्रलेखों का प्रबन्धन करना बहुत आवश्यक है। कार्यालय द्वारा इस कार्य को आसान कर दिया गया है। कार्यालय में विक्रय, क्रय, कर्मचारी, उत्पादन, विपणन आदि से सम्बन्धित सभी अभिलेखों का संधारण और प्रबन्धन किया जाता है। इसी कारण कार्यालय को अभिलेख प्रबन्धन का केन्द्र माना जाता है।
प्रश्न 3.
प्रभावी कार्यालय प्रबन्ध के चरण बताइए।
उत्तर:
एक प्रभावी कार्यालय प्रबन्ध के निम्न चरण होते हैं –
- कार्यालय के उद्देश्यों का निर्धारण
- कार्यालय के लिए उपयुक्त विभिन्न प्रारूपों और प्रक्रियाओं का विश्लेषण
- कार्यालय के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन
- विकल्प कार्य निष्पादन
- प्रतिपुष्टि एवं जाँच
- नियन्त्रण
प्रश्न 4.
“कार्यालय प्रबन्ध की प्रक्रिया में प्रतिपुष्टि एवं जाँच” से क्या आशय है? स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
कार्यालय प्रबन्धन द्वारा उपयुक्त विकल्प पर कार्य प्रारम्भ करने के पश्चात् उनसे प्राप्त हुये परिणाम का अवलोकन किया जाता है तथा उस परिणाम को व्यवस्थित रूप से सामने लाकर उसकी रिपोर्ट तैयार की जाती है और प्रतिपुष्टि की जाती है। इसी के द्वारा ही आगे की क्रियाओं पर नियन्त्रण किया जाता है।
प्रश्न 5.
एक कार्यालय प्रबन्धक में कौन – कौन से गुण होने चाहिये?
उत्तर:
एक कार्यालय प्रबन्धक में निम्न गुण होने चाहिये –
- कार्यालय प्रबन्धक को उपक्रम से सम्बन्धित प्रत्येक क्षेत्र को ज्ञान होना चाहिये।
- कार्यालय प्रबन्धक कार्यालय का प्रमुख होता हैं।अत: उसमें नेतृत्व शक्ति, कुशल समन्वयकर्ता तथा कुशल निर्णायक होना चाहिये।
- कार्यालय प्रबन्धक में मानसिक योग्यता एवं तकनीकी ज्ञान होना चाहिये।
- कार्यालय प्रबन्धक को अपने कार्य से सम्बन्धित अनुभव की आवश्यकता होती है।
- एक कार्यालय प्रबन्धक में निष्पक्षता, साहस, दूरदर्शी तथा चरित्रवान जैसे गुणों का होना बहुत जरूरी है।
प्रश्न 6.
कार्यालय उपकरण कार्यालय प्रक्रिया में क्यों महत्वपूर्ण है? लिखिये।
उत्तर:
कार्यालय में कार्य सम्पादन हेतु विविध प्रकार के परम्परागत और आधुनिक उपकरण, मशीनें आदि काम में लाये जाते हैं। ये कार्यालय प्रक्रिया हेतु बहुत ही महत्वपूर्ण होते है, क्योंकि इसका योगदान समय और संसाधनों की बचत की दृष्टि से प्रमुख होता है तथा कार्यालय प्रक्रिया के संचालन में लगे कार्मिकों को कार्य करने में सुविधा प्राप्त होती है।
प्रश्न 7.
फैक्स मशीन पर टिप्पणी लिखिये।
उत्तर:
फैक्स मशीन का सभी आधुनिक कार्यालयों में प्रयोग होता है। इसके द्वारा संदेश पत्र, फोटो, चार्ट और ग्राफ आसानी से एक से दूसरे स्थान भेजे जा सकते हैं। यह मशीन टेलीफोन से जुड़ी रहती है। प्रत्येक स्थान का फैक्स नम्बर होता है जिस कागज को दूसरे स्थान पर भेजना होता है, उसे मशीन में यथास्थान लगा दिया जाता है। जिस स्थान पर फैक्स भेजना है उसका नम्बर मिलाकर बटन दबा देते है जिससे कागज मशीन में जाने लगता है तथा उसकी दूसरी प्रतिलिपि दूसरे स्थान पर रखी मशीन से निकलने लगती है।
RBSE Class 11 Business Studies Chapter 7 लघु उत्तरीय प्रश्न (SA – II)
प्रश्न 1.
कार्यालय प्रबन्धन से क्या तात्पर्य है? इसके अन्तर्गत आने वाले कार्यों को समझाइए?
उत्तर:
कार्यालय प्रबन्धन का आशय:
किसी संस्थान में प्रबन्धन के मूलभूत सिद्धान्तों और व्यावहारिक आयामों का कार्यालय के व्यवस्थापन में उपयोग करना कार्यालय प्रबन्धन कहलाता है।
कार्यालय प्रबन्धन के कार्य:
कार्यालय प्रबन्धन के अन्तर्गत आने वाले कार्य निम्नलिखित हैं –
- कार्यालय नियोजन एवं कार्यालय अभिविन्यास का निर्माण करना।
- कार्यालय की संगठन संरचना का निर्माण करना।
- कार्यालय में आवश्यकताओं के अनुरूप फर्नीचर और उपकरणों की व्यवस्था करना।
- कार्यालय के संचार, सम्प्रेषणीय कार्यों का प्रबन्धन करना।
- कार्यालय में क्रय – विक्रय, कर्मचारी, वित्त, उत्पादन आदि से सम्बन्धित अभिलेखों का संधारण और प्रबन्धन करना।
- संस्थान में कार्यरत् कर्मचारियों, अधिकारियों के वेतन, नियुक्ति, स्थानान्तरण आदि क्रियाओं का प्रशासन करना।
- कार्यालय में की जाने वाली समस्त क्रियाओं का नियमन, नियोजन, नियन्त्रण करना।
प्रश्न 2.
संस्थान में कार्यालय प्रबन्धक की भूमिका’ को समझाइये।
उत्तर:
कार्यालय प्रबन्धक संस्थान का एक महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है। जो प्रशासनिक व्यवस्था द्वारा निर्धारित नीतियों को क्रियान्वित करता है। यह कार्यकलापों में उच्च स्तरीय प्रबन्धन और निम्न स्तरीय कार्मिक वर्ग के मध्य कड़ी के रूप में कार्य करता है। उच्च प्रबन्धन की आशाओं और अपेक्षाओं के अनुरूप संस्थान के लक्ष्यों को नीचे के कर्मचारियों तक पहुँचाना, कर्मचारियों से काम लेना, कार्यालय के विभिन्न कार्यों के समन्वयक और नियन्त्रक की भूमिका निभाना, कार्यालय के कर्मचारियों को सलाह, मार्गदर्शन, नेतृत्व अभिप्रेरणा और समन्वय जैसे प्रबन्धकीय कार्य करके कार्यालय प्रबन्धक कार्यालय की गरिमा को उच्च स्तर पर पहुँचाने का कार्य करता है। साथ ही वह अपने सहकर्मियों के साथ उचित सलाह – मशविरा, चर्चा आदि के माध्यम से उनमें सहभागिता की भावना का विकास और अनुकूल माहौल तैयार करता है।
प्रश्न 3.
अभिलेख संधारण क्या है? इसके विभिन्न चरणों को बताइए।
उत्तर:
अभिलेख संधारण के अन्तर्गत व्यावसायिक कार्यालय में विभिन्न प्रकार के अभिलेखों (पत्र, रिपोर्ट, वाउचर, विभिन्न रिकॉर्ड आदि) को व्यवस्थित ढंग से सुरक्षित एवं वर्गीकृत किया जाता है जिससे आवश्यकता पड़ने पर किसी भी अभिलेख का उपयोग किया जा सके।
अभिलेख संधारण के चरण:
अभिलेख संधारण के चरण निम्नलिखित हैं –
- सूची बनाना
- समयानुसार वर्गीकरण
- संग्रहण स्थान का चयन
- विभाग का निर्माण
- उपकरणों का संयोजन
- कर्मचारियों की नियुक्ति एवं प्रशिक्षण
- अभिलेख वर्गीकरण एवं संरक्षण
- जाँच एवं नियन्त्रण
प्रश्न 4.
कार्यालय में उपकरणों के प्रयोग के उद्देश्यों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
कार्यालय में उपकरणों के प्रयोग के निम्न उद्देश्य है –
1. मानव श्रम एवं समय की बचत – कार्यालय में विभिन्न प्रकार के उपकरणों के प्रयोग करने पर मानव श्रम और समय की बचत होती है। अत: कार्यालय में जब कम समय एवं श्रम में कार्य सम्पन्न हो जाते है। तो अन्य कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण किया जा सकता है।
2. कार्य की शुद्धता – कार्यालय में विभिन्न प्रकार के कार्य सम्पन्न किये जाते है। उन सभी कार्यों में गलती होने की सम्भावना सामान्यतः बनी रहती है जो कि मानव की स्वाभाविक प्रवृत्ति है लेकिन उपकरण सामान्यतः कार्य बड़ी ही शुद्धतापूर्वक सम्पन्न करते हैं।
3. कार्मिकों को सुविधा एवं सहयोग – कार्यालय में स्थित उपकरण कर्मचारियों के सहयोगी के रूप में कार्य करते हैं। उनके कार्य को सरल करते हैं और सुविधा भी प्रदान करते हैं। कठिनाई होने पर नियन्त्रण में भी सहायता प्रदान करते हैं।
RBSE Class 11 Business Studies Chapter 7 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
कार्यालय प्रबन्ध की व्यापकता को समझाइये।
उत्तर:
कार्यालय प्रबन्ध की व्यापकता:
कार्यालय प्रबन्ध की व्यापकता को निम्न बिन्दुओं से स्पष्ट किया जा सकता है –
1. कार्यालय नियोजन और अभिविन्यास – कार्यालय में सर्वप्रथम स्थान का वर्गीकरण कर उपयुक्त एवं अनुकूल सुविधाओं के अनुसार विभाजन एवं व्यवस्थित रचना की जाती है।
2. कार्यालय संगठन – कार्यालय विन्यास के निर्माण के बाद इस संगठन ढाँचे की स्थापना की जाती है। इसमें कार्यालय के कर्मचारियों का विभागीकरण भी किया जाता है। यहाँ संगठन से तात्पर्य विभागीय ढाँचे से है जिसमें रेखा, रेखा एवं कर्मचारी, क्रियात्मक समिति एवं परियोजना संगठन आदि आते हैं।
3. कार्यालय फर्नीचर एवं उपकरण – कार्यालय में कार्य सम्पादन हेतु विविध प्रकार के परम्परागत एवं आधुनिक उपकरण, मशीनें आदि काम में लिये जाते हैं। फर्नीचर में विभिन्न प्रकार की अलमारियाँ, टेबल – कुर्सियाँ, कम्प्यूटर टेबल और उपकरण में पारम्परिक और गैर – पारम्परिक प्रकार के उपकरण कम्प्यूटर स्कैनर आदि आते हैं।
4. कार्यालय संचार और पत्र व्यवहार – संस्थान में कार्यालय अन्य कार्यालयों और क्षेत्र में कार्यरत् कर्मियों, उपभोक्ताओं, विक्रेताओं आदि से सम्पर्क का केन्द्र होता है। कार्यालय से ही विभिन्न सम्बन्धित व्यक्तियों से सम्पर्क, सम्प्रेषण और पत्र व्यवहार होता है।
5. अभिलेख प्रबन्धन – कार्यालय में विभिन्न प्रकार के व्यवहार से सम्बन्धित प्रलेख, विक्रय, क्रय, कर्मचारी, वित्त, उत्पादन आदि से सम्बन्धित सभी अभिलेखों का संधारण और प्रबन्धन किया जाता है। कार्यालय प्रबन्धन का केन्द्र होता है।
6. कर्मचारियों का प्रशासन – कार्यालय संस्थान में कार्यरत् सभी व्यक्तियों, कर्मचारियों का प्रशासन, प्रबन्धन, नियन्त्रण और पर्यवेक्षण भी होता है। यही से ही कर्मचारियों के वेतन, नियुक्ति, स्थानान्तरण आदि क्रियाओं का प्रशासन होता है।
प्रश्न 2.
अभिलेख संधारण के विभिन्न चरणों पर प्रकाश डालिये।
उत्तर:
अभिलेख संधारण के अन्तर्गत उपक्रम के कार्यालय में विभिन्न प्रकार के अभिलेखों (पत्र, रिपोर्ट, वाउचर, विभिन्न रिकॉर्ड) को व्यवस्थित ढंग से वर्गीकृत एवं संरक्षित किया जाता है जिससे आवश्यकता पड़ने पर किसी अभिलेख का उपयोग किया जा सके। इसीलिये अभिलेख संधारण की जानकारी होना अति आवश्यक है।
अभिलेख संधारण के चरण:
कार्यालय में अभिलेख संधारण के अन्तर्गत निम्न चरण अपनाये जाते हैं, जो इस प्रकार हैं –
1. सूची बनाना – अभिलेख संधारण की चरण प्रक्रिया में सर्वप्रथम संस्थान या कार्यालय में प्राप्त एवं एकत्रित अभिलेखों की सूची बनाने का कार्य किया जाता है। यह सूची रजिस्टर या सॉफ्ट कॉपी में हो सकती हैं। .
2. समयानुसार वर्गीकरण – अभिलेखों की सूची का निर्माण हो जाने के बाद इनको वर्ष, माह, सप्ताह, दिनांक आदि का ध्यान रखते हुये समयानुसार वर्गीकरण करने का कार्य किया जाता है।
3. संग्रहण स्थान का चयन – अभिलेखों को सम्पूर्ण रूप या वर्गीकृत रूप में रखने हेतु स्थान की आवश्यकता पड़ती है। अतः इस हेतु स्थान का चयन किया जाता है। यह स्थान आवश्यकता के अनुरूप होना चाहिये, जहाँ से अभिलेखों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाता है।
4. विभाग का निर्माण – अभिलेख प्रबन्धन के उत्तरदायित्व के निर्धारण हेतु कार्यालय में अभिलेख संधारण विभाग या अभिलेखागार का निर्माण किया जाता है।
5. उपकरणों का संयोजन – अभिलेख प्रबन्धन के अन्तर्गत विभाग का निर्माण हो जाने के पश्चात् अभिलेख के हार्ड या सॉफ्ट कॉपी में संरक्षण, संसाधन और प्रबन्धन हेतु वांछित उपकरणों द्वारा अभिलेखागार में संयोजन कार्य किया जाता है।
6. कर्मचारियों की नियुक्ति एवं प्रशिक्षण – उपकरण संयोजन के बाद कर्मचारियों की नियुक्ति एवं प्रशिक्षण पर ध्यान दिया जाता है। जिसमें अभिलेख विभाग हेतु पृथक् से योग्यता प्राप्त कर्मचारियों की नियुक्ति की जाती है तथा कम्पनी की आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाती है।
7. अभिलेख वर्गीकरण एवं संरक्षण – नियुक्त कर्मचारी नियमित रूप से अभिलेख वर्गीकरण, संरक्षण और संधारण कार्य करते हैं और कम्पनी की जरूरतों के अनुसार आवश्यक अभिलेखों की प्रतिलिपियाँ और मूल अभिलेख प्रबन्धकों को प्रदान करते हैं।
8. जाँच व नियन्त्रण -अभिलेख विभाग के कार्यों की नियमित जांच होनी चाहिये। इसीलिये एक निश्चित एवं नियमित अन्तराल पर सम्बन्धित जांच और नियन्त्रण की गतिविधि होती रहती है जिससे प्रभावी अभिलेख प्रबन्धन हो सके।
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