Rajasthan Board RBSE Class 11 Economics Chapter 24 राजस्थान में प्राकृतिक संसाधन
RBSE Class 11 Economics Chapter 24 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
RBSE Class 11 Economics Chapter 24 बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
प्राकृतिक संसाधनों का महत्त्व है
(अ) राज्य के घरेलू उत्पाद बढ़ाने में
(ब) पर्यटन उद्योग के विकास में
(स) पर्यावरण सुधार एवं उपभोग में
(द) इन सभी में
उत्तर:
(द) इन सभी में
प्रश्न 2.
राजस्थान में प्राकृतिक भाग है
(अ) चार
(ब) पाँच
(स) तीन
(द) दस
उत्तर:
(अ) चार
प्रश्न 3.
उत्तरी-पश्चिमी रेगिस्तान वाला जिला है
(अ) चुरू
(ब) कोटा
(स) जयपुर
(द) टोंक
उत्तर:
(अ) चुरू
प्रश्न 4.
रेगिस्तान का कल्पवृक्ष कहलाता है
(अ) नीम
(ब) केर
(स) खेजड़ा
(द) बबूल
उत्तर:
(स) खेजड़ा
प्रश्न 5.
माही डेम कौन-से जिले में है?
(अ) कोटा में
(ब) टोंक में
(स) बाँसवाड़ा में
(द) जयपुर में
उत्तर:
(स) बाँसवाड़ा में
प्रश्न 6.
सांभर झील है
(अ) जयपुर में
(ब) नागौर में
(स) बाड़मेर में
(द) चुरू में
उत्तर:
(अ) जयपुर में
प्रश्न 7.
राज्य भारत के 100% खनिजों का उत्पादन करते हैं?
(अ) बोलास्टोनाइट व जास्पर
(स) लोहा
(ब) रॉक फॉस्फेट व सीसा कन्सन्ट्रेट
(द) सोपस्टोन
उत्तर:
(अ) बोलास्टोनाइट व जास्पर
RBSE Class 11 Economics Chapter 24 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
नमक उत्पादन की प्रमुख दो झीलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- सांभर झील,
- डीडवाना झील।
प्रश्न 2.
कजरी संस्थान कहाँ पर है?
उत्तर:
जोधपुर में।
प्रश्न 3.
पचपद्रा की झील कहाँ पर है?
उत्तर:
बाड़मेर में।
प्रश्न 4.
खेतड़ी में कौन-सी धातु की परियोजना है?
उत्तर:
ताँबा धातु की परियोजना।
प्रश्न 5.
चम्बल नदी पर कौन-सा बाँध है?
उत्तर:
गाँधी सागर बाँध।
प्रश्न 6.
बनास नदी पर बीसलपुर बाँध कौन-से जिले में स्थित है?
उत्तर:
टोंक जिले में।
प्रश्न 7.
राजस्थान की प्रथम खनिज नीति कब घोषित की गई?
उत्तर:
प्रथम खनिज नीति 1978 में घोषित की गई।
RBSE Class 11 Economics Chapter 24 लघत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वनों से प्राप्त प्रमुख खनिजों के नाम लिखिए।
उत्तर:
लोहा, अभ्रक, कोयला, नमक, जस्ता, चूना पत्थर, बॉक्साइट आदि खनिज वनों से प्राप्त किये जाते हैं।
प्रश्न 2.
राजस्थान में सिंचाई करने वाली प्रमुख नहरों के नाम लिखिए।
उत्तर:
राजस्थान में सिंचाई करने वाली प्रमुख नहरें निम्न हैं :
- इन्दिरा गाँधी नहर
- गंगा नहर
- भरतपुर नहर’
प्रश्न 3.
खनिज संसाधनों से आय व रोजगार पर क्या प्रभाव पड़ता है? समझाइये।
उत्तर:
खनिज संसाधन आर्थिक विकास में सहायक हैं। प्रत्येक खनिज कच्चे माल के रूप में उद्योगों में काम आता है तो दूसरी तरफ राज्य की आय व रोजगार को बढ़ाता है। राज्य में खनन क्रिया में लगभग 5 लाख व्यक्तियों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला हुआ है। खनिजों के निष्कासन के बाद उनके विक्रय करने से राज्य सरकार को बहुत आय प्राप्त होती है। अतः राज्य में खनिज संसाधनों के निष्कासन से राज्य के लोगों को रोजगार मिलता है तथा उसके विक्रय से राज्य सरकार को आय प्राप्त होती है।
प्रश्न 4.
खारे पानी की झीलें कहाँ-कहाँ पर हैं एवं इनका आर्थिक उपयोग क्या है?
उत्तर:
खारे पानी की झील सांभर झील (जयपुर), डीडवाना झील (नागौर), लूणकरणसर झील (बाड़मेर) में है। खारे पानी की झीलों का नमक बनाने में उपयोग किया जाता है। सांभर में केन्द्रीय उपक्रम ‘सांभर साल्ट लिमिटेड’ द्वारा नमक का उत्पादन किया जाता है।
प्रश्न 5.
वन क्षेत्र विकसित होने पर आर्थिक लाभ के साथ-साथ विदेशी मुद्रा का भी अर्जन होता है, कैसे? समझाइये।
उत्तर:
वन क्षेत्रों की विकसित स्थिति किसी राज्य की सम्पन्नता को दर्शाती है। भारत में पंजाब, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र आदि की प्रगति भी बहुत कुछ प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर करती है। वन क्षेत्रों से इमारती लकड़ी, ईंधन, घास, बाँस, कत्था, तेन्दू पत्ता, खस आदि राज्यों को आर्थिक योगदान प्रदान करते हैं। वनों के आबाद रहने से पर्यटन को बढ़ावा मिलता है। जिसमें बिना निर्यात किये ही विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। अत: वनों का विकास आर्थिक योगदान तो देता ही है साथ में विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करके विदेशी मुद्रा अर्जन करने में सहायता प्रदान करता है।
RBSE Class 11 Economics Chapter 24 निबंधात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
प्राकृतिक संसाधनों से राज्य की अर्थव्यवस्था कैसे प्रभावित होती है? विस्तारपूर्वक समझाइये।
उत्तर:
प्राकृतिक संसाधनों में उन सभी प्रकृति से प्राप्त निःशुल्क उपहारों को सम्मिलित किया जाता है, जो मनुष्य के आस-पास के वातावरण (भौतिक पर्यावरण) में उपस्थित होते हैं तथा जिन पर मनुष्य का जीव मात्र का जीवनयापन निर्भर करता है। इसी कारण से प्राकृतिक संसाधनों में भूमि, जलवायु, वन, मिट्टी, खनिज, जल एवं ऊर्जा को शामिल किया गया है। किसी अर्थव्यवस्था का स्वरूप उसका स्तर एवं विकास उसकी भौगोलिक तथा प्राकृतिक संसाधनों की मात्रा, विविधता, गुणवत्ता तथा उपयोग करने की क्षमता पर निर्भर करता है। प्राकृतिक संसाधन सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के लिये आधारशिला का काम करते हैं तथा मनुष्य के आर्थिक जीवन के प्रत्येक आयाम को प्रभावित करते हैं। जिस देश में प्राकृतिक संसाधन भरपूर हैं वहाँ का विकास तीव गति से होता है।
अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, आदि देशों का विकास इन्हीं प्राकृतिक संसाधनों की वजह से तीव्र गति से हुआ है। भारत में पंजाब, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र आदि की प्रगति भी बहुत कुछ इन्हीं प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर करती है। राज्य की जलवायु, भूमि, वन, जल और खनिज सम्पदा औद्योगिक विकास की दिशा व दशा को निर्धारित करते हैं जिसका दूरगामी प्रभाव राज्य की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। इस प्रकार यह कहना उचित होगा कि प्राकृतिक संसाधनों की मात्रा व गुणवत्ता से राज्य में आर्थिक विकास होता है। इन साधनों का उचित प्रयोग करके विकास के अगले पायदान पर कदम बढ़ाना आसान होता है। इनका सदुपयोग करके निर्धनता, बेरोजगारी, जैसी जटिल समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है तथा राज्य की अर्थव्यवस्था में इन अवरोधकों को हटाकर उसे तीव्र किया जा सकता है।
प्रश्न 2.
वन व जल संसाधन बढ़ने पर राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है, कैसे? समझाइये।
उत्तर:
किसी राज्य में उसके आर्थिक विकास के लिये वन और जल की स्थिति अच्छी होनी चाहिए। यदि किसी राज्य में वन अधिक हैं तो यह वन सम्पदा राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में योगदान देती है। वनों से इमारती लकड़ी, ईंधन, घास, बाँस, शहद व मोम, कत्था आदि प्राप्त होते हैं, जिससे राज्य को आय प्राप्त होती है। वनों के बढ़ने पर जलवायु में नमी बनी रहती है जिससे प्रदूषण में कमी होती है। जल के बिना कोई कार्य सम्भव नहीं है। जल संसाधन उचित मात्रा में होंगे तभी कृषि हो पायेगी। भारत एक कृषि प्रधान देश है और कृषि को जल संसाधनों की सहायता से बढ़ाया जा सकता है। बिना जल संसाधन के सूखा व अकाल पड़ सकता है।
जल संसाधन को बढ़ाने के लिये वर्षा के जल को एकत्रित करना चाहिए। क्योंकि राजस्थान राज्य में कोई भी नदी नहीं है जो पूरे राज्य को जल की पूर्ति कर सके। अत: राज्य वर्षा पर ही निर्भर रहते हैं। जल संसाधन बढ़ने पर पैदावार अच्छी होगी जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था में आय की वृद्धि होगी। वनों के आबाद रहने पर पर्यटन को बढ़ावा मिलता है। जिसमें बिना निर्यात किये ही विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है, जो किसी अर्थव्यवस्था के लिये एक अच्छा आय का स्रोत है। अत: वन व जल संसाधन एक-दूसरे के पूरक भी कहे जा सकते हैं, क्योंकि वन अधिक होने पर ही वर्षा अधिक होगी जिससे जल संसाधन बढ़ेंगे और इन दोनों के बढ़ने पर अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
प्रश्न 3.
खनिज पदार्थ राज्य की अर्थव्यवस्था के लिये मेरुदण्ड का कार्य करते हैं, कैसे? विस्तारपूर्वक समझाइये।
उत्तर:
अन्य प्राकृतिक संसाधनों की तरह खनिज संसाधन अर्थव्यवस्था की दिशा निर्धारित करते हैं। लोहा, इस्पात, सीमेण्ट, कोयला, पेट्रोल व डीजल, एल्युमिनियम तथा उर्वरक उद्योग राज्य के आर्थिक विकास में नींव के पत्थर की तरह लाभदायक होते हैं। प्रत्येक खनिज कच्चे माल के रूप में उद्योगों में काम आता है तो दूसरी तरफ राज्य की आय व रोजगार को भी बढ़ाता है। राज्य में खनन क्रिया से व्यक्तियों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है। राज्य की आय में बढ़ोत्तरी होती है।
वर्तमान में राजस्थान जास्पर व बोलस्टोनाइट का एक मात्र उत्पादक राज्य है। उत्पादन मूल्य की दृष्टि से भारत में राज्य का 5वाँ स्थान है। सीसा, जस्ता, अयस्क, टंगस्टन अयस्क, फास्फोराइड, एसवेस्ट्स, कैल्साइट, चीनी मिट्टी फैल्सपार, गारनेट (रत्न), जिप्सम, जस्पार, चाँदी अयस्क, सोप स्टोन, आदि खनिजों के उत्पादन में राज्य का स्थान देश में प्रथम पायदान है। राजस्थान में 70% खनिज पाये जाते हैं। प्रचलित कीमतों पर खनन से 1991-1992 में ₹ 511 करोड़ की आमदनी हुई थी। जो 2013-14 में ₹ 21750 करोड़ तक हो गई।
खनिज पदार्मों से उद्योगों को कच्चा माल मिलता है। तेल, कोयला व प्राकृतिक गैस अर्थव्यवस्था के लिये रीढ़ की हड्डी के समान (शक्ति व ऊर्जा के रूप में) है। अत: स्पष्ट है कि यदि प्राकृतिक संसाधनों से हमें खनिज पदार्थ प्राप्त नहीं होंगे तो उद्योगों के लिये कच्चा माल प्राप्त नहीं होगा। जिससे आर्थिक चक्र का पहिया नहीं घूमेगा तथा अर्थव्यवस्था कमजोर हो जायेगी। खनिज पदार्थों से ही अर्थव्यवस्था को गति मिलती है।
प्रश्न 4.
जिस राज्य में उपजाऊ भूमि और पर्याप्त मात्रा में जल संसाधन मौजूद है तो उस राज्य की अर्थव्यवस्था कमजोर नहीं हो सकती है। इस पर सविस्तार अपने विचार प्रकट कीजिये।
उत्तर:
किसी राज्य में उसके आर्थिक विकास के लिये प्राकृतिक संसाधनों का योगदान महत्त्वपूर्ण होता है। प्राकृतिक संसाधनों के रूप में भूमि की मात्रा व किस्म का कृषि पर सीधा प्रभाव पड़ता है। मिट्टी की किस्म, वर्षा व जलवायु को ध्यान में रखकर ही फसलों का उत्पादन किया जाता है। भूमि का उपयोग अर्थव्यवस्था में प्राथमिक साधन के रूप में होता है। जिस राज्य में उपजाऊ भूमि होती है तथा जल संसाधन पर्याप्त मात्रा में मौजूद हो तो वहाँ पर फसलों की पैदावार अच्छी होगी जिससे उस राज्य की आय बढ़ेगी। क्योंकि यदि किसी राज्य में कोई भी फसल अन्य राज्यों की तुलना में अधिक होती है तो एक राज्य से दूसरे राज्य में निर्यात किया जा सकता है और देश के बाहर से आयात करने की आवश्यकता नहीं होती है, राज्य के अधिकतर लोग कृषि कार्य में लगे होते हैं उपजाऊ भूमि होने से वहाँ के लोग शहरों में पलायन नहीं करते हैं।
वे कृषि से ही आय व रोजगार का सृजन करते हैं। जिस राज्य में जल संसाधन पर्याप्त मात्रा में होते हैं वहाँ कम्पनियाँ, फैक्ट्रियाँ भी लगाई जा सकती हैं। बिना जल संसाधनों के कृषि भी नहीं की जा सकती है जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था कमजोर हो जाती है। उपजाऊ भूमि और जल संसाधन किसी राज्य की उन्नति के लिये अत्यन्त आवश्यक है। पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों में उपजाऊ भूमि तथा पर्याप्त मात्रा में जल संसाधन होने की वजह से उन्नत तथा हरे-भरे राज्य हैं तथा इनकी अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है। जबकि राजस्थान में अधिकांश भाग में मरुस्थल होने के कारण आधे से ज्यादा भाग अनुपजाऊ है तथा जल के स्रोत भी कम है जिसकी वजह से राजस्थान की अर्थव्यवस्था कमजोर है तथा कुछ ही फसलों का यहाँ उत्पादन होता है।
उपयुक्त विवेचन से स्पष्ट होता है किसी राज्य की अर्थव्यवस्था उसकी उपजाऊ भूमि तथा उसके पास मौजूद जल संसाधन के उपलब्ध होने पर मजबूत होती है।
RBSE Class 11 Economics Chapter 24 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
RBSE Class 11 Economics Chapter 24 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
भूमि व जलवायु के आधार पर राजस्थान को कितने भागों में बाँटा गया है?
(अ) चार
(ब) पाँच
(स) तीन
(द) छह
उत्तर:
(अ) चार
प्रश्न 2.
राजस्थान का कितना भाग उत्तरी-पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश में आता है?
(अ) 61%
(ब) 65%
(स) 70%
(द) 40%
उत्तर:
(अ) 61%
प्रश्न 3.
उत्तर-पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश में कितने जिले आते हैं?
(अ) 18
(ब) 30
(स) 12
(द) 21
उत्तर:
(स) 12
प्रश्न 4.
गुरुशिखर की ऊँचाई है
(अ) 1730 मी.
(ब) 1630 मी
(स) 1722 मी
(द) 1522 मी
उत्तर:
(स) 1722 मी
प्रश्न 5.
भारत के लिये कुल कृषि क्षेत्र का कितना भाग अकेले राजस्थान में है?
(अ) 12.9%
(ब) 11.9%
(स) 10.9%
(द) 13.9%
उत्तर:
(द) 13.9%
प्रश्न 6.
राजस्थान के जल संसाधन स्रोतों को कितने भागों में विभाजित किया गया है?
(अ) चार
(ब) दो
(स) पाँच
(द) तीन
उत्तर:
(ब) दो
प्रश्न 7.
राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार कितने प्रतिशत भूमि पर वन होने चाहिए?
(अ) 40%
(ब) 30%
(स) 33.33%
(द) 50%
उत्तर:
(स) 33.33%
प्रश्न 8.
भारत में कुल भूमि के क्षेत्रफल के कितने प्रतिशत भू-भाग में वन है?
(अ) 35%
(ब) 33%
(स) 22.8%
(द) 20%
उत्तर:
(स) 22.8%
प्रश्न 9.
भारत में कुल खनिज उत्पादन में राजस्थान का कितना प्रतिशत योगदान है?
(अ) 7.75%
(ब) 5.74%
(स) 6.80%
(द) 10%
उत्तर:
(ब) 5.74%
प्रश्न 10.
राजस्थान में कुल कितने प्रकार के खनिज पाये जाते हैं?
(अ) 71
(ब) 50
(स) 80
(द) 61
उत्तर:
(द) 61
प्रश्न 11.
बाड़मेर में कितने टन कोयला होने का अनुमान लगा है?
(अ) 80 करोड़ टन
(ब) 50 करोड़ टन
(स) 60 करोड़ टन
(द) 40 करोड़ टन
उत्तर:
(स) 60 करोड़ टन
प्रश्न 12.
राज्य में प्रथम खनिज नीति घोषित कब की गई?
(अ) 1979
(ब) 1980
(स) 1978
(द) 1976
उत्तर:
(स) 1978
प्रश्न 13.
नई खनिज नीति 2011 में कितने उद्देश्य रखे गए?
(अ) 11
(ब) 13
(स) 10
(द) 15
उत्तर:
(अ) 11
RBSE Class 11 Economics Chapter 24 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राजस्थान भारत के किस भाग में स्थित है?
उत्तर:
उत्तरी-पश्चिमी भाग में।
प्रश्न 2.
राजस्थान का भौगोलिक क्षेत्रफल कितना है?
उत्तर:
342239 वर्ग किमी।
प्रश्न 3.
राजस्थान देश के भौगोलिक क्षेत्रफल का कितना प्रतिशत है?
उत्तर:
10.41%
प्रश्न 4.
उत्तरी-पश्चिमी मरुस्थलीय क्षेत्र में कितने सेमी वर्षा होती है?
उत्तर:
12 से 18 सेमी।
प्रश्न 5.
पूर्वी मैदानी भाग में वर्षा का औसत कितना रहता है?
उत्तर:
लगभग 40-80 सेमी।
प्रश्न 6.
गुरुशिखर पर्वत किस जिले में है?
उत्तर:
सिरोही में।
प्रश्न 7.
मध्यवर्ती-पहाड़ी प्रदेश में वर्षा का औसत कितना पाया जाता है?
उत्तर:
लगभग 20-90 सेमी।
प्रश्न 8.
मालवा या हाडौती का क्षेत्र किस प्रदेश को कहते हैं?
उत्तर:
दक्षिणी-पूर्वी पठार को।
प्रश्न 9.
कौन-सी मिट्टी राज्य के सबसे विस्तृत क्षेत्र में पायी जाती है?
उत्तर:
रेतीली मिट्टी।
प्रश्न 10.
नाइट्रोजन की कमी किस मिट्टी में पायी जाती है?
उत्तर:
दुमट या कछारी मिट्टी में।
प्रश्न 11.
किस संस्थान द्वारा सूखा क्षेत्र पर अनुसन्धान किया जा रहा है?
उत्तर:
‘कजरी’ संस्थान द्वारा
प्रश्न 12.
जल संसाधन का कितना प्रतिशत राजस्थान में उपलब्ध है?
उत्तर:
1%
प्रश्न 13.
सतही जल के स्रोत कौन-से हैं?
उत्तर:
नदियाँ, नहरें, झीलें, तालाब, सतही जल के स्रोत हैं।
प्रश्न 14.
माही नदी राजस्थान में कितने किलोमीटर बहती है?
उत्तर:
174 किमी।
प्रश्न 15.
बनास नदी का निकास कहाँ से होता है?
उत्तर:
अरावली पर्वतमाला की खमनोर पहाड़ियों (कुम्भलगढ़) के पास से निकलती है।
प्रश्न 16.
पश्चिमी राजस्थान की सबसे बड़ी नदी कौन-सी है?
उत्तर:
लूनी नदी।
प्रश्न 17.
लूनी नदी के पानी के उपयोग से किसका – उत्पादन किया जाता है?
उत्तर:
नमक का उत्पादन किया जाता है।
प्रश्न 18.
मीठे पानी की कोई दो झीलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- पिछोला झील
- फतेहसागर झील।
प्रश्न 19.
राजस्थान के समस्त क्षेत्रफल का कितना भाग वनों के अन्तर्गत आता है?
उत्तर:
7 से 8 प्रतिशत के बीच।
प्रश्न 20.
राजस्थान में पायी जाने वाली तीन प्रकार की वनस्पति का नाम लिखो।
उत्तर:
- वन
- घास
- मरुस्थलीय वनस्पति।
प्रश्न 21.
राजस्थान में सबसे कम वन किस जिले में है?
उत्तर:
चुरू व जैसलमेर जिले में।
प्रश्न 22.
प्रचलित कीमतों पर खनन से 1991-92 में कितनी आमदनी हुई?
उत्तर:
₹ 511 करोड़।
प्रश्न 23.
राजस्थान सोपस्टोन के उत्पादन में | कौन-से स्थान पर है?
उत्तर:
प्रथम स्थान पर।
प्रश्न 24.
स्लेट पत्थर कहाँ पाया जाता है?
उत्तर:
अलवर में।
प्रश्न 25.
किस पत्थर के उत्पादन में राज्य का एकाधिकार है?
उत्तर:
घीया पत्थर के उत्पादन में।
प्रश्न 26.
राजस्थान राज्य खनिज विकास निगम (RSMDC) की स्थापना कब की गई?
उत्तर:
1979 में।
प्रश्न 27.
भूमि व जलवायु के आधार पर राजस्थान के चार भाग कौन-से हैं?
उत्तर:
- उत्तरी-पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश,
- पूर्वी मैदान,
- मध्यवर्ती पहाड़ी प्रदेश,
- दक्षिणी पूर्वी पठार।
प्रश्न 28.
उत्तरी-पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश की मुख्य फसलें कौन-सी हैं?
उत्तर:
‘मुख्य फसलों में ज्वार, बाजरा, मूंग व मोठ प्रमुख हैं।
प्रश्न 29.
उत्तरी-पश्चिमी क्षेत्र में कौन-सी झीलों से नमक का उत्पादन किया जाता है?
उत्तर:
उत्तरी-पश्चिमी क्षेत्र में सांभर, डीडवाना व पचपद्रा में खारे पानी की झीलों से नमक का उत्पादन किया जाता है।
प्रश्न 30.
पूर्वी मैदान में राज्य के कौन-कौन से जिले आते हैं?
उत्तर:
पूर्वी मैदान भाग में जयपुर, दौसा, भरतपुर, टोंक, धौलपुर, सवाईमाधोपुर, करौली, अलवर एवं सीकर, झुंझुनूं का कुछ भाग आता है।
प्रश्न 31.
मध्यवर्ती पहाड़ी प्रदेश में कौन-से खनिज पाये जाते हैं?
उत्तर:
ताँबा, जस्ता, अभ्रक, लोहा आदि खनिज पाये जाते हैं।
प्रश्न 32.
दक्षिणी पूर्वी पठार क्षेत्र में कौन-सी मिट्टी पाई जाती है?
उत्तर:
इस क्षेत्र में काली मिट्टी, लाल मिट्टी पाई जाती है।
प्रश्न 33.
चम्बल नदी की सहायक नदियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
काली सिन्ध, पार्वती, परवन, बनास आदि चम्बल की सहायक नदियाँ हैं।
प्रश्न 34.
चम्बल नदी पर कौन-से बाँध बनाये गए हैं?
उत्तर:
चम्बल नदी पर गाँधी सागर, जवाहर सागर तथा राणा प्रताप सागर बाँध बनाये गए हैं।
प्रश्न 35.
माही नदी पर कौन-सा बाँध किस जिले में बना है?
उत्तर:
माही नदी पर बाँसवाड़ा जिले में माही सागर बाँध बना हुआ है।
प्रश्न 36.
बनास नदी कहाँ से निकलती है?
उत्तर:
बनास नदी अरावली पर्वतमाला की खमनोर पहाड़ियों के पास से निकलती है। .. .
प्रश्न 37.
कैलना झील राज्य के किस जिले में है?
उत्तर:
कैलना झील राज्य के जोधपुर जिले में है।
प्रश्न 38.
खारे पानी की तीन झीलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- सांभर झील,
- डीडवाना झील,
- तूणकरणसर झील।
प्रश्न 39.
सांभर में किस उपक्रम द्वारा नमक का उत्पादन किया जाता है?
उत्तर:
सांभर में केन्द्रीय उपक्रम ‘सांभर साल्ट लिमिटेड’ द्वारा नमक का उत्पादन किया जाता है।
प्रश्न 40.
इन्दिरा गाँधी नहर से किन जिलों में सिंचाई की जाती है?
उत्तर:
इन्दिरा गाँधी नहर से गंगानगर, बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर जिलों की सिंचाई की जाती है।
प्रश्न 41.
गंगानहर कहाँ से निकाली गई है?
उत्तर:
गंगानहर सतलज नदी से फिरोजपुर के निकट हुसैनीवाला से निकाली गई है।
प्रश्न 42.
आरक्षित वन से क्या आशय है?
उत्तर:
इन वनों में पशुओं को घास चरने तथा पेड़ काटने की सुविधा नहीं होती है।
प्रश्न 43.
सुरक्षित वन से क्या आशय है?
उत्तर:
इस क्षेत्र में पशुओं को चराने तथा सूखे पेड़ काटने की कभी-कभी आज्ञा दी जाती है।
प्रश्न 44.
अवर्गीकृत वन से क्या आशय है?
उत्तर:
इसमें बरसाती घास के चारागाह पेड़ तथा छोटी-छोटी झाड़ियाँ होती हैं।
प्रश्न 45.
शुष्क सागवान के वन राज्य के किन जिलों में मुख्यतः पाये जाते हैं?
उत्तर:
शुष्क सागवान के वन मुख्यतः दक्षिणी राजस्थान के बाँसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों में पाये जाते हैं।
RBSE Class 11 Economics Chapter 24 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
उत्तरी-पश्चिमी मरुस्थल की कोई चार विशेषतायें बताइए।
उत्तर:
चार विशेषतायें निम्न हैं :
- औसत वर्षा कम होती है लगभग 12 से 15। इस कारण यहाँ मोटे अनाज का उत्पादन किया जाता है।
- मिट्टी मुख्यत: बालू (रेतीली) पाई जाती है।
- पशुपालन मुख्य उद्योग होता है।
- मुख्य फसलों में ग्वार, बाजरा, ज्वार, मूंग, मोठ प्रमुख हैं।
प्रश्न 2.
पूर्वी मैदान भाग की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
विशेषतायें निम्न हैं :
- औसत वर्षा ठीक रहती है (लगभग 40-80 सेमी) इसलिये यहाँ जनसंख्या घनत्व भी अधिक पाया जाता है।
- मुख्य फसलों में गेहूँ, तिलहन, कपास, गन्ना, चना, बाजरा, सरसों आदि का उत्पादन किया जाता है।
- जल की पर्याप्त उपलब्धता के कारण यह उपजाऊ क्षेत्र है जो राज्य के कुल क्षेत्रफल का लगभग 23 प्रतिशत से अधिक है।
प्रश्न 3.
मध्यवर्ती पहाड़ी प्रदेश की चार विशेषतायें लिखिए।
उत्तर:
चार विशेषतायें निम्न हैं :
- यहाँ वर्षा का औसत 20-90 सेमी के बीच पाया जाता है।
- इस क्षेत्र में लाल, काली, भूरी व कंकरीली मिट्टी पाई जाती है।
- ताँबा, जस्ता, अभ्रक, लोहा आदि खनिज पाये जाते हैं।
- यह राज्य के क्षेत्रफल का लगभग 9% भाग में है।
प्रश्न 4.
दक्षिणी-पूर्वी पठार की विशेषतायें बताइए।
उत्तर:
दक्षिणी-पूर्वी पठार तेल मालवा या हाडौती के तेल से जाना जाता है। इसमें मुख्य रूप से कोटा, बारा, बून्दी तथा झालावाड़ जिले आते हैं। इसकी विशेषताएँ निम्न हैं :
- यहाँ पर काली मिट्टी, लाल मिट्टी पाई जाती है।
- यहाँ कपास, मूंगफली, चावल, गन्ना और गेहूँ का उत्पादन किया जाता है।
- यहाँ औसत वर्षा 30-40 से. मी. होती है।
प्रश्न 5.
रेतीली मिट्टी की विशेषतायें बताइए।
उत्तर:
- यह मिट्टी राज्य के सबसे विस्तृत क्षेत्र में पाई जाती है।
- यह बहुत कम उपजाऊ होती है।
- यह मुख्यत: चुरू, बाड़मेर, आदि जिलों में पाई जाती है।
- यहाँ पर मोटे तौर पर मोटा अनाज ही पैदा होता है।
प्रश्न 6.
राजस्थान में पायी जाने वाली लाल मिट्टी और काली मिट्टी के बारे में संक्षेप में प्रकाश डालिये?
उत्तर:
लाल मिट्टी-इस मिट्टी में नाइट्रोजन, फास्फोरस, चूना, पोटास व लौह कण पाये जाते हैं। यह डूंगरपुर, उदयपुर व अजमेर जिलों में पायी जाती है। काली मिट्टी-इस मिट्टी में फॉस्फेट, नाइट्रोजन व जैविक पदार्थों की कमी होती है। परन्तु कैल्सियम की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। बाँसवाड़ा, प्रतापगढ़, बून्दी, झालावाड़, बांरा आदि क्षेत्रों में पाई जाती है।
प्रश्न 7.
भूमि संरक्षण के लिये क्या सरकारी प्रयास किये जा रहे हैं?
उत्तर:
भूमि संरक्षण हेतु सरकार द्वारा निम्न प्रयास किये जा रहे हैं :
- मरुस्थल को रोकने के लिये मरुविकास कार्यक्रम, सूखा सम्भाव्य क्षेत्र में कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं।
- जोधपुर में ‘कजरी’ संस्थान से सूखा क्षेत्र पर अनुसन्धान कार्य हो रहा है।
- काम्बेटिंग डेजर्ट नाम के कार्यक्रम में केन्द्र के सहयोग से राजस्थान में भूमि सुधार कार्य हो रहा था।
प्रश्न 8.
चम्बल नदी के विषय में चार बिन्दु लिखिए।
उत्तर:
- यह नदी मध्य प्रदेश के मऊ के पास जनापाव पहाड़ी से निकलकर राजस्थान के, कोटा, सवाईमाधोपुर और धौलपुर जिलों में लगभग 210 किमी बहकर यमुना में मिल जाती है।
- काली सिन्ध, पार्वती, परवन, बनास आदि इसकी सहायक नदियाँ हैं।
- चम्बल नदी पर गाँधी सागर, जवाहर सागर तथा राणा प्रताप सागर बाँध बनाये गए हैं।
- इससे जल विद्युत उत्पादन किया जाता है।
प्रश्न 9.
राजस्थान में मीठे पानी की झीलों एवं खारे पानी की झीलों के नाम बताइये।
उत्तर:
मीठे पानी की झील :
पिछोला झील, फतेहसागर झील, राजसमन्द झील, जयसमन्द झील, उदयपुर में, आना सागर झील, फाई सागर व पुष्कर झील अजमेर में स्थित हैं। इसके अलावा सिलीसेड झील (अलवर), नक्की झील (सिरोही), नव खाँ झील (बूंदी) तथा कैलना झील (जोधपुर) में मीठे पानी की झीलें हैं।
खारे पानी की झील :
सांभर झील (जयपुर) डीडवाना झील (नागौर), लूणकरणसर झील (बाड़मेर) में हैं। इनका उपयोग नमक उत्पादन में किया जाता है।
प्रश्न 10.
राज्य में जल संसाधन के सदुयोग के कोई दो प्रयास लिखिए।
उत्तर:
- उपलब्ध जल का समुचित उपयोग करना चाहिए। इसके लिये फव्वारा सिंचाई, बूंद-बूंद सिंचाई की विधि का अधिकाधिक उपयोग करना चाहिए।
- अन्तर्राष्ट्रीय जल संसाधनों में राज्य के अंश का पूर्ण उपयोग करना चाहिए।
- प्रभावी किसानों द्वारा जल सिंचाई प्रणाली को नियन्त्रण करना चाहिये।
- वर्षा जल संगहण के समुचित उपाय करने चाहिये जिससे भूमिगत जल स्तर को नीचे गिरने से रोका जा सके।
प्रश्न 11.
राजस्थान में पाये जाने वाले मिश्रित पतझड़ वन एवं अर्द्ध-उष्ण सदाबाहर वन के बारे में संक्षेप में बताइये।
उत्तर:
मिश्रित पतझड़ वन :
मुख्यत: उदयपुर, कोटा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, राजसमन्द व सिरोही के कुछ भागों में ये वन क्षेत्र पाया जाता है। इनमें मिलने वाले वृक्षों में बरगद, गूलर, जामुन, केर, बबूल, आम व धौंकड़ा प्रमुख हैं।
अर्द्ध-उष्ण सदाबहार वन-ये वन हमेशा हरे-भरे रहते हैं। आबू पर्वत के चारों तरफ लगभग 32 वर्ग किमी का क्षेत्र है जो 1375 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह अर्द्ध-उष्ण सदाबहार वन क्षेत्र में आता है। यहाँ के मुख्य वृक्षों में नीम, जामुन, आम, बाँस व रोहिड़ा है।
प्रश्न 12.
राजस्थान सरकार द्वारा वन विकास हेतु कौन कौन से प्रयास किये जा रहे हैं?
उत्तर:
- 12वीं पंचवर्षीय योजना 2012-13 में वानिकी विकास के लिये ₹ 1617.6 करोड़ आवंटित किये गए हैं। वन विभाग रेगिस्तान को रोकने का प्रयास कर रहा है।
- 1992-93 से 2002 तक अरावली वृक्षारोपण के अन्तर्गत वृक्षारोपण का कार्य किया गया।
- इन्द्रिया गाँधी नहर परियोजना वानिकी के तहत वृक्षारोपण किया गया।
- गैर अरावती व गैर मारू वानिकी के तहत वृक्षारोषण किया गया।
- भारत सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई समन्वित ग्रामीण योजना द्वारा राज्य में 19 वन विकास एजेन्सियों की स्थापना की गई।
प्रश्न 13.
धात्विक खनिज एवं अधात्विक खनिज पर संक्षेप में टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
धात्विक खनिज-ताँबा, सोना, लोहा, अयस्क, सीसा, जस्ता, चाँदी, कैडमियम और मैंगनीज आते हैं। इनका उपयोग धात्विक उद्योगों में किया जाता है।
अधात्विक खनिज :
इनमें ऐस्बेस्टस, फेल्सपार, सिलिका रेत, चाइना क्ले आदि आते हैं। ऐस्बेस्टस उदयपुर व डूंगरपुर जिले में पाया जाता है, जबकि फेल्सपार की अधिकांश मात्रा अजमेर जिले में पाई जाती है।
RBSE Class 11 Economics Chapter 24 निबंधात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राजस्थान में खनिज उद्योग की समस्याएँ एवं समाधान बताइए।
उत्तर:
राजस्थान में कई प्रकार के खनिज पाये जाते हैं। उनमें से कुछ का अविवेकपूर्ण ढंग से विकास हुआ और कुछ खनिज बिना विकास के ही रह गए। राज्य के खनिज उद्योग में अग्रलिखित सीमायें देखने को मिलती हैं
- खनिजों का असमान वितरण :
राज्य के दक्षिणी एवं दक्षिणी-पूर्वी जिलों में तो खनिज बहुत मात्रा में पाये जाते हैं, परन्तु उत्तरी भाग में बहुत कम पाये जाते हैं। इसलिये विकास व आर्थिक विकास में असमानतायें पायी जाती हैं। - अनियोजित विदोहन :
- राज्य में खनिजों का विदोहन नियोजित ढंग से नहीं हो पाया, क्योंकि एक तो राज्य में परिवहन साधनों की कमी है दूसरी ओर पहाड़ी क्षेत्रों में खनिज प्राप्त होने से उनकी खनन लागत अधिक है।
- यन्त्रीकरण का अभाव :
खान मालिकों के पास वित्तीय साधनों की कमी होने से नयी तकनीकों का प्रयोग न होकर पुरानी तकनीकों से खनन कार्य किया जाता है। - ईंधन व लौह खनिजों की कमी :
इन्जीनियरिंग एवं भारी उद्योगों के विकास के लिये लौह व ईंधन की कमी है। आधारभूत खनिजों के अभाव में उत्पादन लागत अधिक आती है। - कुशल एवं प्रशिक्षित श्रमिकों की कमी :
खनन उद्योग में लगे अधिकांश श्रमिक न केवल मौसमी हैं, अपितु अकुशल भी होते हैं। प्रशिक्षण के अभाव में वे अपना कार्य कुशलता से नहीं कर पाते हैं। - पानी व बिजली की कमी :
राज्य में पानी की कमी है जो भूगर्भीय पानी है वह भी कई हिस्सों में बहुत गहरा है। राज्य में बिजली की कमी चलती रहती है इससे भी खनन उद्योग का पूर्ण विकास नहीं हो पाया है। - अधिकांश खनिज राजस्थान से निकाले जाते हैं, परन्तु शुद्धता के लिये इन्हें दूसरे राज्यों में भेजा जाता है इससे उनकी गुणवत्ता का ह्रास होता है तथा परिवहन लागत बढ़ने से कीमत बढ़ जाती है।
- खनन कार्य में अपशिष्ट पदार्थों का सही एवं पूर्ण उपयोग नहीं होता है।
भूगर्भ शास्त्रियों का कहना है कि जिस अनियोजित तरीके से खनिजों का विदोहन हो रहा है, इससे भविष्य में इन पदार्थों की कमी हो सकती है। अत: आवश्यक है कि खनिजों के संरक्षण एवं उचित उपयोग किये जाएँ। राजस्थान में इसी बात को ध्यान में रखकर सरकार ने खनिज नीति बनाकर खनिज उद्योगों को पर्याप्त संरक्षण दिया गया है। राज्य में 1978 में एक खनिज नीति घोषित की थी। जिसमें खनिजों के सर्वेक्षण एवं खोज पर बल दिया गया। 1979 में राजस्थान राज्य खनिज विकास निगम (RSMDC) स्थापित किया गया। जिसकी स्थापना का उद्देश्य खनिज सम्पदा के दोहन एवं विपणन कार्य को त्वरित गति देने एवं वैज्ञानिक रीति से विकसित करना था। रॉक फॉस्फेट के खनन एवं परिशोधन का मुख्य कार्य राजस्थान राज्य खान एवं खनिज़ निगम करता है। इसी प्रकार टंगस्टन खनिज के दोहन को गति देने के लिये राजस्थान राज्य टंगस्टन विकास निगम लिमिटेड का गठन रक्षा मन्त्रालय भारत सरकार के सुझाव पर राज्य सरकार ने (RSMDC) की सहायक कम्पनी के रूप में 22 नवम्बर, 1983 में किया।
प्रश्न 2.
राज्य की नई खनिज नीति-2011 के बारे में बताइए।
उत्तर:
राज्य की नई खनिज नीति-2011-राज्य में खनिज-नीति 1994 एवं 2005 के बाद नई खनिज नीति 2011 में घोषित की गई जिसमें 11 उद्देश्य रखे गए थे।
खनिज नीति 2011 के 11 उद्देश्य निम्न हैं :
- राज्य में खनिजों के मूल्यवर्द्धन के लिये अनुकूल वातावरण तैयार करना।
- रोजगार के अवसर में वृद्धि करना।
- खनिजों के लिये आधुनिक तकनीकें बढ़ाना और लाइमस्टोन, लिग्नाइट व वेस मेट के खनन पर अधिक जोर देना।
- पर्यावरणीय उत्पादों व खनन संरक्षण को ध्यान में रखते हुए यन्त्रीकृत व वैज्ञानिक खनिज को प्रोत्साहित करना।
- खनन व खनिज आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये मानवीय साधनों को बढ़ाना।
- निर्गत क्षेत्र में आधारित सुविधाओं का विकास करना। 7. खनन क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं का विकास करना।
- नोबल-बेस धातुओं, औद्योगिक खनिज, उर्वरकों की जाँच व खनन कार्य को प्रोत्साहित करना।
- मिथेन व लिग्नाइट आधारित उद्योगों व पेट्रोलियम रिफाइनरी को प्रोत्साहित करना।
- खनन विकास में आने वाली बाधाओं के नियमों व प्रक्रियाओं को सरल बनाना।
- खनन श्रमिकों को कल्याण के उपायों को लागू करना।
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