Rajasthan Board RBSE Class 11 Economics Chapter 26 राजस्थान में पर्यटन विकास
RBSE Class 11 Economics Chapter 26 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
RBSE Class 11 Economics Chapter 26 बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जैसलमेर में स्थित है.
(अ) नाहरगढ़ किला
(ब) तारागढ़ का किला
(स) सोनार किला
(द) इनसें से कोई नही
उत्तर:
(स) सोनार किला
प्रश्न 2.
राज्य में नए पर्यटन पैकेज में शामिल है
(अ), पैलेस ऑन व्हील्स
(ब) हेरिटेज होटल
(स) पेइंग गेस्ट स्कीम
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी
प्रश्न 3.
पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान में मण्डल है
(अ) 5
(ब) 7
(स) 9
(द) 10
उत्तर:
(द) 10
प्रश्न 4.
रणथम्भौर स्थित है
(अ) अलवर
(ब) सवाईमाधोपुर
(स) भरतपुर
(द) सीकर
उत्तर:
(ब) सवाईमाधोपुर
RBSE Class 11 Economics Chapter 26 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
माउण्ट आबू कौन-से जिले में स्थित है?
उत्तर:
सिरोही।
प्रश्न 2.
ब्रह्माजी का मन्दिर कहाँ पर है?
उत्तर:
पुष्कर।
प्रश्न 3.
मीनाकारी के आभूषणों में राज्य का कौन-सा शहर प्रसिद्ध है?
उत्तर:
जयपुर में।
प्रश्न 4.
गोगाजी का मेला कहाँ पर मनाया जाता है?
उत्तर:
गंगानगर जिले में।
प्रश्न 5.
विश्व धरोहर सूची में शामिल जंतर-मंतर कौन-से शहर में है?
उत्तर:
जयपुर।
प्रश्न 6.
पौद्वारों की हवेली कहाँ है?
उत्तर:
जयपुर
प्रश्न 7.
घना पक्षी विहार कौन-से जिले में है?
उत्तर:
भरतपुर।
प्रश्न 8.
ताल छापर वन अभ्यारण्य कहाँ पर है?
उत्तर:
चुरू जिले में।
प्रश्न 9.
राजस्थान पर्यटन विकास निगम की स्थापना कब की गई?
उत्तर:
1 अप्रैल, 1979 में।
RBSE Class 11 Economics Chapter 26 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वर्ष 2012-13 के बजट प्रावधानों में पर्यटन के लिए क्या प्रावधान किये गए?
उत्तर:
वर्ष 2012-13 में शहरों में हैरिटेज वाक विकसित करने के साथ-साथ धार्मिक स्थलों में जल सुविधाओं का विकास पर जोर दिया।
प्रश्न 2.
राजस्थान पर्यटन विकास निगम के मुख्य कार्य लिखें।
उत्तर:
राजस्थान पर्यटन विकास निगम के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं :
- राज्य में पर्यटकों के लिए प्रोजेक्ट स्कीम बनाना तथा लागू करना।
- पर्यटन महत्त्व के स्थान का रख-रखाव व विकास करना।
- पर्यटकों के लिए निवास एवं भोजन की सुविधा हेतु होटल, मोटल, ट्युरिस्ट बंगले आदि बनाकर संचार करना।
- पर्यटकों के लिए परिवहन, मनोरंजन आदि सुविधाएँ प्रदान करना तथा पैकेज-पर्यटन की व्यवस्था करना।
- राज्य के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए प्रचार सामग्री उपलब्ध कराना तथा उसका वितरण करना।
प्रश्न 3.
वास्तु एवं स्थापत्य कला पर्यटन क्षेत्र के रूप में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आप अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर:
पर्यटन क्षेत्र में वास्तु एवं स्थापत्य कला पर्यटकों को आकर्षित करती है। राजस्थान में स्थापत्य एवं वास्तुकला के प्रसिद्ध केन्द्र हैं। इनको देखने के लिए सैलानी प्रति वर्ष आते हैं। राजस्थान में ढाई दिन का झोपड़ा, जन्तर-मन्तर, विजय स्तम्भ, पटवों की हवेली वास्तु एवं स्थापत्य के प्रसिद्ध स्थल हैं। इन्हें देखने आने वाले पर्यटकों से आय तथा रोजगार में वृद्धि के साथ-साथ पर्यटन क्षेत्र का भी विकास होता है।
प्रश्न 4.
दुर्ग एवं महलों का पर्यटन उद्योग में क्या महत्त्व है?
उत्तर:
विदेशी व स्वदेशी पर्यटक राज्य में दुर्ग एवं महलों को देखने आते हैं। दुर्ग एवं महल पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण के केन्द्र होते हैं। राज्य के कई दुर्ग एवं महल विश्व धरोहर में भी शामिल कर लिये गए हैं। राज्य के दुर्ग व महल रणबांकुरों की वीरता तथा शौर्य की गाथा गाते हैं जिन्हें पर्यटक देखकर आश्चर्यचकित रह जाते हैं। दुर्ग व महलों से विदेशी मुद्रा विदेशी पर्यटकों द्वारा राज्य सरकार को प्राप्त होती है। अतः दुर्ग व महल भी पर्यटन के अभिन्न अंग हैं।
प्रश्न 5.
पर्यटन उद्योग के विकसित होने पर राज्य के नागरिकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, कैसे? समझाइये।
उत्तर:
राजस्थान में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दे दिया गया है। यह माना जाता है कि प्रत्येक आठ विदेशी पर्यटकों पर राज्य में एक व्यक्ति को रोजगार मिलता है तथा प्रत्येक 32 स्वदेशी पर्यटकों पर एक व्यक्ति के लिए रोजगार का अवसर खुलता है। पर्यटन उद्योग से नागरिकों को गाइड, ट्रेवल एजेन्ट, ड्राइवर, होटलवालों, हस्तशिल्पियों के रूप में पर्याप्त रोजगार मिलता है। अत: राज्य में पर्यटन उद्योग विकसित होने से नागरिकों को रोजगार मिलता है जिससे उनकी आय बढ़ती है और आर्थिक स्थिति मजबूत बन जाती है।
प्रश्न 6.
भारत में मुख्य तीन पर्यटक केन्द्र कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
भारत में कश्मीर, गोवा, राजस्थान तीन प्रमुख पर्यटन केन्द्र हैं। कश्मीर में पिछले कुछ वर्षों से बढ़ रही आतंकवादी एवं अलगाववादी गतिविधियों से इसका महत्त्व कम हो रहा है। इस कारण पर्यटक राजस्थान की ओर मुड़ रहे हैं। राज्य सरकार ने पर्यटन को उद्योग घोषित किया हुआ है।
प्रश्न 7.
पर्यटन विकास निगम के मुख्य कार्य क्या हैं।
उत्तर:
राजस्थान पर्यटन विकास निगम के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं :
- राज्य में पर्यटकों के लिए प्रोजेक्ट स्कीम बनाना तथा लागू करना।
- पर्यटन महत्त्व के स्थान का रख-रखाव व विकास करना।
- पर्यटकों के लिए निवास एवं भोजन की सुविधा हेतु होटल, मोटल, ट्युरिस्ट बंगले आदि बनाकर संचार करना।
- पर्यटकों के लिए परिवहन, मनोरंजन आदि सुविधाएँ प्रदान करना तथा पैकेज-पर्यटन की व्यवस्था करना।
- राज्य के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए प्रचार सामग्री उपलब्ध कराना तथा उसका वितरण करना।
प्रश्न 8.
पर्यटन क्षेत्र की तीन समस्याओं के नाम लिखिये।
उत्तर:
पर्यटन क्षेत्र में तीन समस्याएँ निम्नलिखित हैं :
- उचित आवास व्यवस्था का अभाव।
- प्रचार, साहित्य, गाइड और जनसम्पर्क की समस्या।
- अपर्याप्त, परिवहन व संचार सुविधा।
RBSE Class 11 Economics Chapter 26 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पर्यटन का अर्थ लिखते हए इसके महत्त्व बताइये।
उत्तर:
पर्यटन का अर्थ-ऐतिहासिक स्थलों को देखने; प्राकृतिक सुरम्यता व सौन्दर्य का आनन्द लेने, धार्मिक स्थलों का दर्शन करने एवं पर्वतीय स्थलों पर भ्रमण करने तथा भाषा, संस्कृति की जानकारी प्राप्त करने के लिए जी यात्राएँ की जाती हैं, उसे पर्यटन कहते हैं। आज के युग में पर्यटन भी औद्योगिक क्रियाओं की भांति विकसित हो चुका है, इसलिए यह पर्यटन उद्योग कहलाता है।
पर्यटन के महत्त्व :
पर्यटन के निम्नलिखित महत्त्व हैं :
- विदेशी मुद्रा की प्राप्ति :
पर्यटन वह माध्यम है जो बिना वस्तुएँ निर्यात करे ही करोड़ों रुपये की विदेशी मुद्रा प्रदान करता है। विदेशों से आने वाले पर्यटकों में से हर तीसरा पर्यटक राजस्थान में आता है। विदेशी पर्यटकों के आने से विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है जिससे आर्थिक विकास में मदद मिलती है। - रोजगार के साधन :
पर्यटन को उद्योग का दर्जा दे दिया गया है। यह एक प्रदूषण मुक्त उद्योग है। यह माना जाता है कि प्रत्येक आठ विदेशी पर्यटकों पर राज्य में एक व्यक्ति को रोजगार मिलता है तथा प्रत्येक 32 स्वदेशी पर्यटकों पर एक व्यक्ति के लिए रोजगार का अवसर खुलता है। पर्यटन उद्योग में गाइड, ट्रैवल, एजेन्ट, ड्राइवर, होटलवालों, हस्तशिल्पियों को पर्याप्त रोजगार मिलता है। इस प्रकार पर्यटन उद्योग से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों ही प्रकार से रोजगार के अवसरों में वृद्धि होती - संस्कृति एवं कला का विकास :
पर्यटन उद्योग राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखता है। पर्यटन से सांस्कृतिक आदान-प्रदान के अवसरों में वृद्धि होती है। मेलों व त्यौहारों पर जो नृत्य एवं संगीत के कार्यक्रम होते हैं, उनको देखने देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। - पर्यटन सुविधाओं में वृद्धि :
पर्यटकों के आने पर आवागमन के साधनों का विकास होता है। उपर्युक्त के अतिरिक्त पर्यटन से आय व रोजगार सृजन की सम्भावना बनती है, जिससे व्यापार व उद्योगों का विकास – होता है विदेशी पर्यटकों के आवागमन से अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि का आकर्षण भी बनता है।
प्रश्न 2.
पर्यटन की कौन-कौन सी समस्याएँ हैं? उन्हें कैसे हल किया जा सकता है?
उत्तर:
राजस्थान में दूसरे राज्यों की तुलना में पर्यटकों को प्राप्त होने वाली सुविधाएँ पूरी तरह से विकसित नहीं हो पायी हैं, पर्यटन से जुड़ी सुविधाएँ विकसित करने की सतत आवश्यकता है। ये समस्याएँ निम्नलिखित प्रकार हैं :
- उचित आवास व्यवस्था का अभाव :
पर्यटन के महत्त्वपूर्ण स्थानों पर आवास व्यवस्था उपयुक्त नहीं होने के साथ ही सुविधाजनक नहीं है। इन स्थानों पर समुचित मात्रा में होटल या पर्यटन आवास केन्द्रों का अभाव है। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने महत्त्वपूर्ण पर्यटक स्थलों पर पेंइंग गेस्ट सुविधा को विकसित करने का प्रयास किया है। रियायती दरों पर होटलों के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाती है। पुराने किलों व महलों को हैरिटेज होटलों में परिवर्तित कर उनके पुनरुद्धार की कोशिश की है। - प्रचार, साहित्य, गाइड और जनसम्पर्क की समस्या :
पर्यटन के अनेक महत्त्वपूर्ण स्थानों पर न तो प्रशिक्षित गाइड उपलब्ध है न ही जनसम्पर्क का कोई ऐसा उचित माध्यम ही जिससे पर्यटकों को पर्यटन स्थलों की भौतिक व भौगोलिक जानकारी दे सके। इस समस्या के समाधान के लिए पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन सूचना केन्द्रों का विस्तार और महत्त्वपूर्ण स्थानों पर पर्यटन स्वागत केन्द्रों की स्थापना की जा रही है। - अपर्याप्त परिवहन व संचार सुविधा :
राज्य में बड़े पर्यटन स्थलों पर परिवहन व संचार की सुविधा है परन्तु छोटे पर्यटन स्थलों पर यह सुविधा आसानी से उपलब्ध नहीं होती है। जिससे पर्यटकों को वहाँ तक पहुँचने में समय भी अधिक लगता है और खर्चा भी अधिक उठाना पड़ता है। पर्यटन विभाग द्वारा इन क्षेत्रों के लिए सरकारी और निजी स्तर पर उचित किराये पर परिवहन के साधन उपलब्ध कराने चाहिए। - पर्यटन स्थलों के रख-रखाव की समस्या :
महत्त्वपूर्ण स्थलों को छोड़कर दूसरे पर्यटन स्थलों पर स्वच्छता, रोशनी और मरम्मत अपर्याप्त पायी जाती है। ऐसे पर्यटन स्थलों को आकर्षक बनाने के लिए उपयुक्त व्यवस्था की जरूरत है। यह जिम्मेदारी पर्यटन विभाग, स्थानीय निकायों, पुरातत्व विभाग अथवा स्वयं सेवी संस्थाओं को अनुदान देकर, व्यवस्था कर सकता है। - विपणन केन्द्रों की कमी :
स्वदेशी एवं विदेशी पर्यटक स्थानीय कपड़े, पेन्टिंग आदि उचित मूल्य पर खरीदना चाहता है। प्रायः स्थानीय लोग व लपके उन पर्यटकों से वस्तुओं की ऊँची कीमत लेकर पर्यटकों के मन में गलत धारणा पैदा करते हैं। अत: पर्यटन विभाग द्वारा उचित दरों पर विपणन केन्द्रों की स्थापना की जानी चाहिए। उपर्युक्त समस्याओं के अलावा पर्यटकों को समुचित सुरक्षा, आवश्यकता पड़ने पर पुलिस की पर्याप्त व समय पर सहायता तथा पर्यटकों के प्रति स्नेहपूर्ण एवं सम्माजनक व्यवहार की आवश्यकता है।
प्रश्न 3.
राजस्थान में पर्यटन विकास पर निबन्ध लिखिए।
उत्तर:
राजस्थान में पर्यटन विकास-राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत राज्य में पर्यटन की विपुल सम्भावनाओं को देखते हुए पर्यटकों के आवास, परिवहन, सुविधाओं के अलावा अन्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु राज्य सरकार निरन्तर राजस्थान पर्यटन विकास निगम के माध्यम से निजी उद्यमियों को प्रोत्साहित कर इन सुविधाओं के विस्तार के प्रयास कर रही है। ऐसे पर्यटन स्थल जो पर्यटकों की जानकारी में नहीं रहे हैं, के विकास कार्य करवाकर उन्हें प्रचारित करके जानकारी में लाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन को लोकप्रिय बनाने के लिए राजस्थान पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (RTDC) की स्थापना 1 अप्रैल, 1979 में एक निजी सीमित दायित्व वाली कम्पनी के रूप में हुई थी। इस निगम के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं :
- राज्य के पर्यटकों के लिए प्रोजेक्ट स्कीम बनाना तथा लागू करना।
- पर्यटन महत्त्व के स्थानों का रख-रखाव व विकास करना।
- पर्यटकों के लिए निवास एवं भोजन आदि की सुविधा हेतु होटल, मोटेल, ट्यूरिस्ट बंगले आदि बनवाकर संचालित करना।
- पर्यटकों के लिए परिवहन, मनोरंजन आदि सुविधाएँ प्रदान करना तथा पैकेज-पर्यटन की व्यवस्था करना।
- राज्य के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए प्रचार सामग्री उपलब्ध कराना तथा उसका वितरण करना।
राजस्थान में पर्यटन विकास के कार्यक्रम :
- मार्च 1989 में राज्य सरकार ने पर्यटन को उद्योग घोषित किया था। वर्तमान में राज्य सरकार ने निजी निवेशकों को बढ़ावा देने के लिए अनुदान 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है।
- जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, जैसलमेर, बीकानेर, अजमेर, चित्तौड़गढ़, माउण्ट आबू एवं पुष्कर में 562 परिवारों के माध्यम से पेइंग गेस्ट योजना के अन्तर्गत 4 हजार से अधिक पर्यटकों को ठहराने की सुविधा है।
- विश्व प्रसिद्ध जैसलमेर किले के संरक्षण के लिए गन्दे पानी व सीवरेज निकास की योजना प्रारम्भ की गई है।
- राजस्थान सरकार पर्यटक स्थलों के विकास कार्य कर रही है। अभी दरगाह शरीफ, अजमेर तथा पुष्कर के सर्वांगीण विकास की योजना पर काम कर रही है।
- पर्यटकों की आवागमन की सुविधा के लिए विमान सेवा का विस्तार किया जा रहा है। अब प्रति सप्ताह उड़ानों की संख्या 9 से 42 हो गई है।
- उदयपुर के मोती डूंगरी एवं आमेर के महलों के दृश्य एवं श्रव्य शो प्रारम्भ किया गया है।
- राजस्थान में हेरिटेज होटलों (75 वर्ष से पुराने हवेली/किले को होटल के रूप में विकसित करना) की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि की जा रही है।
- समय-समय पर पर्यटन नीति बनाकर, पर्यटकों की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
- 2010-11 के बजट में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए डेजर्ट सफारी, अन्तर्राष्ट्रीय पंतग व बैलून महोत्सव मनाने का कार्यक्रम रखा।
- 2011-12 में जंतर-मंतर को यूनेस्को द्वारा विश्व-धरोहर सूची में शामिल किया गया। सरकार इसके सौन्दर्य पर व्यय करेगी।
- 2012-13 में शहरों में हैरिटेज वाक विकसित करने के साथ-साथ धार्मिक स्थलों में जल सुविधा का विकास पर जोर दिया।
- 2013-14 में पर्यटन नीति को 31 मार्च, 2014 तक बढ़ा दिया गया है।
प्रश्न 4.
राजस्थान में प्रमुख पर्यटन स्थल कौन-कौन से हैं? विस्तार से लिखिए।
उत्तर:
पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान न सिर्फ भारत, अपितु विश्व के पर्यटन मानचित्र पर अपना विशिष्ट स्थान रखता है। राजस्थान में जहाँ एक ओर जैसलमेर का 800 वर्ष से अधिक पुराना सोनार किला है तो दूसरी ओर महाराणा प्रताप की शौर्यगाथा का प्रतीक चित्तौड़गढ़ का शानदार किला है। भरतपुर में जहाँ एक ओर विश्व प्रसिद्ध घना पक्षी विहार है वहीं दूसरी ओर झीलों की नगरी उदयपुर है। इस प्रकार राजस्थान के कोने-कोने में ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से सम्पन्न इमारतों का खजाना है महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल निम्न प्रकार से हैं:
i. दुर्ग एवं महल :
सन् 1733 में राजा सूरजमल ने लोहागढ़ किला भरतपुर में बनाया था। डींग के राजमहल थके मन के लिए आदर्श विश्राम स्थली है। भूतपूर्व रियासत धौलपुर और उसके महल गहरे लाल रंग के पत्थरों के लिए प्रसिद्ध है। प्राचीन रणथम्भौर का किला सवाई माधोपुर जिले में स्थित है। यह 200 मीटर ऊँचा है। राजस्थान की राजधानी जयपुर गुलाबी नगर के नाम से प्रसिद्ध है। यह एक सुनियोजित शहर है। इसे महाराजा जयसिंह द्वितीय ने 18वीं शताब्दी में बसाया था। हिन्दू शिल्पकला के आधार पर जयपुर के प्रमुख महल और स्मारक बने हुए हैं तो दूसरी तरफ हिन्दू और मुस्लिम संस्कृतियों का सौहार्द्रपूर्ण मिश्रण मेरवाड़ा क्षेत्र में देखने को मिलता है। राज्य के रणबांकुरों की वीरता तथा शौर्य यहाँ के राजमहलों तथा दुर्गों में विद्यमान है। जयपुर, उदयपुर, भरतपुर, कोटा, बूंदी तथा बीकानेर के मध्य राजमहल आकर्षण के प्रमुख केन्द्र हैं।
ii. धार्मिक स्थल :
धार्मिक दृष्टि से प्रमुख पर्यटन केन्द्रों में स्थित देलवाड़ा जैन मन्दिर संगमरमर पर उत्कीर्ण कारीगरी तथा रणकपुर का जैन मन्दिर साधारण पत्थर पर उत्कीर्ण कारीगरी के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इसके अलावा उदयपुर के जगदीश मन्दिर, ऋषभदेव, चारभुजा मन्दिर, नाथ द्वारा, एकलिंग जी, सावरिया विजोलिया, हाड़ौती पठार का चार चौसा का शिव मन्दिर, पारण के मन्दिर एवं पुष्कर का ब्रह्मा का मन्दिर, अजमेर में सोनीजी का मन्दिर, ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह, सीकर में खाटूश्याम जी, सालासर जी का मन्दिर, जयपुर में गोविन्द देव जी का मन्दिर, आमेर में सूर्य मन्दिर तथा बीकानेर में करणी माता का मन्दिर प्रमुख हैं।
iii. कला एवं संस्कृति स्थल :
राजस्थान कला एवं संस्कृति दृष्टि से धनी राज्य है। मीनाकारी के आभूषणों में जयपुर नाथद्वारा व प्रतापगढ़ तथा सांगानेर (जयपुर), रंगाई-छपाई तथा हस्तनिर्मित कागज के लिए प्रसिद्ध है। उदयपुर के लकड़ी के खिलौने एवं बीकानेर, जयपुर, बाड़मेर के कालीन तथा जयपुर के पीतल व चाँदी के बर्तन पर बेलबूटे बनाने का कार्य पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है। इसी प्रकार प्रतापगढ़ की काँच पर सोने के पानी की थेईकला चित्रकारी, शाहपुरा (भीलवाड़ा) की फड़ चित्रकारी, बूंदी, किशनगढ़ शैली की चित्रकथाएँ व जयपुर की मूर्तिकला अपने आप में विशिष्ट स्थान रखती है। राजस्थान में मारवाड़ का डांडिया नृत्य, मेवाड़ का धूमर, मरुस्थल का ढोल नृत्य, हाड़ौती का चकरी नृत्य, बीकानेर का अग्नि नृत्य राज्य के जन-जीवन को व्यक्त करने तथा पर्यटकों के मनोरंजन के प्रमुख साधन हैं। कोटा का दशहरा मेला, उदयपुर में तीज व गणगौर का मेला, भरतपुर में होली, जयपुर में रंगीन दीवाली पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती है।
iv. वास्तु व स्थापत्य कला :
राजस्थान में स्थापत्य एवं वास्तुकला के केन्द्रों में अजमेर का ढाई दिन का झोंपड़ा, जयपुर का जन्तर-मन्तर, हवामहल, चन्द्रमहल व पूरा गुलाबी शहर, जैसलमेर में पटवों की हवेली व नथमल की हवेली, डीग के प्रसिद्ध महल, चित्तौड़गढ़ किले पर विजय स्तम्भ एवं कीर्तिस्तम्भ, बूंदी में चौरासी खम्भों की छतरी, सारबाग की छतरियाँ, रानाजी की बावड़ी, रामगढ़ की हवेलियाँ, उदयपुर का तोरण द्वारा, झालावाड़ की भवानी नाट्यशाला, नवलगढ़ की इमारतें आदि पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।
v. अभ्यारण्य एवं राष्ट्रीय उद्यान :
एशिया का सर्वश्रेष्ठ पक्षी विहार भरतपुर के निकट केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान, देश-विदेश से आने वाले पक्षियों व चिड़ियों की शरणस्थली का विश्व प्रसिद्ध स्थान अलवर जिले का सरिस्का अभ्यारण्य, कोटा जिले का दर्रा अभ्यारण्य, धौलपुर अभ्यारण्य, चुरू जिले का तालछापर मृग अभ्यारण्य प्रतापगढ़ के निकट सीता माता अभ्यारण्य पर्यटकों के मुख्य आकर्षण केन्द्र हैं तथा सवाई माधोपुर का रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान तो देश के 9 बड़े प्रोजेक्ट टाइगर क्षेत्र में से एक है। सन् 1983 में इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। अलवर में सरिस्का बाघ अभ्यारण्य का 191 वर्ग मील का क्षेत्र राष्ट्रीय उद्यान के रूप में सन् 1982 में घोषित किया गया था।
RBSE Class 11 Economics Chapter 26 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
RBSE Class 11 Economics Chapter 26 बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वर्ष 2014 में कितने घरेलू पर्यटक राजस्थान आये?
(अ) 330.76 लाख
(ब) 15.36 लाख
(स) 346.02 लाख
(द) 303.76 लाख
उत्तर:
(अ) 330.76 लाख
प्रश्न 2.
वर्ष 2014 में कितने लाख विदेशी पर्यटक राजस्थान आये?
(अ) 15.36 लाख
(ब) 303.76 लाख
(स) 330.76 लाख
(द) 346.02 लाख
उत्तर:
(अ) 15.36 लाख
प्रश्न 3.
राजस्थान में कुल कितने लाख पर्यटक राजस्थान आये?
(अ) 330.76 लाख
(ब) 503.50 लाख
(स) 346.02 लाख
(द) 403.30 लाख
उत्तर:
(स) 346.02 लाख
प्रश्न 4.
राजा सूरजमल ने लोहागढ़ किला कब बनवाया?
(अ) 1733 में
(ब) 1633 में
(स) 1533 में
(द) 1833 में
उत्तर:
(अ) 1733 में
प्रश्न 5.
जयपुर शहर बसाया था
(अ) महाराजा रामसिंह ने
(ब) महाराजा जयसिंह
(स) महाराजा मानसिंह
(द) महाराजा भगवान सिंह
उत्तर:
(ब) महाराजा जयसिंह
प्रश्न 6.
सोनार किला स्थित है
(अ) जैसलमेर में
(ब) बाड़मेर में
(स) चित्तौड़गढ़ में
(द) गंगानगर में
उत्तर:
(अ) जैसलमेर में
प्रश्न 7.
रणथम्भौर का राष्ट्रीय उद्यान कब घोषित किया गया?
(अ) 1993 में
(ब) 1983 में
(स) 1883 में
(द) 1990 में
उत्तर:
(ब) 1983 में
प्रश्न 8.
सरिस्का को राष्ट्रीय उद्यान कब घोषित किया गया?
(अ) 1983
(ब) 1980
(स) 1982
(द) 1987
उत्तर:
(स) 1982
प्रश्न 9.
सिलीसेढ़ झील स्थित है
(अ) जयपुर
(ब) अलवर
(स) धौलपुर
(द) भरतपुर
उत्तर:
(ब) अलवर
प्रश्न 10.
हवामहल स्थित है
(अ) जोधपुर में
(ब) जयपुर में
(स) कोटा में
(द) झुंझुनूं में
उत्तर:
(ब) जयपुर में
RBSE Class 11 Economics Chapter 26 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राजस्थान में प्रतिवर्ष पर्यटक कितने रुपये खर्च करके जाते हैं?
उत्तर:
राजस्थान में प्रतिवर्ष पर्यटक एक हजार करोड़ रुपये खर्च करके जाते हैं।
प्रश्न 2.
मरु महोत्सव कहाँ पर होता है?
उत्तर:
जैसलमेर में।
प्रश्न 3.
राजस्थान में पर्यटकों की सुविधा के लिए कौन-सी गाड़ी चलाई गई है?
उत्तर:
पैलेस आन व्हील्स।
प्रश्न 4.
ढूढ़ाड़ क्षेत्र में कौन-से जिले आते हैं?
उत्तर:
जयपुर-अजमेर-दौसा।
प्रश्न 5.
मेवात क्षेत्र में कौन-से जिले आते हैं?
उत्तर:
अलवर-भरतपुर-सवाईमाधोपुर।
प्रश्न 6.
बांगड़ क्षेत्र कौन-सा है?
उत्तर:
डूंगरपुर-बांसवाड़ा।
प्रश्न 7.
हाड़ौती क्षेत्र में कौन-से जिले आते हैं?
उत्तर:
कोटा-बून्दी-झालावाड़।
प्रश्न 8.
शेखावाटी क्षेत्र में कौन-से जिले आते हैं?
उत्तर:
सीकर-झुंझुनूं-चुरू।
प्रश्न 9.
झीलों की नगरी किसे कहते हैं?
उत्तर:
उदयपुर को।
प्रश्न 10.
रणथम्भौर का किला कहाँ है?
उत्तर:
सवाई माधोपुर में।
प्रश्न 11.
हिन्दू शिल्पकला के आधार पर कहाँ के महल बने हैं?
उत्तर:
जयपुर के महल।
प्रश्न 12.
हिन्दू और मुस्लिम संस्कृतियों का सौहार्द्रपूर्ण मिश्रण किस क्षेत्र में मिलता है?
उत्तर:
मेरवाड़ा क्षेत्र में।
प्रश्न 13.
लकड़ी के खिलौनों के लिए कौन-सा क्षेत्र प्रसिद्ध है?
उत्तर:
उदयपुर।
प्रश्न 14.
डांडिया नृत्य किस क्षेत्र में होता है?
उत्तर:
मेरवाड़ा में।
प्रश्न 15.
घूमर नृत्य किस जिले में होता है?
उत्तर:
मेवाड़ा में।
प्रश्न 16.
चकरी नृत्य कहाँ का प्रसिद्ध है?
उत्तर:
हाड़ौती का।
प्रश्न 17.
तीज व गणगौर का मेला कहाँ लगता है?
उत्तर:
जयपुर में।
प्रश्न 18.
पर्यटकों को रंगीन दीवाली कहाँ की आकर्षित करती है?
उत्तर:
जयपुर।
प्रश्न 19.
तेजाजी का मेला कहाँ लगता है?
उत्तर:
परवतसर में।
प्रश्न 20.
गणेश जी का मेला कहाँ लगता है?
उत्तर:
रणथम्भौर में।
प्रश्न 21.
ढाई दिन का झोपड़ा कहाँ का प्रसिद्ध है?
उत्तर:
अजमेर का।
प्रश्न 22.
पटवों की हवेली कहाँ पर है?
उत्तर:
जैसलमेर में।
प्रश्न 23.
कोलायत में किसका मेला लगता है?
उत्तर;
कपिल मुनि का।
प्रश्न 24.
करौली में किसका मेला लगता है?
उत्तर:
कैला देवी का।
प्रश्न 25.
रामदेवजी का मेला कहाँ लगता है?
उत्तर;
पोकरण (जैसलमेर)।
प्रश्न 26.
तोरण द्वार कहाँ स्थित है?
उत्तर:
उदयपुर में।
प्रश्न 27.
चौरासी खम्भों की छतरी कहाँ स्थित है?
उत्तर:
बूंदी में।
प्रश्न 28.
दर्रा अभयारण्य कौन-से जिले में है?
उत्तर:
कोटा जिले में।
प्रश्न 29.
सीतामाता अभयारण्य कहाँ स्थित है?
उत्तर:
प्रतापगढ़ में।
प्रश्न 30.
फाइसागर झील कहाँ स्थित है?
उत्तर:
अजमेर में।
प्रश्न 31.
उम्मेदसागर कहाँ स्थित है?
उत्तर:
जोधपुर में।
प्रश्न 32.
पर्यटन की कोई एक समस्या लिखिए?
उत्तर:
उचित आवास व्यवस्था का अभाव।।
प्रश्न 33.
राज्य सरकार ने पर्यटन को उद्योग कब घोषित किया?
उत्तर:
मार्च 1989 को।
प्रश्न 34.
मेवाड़ क्षेत्र में कौन-से जिले आते हैं?
उत्तर:
उदयपुर-कुम्भलगढ़-नाथद्वारा-चित्तौड़गढ़जयसमन्द-डूंगरपुर।
प्रश्न 35.
रणथम्भौर क्षेत्र में कौन-से क्षेत्र शामिल
उत्तर:
रणथम्भौर-सवाईमाधोपुर-टोंक।
प्रश्न 36.
जैसलमेर का सोनार किला कितने साल पुराना है?
उत्तर:
800 साल से अधिक।
प्रश्न 37.
रणकपुर जैन मन्दिर क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर:
रणकपुर का जैन मन्दिर साधारण पत्थर पर उत्कीर्ण कारीगरी के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
प्रश्न 38.
खाटूश्याम जी का मन्दिर कहाँ पर है?
उत्तर:
सीकर में।
प्रश्न 39.
करणीमाता मन्दिर कहाँ स्थित है?
उत्तर:
बीकानेर में।
प्रश्न 40.
पर्यटन की दो समस्याएँ बताइए।
उत्तर:
- प्रचार, साहित्य, गाइड और जनसम्पर्क की समस्या
- अपर्याप्त परिवहन व संचार सुविधा।
प्रश्न 41.
2001 की पर्यटन नीति के कोई दो बिन्दु लिखिए।
उत्तर:
- राज्य की समृद्ध हस्तकला और कुटीर उद्योग के माल के विक्रय के लिए समुचित बाजार का विकास।
- पर्यटन इकाई में अकुशल कार्यबल की शत-प्रतिशत भर्ती स्थानीय स्तर पर की जाए।
प्रश्न 42.
पर्यटन विकास निगम के कोई दो कार्य लिखिए।
उत्तर:
- राज्य में पर्यटकों के लिए प्रोजेक्ट स्कीम बनाना तथा लागू करना।
- पर्यटन महत्त्व के स्थानों का रख-रखाव व विकास करना।
RBSE Class 11 Economics Chapter 26 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पर्यटन से रोजगार के साधनों में कैसे वृद्धि होती है?
उत्तर:
राजस्थान में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दे दिया गया है। यह एक प्रदूषण मुक्त उद्योग है। यह माना जाता है कि प्रत्येक आठ विदेशी पर्यटकों पर राज्य के एक व्यक्ति को रोजगार मिलता है तथा प्रत्येक 32 स्वदेशी पर्यटकों पर एक व्यक्ति के लिए रोजगार का अवसर खुलता है। पर्यटन उद्योग से गाइड, ट्रेवल एजेन्ट, ड्राइवर, होटलवालों, हस्तशिल्पियों को पर्याप्त रोजगार मिलता है। इस प्रकार पर्यटन उद्योग से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों ही प्रकार से रोजगार के अवसरों में वृद्धि होता है।
प्रश्न 2.
पर्यटन से संस्कृति एवं कला का विकास होता है, कैसे?
उत्तर:
पर्यटन उद्योग राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखता है। पर्यटन से सांस्कृतिक आदान-प्रदान के अवसरों में वृद्धि होती है। राज्य के मेलों व त्यौहारों पर जो नृत्य व संगीत के कार्यक्रम होते हैं उनको देखने देशी व विदेशी पर्यटक आते हैं। राज्य के शेखावटी आंचल की हवेलियों में दीवार पर बनी चित्रकारी ने पर्यटकों को बहुत ही आकर्षित किया है।
प्रश्न 3.
राजस्थान की वास्तु तथा स्थापत्य कला का वर्णन करो।
उत्तर:
राजस्थान में स्थापत्य एवं वास्तुकला के प्रसिद्ध केन्द्रों में ढाई दिन का झोंपड़ा अजमेर, जयपुर का जन्तर-मन्तर, हवामहल, चन्द्रमहल व पूरा गुलाबी शहर, जैसलमेर में पटवों की हवेली व नथमल की हवेली, डीग के प्रसिद्ध महल, चित्तौड़गढ़ किले पर विजय स्तम्भ एवं बूंदी में चौरासी खम्भों की छतरी, सारबाग की छतरियाँ, रानी जी की बावड़ी, रामगढ़ की हवेली, उदयपुर का तोरण द्वारा, झालावाड़ की भवानी नाट्यशाला, नवलगढ़ की इमारतें आदि पर्यटकों को आकर्षित करती है।
प्रश्न 4.
राजस्थान की कला व संस्कृति का वर्णन करो।
उत्तर:
राजस्थान कला एवं सांस्कृतिक दृष्टि से धनी राज्य है। मीनाकारी के आभूषणों में जयपुर, नाथद्वारा व प्रतापगढ़ तथा सांगानेर (जयपुर) रंगाई-छपाई तथा हस्तनिर्मित कागज के लिए प्रसिद्ध है। उदयपुर के लकड़ी के खिलौने एवं बीकानेर, जयपुर, बाड़मेर के कालीन तथा जयपुर के पीतल व चाँदी के बर्तन पर बेलबूटे बनाने का कार्य पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है। इसी प्रकार प्रतापगढ़ की कांच पर सोने के पानी की थेईकला चित्रकारी, शाहपुरा (भीलवाड़ा) की फड चित्रकारी, बूंदी किशनगढ़ शैली की चित्रकथाएँ व जयपुर की मूर्तिकला अपने आप में विशिष्ट स्थान रखती हैं।
प्रश्न 5.
राजस्थान के धार्मिक स्थलों का पर्यटन की दृष्टि से वर्णन करो।
उत्तर:
धार्मिक दृष्टि से प्रमुख केन्द्रों में स्थित देलवाड़ा जैन मन्दिर, संगमरमर पर उत्कीर्ण कारीगरी तथा रणकपुर का जैन मन्दिर साधारण पत्थर पर उत्कीर्ण कारीगरी के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इसके अलावा उदयपुर के जगदीश मन्दिर, ऋषभदेव, चारभुजा मन्दिर, नाथद्वारा, एकलिंगजी, सांवरियाँ बिजौलिया, हाड़ौती का पठार, चारचौसा का शिव मन्दिर पारण के मन्दिर एवं पुष्कर का ब्रह्म मन्दिर, अजमेर में सोनीजी का मन्दिर, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह, सीकर में खाटूश्याम जी, सालासर जी का मन्दिर, जयपुर में गोविन्द देव जी का मन्दिर, आमेर का सूर्य मन्दिर तथा बीकानेर में करणीमाता मन्दिर प्रमुख है।
प्रश्न 6.
पर्यटन की कोई दो समस्याओं का वर्णन करो।
उत्तर:
- अपर्याप्त परिवहन व संचार सुविधा :
राज्य में बड़े पर्यटन स्थलों पर परिवहन व संचार की सुविधाएँ हैं, परन्तु छोटे पर्यटन स्थलों पर यह सुविधा आसानी से उपलब्ध नहीं होती है। जिससे पर्यटकों को वहाँ तक पहुँचने में समय भी अधिक लगता है और खर्चा भी अधिक उठाना पड़ता है। - पर्यटन स्थलों के रख :
रखाव की समस्या-महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को छोड़कर दूसरे पर्यटन स्थलों पर स्वच्छता, रोशनी और मरम्मत अपर्याप्त पायी जाती है।
प्रश्न 7.
सन 2001 की पर्यटन नीति के कोई चार बिन्दु लिखिए।
उत्तर:
- पर्यटन का राज्य में प्रचार-प्रसार व विपणन।।
- नये होटलों को भूमि खरीदने में पंजीयन शुल्क में 60% की छूट।
- साहसिक पर्यटन, नौकायन व ऊँट-घोड़े की सवारी को बढ़ावा।
- नई पर्यटन इकाइयों को पाँच वर्ष तक विलासिता शुल्क में छूट।
प्रश्न 8.
राजस्थान पर्यटन इकाई नीति 2015 के कोई दो बिन्दु लिखिए।
उत्तर:
इस नीति में पर्यटन नीति की विभिन्न इकाइयों को व्यापक स्व से परिभाषित किया गया है, जिनमें अब होटल, मोटल, हैरिटेज होटल, रेस्टोरेंट, केम्पिंग साइट, स्पोर्ट्स रिसोर्ट, हेल्थ रिसोर्ट, एम्यूजमेन्ट पार्क, रोप वे, टूरिस्ट लग्जरी कोच, केरावेन एवं क्रूज पर्यटन सम्मिलित है।
RBSE Class 11 Economics Chapter 26 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
नई पर्यटन इकाई नीति 2015 के मुख्य बिन्दु लिखिए।
उत्तर:
राजस्थान पर्यटन इकाई नीति-2015 जारी होने के साथ राज्य में नवीन निवेश प्रस्ताव प्राप्त होंगे। इस नीति में प्रस्तावित आर्थिक लाभ एवं रियासतें उन पर्यटन इकाइयों को भी उपलब्ध होगी। जो पूर्ववर्ती पर्यटन इकाई नीति-2007 के अन्तर्गत अनुमोदित है। राजस्थान पर्यटन इकाई नीति-2007 के तहत वर्ष 2015 तक लगभग 1500 पर्यटन इकाइयों के प्रोजेक्ट पर्यटन विभाग द्वारा अनुमोदित किये गए हैं, जिसे राज्य में लगभग ₹ 12,500 करोड़ का निवेश प्राप्त हुआ है।
राजस्थान पर्यटन इकाई नीति-2015 के मुख्य बिन्दु निम्नानुसार हैं :
- इस नीति में पर्यटन क्षेत्र की विभिन्न इकाइयों को व्यापक रूप से परिभाषित किया है जिनमें अब होटल, मोटेल, हैरिटेज होटल, बजर होटल, रेस्टोरेन्ट, केम्पिंग साइट, स्पोर्टस रिसोर्ट, हैल्थ रिसोर्ट, एम्यूजमेन्ट पार्क, एनिमल सफारी, पार्क, रोप वे, टूरिस्ट, लग्जरी कोच, केरावेन एवं क्रूज पर्यटन सम्मिलित है।
- नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन पर्यटन इकाइयों का भूमि सम्परिवर्तन निःशुल्क होगा। इसी प्रकार नगरीय क्षेत्रों में नयी पर्यटन इकाइयों से विकास शुल्क नहीं लिया जाएगा।
- नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान हैरिटेज सम्पत्तियों एवं हैरिटेज होटलों को भू-सम्परिवर्तन शुल्क से मुक्त कराया जाएगा।
- भू-सम्परिवर्तन के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है एवं यदि कोई भी प्राधिकरण निर्धारित समय में निर्णय करने में विफल रहता है तो भूमि को स्वत: ही भू-सम्परिवर्तित मान लिया जाएगा।
- हैरिटेज होटलों के आच्छादित क्षेत्र पर नगरीय विकास कर आवासीय दर से वसूल किया जाएगा किन्तु उनके खुले क्षेत्र पर नगरीय विकास कर नहीं लिया जाएगा।
- हैरिटेज होटल के लिए बी.एस.यू.पी शेल्टर फण्ड केवल निर्मित क्षेत्रफल पर देय होगा।
- हैरिटेज होटल को पट्टा जारी करने के लिए पात्र माना जाए।
- नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में हैरिटेज होटलों के लिए सड़क चौड़ाई की कोई बाध्यता नहीं होगी।
- पर्यटन इकाइयों को दो गुना अर्थात् 2.25 से 4.50 एफ.ए.आर. अनुज्ञेय होगा।
- हैरिटेज होटलों एवं पुरासम्पत्तियों के आच्छादित क्षेत्रफल का अधिकतम 10% या 1000 वर्ग मीटर जो भी कम हो, में खुदरा वाणिज्यिक उपयोग स्वत: अनुज्ञेय होगा।
- भवन योजना का अनुमोदन सम्बन्धित विभाग द्वारा निर्धारित समय सीमा में किया जाएगा।
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