• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • RBSE Model Papers
    • RBSE Class 12th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 10th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 8th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 5th Board Model Papers 2022
  • RBSE Books
  • RBSE Solutions for Class 10
    • RBSE Solutions for Class 10 Maths
    • RBSE Solutions for Class 10 Science
    • RBSE Solutions for Class 10 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 10 English First Flight & Footprints without Feet
    • RBSE Solutions for Class 10 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 10 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 10 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 10 Physical Education
  • RBSE Solutions for Class 9
    • RBSE Solutions for Class 9 Maths
    • RBSE Solutions for Class 9 Science
    • RBSE Solutions for Class 9 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 9 English
    • RBSE Solutions for Class 9 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 9 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 9 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 9 Physical Education
    • RBSE Solutions for Class 9 Information Technology
  • RBSE Solutions for Class 8
    • RBSE Solutions for Class 8 Maths
    • RBSE Solutions for Class 8 Science
    • RBSE Solutions for Class 8 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 8 English
    • RBSE Solutions for Class 8 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 8 Sanskrit
    • RBSE Solutions

RBSE Solutions

Rajasthan Board Textbook Solutions for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

  • RBSE Solutions for Class 7
    • RBSE Solutions for Class 7 Maths
    • RBSE Solutions for Class 7 Science
    • RBSE Solutions for Class 7 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 7 English
    • RBSE Solutions for Class 7 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 6
    • RBSE Solutions for Class 6 Maths
    • RBSE Solutions for Class 6 Science
    • RBSE Solutions for Class 6 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 6 English
    • RBSE Solutions for Class 6 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 5
    • RBSE Solutions for Class 5 Maths
    • RBSE Solutions for Class 5 Environmental Studies
    • RBSE Solutions for Class 5 English
    • RBSE Solutions for Class 5 Hindi
  • RBSE Solutions Class 12
    • RBSE Solutions for Class 12 Maths
    • RBSE Solutions for Class 12 Physics
    • RBSE Solutions for Class 12 Chemistry
    • RBSE Solutions for Class 12 Biology
    • RBSE Solutions for Class 12 English
    • RBSE Solutions for Class 12 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit
  • RBSE Class 11

RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 4 सांख्यिकी का अर्थ एवं परिभाषा

August 6, 2019 by Prasanna Leave a Comment

RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 4 सांख्यिकी का अर्थ एवं परिभाषा is part of RBSE Solutions for Class 11 Economics. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 11 Chapter 4 सांख्यिकी का अर्थ एवं परिभाषा.

Rajasthan Board RBSE Class 11 Economics Chapter 4 सांख्यिकी का अर्थ एवं परिभाषा

RBSE Class 11 Economics Chapter 4 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर  

RBSE Class 11 Economics Chapter 4 बहुचयनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
बहुवचन में सांख्यिकी STATISTICS का अर्थ है
(अ) सांख्यिकी विज्ञान से
(ब) समंकों से
(स) सांख्यिकी मापों से
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(ब) समंकों से

प्रश्न 2.
सांख्यिकी है
(अ) गणना का विज्ञान
(ब) अनुमानों एवं सम्भाविताओं का विज्ञान
(स) समंकों के निर्वाचन एवं विश्लेषण का विज्ञान
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(स) समंकों के निर्वाचन एवं विश्लेषण का विज्ञान

RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 4 सांख्यिकी का अर्थ एवं परिभाषा

प्रश्न 3.
सांख्यिकी गणना अथवा साध्यों का विज्ञान है’ यह परिभाषा है
(अ) बाउले की
(ब) क्राउडन की
(स) जान ग्रिफिन की
(द) पार्सेन की
उत्तर:
(अ) बाउले की

RBSE Class 11 Economics Chapter 4 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सांख्यिकी का अर्थ लिखिये।
उत्तर:
सांख्यिकी वह शास्त्र है जिसका सम्बन्ध सार्थक संख्याओं से है।

प्रश्न 2.
सांख्यिकी का बहुवचन के रूप में अर्थ लिखिए।
उत्तर:
सांख्यिकी का बहुवचन रूप में अर्थ सांख्यिकी के बहुवचन समूह अथवा समंकों से हैं।

प्रश्न 3.
समंकों का अर्थ लिखिये।
उत्तर:
समंक का अर्थ प्रतिदर्शज है। जिसका अर्थ समष्टि के संख्यात्मक गुणों को बताने वाली संख्याओं के अनुमान है।

प्रश्न 4.
सांख्यिकी की कोई दो सीमाएँ लिखिए।
उत्तर:

  1. केवल संख्यात्मक तथ्यों का ही अध्ययन,
  2. समूहों का अध्ययन, व्यक्तिगत इकाई का नहीं।

RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 4 सांख्यिकी का अर्थ एवं परिभाषा

प्रश्न 5.
व्यावहारिक सांख्यिकी का प्रयोग किन-किन क्षेत्रों में किया जाता है?
उत्तर:
व्यावहारिक सांख्यिकी का प्रयोग अर्थशास्त्र, वाणिज्य, समाज शास्त्र, प्रशासन, जीव विज्ञान आदि क्षेत्रों में किया जाता है।

प्रश्न 6.
सांख्यिकी का जनक कौन है?
उत्तर:
गोटीफ्राइड एक्नेवाल।

प्रश्न 7.
सांख्यिकी को एकवचन के रूप में परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
“सांख्यिकी वह विज्ञान है जो किसी विषय पर प्रकाश डालने के उद्देश्य से संग्रह किये गए आँकड़ों के संग्रहण, वर्गीकरण, प्रस्तुतीकरण, तुलना तथा निर्वचन करने की रीतियों से सम्बन्धित है।”

RBSE Class 11 Economics Chapter 4 लघूत्तररात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सांख्यिकी से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
सांख्यिकी (Statistics) शब्द का प्रयोग दो अर्थों में किया जाता है-(i) एकवचन में तथा (ii) बहुवचन में। एकवचन में सांख्यिकी का आशय सांख्यिकी विज्ञान से लगाया जाता है जबकि बहुवचन से इसका आशय समंकों से लगाया जाता है। सांख्यिकी वह विज्ञान है जो किसी विषय पर प्रकाश डालने के उद्देश्य से संग्रह किये गए आँकड़ों के संग्रहण, वर्गीकरण, प्रस्तुतीकरण, तुलना तथा निर्वचन की रीतियों से सम्बन्धित है।

प्रश्न 2.
सांख्यिकी के क्षेत्र को संक्षेप में समझाइए।
उत्तर:
प्राचीनकाल में सांख्यिकी का क्षेत्र सीमित था। परन्तु आधुनिक युग में इस विज्ञान का क्षेत्र अत्यधिक व्यापक हो गया है। सांख्यिकी की विषय सामग्री को दो क्षेत्रों में बाँटा गया है :

  • सांख्यिकीय विधियाँ :
    सांख्यिकीय विधियों की सहायता से समंक संकलित किये जाते हैं तथा उन्हें उचित रूप में प्रस्तुत करके तुलनात्मक एवं समझने योग्य बनाया जाता है। इससे उचित निष्कर्ष निकालने में सहायता मिलती है।
  • व्यावहारिक सांख्यिकी :
    सैद्धान्तिक विधियों का व्यवहार में प्रयोग कैसे किया जाये? इसका अध्ययन व्यावहारिक सांख्यिकी में किया जाता है। व्यावहारिक समंक, अर्थशास्त्र, वाणिज्य, समाजशास्त्र, प्रशासन आदि से सम्बन्धित होते हैं।

प्रश्न 3.
सांख्यिकीय विधियाँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर:
सांख्यिकीय विधियों की सहायता से समंक संकलित किये जाते हैं तथा उचित रूप से प्रस्तुत करके उन्हें तुलनात्मक एवं समझने योग्य बनाया जाता है। इससे उचित निष्कर्ष निकालने में भी सहायता मिलती है।

सांख्यिकीय विधियों में समंकों का संकलन करना, समंकों का वर्गीकरण, सारणीयन, प्रस्तुतीकरण, विश्लेषण, निर्वचन, पूर्वानुमान को शामिल किया जाता है जो कि क्रमबद्ध रूप से कार्य करते हैं।

प्रश्न 4.
सांख्यिकी की कोई दो सीमाओं की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
सांख्यिकी की दो सीमाएँ निम्नलिखित है :

  • केवल संख्यात्मक तथ्यों का ही अध्ययन :
    सांख्यिकी केवल संख्यात्मक तथ्यों का ही अध्ययन करती है। गुणात्मक तथ्यों का अध्ययन नहीं करती। अर्थात् सांख्यिकी के अन्तर्गत केवल उन्हीं समस्याओं का अध्ययन किया जाता है जिनकों संख्याओं के रूप में व्यक्त किया जा सके। गुणात्मक तथ्य प्रकट करने वाले तथ्यों का प्रत्यक्ष रूप से विश्लेषणात्मक अध्ययन सांख्यिकी के अन्तर्गत नहीं किया जाता है।
  • सांख्यिकी नियम केवल औसत रूप से और दीर्घकाल में ही सत्य :
    सांख्यिकी नियम भौतिकी, रसायन विज्ञान अथवा खगोल शास्त्र के नियमों की भाँति पूर्ण रूप से सत्य नहीं होते तथा वे हमेशा सभी परिस्थितियों में लागू नहीं होते। वे केवल औसत रूप में समूहों में दीर्घकाल में ही लागू होते हैं।

RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 4 सांख्यिकी का अर्थ एवं परिभाषा

प्रश्न 5.
सांख्यिकी का अर्थशास्त्र से सम्बन्ध संक्षिप्त में समझाइए।
उत्तर:
सांख्यिकी और अर्थशास्त्र में गहरा सम्बन्ध है। अर्थशास्त्र के विभिन्न नियमों एवं सिद्धान्तों की नींव में सांख्यिकी समंक ही है। अर्थशास्त्र के सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक दोनों स्वरूपों में सांख्यिकी अधिक उपयोगी सिद्ध हुई है। आर्थिक नियमों का परीक्षण करने हेतु आगमन-निगमन प्रणाली समंकों पर ही आधारित है।

अर्थशास्त्र में जनसंख्या का सिद्धान्त, मुद्रा परिमाण सिद्धान्त, वितरण के सिद्धान्त आदि का प्रतिपादन सांख्यिकी द्वारा ही सम्भव हुआ है और इसकी जाँच सांख्यिकी विधियों द्वारा ही सम्भव है। व्यावहारिक अर्थशास्त्र में राष्ट्रीय विकास की योजनाओं के निर्माण में, उनकी प्रगति का मूल्यांकन करने में सांख्यिकीय समंक आवश्यक होते हैं।

RBSE Class 11 Economics Chapter 4 निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सांख्यिकी का अर्थ बताते हुए इसके क्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
सांख्यिकी का अर्थ :
अंग्रेजी भाषा में सांख्यिकी को STATISTICS कहते हैं। सांख्यिकी शब्द अंग्रेजी भाषा के शब्द State (राज्य) से निकला हुआ है। लैटिन भाषा के State को Status रोमन भाषा में Stato जर्मन भाषा में Statistik तथा इटली भाषा में Statista कहा जाता है। इन सभी शब्दों का अर्थ राज्य से है। राज्य से सांख्यिकी का गहरा सम्बन्ध है। यह शब्द अनेक बार राज्य कार्य में निपुण व्यक्ति के लिए भी प्रयोग हुआ है। भारत में सांख्यिकी का प्रयोग अनेक प्राचीन ग्रन्थों जैसे कौटिल्य के अर्थशास्त्र आदि में मिलता है। अंग्रेजी शब्द STATISTICS का प्रयोग हिन्दी में तीन प्रकार से होता है-आँकड़े, समंक, सांख्यिकी और प्रतिदर्शज। साधारण प्रयोग में यह आँकड़ों के अर्थ में होता है। सांख्यिकी शब्द का दूसरा अर्थ उन विधियों से है जिनका प्रयोग सांख्यिकी में किया जाता है। इसके अन्तर्गत सभी सिद्धान्त एवं युक्तियाँ (Device) आती हैं। जो मात्रा सम्बन्धी विवरण का संकलन, विश्लेषण तथा निर्वचन में काम आती है। Statistics (सांख्यिकी) शब्द का दूसरा प्रयोग सांख्यिकी के बहुवचन समूह अथवा समंकों के रूप में भी होता है; जैसे-जनसंख्या समंकों के रूप में।।

सांख्यिकी का क्षेत्र :
प्राचीनकाल में सांख्यिकी का क्षेत्र अत्यन्त सीमित था। सांख्यिकी का जन्म राजाओं के विज्ञान के रूप में हुआ परन्तु आधुनिक युग में इस विज्ञान का क्षेत्र अत्यधिक व्यापक हो गया है। वास्तव में प्रत्येक विज्ञान में एक साधन के रूप में सांख्यिकीय विधियों का काफी प्रयोग किया जाता है। यह कहना सही है कि विज्ञान सांख्यिकी के बिना अधूरा है। तथा सांख्यिकी विज्ञान के बिना।

सांख्यिकी की विषय सामग्री को दो भागों में बाँटा जाता है :

  1. सांख्यिकीय विधियाँ (Statistical Methods)
  2. व्यावहारिक सांख्यिकी (Applied Statistics)

1. सांख्यिकीय विधियाँ :
सांख्यिकीय विधियों की सहायता से समंक संकलित किये जाते हैं तथा उन्हें उचित रूप से प्रस्तुत करके उन्हें तुलनात्मक एवं समझने योग्य बनाया जाता है। इससे उचित निष्कर्ष निकालने में भी सहायता मिलती है। सांख्यिकी विधियों के अन्तर्गत निम्न कार्य आते हैं

  • समंकों का संकलन करना :
    इसके अन्तर्गत यह निश्चित किया जाता है कि अनुसन्धान के लिए समंक कहाँ से, कितने एवं किस ढंग से एकत्रित किये जायें।
  • समंकों का वर्गीकरण करना :
    समंकों को व्यवस्थित कर प्रस्तुत किया जाता है। वर्गीकृत समंकों या आँकड़ों को पंक्ति तथा कॉलम में लिखा जाता है।
  • सारणीयन :
    समंकों को व्यवस्थित कर प्रस्तुत किया जाता है। वर्गीकृत समंकों यो आँकड़ों को पंक्ति तथा कॉलम में लिखा जाता है।
  • प्रस्तुतीकरण :
    व्यवस्थित समंकों की सरल, सुव्यवस्थित एवं तुलना योग्य बनाने के लिये उन्हें बिन्दु तथा चित्रों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है ताकि मस्तिष्क पर उनकी छाप पड़े।
  • विश्लेषण :
    समंकों का विश्लेषण सांख्यिकीय विधियों; जैसे-केन्द्रीय प्रवृत्ति के माप, अपकिरण, सह-सम्बन्ध आदि के माध्यम से किया जाता है।
  • निर्वचन :
    इनके अन्तर्गत जाँच के विषय के सम्बन्ध में निर्वचन किया जाता है; जैसे-दो तथ्यों के बीच सह-सम्बन्ध है या नहीं।
  • पूर्वानुमान :
    भूत एवं वर्तमान के विश्लेषण के आधार पर भविष्य के बारे में पूर्वानुमान लगाये जाते हैं तथा पूर्व घोषणाएँ की जाती हैं।

2. व्यावहारिक सांख्यिकी :
सांख्यिकीय विधियाँ सैद्धान्तिक ज्ञान प्रदान करती हैं। सैद्धान्तिक विधियों का व्यवहार में प्रयोग कैसे किया जाये? इसका अध्ययन व्यावहारिक सांख्यिकी में किया जाता है। उदाहरणार्थ-जनसंख्या, राष्ट्रीय आय, औद्योगिक उत्पादन, मूल्य, मजदूरी आदि के आँकड़े व्यावहारिक समंक हैं। व्यावहारिक समंक अर्थशास्त्र, वाणिज्य, समाज शास्त्र, प्रशासन, जीव विज्ञान, मनोविज्ञान आदि से सम्बन्धित होते हैं। व्यावहारिक सांख्यिकी को दो भागों में बाँटा जाता हैं :

  • वर्णात्मक सांख्यिकी :
    इसके अन्तर्गत किसी क्षेत्र से सम्बन्धित भूतकाल तथा वर्तमानकाल में संकलित समंकों का अध्ययन किया जाता है।
  • वैज्ञानिक व्यावहारिक सांख्यिकी :
    इसके अन्तर्गत विभिन्न विषयों के कुछ वैज्ञानिक नियमों के प्रतिपादन के उद्देश्य से व्यावहारिक समंकों को एकत्रित किया जाता है। मांग के नियम, व्यापार चक्र का अध्ययन इसी के उदाहरण हैं।

व्यावहारिक सांख्यिकी के अन्तर्गत विभिन्न व्यावसायिक समस्याओं का अध्ययन, विश्लेषण एवं समाधान हेतु सांख्यिकी विधियों का प्रयोग किया जाता है अर्थात् सांख्यिकी का क्षेत्र काफी व्यापक है।

RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 4 सांख्यिकी का अर्थ एवं परिभाषा

प्रश्न 2.
सांख्यिकी को संक्षेप में समझाइए। इसके अर्थशास्त्र से सम्बन्ध की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
सांख्यिकी का अर्थ :
अंग्रेजी भाषा में सांख्यिकी को STATISTICS कहते हैं। सांख्यिकी शब्द अंग्रेजी भाषा के शब्द State (राज्य) से निकला हुआ है। लैटिन भाषा के State को Status रोमन भाषा में Stato जर्मन भाषा में Statistik तथा इटली भाषा में Statista कहा जाता है। इन सभी शब्दों का अर्थ राज्य से है। राज्य से सांख्यिकी का गहरा सम्बन्ध है। यह शब्द अनेक बार राज्य कार्य में निपुण व्यक्ति के लिए भी प्रयोग हुआ है। भारत में सांख्यिकी का प्रयोग अनेक प्राचीन ग्रन्थों जैसे कौटिल्य के अर्थशास्त्र आदि में मिलता है। अंग्रेजी शब्द STATISTICS का प्रयोग हिन्दी में तीन प्रकार से होता है-आँकड़े, समंक, सांख्यिकी और प्रतिदर्शज। साधारण प्रयोग में यह आँकड़ों के अर्थ में होता है। सांख्यिकी शब्द का दूसरा अर्थ उन विधियों से है जिनका प्रयोग सांख्यिकी में किया जाता है। इसके अन्तर्गत सभी सिद्धान्त एवं युक्तियाँ (Device) आती हैं। जो मात्रा सम्बन्धी विवरण का संकलन, विश्लेषण तथा निर्वचन में काम आती है। Statistics (सांख्यिकी) शब्द का दूसरा प्रयोग सांख्यिकी के बहुवचन समूह अथवा समंकों के रूप में भी होता है; जैसे-जनसंख्या समंकों के रूप में।।

सांख्यिकी का क्षेत्र :
प्राचीनकाल में सांख्यिकी का क्षेत्र अत्यन्त सीमित था। सांख्यिकी का जन्म राजाओं के विज्ञान के रूप में हुआ परन्तु आधुनिक युग में इस विज्ञान का क्षेत्र अत्यधिक व्यापक हो गया है। वास्तव में प्रत्येक विज्ञान में एक साधन के रूप में सांख्यिकीय विधियों का काफी प्रयोग किया जाता है। यह कहना सही है कि विज्ञान सांख्यिकी के बिना अधूरा है। तथा सांख्यिकी विज्ञान के बिना।

सांख्यिकी का अर्थशास्त्र से सम्बन्ध :
सांख्यिकी और अर्थशास्त्र का गहरा सम्बन्ध है। अर्थशास्त्र के विभिन्न नियमों एवं सिद्धान्तों की नींव में सांख्यिकी समंक ही हैं। प्रोफेसर मार्शल ने लिखा है-समंक वे कण है जिनसे प्रत्येक अर्थशास्त्री की। भाँति मुझे भी (आर्थिक नियमों की) ईंटें बनानी पड़ती हैं। अर्थशास्त्र के सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक दोनों स्वरूपों में सांख्यिकी अधिक उपयोगी सिद्ध हुई है। आर्थिक नियमों का परीक्षण करने हेतु आगमन-निगमन प्रणाली समंकों पर ही आधारित है। अर्थशास्त्र में जनसंख्या का सिद्धान्त, मुद्रा परिमाण सिद्धान्त, वितरण के सिद्धान्त आदि का प्रतिपादन सांख्यिकी द्वारा ही सम्भव हुआ है और इसकी जाँच सांख्यिकीय विधियों द्वारा ही सम्भव है। व्यावहारिक अर्थशास्त्र में राष्ट्रीय विकास की योजनाओं के निर्माण में, उनकी प्रगति का मूल्यांकन करने में सांख्यिकी समंक आवश्यक होते हैं। योजनाओं की सफलता को प्रदर्शित करने हेतु चित्रों आरेखों का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 3.
सांख्यिकी को परिभाषित कीजिए। सांख्यिकी की सीमाओं की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
सांख्यिकी की परिभाषा :
सांख्यिकी की अनेक परिभाषाएँ दी गई हैं। क्वेट्लेट ने 1869 में सांख्यिकी की परिभाषाओं की सूची बनाई थी। जॉन ग्रिफिन ने लिखा है, “सांख्यिकी को परिभाषित करना कठिन है।”

बाउले के अनुसार :
“सांख्यिकी गणना का विज्ञान है। एक अन्य स्थान पर बाउले ने लिखा है कि “सांख्यिकी को उचित रूप से साध्यों का विज्ञान कहा जा सकता है।”

सेलिगमैन के अनुसार :
“सांख्यिकी वह विज्ञान है जो किसी विषय पर प्रकाश डालने के उद्देश्य से संग्रहित किये गये आँकड़ों के संग्रहण, वर्गीकरण, प्रस्तुतीकरण, तुलना एवं व्याख्या करने की रीतियों का विवेचन करता है। सांख्यिकी के क्षेत्र में यह परिभाषा व्यापक मानी जाती है। उपर्युक्त सभी परिभाषाओं से यह स्पष्ट है कि अर्थशास्त्रियों की भाँति सांख्यिकी में भी विषय की परिभाषा के रूप में मतभेद है। यह मतभेद इसलिए भी है क्योंकि सांख्यिकी की आदर्श परिभाषा देना सरल कार्य नहीं है।

सांख्यिकी की सीमाएँ :
सांख्यिकी की निम्नलिखित सीमाएँ हैं :

  • केवल संख्यात्मक तथ्यों का ही अध्ययन :
    सांख्यिकी केवल संख्यात्मक तथ्यों का ही अध्ययन करती है। गुणात्मक तथ्यों का अध्ययन नहीं करती। अर्थात् सांख्यिकी के अन्तर्गत केवल उन्हीं समस्याओं का अध्ययन किया जाता है जिनको संख्याओं के रूप में व्यक्त किया जा सके; जैसे-आयु, ऊँचाई, उत्पादन, मूल्य, मजदूरी आदि। गुणात्मक स्वरूप प्रकट करने वाले तथ्य का प्रत्यक्ष रूप से विश्लेषणात्मक अध्ययन सांख्यिकी के अन्तर्गत नहीं किया जाता।
  • समूहों को अध्ययन, व्यक्तिगत ईकाई का नहीं :
    सांख्यिकी के अन्तर्गत संख्यात्मक तथ्यों की सामूहिक विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है। जैसे-देश की औसत प्रति व्यक्ति आय। यह औसत प्रति व्यक्ति आय केवल सामूहिक विशेषताओं पर ही प्रकाश डालती है।
  • समस्या के अध्ययन की एक मात्र रीति नहीं :
    सांख्यिकीय रीति समस्या के अध्ययन की एकमात्र रीति नहीं है। सांख्यिकीय रीति को प्रत्येक प्रकार की समस्या का सर्वोत्तम हल करने की एकमात्र रीति नहीं समझना चाहिए। सांख्यिकी रीति द्वारा प्राप्त परिणामों को तभी सही मानना चाहिए जब अन्य रीतियों के द्वारा जैसे प्रयोग निगमन आदि की सहायता से या अन्य प्रमाणों से यह पुष्ट हो जाए।
  • प्राप्त निष्कर्ष भ्रामक हो सकते है :
    सांख्यिकी निष्कर्षों को भली भाँति समझने के लिए उनके सन्दर्भो का भी अध्ययन करना आवश्यक है अन्यथा वे असत्य सिद्ध हो सकते हैं।
  • सांख्यिकी नियम केवल औसत रूप से और दीर्घकाल में ही सत्य :
    सांख्यिकी नियम भौतिकी, रसायन विज्ञान अथवा खगोल शास्त्र के नियमों की भाँति पूर्ण रूप से सत्य नहीं होते तथा वे हमेशा तथा सभी परिस्थितियों में लागू नहीं होते। वे केवल औसत रूप में समूहों में दीर्घकाल में ही लागू होते हैं।
  • विशेषज्ञ ही प्रयोग करें :
    सांख्यिकी की एक सीमा यह भी है कि इसका प्रयोग विशेषज्ञों को ही करना चाहिए। क्योंकि अयोग्य या अनभिज्ञ व्यक्ति इसकी रीतियों के प्रयोग से भ्रामक अथवा गलत निष्कर्ष निकाल सकते हैं।

RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 4 सांख्यिकी का अर्थ एवं परिभाषा

प्रश्न 4.
सांख्यिकी को परिभाषित कीजिए। अर्थशास्त्र में सांख्यिकी की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सांख्यिकी की परिभाषा :
सांख्यिकी की अनेक परिभाषाएँ दी गई हैं। क्वेट्लेट ने 1869 में सांख्यिकी की परिभाषाओं की सूची बनाई थी। जॉन ग्रिफिन ने लिखा है, “सांख्यिकी को परिभाषित करना कठिन है।”

बाउले के अनुसार :
“सांख्यिकी गणना का विज्ञान है। एक अन्य स्थान पर बाउले ने लिखा है कि “सांख्यिकी को उचित रूप से साध्यों का विज्ञान कहा जा सकता है।”

सेलिगमैन के अनुसार :
“सांख्यिकी वह विज्ञान है जो किसी विषय पर प्रकाश डालने के उद्देश्य से संग्रहित किये गये आँकड़ों के संग्रहण, वर्गीकरण, प्रस्तुतीकरण, तुलना एवं व्याख्या करने की रीतियों का विवेचन करता है। सांख्यिकी के क्षेत्र में यह परिभाषा व्यापक मानी जाती है। उपर्युक्त सभी परिभाषाओं से यह स्पष्ट है कि अर्थशास्त्रियों की भाँति सांख्यिकी में भी विषय की परिभाषा के रूप में मतभेद है। यह मतभेद इसलिए भी है क्योंकि सांख्यिकी की आदर्श परिभाषा देना सरल कार्य नहीं है।

अर्थशास्त्र में सांख्यिकी की भूमिका :
सांख्यिकी और अर्थशास्त्र की गहरा सम्बन्ध है। अर्थशास्त्र के विभिन्न नियमों, एवं सिद्धान्तों की नींव में सांख्यिकी समंक ही हैं अर्थशास्त्र में जनसंख्या का सिद्धान्त, मुद्रा परिमाण सिद्धान्त, वितरण के सिद्धान्त आदि का प्रतिपादन सांख्यिकी द्वारा ही सम्भव हुआ है और इसकी जाँच सांख्यिकीय विधियों द्वारा ही सम्भव है। व्यावहारिक अर्थशास्त्र में राष्ट्रीय विकास की योजनाओं के निर्माण में, उनकी प्रगति का मूल्यांकन करने में सांख्यिकीय समंक आवश्यक होते हैं। योजनाओं की सफलता को प्रदर्शित करने हेतु चित्रों, आरेखों को प्रयोग किया जाता है।

प्रो. बाउले ने लिखा है कि “अर्थशास्त्र का कोई भी विद्यार्थी पूर्ण सामग्री का दावा तब तक नहीं कर सकता जब तक वो सांख्यिकीय रीतियों में पारंगत न हो।

RBSE Class 11 Economics Chapter 4 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

RBSE Class 11 Economics Chapter 4 बहुचयनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अंग्रेजी भाषा में सांख्यिकी को कहते हैं
(अ) STATISTICS
(ब) STATISTIK
(स) STATISTA
(द) ये सभी
उत्तर:
(अ) STATISTICS

प्रश्न 2.
सर्वप्रथम Statistics शब्द का प्रयोग किया गया
(अ) 1749
(ब) 1759
(स) 1748
(द) 1740
उत्तर:
(अ) 1749

RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 4 सांख्यिकी का अर्थ एवं परिभाषा

प्रश्न 3.
सांख्यिकी की विषय सामग्री को कितने भागों में बाँटा है?
(अ) तीन
(ब) दो
(स) चार
(द) पाँच
उत्तर:
(ब) दो

प्रश्न 4.
“सांख्यिकी अनुमानों एवं सम्भाविताओं का विज्ञान है” यह परिभाषा दी है
(अ) बाउले ने
(ब) सैलिगमैन ने
(स) बांडिग लॉन ने
(द) स्पीयरमैन ने
उत्तर:
(स) बांडिग लॉन ने

प्रश्न 5.
वर्गीकृत समंकों या आँकड़ों को पंक्ति तथा कॉलम में लिखा जाता है
(अ) प्रस्तुतीकरण में
(ब) सारणीयन में
(स) निर्वचन में
(द) समंकों के वर्गीकरण में
उत्तर:
(ब) सारणीयन में

प्रश्न 6.
व्यावहारिक सांख्यिकी को कितने भागों में बाँटा गया है?
(अ) दो
(ब) तीन
(स) एक
(द) पाँच
उत्तर:
(अ) दो

RBSE Class 11 Economics Chapter 4 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सांख्यिकी शब्द अंग्रेजी भाषा के किस शब्द से निकला हुआ है?
उत्तर:
State (राज्य) शब्द से।

प्रश्न 2.
लैटिन भाषा में State को क्या कहते हैं?
उत्तर:
Status

RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 4 सांख्यिकी का अर्थ एवं परिभाषा

प्रश्न 3.
जर्मन भाषा में State को क्या कहते है?
उत्तर:
Statistik.

प्रश्न 4.
सांख्यिकी का गहरा सम्बन्ध किससे रहा है?
उत्तर:
राज्य से।

प्रश्न 5.
भारत के किस प्राचीन ग्रन्थ में सांख्यिकी का प्रयोग मिलता है।
उत्तर:
कौटिल्य के अर्थशास्त्र में। प्रश्न 6. सांख्यिकी का जनक कहाँ का निवासी था? उत्तर-जर्मन का।।

प्रश्न 7.
सांख्यिकी का जनक कौन था?
उत्तर :
जर्मन विद्वान गणितज्ञ गोटीफ्राइड एक्नेवाल।

प्रश्न 8.
सांख्यिकी शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम कब किया गया?
उत्तर:
1749 में।

प्रश्न 9.
अंग्रेजी शब्द STATISTICS का प्रयोग हिन्दी में कितने प्रकार से होता है?
उत्तर:
तीन प्रकार से।

प्रश्न 10.
समंक क्या है?
उत्तर:
समंक तथ्यों का अंकों के रूप में किया गया संग्रह मात्र है।

प्रश्न 11.
सांख्यिकी की विषय सामग्री को कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर:
दो भागों में।

RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 4 सांख्यिकी का अर्थ एवं परिभाषा

प्रश्न 12.
व्यावहारिक सांख्यिकी को कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर:
दो भागों में।

प्रश्न 13.
कैसे तथ्यों पर आधारित ज्ञान वास्तविक तथा यथार्थ माना जाता है?
उत्तर:
संख्यात्मक तथ्यों पर आधारित ज्ञान वास्तविक तथा यथार्थ होता है।

प्रश्न 14.
राज्य में किसके आधार पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक समस्याओं के बारे में जानकारी मिलती है?
उत्तर:
राज्य में संख्यात्मक विवेचन के आधार पर ही सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक समस्याओं के बारे में जानकारी मिलती है।

प्रश्न 15.
कौटिल्य के अर्थशास्त्र में अनेक तथ्य सांख्यिकी से सम्बन्धित मिलते हैं। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कौटिल्य के अर्थशास्त्र में शासन, सामाजिक व्यवस्था, युद्ध व्यवस्था आदि से सम्बन्धित अनेक तथ्य सांख्यिकी से सम्बन्धित मिलते हैं।

प्रश्न 16.
State को रोमन भाषा तथा इटली भाषा में क्या कहते हैं?
उत्तर:
State को रोमन भाषा में Stato, तथा इटली भाषा में Statista कहा जाता है।

प्रश्न 17.
STATISTICS के हिन्दी में प्रयोग कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
आँकड़े समंक, सांख्यिकी और प्रतिदर्शज तीन प्रकार हैं।

RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 4 सांख्यिकी का अर्थ एवं परिभाषा

प्रश्न 18.
सांख्यिकी की विषय सामग्री को कौन से दो भागों में बाँटा गया है?
उत्तर:

  1. सांख्यिकीय विधियाँ,
  2. व्यावहारिक सांख्यिकी।

प्रश्न 19.
सैद्धान्तिक विधियों का व्यवहार में प्रयोग कैसे किया जाये? इसका अध्ययन कहाँ किया जाता है?
उत्तर:
सैद्धान्तिक विधियों का व्यवहार में प्रयोग कैसे किया जाये इसका अध्ययन व्यावहारिक साख्यिकी में किया जाता है।

प्रश्न 20.
व्यावहारिक समंक किससे सम्बन्धित होते
उत्तर:
व्यावहारिक समंक अर्थशास्त्र, वाणिज्य, समाज शास्त्र, प्रशासन, जीव विज्ञान, मनोविज्ञान आदि से सम्बन्धित होते हैं।

प्रश्न 21.
व्यावहारिक सांख्यिकी के दो भागों के नाम बताइए।
उत्तर:
व्यावहारिक सांख्यिकी को दो भागों में बाँटा गया है :

  1. वर्णात्मक सांख्यिकी
  2. वैज्ञानिक व्यावहारिक सांख्यिकी।

प्रश्न 22.
सांख्यिकी की कोई दो सीमाएं लिखिए।
उत्तर:

  1. केवल संख्यात्मक तथ्यों का ही विवेचन
  2. समूहों का अध्ययन, व्यक्तिगत ईकाई का नहीं।

RBSE Class 11 Economics Chapter 4 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सांख्यिकी के सम्बन्ध में ब्रिटिश विद्वान लार्ड केल्विन के विचारों को बताइए।
उत्तर:
सांख्यिकी के सम्बन्ध में ब्रिटिश विद्वान लार्ड केल्विन ने लिखा है-“जिस विषय के सम्बन्ध में आप बात कर रहे हैं यदि आप उसे माप सकते हैं तथा संख्याओं में व्यक्त कर सकते हैं तो आप उस विषय में कुछ जानते हैं। किन्तु जब आप उसे माप नहीं सकते जब आप उसे संख्याओं में व्यक्त नहीं कर सकते तो आपका ज्ञान अल्प व असन्तोषजनक प्रकृति का है।”

RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 4 सांख्यिकी का अर्थ एवं परिभाषा

प्रश्न 2.
सांख्यिकी विज्ञान को राज्य तन्त्र का विज्ञान क्यों कहा है?
उत्तर:
राज्य की नीतियाँ समंकों पर आधारित होने के कारण सांख्यिकी विज्ञान को राज्य तन्त्र का विज्ञान या सम्राटों का विज्ञान कहा गया है। राजा विभिन्न विषयों से सम्बन्धित आँकड़े एकत्र कर उन पर आधारित निर्णय लेता है तथा भविष्य की नीतियाँ बनाता है।

प्रश्न 3.
सांख्यिकी शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम कहाँ, कब और किसने किया?
उत्तर:
सांख्यिकी का जनक जर्मन विद्वान गणितज्ञ गोटीफ्रायड एक्नेवाल ने 1749 में सर्वप्रथम Statistics शब्द का प्रयोग किया तथा सांख्यिकी को ज्ञान की विशिष्ट शाखा के रूप में स्थापित एवं विकसित किया।

प्रश्न 4.
आधुनिक युग में समंकों का अधिक प्रयोग होने का क्या कारण है?
उत्तर:
आधुनिक युग में समंकों का अधिक प्रयोग होने के निम्नलिखित कारण हैं :

  1. वर्तमान में समंकों की माँग बढ़ रही है।
  2. समंकों पर आधारित निष्कर्ष से समय व श्रम की बचत होती है।
  3. सांख्यिकीय विधियों के प्रयोग से शोधकार्यों की लागत में कमी आई है।

प्रश्न 5.
सांख्यिकी (Statistics) शब्द का दूसरा अर्थ किन विधियों से है?
उत्तर:
सांख्यिकी शब्द को दूसरा अर्थ उन विधियों से है जिनका प्रयोग सांख्यिकी में किया जाता है। इसके अन्तर्गत सभी सिद्धान्त एवं युक्तियाँ आती हैं जो मात्रा सम्बन्धी विवरण को संकलन, विश्लेषण तथा निर्वचन में काम आती है।

प्रश्न 6.
सेलिगमैन के अनुसार सांख्यिकी की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
सेलिगमैन के अनुसार, “सांख्यिकी वह विज्ञान है जो किसी विषय पर प्रकाश डालने के उद्देश्य से संग्रहित किये गये आँकड़ों का संग्रहण, वर्गीकरण, प्रस्तुतीकरण, तुलना एवं व्याख्या करने की रीतियों का विवेचन करता है।”

प्रश्न 7.
सांख्यिकी के क्षेत्र को बताते हुए सांख्यिकी और विज्ञान का सम्बन्ध बताइए।
उत्तर:
प्राचीनकाल में सांख्यिकी का क्षेत्र अत्यन्त सीमित था। सांख्यिकी का जन्म राजाओं के विज्ञान के रूप में हुआ। परन्तु आधुनिक युग में इस विज्ञान का क्षेत्र अत्यधिक व्यापक हो गया है। वास्तव में प्रत्येक विज्ञान में एक साधन के रूप में सांख्यिकी विधियों का काफी प्रयोग किया जाता है। यह कथन सही है कि विज्ञान सांख्यिकी के बिना अधूरा है तथा सांख्यिकी विज्ञान के बिना।।

प्रश्न 8.
सांख्यिकी विधियाँ क्या हैं?
उत्तर:
सांख्यिकी विधियों की सहायता से समंक संकलित किये जाते हैं तथा उन्हें उचित रूप से प्रस्तुत करके उन्हें तुलनात्मक एवं समझने योग्य बनाया जाता है। इससे उचित निष्कर्ष निकालने में भी सहायता मिलती है। कार्य सरलता से हो जाता है तथा समय एवं श्रम की बचत होती है।

RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 4 सांख्यिकी का अर्थ एवं परिभाषा

प्रश्न 9.
सांख्यिकी विधियों के अन्तर्गत कौन-कौन से कार्य किये जाते हैं? क्रम से बताइये।
उत्तर:
सांख्यिकी विधियों के अन्तर्गत निम्नलिखित कार्य किये जाते हैं :

  1. समंकों का संकलन करना,
  2. समंकों का वर्गीकरण,
  3. सारणीयन,
  4. प्रस्तुतीकरण,
  5. विश्लेषण,
  6. निर्वचन,
  7. पूर्वानुमान।

प्रश्न 10.
व्यावहारिक सांख्यिकी में क्या अध्ययन किया जाता है?
उत्तर:
सैद्धान्तिक विधियों का व्यवहार में कैसे प्रयोग किया जाये? इसका अध्ययन व्यावहारिक सांख्यिकी में किया . जाता है। व्यावहारिक समंक अर्थशास्त्र, वाणिज्य, समाजशास्त्र, प्रशासन, जीव विज्ञान, मनोविज्ञान आदि से सम्बन्धित होते हैं। अर्थात् इसमें सांख्यिकी के सिद्धान्तों के प्रयोग के बारे में बताया जाता है। अतः यह सांख्यिकी का प्रयोगात्मक भाग है।

प्रश्न 11.
व्यावहारिक सांख्यिकी के दोनों भागों को समझाइए।
उत्तर:

  • वर्णात्मक सांख्यिकी :
    इसके अन्तर्गत किसी क्षेत्र से सम्बन्धित भूतकाल तथा वर्तमानकाल में संकलित समंकों का अध्ययन किया जाता है।
  • वैज्ञानिक व्यावहारिक सांख्यिकी :
    इसके अन्तर्गत विभिन्न विषयों के कुछ वैज्ञानिक नियमों के प्रतिपादन के उद्देश्य से व्यावहारिक समंकों को एकत्रित किया जाता है। माँग के नियम, व्यापार चक्रों का अध्ययन इसी के उदाहरण हैं।

प्रश्न 12.
सांख्यिकी की दो सीमाओं की व्याख्या करो। उत्तर-सांख्यिकी की दो सीमाएँ निम्नलिखित हैं :

  • केवल संख्यात्मक तथ्यों को ही अध्ययन :
    सांख्यिकी केवल संख्यात्मक तथ्यों का ही अध्ययन करती है। गुणात्मक तथ्यों का अध्ययन नहीं करती है। अर्थात् सांख्यिकी के अन्तर्गत केवल उन्हीं समस्याओं का अध्ययन किया जा सकता है। जिनको संख्याओं के रूप में व्यक्त किया जा सके।
  • समूह का अध्ययन व्यक्तिगत ईकाई का नहीं :
    सांख्यिकी के अन्तर्गत संख्यात्मक तथ्यों की सामूहिक विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है; जैसे-देश की औसत प्रति व्यक्ति आय। यह औसत प्रति व्यक्ति आय केवल सामूहिक विशेषताओं पर ही प्रकाश डालती है।

प्रश्न 13.
‘अयोग्य व्यक्ति के हाथ में सांख्यिकीय रीतियाँ बहुत खतरनाक औजार हैं।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सांख्यिकीय रीतियों द्वारा अयोग्य तथा अनभिग्य व्यक्ति या तो निष्कर्ष नहीं निकाल पाएंगे या फिर गलत निष्कर्ष निकाल सकते हैं। अत: यूल तथा कैन्डाल ने सत्य ही कहा है कि अयोग्य व्यक्ति के हाथ में ये रीतियाँ बहुत खतरनाक औजार हैं।

प्रश्न 14.
स्पष्ट कीजिए कि सांख्यिकीय रीति समस्या के अध्ययन की एकमात्र रीति नहीं है।
उत्तर:
सांख्यिकीय रीति की प्रत्येक प्रकार की समस्या का एकमात्र हल नहीं माना जा सकता है। अत: सांख्यिकीय रीति द्वारा प्राप्त परिणामों को तभी सही मानना चाहिए जबकि उनकी पुष्टि अन्य प्रमाणों की सहायता से भी कर ली जाए। क्योंकि यही एकमात्र हल नहीं है।

RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 4 सांख्यिकी का अर्थ एवं परिभाषा

प्रश्न 15.
सांख्यिकीय में समूहों का अध्ययन किया जाता है, व्यक्तिगत इकाइयों का नहीं।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सांख्यिकीय में संख्यात्मक तथ्यों की सामूहिक विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है। जैसे देश की औसत प्रतिव्यक्ति आय। इसमें व्यक्तिगत इकाइयों का अध्ययन नहीं किया जाता है। स्पष्ट है कि औसत प्रतिव्यक्ति आय सामूहिक विशेषता बताती है न कि व्यक्तिगत। यह निर्धन, भिखारी, अमीर, गरीब, की व्यक्तिगत आय पर प्रकाश नहीं डालती है।

RBSE Class 11 Economics Chapter 4 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वर्तमान समय में सांख्यिकी का महत्त्व क्या है? अर्थशास्त्र में सांख्यिकी के महत्त्व समझाइए।
उत्तर:
सांख्यिकी का महत्व या उपयोगिता :
आधुनिक सभ्यता के युग में सांख्यिकी का महत्त्व निरन्तर बढ़ता जा रहा है। आज जीवन का शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जहाँ किसी-न-किसी रूप में सांख्यिकी का प्रयोग न होता हो। यही कारण है कि आर्थिक, सामाजिक एवं राजनैतिक समस्याओं के सुलझाने में सांख्यिकी विज्ञान की सहायता ली जाती है। इतना ही नहीं वैज्ञानिक, प्रशासकीय व अन्य विश्लेषणों में भी आजकल सांख्यिकी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। डॉ. बाउले ने ठीक कहा है, “सांख्यिकी का ज्ञान किसी विदेशी भाषा अथवा बीजगणित के ज्ञान की भाँति है, जो किसी भी समय और किसी भी परिस्थिति में, उपयोगी सिद्ध हो सकता है।

प्रो. वॉकर का यह कथन अक्षरशः सत्य प्रतीत होता है कि “एक चौंकाने वाली सीमा तक हमारी संस्कृति सांख्यिकीय संस्कृति बन चुकी है।” सेक्राइस्ट ने भी सांख्यिकी के महत्त्व को स्पष्ट करते हुए कहा है कि “व्यापार, सामाजिक नीति तथा राज्य से सम्बन्धित शायद ही कोई ऐसी समस्या हो, जिसको समझने के लिये समंकों की आवश्यकता न पड़ती हो।”

अर्थशास्त्र में सांख्यिकी का महत्त्व :
अर्थशास्त्र में सांख्यिकी का महत्त्वपूर्ण स्थान है। सांख्यिकीय रीतियाँ विभिन्न आर्थिक समस्याओं को समझने, उनका विश्लेषण करने तथा उनके लिये उचित समाधान निकालने में अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होती हैं। अर्थशास्त्र के विभिन्न नियमों के निर्माण में भी सांख्यिकीय रीतियों का भरपूर प्रयोग होता है। अर्थशास्त्र में इसके महत्त्व को स्पष्ट करते हुए मार्शल ने कहा है कि “समंक वे तृण हैं जिनसे मुझे अन्य अर्थशास्त्रियों की भाँति ईंटें बनानी पड़ती आंख्यिकी की सहायता से ही अर्थशास्त्र के प्रत्येक क्षेत्र–उपभोग, उत्पत्ति, विनिमय, वितरण एवं राजस्व की विभिन्न समस्याओं का अध्ययन किया जाता है और उनका समाधान खोजा जाता है।

प्रश्न 2.
सांख्यिकीय विधियों से क्या आशय है? इनके अन्तर्गत किये जाने वाले कार्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
सांख्यिकीय विधियाँ :
सांख्यिकीय विधियों की सहायता से समंकों को एकत्रित करके उन्हें तुलनात्मक अध्ययन एवं समझने योग्य रूप में प्रस्तुत किया जाता है। जॉन्सन एवं जैक्सन के अनुसार, “सांख्यिकीय रीतियाँ वे प्रक्रियाएँ हैं, जो संख्यात्मक तथ्यों के संग्रहण, संगठन, संक्षिप्तीकरण, विश्लेषण, निर्वचन और प्रस्तुतीकरण के लिए प्रयोग में लाई जाती है।

सांख्यिकीय विधियों के अन्तर्गत निम्नलिखित कार्य किये जाते हैं :

  • समंकों का संकलन करना (Collection of Data) :
    इनके अन्तर्गत यह निश्चित किया जाता है कि अनुसन्धान के लिए समंक कहाँ से, कितने एवं किस ढंग से एकत्रित किए जाएँ।
  • समंकों का वर्गीकरण (Classification) :
    समंकों को तुलनीयं, सुगम बनाने के लिए उन्हें विभिन्न वर्गों में बाँटना; जैसे-आयु, भार, स्थान, रंग, जाति आदि।
  • सारणीयन (Tabulation) :
    इसमें समंकों को व्यवस्थित कर प्रस्तुत किया जाता है। वर्गीकृत समंकों या आंकड़ों को पंक्ति तथा कॉलम में लिखा जाता है।
  • प्रस्तुतीकरण (Presentation) :
    व्यवस्थित समंकों को सरल, सुव्यवस्थित एवं तुलनीय बनाने के लिए उन्हें बिन्दु रेखाओं तथा चित्रों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है ताकि मस्तिष्क पर उनकी छाप पड़े तथा उन्हें स्मरण में रखना आसान हो सके।
  • विश्लेषण (Analysis) :
    समंकों का विश्लेषण सांख्यिकीय विधियों; जैसे–केन्द्रीय प्रवृत्ति के माप, अपकिरण, सहसम्बन्ध आदि के माध्यम से किया जाता है।
  • निर्वचन (Interpretation) :
    निर्वचन में जाँच के विषय के सम्बन्ध में निर्वचन किया जाता है; जैसे-दो तथ्यों के बीच सहसम्बन्ध है या नहीं।
  • पूर्वानुमान (Forecasting) :
    इसके अन्तर्गत भूत एवं वर्तमान के विश्लेषण के आधार पर भविष्य के बारे में पूर्वानुमान लगाये जाते हैं तथा पूर्व घोषणाएँ की जाती हैं।

Share this:

  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)

Related

Filed Under: Class 11

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Recent Posts

  • RBSE Class 5 Hindi रचना पत्र लेखन
  • RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 2 पदार्थ की संरचना एवं अणु
  • RBSE Solutions for Class 5 Hindi परिवेशीय सजगता
  • RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 14 स्वर्ण नगरी की सैर
  • RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 17 चुनाव प्रक्रिया कब, क्या व कैसे?
  • RBSE Class 5 Hindi व्याकरण
  • RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 16 दृढ़ निश्चयी सरदार
  • RBSE for Class 5 English Vocabulary One Word
  • RBSE Solutions for Class 5 Environmental Studies Manachitr
  • RBSE Solutions for Class 9 Maths Chapter 1 वैदिक गणित Additional Questions
  • RBSE Class 5 English Vocabulary Road Safety

Footer

RBSE Solutions for Class 12
RBSE Solutions for Class 11
RBSE Solutions for Class 10
RBSE Solutions for Class 9
RBSE Solutions for Class 8
RBSE Solutions for Class 7
RBSE Solutions for Class 6
RBSE Solutions for Class 5
RBSE Solutions for Class 12 Maths
RBSE Solutions for Class 11 Maths
RBSE Solutions for Class 10 Maths
RBSE Solutions for Class 9 Maths
RBSE Solutions for Class 8 Maths
RBSE Solutions for Class 7 Maths
RBSE Solutions for Class 6 Maths
RBSE Solutions for Class 5 Maths
RBSE Class 11 Political Science Notes
RBSE Class 11 Geography Notes
RBSE Class 11 History Notes

Copyright © 2025 RBSE Solutions