Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 English The Guide Composition Questions
Composition
Question 1.
Imagine a situation-after his release from prison if Raju had not landed up in village Mangal, but had gone back to his own town, how could he have led his life?
उस स्थिति की कल्पना कीजिए-जेल से छूटने के बाद राजू मंगल ग्राम में नहीं आता, परन्तु स्वयं अपने गाँव में चला जाता, वह अपना जीवन कैसे जीता?
Answer:
If Raju had gone to his own village, he would live there as a changed man. He had learnt the philosophy of life in jail. He would make his own world in the village. He had worked hard in Jail Superintendent’s garden and had grown vegetables there. He had learnt the fruit and result of hard labour. He would work similarly at his father’s shop that was deserted by Raju himself. He had earned some money in jail. He could start his own business there. He might become a good shopkeeper or a good tourist guide because of his loquaciousness. He would not think about Rosie again. He would start living with his mother. He would surely regain his old prestige in his profession whatever he took in his hand. Destiny had always been the companion of Raju. His maternal uncle had a good social reputation. He would marry him. He would help Raju to settle his family matters again. He knows that truth and honesty always prevails and Raju would work on these principles.
उत्तर-यदि राजू अपने स्वयं के गाँव जाता, वह एक परिवर्तित आदमी की भाँति वहाँ पर रहता। उसने जेल में जीवन के दर्शन को सीख लिया था। वह गाँव में अपना स्वयं का संसार बनाता। उसने जेल अधीक्षक के बगीचे में कठोर मेहनत की थी और उसने वहाँ सब्जियाँ उगाई थीं। वह कठोर श्रम का फल और परिणाम जान गया था। वह उसी प्रकार से अपने पिता की दुकान पर कार्य करता जिसे उसने स्वयं बरबाद किया था। उसने जेल में कुछ पैसे कमाए थे। वह अपना स्वयं का कोई कारोबार शुरू करता। वह शायद एक अच्छा दुकानदार या अच्छा पर्यटक गाइड बनता क्योंकि उसमें वाक्पटुता का गुण था। वह रोजी के बारे में फिर से नहीं सोचता। वह अपनी माँ के साथ रहना प्रारम्भ कर देता। वह अवश्य ही अपनी पुरानी प्रतिष्ठा पा लेता जो कुछ भी वह अपने हाथ में लेता। भाग्य सदा राजू के साथ रहा था। उसके मामा अच्छी सामाजिक प्रतिष्ठा रखते हैं। वह उसकी शादी करवा देते। वह उसे उसके पारिवारिक मामलों को व्यवस्थित करने में सहायता करते। वह जान गया था कि सत्य और ईमानदारी हमेशा जीतती है और राजू इन्हीं सिद्धान्तों पर कार्य करता।
Question 2.
Imagine, if Velan had believed that Raju was an ordinary man and not a saint, what turn would the story have taken?
कल्पना करो, यदि वेलान यह विश्वास कर लेता कि राजू एक साधारण आदमी है संत नहीं है, कहानी क्या पलटा लेती?
Answer:
Raju had told Velan the whole episode that he is not a saint but an ordinary man. Velan had heard previously in the discourses of Raju the story of Valmiki and Angulimal. They both were previously very cruel and tyrant dacoits. But when they came into contact with the spiritual people, they both were transformed into a famous saint. Valmiki: had composed Ramayana and Angulimal became the follower of Buddha. Velan would continue to believe faithfully on Raju’s works and his character. He knew that Raju had good intelligence and he is worthy of to be a saint. He would respect him as well as the villagers. They might also work for the moral upliftment of the villagers, they may also work for the welfare of the people. The story of the novel would definitely take positive changes. The story may have presented in a different form, it would also be possible that Raju may not have to have the fast. He and the villagers might seek some other solution to their problems.
उत्तर-राजू ने वेलान को पूरा वृत्तान्त कहा कि वह संत नहीं है परन्तु एक साधारण आदमी है। वेलान ने पहले से ही राजू के व्याख्यानों में वाल्मीकि और अंगुलीमाल की कहानी सुनी थी। वे दोनों पहले क्रूर और तानाशाही डाकू रहे थे। परन्तु जब वे आध्यात्मिक लोगों के सम्पर्क में आए तो वे प्रसिद्ध संतों में बदल गए थे। वाल्मीकि ने रामायण की रचना की और अंगुलीमाल बुद्ध का अनुयायी बने गया था। वेलान राजू के चरित्र एवं शब्दों में निरन्तर विश्वास करता । वह जानता था कि राजू में अच्छी बुद्धिमानी है और वह संत के योग्य है। वह और ग्रामवासी उसका सम्मान करते । वे ग्रामीणों के नैतिक उत्थान के लिए काम करते। वे ग्रामीणों के भले के लिए भी कार्य करते । उपन्यास की कहानी अवश्य ही सकारात्मक परिवर्तन लेती। कहानी को अलग स्वरूप में प्रस्तुत करना पड़ता। यह भी सम्भव होता कि राजू को उपवास नहीं करना पड़ता। वह और गाँव वाले अपनी समस्याओं का कोई और हल खोजते ।।
Question 3.
Think of a different ending of the novel and continue the story further. उपन्यास का एक अलग अन्त सोचिए और कहानी को जारी रखिए।
Answer:
It was 5.30 in the morning. Swami asked a man to come near him. He said that he wanted to go to water basin. He reached there with the help of two persons. The people followed him silently. They could all listen the murmuring of the saint. Raju stepped into the water. He looked towards the mountain. He then said to Velan that it was raining in the hills. He could feel the water up to his feet.
He turned towards the temple. He was panting heavily for breath. Velan and his other friend picked him up and came into the main hall of the temple. Raju perspires a lot. Velan asked the people to move aside. Soon he started feeling cool wind. It was cloudy. There he could see the lightning and thundering. It started raining. It was raining cats and dogs. The people took shelter under their tents and under the trees. Raju was happy to see that his penance had ended the drought. It rained for more than six hours. It was still raining in the hills. The river was flowing. All the villagers were happy. Mr. James J. Malone reached that day very late. He had promised swami Raju to come early. The team of doctors were injecting glucose. Raju was recovering.
उत्तर-सुबह के 5.30 बज रहे थे। स्वामी ने एक आदमी को नजदीक आने को कहा। उसने कहा कि वह पानी तक जाना चाहता है। वह दो लोगों की सहायता से वहाँ पहुँचा। लोग चुपचाप उसके पीछे चल रहे थे। वे सभी स्वामी का मंत्रोच्चारण सुन सकते थे। राजू पानी में उतरा। उसने पर्वत की ओर देखा। उसने वेलान से पूछा कि पहाड़ों में वर्षा हो रही है। वह पानी अपने पैरों तक महसूस कर सकता है।
वह मन्दिर की ओर मुड़ा। वह बहुत हाँफ रहा था। वेलान और दूसरे ने उसे पकड़ रखा था। वह मन्दिर के मुख्य हॉल में आया। राजू को बहुत पसीना आ रहा था। वेलान ने लोगों को एक तरफ होने को कहा। शीघ्र ही ठंडी हवा महसूस होने लगी। बादल छा गए। बिजली चमकने और गर्जना होने लगी। बरसात होने लगी। मूसलाधार बारिश हो रही थी। लोगों ने टेन्ट और पेड़ों के नीचे शरण ली। राजू यह देखकर खुश था कि उसके प्रायश्चित्त ने अकाल का अन्त कर दिया था। छः घण्टे तक बारिश हुई। अभी भी पहाड़ों में बरसात हो रही थी। नदी बह रही थी। सारे गांव वाले खुश थे। श्रीमान जेम्स जे. मलोन उस दिन देर से आया। उसने स्वामी से जल्दी आने का वादा किया था। चिकित्सकों का दल ग्लुकोज दे रहा था। राजू ठीक हो रहा था।
Question 4.
Suppose your elder sister has made her career as a dance choreographer. She gets engaged to a boy who asks her to give up her career against her wish. How will you deal with the situation?
मान लीजिए आपकी बहिन अपना कैरियर एक नृत्यांगना के रूप में बनाती है। उसकी एक लड़के से सगाई हो जाती है जो उसे उसकी इच्छा के विपरीत इसे त्यागने को कहता है। आप इस परिस्थिति से कैसे निपटेंगे?
Answer:
If the boy with whom my sister is engaged, asks her to give up her career as a choreographer. I would approach to him. I would talk to the boy. I would ask him what problem he has if my sister continues as a dancer. I will listen to him sincerely and seriously. I would ask him that as a dancer she could earn more money. I will try at my best to counsel the boy. I will talk to my sister regarding this matter. If she says that she won’t leave dancing. She wants to be a dancer, I shall help her to be a good dancer. After all my sister is free to live a free life. If the boy agrees, I will ask him again to consult to his family again. It can be understood from the novel well that if the thoughts and ideas of a husband and wife are different they better not to live together. It would be better to give up the relation because my priority will go with the happiness of my sister.
उत्तर-यदि उस लड़के से जिससे मेरी बहिन की सगाई होती है वह उससे उसके नृत्यांगना बनने को त्यागने के लिए कहता है, मैं उसके पास जाऊँगा। मैं उस लड़के से बात करूंगा। मैं उससे पूछूगा कि यदि मेरी बहन एक नृत्यांगना के रूप में निरन्तर कार्य करती है तो उसे क्या समस्या है। मैं उसे गम्भीरता से सुनूंगा। मैं उससे यह कहूँगा कि एक नृत्यांगना के रूप में वह धन कमा सकती है। मैं उस लड़के को मेरे स्तर पर समझाने का बेहतर प्रयास करूंगा। मैं इस मामले में मेरी बहन से बात करूंगा। यदि वह कहती है कि वह नृत्य नहीं छोड़ेगी। वह नृत्यांगना बनना चाहती है, मैं उसकी सहायता करूंगा कि वह एक अच्छी नर्तकी बने। आखिर मेरी बहिन को स्वतन्त्र जीवन जीने का अधिकार है। यदि लड़का सहमत हो जाता है तो मैं उससे पुनः कहूँगा कि वह अपने परिवार से फिर से बात करे। यह उपन्यास से समझा जा सकता है कि यदि विचार और भाव पति-पत्नी के अलग-अलग हैं तो वे बेहतर खुश नहीं रह सकते हैं। इस सम्बन्ध को त्यागना बेहतर होगा। क्योंकि मेरी बहिन की प्रसन्नता को प्राथमिकता दे दूंगा।
Question 5.
Have you done something to remove superstitions and illiteracy from the villages of India? Discuss.
क्या आपने भारत के गाँवों में अन्धविश्वास और अशिक्षा को हटाने के लिए कुछ किया? बताइए।
Answer:
Superstitions and illiteracy in India are deeply rooted in the minds of the persons. I have participated in the evening classes run by the state government of Rajasthan where the illiterate are taught.
The government of Rajasthan in association with the department of science launched a programme to remove superstitions among people. Where it was taught that how a coconut catches fire, how a man lits a lamp on his tongue. I was taught by the teachers that all this is done by science. It needs continuous practice. Anybody can lit a lamp on his/her lips because as he lits he quickly takes that into the mouth and there is no harm. I have done it in my area only in Rajasthan. When we taught in the evening classes the people can read and understand what they have given. They saved themselves from the fraud people.
उत्तर-अन्धविश्वास और अशिक्षा भारत में लोगों के दिमाग में गहराई तक विद्यमान है। मैंने संध्या कक्षाओं में जो कि राजस्थान सरकार द्वारा चलाई जा रही थीं उनमें भाग लिया है जहाँ पर अशिक्षितों को पढ़ाया गया था।
राजस्थान सरकार ने विज्ञान विभाग के साथ मिलकर लोगों में व्याप्त अन्धविश्वास को मिटाने के कार्यक्रम शुरू किये थे। जहाँ पर लोगों को यह सिखाया गया कि नारियल आग कैसे पकड़ता है, किस प्रकार एक आदमी अपनी जीभ पर दीपक जलाता है। मुझे शिक्षकों द्वारा सिखाया गया कि यह विज्ञान के द्वारा किया जा सकता है। इसे निरन्तर अभ्यास की जरूरत है। कोई भी अपनी जीभ पर दीपक जला सकता है क्योंकि जैसे ही वह जलाता है वह तुरन्त उसे अन्दर मुँह में ले जाता है जिससे कोई हानि नहीं होती है। मैंने इसे राजस्थान में मेरे क्षेत्र में किया है। जब हमने सायंकालीन कक्षाओं में पढ़ाया तब लोग पढ़ सकते थे और समझ सकते थे जो कुछ उनको दिया जाता था। उन्होंने अपने आपको धोखेबाज लोगों से बचा लिया था।
Question 6.
Do you remember a story where destiny plays an important role in the life of the characters? Write a summary of that story.
क्या आपको कहानी याद है जहाँ पर भाग्य ने पात्रों के जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई हो? उस कहानी का सार लिखिए।
Answer:
I remember a story where his destiny along with his labour played an important part in life. I read it in a storybook. It was the time when India and Pakistan divided. Some Indians were living in a camp near a city. They came here from Pakistan. They were living in a refugee camp. There was a young man who had some money in his pocket. He started a business there with money. He sold napkins. Soon people liked his taste. He earned enough money. He left the camp and started his own business. He dealt in iron and steel. After some years of honest hard labour, he owned his own factory of iron. There is also a similar story of Dhiru Bhai Ambani. He worked on a petrol pump. He was the doyen of Indian industry.
उत्तर-मुझे एक कहानी याद है जिसमें उसका भाग्य उसके कठोर श्रम के साथ उसे महत्त्वपूर्ण भाग की ओर ले गया। मैंने यह कहानी एक पुस्तक में पढ़ी थी। यह वह समय था जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ था। कुछ भारतीय शहर के पास एक कैम्प में रह रहे थे। वे वहाँ पाकिस्तान से आये थे। वे सब एक शरणार्थी शिविर में रह रहे थे। वहाँ एक जवान व्यक्ति था जिसकी जेब में कुछ पैसे थे। उसने उस पैसे से एक व्यापार शुरू किया। उसने वहाँ नमकीन बेची। शीघ्र ही लोग उसके स्वाद को पसन्द करने लगे। उसने पर्याप्त पैसे कमा लिए। उसने शिविर को छोड़ा और स्वयं का व्यापार शुरू किया। वह लोहा और स्टीलं का व्यापार करने लगा। कुछ वर्षों के कठोर श्रम के बाद उसकी स्वयं की लोहे की फैक्ट्री हो गई थी। इसी प्रकार की एक अन्य कहानी धीरूभाई अंबानी की है। उसने पेट्रोल पम्प पर काम किया था। वह भारतीय उद्योग की एक महान हस्ती थी।
Question 7.
Suppose you were a political leader. What would you have done to stop Raju from fasting?
मान लीजिए आप एक राजनैतिक नेता होते तो आप राजू का अनशन समाप्त करने के लिए क्या करते?
Answer:
If I were a political leader, I would soon move towards that place with a team of doctors. I would ask swami Raju to end his fasting. I will take care that the emotions of the public must not be hurt. I would tell swami that it will not rain if you fast or not because it is a scientific matter. I would tell him that it is against law. I would give immediate relief to the public there. I would open ration shops and arrange water for them from other parts of the country from tankers. I would request the government for relief funds. I would also teach people to save water. I would ask them to store rainwater and use it for various purposes. I would make a better arrangement not to waste water.
उत्तर-यदि मैं राजनैतिक नेता होता तो मैं शीघ्र ही चिकित्सकों के एक दल के साथ उस स्थान पर जाता। मैं स्वामी राजू से उपवास समाप्त करने को कहता। मैं यह भी ध्यान रखता कि जनता की भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचे। मैं स्वामी से कहता कि आप उपवास करो या मत करो, इसका कोई प्रभाव नहीं होगा क्योंकि यह एक वैज्ञानिक मामला है। मैं उससे कहता कि यह कानून के खिलाफ है। मैं वहां की जनता को तुरन्त सहायता देता। मैं उसके लिए राशन की दुकान खोलता और क्षेत्र के अन्य भागों में पानी भेजता टैंकर के द्वारा। मैं सरकार से राहत फण्ड के लिए प्रार्थना करता। मैं लोगों को सिखाता कि वे पानी किस प्रकार से बचाएँ। मैं उनसे कहता कि वे बारिश का पानी रोक कर उसका विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग करें। मैं और अच्छी व्यवस्था करता कि वे पानी की बरबादी नहीं करें।
Question 8.
Write an essay on one of the following topics
निम्नलिखित शीर्षकों में से किसी एक पर निबन्ध लिखिए
Answer:
Tourism in India
India is one of the oldest country in the world, full of charming and attractive historical sites. There are many challenging and mysterious stories that were laid in the foundation of Indian cities. India is a country of contrasts from architectural and cultural perspectives. If one wants to amuse with food, culture, language, clothing and various traditions India is the right place for you to visit. With a population of over one billion people, India is very multicultural and each of the twenty-eight states in the country has its unique identity that determines and directs its history.
India is the motherland of Mahatma Gandhi and others. Everybody knows Taj Mahal, Himalayas, Bengal Tiger are the icons of Indian tourism. Those who want to see beach and sun tourism India is ready to offer Goa and Kerala Beaches.
India is opening the doors of the Khajuraho temples with its magnificent arts of early medieval period constructed in 9th and 10th centuries.
भारत में पर्यटन
भारत विश्व में सबसे पुराना देश है। यह सुन्दर आकर्षक, ऐतिहासिक दृश्यों से भरा हुआ है। यहाँ बहुत-सी रहस्यात्मक, चुनौतीपूर्ण कहानियाँ हैं जो भारतीय शहरों की स्थापना से हैं। भारत स्थापत्य कला और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से विरोधाभासों का देश है। यदि किसी को भोजन, संस्कृति, भाषा, वस्त्र और विभिन्न प्रथाओं का आनन्द लेना है, तो आपके लिए भारत भ्रमण ठीक रहेगा। एक अरब से अधिक की जनसंख्या के साथ, भारत बहुत ही बहुसांस्कृतिक है और 28 राज्यों में से प्रत्येक राज्य अपनी विशिष्ट पहचान रखता है जो इसका इतिहास बताती है।
भारत महात्मा गाँधी और अन्य दूसरे नेताओं की मातृभूमि रही है। प्रत्येक जानता है कि ताजमहल, हिमालय, बंगाल टाइगर यह भारतीय पर्यटन के प्रतीक हैं। वे लोग जो तट देखना चाहते हैं और सूर्य पर्यटन का आनन्द लेना चाहते हैं गोवा और केरल के तट आपको आमन्त्रण देते हैं।
भारत खजुराहो मन्दिर के साथ अपनी बेहतरीन पूर्व मध्ययुगीन कलाओं के लिए द्वार खोलता है, इसे 9वीं और 10वीं शताब्दियों में बनाया गया था।
Socio-economic Conditions
of India India is the second largest populous country in the world with a population of more than one billion in 2001. It has been observed that people of lower socio-economic status
often fail to get what is made for them. The socio-economic scenarios for India are consistent with national growth. Socio-economic frame work of India is based on policy direction and social values.
Socio-economic backwardness has given rise to some important questions as far as minority community is concerned. After six decades of independence people in West Bengal and other parts of the country are lagging behind. These do not constitute the urban bulk of the population. Most of the people are from a rural community, they are bound to be socioeconomically backward. Balance sex ratio is an indicator of the status of men and women.
Our political culture is democratic but it is not all inclusive. Political power and fruits of economic and social development are monopolized in some hands.
भारत की सामाजिक-आर्थिक दशाएँ भारत जनसंख्या की दृष्टि से विश्व का दूसरा राष्ट्र है जिसकी 2001 में जनसंख्या एक अरब को पार कर चुकी थी। यह देखा गया है कि निम्न सामाजिक-सांस्कृतिक स्थिति के लोग जो उनके लिए हैं उसे प्राप्त करने में असफल हो जाते हैं। भारत के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य राष्ट्रीय विकास के साथ रहते हैं। भारत का सामाजिक-आर्थिक दृष्टिकोण यहाँ की सामाजिक मूल्यों और नीति निर्देशन पर बना हुआ है।
सामाजिक-आर्थिक पिछड़ापन कुछ महत्त्वपूर्ण प्रश्नों को जन्म देता है जहाँ तक अल्पसंख्यक वर्ग का सवाल है। भारत की स्वतन्त्रता के छः दशक बाद पश्चिम बंगाल और देश के अन्य भाग पिछड़ रहे हैं। यह जनसंख्या का शहरी क्षेत्र नहीं बनाते हैं। अधिकांश समुदाय ग्रामीण तबके के हैं। वे सामाजिक-आर्थिकपिछड़ेपन के लिए बाध्य हैं। स्त्री-पुरुषों की समान संख्या भी इसका प्रतीक सूचक है।
हमारी राजनीतिक संस्कृति प्रजातान्त्रिक है परन्तु यह सबको समाहित करने वाली नहीं है। राजनीतिक शक्तियाँ और आर्थिक-सामाजिक विकास के फल कुछ हाथों की मोनोपॉली बनकर रह गई हैं।
The Role of Education in Rural India
True education begins at the cradle—one might even add that it starts in the mother’s womb itself. Recognition of a smile and for that matter of a frown on the parent’s face is indicative of the presence of awareness.
Children are given both formal and informal education. When a young boy attains to adolescence education is needed at that time. It is a critical period needing delicate handling and wise counsel. Facts of life have an inexorable logic of their own. The best policy is to face them, train them. Good education can do much to the personality of young man or woman.
Education can enable a man to think of his career. A young man after his graduation or post-graduation is in need of employment. This is necessary for him. The youth of India should be taught to do something at their own place. They can do better in agriculture and industry. The attraction of a government job should be curtailed. If the education system is strengthened at the rural level India can progress a lot.
ग्रामीण भारत में शिक्षा की भूमिका
शिक्षा पालने पर ही शुरू हो जाती है—कोई यह भी जोड़ सकता है कि यह माता के गर्भ में स्वयं प्रारम्भ हो जाती है। मुस्कान की पहचान या माता-पिता के चेहरे पर गुस्सा जागरूकता की उपस्थिति का सूचक है।।
बच्चों को औपचारिक और अनौपचारिक शिक्षा दी जाती है। जब एक किशोर बालक किशोरावस्था को प्राप्त होता है तो उस समय उसे किशोर शिक्षा की आवश्यकता है। यह एक नाजुक समय है जिसमें ध्यान की समझ और बुद्धिमानी की सलाह की आवश्यकता होती है। इसकी श्रेष्ठ नीति है इनका सामना करना, प्रशिक्षित करना। अच्छी शिक्षा किशोर पुरुष-स्त्री के व्यक्तित्व के लिए बहुत कुछ कर सकती है।
शिक्षा व्यक्ति को स्वयं के जीवन हेतु सोचने के योग्य बनाती है। एक किशोर बालक अपने स्नातक और स्नातकोत्तर के बाद भी रोजगार की तलाश में होता है। यह उसके लिए आवश्यक है। भारत के युवकों को उनके स्वयं के स्थान पर ही कुछ करना सिखाना चाहिए। वे कृषि, उद्योग में बहुत अच्छा कार्य कर सकते हैं। सरकारी नौकरी का आकर्षण कम किया जाना चाहिए। यदि ग्रामीण स्तर पर शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त कर दी जाती है तो भारत बहुत प्रगति कर सकता है।
Hypocrisy is not a Key to Success
Hypocrisy means “behaviour in which somebody pretends to have moral standards or opinions that they do not actually have.” There are many persons in our society who pretends to become great social servants but they are a hypocrite. They have something different in their hearts.
This can be applied on most of the students also. They pretend to be intelligent, hard worker but when the time comes to prove themselves they are false. You can achieve happiness for some time, which is transitory. The permanent happiness will come to you when you work hard. Have a first-hand experience only then you can succeed. Most of the students who have topped at their school and college level prove themselves a failure in real life. Thus Hypocrisy is not a key to success.
पाखण्ड सफलता की कुंजी नहीं है।
पाखण्ड का तात्पर्य है, ‘व्यवहार जिसमें कोई नैतिक स्तर रखने का बहाना करता है जो वास्तव में उसके पास नहीं होता है।” हमारे समाज में ऐसे काफी लोग हैं जो सामाजिक सेवा का बहाना करते हैं परन्तु वे पाखण्डी होते हैं। वे अपने दिल में कुछ अलग बात रखते हैं। इसे कई छात्रों पर भी लागू किया जा सकता है। वे बुद्धिमान, मेहनती बनते हैं परन्तु जब इसे साबित करने का समय आता है तो वे झूठे साबित होते हैं। आप थोड़े समय के लिए प्रसन्नता प्राप्त कर सकते हैं जो क्षणिक होती है। स्थायी प्रसन्नता आपके कठोर श्रम करने पर ही आती है। आपको सफलता हेतु स्वयं प्रथम अनुभव रखना होगा। बहुत से छात्र जो विद्यालय/कॉलेज में टॉपर करते हैं वे अपने जीवन में असफल रहते हैं। इसलिए पाखण्ड सफलता की कुंजी नहीं है।
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