Rajasthan Board RBSE Class 11 English The Magic of The Muse Poems Chapter 1 On His Blindness
RBSE Class 11 English The Magic of The Muse Poems Chapter 1 Textual Activities
Comprehension
(A) Tick the correct alternative :
Question 1.
“When I consider how my light is spent ……” What does the word “light” mean here?
(a) The sun light
(b) The moon light
(c) The eye-sight
(d) All of these
Answer:
(c) The eye-sight
Question 2.
Why does the poet call the world “dark”?
(a) because there is no light.
(b) because there is night all the time.
(c) because there is no sun-light in the world.
(d) because he cannot see.
Answer:
(d) because he cannot see.
Answer the following questions in 15-20 words each :
Question 1.
Why is the poet so unhappy with God?
कवि भगवान से अत्यधिक नाखुश क्यों है?
Answer:
The poet is so unhappy with God because God has snatched his eyesight in spite of his good works.
कवि भगवान से बहुत अधिक नाराज है क्योंकि भगवान ने कवि के अच्छे कर्म होने के बावजूद उसकी आँखों की रोशनी छीन ली है।
Question 2.
Who is the ‘l’ in the first stanza of the poem?
कविता के प्रथम पद्यांश में 1 कौन है?
Answer:
The word “l’ in the first stanza refers to the poet.
‘I’ शब्द प्रथम पद्यांश में कवि के लिये प्रयोग किया गया है।
Question 3.
What does death want to hide?
मृत्यु किसे छुपाना चाहती है?
Answer:
The death wants to hide the talent of the poet of composing poetry.
मृत्यु कवि की कविता रचने की प्रतिभा को छिपाना चाहती है।
Question 4.
What does the soul of the poet want to do?
कवि की आत्मा क्या करना चाहती है?
Answer:
The soul of the poet wants to devote himself in the service of his Maker by writing poems in his honour.
कवि की आत्मा स्वयं को भगवान की सेवा में कविताएँ लिखकर समर्पित करना चाहती है।
Question 5.
How does the poet wish to serve his Maker?
कवि अपने निर्माता की सेवा किस तरह करना चाहता है?
Answer:
The poet wishes to serve his Maker by composing poems in his honour. He also wants to propagate this message in the whole world.
कवि अपने निर्माणकर्ता के सम्मान में कविताओं की रचना करके उसकी सेवा करना चाहता है। वह इस सन्देश को पूरी दुनिया को देना चाहता है।
Answer the following questions in 30-40 words each :
Question 1.
What does the poet mean by “Ere half my days”?
ऐरे हाफ माई डेज” से कवि का क्या आशय है?
Answer:
The poet expresses his agony by saying these words, “Ere half my days”. These words indicate that how he will lead his remaining life because he has totally gone blind. There is no joy for him in forthcoming years of life. By means of these words he expresses his sorrow.
कवि इन शब्दों का ‘एरे हाफ माई डेज’ का प्रयोग करके अपनी मानसिक पीड़ा व्यक्त करता है। इन शब्दों के माध्यम से वह यह संकेत देता है कि वह अपना शेष जीवन कैसे जीयेगा क्योंकि वह पूर्णतया अन्धा हो चुका है। उसके जीवन के आगामी वर्षों में उसका आनन्द समाप्त हो जायेगा। इन शब्दों के माध्यम से वह अपनी पीड़ा व्यक्त करता है।
Question 2.
Why does the poet call the talent “useless”?
कवि अपनी प्रतिभा को ‘बेकार’ क्यों कहता है?
Answer:
The poet calls the talent “useless” because he cannot compose poetry without his eyes and it will be destroyed after his death in this world and no one will remember him without his work of composing rhymes.
कवि अपनी प्रतिभा को व्यर्थ कहता है क्योंकि वह बिना आँखों के कविताएं नहीं लिख सकता है तथा उसकी यह प्रतिभा मृत्यु के पश्चात् इस संसार में समाप्त हो जाएगी तथा उसे कविता लिखे बगैर कोई भी याद नहीं रखेगा।
Question 3.
Why does the poet wish to give his “true account”?
कवि अपने सच्चे लेखे-जोखे को देने की इच्छा क्यों करता है?
Answer:
The poet wishes to give his true account because he desires to prove himself honest and innocent in the eyes of God and likes to get his eyesight once again from God.
कवि अपना सच्चा लेखा-जोखा देना चाहता है क्योंकि वह स्वयं को भगवान की दृष्टि में सच्चा और निर्दोष पेश करना चाहता है तथा अपनी नेत्र-ज्योति भगवान से पुन: प्राप्त करना चाहता है।
Question 4.
What does the poet mean when he says, “They also serve who only stand and wait”?
कवि का क्या आशय है जब वह कहता है वे भी उसकी सेवा करते हैं जो खड़े होकर अपनी बारी का इन्तजार करते हैं?”
Answer:
“The poet means that there is no need for a person to go anywhere to see God and to get his mercy. In this mortal world there is no place where God does not live. So there is no particular place of God. He lives everywhere. One should always have faith and devotion in God.
कवि का आशय है कि ईश्वर से मिलने के लिये और उसकी कृपा प्राप्त करने के लिए कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है। इस नश्वर संसार में ऐसा कोई भी स्थान नहीं है जहाँ ईश्वर नहीं रहता है। इसलिये भगवान का कोई विशेष स्थान नहीं है। वह हर जगह रहता है। ईश्वर में हमेशा विश्वास तथा श्रद्धा रखनी चाहिए।
Answer the following questions in about 150 words each :
Question 1.
Write a summary of the poem.
कविता को संक्षिप्त में लिखिए।
Answer:
The poet Milton expresses his sorrow by composing the poem “On His Blindness”. This poem is dedicated to God. He stays at his place and urges God why He has made him blind. By means of this poem he expresses his views. He says that he is doing his duty in His honour. In this way he is performing his duty of composing verses. On the other hand he urges God to give back his eyesight so that he can do his work successfully. But God admonishes the poet by reminding his duty and says that he should do his work patiently. God says that he does not require any gift or service of a man. The poet should not expect for his mercy because he will get everything like others staying at his place. God’s mercy and grace will be bestowed upon everyone. So he should wait.
कवि मिल्टन, “ऑन हिज ब्लाइन्डनेस” नामक कविता के माध्यम से अपना दुःख व्यक्त करता है। यह कविता भगवान को समर्पित है। वह अपने स्थान से ही जोर देकर भगवान से कहता है कि उसने उसे अन्धा क्यों कर दिया। इस कविता के माध्यम से वह अपने विचार प्रकट करता है। वह कहता है कि वह भगवान के सम्मान में अपने कर्तव्य का पालन कर रहा है। इस प्रकार वह कविता की रचना के माध्यम से अपना कर्तव्य निभा रहा है। दूसरी तरफ वह भगवान से अतिप्रेमपूर्ण ढंग से कहता है कि उसे आँखों की ज्योति प्रदान की जाये जिससे कि वह अपना कार्य सफलतापूर्वक कर सके। लेकिन भगवान उसे प्रताड़ित करते हुए, और उसके कर्तव्य की याद दिलाते हुए कहते हैं कि उसे (कवि) अपना कर्त्तव्य धैर्यपूर्वक पूरा करना चाहिए। भगवान आगे कहते हैं कि उसे न किसी की सेवा की आवश्यकता है और न किसी तोहफे की। कवि को उसकी दया की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए क्योंकि अन्यों की तरह उसे भी सब कुछ अपने स्थान पर स्वतः प्राप्त हो जायेगा। भगवान की कृपा और दया दृष्टि सब पर समान रूप से होती है। इसलिए उसे प्रतीक्षा करनी चाहिए।
Question 2.
Write the critical appreciation of the poem “On His Blindness”.
“ऑन हिज ब्लाइन्डनेस” कविता का समालोचनात्मक विवेचन कीजिए।
Answer:
This poem has been composed by the poet John Milton who was born in 1608 and passed away in 1674. He was well-trained in classical language. His early poems had been written in Latin. On behalf of this poem the poet delivers an important message to the human being that there must be perfect faith in God in order to live a perfect life in this mortal world and to achieve salvation in this dispermanent world.
In the beginning of the poem the poet appears talking to God face to face and asks God the reason of his blindness and he introduces his works of present life which are perfect according to him. God stops the poet to say anything and commands him to do his allotted work patiently. At last God clears the poet that in order to become his true worshiper there must be perfect faith in the heart. The poet uses wonderful personification to create reality in his words. The language is direct and impressive and the Rhyming scheme is based on abba.
यह कविता कवि जॉन मिल्टन के द्वारा रची गई है जिनका जन्म 1608 में हुआ तथा 1674 में इनकी मृत्यु हुई। वह पारम्परिक भाषा में अच्छे प्रशिक्षित थे। उनकी प्रारम्भिक कविताएं लैटिन भाषा में लिखी गई थीं। इस कविता के माध्यम से कवि मानव को एक महत्त्वपूर्ण सन्देश देता है कि इस नश्वर संसार में पूर्ण जीवन जीने के लिए तथा मोक्ष प्राप्ति के लिए ईश्वर में अटूट विश्वास होना चाहिए। कविता के आरम्भ में कवि भगवान के समक्ष खड़ा हुआ प्रकट होता है तथा ईश्वर से अपने अंधेपन का कारण पूछता है तथा अपने वर्तमान जीवन के कार्य को श्रेष्ठ प्रस्तुत करता है।
लेकिन भगवान कवि को कुछ भी कहने से रोक देते हैं तथा उसे दिए गए कार्य को धैर्यपूर्वक करने का आदेश देते हैं। अन्त में भगवान स्पष्ट करते हैं कि भगवान का सच्चा भक्त बनने के लिए उसके दिल तथा दिमाग में भगवान के प्रति पूर्ण विश्वास होना चाहिए। कवि अद्भुत मानवीकरण प्रस्तुत करता है अपनी शब्द शैली में वास्तविकता का भाव पेश करने के लिए। कविता की भाषा प्रत्यक्ष तथा प्रभावशाली है और कविता की तुक योजना abba पर आधारित है।
RBSE Class 11 English The Magic of The Muse Poems Chapter 1 Additional Questions
Answer the following questions in about 60-80 words :
Question 1.
Why is the poet worried? Explain.
कवि चिन्तित क्यों है? समझाइये।
Answer:
The poet is worried because of his blindness. He says that half of the years of his life remain to live and it has become impossible for him to lead his life without his eyes in this wide world. The whole world has become dark for him and his talent of writing poems will be useless and it will be destroyed after his death.
कवि अपने अंधेपन के कारण उदास है। वह कहता है कि उसका आधा जीवन अभी बाकी है और उसके लिए बिना आँखों के जीवन असम्भव हो गया है। यह विशाल संसार उसके लिए अन्धकारमय हो गया है तथा उसकी कविता लिखने की प्रतिभा भी व्यर्थ हो गई है तथा यह प्रतिभा उसके मरणोपरान्त व्यर्थ हो जाएगी।
Question 2.
Why does the poet complain God?
कवि भगवान से शिकायत क्यों करता है?
Answer:
The poet complains God about his blindness. He urges God for making him blind, however, he is serving Him sincerely by composing verses to mankind. His present work is genuine and it is fully devoted to God but he wants to know why He has not done justice to him. How long will he bear this agony. He is not fit physically like others. He is glorifying Him by composing poems and he cannot render any other service except it.
कवि अपने अन्धेपन के लिये भगवान से शिकायत करता है। वह जोर देकर भगवान से कहता है कि वह कविताओं की रचना करके मानव समाज की सेवा कर रहा है, हालांकि भगवान ने उसे अन्धा कर दिया है। उसका वर्तमान कार्य पूर्ण निष्ठा से युक्त है और भगवान को पूर्ण समर्पित है तो वह जानना चाहता है कि उसने उसके साथ न्याय क्यों नहीं किया है। इस कष्ट को वह कब तक झेलेगा। वह अन्य प्राणियों की तरह शारीरिक रूप से सक्षम नहीं है। वह कविताओं की रचना करके भगवान की गरिमा का प्रचार कर रहा है और इसके अलावा कोई अन्य सेवा वह कर ही नहीं सकता।
Question 3.
How does God reply to the questions of the poet?
भगवान कवि के प्रश्नों के उत्तर किस प्रकार देते हैं?
Answer:
God asserts in reply to the questions of the poet that he should perform his duty sincerely and patiently. He should wait for his turn to get his grace. He should have full faith in Him to get His blessings. He further says that men get rewards according to his deeds. If his deeds are good, he will be rewarded accordingly. So he should not create any doubt in his mind in regard to His blessings and grace.
भगवान कवि के प्रश्नों के उत्तर में स्पष्ट रूप से कहते हैं कि उसे अपना कर्तव्य पूर्ण निष्ठा एवं धैर्य से। पूरा करना चाहिए। उसकी कृपा प्राप्त करने हेतु उसे अपनी बारी की प्रतीक्षा करनी चाहिए। उसका आशीर्वाद प्राप्त करने के सम्बन्ध में उसे पूर्ण विश्वास रखना चाहिए। वह आगे कहते हैं कि मनुष्य अपने कर्मों के अनुसार फल प्राप्त करते हैं। यदि मनुष्य के कर्म अच्छे हैं तो उसे उन्हीं के अनुसार फल प्राप्त होगा। अत: उसे (कवि) अपने मस्तिष्क में भगवान की कृपा और आशीर्वाद से सम्बन्धित कोई सन्देह नहीं रखना चाहिए।
Question 4.
Who is the true worshipper of God according to the poet?
कवि के अनुसार भगवान का सच्चा उपासक कौन है?
Answer:
According to the poet a person who performs his duty without creating doubt regarding God’s blessings and grace, is the true worshiper of God. He should accomplish his work which God has allotted to him. He should not complain of his grievances because God wants to examine his tolerance. Some or the other day he will be rewarded by God. He should stand still and wait for his turn for God’s favour. He should be satisfied and cheerful in all the circumstances.
कवि के अनुसार जो व्यक्ति भगवान की कृपा एवं आशीर्वाद के प्रति सन्देह नहीं करता हुआ अपने कर्तव्य का पालन करता है वही भगवान का सच्चा उपासक है। उसे अपना कार्य पूरा करना चाहिए जो उसे भगवान ने सौंपा है। भगवान उसकी परीक्षा लेना चाहते हैं अतः उसे अपने कष्टों की शिकायत नहीं करनी चाहिए। एक न एक दिन उसे भगवान के द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा। भगवान की कृपा दृष्टि प्राप्त करने के लिये उसे शान्त रहकर अपनी बारी की प्रतीक्षा करनी चाहिए। उसे प्रत्येक परिस्थितियों में प्रसन्न और सन्तुष्ट रहना चाहिए।
Question 5.
Comment on the central idea of the sonnet “On His Blindness”.
“ऑन हिज ब्लाइन्डनेस” कविता के केन्द्रीय भाव पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
Answer:
The poet expresses his views by means of this sonnet. He understands his duties well but he is not sure of God’s grace. At last he is satisfied with the idea that God’s grace and blessings will be bestowed upon him on some or the other day. He knows well that God’s blessings will be equal to all the beings. Human beings should not complain against God for anything. If a person believes on God’s mercy, he will be benefited surely. He should not create any doubt regarding God’s favour, mercy and blessings. He should be free from all doubts according to his views on behalf of God. God’s judgement can never be wrong. He should fulfil his duty whatever God has assigned to him. He should wait and stand still for the result.
कवि अपनी कविता (सॉनिट 14 पंक्तियों की कविता) के माध्यम से अपने विचार व्यक्त करता है। कवि अपने कर्तव्यों को भली-भाँति समझता है लेकिन उसे भगवान की कृपा-दृष्टि पर विश्वास नहीं है। अन्त में वह इस विचार से सन्तुष्ट हो जाता है कि उसे भगवान की कृपा एवं आशीर्वाद एक न एक दिन अवश्य प्राप्त होगा। वह यह भी अच्छी तरह से जानता है कि भगवान का आशीर्वाद प्रत्येक प्राणी के लिये समान रूप से होगा। मानवमात्र को किसी भी बात के लिये भगवान के विरुद्ध शिकायत नहीं करनी चाहिए। यदि कोई व्यक्ति भगवान की दया पर विश्वास करता है तो वह अवश्य ही लाभान्वित होगा। उसे भगवान की दया, कृपा एवं आशीर्वाद के प्रति कोई सन्देह नहीं करना चाहिए। कवि के विचारों के अनुसार भगवान के प्रति सन्देह से मुक्त रहना चाहिए। भगवान का न्याय कभी भी गलत नहीं हो सकता। भगवान ने उसे जो कर्तव्य सौंपा है उसे पूरा करना चाहिए। परिणाम के लिए उसे शान्त चित्त रहकर प्रतीक्षा करनी चाहिए।
Question 6.
Who chides the poet and why?
कवि को कौन फटकारता है और क्यों?
Answer:
God chides the poet for his innocent complaints against Him. He says that he should perform his duties without thinking of their result. He should not blame God for his blindness. He does not need any service or gift for his appeasement. As for his blindness, it is due to his destiny. It is not the fault of God. He should fulfil his duty sincerely without thinking of its result. God is very careful about His creation and He knows well what to do next. He should serve mankind by composing poetry.
भगवान कवि की उसके विरुद्ध भोली-भाली शिकायतों के लिये उसे प्रताड़ित करता है। वह कहता है कि उसे बिना परिणाम सोचे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहना चाहिए। अपनी अन्धता के लिये भगवान को दोष नहीं देना चाहिए। उसे सन्तुष्ट करने के लिए किसी भी भेंट अथवा सेवा की आवश्यकता नहीं है। जहाँ तक उसके अन्धे होने का सम्बन्ध है वह उसके प्रारब्ध के कारण है। यह भगवान की त्रुटि नहीं है। बिना परिणाम सोचे उसे अपना कर्तव्य निष्ठा से पूरा करना चाहिए। भगवान अपनी सृष्टि के लिए अत्यन्त सावधान है और वह अच्छी तरह जानता है कि उसे आगे क्या करना है। उसे कविताओं की रचना करके मानव समाज की सेवा करनी चाहिए।
Question 7.
Do you find the sense of pessimism in the heart and mentality of the poet in the sonnet “On His Blindness”?
क्या तुम्हें सॉनेट “On His Blindness” में कवि के दिल और दिमाग में निराशावाद की भावना मिलती
Answer:
This sonnet which has been entitled “On His Blindness” the poet develops the sense of pessimism in his heart and mentality about life. He gives up hope and becomes worried about his further life which will become difficult without his eyes. It also shows his distrust in God and he realises himself an unfortunate person and begs before God to return his eyesight once again.
यह सॉनेट जिसे “ऑन हिज ब्लाइन्डनेस” शीर्षक दिया गया है कवि अपने दिल और दिमाग में जीवन के प्रति निराशा की भावना विकसित करता है। वह आशा छोड़ देता है और चिन्तित हो जाता है अपने आगे के जीवन के बारे में जो कि बिना नेत्र-ज्योति के कठिन होगा। यहाँ कवि का भगवान में अविश्वास झलकता है। वह स्वयं को बदकिस्मत महसूस करता है तथा भगवान के सामने अपनी आँखों की रोशनी एक बार पुनः लौटाने की भीख माँगती है।
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