Rajasthan Board RBSE Class 11 Maths Chapter 12 शांकव परिच्छेद Ex 12.3
प्रश्न 1.
उस परवलय का समीकरण ज्ञात कीजिए जिसकी
(i) नाभि (2, 3) तथा नियता x – 4y + 3 = 0 है।
(ii) नाभि (-3, 0) तथा नियता x + 5 = 0 है।
हल-
(i) माना परवलय पर कोई चर बिन्दु P(h, k) है। परवलय की परिभाषानुसार
SP = PM
जहाँ S नाभि तथा M, रेखा पर लम्बपाद है।
SP² = PM²
17{h² + 4 – 4h + k² + 9 – 6k} = (h – 4k + 3)²
17{h² + 13 – 4h + k² – 6k} = h² + 16k² + 9 – 8hk – 24k + 6h
17h² + 221 – 68h + 17k² – 102k = h² + 16k + 9 – 8hk – 24k + 6h
16h² + 8hk + k² – 74h – 78k + 212 = 0
अतः बिन्दु P(h, k) का बिन्दुपथ 16x² + 8xy + y² – 74x – 78y + 212 = 0 है। जो कि अभीष्ट परवलय का समीकरण है।
(ii) माना परवलय पर कोई चर बिन्दु P(h, k) है। परवलय की परिभाषानुसार
SP = PM
जहाँ S परवलय की नाभि तथा M, रेखा पर P से डाले गए लम्ब का लम्बपाद है।
SP² = PM²
(h + 3)² + k² = (h + 5)²
h² + 9 + 6h + k² = h² + 10h + 25
k² = h² + 10h + 25 – h² – 9 – 6h
k² = 4h + 16
अतः बिन्दु P(h, k) का बिन्दुपथ, y² = 4x + 16 है जो कि अभीष्ट परवलय का समीकरण है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित परवलय के शीर्ष, अक्ष, नाभि तथा नाभिलम्ब ज्ञात कीजिए
(i) y² = 8x + 8y
(ii) x² + 2 = 8x – 7
हल-
(i) परवलय का दिया गया समीकरण-
y² = 8x + 8y
y² – 8y = 8x
y² – 8y + (4)² – (4) = 8x
(y – 4)² = x + 16
(y – 4)² = 8(x + 2) ….(1)
समीकरण (1) में y – 4 = Y एवं x + 2 = X रखने पर परवलय का नया समीकरण होगा।
Y² = 8X ….(2)
जो परवलय y² = 4ax रूप का है। अत: इसकी तुलना करने पर
4a = 8
a = 2
परवलय Y² = 8X के लिए
(a) शीर्ष (0, 0) अर्थात् X = 0, Y = 0
(b) नाभि (a, 0) = (2, 0) अर्थात् X = 2, Y = 0
(c) अक्ष Y = 0
(d) नाभिलम्ब = 4a = 4 x 2 = 8
उपरोक्त परिणामों में X = x + 2 तथा Y = y – 4 रखने पर दिये हुए परवलय के लिए।
(a) शीर्ष x + 2 = 0 ⇒ x = – 2, y – 4 = 0 = y = 4
अतः शीर्ष के निर्देशांक (-2, 4) हैं।
(b) नाभि x + 2 = 2 ⇒ x = 0, y – 4 = 0 ⇒ y = 4
अतः नाभि के निर्देशांक (0, 4)
(c) अक्ष y – 4 = 0 ⇒ y = 4
(d) नाभिलम्ब = 8
(ii) परवलय का दिया गया समीकरण
x² + 2y = 8x – 7
x² – 8x = – 2y – 7
x² – 8x (4)² = – 2y – 7 + (4)²
(x – 4)² = – 2y + 9
समीकरण (1) में x – 4 = X तथा y – \(\frac { 9 }{ 2 }\) = Y रखने पर परवलय का नया समीकरण
X² = -2Y
जो परवलय x² = – 4ay रूप का है। अतः इसकी तुलना करने पर
4a = 2
a = \(\frac { 2 }{ 4 }\)
= \(\frac { 1 }{ 2 }\)
परवलय X² = -2Y के लिए
(a) शीर्ष : (0, 0) अर्थात् X = 0, Y = 0
(b) नाभि : (0, -a) = (0,\(-\frac { 1 }{ 2 }\)) अर्थात्, X = 0,Y = \(-\frac { 1 }{ 2 }\)
(c) अक्ष : X = 0
(d) नाभिलम्ब = 4a = 4 x \(\frac { 1 }{ 2 }\) = 2
उपरोक्त परिणामों में X = x – 4 तथा Y = y – \(\frac { 9 }{ 2 }\) रखने पर दिए हुए परवलय के लिए
(a) शीर्ष : x – 4 = 0 या x = 4
y – \(\frac { 9 }{ 2 }\) या y = \(\frac { 9 }{ 2 }\)
अत: शीर्ष के निर्देशांक (4, \(\frac { 9 }{ 2 }\))
(b) नाभि : x – 4 = 0 या x = 4
\(y-\frac { 9 }{ 2 }\) या y = 4
अतः नाभि के निर्देशांक (4, 4)
(c) अक्ष : x – 4 = 0 या x = 4
(d) नाभिलम्ब = 4a = 2
प्रश्न 3.
परवलय y² = 4ax की एक द्विकोटि की लम्बाई 8a है। सिद्ध कीजिये कि मूलबिन्दु से इस द्विकोटि के शीर्षों को मिलाने वाली रेखायें लम्बवत् होंगी।
हल-
दिया गया परवलय का समीकरण
y² = 4ax
हम जानते हैं, वक्र के अक्ष के लम्बवत् जीवा, वक्र की द्विकोटि कहलाती है। माना बिन्दु B (h, 4a) तथा A (h, – 4a)
बिन्दु B परवलय के समीकरण को सन्तुष्ट करेगा,
अतः y² = 4ax
(4a)² = 4a x h
16a² = 4ah
h = 4a
अतः बिन्दु B (4a, 4a) तथा A (4a, – 4a) हमको यहाँ पर
∠BOA = 90° सिद्ध करना है।
∴ द्विकोटि के शीर्ष को मिलाने वाली रेखायें लम्बवत् होंगी।
प्रश्न 4.
यदि परवलय का शीर्ष तथा नाभि x-अक्ष पर मूल बिन्दु से a तथा a’ दूरी पर हो, तो सिद्ध कीजिए कि परवलय की समीकरण y² = 4(a’ – a)(x – a) होगी।
हल-
माना कि P(x, y) परवलय पर स्थित कोई बिन्दु है।
चित्रानुसार OA = a, OF = a’
अतः शीर्ष A तथा नाभि F के मध्य दूरी
AF = a’ – a
परवलय के समीकरण के ज्यामितीय रूप से हम जानते हैं कि
PN² = 4 AF . AN
या y² = 4 (a’ – a) (x – a)
प्रश्न 5.
PQ एक परवलय की द्विकोटि है। इसके समत्रिभाजन वाले बिन्दुओं का बिन्दुपथ ज्ञात कीजिए।
हल-
माना R तथा S द्विकोटि PQ के समत्रिभाजन वाले बिन्दु हैं।
माना R के निर्देशांक (h, k) हैं। तब OL = h और RL = k
∴ RS = RL + LS = k + k = 2k
⇒ PR = RS = SQ = 2k
⇒ LP = LR + RP = k + 2k = 3k
इस प्रकार P के निर्देशांक = (h, 3k)
चूँकि (h, 3k) बिन्दु, परवलय y² = 4ax पर स्थित है अतः
(3k)² = 4a(h)
⇒ 9k² = 4ah
अतः अभीष्ट बिन्दु पथ
9y² = 4ax
प्रश्न 6.
सिद्ध कीजिए कि परवलय y² = 4ax में शीर्ष से गुजरने वाली सभी जीवाओं के मध्य बिन्दुओं का बिन्दुपथ भी परवलय y² = 2ax होता है।
हल-
माना OA परवलय y² = 4ax की एक जीवा है तथा P(h, k) इसका मध्य बिन्दु है। माना A के निर्देशांक (X1, Y1) हैं। तब
∵ A, परवलय y² = 4ax पर है अतः
(2k)² = 4a(2h)
⇒ 4k² = 8ah
⇒ k² = 2ah
अतः अभीष्ट बिन्दुपथ y² = 2ax
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