Rajasthan Board RBSE Class 11 Maths Chapter 2 सम्बन्ध एवं फलन Ex 2.2
प्रश्न 1.
निम्न सम्बन्धों की स्वतुल्यता, सममितता तथा संक्रामकता की जाँच कीजिए :
(i) m R1 n ⇔ m तथा n दोनों विषम हैं, ∀ m, n ∈ N
(ii) समुच्चय A के घात समुच्चय (Power set) P(A) में AR2 B ⇔ A ⊆ B, ∀ A, B ∈ P(A)
(ii) त्रिविम समष्टि (Three dimensional Space) में स्थित , सरल रेखाओं के समुच्चय S में L1R3L2 ⇔ L1 तथा L2 समतलीय है, ∀ L1, L2 ∈ S
(iv) a R4 b ⇔ b, से विभाजित हो, ∀ a, b ∈ N
हल-
(i) माना m ∈ N, m एक विषम संख्या है, तो इसलिए m R1
m ⇔ m, m विषम है।
परन्तु यदि m ∈ N सम संख्या हो तो m R1 m ⇒ m, m सम संख्या है।
यदि m ∈ N सम संख्या
अतः R1 स्वतुल्य सम्बन्ध नहीं है।
सममित : माना m, n ∈ N, विषम संख्याओं का समुच्चय है।
mR1n ⇒ m तथा n विषम हैं।
⇒ n तथा m भी विषम होंगे।
⇒ nR1m
इसलिए R1 सममित सम्बन्ध है।
संक्रामक : माना m, n, P ∈ N, विषम संख्याओं का समुच्चय
इसलिए mR1n ⇒ m तथा n विषम हैं।
nR1P ⇒ n तथा P विषम हैं।
⇒ m तथा P भी विषम होंगे।
⇒ mR1P
इसलिए R1 संक्रामक सम्बन्ध है।
(ii) AR2B ⇔ A ⊆ B,∀A, B ∈ P(A) घात समुच्चय
स्वतुल्य : माना A ∈ P(A), घात समुच्चय
AR2A ⇒ A ⊆ A
(चूँकि प्रत्येक समुच्चय स्वयं का उपसमुच्चय होता है।)
इसलिए R2 स्वतुल्य सम्बन्ध है।
सममित : माना A, B ∈ P(A), घात समुच्चय
इसलिए AR2B ⇒ A ⊆ B
⇒ B ⊆ A
सममित सम्बन्ध नहीं है।
संक्रामक : माना A, B, C ∈ P(A)
AR2B ⇒ A ⊆ B
और BR2C ⇒ B ⊆ C
⇒ A ⊆ C
⇒ AR2C
∴ R1 एक संक्रामक सम्बन्ध होगा।
(iii) L1R3L2 ⇔ L1 तथा L2 समतलीय है, ∀ L1, L2 ∈ S
स्वतुल्य : माना L1∈ S, S त्रिविमीय तल में सरल रेखाओं का समुच्चय है।
L1R3L1 ⇒ L1 एवं L1 समतलीय हैं।
(चूंकि सापेक्ष रेखा स्वयं के समतलीय होती है।)
इसलिए R3 स्वतुल्य सम्बन्ध है।
सममित : माना L1, L2 ∈ S (त्रिविमीय तल में सरल रेखाओं का समुच्चय है ।)
L1R3L2 ⇒ L1 तथा L2 समतलीय हैं।
⇒ L2 तथा L1 भी समतलीय है।
⇒ L2 R1 L1
इसलिए L2 सममित है।
(त्रिविमीय तल में सरल रेखाओं का समुच्चय)
संक्रामक : माना L1, L2, L3 ∈ S
L1R3L2 ⇒ L1 तथा L2 समतलीय हैं।
L2R3L3 ⇒ L2 तथा L3 समतलीय हैं।
⇒ L1 तथा L3 समतलीय नहीं हैं।
∴ R3 संक्रामक सम्बन्ध नहीं है।
(iv) aR4b⇔b, a से भाज्य हो, ∀a, b ∈ N
स्वतुल्य : माना a ∈ N
aR4a ⇒\(\frac { a }{ a }\), जो सत्य है।
इसलिए R4 स्वतुल्य सम्बन्ध रखता है।
सममित : माना a, b ∈ N
प्रश्न 2.
अशून्य वास्तविक संख्याओं के समुच्चय R0 में सम्बन्ध P निम्न प्रकार परिभाषित है :
(i) x P y ⇔ x² + y² = 1
(ii) x P y ⇔ xy = 1
(iii) x P y ⇔ (x + y) एक परिमेय संख्या है।
(iv) x P y ⇔ x/y एक परिमेय संख्या है।
इन सम्बन्धों की स्वतुल्यता, सममितता तथा संक्रामकता की जाँच कीजिए।
हल-
(i) x P y ⇔ x² + y² = 1, ∀ x, y ∈ R
स्वतुल्य : माना x ∈ R
x P y ⇒ x² + x² = 1, जो कि सम्भव नहीं है।
क्योंकि \(\pm \frac { 1 }{ \sqrt { 2 } } \) के अतिरिक्त किसी भी वास्तविक संख्या के वर्ग की दुगुना एक सम्भव नहीं है।
∴P स्वतुल्य सम्भव नहीं है।
सममित : माना x, y ∈ R
x P y ⇒ x² + y² = 1
⇒ y² + x² = 1
⇒ y P x इसलिए P सममित है।
संक्रामक : माना x, y, z ∈ R
x P y ⇒ x² + y² = 1
y P z ⇒ y² + z² = 1
⇒ x² + y² = y² + z²
⇒ x² = z²
उदाहरणार्थ-
-1, 0, 1 ∈ R
-1P0 ⇒ (-1)² + 0² = 1
तथा 0P1 ⇒ 0² + 1² = 1
⇒ -1P1 ⇒ (-1)² + 1² = 2 ≠ 1
इसलिए
इसलिए P संक्रामक नहीं है।
(ii) x P y ⇔ xy = 1
स्वतुल्य : माना x ∈ R0
x P x ⇒ x. x = 1
जो कि सम्भव नहीं है क्योंकि सभी वास्तविक संख्याओं का गुणनफल 1 के बराबर नहीं हो सकता है।
∴ P स्वतुल्य नहीं है।
सममित : माना x, y ∈ R0
x P y ⇒ xy = 1
⇒ y. x = 1
⇒ y P x
∴ P सममित है।
संक्रामक : माना x, y ∈ R0
x P y ⇒ xy = 1
y P z ⇒ yz = 1
⇒ x = 2
⇒ xz = z² ≠ 1
∴ P संक्रामक सम्बन्ध नहीं है।
(iii) x P y ⇔ (x + y) एक परिमेय संख्या है।
स्वतुल्य : x ∈ R
x P x ⇒ x + x = 2x परिमेय संख्या नहीं है।
स्वतुल्य नहीं है।
सममित : x, y ∈ R0
x P y ⇒ (x + y), परिमेय संख्या है।
⇒ (y + x) भी परिमेय संख्या होगी।
⇒ y P x ∴ P सममित सम्बन्ध है।
संक्रामक : x P y = (x + y), परिमेय संख्या है।
y P z ⇒ (y + z), परिमेय संख्या है।
⇒ x + z भी परिमेय संख्या है।
⇒ x P z
∴ P संक्रामक सम्बन्ध है।
(iv) x P y ⇒\(\frac { x }{ y }\) एक परिमेय संख्या है।
स्वतुल्य : x ∈ R
प्रश्न 3.
वास्तविक संख्याओं के समुच्चय R में एक सम्बन्ध Rनिम्न प्रकार परिभाषित है : (a, b) ∈ R1 ⇔ 1 + ab > 0, ∀a, b ∈ R सिद्ध कीजिए कि R1 स्वतुल्य एवं सममित है परन्तु संक्रामक नहीं है।
हल-
a R1 b ⇔ 1 + a. b > 0 ∀ a, b ∈ R
स्वतुल्य : माना a ∈ R
a R1 a ⇒ 1 + a. a ⇒ 1 + a² > 0
चूँकि a² ≥ 0 ∀ a ∈ R
इसलिए R एक स्वतुल्य सम्बन्ध है।
सममित : माना a, b ∈ R
a R1 b ⇒ 1 + a. b > 0
⇒ 1 + b , a > 0
⇒ b R1 a
इसलिए R1 सममित है।
संक्रामक : माना a, b, c ∈ R
प्रश्न 4.
N प्राकृत संख्याओं का समुच्चय है। यदि N x N में कोई सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित हो कि (a, b) R (c, a) ⇔ ad = bc ∀ (a, b), (c, d) ∈ N x N तो सिद्ध कीजिए कि
R एक तुल्यता सम्बन्ध है।
हल-
N प्राकृत संख्याओं का समुच्चय है।
यदि N x N में कोई सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित है कि (a, b) R (c, d) ⇔ ad = bc ∀ (a, b), (c, d) ∈ N x N
(i) स्वतुल्य : माना (a, b) ∈ N
(a, b) R (a, b) ⇒ ab = ba
∴ R स्वतुल्य है।
(ii) सममित : a, b, c, d ∈ N
(a, b) R (c, d) ⇒ ad = bc
⇒ bc = ad
⇒ cb = da
⇒ (c, d) R (a, b)
∴ R सममित है।
(iii) संक्रामक : a, b, c, d, e, f ∈ N
(a, b) R (c, d) ⇒ ad = bc
(c, d) R (e, f) ⇒ cf = de
⇒ adcf = bcde
⇒ af = be
⇒ (a, b) R (e, f)
∴ R संक्रामक है।
चूंकि R यहाँ पर स्वतुल्य, सममित एवं संक्रामक है, अतः R तुल्यता सम्बन्ध होगा।
प्रश्न 5.
अशून्य परिमेय संख्याओं के समुच्चय Q0 में एक सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित है कि a R b ⇔ a = 1/b, ∀ a, b ∈ Q0. क्या R एक तुल्यता सम्बन्ध है?
हल-
a R b ⇔ a = \(\frac { 1 }{ b }\), ∀a, b ∈ Q0
स्वतुल्य : माना a ∈ Q0
a R a ⇒ a = \(\frac { 1 }{ b }\) जो कि सम्भव नहीं है।
∴ R स्वतुल्य नहीं है।
सममित : माना a, b ∈ Q0
इसलिए R संक्रामक नहीं है।
चूँकि R, स्वतुल्य एवं संक्रामक नहीं है, अतः R तुल्यता सम्बन्ध नहीं होगा।
प्रश्न 6.
माना X = {(a, b)| a, b ∈ R} जहाँ I पूर्णाकों का समुच्चय है। x पर एक सम्बन्ध R, निम्न प्रकार परिभाषित है : (a, b) R1 (c, d) ⇔ b – a = a – c सिद्ध कीजिए कि R1 एक तुल्यता सम्बन्ध है।
हल-
(a, b) R1 (c, d) ⇔ b – a = a – c, ∀ (a, b) ∈ X
स्वतुल्य : माना (a, b) ∈ X
(a, b) R1 (a, b) = b – b = a – a
⇒ 0 = 0 जो कि सत्य है।
∴ R1 स्वतुल्य है।
सममित : माना (a, b), (c, d), ∈ X
∴ (a, b) R1 (c, d) ⇒ b – a = a – c
⇒ – (d – b) = – (c – a)
⇒ d – b = c – a
⇒ (c, d) R1 (a, b)
∴ R1 सममित है।
संक्रामक : माना (a, b), (c, d) तथा (e,f) ∈ X
(a, b) R1 (c, d) ⇒ b – a = a – c
एवं (c, d) R1 (e, f) ⇒ d – f = c – e
⇒ b – d + d – f = a – c + c – e
⇒ b – f = a – e
⇒ (a, b) R1 (e, f)
∴ R1 संक्रामक है।
चूंकि R1, स्वतुल्य, सममित एवं संक्रामक सम्बन्ध है, अतः R1
तुल्यता सम्बन्ध होगा।
प्रश्न 7.
एक समतल में स्थित त्रिभुजों के समुच्चय T में एक सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित है कि xRy ⇔ x,y के सदृश्य है। सिद्ध कीजिए R एक तुल्यतो सम्बन्ध है।
हल-
त्रिभुजों के समुच्चय T में एक सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित है।
कि xRy ⇔ x,y के सदृश्य है।
स्वतुल्य : माना x ∈ T
इसलिए x R x ⇒ x, x के सदृश्य है।
चूँकि प्रत्येक त्रिभुज स्वयं के समरूप अर्थात् सदृश्य होता है।
अतः सम्बन्ध R एक स्वतुल्य सम्बन्ध है।
सममित : माना x, y ∈ T
x R y ⇒x, y के सदृश्य है।
⇒ y, x के सदृश्य है।
⇒ yRx
इसलिए R सममित सम्बन्ध है।
संक्रामक : माना x, y, z ∈ T
xRy ⇒x,y के समरूप अर्थात् सदृश्य है।
और y R z ⇒y, z के समरूप अर्थात् सदृश्य है।
⇒x, z के सदृश्य होगा।
⇒x R z
इसलिए R एक संक्रामक सम्बन्ध है।
चूँकि R, स्वतुल्य, सममित एवं संक्रामक सम्बन्ध है, अतः R एक तुल्यता सम्बन्ध होगा।
प्रश्न 8.
माना A = {1, 2, 3} A में एक सम्बन्ध R निम्न प्रकार परिभाषित है : R = {(1, 1), (1, 2), (2, 1), (2, 2), (3, 3), (1, 3), (3, 1), (2, 3), (3, 2)} । R की स्वतुल्यता, सममितता तथा संक्रामकता की जाँच कीजिए।
हल-
A = {1, 2, 3} में एक सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित है कि R = {(1,1), (1, 2), (2, 1), (2, 2), (3, 3), (1, 3), (3, ), (2, 3), (3, 2)} स्वतुल्य : स्वयं का स्वयं से तत्पश्चात् किसी अन्य से सम्बन्ध स्वतुल्य सम्बन्ध कहलाता है।
चूँकि R में 1R1, 2R2, 3R3, अतः R.एक स्वतुल्य सम्बन्ध है।
सममित : सम्बन्ध R में 1R2 ⇒ 2R1 विद्यमान है।
1R3 ⇒ 3R1
2R3 ⇒ 3R2
अतः दिया गया सम्बन्ध R सममित है।
संक्रामक : सम्बन्ध R में
1R2 तथा 2R3 ⇒ 1R3
2R1 तथा 1R3 ⇒ 2R3
1R1 तथा 3R2 ⇒ 1R2
सम्बन्ध विद्यमान है, अतः दिया गया सम्बन्ध R संक्रामक होगा।
प्रश्न 9.
अशून्य सम्मिश्र संख्याओं के समुच्चय C0 में एक सम्बन्ध R निम्न प्रकार परिभाषित है :
वास्तविक है। सिद्ध कीजिए कि R एक तुल्यता सम्बन्ध है।
हल-
z1, z2 ∈ C0 के लिए
∴ R एक संक्रामक सम्बन्ध है।
∵ R, स्वतुल्य, सममित एवं संक्रामक सम्बन्ध है, अतः R एक तुल्यता सम्बन्ध है।
प्रश्न 10.
यदि R, समुच्चयों के समूह में “A, B से असंयुक्त (Disjointed) है” द्वारा परिभाषित सम्बन्ध हो तो R की स्वतुल्यता, सममितता तथा संक्रामकता की जाँच कीजिए।
हल-
दिया गया है।
A R B ⇔ A, B से असंयुक्त है,
A, B ∈ X अर्थात्
A∩B = Φ
स्वतुल्य : माना A ∈ X
A R A ⇒ A, A से असंयुक्त है, जो कि सम्भव नहीं है। क्योंकि A∩A = A
∴ ARA ⇒ R स्वतुल्य सम्बन्ध नहीं है।
सममित : माना A, B ∈ X
A R B ⇒ A, B से असंयुक्त है, अर्थात् A ∩ B = Φ
⇒B, A से असंयुक्त है, क्योंकि B∩A = Φ
⇒B R A ∀ A, B ∈ X
∴ R एक सममित सम्बन्ध है।
संक्रामक : माना A, B, C ∈ X
A R B ⇒ A, B से असंयुक्त है।
B R C ⇒ B, C से असंयुक्त है।
⇒ A, C से असंयुक्त हो आवश्यक नहीं है।
∴ R संक्रामक सम्बन्ध नहीं है।
प्रश्न 11.
प्राकृत संख्याओं के समुच्चय N में एक सम्बन्ध R इस प्रकार परिभाषित है कि aRb यदि a,b का भाजक है। सिद्ध कीजिए। कि R एक आंशिक क्रम सम्बन्ध है परन्तु एक पूर्ण क्रम सम्बन्ध
नहीं है।
हल-
(i) प्राकृत संख्याओं के समुच्चय N में एक सम्बन्ध R इस प्रकार से परिभाषित है कि a R b ⇔\(\frac { b }{ a }\), a, b का भाजक है।
स्वतुल्य : माना a ∈ N
माना a R a ⇒ \(\frac { a }{ a }\) = 1,
चूंकि हम जानते हैं कि प्रत्येक प्राकृत संख्या स्वयं से भाज्य होती है।
अतः R एक स्वतुल्य सम्बन्ध है।
सममित : माना a, b ∈ N
माना a R b ⇒ \(\frac { b }{ a }\) = λ. (माना) जहाँ पर λ पूर्णांक है।
b R a ⇒ a, b से तभी भाज्य होगा, जब a = b हो।
अर्थात् सम्बन्ध R प्रति सममित होगा।
संक्रामक : माना a, b, c ∈ N
⇒aRc
∴ R एक संक्रामक सम्बन्ध है।
∵ R एक स्वतुल्य, प्रति सममित एवं संक्रामक सम्बन्ध है, अतः R आंशिक क्रम सम्बन्ध होगा।
(ii) 6∈ {3, 6, 9, 18, 27} एवं 9∈ {3, 6, 9, 18, 27} में क्रमित
युग्म (6, 9) ∉ R एवं (9, 6) ∉ R
और 6 ≠ 9 में एक भी सत्य नहीं है अतः R एक आंशिक क्रम सम्बन्ध है, परन्तु पूर्णक्रम सम्बन्ध नहीं है।
प्रश्न 12.
बताइए कि N के निम्न उपसमुच्चय सम्बन्ध x, y को विभाजित करता है के लिए पूर्णतया क्रमित समुच्चय है या नहीं :
(i) {2, 4, 6, 8……}
(ii) {0, 2, 4, 6……}
(iii) {3, 9, 5, 15…….}
(iv) {5, 15, 30}
(v) {1, 2, 3, 4}
(vi) {a, b, ab}, ∀a, b ∈ R
हुल-
(i) पूर्णतया क्रमित समुच्चय नहीं है।
(ii) पूर्णतया क्रमित समुच्चय नहीं है।
(iii) पूर्णतया क्रमित समुच्चय नहीं है।
(iv) पूर्णक्रम सम्बन्ध नहीं है क्योंकि यहाँ सम्बन्ध सममित नहीं है जिसका कारण है कि 5R15 ⇒ 5, 15 को विभाजित करता है, जबकि 15, 5 को विभाजित नहीं करता है, अर्थात्
(v) पूर्णक्रम समुच्चय नहीं है।
(vi) पूर्णक्रम समुच्चय नहीं है।
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