Rajasthan Board RBSE Class 11 Maths Chapter 2 सम्बन्ध एवं फलन Ex 2.3
प्रश्न 1.
कारण सहित बताइए कि निम्न सम्बन्धों में कौनसे फलन हैं और कौनसे नहीं :
(a) {(1, 2), (2, 3),(3, 4), (2, 1)}
(b) {(a, 0), (b, 0), (c, 1), (d, 1)}
(c) {(1, a), (2, 6), (1, b), (2, a)}
(d) {(a, a), (b, b), (c, c)}
(e) {(a, b)}
(f) {(4, 1), (4, 2), (4, 3), (4, 4)}
(g) {(1, 4), (2, 4), (3, 4), (4, 4)}
(h) {(x, y) | x, y ∈ R ∧ y² = x}
(i) {(x, y) | x, y ∈ R ∧ x² = y}
(j) {(x, y) | x, y ∈ R ∧ x = y³}
(k) {(x, y) | x, y ∈ R ∧ y = x³}
हल-
(a) फलन नहीं हैं, क्योंकि दिये गए सम्बन्ध में समुच्चय A के अवयव 2 का समुच्चय B में दो प्रतिबिम्ब हैं जो कि परिभाषा के अनुसार सम्भव नहीं है।
(b) फलन है क्योंकि समुच्चय A के प्रत्येक अवयव का समुच्चय B में भिन्न-भिन्न प्रतिबिम्ब है।
(c) फलन नहीं है क्योंकि अवयव 1 एवं 2 के समुच्चय B में दो प्रतिबिम्ब हैं, जो कि सम्भव नहीं है।
(d) फलन है। यह तत्समक फलन भी कहलाता है, क्योंकि A का प्रत्येक अवयव स्वयं का प्रतिबिम्ब है।
(e) फलन है।
(f) फलन नहीं है, क्योंकि 4 के एक से अधिक प्रतिबिम्ब समुच्चय B में सम्भव नहीं हैं।
(g) फलन है। इसे अचर फलन भी कहते हैं
(h) यह फलन नहीं है क्योंकि y = √x में x ∈ -1 का कोई प्रतिबिम्ब y में विद्यमान नहीं होगा। अर्थात् समुच्चय A के सभी ऋणात्मक अवयव खाली रहेंगे।
(i) यह फलन है क्योंकि y = x² के लिए x ∈R के प्रत्येक अवयव का समुच्चय B में विद्यमान होगा तथा किसी भी अवयव के दो प्रतिबिम्ब नहीं हैं।
(j) यह फलन है क्योंकि y = x1/3 के लिए x ∈ R का अद्वितीय प्रतिबिम्ब समुच्चय B में विद्यमान है।
(k) यह फलन है क्योंकि y = x³ के लिए x ∈ R का प्रतिबिम्ब समुच्चय B में विद्यमान है तथा अद्वितीय है।
प्रश्न 2.
यदि f: R → R, f(x) = x² हो तो ज्ञात कीजिए :
(i) f का परिसर
(ii) {x |f(x) = 4}
(iii) {y |f(y) = -1}
हल-
(i) दिया है।
f: R → R, f(x) = x²
∴ f(1) = 1² = 1, f(-1) = (-1)² = 1
f(2) = 2² = 4, f(-2) = (-2)² = 4
अर्थात् x ∈ R के लिए f(x) वास्तविक धनात्मक संख्याओं का समुच्चय प्राप्त होगा अर्थात् R+ अर्थात् {x ∈ R| 0 < x < ∞ }
(ii) दिया गया है।
f(x) = x²
∴f(2) = 2² = 4
f(-2) = (-2)² = 4
⇒ x = ± 2 ⇒(2, -2)
(iii) दिया है f(x) = x²
⇒ f(y) = y² = -1
⇒ y = √-1 ∉ R
∴ रिक्त समुच्चय या Φ या { }
प्रश्न 3.
माना A = {-2, -1, 0, 1, 2} तथा फलन f, A से R में f(x) = x² + 1 द्वारा परिभाषित है। f का परिसर ज्ञात कीजिए।
हल-
A = {-2, -1, 0, 1, 2}
f: A → R, f(x) = x² + 1
f(-2) = (-2)² + 1 = 4 + 1 = 5,
f(-1) = (-1)² + 1 = 1 + 1 = 2
f(0) = 0 + 1 = 1, f(1) = 1 + 1 = 2
f(2) = 4 + 1 = 5
इसलिए f का परिसर = {1, 2, 5}
प्रश्न 4.
माना A = {-2, -1, 0, 1, 2} तथा f: A→ Z, जहाँ f(x) = x² + 2x – 3 तब ज्ञात कीजिए :
(i) f का परिसर
(ii) 6, -3 तथा 5 के पूर्व-प्रतिबिम्ब
हल-
(i) A = {-2, -1, 0, 1, 2}
f: A → Z, f(x) = x² + 2x – 3
x के मान रखने पर।
f(-2) = (-2)² + 2(-2) – 3 = 4 – 4 – 3 = -3
f(-1) = (-1)² + 2(-1) – 3 = 1 – 2 – 3 = -4
f(0) = 0 + 2 x 0 – 3 = 0 + 0 – 3 = -3
f(1) = 1² + 2 x 1 – 3 = 1 + 2 – 3 = 0
f(2) = (2)² + 2 x 2 – 3 = 4 + 4 – 3 = 5
∴ f का परिसर = {-4, -3, 0, 5}
(ii) 6 का पूर्व प्रतिबिम्ब = Φ, क्योंकि 6 किसी भी अवयव का प्रतिबिम्ब नहीं है।
-3 का पूर्व प्रतिबिम्ब = {-2, 0} = {0, -2}
5 का पूर्व प्रतिबिम्ब = 2
प्रश्न 5.
यदि f: R → R, जहाँ f(x) = ex तब ज्ञात कीजिए :
(a) R का f-प्रतिबिम्ब समुच्चय
(b) {y |f(y) = 1}
(c) क्या (x + y) = f(x) f(y) सत्य है?
हल-
(a) f: R → R, f(x) = ex
x के प्रत्येक मान के लिए f(x) का मान हमें धनात्मक प्राप्त होगा।
अतः R का f-प्रतिबिम्ब समुच्चय अर्थात् परिसर = वास्तविक धनात्मक संख्याओं का समुच्चय = R+
(b) f(y) = ey = 1
⇒ loge ey = log 1
y loge e = log 1 = 0
∴ y = {0}
(c) f(x + y) = ex+y = ex . ey = f(x) . f(y)
जो कि सत्य है।
प्रश्न 6.
यदि f: R+ → R जहाँ f(x) = log x, जहाँ R+ धनात्मक वास्तविक संख्याओं का समुच्चय है, तो ज्ञात कीजिए :
(a) f(R+)
(b) {y |,f(y) = -2}
(c) क्या f(x .y) = f(x) + f(y) सत्य है?
हल
(a) f: R+ → R, f(x) = log x
∴ f(R+) = log R+ = R+ संख्याओं का समुच्चय
(b) f(y) = log y = -2
⇒ y = e-2 ∴ y = {e-2}
(c) f(xy) = log (xy) = log x + log y
= f(x) + f(y) जो कि सत्य है।
प्रश्न 7.
यदि
R से R में एक फलन है तो f का परिसर ज्ञात कीजिए।
हल-
दिया गया है।
y ≥ 0, y ≠ 1 तथा 1 – y > 0
y ≥ 0, y ≠ 1, y < 1
f का परिसर 0 ≤ y < 1
अतः f का परिसर = { y = f(x) | 0 ≤ y < 1}
प्रश्न 8.
क्या g= {(1,1), (2, 3), (3, 5), (4, 7)} एक फलन है? । यदि g को g(x) = αx + β सूत्र द्वारा व्यक्त किया जाए तो α तथा β के मान ज्ञात कीजिए।
हल-
प्रश्नानुसार g = {(1, 1), (2, 3), (3, 5), (4, 7)}
यहाँ पर g एक फलन है, क्योंकि प्रत्येक अवयव 1, 2, 3, 4 के प्रतिबिम्ब 1, 3, 5, 7 है।
⇒ g(1) = 1, g(2) = 3, g(3) = 5, g(4) = 7
समीकरण g(x) = αx + β
x = 1 रखने पर g(1) = α + β = 1
x = 2 रखने पर g(2) = 2α + β = 3
अत: हमें समीकरण प्राप्त हुए | 0 + 5 = 1
α + β = 1….(1)
2α + β = 3 ….(2)
समीकरण (2) में से (1) को घटाने पर
α = 2
α का मान समी. (1) में रखने पर हमें प्राप्त होता है।
β = -1
∴ α = 2 तथा β = -1 होगा।
प्रश्न 9.
अचर फलन तथा चिह्न फलन में अन्तर बताइए।
हल-
(i) अचर फलन–y = f(x) = c, जहाँ c एक अचर है और प्रत्येक x ∈ R द्वारा परिभाषित एक वास्तविक मान फलन f: R → R है यहाँ पर फलन f का प्रान्त R है और उसका परिसर {c} है। फलन का ग्राफ x अक्ष के समान्तर एक रेखा प्राप्त होती है।
(ii) चिह्न फलन–प्रत्येक x ∈ R के लिए
द्वारा परिभाषित फलन f: R→R चिह्न फलन कहलाता है। चिह्न फलन का प्रान्त R है और परिसर {-1, 0, 1} है।
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