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RBSE Solutions for Class 11 Physical Geography Chapter 23 गंगा नदी के पारिस्थितिकीय तंत्र का अध्ययन

July 17, 2019 by Fazal Leave a Comment

Rajasthan Board RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 23 गंगा नदी के पारिस्थितिकीय तंत्र का अध्ययन

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 23 पाठ्य पुस्तक के अभ्यास प्रश्न

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 23 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
विक्रमशिला उद्यान में कौन-सा जीव संरक्षित किया गया है?
(अ) डॉलफिन
(ब) शार्क
(स) ऐलिगेटर
(द) महशीर मछली
उत्तर:
(अ) डॉलफिन

प्रश्न 2.
गंगा की उत्पत्ति स्रोत है-
(अ) शिवपुरी
(ब) प्रयाग
(स) देव प्रयाग
(द) गंगोत्री
उत्तर:
(द) गंगोत्री

प्रश्न 3.
‘सुन्दरवन’ में पाये जाते हैं-
(अ)शेर
(ब) रॉयल बंगाल टाइगर
(स) ऊँट
(द) गेंडा
उत्तर:
(ब) रॉयल बंगाल टाइगर

प्रश्न 4.
भागीरथी और अलकनन्दा हैं
(अ)उत्तर प्रदेश में बहने वाली नदियाँ
(ब) बिहार में गंगा की शाखाएँ
(स) उत्तराखण्ड की हिमनदों से निकलने वाली धाराएँ
(द) असम में बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी की शाखाएँ
उत्तर:
(स) उत्तराखण्ड की हिमनदों से निकलने वाली धाराएँ

प्रश्न 5.
‘टिहरी बाँध किस नदी पर बना है?
(अ) यमुना
(ब) अलकनन्दा
(स) मंदाकिनी
(द) भागीरथी
उत्तर:
(द) भागीरथी

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 23 अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 6.
गंगा नदी की कुल लम्बाई बताइये।
उत्तर:
गंगा नदी की कुल लम्बाई 2071 किलोमीटर है।

प्रश्न 7.
गंगा नदी मैदानी भाग में कहाँ प्रवेश करती है?
उत्तर:
गंगा नदी मैदानी भाग में प्रथम बार हरिद्वार में मैदान को स्पर्श करती है।

प्रश्न 8.
गंगा नदी के सबसे प्रदूषित क्षेत्र का नाम बताइये।
उत्तर:
बिठुर से कानपुर तक का क्षेत्र अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्र है।

प्रश्न 9.
पारितंत्र के घटकों के नाम बताइये।
उत्तर:
पारितंत्र के घटकों में जैविक व अजैविक घटक शामिल हैं। प्रत्येक पारितंत्र में पारितंत्र की प्रकृति, संरचना, कार्य प्रणाली ,उपयोग, पारितंत्र का ह्रास व हास के बचाव कार्य शामिल होते हैं।

प्रश्न 10.
फरक्का बैराज कहाँ स्थित है?
उत्तर:
फरक्का बैराज भारतबांग्लादेश सीमा पर बना है जो 2240 मीटर लम्बाई में फैला है।

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 23 लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 11.
पारितंत्र का महत्व बताइये।
उत्तर:
पारितंत्र एक विशेष जैविक एवं अजैविक पहचान का भूदृश्य होता है। पारितंत्र पृथ्वी पर जीवन के निवास की प्रमुख दशाएँ प्रस्तुत करते हैं। प्रत्येक पारितंत्र के जैविक एवं अजैविक घटकों में गहरा पारस्परिक सम्बन्ध होता है। जलीय पारितंत्र से ताजे या मीठे जल की प्राप्ति होती है। विश्व की सभी सभ्यताओं का जन्म जलीय पारितंत्र के क्षेत्रों में ही हुआ है। जलीय पारितंत्र के माध्यम से मानव को जैविक एवं अजैविक संसाधनों की प्राप्ति होती है।

प्रश्न 12.
ताजे पानी के पारितंत्रों के नाम बताइये।
उत्तर:
ताजे पानी के पारितंत्रों में नदियों के पारितन्त्र को सम्मिलित किया जाता है। नदियों के पारितन्त्र को ताजे या मीठे एवं प्रवाहमान जल की श्रेणी में रखा जाता है।

प्रश्न 13.
गंगा नदी में सबसे शुद्ध पानी किस क्षेत्र में पाया जाता है?
उत्तर:
पर्वतीय क्षेत्रों में गंगा नदी का पानी सबसे शुद्ध मिलता है।

प्रश्न 14.
सुन्दरवन क्या है?
उत्तर:
किशनगंज से सम्पूर्ण पश्चिम बंगाल के मैदानी भाग में गंगा व उसकी सहायक नदियाँ विभाजित हो जाती हैं जिससे एक डेल्टाई प्रदेश का निर्माण होता है। इस डेल्टाई प्रदेश के सागरमुखी दलदली क्षेत्र में पाये जाने वाले वन सुन्दरवन कहलाते हैं। यह भारत एवं बांग्लादेश दोनों देशों में संरक्षित भाग है। यह क्षेत्र जैव विविधता की दृष्टि से विश्व के अग्रणी क्षेत्रों में से एक है। यहाँ मैंग्रोव एवं ज्वारीय प्रकार की वनस्पति पायी जाती है। यहाँ बड़ी संख्या में ‘सुन्दरी पेड़ की प्रजाति पाये जाने के कारण ही इस वन क्षेत्र का नाम सुन्दरवन रखा गया है।

प्रश्न 15.
विस्तारित डेल्टा से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
नदियाँ अपने प्रवाहन क्षेत्र यो सागर में मिलने से पूर्व अपने साथ बहाकर लाये गये अवसादों का निक्षेपण करती है। इस प्रक्रिया से निर्मित प्रायः त्रिभुजाकार आकृति डेल्टा कहलाती है। जब डेल्टा की अवस्थिति सागरमुखी होती है और नदियाँ अपने साथ अवसादों को निरन्तर बहाकर इस डेल्टा रूपी क्षेत्र में निक्षेपित करती रहती है, तो सागरीय स्थिति एवं मलबे के निरन्तर बढ़ते रहने से डेल्टा का आकार सागरीय जल में बढ़ता रहता है। इस प्रकार निरन्तर आकार परिवर्तन होने वाले डेल्टाई क्षेत्र को विस्तारित डेल्टा की संज्ञा दी जाती है।

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 23 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 16.
नदी पारितंत्र को स्पष्ट करते हुए मध्य गंगा घाटी क्षेत्र के पारितंत्र को समझाइये।
उत्तर:
नदियों के पारितंत्र को ताजे या मीठे एवं प्रवाहमान जल की श्रेणी में रखा जाता है। विश्व की सभी सभ्यताओं का जन्म बहती ताजे पानी की नदी घाटियों में हुआ है। ये मानव सभ्यता के पालने माने जाते हैं। इसलिए सभी सभ्यताओं में स्वच्छ पानी की नदियों को माँ का द्योतक माना गया है।

मध्य गंगा क्षेत्र – मध्य गंगा मैदान में पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्य के क्षेत्र आते हैं। ये जनसंख्या की दृष्टि से घने बसे क्षेत्र हैं। यहाँ के निवासियों के प्रमुख व्यवसाय कृषि, पशुपालन, मत्स्य, व्यवसाय तथा इन पर आधारित कुटीर उद्योग हैं। इस क्षेत्र में घाघरा, गण्डक, कोसी एवं सोन आदि प्रमुख सहायक नदियाँ हैं। यहाँ गंगा की गति मंद हो जाती है तथा रेत, मिट्टी, कचरा, मलमूत्र, रसायन आदि मिलने से प्रदूषण बहुत बढ़ जाती है। इन क्षेत्रों में भी मियाण्डर, कॉप मिट्टी के मैदान, गोखुर झीलें आदि स्थलरूपों का निर्माण होता है।

प्रदूषण अधिक हो जाने से नदी का जल नहाने एवं पीने योग्य भी नहीं रहता। इस क्षेत्र में कोसी नदी में बाढ़ आने से बिहार में अत्यधिक जनधन की हानि होती है। शार्क, डॉलफिन, कछुए, मगरमच्छ, एलिगेटर (घड़ियाल), मछलियाँ आदि इस क्षेत्र में नदी में मिलने वाले प्रमुख जीव हैं। बिहार का विक्रम शिला डॉलिफन अभयारण्य भागलपुर जिले में 50 किमी क्षेत्र में स्थापित किया गया है। इसी क्रम में डॉलफिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया है। इसे ताजे पानी का टाइगर भी कहा जाता है। इस क्षेत्र में भी घने वन पाये जाते हैं। इनमें वन्य जीवों की भरमार है।

प्रश्न 17.
गंगा प्रदूषण को स्पष्ट करते हुए, इसके कारणों और उपायों की समीक्षा कीजिये।
उत्तर:
गंगा नदी भारत की राष्ट्रीय एवं विशाल नदी है। वर्तमान में इस नदी में प्रदूषण की स्थिति में निरन्तर वृद्धि हो रही है। जिससे नदी का जल प्रदूषित हो रहा है। यह प्रदूषित जल नदी के पारितंत्र को तेजी से खराब कर रहा है। नदी के जल में विलीन आक्सीजन की मात्रा 6.8-7.2 एमजी/लीटर मापी गई। यह मात्रा बहुत अधिक है। सामान्य रूप में यह मात्रा 4.0 एमजी/लीटर होनी चाहिए। हरिद्वार, इलाहाबाद, वाराणसी एवं पटना में सर्वाधिक पायी गई। इसी प्रकार जैव रासायनिक ऑक्सीजन की उपस्थित (BOD) कन्नौज से वाराणसी तक अधिक पायी गई। कानपुर के आस-पास 16.39 एमजी/लीटर, सर्वाधिक रिकार्ड की गई। पर्वतीय क्षेत्रों में ये सबसे कम 3 एमजी/लीटर रिकार्ड की गई। इसी प्रकार पटना के नीचे डेल्टाई प्रदेशों में 15.58 एमजी/लीटर रिकार्ड की गई। डी.ओ. एवं बी.ओ.डी. की मात्रा मानसून पूर्व एवं पश्चात् अलग-अलग पायी गई। इसी प्रकार कन्नौज, कानपुर, इलाहाबाद एवं वाराणसी में ‘कॉलीफार्म’ (Coliform) नदी के जल में सर्वाधिक पाया गया। डीओ, बीओडी एवं कॉलीफार्म की मात्रा अधिक होने के कारण नदी जलं में प्रदूषण की मात्रा बढ़ी हुई पायी गई।

गंगा नदी के प्रदूषण के कारण – गंगा नदी एक विशाल नदी होने के कारण अनेक प्रदूषकों के कारण प्रदूषित हो रही है। इस नदी के प्रदूषण के निम्न कारक हैं-

  1. इस नदी के दोनों किनारों पर 2500-3000 नगरों का बसाव मिलता है। जिसके कारण बड़ी संख्या में मानवीय सघनता से नदी का जल प्रदूषित होता है।
  2. जनसंख्या द्वारा परित्यक्त मल सीवर लाइनों के माध्यम से या सीधे ही इस नदी में जाकर मिलने से नदी प्रदूषित होती है।
  3. विविध प्रकार के कचरे के अनुचित निस्तारण से इसका प्रदूषण बढ़ रहा है।
  4. इस नदी के दोनों तरफ कृषि एवं पशुपालन के कार्य किये जाते हैं इस प्रक्रिया से भी जल प्रदूषित होता है।
  5. इस नदी के किनारे स्थित नगरों में मिलने वाले उद्योग-धन्धों से निकलने वाले कचरे से नदी का जल प्रदूषित होता है।
  6. नदी में की जाने वाली पार्थिव देह विसर्जन की प्रक्रिया भी इसे प्रदूषित कर रही है।
  7. रासायनिक, चमड़ा, उर्वरक एवं अन्य उद्योगों से अपशिष्ट पदार्थ तथा नगरों से निकले मलजल, कचरे आदि का गंगा नदी में मिलने से उसमें प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ा है। इस पानी का उपयोग नहाने एवं पीने के लिए भी नहीं किया जा सकता है।

गंगा नदी संरक्षण के उपाय

  1. गंगा एक्शन प्लान को सुचारु एवं त्वरित गति से क्रियान्वित किया जाये।
  2. राजनैतिक एवं प्रशासनिक इच्छा शक्ति व दूरदर्शिता को बढ़ाया जाये।
  3. भ्रष्टाचार को पूर्णतः समाप्त किया जाना चाहिए।
  4. वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
  5. अपशिष्ट मल, कचरे व ठोस पदार्थों के निस्तारण की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
  6. सीवरेज जन्य जल को शुद्धिकरण प्लॉण्ट का प्रयोग करके नदी में मिलने देना चाहिए।
  7. पार्थिव देह विसर्जन की प्रक्रिया पर रोक लगानी चाहिए।
  8. उद्योगों से निकलने वाले रासायनिक पदार्थों व विभिन्न रसायनों के निस्तारण की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।
  9. सभी व्यक्तियों को अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी मानकर गंगा की देखरेख करनी चाहिए।

प्रश्न 18.
जैव-विविधता को स्पष्ट करते हुए, सुन्दरवन की जैव विविधता को समझाइये।
उत्तर:
किसी प्राकृतिक प्रदेश में उपलब्ध जीव-जन्तुओं और पादपों की प्रजातियों की संख्या को जैव विविधता कहा जाता है। सुन्दरवन की स्थिति–भारत के पूर्वी भाग में गंगा नदी के द्वारा एक डेल्टाई भाग का निर्माण किया गया है। इसमें गंगा के साथ-साथ उसकी सहायक नदियों का भी योगदान है। गंगा व उसकी सहायक नदियों द्वारा अति मंद ढाल की स्थिति के कारण काँप मृदा के सागर में मिलने से पूर्व एक निक्षेपण स्वरूप दृष्टिगत होता है। इस डेल्टाई भाग का विस्तार लगभग 60,000 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। इस सागरमुखी दलदली क्षेत्र में अनेक वन मिलते हैं जिनमें सुन्दरी नामक वृक्ष प्रजातियों की बाहुल्यता मिलती है। इसी आधार पर इस डेल्टाई क्षेत्र को सुन्दरवन नाम दिया गया है।

सुन्दरवन में जैव विविधता – सुन्दरवन डेल्टाई भाग में दलदली एवं तर स्थिति के कारण अनेक जीव-जन्तुओं एवं पादप प्रजातियों का स्वरूप देखने को मिलता है। यह क्षेत्र जैवविविधता की दृष्टि से विश्व के अग्रणी क्षेत्रों में से एक है। यहाँ मैंग्रोव एवं ज्वारीय प्रकार की वनस्पति पायी जाती है। यहाँ वनस्पति एवं जीव-जन्तु मीठे व खारे पानी के मिश्रण में रह सकते है। इस क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध रॉयल बंगाल टाइगर पाये जाते हैं। इनके अतिरिक्त सभी प्रकार के मांसाहारी एवं शाकाहारी जीव-जन्तु पक्षी आदि भी सुन्दरवन में मिलते हैं।

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 23 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोतर

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 23 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
गंगा नदी का भारत में जलप्रवाह क्षेत्र कितना है?
(अ) 9.51 लाख वर्ग किमी
(ब) 8.61 लाख वर्ग किमी
(स) 7.51 लाख वर्ग किमी
(द) 6.61 लाख वर्ग किमी
उत्तर:
(ब) 8.61 लाख वर्ग किमी

प्रश्न 2.
मानव सभ्यता के पालने किसे कहा जाता है?
(अ) पर्वतों को
(ब) पठारों को
(स) नदी घाटियों को
(द) समुद्र तटों को
उत्तर:
(स) नदी घाटियों को

प्रश्न 3.
भारत की राष्ट्रीय एवं पवित्र नदी किसे माना गया है?
(अ) गंगा को
(ब) यमुना को
(स) ब्रह्मपुत्र को
(द) कावेरी को
उत्तर:
(अ) गंगा को

प्रश्न 4.
गंगा नदी का आरम्भ किन नदियों से होता है?
(अ) सतलज व व्यास से
(ब) भागीरथी व अलकनंदा से
(स) सोन व घाघरा से
(द) झेलम व चिनाब से
उत्तर:
(ब) भागीरथी व अलकनंदा से

प्रश्न 5.
राष्ट्रीय जलीय जीव किसे घोषित किया गया है?
(अ) कछुए को
(ब) डॉलफिन को
(स) एलिगेटर को
(द) शार्क को
उत्तर:
(ब) डॉलफिन को

प्रश्न 6.
गंगा, यमुना व सरस्वती नदियों का संगम होता है?
(अ) ऋषिकेश में
(ब) प्रयाग में
(स) नासिक में
(द) पटना में
उत्तर:
(ब) प्रयाग में

प्रश्न 7.
भारत में मिलने वाले मैंग्रोव वनों में किस प्रजाति के वन मुख्यतः मिलते हैं?
(अ) देवदार
(ब) सिनकोना
(स) सुन्दरी
(द) गटापार्चा
उत्तर:
(स) सुन्दरी

प्रश्न 8.
भीमगोड़ा बाँध कहाँ बनाया गया है?
(अ) प्रयाग में
(ब) पटना में
(स) ऋषिकेश में
(द) हरिद्वार में
उत्तर:
(द) हरिद्वार में

प्रश्न 9.
कॉलीफार्म का जमाव निम्न में से मुख्यतः कहाँ मिलता है?
(अ) कानपुर
(ब) हरिद्वार
(स) ऋषिकेश
(द) पटना
उत्तर:
(अ) कानपुर

सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न में स्तम्भ अ को स्तम्भ ब से सुमेलित कीजिए।

स्तम्भ अ
(राज्य का नाम)
स्तम्भ ब
(गंगा नदी जलप्रवाह क्षेत्र वर्ग किमी में)
(i) दिल्ली (अ) 143,961
(ii) हिमाचल प्रदेश (ब) 71,485
(iii) पश्चिम बंगाल (स) 1,484
(iv) उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश (द) 4,317
(v) बिहार व झारखण्ड (य) 294,364

उत्तर:
(i) स, (ii) द, (iii) ब, (iv) य, (v) अ ।

(ख)

स्तम्भ अ
(क्षेत्रों के नाम)
स्तम्भ ब
(गंगा के पारितंत्र)
(i) देव प्रयाग (अ) मैदानी क्षेत्र
(ii) खादर व बांगर क्षेत्र (ब) निचली गंगा मैदान
(iii) किशनगंज (स) मध्य गंगा मैदान
(iv) भागलपुर (द) पर्वतीय क्षेत्र

उत्तर:
(i) स, (ii) अ, (iii) द, (iv) ब।

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 23 अतिलघूत्तात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पारितंत्र क्या होता है?
उत्तर:
पारितंत्र एक विशेष जैविक एवं अजैविक पहचान का भूदृश्य होता है। यह तंत्र पृथ्वी पर जीवन के निवास की प्रमुख दशाएँ प्रस्तुत करते हैं।

प्रश्न 2.
स्थलीय पारितंत्र में किसको शामिल किया गया है?
उत्तर:
स्थलीय पारितंत्र में वन, चारागाह, रेगिस्तान, पर्वत व द्वीपों को शामिल किया जाता है।

प्रश्न 3.
जलीय पारितंत्र में किसको शामिल किया गया है?
उत्तर:
जलीय पारितंत्र में तालाब, झील, दलदल, नदी, डेल्टा व महासागरों को सम्मिलित किया जाता है।

प्रश्न 4.
जल प्रदूषण की समस्या क्यों उत्पन्न हुई है?
उत्तर:
रासायनिक खादों, उर्वरकों, बढ़ती जनसंख्या, अपशिष्ट पदार्थों के जल में मिलने, औद्योगिक इकाइयों से निकले पदार्थों व वाहित मल तथा पार्थिव देह विसर्जन से जल प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हुई है।

प्रश्न 5.
नदियों की घाटियों को मानव सभ्यता का पालना क्यों माना जाता है?
उत्तर:
मदियों की घाटियों में ही प्राचीन काल में मानव निवास करता था। मानव का विकास इन नदी घाटियों में होने के कारण इन्हें मानव सभ्यता के पालनों के रूप में जाना जाता है।

प्रश्न 6.
उत्तरी भारत का मैदान किन नदियों द्वारा निर्मित है?
उत्तर:
उत्तरी भारत का मैदान सिन्धु, सरस्वती, यमुना, गंगा, ब्रह्मपुत्र एवं इनकी सहायक नदियों द्वारा निर्मित हैं।

प्रश्न 7.
गंगा नदी के पारितंत्र को कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर:
गंगा नदी के पारितंत्र को मुख्यत चार भागों-पर्वतीय क्षेत्र पारितंत्र, मैदानी क्षेत्र पारितंत्र, मध्य गंगा मैदान व निचली गंगा मैदान पारितंत्रों के रूप में विभाजित किया गया है।

प्रश्न 8.
रामसर स्थल किसे कहते हैं?
उत्तर:
भारत में आर्द्र व तर क्षेत्रों की स्थिति देखने को मिलती है। गंगा के मैदानी क्षेत्र में शिवपुरी के आस-पास के क्षेत्र में विपुल जैव विविधता देखने को मिलती है। इस क्षेत्र को रामसर स्थल कहा गया है।

प्रश्न 9.
कानपुर में गंगा अधिक प्रदूषित क्यों मिलती है?
उत्तर:
कानपुर में चमड़ा उद्योग का सर्वाधिक विकास हुआ है। इस उद्योग के कारण गंगा कानपुर में अधिक प्रदूषित मिलती है।

प्रश्न 10.
खादर से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
खादर एक ऐसा क्षेत्र होता है, जो अपने समीपवर्ती भाग की तुलना में नीचा होने के कारण प्रतिवर्ष बाढ़ का सामना करता है। इस स्थिति के कारण यहाँ प्रतिवर्ष नवीन मृदा का जमाव होता है।

प्रश्न 11.
बांगर से क्या आशय है?
उत्तर:
बांगर एक ऐसा क्षेत्र होता है, जो प्रायः ऊँचा होने के कारण प्रतिवर्ष बाढ़ की स्थिति को नहीं दर्शाता। इस क्षेत्र में पुरातन जलोढ़ के जमाव मिलते हैं।

प्रश्न 12.
दोआब किसे कहते हैं?
उत्तर:
दो प्रवाहित नदियों के बीच फैले हुए क्षेत्र को दोआब कहा जाता है।

प्रश्न 13.
मध्य गंगा का मैदान कहाँ फैला हुआ है?
उत्तर:
मध्य गंगा के मैदान का विस्तार पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्य के अन्दर मिलता है।

प्रश्न 14.
ताजे पानी का टाइगर किसे कहा गया है?
उत्तर:
वर्ष 2010 में राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित डॉलफिन को ताजे पानी का टाइगर कहा जाता है।

प्रश्न 15.
महाकुम्भ मेला कहाँ व कब लगता है?
उत्तर:
प्रयाग (इलाहाबाद) में गंगा, यमुना एवं सरस्वती नदियों के संगम पर प्रत्येक 12 साल के अन्तराल पर महाकुम्भ मेला आयोजित होता है।

प्रश्न 16.
निचला गंगा मैदान कहाँ फैला हुआ है?
उत्तर:
निचला गंगा मैदान किशनगंज (पूर्णिया-बिहार) से सम्पूर्ण पश्चिम बंगाल (ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों को छोड़कर) एवं बांग्लादेश में फैला हुआ है।

प्रश्न 17.
सुन्दरवन क्षेत्र की मुख्य विशेषता क्या है?
उत्तर:
इस पारितंत्र की प्रमुख विशेषता यह है कि यहाँ वनस्पति एवं जीव-जन्तु मीठे व खारे पानी के मिश्रण में रह सकते हैं। इस डेल्टाई क्षेत्र का निरन्तर सागर की ओर विस्तार हो रहा है।

प्रश्न 18.
फरक्का बैराज क्यों बनाया गया है?
उत्तर:
फरक्का बैराज मुख्यत: सिंचाई, मत्स्यपालन, हुगली में जल (ग्रीष्म ऋतु में) तथा कोलकाता बन्दरगाह को गाद (सिल्ट) से बचाने के लिए बनाया गया है।

प्रश्न 19.
टिहरी बाँध की भौतिक दशाएँ बताइए।
उत्तर:
टिइरी बाँध भागीरथी नदी पर बनाया गया है। इस बाँध की ऊँचाई 261 मीटर है। इससे 2400 मेगावाट विद्युत उत्पादन एवं 2,70,000 हैक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई करने के साथ-साथ प्रतिदिन 102.20 करोड़ लीटर पेयजल दिल्ली, उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड को उपलब्ध कराया जाता है।

प्रश्न 20.
गंगा नदी के जल में विलीन ऑक्सीजन (D0) की मात्रा कहाँ अधिक मिलती है?
उत्तर:
गंगा नदी के जल में विलीन ऑक्सीजन (DO) की सर्वाधिक मात्रा हरिद्वार, इलाहाबाद, वाराणसी व पटना में मिली है।

प्रश्न 21.
गंगा नदी के जल में कॉलीफार्म सर्वाधिक कहाँ मिलता है?
उत्तर:
गंगा नदी के जल में सर्वाधिक कॉलीफार्म कन्नौज, कानपुर, इलाहाबाद एवं वाराणसी में मिलता है।

प्रश्न 22.
गंगा एक्शन प्लान के सकारात्मक प्रभाव सामने क्यों नहीं आये हैं?
उत्तर:
भारत में राजनीतिक एवं प्रशासनिक इच्छाशक्ति एवं दूरदर्शिता की कमी मिलने तथा देश में व्याप्त भ्रष्टाचार की स्थिति के कारण गंगा एक्शन प्लान के सकारात्मक प्रभाव सामने नहीं आ पाये हैं।

प्रश्न 23.
गंगा नदी संरक्षण से क्या लाभ होगा?
उत्तर:
गंगा नदी के संरक्षण से नदी ही नहीं अपितु मानव, वनस्पति, जीव-जन्तुओं, पर्यावरण और सर्वोच्च पारितंत्र को सुचारु रूप से चलाने में मदद प्राप्त होगी।

प्रश्न 24.
वनोन्मूलन ने किन समस्याओं को जन्म दिया है?
उत्तर:
वनोन्मूलन की प्रक्रिया के कारणं मृदा अपरदन, भूस्खलन, बाढ़, वर्षा की कमी व मरुस्थलीकरण की प्रक्रियाओं को बढ़ावा मिला है।

प्रश्न 25.
गंगा को हम कब संरक्षित रख सकते हैं?
उत्तर:
गंगा नदी को जब हम सरकार की जिम्मेदारी न समझकर अपनी और समाज की जिम्मेदारी मानने लगेंगे तथा हम गंगा को वास्तव में माँ के समान मानने लगेंगे तब ही वास्तविक अर्थों में इसे संरक्षित रखा जा सकता है।

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 23 लघूत्तरात्मक प्रश्न Type I

प्रश्न 1.
पारितंत्र से क्या आशय होता है? इसके स्वरूप को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पारितंत्र या पारिस्थितिकीय तंत्र एक विशेष जैविक एवं अजैविक पहचान का भूदृश्य होता है। पारितंत्र स्थलीय एवं जलीय हो सकता है। इन पारितंत्रों के द्वारा पृथ्वी पर जीवन के निवास की प्रमुख दशाएँ प्रस्तुत की जाती हैं। प्रत्येक पारितंत्र के जैविक एवं अजैविक घटकों में गहरा पारस्परिक सम्बन्ध होता है। स्थलीय पारितंत्र में वन, चारागाह, रेगिस्तान, पर्वत, द्वीप आदि को तथा जलीय पारितंत्र में तालाब, झील, दलदल, नदी, डेल्टा व महासागरों को शामिल किया जाता है। प्रत्येक पारितंत्र में कुछ बुनियादी तत्त्वों; जैसेपारितंत्र की प्रकृति संरचना, कार्य प्रणाली, उपयोग, पारितंत्र का ह्रास व बचाव कार्य एवं संरक्षण को प्रमुखता दी जाती है।

प्रश्न 2.
गंगा नदी के जल प्रवाह क्षेत्र का राज्यवार वितरण स्पष्ट कीजिए।
अथवा
गंगा नदी के जल प्रवाह क्षेत्र को तालिका से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
गंगा नदी के जल प्रवाह क्षेत्र को राज्यवार वितरण निम्नानुसार है।
RBSE Solutions for Class 11 Physical Geography Chapter 23 गंगा नदी के पारिस्थितिकीय तंत्र का अध्ययन 1

प्रश्न 3.
जलीय पारितंत्र को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
नदियों के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जलीय पारितंत्र को स्थिर एवं प्रवाहमान तथा खारे एवं ताजे या मीठे एवं प्रवाहमान जल की श्रेणी में रखा जाता है। इसमें कई प्रकार की वनस्पति एवं जीव-जन्तु पाये जाते हैं। विश्व की सभी सभ्यताओं का जन्म बहती ताजे पानी की नदी घाटियों में हुआ है। ये मानव सभ्यता के पालने माने जाते हैं। इसलिए सभी सभ्यताओं में स्वच्छ पानी की नदियों को माँ का द्योतक माना गया है। भारत में सदियों से नदी घाटियों पर मानव निवास कर रहा है। विश्व की प्राचीनतम मानव सभ्यता भारत वर्ष की सिन्धु, सरस्वती, एवं सम्बन्धित नदियों की घाटियों में जन्मी है। भारत में उत्तर का विशाल मैदान इन नदियों (सिन्धु, सरस्वती, यमुना, गंगा व बह्मपुत्र व उसकी सहायक नदियों) से ही बना है। विश्व की विशाल जनसंख्या भी इन नदी निर्मित मैदानी भागों में ही मिलती है।

प्रश्न 4.
महाकुम्भ मेले के स्वरूप को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्रयाग (इलाहाबाद) में गंगा, यमुना एवं सरस्वती नदियों के संगम परं प्रत्येक 12 साल के अन्तराल पर महाकुम्भ का मेला लगता है, जिसमें देश-विदेश से लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं। यह पृथ्वी पर श्रद्धा और विश्वास से ओतप्रोत मानव समुदाय को सबसे बड़ा पड़ाव होता है। इस मेले का आध्यात्मिक एवं धार्मिक महत्व हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसे स्थान पर ‘सागर मंथन’ से प्राप्त ‘अमृत की बूंदे, गिरी थीं।’ यह मेला विशेष खगोलीय स्थिति में आयोजित किया जाता है। पूर्ण कुम्भ 144 सालों में होता है। मान्यतानुसार इस महाकुम्भ मेले में स्नान से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। 2013-14 में संयुक्त राज्य अमेरिका के हावर्ड विश्वविद्यालय ने महाकुम्भ पर्व को अपने पाठ्यक्रमों में अध्ययन एवं शोध के लिए सम्मिलित किया है। इस मेले की व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित बताकर इसकी प्रशंसा की गई है। अगला महाकुम्भ 2025 में आयोजित होगा।

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 23 लघूत्तरात्मक प्रश्न Type II

प्रश्न 1.
गंगा नदी पारितंत्र के पर्वतीय क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
गंगा नदी के पर्वतीय क्षेत्र पारितंत्र का स्वरूप उत्तर भारतीय राज्य उतराखण्ड में मुख्य रूप से मिलता है। साथ ही उत्तर प्रदेश में भी यह क्षेत्र फैला हुआ मिलता है। गंगा भारत की राष्ट्रीय एवं सबसे पवित्र नदी हैं। गंगा नदी का आरम्भ भागीरथी एवं अलकनन्दा के रूप में होता है। इस नदी में उद्गम स्थल की औसत ऊँचाई समुद्र तट से 3140 मीटर है। गंगा नदी की प्रधान शाखा भागीरथी है जो कुमायूँ हिमालय के गोमुख स्थान से गंगोत्री हिमनद से निकलती है। इसका अवतरण एक छोटे से गुफानुमा मुख से होता है। नदी जिसका जल स्रोत 5000 मीटर ऊँचाई पर स्थित एक बेसिन है। गंगा नदी के आकार लेने में अनेक छोटी-बड़ी सहायक नदियों का महत्वपूर्ण स्थान है। देव प्रयाग में संगम कर सम्मिलित जल धाराएँ गंगा नदी के रूप में बनती है। गंगा नदी लगभग 200 किमी का संकीर्ण पहाड़ी रास्ता तय करने के पश्चात् ऋषिकेश होते हुए प्रथम बार हरिद्वार के मैदान में प्रवेश करती है। इससे पूर्व यह नदी अनेक मोड़ों से होती हुई गहरी घाटियों का निर्माण करती है। दोनों किनारों पर बड़ी-बड़ी चट्टानें, गोलाश्म, कंकड़-पत्थर और रेत भारी मात्रा में जमे होते हैं। दोनों तरफ के ढाल बहुत तीव्र होते हैं।

प्रश्न 2.
निचला गंगा का मैदान किन दशाओं से युक्त है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
गंगा का यह भाग किशनगंज (पूर्णिया-बिहार) से सम्पूर्ण पश्चिम बंगाल (ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों को छोड़कर) एवं बांग्लादेश के अन्दर फैला है। इस क्षेत्र में गंगा और उसकी सहायक नदियाँ असंख्य छोटी-छोटी धाराओं में विभाजित हो जाती हैं। अति मंद ढाल व काँप मिट्टी की उपस्थिति के कारण डेल्टाई प्रदेश एक अतुलनीय दृश्य प्रस्तुत करता है। इस डेल्टाई भाग का कुल क्षेत्रफल 60,000 वर्ग किमी हैं जिसके सागरमुखी दलदली क्षेत्र में पाये जाने वाले वन सुन्दरवन कहलाते हैं। यह भारत एवं बांग्लादेश दोनों देश में संरक्षित भाग है। यहाँ मैंग्रोव एवं ज्वारीय प्रकार की वनस्पति पायी जाती है। यहाँ के पारितंत्र की प्रमुख विशेषता यह है कि यहाँ वनस्पति एवं जीव-जन्तु मीठे व खारे पानी के मिश्रण में रह सकते हैं। विश्व के सबसे बड़े इस डेल्टाई भाग को विस्तार निरन्तर सागर की तरफ हो रहा है। इन वनों में विश्व प्रसिद्ध रॉयल बंगाल टाइगर पाये जाते हैं। इनके अतिरिक्त सभी प्रकार के मांसाहारी व शाकाहारी जीव-जन्तु, पक्षी आदि भी सुन्दरवन में मिलते हैं। गंगा का यह क्षेत्र चावल उत्पादन व विश्व में जूट का सर्वाधिक उत्पादन करता है। इस क्षेत्र में गर्म व आर्द्र मानसूनी जलवायु पायी जाती हैं।

प्रश्न 3.
गंगा नदी पर निर्मित बाँध व बैराजों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
गंगा नदी पर बने अनेक बाँध और बैराज भारतीय जनजीवन एवं अर्थव्यवस्था के महत्त्वपूर्ण अंग हैं। इनमें सबसे प्रमुख ‘फरक्का बैराज (2,240 मीटर लम्बाई, 21 अप्रैल 1975 को शुभारंभ) भारत-बांग्लादेश सीमा पर बना है। इससे सिंचाई, मत्स्यपालन, हुगली में जल (ग्रीष्म ऋतु में) तथा कोलकाता बन्दरगाह को गाद (सिल्ट) से बचाने के लिए बनाया गया था। इसी प्रकार भागीरथी नदी पर ‘टिहरी बाँध’ बहुपरियोजनाओं की आपूर्ति के लिए तैयार किया गया है। इसकी ऊँचाई 261 मीटर है। इससे 2400 मेगावाट विद्युत, 2,70,000 हैक्टर क्षेत्र की सिंचाई और प्रतिदिन 102.20 करोड़ लीटर पेयजल दिल्ली उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड को उपलब्ध कराया जा रहा है। तीसरा बड़ा बाँध हरिद्वार में स्थित ‘भीमगोड़ा बाँध’ है। जिसे अंग्रेजों ने 1940 में बनवाया था। इस बाँध का जल सिंचाई, मत्स्य पालन, पेयजत में उपयोग किया जाता है। इनके अतिरिक्त शारदा, कोसी एवं गण्डक नदियों पर नेपाल सीमा के निकट बैराज बनाये गये हैं। यह विद्युत उत्पादन, सिंचाई व पेयजल के काम आते हैं। इन बाँधों से बहुत फायदे हुए हैं लेकिन इस क्षेत्र में गाद (सिल्ट) जमाव की बहुत बड़ी समस्या है जिससे ‘फरक्का बैराज’ सबसे अधिक प्रभावित है।

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 23 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
गंगा नदी पारितंत्र का विस्तृत वर्णन कीजिए।
अथवा
गंगा नदी का पारितंत्र विभिन्न भागों में बाँटा हुआ है, कैसे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
गंगा नदी भारत की एक विशाल अपवाह क्षेत्र वाली नदी है। इस नदी के सम्पूर्ण पारितंत्र को मुख्यत: निम्न भागों में बाँटा गया है-

  1. पर्वतीय क्षेत्र,
  2. मैदानी क्षेत्र,
  3. मध्य गंगा मैदान,
  4. निचला गंगा मैदान।

(i) पर्वतीय क्षेत्र – गंगा भारत की राष्ट्रीय एवं सबसे पवित्र नदी मानी जाती है। इस नदी पर सदियों से आर्य भारतवासी निवास करते रहे हैं। गंगा नदी ने राम, कृष्ण, गौतम, महावीर, नानक आदि अवतारों को अपने आँचल में पाला है। इसलिए यह पवित्र नदी पाप मुक्त कर स्वर्ग का मार्ग प्रशस्त करती है। गंगा नदी का आरम्भ भागीरथी एवं अलकनन्दा के रूप में होता है। इस नदी के उद्गम स्थल की समुद्र तट से औसत ऊँचाई 3140 मीटर है। गंगा नदी की प्रधान शाखा भागीरथी है जो कुमायूँ हिमालय के गोमुख स्थान से गंगोत्री हिमनद से निकलती है। इसका अवतरण एक छोटे से गुफानुमा मुख से होता है। जिसका जल स्रोत 5000 मीटर ऊँचाई पर स्थित एक बेसिन है। गंगा नदी के आकार लेने में अनेक छोटी-बड़ी सहायक नदियों (धाराओं) का महत्वपूर्ण स्थान है। देव प्रयाग में संगम कर सम्मिलित जल धाराएँ गंगा नदी के रूप में बनती हैं। लगभग 200 किमी का संकीर्ण पहाड़ी रास्ता (शिवालिक हिमालय) तय करते हुए गंगा नदी ऋषिकेश होते हुए प्रथम बार हरिद्वार में मैदान को स्पर्श करती है। इस यात्रा में नदी तीव्र मोड़ों से होती हुई, गहरी घाटियों का निर्माण करती है। कई स्थानों पर 600 मीटर से अधिक गहरी घाटियाँ पायी जाती हैं। दोनों किनारों पर बड़ी-बड़ी चट्टानें, गोलाश्म, कंकड़-पत्थर और रेत भारी मात्रा में जमे । होते हैं। दोनों तरफ के ढाल बहुत तीव्र होते हैं।

(i) मैदानी क्षेत्र – इस क्षेत्र में जैव विविधता तथा सांस्कृतिक-आध्यात्मिक पहलू बहुत महत्व रखते हैं। इस क्षेत्र में महाशीर’ प्रजाति की मछलियाँ पायी जाती हैं तथा शिवपुरी के आस-पास का क्षेत्र विपुल जैव विविधता रखता है। गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र में रेत के टीले, बाढ़ का मैदान एवं गौखुर झीलों का निर्माण होता है। इन क्षेत्रों में डॉलफिन (सँस), घड़ियाल एवं कछुए पाये जाते हैं। यह ‘रामसर’ स्थल कहलाता है। फर्रुखाबाद पहुँचने पर गंगा नदी में मलबा बढ़ता जाता है। बाढ़ के मैदानों को स्वरूप बहुत चौड़ा हो जाता है। इन क्षेत्रों में कृषि, मत्स्य व्यवसाय, पशु पालन एवं मानव जनसंख्या तथा अधिवासों की संख्या बढ़ जाती है। नदी घाटों पर स्नान एवं अन्तिम संस्कार रूपी धार्मिक कर्मकाण्ड बढ़ जाते हैं। इससे नदी में प्रदूषण बढ़ने लगता है। विभिन्न प्रजातियों के पक्षी, कीट-पतंगों, रेंगने वाले जीवों की संख्या अधिक पायी जाती है।

(iii) मध्य गंगा मैदान – मध्य गंगा मैदान में पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्य के क्षेत्र आते हैं। ये जनसंख्या की दृष्टि से घने बसे क्षेत्र हैं। यहाँ के निवासियों के प्रमुख व्यवसाय कृषि, पशुपालन, मत्स्य व्यवसाय तथा इन पर आधारित कुटीर उद्योग हैं। इस क्षेत्र में घाघरा, गण्डक, कोसी एवं सोन आदि प्रमुख सहायक नदियाँ हैं। यहाँ गंगा की गति मन्द हो जाती है तथा रेत, मिट्टी, कचरा, मलमूत्र, रसायन आदि मिलने से प्रदूषण बहुत बढ़ जाता है। इन क्षेत्रों में आदि स्थलरूपों का निर्माण होता है। प्रदूषण अधिक हो जाने से नदी का जल नहाने एवं पीने योग्य भी नहीं रहता। कोसी नदी में बाढ़ आने से जनधन का बहुत नुकसान होता है। शार्क, डॉलफिन, कछुए, मगरमच्छ, ऐलिगेटर (घड़ियाल), मछलियाँ आदि नदी के प्रमुख जीव हैं। बिहार का ‘विक्रम शिला डॉलफिन अभ्यारण्य’ भाागलपुर जिले में 50 किमी के क्षेत्र में स्थापित किया गया है। इसी क्रम में ‘डॉलफिन’ (सँस) को ‘राष्ट्रीय ज़लीय जीव भी 5 मई, 2010 में घोषित किया गया। ‘डॉलफिन’ को ‘ताजे पानी का टाइगर’ ‘ भी कहा जाता है। इस क्षेत्र में भी घने वन पाये जाते हैं। इनमें वन्य जीवों की भरमार है।

(iv) निचला गंगा मैदान – किशनगंज (पूर्णिया-बिहार) से सम्पूर्ण पश्चिम बंगाल (ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों को छोड़कर) एवं बांग्लादेश इसके अन्तर्गत आते हैं। इस क्षेत्र में गंगा और उसकी सहायक नदियाँ असंख्य छोटी-छोटी धाराओं में विभाजित हो जाती है। अति मन्द ढाल और काँप मिट्टी की उपस्थिति के कारण डेल्टाई प्रदेश एक अतुलनीय दृश्य प्रस्तुत करता है। इस डेल्टाई भाग का कुल क्षेत्रफल 60,000 वर्ग किमी है। जिसके सागरमुखी दलदली क्षेत्र में पाये जाने वाले वन ‘सुन्दरवन’ कहलाते हैं। यह भारत एवं बांग्लादेश दोनों देशों में संरक्षित भाग है यह क्षेत्र जैवविविधता की दृष्टि से विश्व के अग्रणी क्षेत्रों में एक है। यहाँ ‘मैंग्रोव’ एवं ‘ज्वारीय प्रकार की वनस्पति पायी जाती है। यहाँ बड़ी संख्या में ‘सुन्दरी पेड़ की प्रजाति पाये जाने के कारण ही, इसी वन का नाम ‘सुन्दरवन’ रखा गया है। यहाँ के पारितंत्र की एक प्रमुख विशेषता यह है कि यहाँ वनस्पति एवं जीव-जन्तु मीठे व खारे पानी के मिश्रण में रह सकते हैं। इस विश्व के सबसे बड़े डेल्टाई प्रदेश का निरन्तर सागर की तरफ विस्तार हो रहा है। इन वनों में विश्व प्रसिद्ध ‘रॉयल बंगाल टाइगर पाये जाते हैं। इनके अतिरिक्त सभी प्रकार के मांसाहारी एवं शाकाहारी जीव-जन्तु, पक्षी आदि सुन्दरवन में पाये जाते हैं।
RBSE Solutions for Class 11 Physical Geography Chapter 23 गंगा नदी के पारिस्थितिकीय तंत्र का अध्ययन 2

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