• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • RBSE Model Papers
    • RBSE Class 12th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 10th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 8th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 5th Board Model Papers 2022
  • RBSE Books
  • RBSE Solutions for Class 10
    • RBSE Solutions for Class 10 Maths
    • RBSE Solutions for Class 10 Science
    • RBSE Solutions for Class 10 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 10 English First Flight & Footprints without Feet
    • RBSE Solutions for Class 10 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 10 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 10 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 10 Physical Education
  • RBSE Solutions for Class 9
    • RBSE Solutions for Class 9 Maths
    • RBSE Solutions for Class 9 Science
    • RBSE Solutions for Class 9 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 9 English
    • RBSE Solutions for Class 9 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 9 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 9 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 9 Physical Education
    • RBSE Solutions for Class 9 Information Technology
  • RBSE Solutions for Class 8
    • RBSE Solutions for Class 8 Maths
    • RBSE Solutions for Class 8 Science
    • RBSE Solutions for Class 8 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 8 English
    • RBSE Solutions for Class 8 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 8 Sanskrit
    • RBSE Solutions

RBSE Solutions

Rajasthan Board Textbook Solutions for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

  • RBSE Solutions for Class 7
    • RBSE Solutions for Class 7 Maths
    • RBSE Solutions for Class 7 Science
    • RBSE Solutions for Class 7 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 7 English
    • RBSE Solutions for Class 7 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 6
    • RBSE Solutions for Class 6 Maths
    • RBSE Solutions for Class 6 Science
    • RBSE Solutions for Class 6 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 6 English
    • RBSE Solutions for Class 6 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 5
    • RBSE Solutions for Class 5 Maths
    • RBSE Solutions for Class 5 Environmental Studies
    • RBSE Solutions for Class 5 English
    • RBSE Solutions for Class 5 Hindi
  • RBSE Solutions Class 12
    • RBSE Solutions for Class 12 Maths
    • RBSE Solutions for Class 12 Physics
    • RBSE Solutions for Class 12 Chemistry
    • RBSE Solutions for Class 12 Biology
    • RBSE Solutions for Class 12 English
    • RBSE Solutions for Class 12 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit
  • RBSE Class 11

RBSE Solutions for Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

July 24, 2019 by Prasanna Leave a Comment

Rajasthan Board RBSE Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

RBSE Class 11 Political Science Chapter 20 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

RBSE Class 11 Political Science Chapter 20 अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
प्लासी का युद्ध सन् …….में हुआ।
उत्तर:
1957।

प्रश्न 2.
महात्मा गाँधी ने 1930 में कौन-सा आन्दोलन चलाया?
उत्तर:
सविनय अवज्ञा आन्दोलन

प्रश्न 3.
चर्चिल ने 1942 में क्रिप्स मिशन के भारत क्यों भेजा?
उत्तर:
भारत की तात्कालिक परिस्थितियों में संवैधानिक गतिरोध को दूर करने के लिए।

प्रश्न 4.
क्लीमेण्ट एटली ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री कब बने?
उत्तर:
26 जुलाई, 1945 को।

प्रश्न 5.
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम के कुल कितनी धाराएँ थीं?
उत्तर:
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम में कुल 20 धाराएँ थीं।

RBSE Solutions for Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

RBSE Class 11 Political Science Chapter 20 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पूर्वी पाकिस्तान में कौन – कौन – सी रियासतें मिलाई गईं?
उत्तर:
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 के अनुसार 15 अगस्त, 1947 को भारत का विभाजन कर भारत और पाकिस्तान नामक दो स्वतन्त्र और सम्प्रभु राष्ट्रों का गठन किया गया। इन दोनों देशों की सीमाओं का निर्धारण सीमा आयोग के अध्यक्ष रेडक्लिफ के निर्देशन में हुआ। इसके तहत् पूर्वी पाकिस्तान में पूर्वी बंगाल तथा सिलहट रियासतें मिलाई गईं।

प्रश्न 2.
ब्रिटिश प्रधानमन्त्री की 1947 की घोषणा लिखिए।
उत्तर:
ब्रिटिश प्रधानमन्त्री क्लीमेंट एटली ने 20 फरवरी, 1947 को ब्रिटेन की संसद के सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में यह घोषणा की थी कि अंग्रेज 30 जून, 1948 तक भारत की उत्तरदायी सरकार को सत्ता हस्तान्तरित कर देंगे। यदि इससे पूर्व भी भारत के राजनीतिक दलों में कोई समझौता हो जाता है तो इससे पूर्व भी सत्ता सौंपी जा सकती है।

प्रश्न 3.
क्रिप्स मिशन ने क्या प्रस्ताव रखे?
उत्तर:
क्रिप्स मिशन के प्रस्तावे-द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मित्र राष्ट्रों ने ब्रिटिश प्रधानमन्त्री चर्चिल पर दबाव डाला कि वह भारतीयों के युद्ध में सहयोग प्राप्त करने के लिए बातचीत करे। चर्चिल ने भारत के राजनैतिक और वैधानिक गतिरोध को दूर करने के लिए ब्रिटिश समाजवादी नेता सर स्टेफर्ड क्रिप्स के नेतृत्व में एक मिशन भारत भेजा। यह मिशन 22 मार्च, 1942 को भारत पहुँचा। क्रिप्स ने संवैधानिक गतिरोध दूर करने के लिए जो योजना दी, उसे क्रिप्स प्रस्ताव कहा जाता है। क्रिप्स प्रस्ताव के दो भाग थे:

  •  युद्ध के समय।
  • युद्ध के पश्चात्।

इसमें युद्ध के समय के प्रस्ताव में युद्ध की समाप्ति तक प्रतिरक्षा का दायित्व ब्रिटिश सरकार पर होने का प्रावधान था।
युद्ध के पश्चात् के प्रस्ताव में भारत को औपनिवेशिक स्वराज्य प्रदान करना तथा नए संविधान के निर्माण हेतु संविधान निर्मात्री सभी के गठन की बात थी। देशी रियासतों को भी भारतीय संघ से अलग होने एवं पृथक् संविधान बनाने का अधिकार होगी। क्रिप्स प्रस्तावों के अत्यन्त असन्तोषजनक होने के कारण राजनीतिक दलों ने इसे अस्वीकार कर दिया। 11 अप्रैल, 1942 को क्रिप्स प्रस्ताव वापस ले लिए गए।

RBSE Solutions for Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

प्रश्न 4.
1947 के अधिनियम में देशी रियासतों के लिए क्या विकास रखे गये?
उत्तर:
ब्रिटिश संसद में 4 जुलाई, 1947 को भारतीय स्वतन्त्रता विधेयक प्रस्तावित किया गया। जिसे 18 जुलाई, 1947 को पारित कर दिया गया। इस अधिनियम में कुल 20 धाराएँ थीं। भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 में कहा गया कि दोनों अधिराज्यों, यथा- भारत और पाकिस्तान के निर्माण के पश्चात् देशी रियासतों पर ब्रिटिश सम्राट की सर्वोच्चता का अन्त हो जाएगा और ब्रिटिश सरकार की देशी रियासतों के साथ जो सन्धियाँ व समझौते थे, वे भी समाप्त हो जायेंगे। यह रियासतें भारत अथवा पाकिस्तान किसी भी अधिराज्य में मिलने या स्वतन्त्र रहने के लिए मुक्त रहेंगी।

प्रश्न 5.
द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् भारत की स्थिति में क्या परिवर्तन हुए?
उत्तर:
द्वितीय विश्वयुद्ध में जनता की इच्छा के विरुद्ध भारत को सम्मिलित कर लिया गया। ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों का सहयोग राप्त करने की दृष्टि से एवं पाकिस्तान की माँग के कारण उत्पन्न गतिरोध को दूर करने के लिए कई प्रयास किए। सन् 1945 ई. में ब्रिटेन में लेबर पार्टी की सरकार बनी। जिसको भारत के प्रति सकारात्मक रुख था।

प्रधानमन्त्री एटली ने भारत की समस्या के हल के लिए अपने मन्त्रिमण्डल के तीन सदस्य – पैथिक लारेंस, सर स्टेफर्ड क्रिप्स व ए. वी. एलेक्जेण्डर को विभिन्न प्रस्तावों सहित भारत भेजा। इसमें भारत में संघ राज्य की स्थापना करना, संविधान निर्माण हेतु संविधान सभा गठित करना तथा अन्तरिम सरकार भी स्थापना का प्रस्ताव था।

इन प्रस्तावों को काँग्रेस ने स्वीकार कर लिया तथा इसमें पाकिस्तान निर्माण की माँग को अस्वीकार कर दिए जाने के कारण इसका मुस्लिम लीग ने विरोध किया। मुस्लिम लीग ने प्रत्यक्ष कार्यवाही की नीति अपनाई, परिणामस्वरूप देश में साम्प्रदायिक दंगे प्रारम्भ हो गए। ब्रिटिश प्रधानमन्त्री एटली ने 20 फरवरी, 1947 को घोषणा की थी कि ब्रिटिश सरकार जून 1948 तक भारत की उत्तरदायी सरकार को सत्ता सौंप देगी।

इस अवधि के पूर्ण होने से पूर्व भी भारतीयों को सत्ता सौंपी जा सकती है। गवर्नर जनरल लॉर्ड माउण्टबेटन ने काँग्रेस और मुस्लिम लीग में समझौता कराया। भारत को दो अधिराज्यों में विभाजित करने की माउण्टबेटन योजना की स्वीकृति के पश्चात् ब्रिटिश सरकार ने 15 अगस्त, 1947 को भारत व पाकिस्तान को सत्ता हस्तान्तरित कर दी।

RBSE Class 11 Political Science Chapter 20 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कैबिनेट मिशन द्वारा प्रस्तुत योजना का वर्णन कीजिए।
उत्तर
कैबिनेट मिशन से आशय 26 जुलाई, 1945 को क्लीमेंट एटली ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री बने। यह लेबर पार्टी के नेता थे। यह पार्टी भारत के प्रति सकारात्मक रुख रखती थी। फरवरी 1946 में ब्रिटिश प्रधानमन्त्री एटली ने भारत में एक तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय संसदीय दल भेजने का निर्णय लिया। इस संसदीय दल में ब्रिटिश केबिनेट के तीन सदस्य लॉर्ड पैथिक लारेंस ( भारत सचिव) सर स्टेफर्ड क्रिप्स (व्यापार बोर्ड के अध्यक्ष) तथा ए. बी. एलेक्जेन्डर (एडमिरैलिटी के प्रथम लॉर्ड या नौसेना मन्त्री) शामिल थे।

ब्रिटिश केबिनेट के सदस्यों वाले इस आयोग को केबिनेट मिशन कहा गया। इस मिशन का कार्य भारत को शान्तिपूर्ण ढंग से सत्ता का हस्तान्तरण करने के उपाय तलाशना एवं संविधान तैयार करने की कार्य प्रणाली तय करना था। कैबिनेट मिशने 24 मार्च, 1946 भारत आया था और इसने 16 मई, 1946 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। कैबिनेट मिशन द्वारा प्रस्तुत योजना/सिफारिशें – कैबिनेट मिशन द्वारा प्रस्तुत योजना/सिफारिशें निम्नलिखित हैं –

(1) भारत में संघराज्य की स्थापना करना:
इसके अन्तर्गत निम्नलिखित सुझाव सम्मिलित थे –

  • एक भारतीय संघ स्थापित हुआ, जिसमें देशी राज्य व ब्रिटिश भारत के प्रान्त सम्मिलित होंगे। यह संघ वैदेशिक, रक्षा एवं यातायात विभागों की व्यवस्था करेगा।
  • संघीय विषयों के अतिरिक्त शेष विषय एवं अवशिष्ट शक्तियाँ प्रान्तों के पास ही रहेंगी।
  • हर प्रान्त को पृथक – पृथक् कार्यपालिका व विधायिका के साथ समूह बनाने का अधिकार होगा। प्रत्येक समूह को अपने प्रान्तीय विषयों पर निर्णय लेने का अधिकार होगा।
  •  केन्द्रीय व्यवस्थापिका में साम्प्रदायिक प्रश्नों पर निर्णय दोनों समुदायों के उपस्थित एवं मत देने वाले सदस्यों के सामान्य बहुमत के आधार पर किया जायेगा।
  • कोई भी प्रान्त संविधान लागू होने के दस वर्षों बाद अपनी विधान सभा में बहुमत के निर्णय द्वारा संविधान पर पुनर्विचार करा सकेगा।

(2) भारत के संविधान निर्माण के लिये संविधान सभा का गठन का प्रस्ताव:
भारत के संविधान निर्माण के लिए संविधान सभा के गठन हेतु निम्नलिखित सुझाव प्रस्तुत किए गए –

  • प्रान्तीय विधान मण्डलों का तीन समूहों में विभाजन किया गया जो इस प्रकार है –
    1. समूह क में बम्बई, मद्रास, मध्य प्रान्त, संयुक्त प्रान्त एवं उड़ीसा नामक बहुसंख्यक प्रान्त शामिल थे।
    2. समूह ख में पंजाब, उत्तर – पश्चिमी सीमान्त प्रान्त एवं सिन्ध के मुस्लिम बहुल प्रान्त थे।
    3. समूह ग में बंगाल व असम के मुस्लिम बहुसंख्यक प्रान्त थे।
  • भारत का संविधान बनाने हेतु अप्रत्यक्ष निर्वाचन के आधार पर एक संविधान सभा की स्थापना की जाये, उस प्रस्तावित संविधान सभा में 389 सदस्य होंगे, जिनमें 292 सदस्य ब्रिटिश भारतीय प्रान्तों से, चार मुख्य आयुक्तों के राज्यों से तथा 93 देशी रियासतों से चुने जाने थे।
  •  संविधान सभा का निर्वाचन प्रान्त की विधान सभाओं के सदस्य तथा प्रान्त की जनसंख्या के अनुपात के आधार पर अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली द्वारा किया जायेगा। सामान्यतया दस लाख की आबादी पर एक प्रतिनिधि होगा। देशी रियासतें संविधान सभा में अपने प्रतिनिधियों को मनोनीत करेंगी।
  • समूह क, ख, वे ग के प्रान्त पहले अपने प्रान्तों का संविधान बनायेंगे। यदि सम्भव हुआ तो अपने समूहों के लिए भी संविधान का निर्माण करेंगे। इसके बाद तीनों समूह एक साथ बैठकर संघीय संविधान का निर्माण करेंगे।

(3) नए संविधान के अन्तर्गत एक नई सरकार के गठन होने तक अन्तरिम सरकार की स्थापना करना:
संविधान का निर्माण होकर नवीन सरकार के गठन तक के लिए अंतरिम सरकार की स्थापना की जायेगी। इस सरकार में 14 सदस्य होंगे, जिनमें 6 काँग्रेस के, 5 मुस्लिम लीग के 1 भारतीय ईसाई 1 सिख और 1 पारसी होंगे।

RBSE Solutions for Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

(4) पाकिस्तान निर्माण की माँग अस्वीकृत:
कैबिनेट मिशन के इस सुझाव में निम्नलिखित बातें सम्मिलित थीं –

  • पाकिस्तान के गठन की माँग अस्वीकार कर दी गई क्योंकि इससे साम्प्रदायिक अल्पसंख्यकों की समस्या का समाधान नहीं हो सकता था। बड़ी संख्या में गैर-मुस्लिम जनसंख्या भी पाकिस्तान में ही रह जाती तथा मुसलमानों की बड़ी आबादी भारत में ही रह जाती।
  • 2000 किमी. से अधिक दूर थे।
  • सिख भी पृथक राज्य की माँग कर सकते थे। सशस्त्र सेनाओं का विभाजन भी अत्यन्त खतरनाक हो सकता था।
  • केबिनेट मिशन में समूह व्यवस्था व प्रान्तों का विभाजन मुस्लिम लीग को सन्तुष्ट करने के लिए ही किया गया था, ताकि मुस्लिम बहुल प्रान्तों में मुस्लिम पूर्ण स्वायत्तता का उपयोग कर सकें व लीग को पाकिस्तान का साथ प्राप्त हो सके।
  • मुस्लिम लीग व काँग्रेस ने समूह व्यवस्था की अलग-अलग व्याख्यायें कीं। काँग्रेस के अनुसार समूह बनाना वैकल्पिक था जबकि लीग के अनुसार समूहीकरण अनिवार्य था। बाद में केबिनेट मिशन ने भी समूह बनाने को अनिवार्य बताया।

प्रश्न 2.
माउण्टबेटन योजना का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
माउण्टबेटन योजना इसे मन:
बांटन योजना। 3 जून योजना अथवा डिकी बर्ड प्लान भी कहते हैं –
ब्रिटिश प्रधानमन्त्री ने 20 फरवरी, 1947 को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि ब्रिटिश सरकार जून 1948 तक भारत की उत्तरदायी सरकार को सत्ता हस्तान्तरित कर देगी। यदि इससे पूर्व भारत के राजनैतिक दलों में कोई समझौता हो गया तो इससे पूर्व भी सत्ता सौंपी जा सकती है। 24 मार्च, 1947 को माउण्टबेटन भारत के वायसराय बनकर आये।

पद ग्रहण करते ही उन्होंने काँग्रेस एवं मुस्लिम लीग के नेताओं से तत्कालिक समस्याओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया। मुस्लिम लीग पाकिस्तान के अतिरिक्त किसी भी विकल्प पर सहमत नहीं हुई। माउण्टबेटन ने काँग्रेस को देश के विभाजन रूपी कटु सत्य को स्वीकार करने का अनुरोध किया।

काँग्रेस नेता भी परिस्थितियों के दबाव को महसूस कर इस सत्य को स्वीकारने के लिए तैयार हो गये। 18 मई, 1947 को माउण्टबेटन ब्रिटिश सरकार से समस्या के अन्तिम हल पर बातचीत हेतु लन्दन गये और पुनः भारत आने पर 3 जून, 1947 को माउण्टबेटन ने भारत के विभाजन के साथ सत्ता हस्तान्तरण की योजना प्रस्तुत की। इसे माउण्टबेटन योजना या तीन जून योजना भी कहते हैं। 3 जून योजना की घोषणा ब्रिटिश प्रधानमन्त्री एटली ने हाउस ऑफ कॉमन्स में 3 जून, 1947 को की। माउण्टबेटन योजना की प्रमुख बातें निम्नलिखित र्थी –

(1) बंगाल व पंजाब में प्रान्तीय विधानमण्डल के दो भाग होंगे। एक में मुस्लिम बहुल जिलों के एवं दूसरे में बाकी जिलों के प्रतिनिधि होंगे। मुस्लिम बहुल जिलों के एवं दूसरे में शेष जिलों के प्रतिनिधि होंगे।

मुस्लिम बहुल क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को यह तय करना था कि वे भारत में रहेंगे या पाकिस्तान में सम्मिलित होंगे। विभाजन की स्थिति में दो राज्यों व दो संविधान सभाओं का निर्माण किया जायेगा। पंजाब, बंगाल व असम में विभाजन हेतु सीमा आयोग का गठन किया जायेगा।

(2) असम के सिलहट एवं उत्तर – पश्चिमी सीमान्त प्रान्त जिले में जनमत संग्रह द्वारा यह तय होना था कि वे पाकिस्तान में मिलना चाहते हैं या नहीं।

(3) सिन्ध व बलूचिस्तान में प्रान्तीय विधानमण्डल को यह निर्णय सीधे लेना था।

(4) देशी रियासतों को स्वतन्त्र रहने का अधिकार नहीं दिया गया। उन्हें भारत या पाकिस्तान में से एक राज्य में शामिल होना था। किन्तु हैदराबाद की पाकिस्तान में शामिल होने की माँग अस्वीकार कर दी गयी।

(5) 15 अगस्त, 1947 को भारत और पाकिस्तान को डोमिनियन स्टेट्स के आधार पर सत्ता का हस्तान्तरण किया जायेगा। उन्हें इस बात की स्वतन्त्रता होगी कि वे चाहें तो राष्ट्रमण्डल को छोड़ सकते हैं।

RBSE Solutions for Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

काँग्रेस के नेता जहाँ भारत के विभाजन के खिलाफ थे। “महात्मा गाँधी ने तो यहाँ तक कहा कि देश का विभाजन मेरी लाश पर होगा।” जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना आजाद सभी नेता भी प्रारम्भ में विभाजन के विरुद्ध थे।

लेकिन मुस्लिम लीग द्वारा की गयी प्रत्यक्ष कार्यवाही में हो रहे जनसंहार से व्यथित थे और भविष्य में शान्ति बनी रहें, ऐसा. सोचकर उन्होंने माउण्टबेटने की विभाजन योजना को स्वीकार कर लिया, यद्यपि अब्दुल गफ्फार खाँ एवं पुरुषोत्तम दास टण्डन अन्त तक इसका विरोध करते रहे। इंतिहास में इसे मन बांटन योजना के नाम से भी जाना जाता है।

काँग्रेस एवं मुस्लिम लीग के बीच समझौता हो गया। भारत को दो अधिराज्यों में विभाजित करने की माउण्टबेटन द्वारा 3 जून, 1947 को दी गई योजना की स्वीकृति के पश्चात् ब्रिटिश सरकार ने घोषणा की कि 15 अगस्त, 1947 तक भारत एवं पाकिस्तान को सत्ता हस्तान्तरित कर दी जाएगी और भारत के स्वतन्त्र होने का रास्ता खुल गया।

RBSE Class 11 Political Science Chapter 20 वस्तुनिष्ठ

प्रश्न 1.
काँग्रेस ने प्रथम स्वतन्त्रता दिवस मनाया –
(अ) 22 जून, 1921
(ब). 26 जनवरी, 1947
(स) 26 जनवरी, 1930
(द) 15 अगस्त, 1947
उत्तर:
(स) 26 जनवरी, 1930

प्रश्न 2.
ब्रिटिश संसद में भारतीय स्वतन्त्रता विधेयक प्रस्तुत किया गया –
(अ) 18 जुलाई, 1947
(ब) 4 जुलाई, 1947
(स) 20 फरवरी, 1947
(द) 15 अगस्त, 1947
उत्तर:
(ब) 4 जुलाई, 1947

प्रश्न 3.
नौ सैनिक विद्रोह हुआ –
(अ) 1943 में
(ब) 1944 में
(स) 1945 में
(द) 1946 में।
उत्तर:
(द) 1946 में।

प्रश्न 4.
क्रिप्स मिशन भारत आया –
(अ) 1940 में
(ब) 1941 में
(स) 1942 में
(द) 1943 में।
उत्तर:
(स) 1942 में

प्रश्न 5.
ब्रिटिश सम्राट के पद से भारत का सम्राट पद नाम हटाया गया(अ) 1935 के अधिनियम द्वारा –
(ब) 1919 के अधिनियम द्वारा
(स) 1947 के अधिनियम द्वारा
(द) 1942 के अधिनियम द्वारा।
उत्तर:
(स) 1947 के अधिनियम द्वारा

RBSE Solutions for Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

RBSE Class 11 Political Science Chapter 20 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

RBSE Class 11 Political Science Chapter 20 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
प्लासी का युद्ध कब हुआ?
(अ) 1757 ई. को
(ब) 1788 ई. को
(स) 1857 ई. को
(द) 1942 ई. को।
उत्तर:
(अ) 1757 ई. को

प्रश्न 2.
काँग्रेस के किस अधिवेशन में 26 जनवरी, 1930 को सम्पूर्ण देश में प्रथम स्वतन्त्रता दिवस मनाए जाने की घोषणा की गयी?
(अ) बम्बई
(ब) कलकत्ता
(स) लाहौर
(द) नागपुर।
उत्तर:
(स) लाहौर

प्रश्न 3.
निम्न में से किस वर्ष भारत छोड़ो आन्दोलन प्रारम्भ हुआ?
(अ) 1930 ई.
(ब) 1942 ई.
(स) 1946 ई.
(द) 1947 ई.
उत्तर:
(ब) 1942 ई.

प्रश्न 4.
निम्न में से किस वर्ष द्वितीय विश्वयुद्ध प्रारम्भ हुआ?
(अ) 1939 ई.
(ब) 1942 ई.
(स) 1935 ई.
(द) 1914 ई.
उत्तर:
(अ) 1939 ई.

प्रश्न 5.
1945 ई. में ब्रिटेन में किस पार्टी की सरकार बनी?
(अ) लेबर पार्टी
(ब) डेमोक्रेटिक पार्टी
(स) काँग्रेस पार्टी
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) लेबर पार्टी

RBSE Solutions for Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

प्रश्न 6.
क्लीमेंट एटली ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री बने –
(अ) 26 जुलाई, 1945 को
(ब) 15 अगस्त, 1945 को
(स) 8 जुलाई, 1942 को
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) 26 जुलाई, 1945 को

प्रश्न 7.
निम्न में से कौन केबिनेट मिशन का सदस्य नहीं था?
(अ) पैथिक लारेंस
(ब) सर स्टेफर्ड क्रिप्स
(स) ए. वी. एलेक्जेण्डर
(द) एटली।
उत्तर:
(द) एटली।

प्रश्न 8.
संविधान सभा के गठन का प्रस्ताव किस योजना में था?
(अ) केबिनेट मिशन
(ब) माउण्टबेटन योजना
(स) क्रिप्स प्रस्ताव
(द) साइमन आयोग में।
उत्तर:
(अ) केबिनेट मिशन

प्रश्न 9.
केबिनेट मिशन द्वारा प्रस्तुत योजना में सम्मिलित प्रस्ताव था
(अ) भारत में संघ राज्य की स्थापना करना।
(ब) संविधान सभा गठित करना।
(स) अन्तरिम सरकार की स्थापना करना
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 10.
ब्रिटिश सरकार 30 जून, 1948 तक भारत की उत्तरदायी सरकार को सत्ता हस्तान्तरित कर देगी। यह घोषणा किस ब्रिटिश प्रधानमन्त्री ने की थी?
(अ) चर्चिल’
(ब) एटली
(स) मार्गरेट थैचर
(द) महारानी विक्टोरिया।
उत्तर:
(ब) एटली

प्रश्न 11.
भारत को दो अधिराज्यों में विभाजित करने की माउण्टबेटन योजना को स्वीकृति प्राप्त हुई थी।
(अ) 3 जून, 1947 को
(ब) 15 अगस्त, 1947 को
(स) 4 जुलाई, 1947 को
(द) 18 जुलाई, 1947 को।
उत्तर:
(अ) 3 जून, 1947 को

प्रश्न 12.
भारतीय स्वतन्त्रता विधेयक ब्रिटिश संसद में पारित हुआ –
(अ) 4 जुलाई, 1947 को
(ब) 18 जुलाई, 1947 को
(स) 3 जून, 1947 को
(द) 15 अगस्त, 1947 को।
उत्तर:
(ब) 18 जुलाई, 1947 को

प्रश्न 13.
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 पारित किया गया –
(अ) क्रिप्स योजना को क्रियान्वित करने के लिए
(ब) केबिनेट मिशन योजना को क्रियान्वित करने के लिए
(स) माउण्टबेटन योजना को क्रियान्वित करने के लिए
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(स) माउण्टबेटन योजना को क्रियान्वित करने के लिए

प्रश्न 14.
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 की प्रमुख विशेषता नहीं थी –
(अ) दो अधिराज्यों की स्थापना
(ब) दोनों अधिराज्यों के क्षेत्रों का वर्णन
(स) भारत को औपनिवेशिक स्वराज्य प्रदान करना
(द) देशी रियासतों पर ब्रिटिश सर्वोच्चता का अन्त।
उत्तर:
(स) भारत को औपनिवेशिक स्वराज्य प्रदान करना

प्रश्न 15.
निम्न में से यह किसका कथन है, “देश का विभाजन मेरी लाश पर होगा।”
(अ) पं. जवाहर लाल नेहरू
(ब) महात्मा गाँधी।
(स) पुरुषोत्तम दास टण्डन
(द) अब्दुल गफ्फार खाँ।
उत्तर:
(ब) महात्मा गाँधी।

RBSE Solutions for Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

प्रश्न 16.
सीमा आयोग के अध्यक्ष थे –
(अ) चर्चिल
(ब) एटली
(स) माउण्टबेटन
(द) रेडक्लिफ।
उत्तर:
(द) रेडक्लिफ।

प्रश्न 17.
निम्न में से किस अधिनियम के द्वारा देशी रियासतों पर से ब्रिटिश सम्राट की सर्वोच्चता समाप्त कर दी गयी?
(अ) 1919 का भारत शासन अधिनियम
(ब) 1947 का भारत स्वतन्त्रता अधिनियम
(स) 1919 का भारत परिषद् अधिनियम
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ब) 1947 का भारत स्वतन्त्रता अधिनियम

प्रश्न 18.
स्वतन्त्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल बने –
(अ) लॉर्ड माउण्टबेटन
(ब) क्लीमेंट एटली
(स) चर्चिल
(द) सी. राजगोपालचारी।
उत्तर:
(अ) लॉर्ड माउण्टबेटन

RBSE Class 11 Political Science Chapter 20 अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में अंग्रेजी राज्य का अन्त कब हुआ?
उत्तर:
15 अगस्त, 1947 को।

प्रश्न 2.
काँग्रेस ने किस अधिवेशन में भारत में 26 जनवरी, 1930 को प्रथम स्वतन्त्रता दिवस मनाने का प्रस्ताव पारित किया?
उत्तर:
लाहौर अधिवेशन में।

प्रश्न 3.
महात्मा गाँधी ने 1942 में कौन-सा आन्दोलन चलाया?
उत्तर:
भारत छोड़ो आन्दोलन।

प्रश्न 4.
पाकिस्तान की माँग को लेकर किस राजनीति दल ने सीधी कार्यवाही की थी?
उत्तर:
मुस्लिम लीग ने।

प्रश्न 5.
नौसैनिक विद्रोह कब हुआ था?
उत्तर:
1946 ई. में।

प्रश्न 6.
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 के निर्माण के लिए किन राष्ट्रीय गतिविधियों ने ब्रिटिश ‘सरकार को बाध्य किया?
उत्तर:
प्रतिवर्ष 26 जनवरी को मनाया जाने वाला स्वतन्त्रता दिवस, भारत छोड़ो आन्दोलन, आजाद हिन्द फौज के कार्य एवं नौ सैनिक विद्रोह आदि ने ब्रिटिश सरकार को भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 के निर्माण को बाध्य किया।

RBSE Solutions for Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

प्रश्न 7.
द्वितीय विश्वयुद्ध में भारतीयों का सहयोग प्राप्त करने एवं पाकिस्तान की माँग के कारण संवैधानिक गतिरोध को दूर करने के लिए ब्रिटिश सरकार द्वारा किए गए किन्हीं दो प्रयासों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  •  क्रिप्स प्रस्ताव
  • केबिनेट मिशन योजना।

प्रश्न 8.
ब्रिटिश प्रधानमन्त्री चर्चिल ने कब व किसके नेतृत्व में क्रिप्स मिशन भारत भेजा?
उत्तर:
22 मार्च, 1942 में ब्रिटिश प्रधानमन्त्री ने सर स्टेफर्ड क्रिप्स के नेतृत्व में।

प्रश्न 9.
क्रिप्स प्रस्ताव किसे कहा जाता है?
उत्तर:
1942 ई. में ब्रिटिश समाजवादी नेता सर स्टेफर्ड क्रिप्स ने भारत में संवैधानिक गतिरोध को दूर करने के लिए जो योजना दी उसे क्रिप्स प्रस्ताव कहा जाता है।

प्रश्न 10.
क्रिप्से प्रस्ताव को क्यों अस्वीकार कर दिया गया?
उत्तर:
क्योंकि क्रिप्स प्रस्ताव में औपनिवेशिक स्वराज्य अर्थात् सीमित स्वतन्त्रता जिसमें संघ प्रमुख के स्थान पर ब्रिटिश नियन्त्रण रहने के प्रावधान के कारण इसे अस्वीकार कर दिया गया।

प्रश्न 11.
क्रिप्स प्रस्ताव कब वापस ले लिए गए?
उत्तर:
11 अप्रैल, 1942 को।

RBSE Solutions for Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

प्रश्न 12.
ब्रिटेन की किस राजनीतिक पार्टी को भारतीयों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण था?
उत्तर:
लेबट पार्टी का।

प्रश्न 13.
सन् 1945 में ब्रिटेन में किस पार्टी की सरकार बनी?
उत्तर:
लेबर पार्टी की।

प्रश्न 14.
केबिनेट मिशन क्या था?
उत्तर:
सन् 1945 में ब्रिटेन में लेबर पार्टी की सरकार बनी। प्रधानमन्त्री एटली ने अपने मन्त्रिमण्डल के तीन सदस्य भारत भेजे। ब्रिटिश मन्त्रिमण्डल के सदस्यों वाले इस आयोग को केबिनेट मिशन कहा गया।

प्रश्न 15.
केबिनेट मिशन के तीन सदस्यों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  •  पैथिक लारेंस
  • सर स्टेफर्ड क्रिप्स
  • ए. वी. एलेक्जेण्डर।

प्रश्न 16.
केबिनेट मिशन द्वारा दिये गये तीन सुझावों को लिखिए।
उत्तर:

  • भारत में संघ राज्य की स्थापना करना
  • संविधान सभा का गठन करना
  • अन्तरिम सरकार की स्थापना करना।

प्रश्न 17.
मुस्लिम लीग की कौन-सी नीति से सम्पूर्ण देश में साम्प्रदायिक दंगे फैल गए?
उत्तर:
प्रत्यक्ष कार्यवाही की नीति से।

प्रश्न 18.
किस घोषणा के पश्चात् लॉर्ड माउण्टबेटन को भारत का गवर्नर जनरल बनाया गया?
उत्तर:
ब्रिटिश प्रधानमन्त्री एटली की जून 1948 तक भारत की उत्तरदायी सरकार को सत्ता हस्तान्तरण की । घोषणा के पश्चात् ।।

प्रश्न 19.
माउण्टबेटन की विभाजन योजना का अन्त तक किसने विरोध किया?
उत्तर:
अब्दुल गफ्फार खाँ एवं पुरुषोत्तम दास टण्डन ने।

प्रश्न 20.
इतिहास में किस योजना को मन-बांटन योजना के नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
माउण्टबेटन योजना को।

RBSE Solutions for Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

प्रश्न 21.
भारत को दो अधिराज्यों में विभाजित करने की योजना किसने प्रस्तुत की?
उत्तर:
लॉर्ड माउण्टबेटन ने।

प्रश्न 22.
भारतीय स्वतन्त्रता विधेयक ब्रिटेन की संसद में कब प्रस्तुत किया गया?
उत्तर:
4 जुलाई, 1947 को।

प्रश्न 23.
ब्रिटिश संसद ने भारतीय स्वतन्त्रता विधेयक को कब पारित किया?
उत्तर:
18 जुलाई, 1947 को।

प्रश्न 24.
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 की कोई दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:

  • भारत और पाकिस्तान नामक दो अधिराज्यों का जन्म,
  • भारत सचिव पद की समाप्ति।

प्रश्न 25.
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 की धारा तीन व चार में क्या व्यवस्था उल्लेखित थी?
उत्तर:
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 की धारा तीन वे चार में बंगाल व पंजाब के विभाजन की व्यवस्था की गई थी।

प्रश्न 26.
सर रेडक्लिफ कौन थे?
उत्तर:
सर रेडक्लिफ भारत – पाकिस्तान के सीमांकन हेतु निर्मित आयोग के अध्यक्ष थे।

प्रश्न 27.
सर रेडक्लिफ की अध्यक्षता वाले सीमा आयोग में कितने सदस्य थे?
उत्तर:
कुल 4 सदस्य (दो हिन्दू व दो मुसलमान सदस्य)।

प्रश्न 28.
पश्चिमी – पाकिस्तान में कौन-कौन-सी रियासतें मिलायी गयीं?
उत्तर:
पश्चिमी पंजाब, सिन्ध, उत्तर बिलोचिस्तान एवं बिलोचिस्तान की छोटी-छोटी रियासतें।

प्रश्न 29.
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 में दोनों अधिराज्यों के संविधान निर्माण के सम्बन्ध में क्या प्रावधान था?
उत्तर:
दोनों अधिराज्यों भारत व पाकिस्तान की विधान सभाएँ अपने-अपने राज्यों का संविधान निर्माण करेंगी।

RBSE Solutions for Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

प्रश्न 30.
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 में संविधान सभाओं के सम्बन्ध में क्या कहा गया था?
उत्तर:
संविधान सभाएँ सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न रहेंगी तथा संविधान निर्माण होने तक विधान सभा के रूप में भी कार्य करती रहेंगी।

प्रश्न 31.
1947 के अधिनियम में संविधान का निर्माण होने तक शासन संचालन की व्यवस्था के बारे में क्या कहा गया था?
उत्तर:
संविधान का निर्माण होने तक सन् 1935 के अधिनियम के आधार पर शासन संचालन होगा तथा आवश्यकतानुसार, इसमें संशोधन का अधिकार भी होगा।

प्रश्न 32.
1947 के भारत स्वतन्त्रता अधिनियम से भारत सचिव का पद समाप्त करके उसके अधिकार किसे दिए गए?
उत्तर:
राष्ट्रमण्डल सचिव को।

प्रश्न 33.
1947 के अधिनियम में नागरिक सेवाओं के सम्बन्ध में क्या प्रावधान किए गए?
उत्तर:
15 अगस्त, 1947 से पूर्व ब्रिटिश शासन के अधीन कार्य कर रहे भारतीय नागरिक सेवा के सदस्यों को स्वतन्त्रता के पश्चात् भी पूर्व की तरह सेवा में बने रहेंगे। उन्हें वे समस्त विशेषाधिकार, पेंशन, पारिश्रमिक एवं छुट्टी सम्बन्धी सुविधाएँ प्राप्त रहेंगी जो स्वतन्त्रता से पूर्व उन्हें प्राप्त थी।

प्रश्न 34.
स्वतन्त्र भारत के गवर्नर जनरल कौन थे?
उत्तर:
लॉर्ड माउण्टबेटन।

प्रश्न 35.
लॉर्ड माउण्टबेटन ने किसे स्वतन्त्रत भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री पद की शपथ दिलाई?
उत्तर:
पण्डित जवाहर लाल नेहरू को।

RBSE Class 11 Political Science Chapter 20 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कौन-कौन से घटनाक्रम के कारण ब्रिटिश सरकार के द्वारा भारतीयों की स्वतन्त्रता की माँग को टालना सम्भव नहीं रहा? बताइए।
उत्तर:
1928 में काँग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में ब्रिटिश सरकार को दी गई एक वर्ष की समय सीमा समाप्त होने पर 31 दिसम्बर, 1929 को लाहौर में जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में सम्मेलन आयोजित किया जिसमें नेहरू रिपोर्ट व डोमिनियन स्टेट्स की माँग को रद्द कर दिया तथा पूर्ण स्वराज्य’ का पहली बार लक्ष्य रखा। 31 दिसम्बर, 1929 ई. की अर्धरात्रि को रावी नदी के तट पर जवाहरलाल नेहरू ने तिरंगा झण्डा फहराया तथा यह निर्णय लिया कि 26 जनवरी, 1930 को स्वतन्त्रता दिवस मनाया जाये।

इससे प्रत्येक भारतीय में स्वतन्त्रता की भावना जागृत हुई। महात्मा गाँधी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आन्दोलन तथा भारत छोड़ो आन्दोलन, मुस्लिम लीग का पाकिस्तान की माँग को लेकर की गई सीधी कार्यवाही, सुभाषचन्द्र बोस द्वारा स्थापित आजाद हिन्द फौज के तीन पदाधिकारियों पर चलाया गया मुकदमा, 1946 ई. में नौ सैनिक विद्रोह का प्रयासों से अन्त आदि घटनाक्रम के कारण ब्रिटिश सरकार के द्वारा भारतीयों की स्वतन्त्रता की माँग को टालना सम्भव नहीं रहा।

RBSE Solutions for Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

प्रश्न 2.
केबिनेट मिशन योजना को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
केबिनेट मिशन योजना-26 जुलाई, 1945 को क्लीमेन्ट एटली ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री बने। यह लेबर पार्टी के नेता थे। यह पार्टी भारत के प्रति सकारात्मक रुख रखती थी। फरवरी 1946 में ब्रिटिश प्रधानमन्त्री एटली ने भारत में तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय संसदीय दल भेजने का निर्णय लिया। इस संसदीय दल में ब्रिटिश कैबिनेट के तीन सदस्य लॉर्ड पैथिक लॉरेन्स (भारत सचिव) सर स्टेफर्ड क्रिप्स (व्यापार बोर्ड के अध्यक्ष) तथा ए. बी. एलेक्जेण्डर (एडमिरैलिटी के प्रथम लॉर्ड या नौसेना मन्त्री) शामिल थे।

ब्रिटिश कैबिनेट के सदस्यों वाले इस आयोग को कैबिनेट मिशन कहा गया। इस मिशन का कार्य भारत को शान्तिपूर्ण ढंग से सत्ता का हस्तान्तरण करने के उपाय तलाशना एवं संविधान तैयार करने की कार्य प्रणाली तय करना था। कैबिनेट मिशन 23 मार्च, 1946 को भारत आया था और इसने 16 मई, 1946 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस आयोग ने तीन निम्न महत्वपूर्ण सुझाव दिए –

  • भारत में संघ राज्य की स्थापना की जाए।
  • भारत के संविधान निर्माण के लिए संविधान सभा गठित की जाए।
  • नए संविधान के अन्तर्गत नई सरकार के गठन होने तक एक अन्तरिम सरकार की स्थापना की जाए।

प्रश्न 3.
केबिनेट मिशन द्वारा प्रस्तुत योजना पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने क्या प्रतिक्रिया दिखाई?
उत्तर:
कैबिनेट मिशन द्वारा प्रस्तुत योजना में तीन प्रमुख सुझाव थे – भारत में संघ राज्य की स्थापना करना, संविधान सभा का गठन करना एवं अन्तरिम सरकार की स्थापना करना थे। इस योजना के सम्बन्ध में भिन्न-भिन्न राजनीतिक दलों ने अलग – अलग प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रारम्भ में काँग्रेस ने अन्तरिम सरकार की माँग को अस्वीकार कर दिया लेकिन मुस्लिम लीग द्वारा स्वयं के बल पर अन्तरिम सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया जिसे वायसराय ने अस्वीकार कर दिया। मुस्लिम लीग ने इस योजना का विरोध किया क्योंकि इसमें पाकिस्तान की माँग को स्वीकार कर लिया गया था। फलस्वरूप मुस्लिम लीग ने प्रत्यक्ष कार्यवाही की नीति अपनायी जिससे देश में साम्प्रदायिक दंगे प्रारम्भ हो गए।

प्रश्न 4.
काँग्रेस के नेताओं ने माउण्टबेटन योजना को क्यों स्वीकार कर लिया? बताइए।
उत्तर:
भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड माउण्टबेटन ने काँग्रेस एवं मुस्लिम लीग के नेताओं से अपनी योजना के सम्बन्ध में चर्चा की। इस योजना में भारत विभाजन कर भारत और पाकिस्तान के नाम से दो राज्यों के निर्माण का उल्लेख था। काँग्रेस के नेता भारत विभाजन के विरुद्ध थे। महात्मा गाँधी ने यहाँ तक कह दिया था कि देश का विभाजन मेरी लाश पर होगा। पं. जवाहर लाल नेहरू, सरदार बल्लभ भाई पटेल, मौलाना आजाद जैसे काँग्रेसी नेता प्रारम्भ में भारत विभाजन के विरुद्ध थे लेकिन मुस्लिम लीग द्वारा की गयी प्रत्यक्ष कार्यवाही में हो रहे जनसंहार से दु:खी थे। इसलिए भविष्य में शान्ति बनी रहे ऐसा सोचकर काँग्रेसी नेताओं ने माउण्टबेटन योजना को स्वीकार कर लिया।

RBSE Solutions for Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

प्रश्न 5.
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 की कोई दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 की विशेषताएँ:
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 की दो प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित र्थी –

1. दो अधिराज्यों की स्थापना:
इस अधिनियम में यह प्रावधान था कि 15 अगस्त, 1947 को भारत का विभाजन कर दो अधिराज्य-भारत व पाकिस्तान नामक से सम्प्रभु राष्ट्र बना दिए जायेंगे।

2. देशी रियासतों पर सर्वोच्चता का अन्त:
अधिराज्य बनने के साथ ही रियासतों पर ब्रिटिश सम्राट की सर्वोच्चता समाप्त हो जाएगी तथा इनके साथ ही ब्रिटिश सरकार द्वारा की गयी समस्त सन्धियाँ समझौते स्वत: ही समाप्त हो जायेंगे। ये रियासतें भारत अथवा पाकिस्तान किसी भी राज्य में सम्मिलित होने या रहने के लिए मुक्त रहेंगी।

प्रश्न 6.
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 के अनुसार दोनों अधिराज्यों के परिक्षेत्र (सीमांकन) को बताइए।
अथवा
1947 के भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम के अनुसार दोनों अधिराज्यों भारत और पाकिस्तान के क्षेत्रों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 में दोनों अधिराज्यों, यथा- भारत और पाकिस्तान के क्षेत्रों का वर्णन किया गया। इसके अनुसार मुस्लिम बहुल क्षेत्र पाकिस्तान और हिन्दू बहुल क्षेत्र भारत का हिस्सा होगा। अधिनियम की धारा तीन एवं चार में बंगाल व पंजाब के विभाजन की व्यवस्था की गयी। असम के सिलहट जिले में जनमत संग्रह कराया जायेगा । उसी के आधार पर यदि वह पाकिस्तान के पक्ष में गया तो इसी पूर्वी पाकिस्तान में सम्मिलित किया जायेगा। दोनों देशों की सीमाएँ, सीमा आयोग के प्रतिवेदन के पश्चात् ही निर्धारित होंगी।

सीमा आयोग के अध्यक्ष रेडक्लिफ थे। इसमें दो हिन्दू और दो मुसलमान सदस्य थे। पूर्वी पाकिस्तान में पूर्वी बंगाल व सिलहट तथा पश्चिमी पाकिस्तान में पश्चिमी पंजाब, सिन्ध, उत्तरी बिलोचिस्तान एवं बिलोचिस्तान की छोटी-छोटी रियासतें सम्मिलित होंगी। देशी रियासतों को यह स्वतन्त्रता होगी कि वे भारत अथवा पाकिस्तान किसी में भी सम्मिलित हो सकती हैं अथवा स्वतन्त्र रह सकती है।

RBSE Solutions for Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

प्रश्न 7.
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 में गवर्नर जनरल के सम्बन्ध में क्या प्रावधान किया गया था?
उत्तर:
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 में गवर्नर जनरल के सम्बन्ध में यह प्रावधान किया गया था कि ब्रिटिश सम्राट भारत एवं पाकिस्तान दोनों में अलग – अलग गवर्नर जनरल नियुक्त करेगा। यदि दोनों अधिराज्य सहमत हों, तो दोनों के लिए एक गवर्नर जनरल की नियुक्ति की जा सकती है। ये गवर्नर जनरल एवं प्रान्तों के गवर्नर मात्र वैधानिक शासक होंगे तथा उन्हें मन्त्रिमण्डल की राय के अनुसार ही कार्य करना होगा। इसके अतिरिक्त मार्च 1948 तक भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम को लागू करने एवं दो अधिराज्यों में सम्पत्तियों का बँटवारा करने की शक्ति गवर्नर जनरल को प्रदान की गयी।

प्रश्न 8.
भारत सचिव पद की समाप्ति एवं नागरिक सेवाओं के अधिकार के सम्बन्ध में भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 में क्या प्रावधान थे?
उत्तर:
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 में भारत सचिव के पद को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा था तथा इसके समस्त अधिकार राष्ट्रमण्डल सचिव को प्रदान कर दिए गए। नागरिक सेवाओं के सम्बन्ध में इस अधिनियम में कहा गया कि भारतीय नागरिक सेवा के सदस्य स्वतन्त्रता पश्चात् भी पूर्व की तरह सेवा में बने रहेंगे। उन्हें वे समस्त विशेषाधिकार, पेंशन, पारिश्रमिक एवं छुट्टी सम्बन्धी सुविधाएँ प्राप्त होती रहेंगी जो स्वतन्त्रता से पूर्व उन्हें प्रदान की जाती थीं।

प्रश्न 9.
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 में ब्रिटिश सम्राट तथा सरकार व उनके अधिकारों के सम्बन्ध में क्या उल्लेखित था?
उत्तर:
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 में यह उल्लेखित था कि 15 अगस्त, 1947 के पश्चात् दोनों अधिराज्यों, यथा–भारत और पाकिस्तान तथा इसके प्रान्तों अथवा इनके किसी भी भाग पर ब्रिटिश सरकार का कोई नियन्त्रण नहीं रहेगा। ब्रिटिश सम्राट के पद से भारत के सम्राट नामक पद को समाप्त का दिया जाएगा।

इसी के साथ अधिराज्यों द्वारा निर्मित कानूनों को स्वीकार अथवा अस्वीकार करने या प्रान्तीय विधेयकों को ब्रिटिश सम्राट की अनुमति के लिए आरक्षित करने के अधिकार भी स्वत: ही समाप्त हो जायेंगे। लेकिन ब्रिटिश सरकार के नाम पर गवर्नर जनरल को किसी भी विधेयक को स्वीकार करने का अधिकार प्रदान किया गया था।

RBSE Solutions for Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

प्रश्न 10.
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 का महत्व बताइए।
उत्तर:
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 के महत्व का विवेचन निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत प्रस्तुत है।
1. भारत से ब्रिटिश सत्ता की समाप्ति:
इस अधिनियम द्वारा भारत से ब्रिटिश सत्ता की समाप्ति हो गयी। समस्त शक्तियाँ दो नए स्वतन्त्र अधिराज्यों भारत व पाकिस्तान को स्थानान्तरित कर दी गयौँ ।

2.  गवर्नर जनरल एक संवैधानिक प्रमुख के रूप में:
इस अधिनियम के द्वारा भी संक्रमण काल के लिए गवर्नर जनरल का पद बना रहा। यह पद एक संवैधानिक प्रमुख के रूप में ही रह गया। गवर्नर जनरल को भारतीय वे पाकिस्तानी विधानमण्डलों द्वारा पारित समस्त कानूनों को सहमति देनी होगी। उसकी विशेषाधिकार शक्तियाँ समाप्त कर दी गयीं थीं।

इस अधिनियम के निर्माण के समय तत्कालीन भारत सचिव अर्ल लिस्टेबिल ने कहा था कि यह अधिनियम अद्वितीय है। इससे पूर्व संसार की आबादी के इतने बड़े भाग में केवल एक विधान द्वारा स्वतन्त्रता प्राप्त नहीं की। इस प्रकार भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम ने भारतीय उपमहाद्वीप ब्रिटिश साम्राज्यवाद का अन्त कर दिया। अब उसके उत्तराधिकारी दो सम्प्रभुता सम्पन्न राज्य-भारत और पाकिस्तान बन गए।

RBSE Class 11 Political Science Chapter 20 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 की पृष्ठभूमि को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 को पृष्ठभूमि ब्रिटिश संसद द्वारा पारित सन् 1947 को भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, ब्रिटिश सरकार की सहानुभूति का परिणाम नहीं था अपितु ब्रिटिश सरकार की विवशता की देन थी। सन् 1935 के पश्चात् की राष्ट्रीय गतिविधियाँ एवं द्वितीय विश्वयुद्ध के कारण उत्पन्न परिस्थितियों से उत्पन्न वातावरण ने ब्रिटिश सरकार को इस अधिनियम के निर्माण के लिए बाध्य कर दिया। भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 की पृष्ठभूमि का अध्ययन हम निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत कर सकते हैं –

(1) राष्ट्रीय घटनाक्रम:
31 दिसम्बर, 1929 को काँग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पारित पूर्ण स्वतन्त्रता प्राप्ति का प्रस्ताव व तत्पश्चात् 26 जनवरी, 1930 से प्रतिवर्ष मनाये जाने वाले स्वतन्त्रता दिवस से भारतीयों में स्वतन्त्रता प्राप्त करने की प्रबल इच्छा उत्पन्न हुई। द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् महात्मा गाँधी के नेतृत्व में चलाये जाने वाले सविनय अवज्ञा आन्दोलन, भारत छोड़ो आन्दोलन, मुस्लिम लीग की पाकिस्तान बनाने की माँग, सुभाष चन्द्र बोस द्वारा भारत के बाहर स्थापित आज़ाद हिन्द फौज व उसकी सैनिक गतिविधियों, 1946 के नौ-सैनिक विद्रोह आदि ने स्वतन्त्रता प्राप्ति की भावना को इतना तीव्र कर दिया कि ब्रिटिश सरकार द्वारा उनकी अवहेलना करना सम्भव नहीं रहा।

RBSE Solutions for Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

(2) द्वितीय विश्वयुद्ध के कारण बदली हुई परिस्थितियाँ:
सन् 1939 से शुरू द्वितीय विश्वयुद्ध में आम भारतीयों की युद्ध में शामिल नहीं होने की इच्छा के बावजूद काँग्रेस के प्रमुख नेताओं के सहयोग से भारतीयों का युद्ध में सहयोग प्राप्त करने एवं पाकिस्तान की माँग के कारण उसे संवैधानिक संकट के समाधान के कारण किए गए प्रयास निम्न थे

(i) क्रिप्स प्रस्तावे:
सन् 1942 में ब्रिटिश सरकार ने सर स्टेफर्ड क्रिप्स को भारत भेजा। क्रिप्स द्वारा सुझाए गए प्रस्तावों को क्रिप्स प्रस्ताव कहा जाता है। इस प्रस्ताव के दो भोग थे- पहला भाग, वर्तमान से सम्बन्धित प्रस्ताव व दूसरा, भविष्य से सम्बन्धित प्रस्ताव। वर्तमान से सम्बन्धित प्रस्ताव में युद्ध की समाप्ति तक प्रतिरक्षा का दायित्व ब्रिटिश सरकार पर होने का प्रावधान था। भविष्य से सम्बन्धित प्रस्ताव में औपनिवेशक स्वराज्य प्रदान करना एवं निर्वाचित संविधान सभा द्वारा औपनिवेशक स्वराज्य के अत्यन्त असन्तोषजनक होने के कारण राजनीतिक दलों ने इसे अस्वीकार कर दिया, 11 अप्रैल, 1942 को क्रिप्स प्रस्ताव ले लिए गए।

(ii) केबिनेट मिशन योजना:
सन् 1945 में इंग्लैण्ड में श्रमिक दल की सरकार बनी। प्रधानमन्त्री एटली के कैबिनेट के तीन सदस्य भारत भेजे गए। ब्रिटिश कैबिनेट के सदस्यों को आयोग कहा गया। आयोग ने तीन महत्वपूर्ण सुझाव दिए –

  • भारत में एक संघ राज्य की स्थापना की जाए।
  • भारत के संविधान निर्माण हेतु एक संविधान सभा का निर्माण किया जाए।
  • नए संविधान के अन्तर्गत नई सरकार के गठित होने तक एक अन्तरिम सरकार की स्थापना की जाए। काँग्रेस ने कैबिनेट मिशन योजना को स्वीकार कर लिया। मुस्लिम लीग ने  प्रत्यक्ष कार्यवाही की नीति अपनायी। परिणामस्वरूप साम्प्रदायिक दंगे प्रारम्भ हो गए।

(iii) ब्रिटिश प्रधानमन्त्री की घोषणा:
ब्रिटिश प्रधानमन्त्री ने 20 फरवरी, 1947 को घोषणा की थी कि ब्रिटिश सरकार जून 1948 तक भारत की उत्तरदायी सरकार को सत्ता सौंप देगी। इस अवधि के पूर्व भी भारतीयों को सत्ता सौंपी जा सकती है।

(iv) माउण्टबेटन योजना:
प्रधानमन्त्री एटली की घोषणा के समय ही लॉर्ड माउण्टबेटन को भारत का गवर्नर जनरले बनाया गया। माउण्टबेटन के प्रयास से काँग्रेस और मुस्लिम लीग के मध्य समझौता हो गया। भारत को दो अधिराज्यों में विभाजित करने की माउण्टबेटन योजना की स्वीकृति के पश्चात् ब्रिटिश सरकार ने 15 अगस्त, 1947 को भारत व पाकिस्तान को सत्ता हस्तान्तरित कर दी।

प्रश्न 2.
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
अथवा
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर:
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 की प्रमुख विशेषताएँ
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

1. दो अधिराज्यों की स्थापना:
इस अधिनियम द्वारा भारत का विभाजन कर 15 अगस्त, 1947 को दो स्वतन्त्र अधिराज्यों (डोमिनियन स्टेट्स) भारत तथा पाकिस्तान की स्थापना होगी। इन अधिराज्यों के निर्माण के बाद ब्रिटिश सरकार द्वारा इन्हें सत्ता हस्तान्तरण कर दिया जायेगा । यह भी निश्चित किया गया कि दोनों राज्य स्वतन्त्र सत्ताधारी होंगे तथा ब्रिटिश सरकार इन दोनों राज्यों की संविधान सभाओं को अपने-अपने देश का संविधान निर्माण करने की पूर्ण स्वतन्त्रता प्रदान करेगी।

2.  नया संविधान बनाने का अधिकार:
माउण्टबेटन योजना द्वारा दोनों अधिराज्यों, यथा – भारत व पाकिस्तान की संविधान सभा को अपनी इच्छानुसार संविधान निर्माण की पूर्ण स्वतन्त्रता होगी।

3. दोनों अधिराज्यों के क्षेत्रों का वर्णन:
माउण्टबेटन योजना के द्वारा दोनों अधिराज्यों, यथा – भारत और पाकिस्तान के क्षेत्रों का भी वर्णन किया गया। इसके अनुसार मुस्लिम बहुल क्षेत्र पाकिस्तान का और हिन्दू बहुल क्षेत्र भारत का हिस्सा होगा। अधिनियम की धारा तीन एवं चार में बंगाल व पंजाब के विभाजन की व्यवस्था की गयी। असम के सिलहट जिले में जनमत संग्रह कराया जायेगा, उसी के आधार पर यदि वह पाकिस्तान के पक्ष में गया तो उसे पूर्वी पाकिस्तान में सम्मिलित किया जाएगा।

दोनों देशों की सीमाएँ, सीमा आयोग के प्रतिवेदन के पश्चात् ही निर्धारित होगी। सीमा आयोग के अध्यक्ष रेडक्लिफ थे, इसमें दो हिन्दू और दो मुसलमान सदस्य थे। पूर्वी पाकिस्तान में पूर्वी बंगाल व सिलहट तथा पश्चिमी पाकिस्तान में पश्चिम पंजाब, सिन्ध, उत्तर बिलोचिस्तान एवं विलोचिस्तान की छोटी-छोटी रियासतें सम्मिलित होंगी। देशी रियासतों को यह स्वतन्त्रता होगी कि वे भारत अथवा पाकिस्तान किसी में भी सम्मिलित हो सकती है अथवा स्वतन्त्र रह सकती हैं।

RBSE Solutions for Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

4. संविधान सभाओं का दोहरा स्वरूप:
दोनों अधिराज्यों यथा भारत और पाकिस्तान की संविधान सभाएँ सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न रहेंगी तथा संविधान का निर्माण होने तक विधानसभा के रूप में कार्य करेंगी। उन्हें कानून निर्माण का पूर्ण अधिकार होगा। उनके कानून निर्माण की शक्ति पर कोई बाहरी नियन्त्रण नहीं रहेगा।

5. 1935 के अधिनियम के आधार पर शासन संचालन एवं संशोधन का अधिकार:
दोनों अधिराज्यों के संविधान का निर्माण होने तक सन् 1935 के भारत शासन अधिनियम के आधार पर शासन संचालित होगा। प्रत्येक अधिराज्य को आवश्यकतानुसार उसमें परिवर्तन का भी अधिकार होगा।

6. ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल में सम्मिलित होने या अलग होने से सम्बन्धित विषय:
इस अधिनियम द्वारा दोनों अधिराज्यों को अपनी इच्छा के अनुसार ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल में सम्मिलित होने अथवा उससे अलग हो जाने का अधिकार दिया गया।

7. गवर्नर जनरल के स्वविवेक एवं व्यक्तिगत निर्णय की शक्तियाँ:
ईस अधिनियम के द्वारा गवर्नर जनरल को स्वविवेक एवं व्यक्तिगत निर्णय की शक्तियाँ दोनों अधिराज्यों की स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् समाप्त हो जाएँगी।

8.  पूर्व में बने हुए ब्रिटिश कानूनों से सम्बन्धित विषय:
इस अधिनियम द्वारा दोनों अधिराज्यों को यह अधिकार दिया गया कि वे पूर्व में बने हुए ब्रिटिश कानूनों को मानने, संशोधित करने अथवा निरस्त करने का स्वतन्त्र निर्णय कर सकते हैं।

9. दोनों राज्यों के लिए अलग-अलग गवर्नर जनरल की नियुक्ति:
भारत और पाकिस्तान दोनों अधिराज्यों के लिए ब्रिटिश सम्प्रट द्वारा नियुक्त अलग-अलग विर्नर जनरल होंगे। वे अपने-अपने अधिराज्य के प्रमुख होंगे। गवर्नर जनरल और प्रान्तों के गवर्नर भविष्य में केवल वैधानिक शासक होंगे। उन्हें अपने प्रत्येक प्रकार के अधिकारों के सम्बन्ध में अपने मन्त्रिपरिषद् के परामर्श द्वारा ही कार्य करना होगा।

10.  गवर्नर जनरल को विशेष शक्ति:
इस अधिनियम के माध्यम से मार्च 1948 तक भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम को लागू करने एवं दो अधिराज्यों यथा भारत और पाकिस्तान में सम्पत्ति का बँटवारा करने की शक्ति गवर्नर जनरल को प्रदान की गयी।

11.  ब्रिटिश सम्राट के अधिकारों की समाप्ति:
ब्रिटिश सम्राट के पद से भारत का सम्राट’ नामक पद हटा दिया गया। इंग्लैण्ड के सम्राट को अधिराज्यों के कानून पर निषेधाधिकार लगाने की शक्ति समाप्त कर दी गयी।

12. ब्रिटिश सरकार के नियन्त्रण की समाप्ति:
ब्रिटिश सरकार का 15 अगस्त, 1947 के पश्चात् किसी भी अधिराज्य अथवा उसके किसी प्रान्त अथवा उसके किसी भाग पर कोई नियन्त्रण नहीं रहेगा।

13. देशी रियासतों पर से ब्रिटिश सर्वोच्चता का अन्त:
अधिनियम में कहा गया कि दोनों अधिराज्यों के निर्माण के बाद देशी रियासतों पर ब्रिटिश सम्राट की सर्वोच्चता का अन्त हो जायेगा तथा ब्रिटिश सरकार की देशी रियासतों के साथ जो संधियाँ वे समझौते थे, वे भी समाप्त हो जायेंगे। वे भारत तथा पाकिस्तान में मिलने अथवा स्वतन्त्र रहने के लिए मुक्त होंगी।

14. भारत सचिव (मन्त्री) के पद की समाप्ति:
स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 के अनुसार, भारत सचिव (भारत-मन्त्री) का पद समाप्त कर दिया गया। इसके अधिकार राष्ट्रमण्डल सचिव को प्रदान कर दिए गए।

15.  भारतीय नागरिक सेवाओं के अधिकारों को कायम रखना:
भारतीय नागरिक सेवक स्वतन्त्रता के पश्चात् भी उस सेवा पर बने रहेंगे तथा उनको स्वतन्त्रता के पश्चात् वे परिलाभ प्राप्त होंगे जो उनको स्वतन्त्रता से पूर्व प्राप्त थे। लेकिन इस अधिनियम ने भारतीय नागरिक सेवाओं पर भारत मन्त्री के संरक्षण, नियन्त्रण और नियुक्ति के अधिकार को समाप्त कर दिया।

RBSE Solutions for Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

16. भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम 1947 का मूल्यांकन:
भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 के द्वारा भारत में लगभग दो सौ वर्ष पुरानी ब्रिटिश सत्ता समाप्त हो गयी तथा समस्त शक्तियाँ दो नए स्वतन्त्र अधिराज्यों भारत और पाकिस्तान को स्थानान्तरित कर दी गयौँ। भारत की प्रभुसत्ता अब भारत की संविधान सभाओं को प्राप्त हो गयी। लॉर्ड माउंटबेटन भारत के प्रथम गवर्नर जनरल बने। उन्होंने पं. जवाहर लाल नेहरू को स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री के रूप में शपथ दिलायी।

इस अधिनियम के माध्यम से सत्ता का शान्तिपूर्ण तरीके से हस्तान्तरण हो गया। यह अधिनियम अंग्रेजों की भारत से भव्य एवं गौरवपूर्ण विदाई थी। इस प्रकार भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम ने भारतीय उपमहाद्वीप से ब्रिटिश साम्राज्यवादी शासन का अन्त कर दिया। अब उसके दो उत्तराधिकारी, दो सम्प्रभुता सम्पन्न राज्य-भारत और पाकिस्तान बन गए थे।

RBSE Solutions for Class 11 Political Science

Share this:

  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)

Related

Filed Under: Class 11 Tagged With: RBSE Solutions for Class 11 Political Science Chapter 20 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Recent Posts

  • RBSE Solutions for Class 7 Our Rajasthan in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 6 Our Rajasthan in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 7 Maths Chapter 15 Comparison of Quantities In Text Exercise
  • RBSE Solutions for Class 6 Maths Chapter 6 Decimal Numbers Additional Questions
  • RBSE Solutions for Class 11 Psychology in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 11 Geography in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 Hindi
  • RBSE Solutions for Class 3 English Let’s Learn English
  • RBSE Solutions for Class 3 EVS पर्यावरण अध्ययन अपना परिवेश in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 Maths in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 in Hindi Medium & English Medium

Footer

RBSE Solutions for Class 12
RBSE Solutions for Class 11
RBSE Solutions for Class 10
RBSE Solutions for Class 9
RBSE Solutions for Class 8
RBSE Solutions for Class 7
RBSE Solutions for Class 6
RBSE Solutions for Class 5
RBSE Solutions for Class 12 Maths
RBSE Solutions for Class 11 Maths
RBSE Solutions for Class 10 Maths
RBSE Solutions for Class 9 Maths
RBSE Solutions for Class 8 Maths
RBSE Solutions for Class 7 Maths
RBSE Solutions for Class 6 Maths
RBSE Solutions for Class 5 Maths
RBSE Class 11 Political Science Notes
RBSE Class 11 Geography Notes
RBSE Class 11 History Notes

Copyright © 2023 RBSE Solutions