Rajasthan Board RBSE Class 12 Biology Chapter 17 आर्थिक वनस्पति विज्ञान एवं मानव कल्याण
RBSE Class 12 Biology Chapter 17 पाठ्य पुस्तक के प्रश्न एवं उत्तर
RBSE Class 12 Biology Chapter 17 बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मानव की मूलभूत आवश्यकता(एँ) हैं-
(अ) खाद्य भोजन
(ब) वस्त्र
(स) आवास
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 2.
मसालों वाले पादपों को माना जाता है-
(अ) खाद्य पादप
(ब) सहखाद्य पादप
(स) औषधीय पादप
(द) चर्वणी पादप
उत्तर:
(ब) सहखाद्य पादप
RBSE Class 12 Biology Chapter 17 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
स्टार्च उत्पादक दो पादपों के नाम लिखिए।
उत्तर:
अखरोट, साबूदाना।
प्रश्न 2.
मानव की मूलभूत आवश्यकताएँ कौन-कौन-सी हैं?
उत्तर:
भोजन, वस्त्र तथा आवास मानव की तीन मूलभूत आवश्यकताएँ हैं।
प्रश्न 3.
हरे पादप अन्य सजीवों से क्या विशिष्टता दर्शाते हैं?
उत्तर:
हरे पादप सजीवों को एक विशिष्ट लक्षण दर्शाते हैं। यह सूर्य की कभी न समाप्त होने वाली विकिरण ऊर्जा को कार्बनिक पदार्थों के रूप में संचित करते हैं।
प्रश्न 4.
वाष्पशील तेल व वसीय तेल प्रदान करने वाले एक-एक पादप का नाम लिखिए।
उत्तर:
वाष्पशील तेल प्रदान करने वाला पादप-चन्दन।
वसीय तेल प्रदान करने वाला पादप-सरसों।
RBSE Class 12 Biology Chapter 17 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
आर्थिक वनस्पति विज्ञान की परिभाषा दीजिए तथा इसके महत्व को समझाइए।
उत्तर:
परिभाषा-वे पादप जिनसे मनुष्य के लिए उपयोगी पदार्थों की प्राप्ति की जाती है, आर्थिक दृष्टि से उपयोगी पादप माने जाते हैं। उपयोगी पादपों तथा उनके उत्पादों के अध्ययन को आर्थिक वनस्पति विज्ञान (Economic Botany) कहते हैं। महत्त्व-आर्थिक वनस्पति विज्ञान को मानव के जीवन में बहुत महत्व है। मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति इन्हीं पादपों द्वारा होती है। वास्तव में पादप परिवार ही किसी देश का राष्ट्र धन (Wealth of Nation) होता है। हमारे देश की आर्थिक सम्पन्नता में इनका विशेष महत्व है। मनुष्य की तीनों आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु पादपों द्वारा खाद्य पदार्थ, रेशे, काष्ठ तथा कई अन्य पदार्थ प्रचुर मात्रा तथा कई रूपों में उपलब्ध कराए जाते हैं।
प्रश्न 2.
पेय पदार्थों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
चाय, कॉफी, कोका-पेय पदार्थ इन्हीं पौधों से प्राप्त होते हैं।
प्रश्न 3.
औद्योगिक पादपों पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
आर्थिक दृष्टि से उपयोगी पादपों का वर्गीकरण विभिन्न आधारों पर तथा कई वनस्पतिज्ञों द्वारा किया गया है। उन्होंने आर्थिक महत्व के पादपों को चार वर्गों में विभक्त किया है जिनमें औद्योगिक महत्व के पादपों का अपना एक अलग स्थान है। इस सम्बन्ध में ए०एफ० हिल (A.F. Hill, 1952) द्वारा अपनी पुस्तक ‘Economic Botany’ में प्रस्तुत वर्गीकरण सर्वाधिक मान्य है। इनमें दिए गए औद्योगिक पादपों (Industrial Plants) का उल्लेख इस प्रकार से है।
(क) रेशे वाले पादप-कपास, जूट, पटसन।
(ख) टिम्बर पादप-सागवान, शीशम।
(ग) रबड़ पादप-पारा, रबड़।
(घ) गोंद तथा रेजिन्स–बबूल, चीड़।
(ङ) वाष्पशील तेल–चन्दन, मोगरा।
(च) वसीय तेल-सरसों, मूंगफली, नारियल, अरण्ड।
(छ) शर्करा के स्टार्च-गन्ना, चुकन्दर, अखरोट, साबूदाना।
इन सभी पादपों का औद्योगिक क्षेत्र में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है। इनके द्वारा मानव जाति की अन्य आवश्यकताओं को पूरा किया जाता है।
RBSE Class 12 Biology Chapter 17 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
आर्थिक महत्व के पादपों के उपयुक्त वर्गीकरण की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
आर्थिक महत्व के पादपों का वर्गीकरण-आर्थिक दृष्टि से उपयोगी पादपों का वर्गीकरण विभिन्न आधारों पर तथा कई वनस्पतिज्ञों द्वारा किया गया है। इस सम्बन्ध में ए०एफ० हिल (A.F. Hill, 1952) द्वारा अपनी पुस्तक ‘Economic Botany’ में प्रस्तुत वर्गीकरण सर्वाधिक मान्य है, इसके अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के उपयोगी पादपों व उनके उत्पादों को सम्मिलित किया गया है। ऐसे कुछ उत्पाद हैं; अनाज, दालें, फल, सब्जियाँ, मसाले, खाद्य तेल, औषधियाँ, रेशे, चाय व काफी, रबर, गोंद, रंजक (रंग), कागज, मंड तथा शर्कराएँ, एल्कोहॉलिक पेय, इमारती व जलाऊ काष्ठ, धूम्रपान, चर्वणी तथा मादक पदार्थ (Fumitories, Masticatories and Narcotic substances), चारा, शोभाकारी पादप, सुगंध तेल (वाष्पशील तेल) तथा जैवकीटनाशी आदि। इन आर्थिक महत्व के पादपों का वर्गीकरण चार वर्गों में
निम्न प्रकार से है-
I. खाद्य पादप (Food Plants)-ऐसे पादप वर्ग जो हमारी खाद्य सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। इसके अन्तर्गत सभी अनाज तथा मोटे अनाज, दालें, सब्जियाँ, फल आदि आते हैं। जो इस प्रकार से हैं-
(क) अनाज तथा मोटे अनाज-इसमें गेहूं, चावल, मक्का, जौ, बाजरा आदि पादपों को रखा गया है।
(ख) दालें-इसके अन्तर्गत सभी महत्वपूर्ण दालें जैसे–चना, मूंग, उड़द, अरहर, मोठ, चौला इत्यादि हैं।
(ग) सब्जियाँ–सभी प्रकार की सब्जियाँ, जैसे-आलू, बैंगन, टमाटर, कद्दू तथा भिण्डी इत्यादि पादप इसके अन्तर्गत हैं।
(घ) फल-अनार, संतरा, केला, सेब आदि फल प्रदान करने वाला पादप समूह।
II. FECIET UIGU (Food Adjuncts)
(क) मसाले तथा गर्म मसाले-जैसे-हल्दी, मिर्च, काली मिर्च, धनिया आदि।
(ख) पेय पदार्थ-चाय, कॉफी, कोका आदि पादप जो पेय पदार्थ प्रदान करते हैं।
III. autoreita Uigu (Medicinal Plants)
(क) औषधीय पादप-ऐसे पादप जिनमें औषधि के सभी गुण विद्यमान होते हैं तथा चिकित्सा आदि के लिए प्रयोग किये जाते हैं, अति महत्वपूर्ण हैं। जैसे-अश्वगंधा, गिलोय, सफेद मूसली, नीम, अतीस, अफीम, सर्पगन्धा आदि।
(ख) धूम्रपान, चर्वण तथा मादक पदार्थ–तम्बाकू, सुपारी, भांग इत्यादि पादप।
IV. औद्योगिक पादप (Industrial Plants)-यह ऐसे पादपों का वर्ग है, जिनका औद्योगिकी में अपना महत्वपूर्ण स्थान है। इनमें रेशे प्रदान करने वाले पादपों का प्रयोग वस्त्र उद्योग आदि में किया जाता है। इसी प्रकार टिम्बर पादपों का उपयोग फर्नीचर, दरवाजे, खिड़कियाँ आदि बनाने में किया जाता है। वहीं रबड़ पादप से प्राप्त पदार्थों का उपयोग रबड़ से बनाई जाने वाली वस्तुओं में किया जाता है। इसी प्रकार गोंद तथा रेजिन्स, वाष्पशील तेल, वसीय तेल तथा शर्करा व स्टार्च देने वाले पौधों का अपना-अपना औद्योगिक महत्व है। ये सभी निम्न प्रकार से हैं-
(क) रेशे वाले पादप-कपास, जूट, पटसन।
(ख) टिम्बर पादप-सागवान, शीशम।
(ग) रबड़ पादप-पारा, रबड़।
(घ) गोंद तथा रेजिन्स-बबूल, चीड़।
(ङ) वाष्पशील तेल–चन्दन, मोगरा।
(च) वसीय तेल–सरसों, मूंगफली, नारियल, अरण्ड।
(छ) शर्करा व स्टार्च-गन्ना, चुकन्दर, अखरोट, साबूदाना।
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