Rajasthan Board RBSE Class 12 Chemistry Chapter 14 जैव-अणु
RBSE Class 12 Chemistry Chapter 14 अभ्यास प्रश्न
RBSE Class 12 Chemistry Chapter 14 बहुविकल्पीय प्रश्न
1. कोशिका का पावर हाऊस कहलाता है
(अ) गाल्जीकार्य
(ब) माइटोकॉन्ड्यिा
(स) साइटोसोम
(द) राइबोसोम
2. निम्न में से कौन-सा डाइसैकेराइड है
(अ) स्टॉर्च
(ब) फ्रक्टोस
(स) लेक्टोस
(द) सैलुलोस
3. स्टॉर्च का जल अपघटन करने पर अन्त में प्राप्त उत्पाद है
(अ) फ्रक्टोस
(ब) सुक्रोस
(स) माल्टोस
(द) ग्लूकोस
4. सबसे सामान्य डाइसैकेराइड का अणुसूत्र है
(अ) (C6 H12O6)2
(ब) C12H22O11
(स) C10H22O11
(द) C18H12O11
5. निम्न में से कौन-सी अपचायक शर्करा नहीं है
(अ) ग्लूकोस
(ब) फ्रक्टोस
(स) सुक्रोस
(द) माल्टोस
6. प्रोटीन का जल अपघटन एन्जाइम की उपस्थिति में करने पर प्राप्त होता है
(अ) ऐमीनो अम्ल
(ब) हाइड्रॉक्सी अम्ल
(स) ऐरोमेटिक अम्ल
(द) डी-कार्बोक्सिलिक अम्ल
7. दानेदार प्रोटीन का उदाहरण है
(अ) कोलेजन
(ब) इंसुलिन
(स) मायोसिन
(द) किरेटीन
8. ऐलेनीन उदाहरण है
(अ) α – ऐमीनो अम्ल
(ब) β – फ्रक्टोस
(स) γ – लेक्टोस
(द) λ -सेलुलोस
9. क्षारीय ऐमीनो अम्ल है
(अ) ग्लाइसीन
(ब) ऐस्पार्टिक अम्ल
(स) लाइसीन
(द) ग्लूटैनिक अम्ल
10. एन्जाइम होते हैं
(अ) कार्बोहाइड्रेट
(ब) प्रोटीन
(स) वसा
(द) लवण
11. प्रोटीन का ऐमीनो अम्ल में परिवर्तन, निम्न में से किस एन्जाइम द्वारा होता है
(अ) लाइपेज
(ब) माल्टेस
(स) ट्रिप्सिन
(द) रेनिन
12. ‘रासायनिक दूत’ कहलाते हैं
(अ) हार्मोन्स
(ब) एन्जाइम
(स) विटामिन
(द) न्यूक्लिक अम्ल
13. मनुष्य में थाइराइड ग्रन्थि की संख्या है
(अ) एक
(ब) दो।
(स) तीन
(द) चार
14. वृद्धि हार्मोन्स स्त्रावित होते हैं-
(अ) थाइरॉइड ग्रन्थि द्वारा
(ब) पीयूष ग्रन्थि द्वारा
(स) थाइमस ग्रन्थि द्वारा
(द) अग्नाशय द्वारा
15. विटामिन A की कमी से होने वाला रोग है|
(अ) रतौंधी
(ब) स्कर्वी रोग
(स) बेरी-बेरी
(द) एनीमिया
16. न्यूक्लिक अम्ल में, न्यूक्लियोटाइडस एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं
(अ) हाइड्रोजन आबंध द्वारा
(ब) पेप्टाइड आबन्ध द्वारा
(स) फॉस्फोरस समूह द्वारा
(द) ग्लाइकोसाइड आबंध द्वारा
17. कितने न्यूक्लिटाइड का एक क्रम ऐमीनो अम्ल के लिए। संदेशवाहक RNA (mRNA) में एक कोडोन बनाता है
(अ) एक
(ब) दो
(स) तीन
(द) चार
18. RNA वे DNA किरैलता असममित अणु होते हैं, इनकी किरैलता का कारण है-
(अ) असममित क्षार
(ब) D – शर्करा घटक
(स) L – शर्करा घटक
(द) असममित फॉस्फेट एस्टर इकाईयाँ
19. RNA में कार्बनिक क्षार है-
(अ) एडिनिन और यूरेसिल तथा साइटोसिन और ग्वानिन
(ब) एडिनिन और ग्वानिन तथा थाइमिन और साइटोसिन
(स) ऐडिनिन और थाइमिन तथा ग्वानिन और साइटोसिन
(द) एडिनिन और ग्वानिन तथा यूरेसिल और साइटोसिन
20. न्यूक्लिक अम्ल में क्रम है-
(अ) क्षार-शर्करा-फॉस्फेट
(ब) शर्करा-क्षार-फॉस्फेट
(स) फॉस्फेट- क्षार-शर्करा
(द) क्षार-फॉस्फेट-शर्करा
उत्तरमाला:
1. (ब)
2. (स)
3. (द)
4. (ब)
5. (स)
6. (अ)
7. (ब)
8. (अ)
9. (स)
10. (ब)
11. (स)
12. (अ)
13. (अ)
14. (ब)
15.(अ)
16. (स)
17. (स)
18. (द)
19.(अ)
20. (अ)
RBSE Class 12 Chemistry Chapter 14 अति लघुत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 21.
कोशिका का रासायनिक संघटन लिखिए।
उत्तर:
रासायनिक रूप से कोशिका जैव अणुओं जैसे-कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, बसा य लिपिड न्यूक्लिक अम्ल जल तथा खनिज लवणों से निर्मित होती है।
प्रश्न 22.
मोनोसैकेराइड क्या होते हैं?
उत्तर:
वे कार्बोहाइड्रेट्स जिनको पॉलीहाइड्रॉक्सी ऐल्डिहाइड और कीटोन के और अधिक सरल यौगिकों में जल अपघटित नहीं किया जा सकता है मोनोसैकेराइड कहलाते है। उदाहरण-ग्लूकोस तथा फ्रक्टोस आदि।
प्रश्न 23.
अशर्करा क्या होती है?
उत्तर:
अशर्कराएँ स्वादहीन, जल में अविलेय तथा कोलॉइडी विलयन बनाने वाली अक्रिस्टलीय ठोस होती है। उदाहरण-सेलुलोस, स्टार्च, ग्लाइकोजन आदि।
प्रश्न 24.
स्टॉर्च तथा सैलुलोस में मुख्य संरचनात्मक अन्तर क्या
उत्तर:
स्टॉर्च α – ग्लूकोस का बहुलक है जबकि सेलुलोस β – ग्लूकोस का बहुलक होता है।
प्रश्न 25.
आवश्यक तथा अनावश्यक ऐमीनो अम्ल को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
अनावश्यक ऐमीनो अम्ल (Non-essential amino Acids)-वे ऐमीनो अम्ल जो मानव शरीर में संश्लेषित हो सकते हैं। अनावश्यक ऐमीनो अम्ल कहलाते हैं। आवश्यक ऐमीनो अम्ल (Essential Amino Acids)-वे ऐमीनो अम्ल जिनका संश्लेषण मानव शरीर में नहीं हो पाता है आवश्यक ऐमीनो अम्ल कहलाते हैं। इन्हें भोजन के द्वारा प्राप्त किया जाता है।
प्रश्न 26.
‘एन्जाइम’ का प्रमुख कार्य क्या है?
उत्तर:
जैविक अभिक्रियाओं की दर बढ़ाना एन्जाइम का प्रमुख कार्य होता है।
प्रश्न 27.
हार्मोन्स ‘ग्रन्थि रस’ क्यों कहलाते हैं?
उत्तर:
क्योंकि हार्मोन विशिष्ट अन्तःस्त्रावी ग्रन्थियों से उत्सर्जित होते हैं।
प्रश्न 28.
जल में विलेय विटामिन कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
विटामिन C तथा B काम्पलैक्स
प्रश्न 29.
DNA में पाए जाने वाले कार्बनिक क्षार कौन-से हैं?
उत्तर:
थायमीन, साइटोसिन, एडेनीन एवं ग्वानीन क्षार DNA में पाए जाते हैं।
प्रश्न 30.
न्यूक्लिक अम्ल के महत्त्वपूर्ण कार्य क्या हैं?
उत्तर:
जीवधारियों के आनुवांशिक गुणों का निर्धारण करना तथा जीवों में जनन, वृद्धि, मरम्मत, विकास आदि कार्यों को नियन्त्रित करना न्यूक्लिक अम्ल के महत्त्वपूर्ण कार्य है।
RBSE Class 12 Chemistry Chapter 1 4 लघुत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 31.
कार्बोहाइड्रेट के कार्य लिखिए
उत्तर:
कार्बोहाइड्रेट के कार्य
(i) कार्बोहाइड्रेट का प्रमुख कार्य शरीर को ऊष्मा तथा ऊर्जा प्रदान करना है।
(ii) ये पौधों में स्टार्च तथा जन्तुओं में ग्लाइकोजन (Glycogen) के रूप में संग्रहित रहते हैं।
(iii) पादपों का कंकाल निर्माण करना।
(iv) कार्बोहाइड्रेट कोशिका झिल्ली (Cell wall) का निर्माण भी करते हैं। उदाहरण सेलुलोज (Cellulose) पादपों की कोशिका झिल्ली में पाया जाता है।
प्रश्न 32.
ग्लूकोस बनाने की दो विधियाँ लिखिए।
उत्तर:
ग्लूकोस बनाने की विधि (Preparation of Glucose)-ग्लूकोस के दो मुख्य स्रोत सुक्रोस तथा स्टार्च हैं
(i) सुक्रोस से-सुक्रोस (गन्ने या इक्षु-शर्करा) डाइसैकेराइड है। इसका सामान्य सूत्र C12 H22 O11है। जब सुक्रोस के जलीय विलयन को तनु HCl अथवा H2SO4 के साथ उबाला जाता है, (क्वथन) तो ग्लूकोस तथा फ्रक्टोज समान मात्रा में प्राप्त होते हैं।
(ii) स्टार्च से-स्टार्च एक पॉलीसैकेराइड है। स्टार्च को तनु H2SO4 के साथ 393 K तथा 2 से 3 वायुमण्डलीय दाब पर गर्म करते हैं तो ग्लूकोस प्राप्त होता है।
प्रश्न 33.
‘सिकिल सेल एनीमिया’ रोग क्यों होता है?
उत्तर:
हीमोग्लोबिन में वेलीन अम्ल द्वारा ग्लूमैटिक अम्ल हटाने पर हीमोग्लोबिन के गुण बदल जाते हैं तथा इससे ‘सिकिल सेल ऐनीमिया’ रोग हो जाता है।
प्रश्न 34.
ग्लूकोस की ‘हलिंग विलयन’ तथा ‘टॉलेन अभिकर्मक’ से होने वाली अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
ग्लूकोस फेहलिंग विलयन व टॉलेन अभिकर्मक का अपचयन करता है तथा स्वयं आक्सीकृत होकर ग्लूकोनिक अम्ल बनाता
CH2OH (CHOH)2 – CHO + 2Ag (NH3)2 OH→ CH2OH (CHOH)4 COOH + 2Ag ↓ + 4NH3 + 2H2O
CH2OH (CHOH)4 CHO+2Cu (OH)2 → CH2OH (CHOH)4 COOH + Cu2O + 2H2O
प्रश्न 35.
हार्मोन्स को रासायनिक क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
क्योंकि ये अपने उत्पत्ति स्थल से दूर की कोशिकाओं में कार्य करते हैं।
प्रश्न 36.
ऐमीनो अम्ल को समविभव बिन्दु क्या है? परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
ऐमीनो अम्ल का ‘समविभव बिन्दु’ वह pH मान है जिस पर विद्युत विभव लगाने पर अम्ल किसी भी इलेक्ट्रोड की ओर गमन नहीं
करता है।
प्रश्न 37.
एन्जाइम तथा हार्मोन्स में एक समानता तथा एक असमानता क्या है?
उत्तर:
एन्जाइम की तरह हार्मोन भी शरीर उत्प्रेरकों (Catalysts) का कार्य करते हैं, ये अल्प मात्रा में प्रयुक्त होते है तथा क्रिया के दौरान प्रयुक्त नहीं होते हैं। तथापि हार्मोन निम्नलिखित लक्षणों में एन्जाइम से भिन्न होते हैं
(i) ये उन अंगों पर कार्य करते हैं जो इनके उत्पादक अंगों अथवा ग्रन्थियों से भिन्न हैं।
(ii) संरचनात्मक रूप से ये सदैव प्रोटीन नहीं होते हैं। ये 30,000 अथवा कम अणुभार वाले प्रोटीन लघु पॉलीपेप्टाइड एकल ऐमीनो अम्ल तथा स्टिरॉइड्स हो सकते हैं।
(iii) उपयोग के पूर्व ही ये रक्त में स्रावित होते हैं।
प्रश्न 38.
प्रोटीन का विकृतिकरण किसे कहते हैं? समझाइए।
उत्तर
प्रोटीन एक जटिल त्रिविमीय संरचना वाले अणु होते हैं। भौतिक परिवर्तन जैसे ताप, दाब, pH में परिवर्तन तथा लवण या रासायनिक कारकों की उपस्थिति में प्रोटीन की प्राकृतिक संरचना का बिखरना प्रोटीन का विकृतिकरण (Denaturation of Protein) कहलाता है। विभिन्न परिवर्तनों के कारण हाइड्रोजन आबन्धों में अस्त-व्यस्तता उत्पन्न हो जाती है। जिसे प्रोटीन अणु नियमित तथा विशेष आकृति से, अकुण्डलित होकर अधिक टेढ़ी-मेढ़ी आकृति में परिवर्तित हो जाते हैं। विकृतिकरण के कारण प्रोटीन अपनी जैविक सक्रियता खो देती है। रासायनिक रूप से विकृतिकरण (Denaturation) के कारण प्रोटीन की द्वितीयक तथा तृतीयक संरचना प्रभावित होती है किन्तु प्राथमिक संरचना में कोई परिवर्तन नहीं होता है। विकृतिकरण की यह प्रक्रिया अनुक्रमणीय होती है।
प्रश्न 39.
आनुवांशिक कूट किसे कहते हैं?
उत्तर
आनुवांशिक कूट: “न्यूक्लियोटाइड ट्रिप्लेट तथा ऐमीनो अम्ल के बीच सम्बन्ध को आनुवांशिक कूट कहते हैं। इसे m-RNA के तीन क्षारों के समूह द्वारा व्यक्त करते हैं।” जैसा कि पहले बाताया गया है कि किसी विशिष्ट प्रोटीन संश्लेषण का संकेत (Code) DNA में निहित होता है। डी.एन.ए. (DNA) में न्यूक्लियोटाइडों के क्रम को जीन (Gene) कहते हैं। जीव कोशिकाओं में प्रत्येक प्रोटीन का अपना एक विशिष्ट जीन होता है। कुल 20 ऐमीनो अम्लों के विशिष्ट क्रम में जुड़ने से सभी प्रकार के प्रोटीनों का संश्लेषण होता है।
प्रश्न 40.
प्रोटीन की प्राथमिक तथा द्वितीयक संरचना में विभेदीकरण कीजिए।
उत्तर:
प्रोटीन की प्राथमिक संरचना प्रोटीन α-एमीनो अम्ल द्वारा बने होते हैं। प्रोटीन की प्राथमिक संरचना का निर्माण ऐमीनो अम्लों के रेखीय क्रम में पेप्टाइड बन्ध द्वारा जुड़ने से होता है। प्रोटीन की प्राथमिक संरचना द्वारा प्रोटीन में उपस्थित विभिन्न ऐमीनो अम्ल उनकी संख्या तथा उनके जुड़ने के विशिष्ट क्रम आदि की जानकारी प्राप्त होती है। प्रोटीन की प्राथमिक संरचना में पेप्टाइड बन्ध, हाइड्रोजन बन्ध तथा डाई सल्फाइड बन्ध पाये जाते हैं। प्रोटीन में उपस्थित ऐमीनो अम्ल के क्रम में किसी भी ऐमीनो अम्ल के क्रम का परिवर्तन पूरे प्रोटीन अणु के गुणों तथा जैविक सक्रियता को बदल देता है।
प्रश्न 41.
परिवर्ती धुवण घूर्णन समझाइए।
उत्तर:
परिवर्ती धुवण घूर्णन किसी पदार्थ के जलीय विलयन के विशिष्ट घूर्णन का मान समय के साथ यदि परिवर्तन होता है अर्थात् समय के साथ ध्रुवण घूर्णन का मान बढ़ता या घटता है। तो पदार्थ के इस गुण को परिवर्ती ध्रुवण घूर्णन या म्यूटाघूर्णन कहते हैं। कई कार्बोहाइड्रेट जैसे-ग्लूकोस में यह गुण पाया जाता है।
प्रश्न 42.
विटामिन B12, तथा विटामिन A की कमी से होने वाले रोगों के नाम बताइए तथा इन विटामिन के स्रोत के नाम दीजिए।
उत्तर:
विटामीन-B12 या साइनोकोब्लेमीन
स्रोत: दूध, अण्डा, यकृत, मछली तथा सभी जन्तु ऊतक
अभाव रोग: प्रकाशी रक्ताल्पता चेतना शून्यता जीभ व मुँह पर सूजन होना, झनझनाहट घबराहट
विटामीन-A या रेटिनॉल
स्रोत: दूध, मक्खन, अण्डे मछली तथा। कैरोटिनाइड विटामीन A के अग्रदूत होते है। पीले साग-सब्जी
अभाव रोग: रतौंधी (Night blindness) वृद्धि मन्द होना, जीरोसिस (त्वचा का सूखा होना), जीरोपन्थौल्मिया (कार्निया अपारदर्शक हो जाती है)।
प्रश्न 43.
DNA तथा RNA में चार अन्तर लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 44.
ग्लूकोस तथा फ्रक्टोस की हावर्थ संरचनाएँ लिखिए।
उत्तर:
ग्लूकोस तथा फ्रक्टोस दोनों का ही अणुसूत्र C6 H12 O6 होता है। अर्थात् दोनों ही हेक्सोस शर्करा हैं। ग्लूकोस एक एल्डोहेक्सोस तथा फ्रक्टोस कीटोहेक्सौस शर्करा है। ग्लूकोस (Glucose) परिचय ग्लूकोस प्राकृतिक रूप से बहुत अधिक मात्रा में पाया जाने वाली कार्बनिक यौगिक है। यह अनेक कार्बोहाइड्रेट का एकलक (Monomer) होता है, जैसे-सेलुलोस, स्टार्च आदि । ग्लूकोस प्रकृति में मुक्त व संयुक्त दोनों अवस्था में मिलता है।
ग्लूकोस बनाने की विधि ग्लूकोस के दो मुख्य स्रोत सुक्रोस तथा स्टार्च हैं
(i) सुक्रोस से-सुक्रोस (गन्ने या इक्षु-शर्करा) डाइसैकेराइड है। इसका सामान्य सूत्र C12 H22 O11है। जब सुक्रोस के जलीय विलयन को तनु HCl अथवा H2SO4 के साथ उबाला जाता है, (क्वथन) तो ग्लूकोस तथा फ्रक्टोज समान मात्रा में प्राप्त होते हैं।
(ii) स्टार्च से-स्टार्च एक पॉलीसैकेराइड है। स्टार्च को तनु H2SO4 के साथ 393 K तथा 2 से 3 वायुमण्डलीय दाब पर गर्म करते हैं तो ग्लूकोस प्राप्त होता है।
प्रश्न 45.
प्रोटीन को परिभाषित कीजिए व इसका वर्गीकरण लिखिए।
उत्तर:
प्रोटीन ‘Protein’ नाम बर्जीलियस द्वारा सन् 1938 में दिया गया है। प्रोटीन ‘Protein’ नाम ग्रीक शब्द “ से लिया गया है। जिसका अर्थ होता। है प्राथमिक (Primary) या प्रथम या अति महत्त्वपूर्ण क्योंकि प्रोटीन जीवन सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण रासायनिक पदार्थ है, जो जीवन की वृद्धि मरम्मत तथा अनुरक्षण के लिए अतिआवश्यक यौगिक है। प्रोटीन सभी जीवित कोशिकाओं में पाए जाते हैं। इनकी जीवन कोशिकाओं के उपापचय तथा संरचना में महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। जन्तुओं (जीवधारियों) के बाल, त्वचा, हीमोग्लोबिन, नाखुन, एन्जाइम तथा जन्तु कोशिका भित्ति आदि प्रोटीन के बने होते हैं।
प्रोटीन का वर्गीकरण संघटन के आधार पर प्रोटीन दो प्रकार के होते हैं।
1. रेशेदार प्रोटीन (Fibrous Proteins)-ये रेखीय अणुओं से बनी प्रोटीन होती है जिनमें विभिन्न पॉलीपेप्टाइड श्रृंखलाएँ अन्तरा आणविक हाइड्रोजन अथवा सल्फाइड बन्धों द्वारा जुड़ी होती हैं। ये लम्बी धागे सदृश्य संरचनाएँ होती हैं अर्थात् पॉलीपेप्टाइड श्रृंखलाएँ समान्तर होती हैं। तथा इनकी संरचना ताप तथा pH मान में परिवर्तन के बाद भी परिवर्तित नहीं होती है। ये जल में अविलेय प्रोटीन है,जो जन्तु ऊतकों के संरचनात्मक पदार्थों को बनाती है। उदाहरण- कोलेजन, मायोसिन (माँस पेशियों में), किरेटिन (बाल तथा ऊन में), आदि।
2. गोलिकाकार प्रोटीन (Globular Proteins)-ये कुन्डलीनुमा अणुओं से बनी प्रोटीन है जिनमें विभिन्न पॉलीपेप्टाइड श्रृंखलााएँ अन्तः आणविक हाइड्रोजन बन्धों द्वारा जुड़ी रहती है। ये अम्ल, क्षार तथा लवणों के जलीय विलयन में विलेय प्रोटीन है। जिनका कार्य जीवन चक्र को नियन्त्रित करना तथा उसकी देखभाल करना है। उदाहरण-हीमोग्लोबिन, इंसुलिन, ऐल्बुमिन आदि।
प्रश्न 46.
ग्लूकोस की सामान्य रासायनिक अभिक्रिया दीजिए।
उत्तर:
ग्लूकोस तथा फ्रक्टोस दोनों का ही अणुसूत्र C6 H12 O6 होता है। अर्थात् दोनों ही हेक्सोस शर्करा हैं। ग्लूकोस एक एल्डोहेक्सोस तथा फ्रक्टोस कीटोहेक्सौस शर्करा है। ग्लूकोस (Glucose) परिचय ग्लूकोस प्राकृतिक रूप से बहुत अधिक मात्रा में पाया जाने वाली कार्बनिक यौगिक है। यह अनेक कार्बोहाइड्रेट का एकलक (Monomer) होता है, जैसे-सेलुलोस, स्टार्च आदि । ग्लूकोस प्रकृति में मुक्त व संयुक्त दोनों अवस्था में मिलता है।
ग्लूकोस बनाने की विधि ग्लूकोस के दो मुख्य स्रोत सुक्रोस तथा स्टार्च हैं:
(i) सुक्रोस से-सुक्रोस (गन्ने या इक्षु-शर्करा) डाइसैकेराइड है। इसका सामान्य सूत्र C12 H22 O11है। जब सुक्रोस के जलीय विलयन को तनु HCl अथवा H2SO4 के साथ उबाला जाता है, (क्वथन) तो ग्लूकोस तथा फ्रक्टोज समान मात्रा में प्राप्त होते हैं।
(ii) स्टार्च से-स्टार्च एक पॉलीसैकेराइड है। स्टार्च को तनु H2SO4 के साथ 393 K तथा 2 से 3 वायुमण्डलीय दाब पर गर्म करते हैं तो ग्लूकोस प्राप्त होता है।
प्रश्न 47.
सेलुलोस तथा स्टॉर्च के मुख्य स्रोत क्या है, इनकी संरचनाओं की संक्षिप्त में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
स्टार्च कार्बोहाइड्रेट का मुख्य स्रोत है तथा पौधों में संग्रहित पॉलीसैकेराइड है। ये मनुष्यों के आहार का मुख्य स्रोत है और ये शरीर को ऊर्जा की पूर्ति करते हैं। इनका अणुसूत्र (C6H10O5), है। स्टार्च के मुख्य स्रोत गेहूँ, मक्का, चावल, जौ, आलु, कन्द आदि है तथा कुछ सब्जियों में भी स्टार्च प्रचुर मात्रा में मिलता है।
स्टार्च की संरचना
स्टार्च को जल अपघटन तनु अम्लों से करवाने पर यह α-D (+)-ग्लूकोस देता है तथा एन्जाइम डायस्टेज द्वारा यह माल्टोस देता है अर्थात् यह α- ग्लूकोस का बहुलक है।
स्टार्च दो यौगिकों से मिलकर बना होता है।
(i) ऐमिलोस-जो जल में विलेय घटक होता है।
(ii) ऐमिलोपेक्टिन-जो जल में अविलेय घटक होता है।
प्रश्न 48.
निम्न के जल अपघटन पर प्राप्त होने वाले अन्तिम उत्पाद क्या है?
उत्तर:
प्रश्न 49.
प्रोटीन को परिभाषित कीजिए। इसका जल अपघटन दीजिए। प्रोटीन की प्राथमिक तथा द्वितीयक संरचना समझाइए।
उत्तर:
प्रोटीन ‘Protein’ नाम बर्जीलियस द्वारा सन् 1938 में दिया गया है। प्रोटीन ‘Protein’ नाम ग्रीक शब्द “Proteios से लिया गया है। जिसका अर्थ होता। है प्राथमिक (Primary) या प्रथम या अति महत्त्वपूर्ण क्योंकि प्रोटीन जीवन सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण रासायनिक पदार्थ है, जो जीवन की वृद्धि मरम्मत तथा अनुरक्षण के लिए अतिआवश्यक यौगिक है। प्रोटीन सभी जीवित कोशिकाओं में पाए जाते हैं। इनकी जीवन कोशिकाओं के उपापचय तथा संरचना में महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। जन्तुओं (जीवधारियों) के बाल, त्वचा, हीमोग्लोबिन, नाखुन, एन्जाइम तथा जन्तु कोशिका भित्ति आदि प्रोटीन के बने होते हैं।
प्रश्न 50.
एन्जाइम के कार्य लिखिए। इनका वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
एन्जाइम जैव उत्प्रेरक (Bio Catalyst) भी कहलाते हैं। क्योंकि ये जीवित | कोशिकाओं द्वारा संश्लेषित किये जाते हैं। सर्वप्रथम जे, वर्जिलियस (3. Berzelius) ने एमाइलेस (Amylase) एन्जाइम की खोज की थी। इन जीव उत्प्रेरकों के एन्जाइम नाम डब्ल्यू कहेन (W.Kuhen) ने दिया। सर्वप्रथम जे.बी. समनर (J.B. Summer) ने 1926 में यूरियेस (Urease) एन्जाइम को क्रिस्टल रूप में प्रयोगशाला में संश्लेषित किया तथा यह बताया कि एन्जाइम प्रोटीन अणु होते हैं।
प्रश्न 51.
पीयूष ग्रन्थि तथा थाइराइड ग्रन्थि द्वारा स्त्रावित होने वाले हार्मोन्स के नाम तथा जैविक कार्य लिखिए।
उत्तर:
हार्मोन्स कोशिकाओं तथा ग्रन्थियों से स्रावित होने वाले जटिल कार्बनिक पदार्थ है, जो सजीवों में होने वाली विभिन्न जैव रासायनिक क्रियाओं वृद्धि एवं विकास, प्रजनन आदि का नियमनन तथा नियन्त्रण करते हैं। इन्हें “ग्रन्थि रस” भी कहा जाता है। क्योंकि ये अन्तस्रावी ग्रन्थियों (Endocrine glands) द्वारा स्रावित होते हैं। हार्मोन्स रासायनिक दूत भी कहलाते हैं, क्योंकि ये अपने उत्पत्ति स्थल से दूर की कोशिकाओं अथवा ऊतकों में कार्य करते हैं। हार्मोन्स की सूक्ष्म मात्रा भी काफी प्रभावशाली होती है, ये शरीर में ज्यादा समय तक संचित नहीं रहते हैं, कार्य समाप्ति के बाद ये नष्ट हो जाते हैं। तथा उत्सर्जन द्वारा शरीर के बाहर निकाल दिए जाते हैं।
प्रश्न 52.
विटामिन B-कॉम्पलेक्स क्या है? इनकी कमी से होने वाले रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर:
विटामिन भोजन के आवश्यक अवयव हैं। जिनकी सभी जीवों को अल्प मात्रा में आवश्यकता होती है। सर्वप्रथम फंक (Funk) ने विटामिन (Vitamins) शब्द का प्रयोग किया, जिसका अर्थ है अर्थात् जीवित तन्त्रों में मिलने वाला ऐमीन। सामान्यतः ये जीवों द्वारा नहीं बनाए जा सकते हैं। सभी विटामिन पेड़-पौधों तथा वनस्पतियों में संश्लेषित किये जाते हैं। मनुष्यों में भोजन के रूप में इनकी पूर्ति की जाती है। रासायनिक रूप से ये मुख्य पोषकों अर्थात् कार्बोहाइड्रेट्स प्रोटीन तथा वसा से भिन्न होते हैं। हालांकि ये कोशिका निर्माण तथा ऊर्जा के स्रोत नहीं होते हैं। लेकिन ये जैविक क्रियाओं में सहायक होते हैं। विटामिन की कमी या अभाव से विशेष रोग हो जाते हैं। विटामिन को
प्रश्न 53.
DNA की आणविक संरचना समझाइए।
उत्तर:
डी.एन.ए. (DNA) अणु दो स्ट्रेण्ड अथवा लड़ वाली रचना होती है। DNA की प्राथमिक संरचना DNA एक वृहद अणु है जिनका आणविक भार कई लाख तक होता है। चारगाफ (Chargaff) ने सन् 1950 में DNA का रासायनिक विश्लेषण किया तथा यह निष्कर्ष निकाला कि
1. ऐडेनीन (A) अणुओं की संख्या सदा थाइमीन (T) अणुओं तथा साइटोसीन (C) अणुओं की संख्या सदा ग्वानीन (G) अणुओं के समान होती है।
2. विभिन्न वर्गों के DNA में क्षार अनुपात अलग-अलग होता है परन्तु (A) हमेशा (T) तथा (C) हमेशा (G) के साथ जुड़ा होता है। सन् 1953 में विल्किन्स (Wilkins) तथा उनके साथियों ने एक्स-रे क्रिस्टेलोग्राफी द्वारा DNA का अध्ययन किया। विल्किन्स के अध्ययन के पश्चात् जे.डी. वाटसन (J.D. Watson) तथा एफ.एच.सी. क्रिक (E.H.C. Crick) ने सन् 1953 में डी.एन.ए. (DNA) के X-किरण विवर्तन अध्ययन (X-ray differaction Studies) के आधार पर डी.एन.ए. की द्विकुण्डलित संरचना दी। इसके लिए 1962 में उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला।
प्रश्न 54.
न्यूक्लिक अम्ल द्वारा प्रोटीन को संश्लेषण कैसे होता है? समझाइए।
उत्तर:
प्रोटीन का संश्लेषण (Synthesis of Protein)-प्रोटीन का संश्लेषण करना न्यूक्लिक अम्लों का दूसरा महत्त्वपूर्ण कार्य है। सभी जैव संश्लेषणी क्रियाविधियों में प्रोटीन का संश्लेषण सबसे जटिल होता है। जैसा कि पहले बताया गया है कि 20 ऐमीनो अम्ल भिन्न-भिन्न प्रकार से क्रमों में मिलकर प्रोटीन का संश्लेषण करते है। सजीवों की कोशिकाओं में 200 से अधिक एंजाइम तथा 70 से अधिक आर.एन.ए. (RNA), प्रोटीन संश्लेषण में भाग लेते है। कोशिका में प्रोटीन संश्लेषण विभिन्न RNA अणुओं द्वारा होता है लेकिन किसी विशेष प्रोटीन के संश्लेषण का संदेश DNA में उपस्थित होता है। कोशिका नाभिक में DNA अणु कोशिका में उपस्थित सभी प्रकार की प्रोटीनों के संश्लेषण के लिए कोड प्रदान करता
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