Rajasthan Board RBSE Class 12 Economics Chapter 14 राष्ट्रीय आय की मूल अवधारणाएँ
RBSE Class 12 Economics Chapter 14 अभ्यासार्थ प्रश्न
RBSE Class 12 Economics Chapter 14 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न में से शुद्ध अप्रत्यक्ष कर ज्ञात किया जा सकता है –
(अ) सकल अप्रत्यक्ष कर – अनुदान
(ब) सकल अप्रत्यक्ष कर – ब्याज
(स) सकल अप्रत्यक्ष कर – लाभ
(द) सकल अप्रत्यक्ष कर + अनुदान
प्रश्न 2.
आय के चक्राकार प्रवाह के विचार का प्रतिपादन किसने किया?
(अ) फ्रेंकायज क्वीजने ने
(ब) कार्ल मार्क्स ने
(स) साइमन कुजनेट ने
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
प्रश्न 3.
सकल निवेश में से क्या घटाने पर निवल निवेश प्राप्त होगा?
(अ) शुद्ध ब्याज
(ब) विनियोग
(स) मूल्य ह्रास
(द) लाभ प्रश्न
4. उपभोग वस्तु का उदाहरण नहीं है –
(अ) सब्जियाँ
(ब) कपड़े
(स) ब्रेड
(द) सिंचाई के लिए पम्पसेट
प्रश्न 5.
पूँजीगत वस्तुओं के उदाहरण नहीं है –
(अ) मशीनें, भवन व ट्रैक्टर
(ब) बाँध व नहरें
(स) बिजली संयन्त्र व बिजली की तन्त्र
(द) खाने-पीने की चीजें व कपड़े
उत्तरमाला:
- (अ)
- (अ)
- (स)
- (द)
- (द)
RBSE Class 12 Economics Chapter 14 अतिलघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
प्रवाह किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब किसी आर्थिक चर का एक समयावधि में अध्ययन किया जाता है तो उसे प्रवाह कहते हैं।
प्रश्न 2.
भण्डार या स्कन्ध किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब किसी भी आर्थिक चर का अध्ययन एक निश्चित बिन्दु पर किया जाता है तो उसे स्टॉक कहते हैं।
प्रश्न 3.
राष्ट्रीय आय के चक्राकार प्रवाह क्या है?
उत्तर:
एक देश के परिवारों व व्यावसायिक फर्मों के मध्य उत्पादक आर्थिक क्रियाओं के द्वारा कमाई गई आमदनी घूमती रहती है। जिसे आय का चक्राकार प्रवाह कहते हैं।
प्रश्न 4.
आय के चक्राकार प्रवाह के मॉडल के दो क्षेत्र कौन-कौन से होते हैं?
उत्तर:
आय के चक्राकार प्रवाह के मॉडल के दो क्षेत्र निम्न हैं –
- प्रथम क्षेत्र – परिवार क्षेत्र
- द्वितीय क्षेत्र – व्यवसाय क्षेत्र
प्रश्न 5.
मध्यवर्ती वस्तु से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
मध्यवर्ती वस्तुएँ सामान्यत: अर्द्धनिर्मित वस्तुएँ तथा कच्चे माल के रूप में होती है। मध्यवर्ती वस्तु को उत्पादन प्रक्रिया के एक या अधिक चरणों से होकर निकलने के बाद अन्तिम वस्तु में बदल जाता है।
RBSE Class 12 Economics Chapter 14 लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
स्टॉक एवं प्रवाह में अन्तर कीजिए।
उत्तर:
स्टॉक एवं प्रवाह में अन्तर
स्टॉक
- स्टॉक एक निश्चित बिन्दु पर आर्थिक चर की माप है।
- स्टॉक स्थिर अवधारणा है।
- स्टॉक की समय अवधि नहीं होती है।
- स्टॉक प्रवाह को प्रभावित करता है।
- सम्पत्ति, श्रमबल, पूँजी, बैंक जमा, छत की टंकी में पानी आदि स्टॉक के उदाहरण हैं।
प्रवाह
- प्रवाह समय की एक निश्चित अवधि में आर्थिक चर की माप है।
- प्रवाह गत्यात्मक अवधारणा है।
- प्रवाह में समय अवधि होती है।
- प्रवाह स्टॉक को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार से प्रभावित करता है।
- आय, मुद्रा का व्यय, पूँजी निर्माण, पूँजी पर ब्याज, टंकी में पानी का रिसाव आदि प्रवाह के उदाहरण है।
प्रश्न 2.
उपभोग वस्तुओं व पूँजीगत वस्तुओं में अन्तर का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
उपभोग वस्तुएँ – वे सभी वस्तुएँ जिनका पूरा का पूरा उपभोग उनको खरीदने के बाद ही हो जाता है। उपभोग वस्तुओं के उपभोग द्वारा समाज के लोग अपनी आवश्यकताएँ सन्तुष्ट करते हैं। उपभोग वस्तुएँ अन्य वस्तुओं के उत्पादन में काम में नहीं ली जाती है।
पूँजीगत वस्तुएँ – उत्पादन में सहायता करने वाले वे साधन जो टिकाऊ होते हैं, पूँजीगत वस्तुएँ कहलाती है। पूँजीगत वस्तुओं द्वारा कई वर्षों तक उत्पादन किया जा सकता है।
प्रश्न 3.
सकल और शुद्ध निवेश को समझाइये।
उत्तर:
सकल निवेश-एक निश्चित अवधि (सामान्यतः एक वर्ष) में उत्पादक पूँजीगत वस्तुओं पर जो व्यय करता है उसे सकल निवेश कहते हैं। जैसे-नयी मशीन, नया भवन, नया बाँध, नयी बिजली बनाने का संयन्त्र इत्यादि की कुल मात्रा में होने वाली वृद्धि। पहले से काम में ली जा रही पुरानी मशीन, पुराना भवन, पुराना बाँध, पुरानी नहर पर मरम्मत व्यय इत्यादि भी सकल निवेश में सम्मिलित है।
सकल निवेश = शुद्ध निवेश + मूल्य ह्रास
शुद्ध निवेश – एक निश्चित अवधि (सामान्यतः एक वर्ष) में होने वाली सकल निवेश में से भौतिक पूँजीगत वस्तुओं की घिसावट की राशि को घटाया जाता है। भौतिक पूँजीगत वस्तुओं की घिसावट अर्थात् मूल्य ह्रास को घटाकर शेष बचा हुआ निवेश ही शुद्ध कहलाता है।
शुद्ध निवेश = सकल निवेश – मूल्य ह्रास
प्रश्न 4.
मूल्य ह्रास के आशय को संक्षेप में समझाइये।
उत्तर:
पूँजीगत वस्तुओं में घिसावट को मूल्य ह्रास कहा जाता है। घिसावट के कारण मशीन, भवन, बाँध, नहर, बिजली बनाने के संयन्त्रों की क्षमता गिर जाती है। पूँजीगत वस्तुओं की कुल क्षमता/मात्रा में होने वाली कमी उत्पादन में उपयोग करने के कारण होती है। इस प्रकार पूँजीगत वस्तुओं की टूट-फूट, घिसावट से हानि होती है। अतः मूल्य हास एक प्रकार की हानि होती है। मूल्य ह्रास की गणना सकल निवेश में से शुद्ध निवेश घटाकर करते हैं।
मूल्य ह्रास = सकल निवेश – शुद्ध निवेश
प्रश्न 5.
सामान्य निवासियों की अवधारणा को समझाइये।
उत्तर:
सामान्य निवासियों की अवधारणा सामान्य निवासियों का आशय वे लोग जिन्हें किसी देश की नागरिकता मिली हुई है। राष्ट्रीय आय की गणना में एक देश के सामान्य निवासियों की क्रियाओं से अर्जित आय ही सम्मिलित की जाती है। चूंकि एक देश में सामान्य निवासियों एवं अनिवासियों की आर्थिक क्रियाओं में भेद किया जाता है। इस प्रकार सामान्य निवासियों की अवधारणा का राष्ट्रीय आय की गणना हेतु बहुत महत्त्व होता है।
RBSE Class 12 Economics Chapter 14 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
आय के चक्राकार प्रवाह को उचित रेखाचित्रे की सहायता से विस्तारपूर्वक समझाइए।
उत्तर:
आय का चक्राकार प्रवाह-आय के चक्राकार प्रवाह के विचारों का पहली बार फ्रांस के प्रकृतिवादी, कृषि अर्थशास्त्री फ्रेंकायज क्वीजने ने संन् 1758 में किया। कार्ल मार्क्स ने फ्रेंकायज क्वीजने की आर्थिक तालिका को दोबारा प्रकाशित किया। एक देश की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्र होते हैं। जैसे–परिवार (उपभोक्ता) व्यवसाय (उत्पादक) व सरकारें इत्यादि। सभी क्षेत्र एक-दूसरे पर निर्भर रहते हैं। विभिन्न घटकों; जैसे–परिवार (उपभोक्ता) व व्यवसाय (उत्पादक) इत्यादि की एक-दूसरे पर निर्भरता को आय के चक्राकार प्रवाह की सहायता से समझ सकते हैं। उत्पादनों के साधनों की उत्पादक आर्थिक क्रियाओं के द्वारा वस्तुओं व सेवाओं का उत्पादन होता है। ‘आयलर प्रमेय’ (Euler’s Theorem) के अनुसार समस्त उत्पादन का पूरा-पूरा बँटवारा उत्पादन के साधनों को जाता है। इस प्रकार साधनों को उत्पादन का वितरण होने पर उन्हें साधन आय प्राप्त होती है। देश के लोगों द्वारा साधन आय को व्यय करके वस्तुओं व सेवाओं को प्राप्त किया जाता है। इस प्रकार एक देश के परिवारों व व्यवसायिक फर्मों के मध्य उत्पादक आर्थिक क्रियाओं के द्वारा कमाई गई
आमदनी घूमती रहती है जिसे आय का चक्राकार प्रवाह कहते हैं।
मॉडल
एक मॉडल जटिल वास्तविकता का सरल रूप होता है-जैसे मानव शरीर व उसकी कार्यप्रणाली को मिट्टी या प्लास्टिक के मॉडल द्वारा आसानी से समझ सकते हैं। इसी प्रकार एक देश की अर्थव्यवस्था के परिवारों व व्यावसायिक फर्मों के मध्य आमदनी के चक्राकार प्रवाह को भी एक ‘मॉडल’ की सहायता से समझ सकते हैं। आय का चक्राकार प्रवाह का मॉडल निम्न बातों को आवश्यक मानता है-
- एक देश में सम्पूर्ण उत्पादन केवल व्यावसायिक फर्मे ही करती हैं।
- व्यावसायिक फर्मे अपना सम्पूर्ण उत्पादन बेच देती हैं, बिना बेचा उत्पादन, कच्चा माल शेष नहीं बचता है।
- एक देश में सरकार तो होती है किन्तु वह कर इत्यादि नहीं लेती तथा लोगों को सहायता अनुदान नहीं देती है।
- एक देश की अर्थव्यवस्था बन्द है अर्थात् विदेशों से आयात-निर्यात नहीं होता है।
यद्यपि जब एक देश की अर्थव्यवस्था खुली होती है तथा आय के चक्राकार प्रवाह के क्षेत्रों की संख्या पाँच (परिवार, व्यावसायिक फर्मे, पूँजी बाजार, सरकार तथा शेष विश्व) होती है। एक सरल आय के चक्राकार प्रवाह के मॉडल के निम्न दो क्षेत्र होते हैं
- प्रथम क्षेत्र–परिवार क्षेत्र
- द्वितीय क्षेत्र व्यवसाय क्षेत्र
इस प्रकार एक देश में उत्पादन के साधन परिवार से व्यावसायिक फर्मों की ओर/तरफ जाते हैं। व्यावसायिक फर्मों के द्वारा साधनों के बदले में मुद्रा का भुगतान प्रतिफलों के रूप में किया जाता है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए-
(अ) उपभोग वस्तुएँ
(ब) पूँजीगत वस्तुएँ
(स) मध्यवर्ती वस्तुएँ
उत्तर:
(अ) उपभोग वस्तुएँ – वे सभी वस्तुएँ जिनका पूरा का पूरा उपभोग उनको खरीदने के बाद ही हो जाता है। उपभोग वस्तुओं के उपभोग द्वारा समाज में लोग अपनी आवश्यकताएँ सन्तुष्ट करते हैं। सामान्यत: व्यावसायिक फर्मे सुपुर्दगी के लिए तैयार वस्तुओं व सेवाओं के भण्डारण करके रखते हैं। उपभोग वस्तुएँ ही अन्तिम वस्तुएँ होने के कारण राष्ट्रीय आय की गणना के लिये इनके मूल्यों का समावेश किया जाता है। उपभोग वस्तुओं व सेवाओं के उदाहरण निम्न हैं—जैसे खाने-पीने की चीजें, कपड़े, वाहन, रेडियो, टेलीविजन इत्यादि। उपभोग वस्तुओं में सेवाएँ गैर-टिकाऊ व टिकाऊ वस्तुएँ सम्मिलित होती है।
(ब) पूँजीगत वस्तुएँ – उत्पादन में सहायता करने वाले वे साधन (वस्तुएँ) जो टिकाऊ होते हैं, पूँजीगत वस्तुएँ कहलाती हैं। पूँजीगत वस्तुओं द्वारा कई वर्ष तक उत्पादन किया जा सकता है। मशीन, औजार, उपकरण, भवन, बाँध, नहर, बिजली बनाने का संयन्त्र व बिजली की लाइनें इत्यादि पूँजीगत वस्तुओं पर एक देश का विकास निर्भर करता है।
(स) मध्यवर्ती वस्तुएँ – मध्यवर्ती वस्तुएँ सामान्यत: अर्द्ध-निर्मित वस्तुएँ या कच्चे माल के रूप में होती है। इनमें सभी प्रकार की अर्द्ध-निर्मित वस्तुएँ सम्मिलित की जाती हैं। मध्यवर्ती वस्तुओं को उत्पादन प्रक्रिया के एक या अधिक चरणों/सोपानों से निकालने के बाद अन्तिम वस्तु में बदला जाता है। पहनने हेतु तैयार कपड़ों के लिए रूई, धागा, इत्यादि मध्यवर्ती वस्तुएँ या अर्द्ध-निर्मित वस्तुएँ होती है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में भेद कीजिए –
(अ) स्टॉक एवं प्रवाह
(ब) सकल एवं शुद्ध निवेश
उत्तर:
(अ) स्टॉक एवं प्रवाह – आर्थिक चरों के अध्ययन में समय तत्त्व के आधार पर स्टॉक एवं प्रवाह वर्ग में रखा जाता है। जब किसी भी आर्थिक चर का अध्ययन एक निश्चित समय बिन्दु पर किया जाता है तो उसे स्टॉक कहा जाता है। इसके विपरीत जब किसी चर का एक समयावधि में अध्ययन किया जाता है उसे प्रवाह कहा जाता है। स्टॉक एवं प्रवाह के बीच अंन्तर का आधार समय सन्दर्भ है। एक स्टॉक का कोई समय सन्दर्भ नहीं होता है, जबकि प्रवाह में अनिवार्य रूप से समय सन्दर्भ होता है। इसे प्रति समयावधि प्रवाह के रूप में व्यक्त किया जाता है। एक उदाहरण के माध्यम से हम स्टॉक एवं प्रवाह में सम्बन्ध एवं अन्तर को समझने का प्रयास करेंगे। एक टंकी में पानी की मात्रा, यह स्टॉक को व्यक्त करता है। इससे हम एक निश्चित समय बिन्दु पर टंकी में पानी की मात्रा का पता चलता है। टंकी में आने वाली पानी की मात्रा प्रवाह है। यह प्रति इकाई समय में टंकी में आने वाली पानी की मात्रा को बताता है। जब हम यह कहते हैं कि सोमवार को पानी की टंकी में 50 गैलन पानी था तो यह स्टॉक को बताता है और जब हम यह कहते हैं कि प्रति मिनट 2 गैलन की गति से टंकी में पानी भरा जा रहा है तो यह प्रवाह को बताता है।
(ब) सकल एवं शुद्ध निवेश – एक निश्चि अवधि (सामान्यतः एक वर्ष) में उत्पादक पूँजीगत वस्तुओं पर जो व्यय करता है उसे सकल निवेश कहते हैं। सकल निवेश के उदाहरण है – नयी मशीन, नया भवन, नया बाँध, नयी नहर, नया बिजली बनाने का संयन्त्र व बिजली की लाइनें इत्यादि की कुल मात्रा में होने वाली वृद्धि। जबकि एक निश्चित अवधि में होने वाले सकल निवेश में से भौतिक पूँजीगत वस्तुओं की घिसावट की राशि को घटाया जाता है। भौतिक पूँजीगत वस्तुओं की घिसावट अर्थात् मूल्य ह्रास को घटाकर शेष बचा हुआ निवेश ही शुद्ध निवेश कहलाता है।
RBSE Class 12 Economics Chapter 14 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
RBSE Class 12 Economics Chapter 14 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
चक्रीय प्रवाह में शामिल है –
(अ) वास्तविक प्रवाह
(ब) मौद्रिक प्रवाह
(स) (अ) एवं (ब) दोनों
(द) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 2.
आय की चार क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के चक्रीय प्रवाह में सन्तुलन के लिए शर्त निम्न में से कौन-सी है?
(अ) C + I + G + (X – M)
(ब) C + I + G
(स) C + I
(द) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 3.
चक्रीय प्रवाह में शामिल किया जाता है –
(अ) कच्चे माल को
(ब) मशीनरी को
(स) मध्यवर्ती वस्तुओं को
(द) अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं को
प्रश्न 4.
जब किसी भी आर्थिक चर का अध्ययन एक निश्चित समय बिन्दु पर किया जाता है, क्या कहलाता है?
(अ) स्टॉक
(ब) प्रवाह
(स) चक्रीय प्रवाह
(द) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 5.
जब किसी चर का एक समयावधि में अध्ययन किया जाता है, कहा जाता है –
(अ) स्टॉक
(ब) प्रवाह
(स) चक्रीय प्रवाह
(द) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 6.
आय के चक्राकार प्रवाह का विचार सर्वप्रथम किसने किया?
(अ) एडम स्मिथ
(ब) मार्शल
(स) कीन्स
(द) फ्रेंकायज क्वीजने
प्रश्न 7.
फ्रेंकायज क्वीजने की आर्थिक तालिका को दोबारा प्रकाशित किसने किया –
(अ) कार्ल मार्क्स
(ब) मार्शल
(स) एडम स्मिथ
(द) कीन्स
प्रश्न 8.
एक सरल आय के चक्राकार के मॉडल में कितने क्षेत्र है?
(अ) एक
(ब) दो
(स) तीन
(द) चार
प्रश्न 9.
वे सभी वस्तुएँ/सेवाएँ जिनका उत्पादन उपभोग या उत्पादन में उपयोग किया जा सकता है, कहलाती है –
(अ) अन्तिम वस्तुएँ।
(ब) मध्यवर्ती वस्तुएँ
(स) पूँजीगत वस्तुएँ
(द) उपभोग वस्तुएँ
प्रश्न 10.
एक निश्चित अवधि में उत्पादक पूँजीगत वस्तुओं पर जो व्यय करता है, कहलाता है –
(अ) सकल निवेश
(ब) शुद्ध निवेश
(स) राष्ट्रीय आय
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तरमाला:
- (स)
- (अ)
- (द)
- (अ)
- (ब)
- (द)
- (अ)
- (ब)
- (अ)
- (अ)
RBSE Class 12 Economics Chapter 14 अतिलघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
प्रवाह किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे आर्थिक चर जिनका सम्बन्ध एक समयावधि से होता है वे प्रवाह कहलाते हैं।
प्रश्न 2.
टेलीविजन, ट्रैक्टर, पम्पसेट एवं भोजन में कौन-सी पूँजीगत वस्तुएँ हैं?
उत्तर:
ट्रैक्टर व पम्पसेट पूँजीगत वस्तुएँ हैं।
प्रश्न 3.
मध्यवर्ती वस्तुओं (Intermidiate Goods) की परिभाषा कीजिए।
उत्तर:
वे वस्तुएँ जो अन्य वस्तुओं के उत्पादन में कच्चे माल के रूप में प्रयोग की जाती है।
प्रश्न 4.
परिवार व फर्म क्षेत्र अपनी बचत कहाँ जमा करते हैं?
उत्तर:
परिवार और फर्म क्षेत्र अपनी बचत पूँजी बाजार में जमा कराते हैं।
प्रश्न 5.
उत्पादक वस्तुओं से क्या आशय है?
उत्तर:
वे सभी वस्तुएँ जिनको प्रयोग उत्पादन प्रक्रिया में किया जाता है उन्हें उत्पादक वस्तुएँ कहते हैं।
प्रश्न 6.
बन्द अर्थव्यवस्था से क्या आशय है?
उत्तर:
वह अर्थव्यवस्था जिसमें किसी भी प्रकार का आयात-निर्यात न हो।
प्रश्न 7.
बताइए निम्न में से क्या स्टॉक का प्रवाह है?
(i) परिवार की आय
(ii) परिवार का उपभोग व्यय
(iii) सम्पत्ति
(iv) सीमेण्ट उत्पादन
उत्तर:
परिवार की आय, परिवार का उपभोग व्यय तथा सीमेण्ट उत्पादन प्रवाह है तथा सम्पत्ति स्टॉक है।
प्रश्न 8.
स्टॉक (Stock) से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
किसी चर की वह मात्रा जिसका माप एक निश्चित समय बिन्दु पर लिया जाये।
प्रश्न 9.
मध्यवर्ती वस्तु के मूल्य को राष्ट्रीय आय में शामिल करने से क्या समस्या उत्पन्न हो जाती है?
उत्तर:
दोहरी गणना की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
प्रश्न 10.
राष्ट्रीय आय की गणना में केवल अन्तिम वस्तुओं तथा सेवाओं को ही क्यों शामिल करते हैं?
उत्तर:
ऐसा करने से दोहरी गणना (Double Counting) की सम्भावना नहीं रहती।
प्रश्न 11.
अन्तिम वस्तुओं को कितने भागों में विभाजित कर सकते हैं?
उत्तर:
दो भागों में, (i) उपभोग वस्तुएँ, (ii) पूँजीगत वस्तुएँ।
प्रश्न 12.
निवल या शुद्ध निवेश ज्ञात करने का सूत्र बताइए।
उत्तर:
निवल या शुद्ध निवेश = सकल निवेश – मूल्य ह्रास
प्रश्न 13.
परिवार क्षेत्र द्वारा फर्मों को क्या दिया जाता है?
उत्तर:
परिवार क्षेत्र द्वारा फर्मों को कारक सेवाएँ प्रदान की जाती है।
प्रश्न 14.
उपभोक्ता वस्तुएँ क्या होती है?
उत्तर:
वे वस्तुएँ जिन्हें उपभोक्ता अपने अन्तिम उपभोग के लिए प्रयोग में लाता है।
प्रश्न 15.
प्रत्यक्ष कर का कोई एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
आयकर।
प्रश्न 16.
आय का चक्राकार प्रवाह के विचार किसने दिये?
उत्तर:
फ्रेंकायज क्वीजने ने।
प्रश्न 17.
एक देश की खुली अर्थव्यवस्था में आय के चक्राकार प्रवाह के कितने क्षेत्र होते हैं?
उत्तर:
पाँच।
प्रश्न 18.
एक देश की खुली अर्थव्यवस्था में आय के चक्राकार प्रवाह कौन-कौन-से हैं?
उत्तर:
- परिवार
- व्यवसायिक फर्मे
- पूँजीबाजार
- सरकार
- शेष विश्व।
प्रश्न 19.
एक सरल आय के चक्राकार प्रवाह के मॉडल के दो क्षेत्र कौन-से हैं?
उत्तर:
प्रथम क्षेत्र-परिवार क्षेत्र, द्वितीय क्षेत्र व्यवसाय क्षेत्र।
प्रश्न 20.
परिवार क्षेत्र से क्या आशय है?
उत्तर:
परिवार क्षेत्र से आशय वह क्षेत्र जो उत्पादन के साधनों-श्रम, भूमि, पूँजी इत्यादि का स्वामी है।
प्रश्न 21.
व्यावसायिक क्षेत्र से क्या आशय है?
उत्तर:
व्यावसायिक क्षेत्र का आशय वह क्षेत्र है जो परिवार से उत्पादन के साधनों (श्रम, भूमि, पूँजी इत्यादि) की सहायता से उत्पादन करता है।
प्रश्न 22.
वास्तविक प्रवाह से क्या आशय है?
उत्तर:
उत्पादन के साधनों का परिवार से व्यावसायिक फर्मों की ओर तथा व्यावसायिक फर्मों से उपभोग हेतु वस्तुओं व सेवाओं को परिवार की ओर प्रवाह वास्तविक प्रवाह होता है।
प्रश्न 23.
मौद्रिक प्रवाह से क्या आशय है?
उत्तर:
व्यावसायिक फर्मों से साधन-भुगतान का परिवार की ओर तथा परिवार से उपभोग व्यय के रूप में व्यावसायिक फर्मों की ओर प्रवाह मौद्रिक प्रवाह होता है।
प्रश्न 24.
राष्ट्रीय आय का महत्त्व बताइए।
उत्तर:
राष्ट्रीय आय देश की प्रगति का सूचक है।
प्रश्न 25.
परिवार क्षेत्र द्वारा फर्मों को क्या दिया जाता है?
उत्तर:
परिवार क्षेत्र द्वारा फर्मों को कारक सेवाएँ प्रदान की जाती है।
RBSE Class 12 Economics Chapter 14 लघु उत्तरात्मक प्रश्न (SA-I)
प्रश्न 1.
एक देश की आर्थिक उपलब्धियों की जानकारी किससे मिलती है?
उत्तर:
एक देश की आर्थिक उपलब्धियों की जानकारी राष्ट्रीय आय से मिलती है।
प्रश्न 2.
राष्ट्रीय आय से क्या पता चलता है?
उत्तर:
राष्ट्रीय आय से उस देश की सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रम के प्रभावशाली होने की स्थिति का पता चलता है।
प्रश्न 3.
राष्ट्रीय आय क्या दर्शाता है?
उत्तर:
राष्ट्रीय आये एक देश की अर्थव्यवस्था के प्रवाह को दर्शाता है।
प्रश्न 4.
राष्ट्रीय आय का प्रवाह किस अवधि से सम्बन्ध रखता है?
उत्तर:
यह प्रवाह एक वर्ष की अवधि 1 अप्रैल से 31 मार्च तक से सम्बन्ध रखता है।
प्रश्न 5.
आयलर प्रमेय क्या है?
उत्तर:
आयलर प्रमेय के अनुसार समस्त उत्पादन का पूरा-पूरा बँटवारा उत्पादन के साधनों को हो जाता है।
प्रश्न 6.
एक देश की अर्थव्यवस्था में विभिन्न क्षेत्र कौन-से होते हैं?
उत्तर:
एक देश की अर्थव्यवस्था में विभिन्न क्षेत्र परिवार (उपभोक्ता), व्यवसाय (उत्पादक) व सरकार इत्यादि होते हैं।
प्रश्न 7.
मूल्य ह्रास से क्या आशय है?
उत्तर:
एक वित्तीय वर्ष में उत्पादन प्रक्रिया के दौरान पूँजीगत वस्तुओं के मूल्यों में सामान्य टूट-फूट घिसावट तथा प्रत्याशित अप्रचलन के कारण आने वाली कमी को मूल्य ह्रास कहते हैं।
प्रश्न 8.
पूँजीगत वस्तुएँ कौन-सी होती है?
उत्तर:
उत्पादक की अचल सम्पत्तियों, वर्ष के अन्त में बचे कच्चे माल, अर्द्धनिर्मित माल और तैयार माल के स्टॉक को पूँजीगत वस्तुएँ कहते हैं।
प्रश्न 9.
उपभोक्ता वस्तुओं (Consumer goods) से क्या आशय है?
उत्तर:
ऐसी वस्तुएँ जिन्हें उपभोक्ता अपने अन्तिम उपभोग के लिए प्रयोग में लाता है उन्हें उपभोक्ता वस्तुएँ कहते हैं। जैसे – पेन, साबुन आदि।
प्रश्न 10.
राष्ट्रीय आय के चक्रीय प्रवाह (Circular flow) से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के बीच आय या वस्तुओं एवं सेवाओं का आदान-प्रदान, राष्ट्रीय आय का चक्रीय प्रवाह कहलाता है।
प्रश्न 11.
मौद्रिक प्रवाह से क्या आशय है?
उत्तर:
अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रकों के बीच मुद्रा या साधनों की मौद्रिक आयों को आदान-प्रदान मौद्रिक प्रवाह कहलाता है।
प्रश्न 12.
मौद्रिक निवेश से क्या आशय है?
उत्तर:
जब एक उत्पादक नकद धन व्यय करता है तब वह मौद्रिक निवेश कहलाता है।
प्रश्न 13.
निवेश कितने प्रकार के होते हैं? नाम बताइए।
उत्तर:
निवेश दो प्रकार के होते हैं –
- सकल निवेश
- शुद्ध निवेश।
प्रश्न 14.
सकल निवेश से क्या आशय है?
उत्तर:
एक निश्चित अवधि (सामान्यतः एक वर्ष) में उत्पादक पूँजीगत वस्तुओं पर जो व्यय करता है उसे सकल निवेश कहते हैं।
प्रश्न 15.
सकल निवेश के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
सकल निवेश के निम्न उदाहरण हैं – नयी मशीन, नया भवन, नया बाँध, नयी नहर, नया बिजली बनाने का संयन्त्र व बिजली की लाइनें इत्यादि।
प्रश्न 16.
सकल निवेश का सूत्र लिखो।
उत्तर:
सकल निवेश का सूत्र –
सकल निवेश = शुद्ध निवेश + मूल्य ह्रास
प्रश्न 17.
शुद्ध निवेश से क्या आशय है?
उत्तर:
एक निश्चित अवधि (सामान्यतः एक वर्ष) में होने वाले सकल निवेश में से भौतिक पूँजीगत वस्तुओं की घिसावट की राशि को घटाकर प्राप्त निवेश शुद्ध निवेश कहलाता है।
प्रश्न 18.
शुद्ध निवेश का सूत्र लिखो।
उत्तर:
शुद्ध निवेश का सूत्र –
शुद्ध निवेश = सकल निवेश – मूल्य ह्रास
प्रश्न 19.
मूल्य ह्रास ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
मूल्य ह्रास = सकल निवेश – शुद्ध निवेश
प्रश्न 20.
घरेलू सीमा की अवधारणा क्या है?
उत्तर:
घरेलू सीमा अवधारणी का अर्थ एक देश की भौगोलिक – सीमा के भीतर की जाने वाली आर्थिक क्रियाएँ हैं।
RBSE Class 12 Economics Chapter 14 लघु उत्तरात्मक प्रश्न (SA-II)
प्रश्न 1.
अन्तिम वस्तुओं से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
वे वस्तुएँ जिन्हें उत्पादन के किसी अन्य चरण से नहीं गुजरता होता है तथा जो अन्तिम रूप से उपभोक्ताओं द्वारा ही प्रयोग में लायी जाती है उन्हें अन्तिम वस्तुएँ कहते हैं। जैसे-तैयार कपड़ा, ब्रेड इत्यादि।
प्रश्न 2.
मध्यवर्ती वस्तुओं से क्या आशय है?
उत्तर:
वे वस्तुएँ जिन्हें उत्पादन के किसी अन्य चरण से गुजरना होता है तथा वे जिस रूप में है, उसी रूप में उपभोक्ता तक नहीं पहुँचती है उन्हें मध्यवर्ती वस्तुएँ कहते हैं। जैसे—यदि धागे का प्रयोग कपड़ा बनाने में किया जाये तो धागा मध्यवर्ती वस्तु कहलायेगी।
प्रश्न 3.
मध्यवर्ती तथा अन्तिम वस्तुओं के मध्य अन्तर का आधार बताइए।
उत्तर:
मध्यवर्ती वस्तु तथा अन्तिम वस्तुओं के मध्य अन्तर का आधार वस्तु का प्रयोग होता है न कि स्वयं वस्तु। जैसे-यदि धागे को सीधे उपभोक्ता के प्रयोग हेतु बेच दिया जाता है तो वह अन्तिम वस्तु कहलाता है और यदि धागे से कपड़ा बनाकर बेचा जाता है तो वह धागा मध्यवर्ती वस्तु कहलाता है।
प्रश्न 4.
पूँजीगत वस्तुओं से क्या आशय है?
उत्तर:
पूँजीगत वस्तुओं, उत्पादित वस्तुओं का एक भाग होती है। वे टिकाऊ और गैर-टिकाऊ वस्तुएँ जो वित्तीय वर्ष के अन्त में उत्पादको के पास स्टॉक में होती है उन्हें पूँजीगत वस्तुएँ कहा जाता है। इनमें उत्पादकों की अचल सम्पत्तियाँ, वर्ष के अन्त में बचा हुआ कच्चा माल, अर्द्धनिर्मित्त माल और तैयार माल के स्टॉक को शामिल किया जाता है।
प्रश्न 5.
उपभोक्ता वस्तुओं (CG) से क्या आशय है?
उत्तर:
वे वस्तुएँ जो अन्तिम रूप से उपभोक्ता द्वारा उपयोग में लाई जाती है उन्हें उपभोक्ता वस्तुएँ कहते हैं। इनमें आहार, वस्त्र; जैसे-वस्तुओं तथा मनोरंजन जैसी सेवाओं को शामिल किया जाता है। इनका उपयोग तभी होता है जब अन्तिम उपभोक्ता के द्वारा इनको क्रय किया जाता है।
प्रश्न 6.
सकल निवेश (GI) एवं निवल निवेश (NI) की अवधारणाओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सकल निवेश (Gross Investment) – एक वर्ष की अवधि में किसी अर्थव्यवस्था में होने वाले कुल पूँजी निवेश या निर्माण को सकल निवेश कहते हैं। इसमें स्टॉक निवेश एवं सकल पूँजी स्थिर पूँजी निवेश दोनों को सम्मिलित किया जाता है। निवल निवेश (Net Investment)-सकल निवेश में से वर्ष भर में पूँजीगत वस्तुओं में होने वाली टूट-फूट, घिसावट आदि मूल्य ह्रास को घटाकर निवल निवेश की गणना की जाती है।
प्रश्न 7.
अन्तिम एवं मध्यवर्ती वस्तुओं में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
मध्यवर्ती वस्तुओं तथा अन्तिम वस्तुओं के मध्य अन्तर उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
अन्तिम वस्तुओं तथा मध्यवर्ती वस्तुओं में अन्तर क्रं.सं.
अन्तिम वस्तुएँ
- वे वस्तुएँ जिनका उपभोक्ता द्वारा अन्तिम रूप से प्रयोग किया जाता है।
- इनकी माँग उपभोक्ताओं द्वारा की जाती है।
- अन्तिम वस्तुओं को राष्ट्रीय आय की गणना में शामिल किया जाता है।
- इनको दोबारा नहीं बेचा जाता है।
- उदाहरण – ब्रेड।
मध्यवर्ती वस्तुएँ
- उत्पादन में प्रयोग होने वाली गैर-साधन आगते मध्यवर्ती वस्तुएँ कहलाती है। इनमें गैर-टिकाऊ वस्तुओं और सेवाओं को शामिल किया जाता है।
- मध्यवर्ती वस्तुओं की माँग उत्पादकों द्वारा की जाती है।
- मध्यवर्ती वस्तुओं को राष्ट्रीय आय की गणना में शामिल नहीं किया जाता है।
- इन्हें संशोधन के बाद पुनः बेचा जाता है।
- उदाहरण – ब्रेड बनाने के लिए गेहूं खरीदना।
प्रश्न 8.
स्टॉक निवेश तथा सकल स्थिर निवेश से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
उत्पादक इकाइयों के पास वित्तीय वर्ष के अन्त में बचे कच्चे माल, अर्द्धनिर्मित माल तथा निर्मित माल के स्टॉक को स्टॉक निवेश कहते हैं तथा स्थिर पूँजी सम्पत्तियाँ; जैसे-मशीनरी, इमारतें आदि के स्टॉक में वृद्धि को सकल स्थिर पूँजीगत निवेश कहा जाता है।
प्रश्न 9.
निवल निवेश से क्या आशय है?
उत्तर:
निवल निवेश – सकल निवेश में से वर्ष भर में पूँजी वस्तुओं में होने वाली टूट-फूट, घिसावट आदि मूल्य हास को घटाकर निवल निवेश की गणना की जाती है। सामान्यतया हम देखते हैं कि प्रतिवर्ष हम जितना पूँजी निवेश करते हैं उससे कुल निवेश में उतनी ही वृद्धि नहीं हो पाती। इसका प्रमुख कारण पूर्व में स्थित पूँजीगत वस्तुओं का मूल्य ह्रास होता हैं। अतः निवल निवेश प्राप्त करने के लिए सकल निवेश में से घटाना आवश्यक है।
प्रश्न 10.
मूल्य ह्रास से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
मूल्य ह्रास (Price Depreciation) – स्थिर पूँजी सम्पत्तियाँ; जैसे – भवन, मशीनरी, परिवहन के साधन, विभन्न प्रकार के उपकरण आदि के मूल्य में समय के साथ विभिन्न कारणों से कमी आती है, इसी को मूल्य ह्रास कहा जाता है।
प्रश्न 11.
आय के वर्तुल प्रवाह का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्र आपस में एक-दूसरे से सम्बन्धित रहते हैं। अत: अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के मध्य पारिवारिक सम्बन्धों के कारण आय व उत्पादों को एक-दूसरे क्षेत्र के मध्य आदान-प्रदान होता रहता है, इसी को आय का चक्रीय प्रवाह या वर्तुल प्रवाह कहा जाता है।
प्रश्न 12.
एक सरल आय के चक्राकार प्रवाह (Circular Flow of Income) के मॉडल के दोनों क्षेत्रों को समझाइये।
उत्तर:
परिवार क्षेत्र – परिवार क्षेत्र से आशये उस क्षेत्र से है जो उत्पादन के साधनों (श्रम, पूँजी, भूमि इत्यादि) का स्वामी है। परिवार में केवल व्यावसायिक फर्मों के द्वारा किये गये उत्पादन का उपयोग होता है।
व्यावसायिक क्षेत्र – व्यवसायिक क्षेत्र का अर्थ उस क्षेत्र से है, जो परिवार से उत्पादन के साधनों (श्रम, पूँजी, भूमि इत्यादि) की सहायता से उत्पादन करता है। उपभोग हेतु उत्पादन को परिवार को बेच देता है।
प्रश्न 13.
वास्तविक प्रवाह व मौद्रिक प्रवाह को समझाइये।
उत्तर:
वास्तविक प्रवाह – उत्पादन के साधनों का परिवार से व्यावसायिक फर्मों की ओर तथा व्यावसायिक फर्मों से उपभोग हेतु वस्तुओं व सेवाओं का परिवार की ओर प्रवाह वास्तविक प्रवाह कहलाता है।
मौद्रिक प्रवाह – व्यावसायिक फर्मों से साधन भुगतान का परिवार की ओर तथा परिवार से उपभोग व्यय के रूप में व्यावसायिक फर्मों की ओर प्रवाह मौद्रिक प्रवाह कहलाता है।
प्रश्न 14.
घरेलू सीमा की अवधारणा समझाइये।
उत्तर:
राष्ट्रीय आय की गणना में घरेलू सीमा की अवधारण महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। घरेलू सीमा की अवधारणा का अर्थ एक देश की भौगोलिक सीमा के भीतर की जाने वाली आर्थिक क्रियाओं से होता है। अर्थात् घरेलू सीमा की अवधारणा के अन्तर्गत एक देश की भौगोलिक सीमा के बाहर की आर्थिक क्रियाएँ सम्मिलित नहीं की जाती है।
प्रश्न 15.
विशुद्ध परोक्ष करों की अवधारणा को समझाइये।
उत्तर:
एक देश में होने वाले उत्पादन का मूल्यांकन बाजार कीमत (MP) पर किया जाता है। उत्पादन के बाजार कीमत पर मूल्यांकन हेतु साधन लागत (FC) व अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) को जोड़ा जाता है। अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) जैसे वस्तु व सेवा कर (GST) को साधन लागत (FC) में जोड़कर तथा उसमें से सरकार द्वारा दिये गये अनुदान (Subsidy) को घटाया जाता है। इस प्रकार विशुद्ध परोक्ष कर को सकल अप्रत्यक्ष कर में से अनुदान घटाकर ज्ञात किया जाता है।
शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (Net Indirect Tax) = सकल अप्रत्यक्ष कर (Gross Indirect Tax) – अनुदान (Subsidy)
RBSE Class 12 Economics Chapter 14 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न को समझाइये
(i) घरेलू सीमा की अवधारणा
(ii) सामान्य निवासियों की अवधारणा
(iii) विदेशों से प्राप्त विशुद्ध साधन आय की अवधारणा
(iv) विशुद्ध परोक्ष करों की अवधारणा
उत्तर:
(i) घरेलू सीमा की अवधारणा–राष्ट्रीय आय की गणना में घरेलू सीमा की अवधारणा महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। घरेलू सीमा अवधारणा का अर्थ एक देश की भौगोलिक सीमा के भीतर की जाने वाली आर्थिक क्रियाओं से होता है। अर्थात् घरेलू सीमा की अवधारणा के अन्तर्गत एक देश की भौगोलिक सीमा के बाहर की आर्थिक क्रियाएँ सम्मिलित नहीं की जाती है।
(ii) सामान्य निवासियों की अवधारणा–सामान्य निवासियों को आशय उन लोगों से है जिन्हें किसी देश की नागरिकता मिली हुई है। राष्ट्रीय आय की गणना में एक देश के सामान्य निवासियों की क्रियाओं से अर्जित आय ही सम्मिलित की जाती है। चूंकि एक देश में सामान्य निवासियों व अनिवासियों की आर्थिक क्रियाओं में भेद किया जाता है। इस प्रकार सामान्य निवासियों की अवधारणा का राष्ट्रीय आय की गणना हेतु बहुत महत्त्व होता है।
(iii) विदेशों से प्राप्त विशुद्ध साधन आय की अवधारणा-एक देश के आयात व निर्यात का राष्ट्रीय आय की गणना में बहुत महत्त्व होता है। आयात व निर्यात के द्वारा राष्ट्रीय आय की मात्रा व दिशा का पता चलता है। निर्यात की तुलना में आयात अधिक होने पर विदेशों से प्राप्त विशुद्ध साधन आय ऋणात्मक होती है। आयात पर निर्यात की अधिकता होने पर विदेशों से प्राप्त विशुद्ध साधन आय होती है। अर्थात् विदेशों से प्राप्त विशुद्ध साधन आय आयात व निर्यात को घटाकर उनके अन्तर द्वारा ज्ञात की जाती है। इस प्रकार विदेशों से प्राप्त विशुद्ध साधन आय = निर्यात – आयात वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFIA) को घरेलू साधनों द्वारा विदेशों में अर्जित आय में से विदेशी साधनों द्वारा देश में अर्जित आय के अन्तर से ज्ञात किया जाता है।
(iv) विशुद्ध परोक्ष करों की अवधारणा–एक देश में होने वाले उत्पादन की मूल्यांकन बाजार कीमत (MP) पर किया जाता है। उत्पादन के बाजार कीमत पर मूल्यांकन हेतु साधन लागत (FC) व अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) जैसे वस्तु व सेवा कर (GST) को साधन लागत में जोड़ा जाता है तथा उसमें से सरकार द्वारा दिये गये अनुदान (Subsidy) को घटाया जाता है। इस प्रकार विशुद्ध परोक्ष कर को सकल अप्रत्यक्ष कर (Indirect tax) में से अनुदान (Subsidy) घटाकर ज्ञात किया जाता है।
शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (Net Indirect Tax) = सकल अप्रत्यक्ष कर (Gross Indirect Tax) – अनुदान (Subsidy)
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