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RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच

June 29, 2019 by Fazal Leave a Comment

RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच are part of RBSE Solutions for Class 12 Economics. Here we have given Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच.

Rajasthan Board RBSE Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच

RBSE Class 12 Economics Chapter 4 अभ्यासार्थ प्रश्न

RBSE Class 12 Economics Chapter 4 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
यदि किसी वस्तु की कीमत बढ़ने के फलस्वरूप उस वस्तु की मांग में कोई परिवर्तन नहीं होता है तब उसकी मांग होगी
(अ) पूर्णतया बेलोचदार
(ब) इकाई के बराबर
(स) अनन्त
(द) पूर्णतया लोचदार

प्रश्न 2.
वस्तु की कीमत में वृद्धि से बेलोच मांग की स्थिति में उपभोक्ता का कुल व्यय पर क्या प्रभाव पड़ेगा –
(अ) अपरिवर्तित
(ब) शून्य
(स) बढ़ेगा।
(द) घटेगा।

प्रश्न 3.
ज्यामिति विधि से मांग की लोच का सूत्र है –
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच

प्रश्न 4.
यदि समोसे की कीमत में 10 प्रतिशत वृद्धि होने से उसकी मांग 10 प्रतिशत गिरती है। अतः समोसे की मांग होगी –
(अ) इकाई लोच के बराबर
(ब) शून्य लोच
(स) इकाई लोच से अधिक
(द) इकाई लोच से कम

प्रश्न 5.
बिन्दु विधि में बिन्दु P पर मांग की लोच होगी।
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच
(अ) ज्यादा लोचदार
(ब) इकाई लोच
(स) कम लोचदार
(द) इनमें से कोई नहीं

उत्तरमाला:

  1. (अ)
  2. (स)
  3. (अ)
  4. (अ)
  5. (अ)

RBSE Class 12 Economics Chapter 4 अतिलघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मांग की कीमत लोच को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
श्रीमती रोबिन्सन के अनुसार मांग की कीमत लोच की परिभाषा, “किसी कीमत पर मांग की लोच कीमत में थोड़े परिवर्तन के जवाब में क्रय की गई मात्रा के आनुपातिक परिवर्तन को कीमत के आनुपातिक परिवर्तन से भाग देने पर प्राप्त होती है।”

प्रश्न 2.
यदि मांग वक्र X अक्ष के समानान्तर है तो मांग की लोच होगी।
उत्तर:
पूर्णतया लोचदार।

प्रश्न 3.
किसी मांग वक्र के मध्य बिन्दु पर मांग की लोच क्या होगी?
उत्तर:
मांग वक्र के मध्य बिन्दु पर मांग की लोच इकाई के बराबर होगी।

प्रश्न 4.
पानी की मांग बेलोचदार क्यों होती है?
उत्तर:
पानी की मांग बेलोचदार इसलिए होती है क्योंकि कीमत परिवर्तन का पानी की मांग पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है।

प्रश्न 5.
ज्यामितीय विधि से मांग की लोच ज्ञात करने का सूत्र क्या है?
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच

RBSE Class 12 Economics Chapter 4 लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मांग की कीमत लोच को प्रभावित करने वाले दो कारकों को समझाइए।
उत्तर:
मांग की कीमत लोच को प्रभावित करने वाले दो कारक हैं –
(i) वस्तु की प्रकृति – मांग की लोच वस्तु की प्रकृति पर निर्भर करती है। आवश्यक आवश्यकता की वस्तुओं की मांग बेलोचदार, आरामदायक वस्तुओं की मांग लोचदार तथा विलासिता की वस्तुओं की मांग अधिक लोचदार होती है।
(ii) स्थानापन्न वस्तुओं की उपलब्धता – जिन वस्तुओं की स्थानापन्न वस्तएँ उपलब्ध होती हैं उनकी मांग लोचदार होती है तथा जिन वस्तुओं की स्थानापन्न वस्तुएँ नहीं होती हैं उनकी मांग कम लोचदार होती है।

प्रश्न 2.
पूर्णतया बेलोच मांग व पूर्णतया लोचदार मांग वक्र को चित्र बनाकर समझाइए।
उत्तर:
पूर्णतया बेलोचदार मांगचित्र से स्पष्ट है कि जब कीमत OP थी तो भी मांग OQ थी तथा जब कीमत घटकर OP2 तथा बढ़कर OP1 हो जाती है तो भी मांग पूर्ववत् OQ ही रहती है। अतः वस्तु की मांग पूर्णतया बेलोचदार है।
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच
पूर्णतया लोचदार मांग – चित्र से स्पष्ट है कि कीमत OP पर वस्तु की मांग OQ,OQ1 तथा OQ2 या और कोई भी मात्रा हो सकती है अत: वस्तु की मांग पूर्णतया लोचदार है क्योंकि इस अवस्था में मूल्य में थोड़ी सी भी कमी मांग को अनन्त तथा मूल्य में थोड़ी सी वृद्धि शून्य कर देती है।
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच

प्रश्न 3.
प्रतिशत विधि से मांग की लोच कैसे ज्ञात करते हैं?
उत्तर:
प्रतिशत विधि से मांग की लोच ज्ञात करने के लिए मांग में आनुपातिक या प्रतिशत परिवर्तन में कीमत के आनुपातिक या प्रतिशत परिवर्तन का भाग देते हैं।
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच
मांग की कीमत लोच (ed) = 1
नोट – मांग की कीमत लोच सदैव ऋणात्मक होती है अत: ऋण का चिन्ह लगाने या न लगाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है।

RBSE Class 12 Economics Chapter 4 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मांग की लोच की विभिन्न श्रेणियों को चित्र बनाकर समझाइए।
उत्तर:
मांग की लोच की पाँच श्रेणियाँ होती हैं-

  1. पूर्णतया लोचदार मांग (Perfectly elastic demand)
  2. लोचदार मांग (Elastic demand)
  3. अत्यधिक लोचदार मांग (Higly elastic demand)
  4. बेलोचदार मांग (Inelastic demand)
  5. पूर्णतया बेलोचदार मांग (Perfectly inelastic demand)

1. पूर्णतया लोचदार मांग (Perfectly elastic demand) [ed = ∞] – पूर्णतया लोचदार मांग की अवस्था वह होती है जिसमें वस्तु की प्रचलित कीमतों पर मांग अनन्त होती है। इस अवस्था में कीमत में जरा सी वृद्धि मांग को शून्य तथा कमी मांग को अनन्त कर देती है। यह एक काल्पनिक स्थिति है। वास्तविक जीवन में ऐसी स्थिति देखने की नहीं मिलती है। इस अवस्था में एक फर्म का मांग वक्र पूर्णतया लोचदार होता है और वह आधार रेखा के समानान्तर होता है। जैसा कि निम्न चित्र से स्पष्ट है-
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच
चित्र से स्पष्ट है कि OP कीमत पर वस्तु की मात्रा कुछ भी हो सकती है जैसे – OQ, Q1 या Q2 या इससे कुछ भिन्न।

2. लोचदार मांग (Elastic demand) [ed = 1 ] – लोचदार मांग की स्थिति तब होती है जब मांग में आनुपातिक परिवर्तन कीमत के आनुपातिक परिवर्तन के बराबर होता है। ऐसी अवस्था में मांग की लोच इकाई के बराबर होती है। उदाहरण के लिए यदि कीमत में 20 प्रतिशत वृद्धि होने पर मांग में 20 प्रतिशत कमी हो जाय तो किसी वस्तु की ऐसी मांग लोचदार मांग कहलायेगी। यह स्थिति निम्न चित्र में दर्शायी गई है-
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच

चित्र को देखने से स्पष्ट है कि OP कीमत पर मांग OQ है। जब कीमत बढ़कर OP1 हो जाती है तो वस्तु की मांग घटकर OQ1 रह जाती है। X चित्र में कीमत में परिवर्तन PP1 मांग में परिवर्तन QQ1 के बराबर है। मांग की मात्रा अत: मांग में कमी उसी अनुपात में है जिस अनुपात में कीमत में वृद्धि हुई। है। प्रायः आरामदायक वस्तुओं की मांग लोचदार होती है।

3. सापेक्षतया लोचदार या अत्यधिक लोचदार मांग (Highly elastic demand) [ed > 1] – अत्यधिक या अधिक लोचदार माँग की अवस्था में मांग की मात्रा में प्रतिशत परिवर्तन कीमत के प्रतिशत परिवर्तन से ज्यादा होता है। जैसे – यदि वस्तु की मांग में हैं – परिवर्तन 25 प्रतिशत से ज्यादा होता हो और कीमत में परिवर्तन केवल 10 प्रतिशत हो तो ऐसी वस्तु की मांग अधिक लोचदार कही जायेगी। आमतौर से विलासपूर्ण वस्तुओं की मांग की लोच ऐसी ही होती है। इस श्रेणी की मांग की लोच को निम्न रेखाचित्र द्वारा स्पष्ट किया गया है –

रेखाचित्र में OP कीमत पर वस्तु की मांग OQ है। जब कीमत गिरकर OP1 हो जाती है तो वस्तु की मांग बढ़कर QQ1 हो जाती है। कीमत की कमी PP1 से मांग की मात्रा में वृद्धि QQ1 ज्यादा है। अत: वस्तु की मांग अधिक लोचदार है। मांग की लोच इकाई से ज्यादा है।

4. बेलोचदार मांग (In elastic demand) [ed<1] – जब किसी वस्तु की मांगी जाने वाली मात्रा में प्रतिशत परिवर्तन कीमत में होने वाले प्रतिशत परिवर्तन से कम होता है तो ऐसी मांग को बेलोचदार मांग कहते हैं। उदाहरण के लिए यदि वस्तु की कीमत 30 प्रतिशत कम हो और मांग में केवल 10 प्रतिशत वद्धि हो तो इसे बेलोचदार मांग कहेंगे। इस अवस्था में मांग की कीमत लोच इकाई से कम होती है।

इस स्थिति को निम्न चित्र द्वारा स्पष्ट किया गया है –
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच
उपरोक्त चित्र में DD मात्र वक्र है। जब वस्तु की कीमत OP है तथा वस्तु की मांग OQ है। जब वस्तु की कीमत OP1 से घटकर OQ1 हो जाती है तो वस्तु की मांग बढ़कर OQ1 हो जाती है। कीमत में परिवर्तन PP1 की तुलना में मांग में परिवर्तन OQ1 कम है। अतः मांग बेलोचदार कही जायेगी।

5. शून्य लोच या पूर्णतया बेलोचदार मांग (Perfectly ‘inelastic demand) [ed = 0] – जब वस्तु की कीमत परिवर्तन होने पर भी वस्तु की मांग अपरिवर्तित रहती है तो ऐसी मांग को पूर्णतया बेलोचदार मांग कहते हैं। इस अवस्था में मांग की लोच हैं PI शून्य होती है। इस दशा में मांग वक्र Y-अक्ष के समानान्तर होता है। इस स्थिति को निम्न रेखाचित्र में दिखाया गया है –
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच
उपरोक्त चित्र में कीमत OP,OP1 तथा OP2 तीनों अवस्थाओं में वस्तु की मांग समान OQ ही रहती है, उसमें कोई परिवर्तन नहीं होता है। यह मांग की शून्य लोच की स्थिति है।
यह स्थिति कोरी कल्पना है। वास्तविक जीवन में देखने को नहीं मिलती है।

प्रश्न 2.
मांग की कीमत लोच को मापने की विधियों को समझाइये।
उत्तर:
मांग की कीमत लोच को मापने की निम्नलिखित विधियाँ हैं –

  1. आनुपातिक या प्रतिशत विधि (Percentage method)
  2. कुल व्यय विधि (Total Expenditure Method)
  3. ज्यामिति अथवा बिन्दु (Geometric or point method)

1. आनुपातिक या प्रतिशत विधि-इस रीति का प्रतिपादन फ्लक्स द्वारा किया गया है। इस विधि के अनुसार मांग की लोच निकालने के लिए मांग में होने वाले आनुपातिक या प्रतिशत परिवर्तन को, कीमत के आनुपातिक या प्रतिशत परिवर्तन द्वारा भाग दिया जाता है। इसका सूत्र निम्न प्रकार है –
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच
उदाहरण – माना कि सेब की कीमत के ₹100 प्रति किग्री होने पर सेब की मांग 200 किग्रा है। यदि सेब की कीमत घटकर ₹80 प्रति किग्रा हो जाती है। और इसके फलस्वरूप सेब की मांग बढ़कर 250 किग्रा हो जाती है तो मांग की कीमत लोच इस प्रकार निकाली जायेगी।
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच
इस प्रकार सेब की मांग की कीमत लोच इकाई से अधिक है।

2. कुल व्यय विधि-इस रीति का प्रतिपादन अर्थशास्त्री मार्शल के द्वारा किया गया था। यह मांग की लोच को मापने की सबसे सरल विधि है। इस विधि में कीमत में परिवर्तन के कारण कुल खर्च में होने वाले परिवर्तन के आधार पर मांग की कीमत लोच मापी जाती है। मार्शल के अनुसार मांग की कीमत लोच तीन प्रकार की होती है – (i) इकाई के बराबर, (ii) इकाई से अधिक तथा (iii) इकाई से कम।

जब कुल व्यय कीमत परिवर्तन के बाद भी समान रहता है तो मांग की लोच इकाई के बराबर होती है। यदि कीमत परिवर्तन के बाद कुल व्यय पहले से कम हो जाता है तो मांग की लोच इकाई से कम तथा कुल व्यय पहले से ज्यादा होने पर इकाई से अधिक मानी जाती है।

(i) मांग की लोच इकाई के बराबर (ed = 1) – जब कीमत में परिवर्तन होने के पश्चात भी कुल व्यय पूर्ववत रहता है तो मांग की कीमत लोच इकाई के बराबर मानी जाती है। इसे निम्न उदाहरण द्वारा और स्पष्ट किया जा सकता है –
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच
उपरोक्त तालिका से स्पष्ट है कि जब कीमत के ₹10 प्रति इकाई थी तो कुल व्यय ₹200 था। कीमत कम होकर ₹8 व ₹4 हो जाती है तो भी कुल व्यय ₹200 ही रहता है। कुल व्यय समान रहता है। अतः मांग की लोच इकाई के बराबर अर्थात् e = 1 है।

(ii) मांग की लोच इकाई से अधिक (ed > 1) – यदि वस्तु की कीमत में कमी होने से कुल व्यय बढ़ता है अथवा कीमत में वृद्धि होने पर कुल व्यय घटता है तो मांग अधिक लोचदार अर्थात् इकाई से अधिक कहलाती है। यह निम्न उदाहरण से और स्पष्ट हो जाता है –
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच
उपरोक्त तालिका से स्पष्ट है कि जैसे-जैसे कीमत घटती जाती है कुल व्यय बढ़ता जाता है। इसको दूसरे रूप में भी देख सकते है कि जैसे-जैसे कीमत बढ़ती जाती है तो कुल व्यय घटता जाता है। अतः इस अवस्था में मांग की कीमत लोच इकाई से ज्यादा है।

(iii) मांग की लोच इकाई से कम (ed < 1) – यदि वस्तु की कीमत में कमी होने पर कुल व्यय कम हो जाता है तथा वस्तु की कीमत बढ़ने पर कुल व्यय बढ़ जाता है तो मांग की लोच इकाई से कम मानी जाती है। इस स्थिति को निम्न तालिका से दर्शाया गया है –
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच
उपरोक्त सारणी से स्पष्ट है कि जैसे-जैसे वस्तु की कीमत में कमी आती है कुल व्यय की राशि भी घटती जाती है। ₹10. कीमत पर कुल व्यय के ₹200 था जो ₹8 व ₹4 कीमत होने पर क्रमशः घटकरे ₹192 व ₹160 हो गया। अतः यहाँ मांग की लोच इकाई से कम है।

उपरोक्त विवेचन से निम्न बातें स्पष्ट हो जाती हैं –
(अ) मांग की लोच इकाई के बराबर होने अर्थात् लोचदार मांग होने पर कुल व्यय कीमत परिवर्तित होने पर भी पूर्ववत ही रहता है।
(ब) मांग की कुल लोच इकाई से अधिक अर्थात् लोचदार मांग होने पर कीमत व कुल खर्च में विपरीत दिशा रहती है।
(स) मांग की लोच इकाई से कम अर्थात् बेलोचदार होने पर कीमत व कुल व्यय समान दिशा में बदलते हैं।

3. ज्यामिति या बिन्दु विधि – इस विधि का प्रयोग मांग वक्र के किसी बिन्दु पर मांग की कीमत लोच का पता लगाने के लिए किया जाता है। मांग वक्र के विभिन्न बिन्दुओं पर कीमत लोच बराबर नहीं होती है वह अलग-अलग होती है। जिस बिन्दु पर भी मांग की लोच ज्ञात करनी होती है उस बिन्दु से ऊपर के हिस्से तथा नीचे के हिस्से की सहायता से निम्न सूत्र द्वारा मांग की लोच ज्ञात की जाती है – ed = \(\frac { PB }{ PA } \)
यहाँ PB = बिन्दु से नीचे का हिस्सा PA = बिन्दु से ऊपर का हिस्सा

यदि दोनों हिस्से बराबर होते हैं तो मांग की लोच इकाई के बराबर होती है। यदि नीचे का हिस्सा ऊपर के हिस्से से ज्यादा होता है तो मांग की लोच इकाई से ज्यादा होती है तथा नीचे का हिस्सा ऊपर के हिस्से से कम होने पर मांग की लोच ईकाई से कम होती है। इन तीनों स्थितियों को निम्न रेखाचित्र में दिखाया गया है-
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच
इस चित्र में R बिन्दु पर मांग की लोच इकाई के बराबर है क्योंकि R बिन्दु से नीचे का है। हिस्सा तथा ऊपर का हिस्सा दोनों बराबर हैं। S बिन्दु पर मांग की लोच इकाई से अधिक है। क्योकि S बिन्दु से नीचे का हिस्सा ऊपर के हिस्से से ज्यादा है। इसके विपरीत T बिन्दु पर। मांग की लोच इकाई से कम होगी क्योंकि नीचे का हिस्सा ऊपर के हिस्से से कम है। यदि मांग वक्र एक सीधी रेखा न होकर वक्र की आकृति में होती है तो जिस बिन्दु पर मांग की लोच ज्ञात करनी होती है उस बिन्दु से स्पर्श रेखा खींच कर उपरोक्त विधि से मांग की लोच ज्ञात कर लेते हैं।

प्रश्न 3.
मांग की लोच के निर्धारक घटकों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मांग की लोच को निर्धारित करने वाले घटक निम्नलिखित हैं –

1. वस्तु की प्रकृति-वस्तु की प्रकृति मांग की लोच को प्रभावित करती है। आवश्यक आवश्यकता की वस्तुओं की मांग बेलोच होती है जबकि आरामदायक आवश्यकता की वस्तुओं की मांग लोचदार होती है। विलासिता की वस्तुओं की मांग अधिक लोचदार होती है। आवश्यक आवश्यकता की वस्तुओं; जैसे–अनाज, नमक आदि की मांग में कीमत परिवर्तन के कारण ज्यादा बदलाव नहीं होता है जबकि विलासिता की वस्तुओं की मांग में बहुत परिवर्तन हो जाता है। आरामदायक आवश्यकता की वस्तुओं की मांग प्रायः आनुपातिक रूप से बदलती है।

2. स्थानापन्न वस्तुओं की उपलब्धता–यदि किसी वस्तु की स्थानापन्न वस्तु है तो उसकी मांग लोचदार होगी क्योंकि कीमत बढ़ने पर लोग स्थानापन्न वस्तु का प्रयोग बढ़ा देंगे।

3. वस्तु के वैकल्पिक प्रयोग-जिन वस्तुओं का प्रयोग अनेक कार्यों में किया जाता है उन वस्तुओं की मांग लोचदार होती है; जैसे—बिजली की मांग। यदि बिजली सस्ती हो जाती है तो उपभोक्ता इसका प्रयोग विभिन्न कार्यों में करने लगेंगे और इसकी मांग तेजी से बढ़ जायेगी।

4. आदत की वस्तुएँ-जिन वस्तुओं के उपभोक्ता आदी हो जाते हैं उन वस्तुओं की मांग बेलोचदार होती है;
जैसे – सिगरेट, तम्बाकू आदि। इन वस्तुओं की कीमत बढ़ने पर भी मांग में ज्यादा गिरावट नहीं आती है।

5. धन का वितरण–यदि समाज में धन का वितरण समान होता है तो सभी लोगों की आय लगभग समान होती है। ऐसी स्थिति में आवश्यक आवश्यकता एवं आरामदायक आवश्यकता की वस्तुओं की ही मांग ज्यादा होती है, विलासिता की वस्तुओं की मांग ज्यादा नहीं होती है। ऐसी अवस्था में मांग लोचदार होती है। धन का वितरण असमान होने पर मांग बेलोचदार होती है।

6. उपभोग स्थगन की संभावना—जिन वस्तुओं का उपभोग कुछ समय के लिए टाला जा सकता है ऐसी वस्तुओं की मांग लोचदार होती है; जैसे-रेडियो, साइकिल, घड़ी आदि। जिन वस्तुओं के उपभोग को टालना सम्भव नहीं होता है। उनकी मांग बेलोचदार होती है जैसे-रोटी, कपड़ा आदि।

7. उपभोक्ता के बजट में वस्तु का हिस्सा–यदि उपभोक्ता अपने बजट का बहुत थोड़ा अंश किसी वस्तु पर खर्च करता है तो ऐसी वस्तुओं की मांग बेलोचदार होती है;
जैसे – माचिस, पेन्सिल आदि। जिन वस्तुओं पर उपभोक्ता अपनी आय का बड़ा हिस्सा व्यय करता है, उन वस्तुओं की मांग अधिक लोचदार होती है
जैसे – कार, फर्नीचर आदि।

8. समयावधि-वस्तुओं की मांग अल्पकाल में बेलेचदार होती है जबकि दीर्घकाल में लोचदार होती है क्योंकि दीर्घकाल में उपभोक्ता मांग में परिवर्तन कर सकता है।

9. क्रेता आय-वर्ग-मांग की लोच इस बात पर भी निर्भर करती है कि क्रेता किस वर्ग का है। धनी वर्ग के क्रेताओं की मांग प्रायः बेलोचदार होती है क्योंकि कीमतों में परिवर्तन का उन पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है। इसके विपरीत निर्धन लोगों के लिए वस्तुओं की मांग लोचदार होती है क्योंकि यह वर्ग कीमत में परिवर्तन के साथ मांग को घटाता-बढ़ाता है।

10. संयुक्त मांग-संयुक्त रूप से मांगी जाने वाली वस्तुओं की मांग बेलोचदार होती है; जैसे – पैन व स्याही, चाय व चीनी आदि। यदि चाय की मांग में कोई गिरावट नहीं होती है तो चीनी महंगी होने पर भी उसकी मांग कम नहीं होगी।

RBSE Class 12 Economics Chapter 4 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

RBSE Class 12 Economics Chapter 4 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
आवश्यक आवश्यकता की वस्तुओं की मांग की कीमत लोच होती है।
(अ) इकाई से कम
(ब) इकाई के बराबर
(स) इकाई से अधिक
(द) शून्य

प्रश्न 2.
विलासिता की वस्तुओं की मांग की कीमत लोच होती है।
(अ) इकाई के बराबर
(ब) इकाई से कम
(स) इकाई से ज्यादा
(द) अनन्त

प्रश्न 3.
यदि किसी वस्तु की कीमत10 प्रतिशत कम होने पर उसकी मांग10 इकाई से बढ़कर 14 इकाई हो जाती है तो मांग की लोच होगी –
(अ) 1
(ब) 2
(स) 3
(द) 4

प्रश्न 4.
यदि किसी वस्तु का मूल्यर ₹20 प्रति इकाई होने पर उसकी मांग 50 इकाई है जब मूल्य घटकर ₹10 प्रति इकाई रह गया तो मांग बढ़कर 100 इकाई हो गई। उसकी मांग की कीमत लोच होगी
(अ) 1
(ब) 2
(स) 2.5
(द) 3

प्रश्न 5.
यदि आम की कीमतं ₹16 प्रति कि.ग्रा. है तो बाजार में आमों की मांग ₹100 किग्रा की जाती है। जब मूल्य घटकर ₹12 प्रति किग्रा. हो जाता है तो आम की मांग बढ़कर 160 किग्रा हो जाती है। आनुपातिक रीति से कीमत लोच होगी
(अ) 1
(ब) 1.25
(स) 2.4
(द) 2.5

उत्तरमाला:

  1. (अ)
  2. (स)
  3. (द)
  4. (ब)
  5. (स)

RBSE Class 12 Economics Chapter 4 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कौन-सी मांग की लोच काल्पनिक मानी जाती है?
उत्तर:
पूर्णतया लोचदार एवं पूर्णतया बेलोचदार मांग की लोच काल्पनिक स्थितियाँ हैं।

प्रश्न 2.
मांग वक्र Y अक्ष के समानान्तर एक लम्बवत् रेखी होने पर मांग की लोच कैसी होती है?
उत्तर:
जब मांग वक्र Y अक्ष के समानान्तर एक लम्बवत् रेखा होती है तो उस वस्तु की मांग पूर्णतया बेलोचदार होती है।

प्रश्न 3.
विलासिता की वस्तुओं की मांग की कीमत लोच कैसी होती है?
उत्तर:
विलासिता की वस्तुओं की मांग अधिक लोचदार होती है।

प्रश्न 4.
मांग की लोच को मापने की कौन-कौन सी विधियाँ हैं?
उत्तर:
मांग की लोच को मापने की तीन विधियां हैं –

  1. कुल व्यय विधि
  2. प्रतिशत या आनुपातिक विधि
  3. ज्यामितीय या बिन्दु विधि।

प्रश्न 5.
आवश्यक आवश्यकता की वस्तुओं की मांग की लोच कैसी होती है?
उत्तर:
आवश्यक आवश्यकता की वस्तुओं की मांग बेलोचदार होती है।

प्रश्न 6.
मांग की कीमत लोच का गुणांक सदैव ऋणात्मक क्यों होता है?
उत्तर:
कीमत एवं वस्तु की मांग में ऋणात्मक सम्बन्ध होने का कारण मांग की कीमत लोच का गुणांक हमेशा ऋणात्मक ही होता है।

प्रश्न 7.
लोचदार मांग से क्या आशय है?
उत्तर:
लोचदार मांग उस स्थिति को कहते हैं जबकि वस्तु की मांग में परिवर्तन उसी अनुपात में होता है जिस अनुपात में कीमत में परिवर्तन होता है।

प्रश्न 8.
मांग की कीमत लोच शून्य कब होती है?
उत्तर:
जब कीमत परिवर्तन के फलस्वरूप मांग में कोई परिवर्तन नहीं होता है तो मांग की कीमत लोच शून्य होती है।

प्रश्न 9.
मांग की लोच मापने की ज्यामिति विधि का सूत्र क्या है?
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच

प्रश्न 10.
यदि कीमत में कमी होने पर कुल व्यय बढ़ता है तथा कीमत में वृद्धि होने पर कुल व्यय घटता है तो मांग की कीमत लोच क्या होगी?
उत्तर:
ऐसी अवस्था में मांग की कीमत लोच इकाई से अधिक होगी।

प्रश्न 11.
यदि कीमत घटने पर कुल व्यय घटता है तथा कीमत बढ़ने पर कुल व्यय बढ़ता है तो मांग की कीमत लोच क्या होगी?
उत्तर:
इस अवस्था में मांग की लोच इकाई से कम होगी।

प्रश्न 12.
यदि कीमत घटने एवं बढ़ने दोनों ही अवस्थाओं में कुल व्यय समान रहता है तो मांग की लोच क्या होगी?
उत्तर:
इस स्थिति में मांग की लोच इकाई के बराबर होगी।

प्रश्न 13.
मांग की लोच की वास्तविक अवस्थाएँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर:
मांग की लोच की वास्तविक अवस्थाएँ हैं – लोचदार मांग, अधिक लोचदार मांग तथा बेलोचदार मांग।

प्रश्न 14.
मांग की लोच को प्रभावित करने वाले दो घटक बताइए।
उत्तर:

  1. वस्तु की प्रकृति
  2. वस्तु के विभिन्न प्रयोग।

प्रश्न 15.
मांग की लोच की गणना की कुल व्यय रीति की प्रतिपादन किसने किया है?
उत्तर:
मांग की लोच की गणना की कुल व्यय रीति का प्रतिपादन अर्थशास्त्री मार्शल द्वारा किया गया है।

प्रश्न 16.
मांग की लोच का समय से क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
अल्प अवधि में मांग बेलोचदार होती है जबकि दीर्घअवधि में यह लोचदार होती है।

प्रश्न 17.
जिन वस्तुओं के उपभोक्ता आदी हो जाते हैं उनकी मांग की लोच कैसी होती है?
उत्तर:
ऐसी वस्तुओं की मांग बेलोचदार होती है जिनके उपभोक्ता आदी हो जाते हैं।

प्रश्न 18.
मांग की लोच के गुणांक को मापने का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच

प्रश्न 19.
कार की मांग की लोच कैसी है?
उत्तर:
कार विलासिता की वस्तु है। अत: इसकी मांग अधिक लोचदार होती है।

प्रश्न 20.
मार्शल के अनुसार मांग की कीमत लोच के प्रकार बताइए।
उत्तर:
मार्शल के अनुसार मांग की कीमत लोच तीन प्रकार की होती है –

  1. लोचदार मांग
  2. ऐकिक मांग की लोच
  3. बेलोचदार मांग।

प्रश्न 21.
क्या एक मांग वक्र के विभिन्न बिन्दुओं पर मांग की लोच समान होती है?
उत्तर:
एक मांग वक्र के विभिन्न बिन्दुओं पर मांग की लोच अलग-अलग होती है।

प्रश्न 22.
यदि मांग रेखा सीधी न होकर वक्र के आकार की हो तो बिन्दु रीति से मांग की लोच कैसे ज्ञात करते हैं?
उत्तर:
मांग रेखो वक्र आकार की होने पर जिस बिन्दु पर मांग की लोच ज्ञात करनी हो उस बिन्दु पर स्पर्श रेखा खींच कर बिन्दु के ऊपर व नीचे का हिस्सा देखते हैं और मांग की लोच ज्ञात कर लेते हैं।

प्रश्न 23.
धनी लोगों के लिए वस्तुओं की मांग की लोच कैसी होती है?
उत्तर:
धनी लोगों के लिए वस्तों की मांग प्रायः बेलोचदार होती है।

प्रश्न 24.
निर्धन लोगों के लिए वस्तुओं की मांग की लोच कैसी होती है?
उत्तर:
निर्धन लोगों के लिए वस्तुओं की मांग प्रायः लोचदार होती है।

प्रश्न 25.
हीरे जवाहरात की मांग की लोच कैसी होती है?
उत्तर:
हीरे-जवाहरात विलासिता की वस्तुएँ हैं। अत: इनकी मांग अधिक लोचदार होती है।

RBSE Class 12 Economics Chapter 4 लघु उत्तरीय प्रश्न (SA-I)

प्रश्न 1.
श्रीमती जॉन रॉबिन्सन ने मांग की कीमत लोच को मापने की क्या विधि बताई है?
उत्तर:
श्रीमती जॉन रॉबिन्सन के अनुसार, “किसी कीमत पर मांग की लोच कीमत में थोड़े परिवर्तन के जवाब में क्रय की गई मात्रा के आनुपातिक परिवर्तन को कीमत के आनुपातिक परिवर्तन से भाग देने पर प्राप्त होती है।”

प्रश्न 2.
मांग की लोच ऋणात्मक क्यों होती है?
उत्तर:
क्योंकि कीमत बढ़ती है तो मांग घटती है तथा कीमत घटती है तो मांग बढ़ती है अर्थात् मांग व कीमत के परिवर्तन एक दूसरे के विपरीत दिशा में होते हैं इसलिए मांग की लोच ऋणात्मक होती है।

प्रश्न 3.
मांग की लोच की श्रेणियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
मांग की लोच की पाँच श्रेणियाँ हैं –

  1. पूर्णतया लोचदार (ed = ∞)
  2. लोचदार (ed > 1)
  3. इकाई के बराबर लोचदार (ed = 1)
  4. बेलोचदार (ed < 1)
  5. शून्य लोचदार (ed = 0)

प्रश्न 4.
पूर्णतया लोचदार मांग से क्या आशय है?
उत्तर:
वह स्थिति जिसमें प्रचलित कीमतों पर वस्तु की मांग अनन्त होती है अर्थात् कीमतों के स्थिर रहने पर भी मांग की मात्रा घटती-बढ़ती रहती है तथा कीमतों में बहुत कम वृद्धि होने पर भी वस्तु की मांग शून्य हो सकती है।

प्रश्न 5.
सापेक्षतया लोचदार मांग क्या है?
अथवा
मांग की लोच एक से अधिक कब होती है?
उत्तर:
जब मांग का आनुपातिक परिवर्तन, कीमत के आनुपातिक परिवर्तन से अधिक होता है, उस स्थिति में मांग की लोच एक से अधिक होती है। इसे सापेक्ष तथा लोचदार मांग भी कहते हैं।

प्रश्न 6.
इकाई के बराबर लोच से आपका क्या आशय है?
उत्तर:
जब मांग का आनुपातिक परिवर्तन कीमत के आनुपातिक परिवर्तन के बराबर होता है तब लोच इकाई के बराबर होती है। दूसरे शब्दों में कीमतों के घटने या बढ़ने से वस्तु पर किया गया व्यय आदि समान रहता है तो मांग की लोच इकाई के बराबर होती है।

प्रश्न 7.
आयताकार अतिपरवलय वक्र क्या है?
उत्तर:
आयताकार अतिपरवलय वक्र वह होता है जिसके नीचे खींचे गये सभी आयतों का क्षेत्र समान होता है। जब मांग की लोच इकाई के बराबर होती है तब मांग वक्र आयताकार अतिपरवलय (Rectangular hyperbola) होता है।

प्रश्न 8.
इकाई से कम लोचदार मांग अथवा बेलोचदार मांग की लोच क्या है?
उत्तर:
जब मांग का आनुपातिक परिवर्तन कीमत के आनुपातिक परिवर्तन से कम होता है उस स्थिति में मांग की लोच इकाई से कम होती है। इसी को बेलोचदार मांग की लोच कहते हैं।

प्रश्न 9.
शून्य लोच क्या है? इस स्थिति में मांग वक्र की स्थिति कैसी होती है?
उत्तर:
जब कीमत के परिवर्तन से मांग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है तो ऐसी स्थिति को शून्य लोच की स्थिति कहा जाता है। इस स्थिति के मांग वक्र Y अक्ष के समानान्तर होता है।

प्रश्न 10.
मार्शल के अनुसार लोचदार मांग से क्या आशय है?
उत्तर:
यदि कीमत में थोड़ी सी कमी करने से कुल खर्चा बढ़ता है या कीमत को थोड़ा सा बढ़ाने पर कुल खर्च घटता है तो मांग लोचदार कहलाती है।

प्रश्न 11.
मार्शल के अनुसार रौकिक मांग की लोच क्या है?
उत्तर:
यदि कीमत में थोड़ा सा परिवर्तन करने पर कुल खर्च अपरिवर्तित रहता है तो मांग की लोच इकाई के बराबर होती है इसी को ऐकिक मांग की लोच कहते हैं।

प्रश्न 12.
मार्शल के अनुसार बेलोचदार मांग से क्या आशय है?
उत्तर:
यदि कीमत में थोड़ी कमी करने से कुल खर्च भी कम हो जाता है या कीमत में थोड़ी वृद्धि करने पर कुल खर्च बढ़ जाता है तो इसे मार्शल ने बेलोचदार मांग कहा है।

प्रश्न 13.
मांग की लोच पर समयावधि के प्रभाव को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अल्पकाल में किसी वस्तु की बेलोच होती है, जबकि दीर्घकाल में वस्तु की मांग लोचदार होती है क्योंकि अल्पकाल की तुलना में दीर्घकाल में उपभोक्ता अपनी उपभोग प्रवृत्ति को बदल सकता है।

प्रश्न 14.
गेहूँ की मांग की लोच किस श्रेणी की है? कारण सहित बताइए।
उत्तर:
गेहूँ की मांग बेलोचदार होती है क्योंकि इसकी मांग पर कीमत परिवर्तन का ज्यादा अन्तर नहीं पड़ता है। गेहूँ एक आवश्यक आवश्यकता की वस्तु है जिसका उपभोग कीमत के अनुरूप घटाना सम्भव नहीं होता है।

प्रश्न 15.
कार की मांग की लोच किस श्रेणी में आती है? बताइए।
उत्तर:
कार एक विलासिता की वस्तु है अत: इसकी मांग अधिक लोचदार होती है। कीमत बढ़ने पर कई उपभोक्ता इसका प्रयोग बंद कर देते है या सीमित कर देते है जिससे इसकी मांग में काफी कमी आ जाती है।

RBSE Class 12 Economics Chapter 4 लघु उत्तरीय प्रश्न (SA-II)

प्रश्न 1.
मांग की लोच से क्या आशय है? समझाइए।
उत्तर:
वस्तु की कीमत में होने वाले परिवर्तनों के कारण उस वस्तु की मांग में जो परिवर्तन होता है उसे ही मांग की कीमत लोच कहते हैं। मांग की लोच वस्तु की कीमत एवं मांग के पारस्परिक सम्बन्ध की मात्रा को व्यक्त करती है। अर्थशास्त्री केयर्न क्रास ने ठीक ही कहा है कि किसी वस्तु की मांग की लोच वह दर है जिस पर खरीदी जाने वाली मात्रा कीमत परिवर्तनों के कारण बदलती है।

प्रश्न 2.
बेलोचदार मांग से क्या आशय है?
उत्तर:
जब वस्तु की मांग में आनुपातिक परिवर्तन कीमत के आनुपातिक परिवर्तन से कम होता है तो उस स्थिति में मांग बेलोचदार कहलाती है। यह निम्न चित्र से स्पष्ट है –
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच
चित्र से स्पष्ट है कि कीमत में परिवर्तन PP1 के बराबर हुआ है। लेकिन मांग में परिवर्तन उससे कम QQ1 के बराबर ही हुआ है। यह बेलोचदार मांग की स्थिति है।

प्रश्न 3.
अधिक लोचदार मांग क्या होती है?
उत्तर:
जब किसी वस्तु की मांग में आनुपातिक परिवर्तन कीमत के आनुपातिक परिवर्तन से ज्यादा होते हैं तो ऐसी वस्तु की मांग को अधिक लोचदार कहा जाता है। यह निम्नलिखित से स्पष्ट है –
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच
चित्र से स्पष्ट है कि कीमत में परिवर्तन PP1 से वस्तु की मांग में परिवर्तन QQ1 ज्यादा है। अतः वस्तु की मांग अधिक लोचदार है।

प्रश्न 4.
पूर्णतया लोचदार मांग से क्या आशय है?
उत्तर:
पूर्णतया लोचदार मांग (Perfectly elastic demand) [ed = ∞]
पूर्णतया लोचदार मांग की अवस्था वह होती है जिसमें वस्तु की प्रचलित कीमतों पर मांग अनन्त होती है। इस अवस्था में कीमत में जरा सी वृद्धि मांग को शून्य तथा कमी मांग को अनन्त कर देती है। यह एक काल्पनिक स्थिति है। वास्तविक कीमत में ऐसी स्थिति देखने को नहीं मिलती है। इस अवस्था में एक फर्म का मांग वक्र पूर्णतया लोचदार होता है और वह आधार रेखा के समानान्तर होता है जैसा कि चित्र से स्पष्ट है-
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच

चित्र से स्पष्ट है कि OP कीमत पर वस्तु की मात्रा कुछ भी हो सकती है।
मांग की मात्रा जैसे-OQ,Q1 या Q2 या इससे कुछ भिन्न।

प्रश्न 5.
इकाई के बराबर लोच अथवा लोचदार मांग से क्या आशय है?
उत्तर:
लोचदार मांग (Elastic Demand) [ed = 1]

लोचदार मांग की स्थिति तब होती है जब मांग में आनुपातिक परिवर्तन कीमत के आनुपातिक परिवर्तन के बराबर होता है। ऐसी अवस्था में मांग की लोच इकाई के बराबर होती है। उदाहरण के लिए यदि कीमत में 20 प्रतिशत वृद्धि होने पर मांग में 20 प्रतिशत हैं । कमी हो जाये तो ऐसी वस्तु की मांग लोचदार मांग कहलायेगी। यह स्थिति चित्र में दर्शायी गई है –
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच
चित्र को देखने से स्पष्ट है कि OP कीमत पर मांग OQ है। जब कीमत बढ़कर OP1 हो जाती है तो वस्तु की मांग घटकर OQ1 रह जाती है। चित्र में कीमत में परिवर्तन मांग की मात्रा PP1 मांग में परिवर्तन OQ1 के बराबर है। अतः मांग में कमी उसी अनुपात में है जिस अनुपात में कीमत में वृद्धि हुई है।

प्रायः आरामदायक वस्तुओं की मांग लोचदार होती है।

प्रश्न 6.
शून्य लोच अथवा पूर्णतया बेलोचदार मांग को स्पष्ट रूप से समझाइए।
उत्तर:
पूर्णतया बेलोचदार मांग (Perfectly meelastic demand) [ed = 0]

जब वस्तु की कीमत में परिवर्तन होने पर भी वस्तु की मांग अपरिवर्तित रहती है तो ऐसी वस्तु की मांग को पूर्णतया बेलोचदार मांग कहते हैं। इस अवस्था में मांग की लोच शून्य होती है। इस दशा में मांग वक्र Y अक्ष के समानान्तर होता है। इस Pi स्थिति को रेखाचित्र में दिखाया गया है –
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच
उपरोक्त चित्र में कीमत OP,OP1 तथा OP2 तीनों अवस्थाओं में वस्तु की मांग समान OQ ही रहती है, उसमें कोई परिवर्तन नहीं होता है। यह मांग की शून्य लोच की स्थिति है।

यह स्थिति कोरी कल्पना है। वास्तविक जीवन में देखने को नहीं मिलती है।

प्रश्न 7.
मांग की कीमत लोच के मापन की ज्यामिति विधि (बिन्दू रीति वक्र) का संक्षेप में वर्णन कीजिए?
उत्तर:
बिन्दु रीति या ज्यामिति विधि का प्रयोग मांग वक्र के किसी बिन्दु पर मांग की कीमत लोच का पता लगाने के लिए किया जाता है। मांग वक्र के विभिन्न बिन्दुओं पर कीमत लोच बराबर नहीं होती है वह अलग-अलग होती है। जिस बिन्दु पर मांग की लोच ज्ञात करनी होती है उस बिन्दु से ऊपर के हिस्से तथा नीचे के हिस्से की सहायता से निम्न सूत्र द्वारा मांग की लोच ज्ञात की जाती है –
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच
यदि दोनों हिस्से बराबर होते हैं तो मांग की लोच इकाई के बराबर होती है। यदि नीचे का हिस्सा ऊपर के हिस्से से ज्यादा होता है तो मांग की लोच इकाई से ज्यादा होती है तथा नीचे का हिस्सा ऊपर के हिस्से से कम होने पर मांग की लोच इकाई से कम होती है। इन तीनों स्थितियों को रेखाचित्र में दिखाया गया है-
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच
इस चित्र में R बिन्दु पर मांग की लोच इकाई के बराबर है माना R बिन्दु से नीचे का हिस्सा तथा ऊपर का हिस्सा दोनों बराबर हैं। S बिन्दु पर मांग की कीमत इकाई से अधिक है क्योंकि S बिन्दु से नीचे का हिस्सा ऊपर के हिस्से से ज्यादा है। इसके विपरीत T बिन्दु पर मांग की लोच इकाई से कम होगी क्योंकि नीचे का हिस्सा ऊपर के हिस्से से कम है।

यदि मांग वक्र एक सीधी रेखा न होकर वक्र की आकृति में होती है तो जिस बिन्दु मांग की मात्रा पर मांग की लोच ज्ञात करनी होती है उस बिन्दु से स्पर्श रेखा खींच कर उपरोक्त विधि से मांग की लोच ज्ञात कर लेते हैं।

प्रश्न 8.
भांग की लोच मापने की आनुपातिक विधि क्या है? समझाइए।
उत्तर:
मांग की आनुपातिक विधि से मांग की लोच ज्ञात करने के लिए मांग में होने वाले आनुपातिक परिवर्तन को, कीमत में होने वाले आनुपातिक परिवर्तन द्वारा भाग दिया जाता है। इसे सूत्र रूप में निम्न प्रकार व्यक्त किया जाता है –
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच

प्रश्न 9.
मांग की लोच पर स्थानापन्न वस्तुओं का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
जिन वस्तुओं की निकट की स्थानापन्न वस्तुएँ होती हैं;
जैसे – चाय और कॉफी, इनकी मांग लोचदार होती है क्योंकि एक वस्तु के मूल्य में वृद्धि होने पर उपभोक्ता दूसरी वस्तु का ज्यादा प्रयोग करने लगते हैं इससे पहली वस्तु की मांग गिर जाती है।

प्रश्न 10.
कुल व्यय रीति से मांग की लोच किस प्रकार ज्ञात की जाती है?
उत्तर:
कुल व्यय रीति में वस्तु की कीमत में परिवर्तन के फलस्वरूप कुल खर्च में होने वाले परिवर्तन के आधार पर मांग की लोच मापी जाती है।

  1. यदि कीमत में कमी से कुल व्यय बढ़ता है या कीमत में वृद्धि से कुल व्यय घटता है तो मांग अधिक लोचदार अर्थात् इकाई से अधिक कहलाती है।
  2. यदि कीमत परिवर्तन से कुल व्यय अपरिवर्तित रहता है तो मांग की लोच इकाई के बराबर होती है।
  3. यदि कीमत में कमी से कुल व्यय घट जाता है तथा कीमत बढ़ने से कुल व्यय बढ़ जाता है तो मांग की लोच इकाई से कम होती है।

प्रश्न 11.
वस्तु की प्रकृति तथा उपभोक्ता की आदत मांग की लोच को कैसे प्रभावित करते हैं?
उत्तर:
1. वस्तु की प्रकृति – आवश्यक आवश्यकता की वस्तुओं की मांग बेलाचेदार होती है क्योंकि कीमत बढ़ने पर भी उपभोक्ता इनकी मांग में ज्यादा कमी नहीं कर पाते हैं जैसे – दवा, अनाज आदि। आरामदायक आवश्यकता की वस्तुओं की मांग लोचदार होती है क्योंकि इन वस्तुओं की मांग में कीमत में परिवर्तन के अनुपात में परिवर्तन हो जाते हैं। विलासिता की वस्तुओं की मांग अधिक लोचदार होती है क्योंकि इनकी मांग में गिरावट कीमत में वृद्धि से ज्यादा होती है।

2. उपभोक्ता की आदत – जिन वस्तुओं के उपभोक्ता आदी हो जाते हैं, उनकी मांग बेलोचदार होती है, जैसे सिगरेट, बीड़ी आदि।

RBSE Class 12 Economics Chapter 4 निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मांग की कीमत लोच को परिभाषित कीजिए तथा मांग के नियम एवं मांग की लोच में क्या अन्तर है?
उत्तर:
मांग की कीमत लोच की परिभाषा-अर्थशास्त्र में मांग की कीमत लोच का आशय वस्तु की कीमत में होने वाले परिवर्तन के फलस्वरूप उस वस्तु की मांगी जाने वाली मात्रा में परिवर्तन से लगाया जाता है। इस प्रकार मांग की लोच वस्तु की कीमत एवं उसकी मांगी जाने वाली मात्रा के बीच के मात्रात्मक सम्बन्ध को व्यक्त करती है।

मांग की लोच की प्रमुख परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं –

1. प्रो. ईस्थम के शब्दों में, “मांग की लोच’, कीमत में होने वाले परिवर्तनों के फलस्वरूप मांग की मात्रा में होने वाले परिवर्तन की एक माप है।”

2. प्रो. केयर्न क्रास के अनुसार, “किसी वस्तु की मांग की लोच वह दर है जिस पर खरीदी जाने वाली मात्रा कीमत परिवर्तनों के परिणामस्वरूप बदलती है।”

3. मार्शल के अनुसार, “बाजार में मांग की लोच को कम या अधिक होना इस बात पर निर्भर करता है कि एक निश्चित मात्रा में कीमत के घट जाने पर मांग की मात्रा में अधिक वृद्धि होती है या कम तथा एक निश्चित मात्रा में कीमत के बढ़ जाने पर मांग की मात्रा में अधिक कमी आती है या कम।”

4. श्रीमती जॉन रोबिन्सन के अनुसार, “मांग की लोच कीमत में मामूली परिवर्तन के परिणामस्वरूप खरीदी जाने वाली मात्रा में होने वाले आनुपातिक परिवर्तन को, कीमत के आनुपातिक परिवर्तन से भाग देने पर प्राप्त होती है।”

मांग के नियम एवं मांग की लोच में अन्तर – मांग का नियम कीमत तथा मांग के बीच के सम्बंध का गुणात्मक कथन है जो हमें केवल इस बात का ज्ञान कराता है कि वस्तु की कीमत में परिवर्तन होने पर मांग के परिवर्तन किस दिशा में होंगे। यह नियम यह नहीं स्पष्ट करता है कि कीमत के परिवर्तन के फलस्वरूप मांग की मात्रा में किस दर से परिवर्तन होंगे। मांग का नियम यह तो बताता है कि कीमत घटने पर मांग बढ़ेगी तथा कीमत बढ़ने पर मांग घटेगी लेकिन कितनी बढ़ेगी या घटेगी, इस बात का उत्तर मांग का नियम नहीं देता है।

मांग की लोच की व्याख्या मांग के नियम की इसी कमी को दूर करती है। मांग की लोच कीमत एवं मांग के बीच परिवर्तन का मात्रात्मक माप है।

प्रश्न 2.
उदाहरण की सहायता से समझाइए कि किन परिस्थितियों में (1) मांग की प्रतिशत विधि, (2) मांग की ज्यामिति विधि काम में ली जाती है?
उत्तर:
1. मांग की प्रतिशत विधि-मांग की प्रतिशत विधि के द्वारा मांग की लोच का एक निश्चित मापन सम्भव होता है। लेकिन इस विधि का प्रयोग तभी किया जा सकता है जबकि कीमत एवं मांग में परिवर्तन की संख्यात्मक माप ज्ञात हो। मांग की लोच को मापने की यह एक श्रेष्ठ विधि है लेकिन संख्यात्मक माप उपलब्ध न होने पर इसका प्रयोग सम्भव नहीं है। उदाहरण के लिए निम्न संख्यात्मक तथ्यों के आधार पर इस विधि से मांग की लोच की गणना आसानी से की जा सकती है-
प्रारम्भिक कीमत = ₹10 P, नई कीमत = ₹12 P1, प्रारम्भिक मांग = 500 इकाई Q1 नई मांग = 400 इकाइयाँ Q1
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच

मांग की लोच इकाई के बराबर है।

2. मांग की ज्यामिति विधि – जब मांग वक्र दिया होता है तथा उस मांग वक्र के किसी बिन्दु पर मांग की लोच ज्ञात करनी होती है। | तो ज्यामिति विधि का प्रयोग करके मांग की लोच ज्ञात की जा सकती है। इसे निम्न उदाहरण द्वारा स्पष्ट किया गया है-
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 मांग की कीमत लोच

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