Rajasthan Board RBSE Class 12 English Inside The Haveli Section-II
RBSE Class 12 English Inside The Haveli Section-II Textual Questions
Answer the following questions in about 60 words :
Question 1.
How was Sita brought up in the Haveli by the maids ?
नौकरानियों द्वारा सीता का हवेली में किस तरह पालन पोषण किया गया?
Answer:
Lakshmi, a maid servant of the haveli was fed up with her husband. She left behind her suckling baby and went away. The other maids of the haveli brought up Sita with motherly affection. In spite of keeping a stern eye, they treated her with love and care. They did not allow her to play in the streets. However, the maids scolded Sita, even slapped her, when Sita was unruly.
हवेली की एक सेविका लक्ष्मी अपने पति से तंग थी। वह अपने दूध-पीते बच्चे को छोड़कर चली गई। हवेली की अन्य सेविकाओं ने उसे माँ का प्यार देकर पाला। उस पर कठोरता से नजर रखने के बावजूद भी वे उसको स्नेह करती थीं। वे उसे गलियों में नहीं खेलने देती थी। फिर भी, सेविकायें उसे फटकारती थीं यहाँ तक कि थप्पड़ भी लगा देती थी जब वह उद्दंड हो जाती थी।
Question 2.
How did Dhapu present Geeta’s desire before Bhagwat Singh ji to send Sita to school ?
धापू ने गीता की सीता को स्कूल भेजने की इच्छा भगवत सिंह जी के सामने कैसे प्रस्तुत की ?
Answer:
As Bhagwat Singh ji was about to get up after taking his meal, Dhapu told him with respect that Binniji wanted to ask if Sita should go to school. After a minute of silence he said, “Education is a good thing and it is better to be in a school than playing in the street. Still it is an important decision and there should be no haste. But we should remember that Sita is our responsibility.”
भोजन करने के बाद जैसे ही भगवत सिंह जी उठने वाले थे, धापू ने सम्मानपूर्वक उनसे कहा कि बिन्नी जी पूछना चाहती हैं कि क्या सीता को स्कूल जाना चाहिये। एक मिनट की चुप्पी के बाद उन्होंने कहा, “शिक्षा एक अच्छी चीज है और स्कूल में होना सड़क पर खेलने से अधिक अच्छा है। फिर भी यह एक महत्वपूर्ण फैसला है और कोई जल्दबाजी नहीं होनी चाहिये। परन्तु हमें ध्यान रहना चाहिये कि सीता हमारी जिम्मेदारी है।”
Question 3.
Relate the incidents that led to Sita’s going to school.
उन घटनाओं का वर्णन करो जो सीता के स्कूल जाने की ओर मार्गदर्शन करती हैं।
Answer:
After Lakshmi left the haveli, Sita mostly played with Vijay. One day while going to school, Vijay caught Sita’s hands and pulled her from the behind the pillar where she stood shivering. She said, “Come to school with me; it would be great fun. If I can go to school why can’t you ?” Also, the miserable condition of Sita touched Geeta to the quick. She insisited that Sita must go to school.
जब लक्ष्मी हवेली से चली गई तो सीता अधिकांश समय विजय के साथ खेलती थी। एक दिन स्कूल जाते हुए विजय ने सीता के हाथ पकड़ लिये और उसे स्तम्भ के पीछे से खींच लिया जहाँ खड़ी हुई वह. ठण्ड से कांप रही थी। उसने कहा, “मेरे साथ स्कूल चलो बड़ा मजा आयेगा। यदि मैं स्कूल जा सकती हूँ तो तुम क्यों नहीं जा सकती ?सीता की दर्दनाक हालत ने गीता के अन्त:करण को झंझोड़ दिया। उसने दृढ़तापूर्वक निश्चय किया कि सीता को स्कूल जाना चाहिए।
Question 4.
Why maids and mistress were not in favour of sending Sita to school ?.
सेविकाएँ तथा मालकिन सीता को स्कूल भेजने के पक्ष में क्यों नहीं थी ?
Answer:
The mistress of the haveli was quite old-fashioned in her thoughts, and couldn’t agree to the idea of a servant’s child going to school. Moreover the other servants resented the idea that gave Sita this extra privilege: Some women were of the view that servants’ daughters should serve in the haveli, so that physical labour would enable them to adapt to the village life which they were to lead later in life.
हवेली की मालिकिन पारम्परिक विचारों की थीं। वह एक नौकरानी के बच्चे के स्कूल जाने के विचार से सहमत नहीं हो पायी। इसके अतिरिक्त, अन्य नौकरानियों को यह विचार ठीक नहीं लगा जिससे सीता को उनके बच्चों की अपेक्षा अधिक सुविधा मिले। कुछ स्त्रियों की यह राय थी कि नौकरों के बच्चों को हवेली में काम करना चाहिए जिससे शारीरिक श्रम उन्हें गाँव के जीवन के लिए अभ्यस्त बना दे जिसे उन्हें भविष्य में जीना था।
Question 5.
How did Geeta start classes for the poor children ?
हवेलियों के गरीब बच्चों के लिये गीता ने कक्षायें कैसे शुरू की ?
Answer:
One morning a boy named Ravi came to Geeta’s room with the other servants’ children. On being asked, Ravi told Geeta that he could not go to school because he was an orphan. Touched by the boy’s dead, vacant eyes, Geeta asked him to come in the morning if he was interested in learning. Within two days boys and girls from the servants’ quarters began to come to Geeta’s room and the small school had its beginning.
एक सुबह रवि नाम का एक लड़का नौकरों के बच्चों के साथ गीता जी के कमरे पर आ गया। पूछे जाने पर रवि . ने गीता को बताया कि वह स्कूल नहीं जा सका क्योंकि वह अनाथ है। लड़के की उदास और लाचार आँखों से द्रवित होकर गीता ने उसे सुबह आने को कहा यदि वह पढ़ाई में रुचि रखता है। दो दिन के अन्दर ही नौकरों के कमरों से लड़के, लड़कियाँ गीता के कमरे पर आने लगे तथा यह छोटा-सा स्कूल आरंभ हो गया।
Question 6.
Why did Geeta envy the village women who walked proudly away from the shops in the bazaar ?
गीता उन ग्रामीण महिलाओं से क्यों ढाह करती थी जो बाजार की दुकानों से गर्व के साथ (आभूषण लेकर) जा रहीं थीं?
Answer:
In the bazaar, Geeta saw many village women beaming with joy. Some held the bracelets in their hands and were making their choice. Some walked proudly away from the shops with little bundles under their arms. They were very happy and their husbands too were glad to see contentment on their faces. Geeta envied these happy women because she was not free to visit the market or make her choice.
बाजार में गीता ने कुछ ग्रामीण महिलाओं को खुशी से चमकते हुए देखा। कुछ हाथों में ब्रेस्लेट लिये थी और पसन्द कर रही थी। कुछ महिलायें अपनी बगल में छोटी सी पोटली दबाये गर्व के साथ दुकान से जा रही थीं। वे बहुत खुश थी और उनके पति भी उनके चेहरों पर सन्तोष देखकर बहुत खुश थे। गीता को इन महिलाओं को देख कर ढाह हुई क्योंकि वह स्वयं बाजार जाने व अपनी पसंद का चयन करने के लिए स्वतंत्र नहीं थी।
Question 7.
Who was Manji Bai sa ? What was her view regarding education ?
मानजी बाई सा कौन थी ? शिक्षा के विषय में उसका क्या दृष्टिकोण था ?
Answer:
Manji Bai sa was a cousin of Bhagwat Singhji. She believed that learning is a good thing. She was proud of Binniji when she started classes for the poor children of the havelis. But when the young maids began to attend the classes, they began to shirk their duties. This offended all the affected women like Manji Bai sa. Still she thought that knowledge is God’s blessing. She admired Binniji for sending Sita to a proper school.
मान जी बाई सा भगवत सिंह जी की चचेरी बहिन थी। उनका विश्वास था कि पढ़ाई एक अच्छी चीज है। उसे बिन्नी जी पर गर्व हुआ जब उन्होंने हवेलियों के गरीब बच्चों के लिये कक्षायें खोलीं। परन्तु जब युवा सेविकाओं ने कक्षाओं में जाना शुरू कर दिया तो उन्होंने अपने कर्तव्यों से जी चुराना शुरू कर दिया। इससे मानजी जैसी प्रभावित सभी स्त्रियाँ नाराज हो गईं। फिर भी वह सोचती थी कि ज्ञान भगवान का आशीर्वाद है। वह बिन्नी जी की सीता को उचित स्कूल में भेजने के लिये प्रशंसा करती थी।
Question 8.
Who was Nandu Bua sa ? Describe her personality and manners.
नन्दू बुआ सा कौन थी ? उसके व्यक्तित्व तथा शिष्टाचार का वर्णन करें।
Answer:
Nandu Bua sa was Bhagwat Singh ji’s sister. Her unannounced visit to the haveli at an odd time shows her bad manners. Her rude and harsh voice surprises both the ladies and the maids of the haveli. She angrily tells Kanwarani sa that her old maid’s daughters disappeared from their duties since they started coming to Binniji’s classes. This shows that she wanted those poor maids to remain illiterate.
नन्दू बुआ सा भगवत सिंह जी की बहन थी। असमय पर हवेली में बिना पूर्वसूचना के आना उसके दुष्यचार को दिखाता है। उसकी तेज और उद्दंड आवाज हवेली की स्त्रियों और सेविकाओं दोनों को आश्चर्यचकित करती है। वह क्रोध से कन्वारानी से कहती है कि उसकी वृद्ध सेविका की लड़कियाँ अपने कार्य से गायब हो गई हैं जब से उन्होंने बिन्नी जी की कक्षाओं में आना शुरू किया है। इससे पता चलता है कि वह गरीब सेविकाओं को अशिक्षित ही रहने देना चाहती थी।
Question 9.
How did maids of Jivan Niwas’ react to Geeta’s classes for the poor?
‘जीवन निवास’ की सेविकाओं ने गीता की गरीबों के लिये कक्षाओं के प्रति क्या प्रतिक्रिया की ?
Answer:
Geeta started teaching with a single boy, Ravi. After two days more boys and girls from the servants’ quarters came up to join the classes. The children listened to Geeta’s stories and then learned the alphabet. Soon the young maids from the havelies came and joined the children. Gradually they found the alphabet easy to learn. But Dhápu felt that the married maids and the maids having children could never learn.
गीता ने एक लड़के रवि को पढ़ाना शुरू कर दिया। दो दिन के बाद नौकरों के क्वार्टर्स में और अधिक लड़के और लड़कियों ने आना शुरू कर दिया। बच्चे गीता से कहानियां सुनते थे और तत्पश्चात् अक्षर ज्ञान प्राप्त करते थे। शीघ्र ही दूसरी हवेलियों से युवा सेविकाएं आती थीं और बच्चों में शामिल हो जाती थीं। धीमे-धीमे उन्हें अक्षर सीखना सरल लगा। परन्तु धापू को लगा कि विवाहित और बच्चों वाली कभी नहीं सीख सकती थीं।
Question 10.
What was Bhagwat Singh ji’s reaction when he came to know of Heeralal’s misbehaviour with Lakshmi ?
भगवत सिंह जी की क्या प्रतिक्रिया थी जब उन्हें लक्ष्मी के प्रति हीरालाल के दुर्व्यवहार का पता चला ?
Answer:
When Bhagwat Singh ji came to know that Heeralal had misbehaved with Lakshmi, he got furious. He called him a rascal. He ordered him to leave the haveli and never show his face again. He told him that he had been brought up since his childhood in the haveli, and he had dared to take the honour of an innocent woman. However, after Heeralal’s repeated pleas for forgiveness, he relented and let him off with a stern warning.
जब भगवत सिंह जी को पता लगा कि हीरालाल ने लक्ष्मी के साथ दुर्व्यवहार किया है तो वह गुस्से से आग बबूला हो गये। उन्होंने उसे बदमाश कही। उन्होंने उसे हवेली छोड़ने और अपनी मुँह कभी भी न दिखाने के लिये कहा। उन्होंने उसे बताया कि उसे बचपन से हवेली में पाला गया था और उसने एक भोली-भाली स्त्री की इज्जत लेने की कोशिश की है। फिर भी हीरालाल की बार-बार क्षमायाचना के बाद वे नरम पड़ गये और उन्होंने उसे एक कठोर चेतावनी के बाद छोड़ दिया।
Question 11.
Describe the conversation between Bhagwat Singh ji and the accountant regarding Sita’s schooling.
सीता की स्कूली पढ़ाई के सम्बन्ध में भगवत सिंह जी और मुनीम जी के बीच वार्तालाप का वर्णन करें।
Answer:
Bhagwat Singh ji asked the haveli accountant to find out a suitable school for Sita. The accountant respectfully told the Master that other servants too had children. Dhapu and Ganga too had children. They all would resent the decision. There upon Bhagwat Singh ji said that all the servants had been given land by his father. Dhapu’s child had been married by the mistress and in addition her husband had been given three acres of irrigated land.
भगवत सिंह जी ने हवेली के मुनीम को सीता के लिये एक उचित स्कूल ढूँढ़ने को कहा। मुनीम ने स्वामी को सम्मानपूर्वक बताया कि दूसरे नौकरों के भी बच्चे हैं। धापू और गंगा के भी बच्चे हैं। इस निर्णय से वे सब नाराज होंगे। इस पर भगवत सिंह जी ने कहा सभी नौकरों को उनके पिता ने जमीनें दे रखी हैं। धापू की बच्ची की शादी मालकिन ने कर दी है और इसके अतिरिक्त उसके पति को तीन एकड़ सिंचित जमीन दे दी गई है।
Question 12.
“Bhagwat Singh ji was a big man with a big heart.” Comment.
भगवत सिंह बड़े हृदय वाले एक बड़े आदमी थे।” टिप्पणी लिखें।
Answer:
Bhagwat Singh ji is the master of the haveli, ‘Jeevan Niwas’. He is kind, generous and merciful. He treats the maids and their children with affection. He gives Pari, the oldest maid, the regard of a mother. He scolds Heeralal, the driver, for misbehaving with Lakshmi. When he sees he is repentent, he forgives him. He arranges good schooling for Sita who is a maid’s daughter. Hence he was a big man with a big heart.
भगवत सिंह जी जीवन-निवास हवेली के स्वामी हैं। वह दयालु, उदार तथा रहम दिल हैं। वह सेविकाओं और उनके बच्चों के साथ प्यार से बर्ताव करते हैं। वह सबसे पुरानी सेविका परी को माँ का सम्मान देते हैं। वह हीरालाल ड्राईवर को सख्ती से फटकारते हैं क्योंकि उसने लक्ष्मी के साथ बदतमीजी की। जब वह देखते हैं कि वह पछतावा कर रही है तो वह उसे क्षमा कर देते हैं। वह लक्ष्मी की पुत्री सीता के लिये अच्छी शिक्षा की व्यवस्था करते हैं। अत: वह एक बड़े हृदय वाले बड़े आदमी थे।
Question 13.
How did Vijay Bai sa treat Sita ?
विजय बाई सा सीता के साथ किस प्रकार का व्यवहार करती थी ?
Answer:
Vijay Bai sa is the granddaughter of Bhagwat Singh ji. Sita is a maid’s daughter. Both Vijay and Sita play together and sleep together. Vijay’s mother pities Sita and even sends her to school. Vijay Bai always buys toffees and other eatables for Sita. She helps her to learn the alphabet. Sita too shares ladoos and puris given by the old woman, with Vijay. Sometimes Vijay bullies her.
विजय बाई सा भगवत सिंह जी की पौत्री है। सीता एक सेविका की पुत्री है। विजय और सीता दोनों साथ-साथ ही खेलती हैं और साथ-साथ ही सोती हैं। विजय की माँ को सीता पर दया आती है। वह उसे स्कूल भेज देती है। विजय सदैव सीता के लिये टॉफी और दूसरी खाने की वस्तुएँ खरीदती है। वह उसके अक्षर ज्ञान सीखने में सहायता करती है। वृद्ध स्त्री द्वारा दिये गये लड्डू और पूरी को सीता विजय को देती है। कभी-कभी विजय सीता पर अपना रौब दिखाती है।
Question 14.
Explain Geeta’s admiration and gratitude for her mother-in-law.
Answer:
Geeta, an educated Bombay girl, found herself suffocated in the tradition bound atmosphere of the haveli. But the unfaltering love of her mother-in-law was a constant consolation to her. When she (Geeta’s mother-in-law) came to know that her son had been offered a good position in Delhi University, she urged Geeta to persuade her husband not to sacrifice his bright future for his parents’ consideration. This filled Geeta with love and gratitude for her mother-in-law.
गीता, बम्बई की एक शिक्षित लड़की, ने अपने आप को जीवन निवास हवेली की परम्पराओं से बंधे हुए वातावरण में घुटा हुआ पाया। परन्तु उसकी सासू माँ का अडिग प्यार उसके लिये एक स्थिर सांत्वना थी। जब उन्हें (गीता की सासू मां को पता चला कि उसके पुत्र अजय को देहली विश्वविद्यालय में एक अच्छा पद मिल गया है तो उन्होंने गीता से याचना की कि वे अपने पति को समझाएँ कि वे अपने स्वर्णिम भविष्य का त्याग अपने माता-पिता के विचार से न करें। इससे गीता अपनी सास के प्रति प्रेम व आभार से भाव-विह्वल हो गयीं।
Question 15.
“Maids were attached to the haveli physically, emotionally and mentally.” Comment.
‘सेविकायें हवेली से शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक रूप से जुड़ी थीं।’ इस पर टिप्पणी लिखें।
Answer:
Bhagwat Singh Ji and his wife treated the maids as their own children. They fulfilled their needs and held a protecting hand over their heads. The result was that they were attached to the interest of the haveli physically, emotionally and mentally. In the hour of need none of them shirked work. If a relative uttered even a word against the mistress, they felt bad. They were always ready to work from dawn to dusk.
भगवत सिंह जी और उसकी पत्नी सेविकाओं को अपने बच्चों की तरह समझते थे। वे उनकी जरूरतों को पूरा करते थे और उनके सर पर एक सुरक्षा प्रदान करने वाला हाथ रखते थे। परिणाम यह होता था कि वे हवेली के हित से शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक ढंग से जुड़ी रहती थीं। जरूरत के समय कोई भी काम से जी नहीं चुराती थीं। यदि मालकिन के खिलाफ कोई एक शब्द भी कह देता था तो उन्हें चुभन महसूस होती थी। वे सदैव सुबह से शाम तक काम करने को तैयार रहती थीं।
RBSE Class 12 English Inside The Haveli Section-II Additional Questions Short Answer Type Questions (60 words)
Question 1.
What were the various gossips about Lakshmi’s going away from the haveli?
लक्ष्मी के हुवेली से चले जाने के बारे में क्या-क्या अफवाहें थीं?
Answer:
Bhagwat Singh’s wife told everyone that Lakshmi had unexpectedly gone to attend on the ailing wife of her brother. Soon the news spread that Lakshmi had quarrelled with her husband and left the haveli. Some said that she had fled because the mistress had beaten her for stealing a silver cup. Some people said that she jumped into a well and died. Some spread the rumour that she had run away with a peddler.
भगवत सिंह जी की पत्नी ने प्रत्येक को यही कहा कि लक्ष्मी अचानक अपने भाई की बीमार पत्नी की तीमारदारी के लिये चली गई । शीघ्र ही यह खबर फैल गई कि लक्ष्मी अपने पति से लड़ी और हवेली छोड़ कर चली गई। कुछ ने कहा कि वह भाग गई क्योंकि मालकिन ने उसे चांदी का प्याला चुराने के लिये पीटा था। कुछ लोगों ने कहा कि वह कुएँ में कूद पड़ी और मर गई। कुछ ने अफवाह फैलाई कि वह एक फेरी वाले के साथ भाग गई थीं।
Question 2.
On which grounds did Bhagwat Singhji’s wife hope that Laksmi would return to the haveli some day ?
भगवत सिंह जी की पत्नी को किस आधार पर आशा थी कि लक्ष्मी किसी दिन अवश्य हवेली वापस लौट आवेगी?
Answer:
Lashmi went to her village but her brother refused to shelter her for the fear of elder’s anger. She came back to Udaipur. After some days she moved from the panwala’s house. She started to work as a servant in a tailor’s house in the city. Some people who were known to the haveli recognized her. But she refused to talk to them. Bhagwat Singhji’s wife was satisfied to know that she was in Udaipur. She secretely hoped that Lakshmi would regret and come back to the haveli.
लक्ष्मी अपने गाँव गई परन्तु बड़ों के क्रोध के डर से उसके भाई ने उसे शरण देने से मना कर दिया। वह उदयपुर वापस आ गई। कुछ दिनों के बाद वह पान वाले के घर से चली गई। नगर में ही एक दरजी के घर उसने नौकरानी का काम शुरू कर दिया। कुछ व्यक्ति जो हवेली से परिचित थे उन्होंने उसे पहचान लिया। परन्तु उसने उनसे बात करने से मना कर दिया। भगवत सिंह जी की पत्नी इस बात से सन्तुष्ट थी कि वह नगर में है। वह गुप्त रूप से आशा करती थी कि वह एक दिन हवेली से जाने का अफसोस करेगी और निश्चित रूप से हवेली वापस आयेगी।
Question 3.
What arguments does Pari give to Binniji (Geeta) in defence of her view that Sita should not go to school ?
गीता को अपने दृष्टिकोण के बचाव में कि सीता को स्कूल नहीं जाना चाहिये परी जी क्या तर्क देती हैं ?
Answer:
Geeta is in favour of sending Sita to school. Pari ji is stunned to hear it. She tells Geeta that Sita is a servant’s child. Sita already loves to play with the boys in the street. Once she goes to school she will not like to work as a maid and she cannot be married to a standard family. Sita has to marry and live in a village. Her limbs must be strong to draw water from the well, to plough the fields and to collect the cow dung.
गीता जी सीता को स्कूल भेजने के पक्ष में है। वह यह सुनकर परी जी स्तब्ध रह जाती हैं। वह गीता जी को बताती हैं कि वह एक सेविका की बच्ची है। सीता पहले से ही गलियों में लड़कों के साथ खेलना पसन्द करती है। एक बार वह स्कूल जाने लग जाएगी तो वह नौकरानी का कार्य पसन्द नहीं करेगी और उसका विवाह किसी प्रतिष्ठित परिवार में हो नहीं सकता। सीता का विवाह होगा और उसे गाँव में रहना पड़ेगा। कुएँ से पानी खींचने, हल चलाने और गाय का गोबर उठाने के लिये उसके अंग मजबूत होने चाहिये।
Question 4.
Why did Geeta envy the village women carrying baskets of vegetables on their heads ?
गीता को ग्रामीण महिलाओं से क्यों जलन हुई जो अपने सिर पर सब्जियों की टोकरियाँ ले जा रही थीं?
Answer:
Geeta, on her way to Gopalji’s haveli, saw from her car some village women. They were carrying their baskets of vegetables on their heads. Their faces were uncovered and their arms were full of colourful bangles. Their heavy skirts swayed as they shouted to sell their wares in their sweet rural dialect. Geeta envied their freedom and carefree life. This stood in contrast to the caged life at the haveli.
गोपाल जी की हवेली को जाते हुए अपनी कार से गीता जी ने कुछ ग्रामीण महिलाओं को देखा। वे अपने सिर पर सब्जियों की टोकरियां ले जा रही थीं। उनके चेहरे बिना ढके हुए थे और उनकी भुजायें रंग-बिरगी चूड़ियों से भरी हुई थीं। जब अपनी मधुर ग्रामीण आवाज में अपना सौदा बेचने के लिये जोर से बोलती थी तो उनके भारी लहंगे/घाघरे इधर उधर हिलते थे। गीता को उनकी स्वतन्त्रता और बेपरवाह जीवन से जलन हुई। यह हवेली की पिंजरे में बन्द जिन्दगी के बिल्कुल विपरीत था।
Question 5.
Why did Geeta falter in managing the haveli, specially the kitchen, in the absence of her mother-in-law ?
अपनी सासू माँ की अनुपस्थिति में गीता हवेली का प्रबन्ध करने में, विशेषकर पाकशाला का प्रबन्ध करने में, क्यों डगमगई ?
Answer:
In the absence of her mother-in-law, Geeta got up earlier than usual because she had to look after the kitchen. As she reached the kitchen, Pariji had already taken out the day’s ration, vegetables, the ghee and the oil. Geeta had not the courage to instruct or disagree with the maids, specially Pari who knew better about the kitchen than she did. Though she had seen the cook spreading ghee on the servants’ rotis lavishly she did not have the courage to interfere.
अपनी सासु माँ की अनुपस्थिति में आम दिनों की अपेक्षा गीता जल्दी उठ जाती थी क्योंकि उसे पाक-शाला की देखभाल करनी थी। जब वह पाकशाला पहुँची तो परी जी दिन भर का राशन, सब्जियाँ, घी और तेल पहले से ही निकाल चुकी थीं। गीता में किसी भी सेविका, विशेषकर परी जी, को आदेश देने या उनसे असहमत होने का साहस नहीं था जो पाक शाला के बारे में उससे अधिक जानती थी। यद्यपि उसने रसोईये को नौकरों की रोटियों पर जरूरत से अधिक घी लगाते देख लिया था, उसे हस्तक्षेप करने का साहस नहीं हुआ।
Question 6.
What was the initial opinion of Kanwarani about Geeta’s classes ? Did it come true ?
गीता की कक्षाओं के बारे में कन्वारानी की प्रारम्भिक राय क्या थी ? क्या वह सही साबित हुई ?
Answer:
Kanwarani thought that Geeta was enjoying teaching the poor children and the women, but her enthusiasm would not last long. She would soon be fed up with those women who had problems with their children and husbands. But even the maids of ‘Jeevan Niwas’ who laughed and joked at the idea of classes began to attend the classes. They all sat and enjoyed listening to Geeta’s interesting stories.
कन्वारानी सोचती थी कि गीता गरीब बच्चों और महिलाओं को पढ़ाने में आनन्द ले रही है, परन्तु उसका जोश अधिक समय तक नहीं चलेगा। वह शीघ्र ही उन महिलाओं से ऊब जायेगी जिनकी अपने बच्चों और पतियों की समस्याएँ हैं। परन्तु जीवन निवास’ की सेविकायें जो कक्षा के विचार पर भी हंसती थीं और मजाक उड़ाती थीं, उन्होंने भी कक्षा में आना शुरू कर दिया। वे सभी बैठ जाती थीं और गीता की रोचक कहानियां सुनने का आनन्द लेती थीं।
Question 7.
Which tact did Bhagwat Singh ji’s wife adopt to stop Geeta from sending Sita to school ?
भगवत सिंह जी की पत्नी ने सीता को स्कूल भेजने से रोकने के लिये गीता के साथ क्या चालाकी अपनाई?
Answer:
Bhagwat Singh ji’s wife told Geeta that to become one with the family one must learn to listen to the elders. After a moment of silence, she said, “Binniji, once a girl has gone to school, she will never take a broom in her hand. I was thinking of your comfort, Binniji. I would marry Sita to one of the servant boys and both of them would serve you. You do not understand that, when she is getting useful to you in the house, you are thinking to send her to school.”
भगवत सिंह जी की पत्नी ने गीता को बताया कि परिवार के साथ मिलकर एक बनने में बड़ों की बातें सुननी पड़ती हैं। एक क्षण की चुप्पी के बाद उसने कहा, “बिन्नी जी, एक बार जब एक लड़की स्कूल चली जाती है। तो वह कभी भी अपने हाथ में झाडू नहीं पकड़ती है। मैं तो तुम्हारे आराम के बारे में सोच रही थी। बिन्नी जी, मैं सीता का विवाह नौकरों के किसी लड़के से कर देंगी और वे दोनों तुम्हारी सेवा करेंगे। तुम नहीं समझती कि जब वह घर में काम करने के लिये लाभदायक हो रही है तुम उसे स्कूल भेजने की सोच रही हो।”
Question 8.
“A light shadow of regret fell on Manji’s calm face.” Why was Manji regretful ?
“मानजी के शान्त चेहरे पर खेद की हल्की सी परछाई पड़ी।” मानजी क्यों खेद प्रकट करती हैं?
Answer:
Manji tells Binniji that she became a widow at the age of fourteen. She now realizes that her illiteracy has doubled the difficulties of her widowhood. The days and nights have been much longer for her. If she had been educated, life for her would not have been so miserable. She regrets being illiterate. Whom should she blame then ? When she was a girl of seven, she was not allowed to go out of the inner courtyard.
मानजी, बिन्नी जी को बताती है कि वह 14 वर्ष की आयु में विधवा हो गई थी। वह अब समझती है कि उसकी अशिक्षा (निरक्षरता) ने उसके विधवापन की मुसीबतों को दुगुना कर दिया है। उसके लिये दिन और रात बहुत लम्बे हो गये हैं। यदि वह शिक्षित होती तो उसके लिये जीवन इतना कष्टदायक न होता। वह अशिक्षित होने का खेद प्रकट करती है। इसके लिये वह किसे दोषी ठहराये ? जब वह सात वर्ष की थी तो अन्दर के आंगन से बाहर जाने की आज्ञा नहीं थी।
Question 9.
How did Gokul’s behaviour change when he saw Vijay Bai and Sita among the unripe mango pickers?
गोकुल का व्यवहार कैसे बदल गया जब उसने विजय बाई सा तथा सीता को कच्चे आम इकट्ठा करने वाले बच्चों के बीच पाया ?
Answer:
When Gokul saw Vijay Bai sa and Sita, he lowered his stick and reverently folded his hands. He politely said, “Vijay Bai saheb, do not eat the unripe mangoes. You will have a sore throat. Those wicked children leave nothing to ripen. They carry everything to their mothers who grow fat on stolen mangoes. One day worms will eat their bodies. Then they will learn that stealing is a sin.”
जब गोकुल ने विजय बाई सा और सीता को देखा तो उसने अपनी छड़ी नीचे कर ली और सम्मान से अपने हाथ जोड़ दिये। उसने विनम्रता से कहा, “विजय बाई साहब, कच्चे आम मत खाओ। तुम्हारा गला खराब हो जायेगा। वे मक्कार बच्चे पकने के लिये कुछ भी नहीं छोड़ते। वे सब कुछ उठाकर अपनी माँ के पास ले जाते हैं, जो चुराये हुए आम खाकर मोटी हो रही हैं। एक दिन उनके शरीर को कीड़े खाएँगे। तब वे समझेंगे कि चोरी करना पाप है।”
Question 10.
Describe in about sixty words Manji’s personality and manners.
मानजी के व्यक्तित्व तथा शिष्टाचार का वर्णन लगभग 60 शब्दों में करो।
Answer:
Manji had crossed sixty years. Still her skin was smooth and unwrinkled. Her face was beautiful and her eyes had a meaningful expression. Her nose was finely chiselled and her mouth had a purse-like look. Though she gave the impression of being aloof, her soft speech and sweet smile drew people to her. Geeta loved her for her compassionate understanding of other people’s problems.
मानजी अपने साठवें वर्ष में पहुँच गई थी फिर भी उसकी त्वचा चिकनी और झुर्रियों रहित थी। उसका चेहरा सुन्दर था और आँखों में जीवन के प्रति आशा की अभिव्यक्ति थी। और नाक ऐसी सुन्दर थी जैसे छैनी से एक पत्थर की मूर्ति को तराश दिया हो और मुँह बटुवे जैसा प्रतीत होता था। उसे देखकर ऐसा लगता था मानो वह अलग-थलग रहने वाली व्यक्ति हो, किन्तु उसकी विनम्र बोली और मधुर मुस्कान लोगों को अपनी ओर आकृष्ट करती थी। दूसरे लोगों की समस्याओं को सहानुभूति से समझने के कारण गीता उनको प्यार करती थी।
Question 11.
“Binniji, come closer”, said Nandu Bua sa in a confidential whisper. “Is it true you are sending Sita to school ?” How does Kanwarani sa react to it?
नन्दू बुआ सा ने एक दबी हुई विश्वासपूर्ण कानाफूसी में कहा, “बिन्नी जी जरा निकट आ जाईयेगा। क्या यह सच है कि आप सीता को स्कूल भेज रही हैं ?’ कन्वारानी सा इस कथन पर.क्या प्रतिक्रिया करती है ?
Answer:
Kanwarani said that her husband has been seriously thinking to send the servants’ children, even the girls, to school. She tells her (Nandu Bai) that the income of the haveli has come down, and they cannot give employment to the servants’ children. However it is their moral duty to prepare them for a secured future. She does not want that anyone should think that Binniji can take any decision without the elders’ advice.
कन्वा रानी सा ने कहा कि उसके पति गम्भीरता से विचार कर रहे हैं नौकरों के बच्चों को स्कूल भेजने के लिये, यहाँ तक कि लड़कियों को भी। वह उसको (नन्दू बुआ सा को) बताती हैं कि हवेली की आमदनी कम हो गई है और वे नौकरों को बच्चों को रोजगार नहीं दे सकते। फिर भी यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि उन्हें एक सुरक्षित भविष्य के लिये तैयार करे। वह नहीं चाहती है कि कोई भी यह सोचे कि बिन्नी जी बिना बड़ों की सलाह के कोई निर्णय ले सकती हैं।
Question 12.
What did Geeta think after listening to the old women gathered at Gopalji’s haveli ?
गोपाल जी की हवेली में इकट्ठा हुई वृद्ध स्त्रियों की बातें सुनकर गीता ने क्या सोचा ?
Answer:
Geeta thought that all those old women lived in the same past. They were still proud of the feudal glory. With the changing times they had not changed. They still continued to cling to their customs and traditions without realising that most of them were outdated and had lost their utility. They were still the victims of the age old superstitions. Tradition was their fortress which protected them from outside influence.
गीता ने सोचा कि वे सारी महिलायें उसी भूतकाल में रहती हैं। उन्हें अभी भी सामन्ती वैभव पर गौरव है। बदलते समय के साथ-साथ वे नहीं बदली हैं। वे अभी भी उन परम्पराओं और रीति-रिवाजों से चिपटी हुई हैं जो चलन से बाहर है और अपनी उपयोगिता खो चुके हैं। वे बहुत पुराने अंधविश्वासों की शिकार हैं। परम्परायें उनके लिये एक किला है जो बाहरी प्रभाव से उनकी रक्षा करता है।
Question 13.
What was the change in life at the haveli ‘Jeevan Niwas’ with the arrival of hot and windy summer ?
गरम और आंधी वाली गर्मियों के आगमन पर हवेली ‘जीवन निवास’ के जीवन में क्या परिवर्तन आया ?
Answer:
The hot winds of the summer had begun to blow through the haveli. Dust and dry leaves were seen everywhere. The hot pavements burnt the bare feet. The women now did not gather in the verandah. They sat inside the large sitting room with the mistress till the sun cooled down. Children too cared little for heat and dust.
ग्रीष्म ऋतु की गर्म हवायें हवेली में चलनी शुरू हो गई थीं। हर जगह धूल और सूखी पत्तियाँ दिखाई देती थीं। गर्म फुटपाथ नंगे पैरों को जलाते थे। महिलायें अब बरामदे में नहीं बैठती थीं। वे मालकिन के साथ अब बड़ी बैठक में सूर्य के ठण्डे होने तक बैठती थीं। बच्चे भी गर्मी तथा धूल की कम परवाह करते थे।
Question 14.
Why were the servants’ children happy during the hot and dusty winds of the summer ?
नौकरों के बच्चे ग्रीष्म ऋतु की गरम और धूल भरी आंधियों में खुश क्यों रहते थे ?
Answer:
The servants’ children were very happy on the arrival of warmer days, and dusty winds. The trees behind the haveli were laden with fruits. The children from the streets and the neighbouring havelis came to loot the mango trees and eat the unripe fruits. Even Vijay Bai sa and Sita joined the servants’ children and had great fun. Children threw stones at the branches to bring down the fruits.
नौकरों के बच्चे गरम दिनों और धूल भरी आंधी के आने पर बहुत खुश होते थे। हवेली के पीछे वृक्ष फल से लदे होते थे। गलियों और दूसरी हवेलियों से बच्चे आम के वृक्षों से लूटने आते थे और कच्चे फल खाते थे। विजय बाई सा और सीता भी बच्चों के साथ मिल जाते थे और बड़ा आनन्द लेते थे। बच्चे फल गिराने के लिये शाखाओं पर पत्थर फेंकते थे।
Question 15.
Who are Khyali and Gangaram ? Why is Khyali annoyed with Gangaram ?
ख्याली और गंगाराम कौन हैं ? ख्याली गंगाराम से क्यों नाराज है?
Answer:
Khyali is the cook of the haveli ‘Jeevan Niwas’ and Gangaram is one of its servants. Gangaram accuses the cook of giving his daughter Sita dry rotis. He says that while even a dog will not sniff at them, he (Khyali) expects a small child to eat them. This accusation makes the cook furious. He told Gangaram there was nothing wrong with the rotis. They were just dry.
ख्याली ‘जीवन निवास’ हवेली का रसोईया है और गंगाराम इसके सेवकों में से एक है। गंगाराम रसोईये पर आरोप लगाता है कि वह उसकी बेटी सीता को सूखी रोटी देता है। वह कहता है कि जब एक कुत्ता भी उसे सूंघेगा तक नहीं, वह (ख्याली) उस बच्चे से उनको खाने की अपेक्षा करता है। इस आरोप से रसोईया अत्यधिक नाराज हो जाता है। उसने गंगाराम को बताया कि रोटियों में कोई कमी नहीं है। बस वे जरा सूख गई हैं।
RBSE Class 12 English Inside The Haveli Section-II Long Answer Type Questions (100 words)
Question 1.
What did Kantaji tell Binniji about the gold hidden in the wall ?
दीवार में छिपे हुए सोने के विषय में कान्ती ने बिन्नी जी को क्या बताया ?
Answer:
Kantaji told Binniji that she had told her mother about the gold cemented in the wall of her grandfather’s farm house. This was revealed to her by her grandfather and told her (Kantaji) to take it all because she was married to a poor family. Her mother was simple and trusting. She told her (Kanta’s) father where the gold was. She was a true Hindu wife and worshipped her husband though he did nothing for his livelihood. When her father died all the money naturally went to her brother. Her brother’s wife looked after her mother for a few months. Then she resented spending money on her. She wore torn and patched clothes but never opened her mouth against her daughter in-law.
कान्ता जी ने बिन्नी जी को बताया कि उसने अपनी माँ को दादाजी के फार्महाउस की दीवार में छिये हुए सोने के बारे में बता दिया। यह उसे दादाजी ने बताया था और उससे कहा था कि वह (कान्ता जी) इस सारे सोने को ले ले क्योंकि उसका एक गरीब परिवार में विवाह हुआ था। उसकी माँ सीधी-सादी और विश्वास करने वाली थी। उसने उसके पिता ज़ी को बता दिया कि सोना कहाँ है। वह सच्ची हिन्दू पत्नी थी और अपने पति की पूजा करती। थी चाहे वह अपनी जीविका के लिये कुछ नहीं करते थे। जब उनकी मृत्यु हो गई सारा धन स्वाभाविक रूप से उसके भाई के पास चला गया। उसके भाई की पत्नी ने कुछ मास तक तो उसकी माँ की देखभाल की। इसके बाद वह उस पर खर्च करने से चिढ़ती थी। वह फटे-पुराने थेगली लगे कपड़े पहनती थी परन्तु अपनी बहू के विरुद्ध कभी मुँह नहीं खोला।
Question 2.
What did Kanwarani sa ask Sita ? What was her reply?
कन्वारानी सा ने सीता से क्या पूछा ? उसका क्या उत्तर था ?
Answer:
Kanwarani asked Sita what she took to school for her lunch since Sita’s father, Gangaram, had complained about the food that Khyali gave the child as lunch for school. Sita replied that she got roti and vegetable and some sugar also. But the previous day she ate the vegetables with the purees that the old lady gave her during the lunch time. She was full. So she brought the rotis back home. Her father might have thought that she did not eat the rotis because there were no vegetables to eat them with. Gangaram was full of shame for his misunderstanding and went away with bowed head.
क्योंकि सीता के पिता गंगाराम ने ख्याली द्वारा बच्ची को स्कूल में भेजे खाने के विषय में शिकायत की थी अतः कन्वारानी सा ने सीता से पूछा कि दोपहर के खाने में वह स्कूल क्या ले जाती है। सीता ने उन्हें बताया कि वह रोटी के साथ सब्जी ले जाती है और कभी-कभी चीनी भी मिल जाती है। उससे पहले दिन उसने सब्जी पूरियों के साथ खायी थीं जो वृद्ध महिला ने उसे दोपहर के भोजन के समय दी थी। वह पूरी तरह से तृप्त हो गयी थी। अत: वह रोटियां घर वापस ले आई। उसके पिता ने सोचा होगा कि उसने रोटियां इसलिये नहीं खाई क्योंकि सब्जी नहीं थी। गंगा राम अपनी गलत सोच के लिये लज्जित हुआ और सर झुका कर चला गया।
Question 3.
Dhapu, the maidservant of the haveli, calls Khyali, the cook, a blood-sucking money lender.” Comment in about 100 words.
हवेली की नौकरानी धापू रसोईये ख्याली को खून चूसने वाला महाजन (साहूकार) कहती है। इस पर 100 शब्दों में टिप्पणी करें।
Answer:
Dhapu, the maidservant of the haveli, tells Binniji that she owes Khyali, the cook, rupees two hundred. He repeatedly taunts her in a way that one would think that he has made a gift of the money to her. He is a ruthless money lender. He charges two rupees interest per month on every hundred rupees and still he chides her. But she cannot displease him. She will need to borrow from him again. Binniji tells her that she will lend her the money without interest. But Dhapu refuses saying that other servants too are needy and they will resent it.
हवेली की सेविका धापू बिन्नी जी को बताती है कि वह रसोईये ख्याली की दो सौ रुपये की ऋणी है। वह बार-बार उसे ताना मारता है कि कोई सोचेगा कि उसने उसे एक उपहार दिया है। वह एक निर्दयी साहूकार है। वह प्रत्येक सौ रुपये पर दो रु. प्रति माह ब्याज लेता है और फिर भी वह उसे फटकारता है। परन्तु वह उसे नाराज नहीं कर सकती। उसे पुनः उससे उधार लेने की आवश्यकता पड़ेगी। बिन्नी जी उससे कहती हैं कि वह बिना ब्याज के उसे पैसा दे देगी। परन्तु धापू यह कहकर मना कर देती है कि दूसरे नौकर भी जरूरतमन्द हैं और वे नाराज होंगे।
Question 4.
What did Dhapu tell Binniji about the old lady who gave Sita ladoos and purees during the lunch time at school ?
धापू ने बिन्नी जी को उस वृद्ध महिला के बारे में क्या बताया जो सीता को दोपहर के खाने के समय लड्डू-पूरी दिया करती थी ?
Answer:
Dhapu told Binniji that there was a gang of thieves from Jodhpur in the city. They do not break into houses but kidnap young girls. She thought that the old lady who gave Sita ladoos and purees might be a member of this gang. Geeta knew the maid was in the habit of jumping from a serious subject to some gossip. She smiled and wanted to know about the old woman who showed so much charity to Sita. She lightly dismissed it as an absurd gossip. She argued what such a gang would get by kidnapping Sita who had neither rich parents nor physical attraction to be of any use to the kidnapper.
धापू ने बिन्नी जी को बताया कि जोधपुर से चोरों का एक गिरोह शहर में आया है। यह गिरोह मकानों में सेंध नहीं लगाता है। वे छोटी लड़कियों को उठाते हैं। गीता सेविका के स्वभाव को जानती थी कि वह अचानक ही एक गम्भीर विषय से कूदकर गपशप पर आ जाती थी। वह मुस्कराई और वृद्ध महिला के बारे में जानना चाहा जो सीता के प्रति इतनी उदारता दिखाती थी। उसने इसे हलकेपन से एक अर्थहीन गपशप समझा और नकार दिया। उसने तर्क दिया कि ऐसा समूह बेचारी सीता को उठाकर क्या प्राप्त करेगा जिसके न तो माँ-बाप धनी हैं और न ही शारीरिक आकर्षण है जो वह अपहरणकर्ताओं हेतु किसी काम की हो।
Question 5.
How was the worship of the goddess Lakshmi performed at the haveli “Jeevan Niwas’ on the night of the full moon ?
हवेली ‘जीवन-निवास’ में पूर्णिमा की रात्रि को लक्ष्मी देवी की पूजा किस प्रकार की गई ?
Answer:
In the absence of her mother-in-law, Geeta was to perform the worship of the goddess Lakshmi. At midnight Ganga maid got up and woke up the women sleeping in the verandah. The sleepy women walked to the little prayer room and stood with folded hands. Dhapu asked Binniji to put kumkum on the forehead of the goddess. Geeta did as she was told. Then Dhapu told her to put the coconut, the fruits and sweets at the feet of the goddess. Then all the women and children sang the hymns in honour of the goddess and Geeta ji waved earthen diyas around the head of the goddess. The sweet smell of the incense filled the room. All raised slogans in praise of the goddess.
अपनी सासुमां की अनुपस्थिति में गीता जी को लक्ष्मी देवी की पूजा करनी थी। आधी रात को गंगा सेविका उठी और बरामदे में सोई हुई सभी महिलाओं को जगा दिया। उनिंदी स्त्रियां छोटे से प्रार्थना-कक्ष में चली गईं और हाथ जोड़कर खड़ी हो गईं। धापू ने बिन्नी जी को देवी के माथे पर रोली लगाने को कहा। गीता ने वैसा ही किया जैसे उन्हें बताया गया था। तब धापू ने उन्हें (गीता को) नारियल, फल और मिठाई देवी के चरणों में रखने के लिये कहा। सभी बच्चों और महिलाओं ने देवी के सम्मान में भजन गाये तथा गीता ने देवी के चेहरे के चारों ओर दियों को घुमाया अर्थात् आरती की। अगरबत्ती, धूप बत्ती की मधुर सुगंध ने कमरे को भर दिया। देवी की जय जयकार में सभी ने नारे लगाये।
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