Rajasthan Board RBSE Class 12 Geography Chapter 23 सिंचाई एवं पेयजल
RBSE Class 12 Geography Chapter 23 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
RBSE Class 12 Geography Chapter 23 बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कुएँ एवं नलकूपों द्वारा सिंचाई करने की दृष्टि से सबसे प्रमुख जिला है –
(अ) जयपुर
(ब) भरतपुर
(स) अलवर
(द) धौलपुर
उत्तर:
(अ) जयपुर
प्रश्न 2.
राज्य के किस भू-भाग में कुओं द्वारा 26% से अधिक सिंचाई की जाती है?
(अ) उत्तरी एवं उत्तरी-पूर्व
(ब) दक्षिणी-पूर्व
(स) दक्षिण एवं दक्षिणी-पश्चिमी
(द) पूर्वी भू-भाग
उत्तर:
(द) पूर्वी भू-भाग
प्रश्न 3.
राजस्थान के कौन-से दो तालाब सिंचाई की दृष्टि से अधिक उपयोगी हैं?
(अ) जयसमन्द, राजसमन्द
(ब) फतहसागर, उदयसागर
(स) उम्मेदसागर, भोपालसागर
(द) हेमावास, सरदारमन्द
उत्तर:
(स) उम्मेदसागर, भोपालसागर
प्रश्न 4.
राजस्थान के जल साधनों का भारत के कुल जल साधनों में कितने प्रतिशत हिस्सा है?
(अ) 5%
(ब) 8%
(स) 1%
(द) नगण्य
उत्तर:
(स) 1%
प्रश्न 5.
गंगानगर को इन्दिरा गाँधी नहर से जोड़ा गया है –
(अ) साधुवाली के निकट
(ब) पोंग बाँध के निकट
(स) लोहागढ़ के निकट
(द) गजनेर के निकट
उत्तर:
(अ) साधुवाली के निकट
प्रश्न 6.
थार का घड़ा कहलाता है –
(अ) चांदन नलकूप
(ब) मांदल नलकूप
(स) खारा नलकूप
(द) मीठा नलकूप
उत्तर:
(अ) चांदन नलकूप
प्रश्न 7.
इन्दिरा गाँधी नहर का राजस्थान में प्रवेश है –
(अ) सीमावाली हेड से
(ब) सीतावाली हेड से
(स) खरसान हेड से
(द) बीकानेर हेड से
उत्तर:
(ब) सीतावाली हेड से
प्रश्न 8.
जवाहर सागर बाँध है –
(अ) मोरवन नदी पर
(ब) माही नदी पर
(स) चम्बल नदी पर
(द) बनास नदी पर
उत्तर:
(स) चम्बल नदी पर
RBSE Class 12 Geography Chapter 23 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 9.
भौगोलिक दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य कौन-सा है?
उत्तर:
राजस्थान।
प्रश्न 10.
उदयपुर की प्रमुख झीलों के नाम बताइए।
उत्तर:
जयसमन्द, पिछोला, फतेहसागर, उदय सागर, राजसमन्द झील।
प्रश्न 11.
नक्की.झील कहाँ है?
उत्तर:
माउण्ट आबू (सिरोही)।
प्रश्न 12.
राजस्थान में सिंचाई का प्रमुख साधन कौन-सा है?
उत्तर:
कुएँ व नलकूप।
प्रश्न 13.
राजस्थान पत्रिका द्वारा चलाये गए जल संरक्षण अभियान का नाम बताइए।
उत्तर:
अमृतम् जलम्।
प्रश्न 14.
इन्दिरा गाँधी नहर परियोजना द्वारा कितने प्रतिशत भाग पर वितरिकाओं द्वारा सिंचाई होती है?
उत्तर:
70% भाग पर।
प्रश्न 15.
चम्बल परियोजना के अन्तर्गत आने वाले बाँधों के नाम बताइए।
उत्तर:
1. गाँधी सागर बाँध
2. जवाहर सागर बाँध
3. राणा प्रताप सागर बाँध
4. कोटा बैराज
प्रश्न 16.
माही बजाज सागर परियोजना में किस-किस राज्य की कितनी-कितनी हिस्सेदारी है?
उत्तर:
माही बजाज सागर परियोजना में राजस्थान व गुजरात की क्रमशः 45 व 55 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
प्रश्न 17.
राजस्थान में भू-जल की दो प्रमुख समस्याएँ बताइए।
उत्तर:
1. निरन्तर घटता जल स्तर।
2. लवणता की मात्रा।
प्रश्न 18.
जनता जल योजना किस विभाग की योजना है?
उत्तर:
जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी विभाग की।
प्रश्न 19.
देश में किस स्तर पर जल ग्राम बनाये जाएँगे?
उत्तर:
जिला स्तर पर।
प्रश्न 20.
आपणी योजना किस देश के सहयोग से चलाई जा रही है?
उत्तर:
जर्मनी के सहयोग से।
RBSE Class 12 Geography Chapter 23 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 21.
राजस्थान की प्रमुख नदियों के नाम बताइए।
उत्तर:
राजस्थान की प्रमुख नदियों में चम्बल, बनास, लूनी, माही, बाणगंगा, बेडच, पार्वती, गम्भीरी, सूकडी, कालीसिन्ध, परवन, कोठारी आदि शामिल हैं।
प्रश्न 22.
हमारे राज्य के जल संचयन व संग्रहण की परम्परागत विधियों के नाम बताइए।
उत्तर:
खडीन, कुण्डी, कुँई, नाड़ी, जोहड, तालाब, टाँका हमारे राजस्थान के जल संचयन व संग्रहण की परम्परागत विधियाँ हैं।
प्रश्न 23.
इन्दिरा गाँधी नहर की प्रमुख शाखाओं के नाम बताइए।
उत्तर:
इन्दिरा गाँधी नहर की प्रमुख शाखाओं के नाम निम्नलिखित हैं –
- रावतसर शाखा (हनुमानगढ़)
- सूरतगढ़ शाखा (श्रीगंगानगर)
- अनपगढ़ शाखा (श्रीगंगानगर)
- एंगल शाखा (बीकानेर)
- चारणवाला शाखा (बीकानेर)
- दात्तोर शाखा (बीकानेर)
- बिरसलपुर शाखा (बीकानेर)
- शहीद बीरबल शाखा (जैसलमेर)
- सागरमल गोपा शाखा (जैसलमेर)
प्रश्न 24.
राजस्थान में सिंचाई के विकास हेतु सुझाव दीजिए।
उत्तर:
राज्य में निम्नलिखित सुझावों को अमल में लाकर सिंचाई का विकास किया जा सकता है –
- उपलब्ध जल का सर्वाधिक संरक्षण आवश्यक है।
- भूमिगत जल का उपयोग पूरी सतर्कता से होना चाहिए।
- नदी-बेसिन आधार पर जल के सम्बन्ध में सघन नियोजन किया जाना चाहिए।
- आधुनिक तकनीकी विधियों का प्रयोग कर जल रिसाव व वाष्पन से होने वाली जल क्षति को घटाना चाहिए।
- फव्वारा-सिंचाई व बूंद-बूंद सिंचाई विधियों का उपयोग कर जल की बचत करनी चाहिए।
- भू-जल एवं सतही जल का मिला-जुला उपयोग होना चाहिए।
- जल मार्गों व खेत की नालियों की लाइनिंग को प्राथमिकता से पूरा किया जाना चाहिए।
- चालू परियोजनाओं पर अधिक ध्यान देना चाहिए ताकि उनसे प्रतिफल प्राप्त होने लगे।
- नई योजनाओं को चयनित आधार पर स्वीकार करना चाहिए।
- परियोजना के रख-रखाव को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
प्रश्न 25.
अभी शुरू की जाने वाली परियोजनाओं के नाम बताइये।
उत्तर:
- बाड़मेर लिफ्ट योजना।
- ईसरदा बाँध परियोजना।
- जयपुर-बीसलपुर फेज द्वितीय।
- चम्बल-बीसलपुर लिंक योजना।
- चम्बल से अलवर को पेयजल आपूर्ति की योजना।
- ग्रामीण जल प्रदाय योजना भैंसरोडगढ़ (चित्तौड़गढ़)।
प्रश्न 26.
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
एक जन-अभियान के रूप में स्थापित यह कार्यक्रम पेयजल, सिंचाई, घरेलू उपयोग एवं पशुधन हेतु जल की उपलब्धता का समाधान करता है। इस अभियान में 9 राजकीय विभागों के अलावा सामाजिक-धार्मिक समूह व आम आदमी की भूमिका निश्चित की गई है। इसमें सरकारी प्रयासों के साथ-साथ भामाशाहों द्वारा अंशदान, सी.एस.आर. सामुदायिक योगदान के रूप में संसाधन प्रबन्धन किया गया है। प्रस्तावित सभी कार्यों की जियोटेगिंग की गई है। जल संग्रहण हेतु पुनर्भरण ढाँचों का निर्माण, हैण्डपम्पों का रिचार्ज, समोच्च ट्रैच, नाड़ी खुदाई, खडीन निर्माण, तलाई निर्माण इत्यादि कार्य किये जा रहे हैं। इनसे जल स्तर बढ़ेगा तथा मृदा अपरदन रोकने में सहायता भी मिलेगी।
RBSE Class 12 Geography Chapter 23 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 27.
इन्दिरा गाँधी नहर परियोजना का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पश्चिमी राजस्थान में सिंचाई पेयजल, पशुपालन, मत्स्यन के लिए उपयोगी यह एक महत्त्वपूर्ण नहर परियोजना है, जिसे प्रदेश की जीवन रेखा अथवा मरुगंगा भी कहते हैं। यह विश्व की सबसे बड़ी परियोजना है। इसका पुराना नाम राजस्थान नहर तथा वर्तमान नाम इन्दिरा गाँधी नहर है। बीकानेर के सिंचाई इंजीनियर कॅवरसेन द्वारा प्रदत्त योजनानुसार वर्ष 1952 में सतलुज व्यास नदी के संगम पर हरीके बैराज (पंजाब) का काम प्रारंभ हुआ।
यहीं से इस नहर का उद्गम है। यह नहर श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, चुरु व नागौर को जलापूर्ति करती है। इस नहर की कुल लम्बाई 649 किमी है। इन्दिरा गाँधी नहर परियोजना दो चरणों में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। इन्दिरा गाँधी नहर का निर्माण दो चरणों-फीडर नहर व मुख्य नहर के रूप में किया गया है। इन दोनों चरणों का संक्षिप्त विवरण निम्नानुसार है –
प्रथम चरण:
इस चरण के अन्दर फीडर नहर का निर्माण किया गया। इसमें हरीके बैराज बाँध से मसीतावली हैड तक 204 किमी लम्बी फीडर नहर का निर्माण किया गया। इस चरण में 345 किमी लम्बी वितरिकाओं का निर्माण भी किया गया।
द्वितीय चरण:
इस चरण में मुख्य नहर का निर्माण किया गया। यह शाखा बीकानेर के ऐतिहासिक कस्बे एंगल से प्रारम्भ होकर जैसलमेर के मोहनगढ़ तक थी जिसे अब बाड़मेर के गड़रा रोड तक बढ़ा दिया गया है। इस चरण में कुल 445 किमी लम्बी नहर का निर्माण एवं 5112 किमी. वितरिकाओं का निर्माण किया गया है।
इस परियोजना में कुल सिंचाई का 30 प्रतिशत भाग लिफ्ट नहरों से एवं 70% भाग वितरिकाओं के द्वारा सिंचित होता है। चूंकि थार के मरुस्थल का विस्तार पश्चिम की ओर है। अत: इन्दिरा गाँधी नहर के पानी को पूर्व में पहुँचाने हेतु लिफ्ट नहरों का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त प्रमुख शाखा नहरें भी बनाई गई हैं, जो इस प्रकार हैं –
उत्थापक (लिफ्ट नहरें) | प्रमुख शाखा नहरें |
1. गंधेली (नोहर) साहबा लिफ्ट नहर | 1. रावतसर शाखा (हनुमानगढ़) |
2. बीकानेर लूणकरणसर लिफ्ट नहर | 2. सूरतगढ़ शाखा (श्रीगंगानगर) |
3. गजनेर लिफ्ट नहर | 3. अनूपगढ़ शाखा (श्रीगंगानगर) |
4. बांगडसर लिफ्ट नहर | 4. पंगल शाखा (बीकानेर) |
5. कोलायत लिफ्ट नहर | 5. चारणवाली शाखा (बीकानेर) |
6. फलौदी लिफ्ट नहर | 6. दात्तोर शाखा (बीकानेर) |
7. पोकरण लिफ्ट नहर | 7. बिरसलपुर शाखा (बीकानेर) |
8. जोधपुर लिफ्ट नहर | 8. शहीद बीरबल शाखा (जैसलमेर) |
– | 9. सागरमल गोपा शाखा (जैसलमेर) |
इन्दिरा गाँधी नहर का चित्रात्मक प्रदर्शन:
अन्तत: हम कह सकते हैं कि इन्दिरा गाँधी नहर पश्चिमी राजस्थान की जीवनरेखा है। यह क्षेत्र समस्याओं से प्रभावित क्षेत्र है, जिसका समाधान किया जाना चाहिए।
प्रश्न 28.
चम्बल सिंचाई परियोजना का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
यह राजस्थान व मध्यप्रदेश की संयुक्त परियोजना है। दक्षिणी-पूर्वी राजस्थान की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण नदी चम्बल है। इसके जल का पेयजल, बाढ़ नियन्त्रण, सिंचाई, जल विद्युत, मत्स्यन व पर्यटन में उपयोग करने के उद्देश्य से इस परियोजना का विकास किया गया है।
स्थिति:
यह परियोजना चम्बल नदी पर विकसित की गई है। राजस्थान व मध्यप्रदेश की आधी-आधी हिस्सेदारी वाली यह परियोजना 1952-54 में प्रारम्भ हुई। इस परियोजना के तहत मध्यप्रदेश में एक बाँध व शेष तीन बाँध राजस्थान में बनाये गए हैं।
बाँध:
1. गाँधी सागर बाँध:
मध्यप्रदेश की भानपुरा तहसील में वर्ष 1960 में यह बाँध बनाया गया है, जिससे दो नहरें निकाली गई हैं –
- बाईं नहर
- दाईं नहर।
बाईं नहर:
बूंदी तक प्रवाहित होकर मेज नदी में मिल जाती है।
दाईं नहर:
इस पर एक जल विद्युत गृह मध्यप्रदेश में बनाया गया है। यह नहर पार्वती नदी को पार कर मध्यप्रदेश में चली गई है।
2. राणा प्रताप सागर बाँध:
चम्बल नदी का अतिरिक्त जल गाँधी सागर बाँध से आगे ‘राजस्थान में बढ़ता है। इसके जल को रोकने के लिए चित्तौड़गढ़ में रावतभाटा नामक स्थान पर यह बाँध 1970 में बनाया गया। इसी के समीप चुलिया जल प्रपात भी है।
3. जवाहर सागर बाँध:
कोटा के समीप बोरावास गांव में विकसित यह बाँध रावतभाटा से 38 किमी आगे उत्तर की ओर स्थित है। यहाँ एक जल विद्युत शक्ति गृह भी बनाया गया है।
4. कोटा बैराज:
कोटा शहर के पास केवल सिंचाई के उद्देश्य से निर्मित इस बाँध से दो नहरें निकाली गई हैं।
- दाँयी नहर:
पार्वती परवन नदी को पार करके मध्यप्रदेश में चली गई है। - बाँयी नहर:
इससे कोटा व बूंदी जिलों में सिंचाई व जलापूर्ति होती है।
चम्बल घाटी परियोजना के लाभ:
इस परियोजना के सकारात्मक प्रभाव के कारण कोटा एक औद्योगिक केन्द्र बन गया है। चम्बल नदी की बाढ़ों पर नियन्त्रण हुआ है। इससे 5:6 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो पाई है। इससे कृषि जल विद्युत व पर्यटन का विकास भी हुआ है। चम्बल नदी घाटी परियोजना के कारण नि:संदेह चम्बल नदी द्वारा किये जाने वाले नुकसान को लाभ में परिवर्तित करने का प्रयोग सफल हो रहा है। चम्बल घाटी परियोजना का चित्रात्मक प्रदर्शन निम्नानुसार है –
प्रश्न 29.
राजस्थान में पेयजल विकास के लिए किये जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
राजस्थान देश का सर्वाधिक सूखा प्रदेश है। यहाँ निम्नलिखित कारण से पेयजल स्रोतों के विकास की विशेष आवश्यकता है –
शुष्क जलवायु, मरुस्थलीय भौगोलिक स्थिति, सूखा व अकाल की बारम्बारता, वर्षा की अपर्याप्तता, भू-जल का निम्न स्तर व लवणीय जल, जल में फ्लोराइड की उपस्थिति, पारम्परिक जल संग्रहण विधियों की उपेक्षा, कृषि का अनुपयुक्त तरीका।
पेयजल विकास के प्रयास:
यह प्रदेश के लिए अत्यन्त शोचनीय तथ्य है कि प्रदेश में उपलब्ध जल स्रोत देश के कुल स्रोतों का लगभग 1% है। राज्य में पेयजल विकास के लिए किये जा रहे प्रयासों में व्यक्तिगत प्रयास, सामुदायिक प्रयास व सरकारी प्रयास तीन श्रेणियों में राज्य को बाँटा जा सकता है। सम्मिलित रूप से पेयजल विकास के प्रयासों को निम्नलिखित रूप में उल्लेखित किया जा सकता है –
1. पारम्परिक जल संरक्षण प्रणालियों को पुनरुद्धार:
राजस्थान में प्राचीन समय से ही जल संरक्षण की संस्कृति रही है। खड़ीन, कुण्डी, कुंईं, नाडी, जोहड, तालाब आदि प्राचीन प्रणालियों का पुनरुद्धार कार्यक्रम सरकार द्वारा चलाया जा रहा है। साथ ही लोगों को जागरूक किया जा रहा है। सभी सरकारी भवनों में वर्षा जल संरक्षण का संयत्र लगाया जा रहा है। विज्ञान व पर्यावरण केन्द्र तथा थार सोशल डवलपमेण्ट सोसायटी इस दिशा में कार्य कर रही है।
2. भू-जल स्तर में वृद्धि करना:
इसके तहत चेक डेम, एनीकट व छोटे-छोटे तालाबों का निर्माण कर भू-जल को बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। भू-जल रिचार्ज पुनर्भरण संयंत्रों का निर्माण भी किया जा रहा है।
3. सरकारी योजनाएँ व प्रयास:
पेयजल विकास में सर्वाधिक महत्त्वूपर्ण सरकारी प्रयास रहे हैं, जो इस प्रकार हैं –
(i) जनता जल योजना:
यह जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की योजना है, जो बीकानेर व जैसलमेर को छोड़कर शेष 31 जिलों में संचालित है।
(ii) जल ग्राम योजना:
इस योजना में लोगों को जागरूक करने के साथ पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
(iii) राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम:
इसके अन्तर्गत भारत सरकार अनुदान देकर पेयजल उपलब्ध कराती है। हनुमानगढ़, चुरू व झुन्झुनू में जर्मन सरकार आपणी योजना’ द्वारा पेयजल उपलब्ध कराने में सहायता दे रही है।
(iv) जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी विभाग की अन्य योजनाएँ:
हैण्डपम्प खुदाई, पनघट व टैंक निर्माण क्षेत्रीय जलप्रदाय योजनाएँ, डिग्गी निर्माण इत्यादि।
(v) शहरी पेयजल योजना:
इन योजना में 222 शहरों/कस्बा को शामिल करके 20% शहरों में सतही जलस्रोतों से एवं 60% में भू-जल स्रोतों से एवं 20% को दोनों से ही जलापूर्ति हो रही है।
(vi) आगामी योजनाएँ:
आगामी योजनाओं में बाड़मेर लिफ्ट योजना, ईसरदा बाँध, जयपुर-बीसलपुर फेज द्वितीय, चम्बल बीसलपुर लिंक योजना व चम्बल से अलवर की पेयजल योजनाएँ शामिल हैं।
(vii) मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान:
ग्रामों को जल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने वाला यह एक जन अभियान है। पेयजल, घरेलू उपयोग व पशुधन के लिए जल उपलब्ध कराना इसका उद्देश्य है। इसमें 9 राजकीय विभागों के साथ सामाजिक-धार्मिक समूहों की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है। सभी कार्यों की जियोटैगिंग की गई है। इस अभियान में स्टैंगर्ड टैंच, समोच्च ट्रैच, नाड़ी खुदाई, खड़ीन निर्माण, जल संग्हण, भू-जल रिचार्ज फार्म पौण्ड जैसे कार्य किये जा रहे हैं।
अन्य प्रयास:
राजस्थान जल संसाधन नियामक प्राधिकरण 2013 विश्व बैंक द्वारा पोषित जल क्षेत्र पुनः संरचना परियोजना, जलमणी कार्यक्रम, स्वजल धारा योजना, राजस्थान फ्लोरोसिस नियन्त्रण कार्यक्रम आदि भी संचालित किये जा रहे हैं।
आंकिक प्रश्न
प्रश्न 30.
राजस्थान के मानचित्र में प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं को दर्शाइए।
उत्तर:
प्रश्न 31.
राजस्थान के मानचित्र में इंदिरा गाँधी नहर की प्रमुख शाखाओं को दर्शाइए।
उत्तर:
RBSE Class 12 Geography Chapter 23 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
RBSE Class 12 Geography Chapter 23 बहुचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राज्य के अधिकांश जल संसाधन किस भाग तक सीमित है?
(अ) उत्तरी-पूर्वी
(ब) उत्तरी-पश्चिमी
(स) दक्षिणी-पूर्वी
(द) दक्षिणी-पश्चिमी
उत्तर:
(स) दक्षिणी-पूर्वी
प्रश्न 2.
राजस्थान में प्रवाहित नहीं होने वाली नदी है –
(अ) चम्बल
(ब) बेड़च
(स) गंभीरी
(द) नर्मदा
उत्तर:
(द) नर्मदा
प्रश्न 3.
राजस्थान में कुल सिंचित क्षेत्र का सबसे बड़ा भाग किस जिले में आता है?
(अ) श्रीगंगानगर
(ब) हनुमाननगर
(स) राजसमंद
(द) जयपुर
उत्तर:
(अ) श्रीगंगानगर
प्रश्न 4.
कौन-सा बाँध राजस्थान में नहीं बना है?
(अ) गाँधी सागर
(ब) जवाहर सागर
(स) राणाप्रताप सागर
(द) कोटा बैराज
उत्तर:
(अ) गाँधी सागर
प्रश्न 5.
जयसमंद झील किस जिले में है?
(अ) बूंदी
(ब) डूंगरपुर
(स) उदयपुर
(द) बीकानेर
उत्तर:
(स) उदयपुर
प्रश्न 6.
नहरी सिंचाई में अग्रणी जिला कौन-सा है?
(अ) जयपुर
(ब) उदयपुर
(स) दौसा
(द) श्रीगंगानगर
उत्तर:
(द) श्रीगंगानगर
प्रश्न 7.
तालाब जन्य सिंचाई में अग्रणी जिला कौन-सा है?
(अ) उदयपुर
(ब) कोटा
(स) भीलावाड़
(द) झालावाड़
उत्तर:
(स) भीलावाड़
प्रश्न 8.
माही बजाज सागर परियोजना में राजस्थान व गुजरात का हिस्सा क्रमशः है –
(अ) 45 : 55
(ब) 55 : 45
(स) 60 : 40
(द) 50 : 50
उत्तर:
(अ) 45 : 55
प्रश्न 9.
वर्षा जल संचय योजना कब प्रारम्भ की गई थी?
(अ) वर्ष 2000 में
(ब) वर्ष 2004 में
(स) वर्ष 2006 में
(द) वर्ष 2008 में
उत्तर:
(ब) वर्ष 2004 में
प्रश्न 10.
स्वजल धारा योजना कब प्रारम्भ की गई थी?
(अ) वर्ष 2007 में
(ब) वर्ष 2005 में
(स) वर्ष 2003 में
(द) वर्ष 2002 में
उत्तर:
(द) वर्ष 2002 में
सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न
निम्नलिखित में स्तम्भ अ को स्तम्भ ब से सुमेलित कीजिए –
(क)
स्तम्भ अ (झील का नाम) |
स्तम्भ ब (जिला) |
(i) फतहसागर | (अ) जोधपुर |
(ii) आनासागर | (ब) उदयपुर |
(iii) कोलायत | (स) बूंदी |
(iv) सिलीसेढ़ | (द) अजमेर |
(v) नवलखा | (य) बीकानेर |
(vi) बालसमंद | (र) अलवर |
उत्तर:
(i) ब (ii) द (iii) य (iv) र (y) स (vi) अ
(ख)
स्तम्भ अ (शाखा का नाम) |
स्तम्भ ब (जिला) |
(i) रावतसर शाखा | (अ) बीकानेर |
(ii) अनूपगढ़ शाखा | (ब) जैसलमेर |
(iii) पूँगल शाखा | (स) श्रीगंगानगर |
(iv) सागरमल गोपा शाखा | (द) हनुमानगढ़ |
उत्तर:
(i) द (ii) स (iii) अ (iv) ब
RBSE Class 12 Geography Chapter 23 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जल संसाधन किसे कहते हैं?
उत्तर:
जल के ऐसे स्रोत जो मानव के लिए उपयोगी हैं या जिनके उपयोग की संभावना है, उन्हें जल संसाधन कहते हैं।
प्रश्न 2.
भारत का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा व न्यूनतम वर्षा प्राप्त करने वाला राज्य कौन-सा है?
उत्तर:
राजस्थान।
प्रश्न 3.
राजस्थान में प्रति व्यक्ति जल की वार्षिक उपलब्धता कितनी है?
उत्तर:
राजस्थान में प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता 780 घन मीटर है।
प्रश्न 4.
राजस्थान के जल संसाधनों को कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर:
राजस्थान के जल संसाधनों को दो भागोंसतही जल संसाधन व भूमिगत जल संसाधन में बाँटा गया है।
प्रश्न 5.
सतही जल संसाधन से क्या तात्पर्य है।
उत्तर:
धरातलीय सतह के ऊपर मिलने वाले प्रवाहित एवं स्थिर जल जिसका उपयोग मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु होता है या होने की संभावना है उसे सतही जल संसाधन कहते हैं।
प्रश्न 6.
सतही जल संसाधन के स्रोत कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
सतही जल संसाधन के प्रमुख स्रोतों में नदियों, झीलों वे तालाबों को शामिल किया जाता है।
प्रश्न 7.
नदी जोड़ो योजना क्या है?
उत्तर:
देश की विभिन्न नदियों को आपस में जोड़कर अधिक जल वाली नदी का पानी कम जल वाली नदी में प्रवाहित करना ताकि सभी क्षेत्रों में जल का समान वितरण हो सके।
प्रश्न 8.
राज्य की प्रमुख झीलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
राजस्थान में खारे व मीठे पानी की झीलें पायी जाती हैं। इन झीलों में से साँभर, लूणकरणसर, डीडवाना, फलौदी, डेगाना, कुचामने, कावोद, परबतसर आदि खारे पानी की एवं जयसमंद, राजसमंद, पिछोला, फतहसागर आनासागर, पुष्कर, सिलीसेढ़, कोलायत, कायलाना, आदि मीठे पानी की झीलें हैं।
प्रश्न 9.
भू-जल संसाधन क्या है?
अथवा
भूमिगत जल संसाधन किसे कहा जाता है?
उत्तर:
पृथ्वी के आन्तरिक भाग अर्थात् धरातलीय सतह के नीचे एकत्रित जल जिसे मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रयुक्त किया जाता है या प्रयुक्त होने की सम्भावना है उसे भूमिगत जल संसाधन कहते हैं।
प्रश्न 10.
जल संरक्षण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जल का विवेकपूर्ण ढंग से प्रयोग करना इसका उचित रख-रखाव करना तथा इसकी अनावश्यक व्यर्थता को रोकना ही जल संरक्षण है।
प्रश्न 11.
सिंचाई किसे कहा जाता है?
उत्तर:
वर्षा के अभाव में भूमि या फसलों को कृत्रिम तरीके से जल प्रदान करने या जेल पिलाने की क्रिया को सिंचाई कहा जाता है।
प्रश्न 12.
राजस्थान में सिंचाई के प्रमुख साधन कौन-से हैं?
उत्तर:
राजस्थान में कुएँ व नलकूप, नहरें व तालाब सिंचाई के प्रमुख साधन हैं।
प्रश्न 13.
क्या कारण है कि राजस्थान में अधिकांश तालाब दक्षिणी-पूर्वी भाग में हैं?
उत्तर:
क्योंकि यह क्षेत्र पठारी है, जो तालाब निर्माण हेतु सर्वाधिक उपयुक्त भौगोलिक परिस्थिति रखता है।
प्रश्न 14.
थार का घड़ा किसे व क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
जैसलमेर जिले के चाँदन नलकूप को मीठे पानी की उपलब्धता के कारण थार का घड़ा कही जाती है।
प्रश्न 15.
राजस्थान की प्रमुख बहुउद्देशीय परियोजनाएँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
राजस्थान की प्रमुख बहुउद्देशीय परियोजनाओं में चम्बल परियोजना, भाखड़ा नांगल परियोजना, व्यास परियोजनाओं व माही-बजाज सागर परियोजनाएँ शामिल हैं।
प्रश्न 16.
राजस्थान की वृहत परियोजनाएँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
राजस्थान की वृहत् परियोजनाओं में इन्दिरा गाँधी नहर परियोजना, गंग नहर, भरतपुर नहर, गुडगाँव नहर, भीखाभाई, सागवाड़ा, माही नहर, जाखम, सिद्धमुख नहर, बीसलपुर, नर्मदा नहर व ईसरदा परियोजनाएँ प्रमुख हैं।
प्रश्न 17.
इन्दिरा गाँधी नहर को मरुगंगा क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
यह नहर राजस्थान के पश्चिमी मरुस्थलीय क्षेत्र हेतु सार्थक सिद्ध हुई है। इसने यहाँ के सामाजिक, आर्थिक व पर्यावरणीय स्वरूप को बदल दिया है। इसी कारण इसे मरुगंगा कहा जाता है।
प्रश्न 18.
फीडर नहर क्या है?
उत्तर:
इन्दिरा गाँधी नहर परियोजना में हरीके बैराज बाँध से लेकर मसीतावली हैड तक के 204 किमी लम्बे भाग को फीडर नहर के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 19.
इन्दिरा गाँधी नहर परियोजना की लिफ्ट नहरों के नाम लिखिए।
उत्तर:
इन्दिरा गाँधी नहर परियोजना में आठ लिफ्ट नहरें बनाई गई हैं, जिनमें गन्धेली साहबा लिफ्ट नहर, बीकानेर-लूणकरणसर लिफ्ट नहर, गजनेर लिफ्ट नहर, बांगडसर लिफ्ट नहर, कोलायत लिफ्ट नहर, फलौदी लिफ्ट नहर, पोकरण लिफ्ट नहर व जोधपुर लिफ्ट नहर शामिल हैं।
प्रश्न 20.
इन्दिरा गाँधी नहर से निकाली गई प्रमुख शाखाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
इन्दिरा गाँधी नहर से निकाली गई प्रमुख शाखाओं में रावतंसर शाखा, सूरतगढ़ शाखा, अनूपगढ़ शाखा, चारणवाली शाखा, दात्तोर शाखा, बिरसलपुर शाखा, शहीद बीरबल शाखा व सागरमल गोपा शाखा शामिल है।
प्रश्न 21.
राज्य की सबसे बड़ी पेयजल योजना कौन-सी नदी पर बनी है?
उत्तर:
बीसलपुर परियोजना यह बनास नदी पर निर्मित है।
प्रश्न 22:
चम्बल नदी पर कौन-कौन से बाँध बनाए गए हैं?
उत्तर:
चम्बल नदी पर गाँधी सागर, राणाप्रताप सागर, जवाहर सागर व कोटा बैराज बाँध बनाये गए हैं।
प्रश्न 23.
बैराज क्या है?
उत्तर:
वह बाँध जो केवल सिंचाई सुविधा हेतु बनाए जाते हैं। इसमें बाँध, बाँधकर जल का संग्रह किया जाता है।
प्रश्न 24.
माही बजाज सागर परियोजना से सर्वाधिक लाभान्वित दो आदिवासी बाहुल्य जिले कौन-से हैं?
उत्तर:
1. बाँसवाड़ा
2. डूंगरपुर।
प्रश्न 25.
माही-बजाज सागर परियोजना आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के लिए वरदान क्यों सिद्ध हुई है?
उत्तर:
इस परियोजना ने आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में सिंचाई व विद्युत की सुविधा प्रदान की है, जिसके कारण आदिवासियों का सामाजिक व आर्थिक जीवन बदल गया है। इसी कारण इसे वरदान माना गया है।
प्रश्न 26.
राजस्थान सर्वाधिक सूखा प्रदेश क्यों है?
उत्तर:
राजस्थान में मिलने वाली मानसून व वर्षा की अनियमितता व अपर्याप्तती तथा जलवायु की विविधता के कारण राजस्थान देश का सबसे सूखा प्रदेश है।
प्रश्न 27.
राजस्थान में जल संकट क्यों बढ़ता जा रहा है?
उत्तर:
राजस्थान में कृषि उपज के अस्वस्थ तौर तरीकों तथा प्रभावी पारम्परिक वर्षा जल संग्रहण तन्त्र के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण जल संकट बढ़ता जा रहा है।
प्रश्न 28.
पेयजल की विभिन्न योजनाएँ क्यों क्रियान्वित की जा रही हैं?
उत्तर:
भू-जल की गुणवत्ता के बदलाव, भू-जल की आमदं में कमी, गिरते जल-स्तर तथा शहरीकरण व बढ़ती जनसंख्या से पेयजल की माँग में वृद्धि के कारण पेयजल की विभिन्न योजनाएँ संचालित की जा रही हैं।
प्रश्न 29.
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के क्या उद्देश्य हैं?
उत्तर:
इस अभियान का मूल उद्देश्य गाँवों को जल आवश्यकता की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाना है ताकि पेयजल संकट, घरेलू उपयोग व पशुधन के लिए जल उपलब्धता तथा सूखे की समस्या का समाधान किया जा सके।
RBSE Class 12 Geography Chapter 23 लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA-I)
प्रश्न 1.
राजस्थान में जल संसाधन का अत्यधिक महत्त्व क्यों है?
उत्तर:
जल का उपयोग जीवन के हर क्षेत्र में होता है। राजस्थान भौगोलिक दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य है, परन्तु सतही जल दृष्टि से यहाँ भारत का मात्र 1.16% जल एवं भू-जल का मात्र 1.72% जल ही उपलब्ध है। राजस्थान देश का न्यूनतम वर्षा प्राप्त करने वाला राज्य है। राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध होने में अत्यधिक कठिनाई है। इसी कारण राजस्थान में जल संसाधन को अत्यधिक महत्त्व है।
प्रश्न 2.
जल के महत्त्व को दर्शाने वाली राजस्थानी भाषा की पंक्तियों व उनके अर्थ को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
“घी ठूलै तो मारों कईणी बिगडे, पाणी ठूलै तो मारो जियो झल जाये। पाणी हूं फसलाफकै फल-फूलारो ढेर, पाणी जद रून्दै तो धरती पर अन्धेर। राजस्थानी भाषा की इन पंक्तियों का अर्थ होता है कि यदि किसी भी पात्र में भरा हुआ घी फैल जाए तो हमारा कुछ नहीं बिगड़ता, किन्तु यदि पानी फैलता है तो हमारा जिया (दिल) जलता है, क्योंकि पानी से फसलें पकती हैं और फल और फूलों का ढेर लग जाता है, किन्तु यदि पानी नहीं हो तो धरती पर चारों तरफ अन्धकार फैल जाएगा और फसलें, फल-फूल कुछ भी उत्पन्न नहीं होगा।
प्रश्न 3.
जल संरक्षण की किन विधियों को अपनाकर जल को बचाया जा सकता है?
उत्तर:
जल संरक्षण की निम्नलिखित विधियों को अपनाकर जल को बचाया जा सकता है –
- सिंचाई हेतु नवीन पद्धतियों को अपनाना।
- भूमिगत जल का विवेकपूर्ण प्रयोग किया जाए।
- वनस्पति विनाश पर नियन्त्रण किया जाए।
- वर्षा के जल को संचयित करना चाहिए।
- अपशिष्ट जल का शोधन कर उसका उपयोग करना चाहिए।
- कृषि पद्धतियों व. फसल प्रतिरूपों में परिवर्तन करना चाहिए।
- छोटे तालाबों, बाँधों व एनीकट आदि का निर्माण करना चाहिए।
प्रश्न 4.
इन्दिरा गाँधी नहर के विभिन्न चरणों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
इस परियोजना को दो चरणों में लागू किया गया है –
प्रथम चरण:
345 किमी लम्बी वितरिकाएं बनाना। 5.53 लाख हेक्टेयर में सिंचाई।
द्वितीय चरण:
256 किमी मुख्य नहर 5112 किमी वितरिकाओं का निर्माण तथा 19.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई करना।
प्रश्न 5.
ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल हेतु क्या कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं?
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल योजना के कार्यों हेतु भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अन्तर्गत अनुदान दिया जाता है। ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मिले, इसीलिए हैण्डपम्पों की मरम्मत के लिए अभियान चलाया गया है। जर्मन सरकार के सहयोग से गन्धेली साहवा लिफ्ट नहर से आपणी योजना बनाई गई है। इससे हनुमानगढ़, चूरू व झुंझुनूं के गाँवों में जलापूर्ति हो रही है।
RBSE Class 12 Geography Chapter 23 लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA-II)
प्रश्न 1.
जल संरक्षण को स्पष्ट करते हुए इसकी विधियों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संसाधनों का विवेकपूर्ण ढंग से रख-रखाव जिससे उस संसाधन की हानि न हो तथा व्यर्थता को रोका जा सके, यह प्रक्रिया संसाधन संरक्षण कहलाती है। जल संरक्षण में नागरिकों, समाज व सरकार की भागीदारी को होना अत्यन्त आवश्यक है। जल संरक्षण के लिए हम जलाशयों में औद्योगिक अपशिष्ट न डालें।
जल स्रोतों के पास कपड़े न धोएं व स्नान न करें। जल में उत्पन्न खरपतवार को हटाएँ। खड़ीन, कुण्डी, कुंई, नाड़ी, जोहड़, तालाब आदि हमारी जल संचयन व संग्रहण की परम्परागत विधियाँ हैं। हमें परम्परागत जल-संग्रह के इन साधनों की रक्षा करनी होगी, क्योंकि जल के तीव्र दोहन से विकट समस्या उत्पन्न हो गई है।
प्रश्न 2.
राजस्थान में सिंचाई के साधनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वर्षा के अभाव में भूमि या फसलों को कृत्रिम तरीके से जल प्रदान करने की क्रिया को सिंचाई कहा जाता है। सिंचाई फसल उत्पादन की आधारभूत संरचना का अंग है। राजस्थान में कुल सिंचित क्षेत्र का सबसे बड़ा भाग श्रीगंगानगर एवं सबसे कम भाग राजसमंद जिले में है। राजस्थान में कुएँ व नलकूप, नहरें तथा तालाब सिंचाई के प्रमुख साधन हैं।
1. कुएँ व नलकूप:
ये राज्य का सबसे महत्त्वपूर्ण सिंचाई का साधन है। राज्य के कुल सिंचित क्षेत्र के 66% भाग में कुओं व नलकूपों से ही सिंचाई होती है। इस साधन से सबसे अधिक सिंचाई जयपुर व अलवर जिलों में होती है। जैसलमेर जिले के चाँदन नलकूप में मीठे पानी की उपलब्धता के कारण यह स्थान ‘थार का घड़ा’ कहलाता है।
2. नहरें:
राज्य के 33% भाग में सिंचाई नहरों के द्वारा होती है। नहरी सिंचाई में श्रीगंगानगर जिले का प्रथम स्थान है।
3. तालाब:
इस साधन से राज्य की 0.7 प्रतिशत भाग पर सिंचाई होती है। राज्य के दक्षिणी व दक्षिणी-पूर्वी भाग में यह सिंचाई का प्रमुख साधन है। तालाब द्वारा सिंचाई में प्रथम स्थान भीलवाड़ा जिले का तथा द्वितीय स्थान उदयपुर जिले का है। अन्य साधनों से मात्र 0.3% भाग पर सिंचाई होती है।
प्रश्न 3.
इन्दिरा गाँधी नहर परियोजना के लाभों को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
इन्दिरा गाँधी नहर परियोजना किस प्रकार राजस्थान के विकास में सहायक सिद्ध हुई है?
अथवा
इन्दिरा गाँधी नहर परियोजना ने किस प्रकार मरुस्थल के स्वरूप को बदल दिया है?
उत्तर:
इन्दिरा गाँधी नहर से निम्नलिखित लाभ प्राप्त हो रहे हैं –
- सिंचाई की सुविधा – इस नहर से श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर जिलों की 12.58 लाख हैक्टेयर भूमि सिंचित हो रही है।
- पेयजल सुविधा – पश्चिमी राजस्थान के 8 जिलों को इससे पेयजल सुविधा प्राप्त हो रही है।
- कृषि विकास – इस नहर के कारण सिंचाई सुविधा बढ़ने से कृषि उत्पादन बढ़ा है। साथ ही कृषि आधारित रोजगार वे उद्योगों में वृद्धि हुई है।
- व्यापारिक व नगरीय केन्द्रों की स्थापना – इस नहर के कारण नवीन नगरों व व्यापारिक मण्डियों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।
- पशुधन विकास – नहर के विकासे के बाद पशुपालन व मत्स्यन का भी विकास हुआ है।
- वन वृद्धि – इस नहरे से वन क्षेत्र बढ़ा है। चरागाहों का विकास हुआ है, जिससे मरुस्थल प्रसार पर रोक लगी है।
- बंजर भूमि विकास – इससे बंजर भूमि का विकास सम्भव हुआ है।
- ऊर्जा का उत्पादन – विद्युत प्राप्ति के लिए सूरतगढ़ व अनूपगढ़ शाखाओं पर 3 लघु विद्युत गृह बनाये गए हैं।
- अन्य लाभ – अकाल पर रोक, मानव अधिवासों में वृद्धि, खनिज उद्योग को विकास, प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि आदि।
RBSE Class 12 Geography Chapter 23 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
माही बजाज सागर परियोजना का विस्तृत वर्णन कीजिए।
उत्तर:
माही बजाज सागर परियोजना बाँसवाड़ा व डूंगरपुर जिलों के आदिवासियों के लिए एक अमृत तुल्य योजना है। यह राजस्थान व गुजरात की एक संयुक्त परियोजना है, जिसमें राजस्थान में गुजरात की हिस्सेदारी क्रमशः 45% व 55% है।
स्थिति:
बाँसवाड़ा के बोरखेड़ा स्थान पर माही नदी पर यह बाँध बनाया गया है। इसके अलावा दो नहरें, दो विद्युत गृह, दो लघु विद्युत गृह व कागदी पिकअप बाँध भी बनाया गया है।
चरण:
माही बजाज सागर परियोजना निम्नलिखित तीन चरणों में बनकर पूर्ण हुई –
- प्रथम चरण:
बोरखेड़ा (बाँसवाड़ा) में बाँध निर्माण, जल संग्रहण 6240 वर्ग किमी व बाँध भराव क्षमता 72.70 टी.एम.सी. है। - द्वितीय चरण:
इस चरण में डूंगरपुर में आनन्दपुरी व सागवाड़ा नामक दो नहरें, निकाली गई हैं। इनकी कुल लम्बाई 854 किमी है। - तृतीय चरण:
इस चरण में दो विद्युत गृहों का निर्माण करके 140.95 मेगावाट विद्युत उत्पन्न की जा रही है।
प्रभाव:
माही बजाज सागर बनने के बाद यहाँ के आर्थिक-सामाजिक जीवन में बदलाव आने के साथ कृषि-औद्योगिक विकास भी तेजी के साथ हुआ है। इससे इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र को विकास की नई दिशा प्राप्त होगी।
प्रश्न 2.
राजस्थान में सिंचाई पेयजल व जल प्रबंधन हेतु कौन-कौन सी योजनाएँ संचालित की गई हैं।
उत्तर:
राजस्थान में सिंचाई पेयजल व जल प्रबन्धन हेतु निम्नलिखित प्रयास किये गए हैं –
- राजस्थान जल संसाधन नियामक प्राधिकरण, 2013 की क्रियान्विति।
- राजस्थान जल क्षेत्र पुनः संरचना परियोजना (विश्व बैंक द्वारा पोषित)।
- राजस्थान लघु सिंचाई सुधारीकरण परियोजना (RAJAMIIP), 2005।
- वर्षा जल संचय योजना, 2004।
- यूरोपियन यूनियन राज्य सहभागिता कार्यक्रम, 2007।
- जलमणि कार्यक्रम- स्कूलों के बच्चों को प्लाण्ट लगाकर स्वच्छ व जीवाणु रहित पेयजल उपलब्ध कराना।
- राजीव गाँधी जल विकास व संरक्षण मिशन, 2010।
- सिंचाई प्रबंधन व प्रशिक्षण संस्थान, कोटा 1984।
- स्वजल धारा योजना, 2002।
- त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम।
- राजस्थान फ्लोरोसिस नियन्त्रण कार्यक्रम।
- इन्दिरा गाँधी की लिफ्ट नहरी परियोजनाएँ।
- मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान आदि योजनाएँ व कार्यक्रम चलाये गए हैं।
Leave a Reply