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RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ

July 11, 2019 by Safia Leave a Comment

   

Rajasthan Board RBSE Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ

RBSE Class 12 Geography Chapter 25 पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

RBSE Class 12 Geography Chapter 25 बहुचयनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सन 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान की जनसंख्या है –
(अ) 6.85 करोड़
(ब) 6.54 करोड़
(स) 5.85 करोड़
(द) 5.54 करोड़
उत्तर:
(अ) 6.85 करोड़

प्रश्न 2.
राजस्थान के किस जिले की साक्षरता सबसे कम है?
(अ) जैसलमेर
(ब) बाड़मेर
(स) जालौर
(द) बाँसवाड़ा
उत्तर:
(स) जालौर

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से जो जनजाति नहीं है, वह है –
(अ) भील
(ब) खटीक
(स) मीणा
(द) डामोर
उत्तर:
(ब) खटीक

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ

प्रश्न 4.
मीणा समुदाय की उत्पत्ति मानी जाती है –
(अ) वराह अवतार से
(ब) कुर्म अवतार से
(स) मत्स्य अवतार से
(द) कृष्णावतार से
उत्तर:
(स) मत्स्य अवतार से

प्रश्न 5.
मीणा जनजाति के कितने उपवर्ग हैं?
(अ) 2
(ब) 3
(स) 4
(द) 6
उत्तर:
(अ) 2

प्रश्न 6.
नेजा नृत्य किया जाता है –
(अ) बाँसवाड़ा के भीलों द्वारा
(ब) खैरवाड़ा के मीणा द्वारा
(स) भीलवाड़ा के भीलों द्वारा
(द) भरतपुर के मीणा द्वारा
उत्तर:
(ब) खैरवाड़ा के मीणा द्वारा

प्रश्न 7.
सहरिया जनजाति का केन्द्र है
(अ) माण्डलगढ़ तहसील में
(ब) घरियावद तहसील में
(स) शाहबाद तहसील में
(द) बूंदी तहसील में
उत्तर:
(स) शाहबाद तहसील में

प्रश्न 8.
बेणेश्वर मेला लगता है –
(अ) ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा पर
(ब) माघ शुक्ल पूर्णिमा पर
(स) आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा पर
(द) पौष शुक्ल पूर्णिमा पर
उत्तर:
(ब) माघ शुक्ल पूर्णिमा पर

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ

RBSE Class 12 Geography Chapter 25 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
हमारे राज्य में जनगणना कितने वर्षों के अन्तराल पर होती है?
उत्तर:
हमारे राज्य में जनगणना दस वर्षों के अन्तराल पर होती है।

प्रश्न 2.
जनसंख्या की दृष्टि से देश के राज्यों में राजस्थान का कौन-सा स्थान है?
उत्तर:
जनसंख्या की दृष्टि से देश के राज्यों में राजस्थान का आठवाँ स्थान है।

प्रश्न 3.
राज्य के किस जनगणना वर्ष में जनसंख्या घटी थी?
उत्तर:
राजस्थान में 1911 – 21 के दशक में राज्य की जनसंख्या घटी थी।

प्रश्न 4.
राजस्थान के किस जिले का लिंगानुपात सर्वाधिक है?
उत्तर:
राजस्थान के डूंगरपुर जिले का लिंगानुपात सर्वाधिक है।

प्रश्न 5.
राजस्थान की कोई तीन जनजातियों के नाम बताइए।
उत्तर:
राजस्थान की प्रमुख तीन जनजातियाँ हैं –

  1. मीणा
  2. भील तथा
  3. गरासिया।

प्रश्न 6.
किसी एक खानाबदोश जनजाति का नाम बताइए।
उत्तर:
राजस्थान की सांसी जनजाति खानाबदोश जनजाति है।

प्रश्न 7.
डामोर जनजाति के मेलों के नाम बताइए।
उत्तर:
डामोर जनजाति के प्रमुख दो मेले हैं –

  1. छेला बावजी तथा
  2. ग्यारस की रैवाड़ी।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ

RBSE Class 12 Geography Chapter 25 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
राजस्थान की जनसंख्या की कोई तीन विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
राजस्थान की जनसंख्या की प्रमुख तीन विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

  1. राजस्थान में जनसंख्या के वितरण में अत्यधिक समानता पाई जाती है।
  2. राजस्थान की जनसंख्या का घनत्व 2011 की जनगणना के अनुसार 200 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है।
  3. राजस्थान में 20वीं सदी में जनसंख्या तेजी से बढ़ी है। इस शताब्दी के पहले 50 वर्षों में डेढ़ गुना तथा बाद के 50 वर्षों में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है।

प्रश्न 2.
जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले कारक बताइए।
उत्तर:
जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं –

  1. भौतिक कारक:
    इसके अन्तर्गत उच्चावच, जलवायु, मिट्टी, वनस्पति व सिंचाई की सुविधा को सम्मिलित किया जाता है।
  2. आर्थिक कारक:
    जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले आर्थिक कारकों में खनिजों की उपलब्धता, नगरीकरण, औद्योगिक विकास तथा परिवहन साधनों के विकास को शामिल किया जाता है।
  3. सामाजिक व सांस्कृतिक कारक:
    इसके अन्तर्गत स्थानान्तरण व श्रम की गतिशीलता (प्रवास) को सम्मिलित किया गया है।
  4. राजनीतिक कारक आदि।

प्रश्न 3.
राजस्थान की जनसंख्या का वितरण बताइए।
उत्तर:
राजस्थान में जनसंख्या के वितरण में पर्याप्त असमानता मिलती है। राजस्थान की जनसंख्या वितरण की निम्नलिखित क्षेत्रीय विशेषताएँ हैं –

  1. अरावली पर्वत श्रेणी के पश्चिम व उत्तर-पश्चिमी भागों में विरल वे छितरी हुई जनसंख्या पाई जाती है।
  2. अरावली पर्वत के पूर्वी व उत्तर-पूर्वी मैदानों में सघन जनसंख्या पाई जाती है।
  3. अरावली प्रदेश के कुछ उपजाऊ क्षेत्रों व खनन क्षेत्रों में जनसंख्या का केन्द्रीकरण अधिक पाया जाता है।
  4. पश्चिमी मरुस्थली प्रदेशों में जनसंख्या बिखरे जल-स्रोतों के चारों ओर केन्द्रित मिलती है।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ

प्रश्न 4.
अपने राज्य की साक्षरता पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
साक्षरता की दृष्टि से राजस्थान पिछड़ा हुआ है। देश के केवल दो राज्यों अरुणाचल प्रदेश एवं बिहार में साक्षरता दर राजस्थान से कम है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, राजस्थान की साक्षरता का औसत 67.06 प्रतिशत है। इसमें पुरुष साक्षरता 79.2 प्रतिशत तथा महिला साक्षरता 52.1 प्रतिशत है। आजादी के बाद 1951 से 2011 के मध्य साक्षरता में 59.04 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राजस्थान राज्य में कोटा जिला सर्वाधिक साक्षर (76.6%) है। सबसे कम साक्षरता जालौर जिले में (54.9 प्रतिशत) है। वर्ष 2001 से 2011 के दौरान साक्षरता दर में सर्वाधिक वृद्धि डूंगरपुर जिले में 10.90 प्रतिशत की हुई।

प्रश्न 5.
राजस्थान की सहरिया जनजाति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सहरिया जनजाति राजस्थान की सबसे पिछड़ी जनजाति है। अतएव इसे भारत सरकार ने आदिम जनजाति की श्रेणी में शामिल किया है। सहरिया जनजाति के घरों को टापरी व टोपा कहते हैं। इनकी छोटी बस्तियाँ सहराना व गाँव सहरोल कहलाते हैं।

1. निवास क्षेत्र:
राजस्थान की 98 प्रतिशत सहरिया जनजाति बॉरा जिले की किशनगंज व शाहबाद तहसीलों में निवास करती हैं।

2. सामाजिक जीवन:
सहरिया जनजाति में एकाकी परिवार पाये जाते हैं। इनमें बहुपत्नी प्रथा है। लड़की के जन्म को शुभ माना जाता है। ये वाल्मीकि ऋषि को अपनी कुल देवता मानते हैं।

3. अर्थव्यवस्था:
इनकी अर्थव्यवस्था को मुख्य आधार वनोत्पाद तथा स्थानान्तरित कृषि है। सहरिया जनजाति में साक्षरता प्रतिशत बहुत कम है।

प्रश्न 6.
जनजातियों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों के नाम बताइए।
उत्तर:
स्वतन्त्रता के पश्चात् सरकार ने जनजातियों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएँ व कार्यक्रम संचालित किए हैं। राजस्थान में चलाए जा रहे ऐसे कार्यक्रम निम्नलिखित हैं –

  1. जनजाति उपयोजना क्षेत्र (टाडा)।
  2. परिवर्तित क्षेत्र विकास कार्यक्रम (माडा)।
  3. सहरिया विकास कार्यक्रम।
  4. माडा क्लस्टर योजना।
  5. बिखरी जनजाति विकास कार्यक्रम।
  6. स्वच्छ परियोजना।
  7. जनजाति क्षेत्र रेशम कीट पालन कार्यक्रम।
  8. एकलव्य योजना।
  9. रूख भायला कार्यक्रम तथा।
  10. रोजगार कार्यक्रम आदि।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ

RBSE Class 12 Geography Chapter 25 निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
राजस्थान के जनसंख्या वितरण व घनत्व का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राजस्थान राज्य क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का प्रथम तथा जनसंख्या की दृष्टि से आठवाँ स्थान रखता है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसंख्या 6.85 करोड़ तथा जनसंख्या का औसत घनत्व 200 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है।

जनसंख्या वितरण:
राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में जनसंख्या वितरण में काफी सघनता मिलती है, जबकि कुछ क्षेत्र अत्यन्त विरल हैं। राजस्थान में जनसंख्या वितरण की निम्नलिखित प्रवृत्तियाँ मिलती हैं –

  1. अरावली पर्वत श्रेणी के पश्चिमी व उत्तर-पश्चिमी भागों में विरल व छितरी हुई जनसंख्या मिलती है।
  2. अरावली पर्वत के पूर्वी व उत्तर-पूर्वी भागों में सघन जनसंख्या पाई जाती है।
  3. अरावली प्रदेश के उपजाऊ क्षेत्रों व खनन क्षेत्रों में अधिक जनसंख्या का केन्द्रीकरण मिलता है।
  4. पश्चिमी मरुस्थलीय भागों में जनसंख्या जल-स्रोतों के चारों ओर केन्द्रित मिलती है।

जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक:
राजस्थान में जनसंख्या का वितरण वर्षा की मात्रा, जल की उपलब्धता, उपजाऊ मिट्टी तथा आर्थिक विकास से प्रभावित व नियन्त्रित होता है। राजस्थान में जनसंख्या वितरण को निम्नलिखित कारक प्रभावित करते हैं –

  1. भौतिक कारक – उच्चावच, जलवायु, मिट्टी, वनस्पति तथा प्राकृतिक जल-स्रोत।
  2. आर्थिक कारक – खनिजों की उपलब्धता, नगरीकरण, औद्योगिक विकास आदि।
  3. सामाजिक व सांस्कृतिक कारक – जनसंख्या का स्थानान्तरण तथा श्रम का प्रवास आदि।
  4. राजनीतिक कारक।

जनसंख्या घनत्व:
प्रति वर्ग किमी क्षेत्रफल में निवास करने वाली जनसंख्या को जनसंख्या घनत्व कहते हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान में जनसंख्या का औसत घनत्व 200 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है। राजस्थान के विभिन्न जिलों को जनसंख्या घनत्व के आधार पर निम्नलिखित पाँच वर्गों में बाँटा गया है –

1. सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाले जिले (400 से अधिक):
इनकी कुल संख्या चार है। इसके अन्तर्गत जयपुर, भरतपुर, दौसा और अलवर जिले आते हैं।

2. अधिक जनसंख्या घनत्व वाले जिले (300 से 400):
इन जिलों की कुल संख्या 7 है। इसके अन्तर्गत धौलपुर, बांसवाड़ा, कोटा, डूंगरपुर, झुंझुनूं, सीकर व अजमेर जिले आते हैं।

3. मध्यम जनसंख्या घनत्व वाले जिले (200 से 300):
इन जिलों की कुल संख्या 7 है। इसके अन्तर्गत सवाई माधोपुर, सिरोही, भीलवाड़ा, करौली, उदयपुर, राजसमन्द तथा झालावाड़ जिले आते हैं।

4. न्यून जनसंख्या घनत्व वाले जिले (100 से 200 ):
इन जिलों की संख्या सर्वाधिक 12 है। इसके अन्तर्गत टोंक, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, बूंदी, नागौर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बारां, जालौर, पाली, जोधपुर तथा चुरू जिलों को सम्मिलित किया गया है।

5. न्यूनतम जनसंख्या घनत्व वाले जिले (100 से कम):
इसके अन्तर्गत राजस्थान के तीन जिले बीकानेर, बाड़मेर तथा जैसलमेर सम्मिलित हैं।

राजस्थान में जनसंख्या घनत्व के आधार पर निम्नलिखित प्रवृत्तियाँ दृष्टिगोचर होती हैं –

  1. राजस्थान के पूर्वी मैदानी जिलों में जनसंख्या घनत्व अधिक पाया जाता हैं।
  2. पश्चिमी मरुस्थली जिलों में जनसंख्या घनत्व काफी कम है।
  3. जयपुर जिले में जनसंख्या घनत्व सर्वाधिक 595 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी० है।
  4. जैसलमेर में जनसंख्या घनत्व सबसे कम 17 व्यक्ति प्रतिवर्ग किमी है।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ

प्रश्न 2.
राजस्थान की भील या मीणा जनजाति के सामाजिक व्यवस्था व आर्थिक दशाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मीणा जनजाति:
राजस्थान की जनजातियों में मीणा जनजाति का प्रथम स्थान है। मीणा समुदाय की मान्यता है। कि इनकी उत्पत्ति मत्स्यावतार जो भगवान विष्णु का प्रथम अवतार है, से हुई है।

निवास क्षेत्र:
मीण जनजाति राजस्थान के लगभग सभी क्षेत्रों में पाई जाती है। इनकी सर्वाधिक संख्या जयपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, अलवर, टोंक, भरतपुर व उदयपुर जिलों में पाई जाती है। अलवर, भरतपुर तथा जयपुर जिलों में मीणाओं का ऐतिहासिक निवास है। इस क्षेत्र को मत्स्य प्रदेश के नाम से जाना जाता था। मीणा जनजाति की सर्वाधिक आबादी जयपुर जिले में हैं। मीणा जनजाति सबसे शिक्षित जनजाति मानी जाती है।

सामाजिक जीवन:
मीणा जनजाति के सामाजिक जीवन की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

  1. मीणा जनजाति में विवाह सम्बन्धों, नातेदारी तथा रक्त सम्बन्धों को महत्त्वपूर्ण माना जाता है।
  2. इनमें लड़कियों का विवाह छोटी आयु में ही कर दिया जाता है किन्तु गौना विवाह योग्य आयु में ही किया जाता है।
  3. इनमें संयुक्त परिवार प्रथा प्रचलित है तथा पितृसत्तात्मक परिवार पाया जाता है।
  4. मीणाओं के सामाजिक जीवन में पंचायतों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। सामाजिक झगड़ों, विवाह, तलाक, चरित्रहीनता आदि झगड़ों का निबटारा पंचायतों द्वारा ही होता है।
  5. मीणा जनजाति के लोग धार्मिक मेलों तथा त्योहारों में दृढ़ धार्मिक आस्था रखते हैं।
  6. मीणा पुरुष धोती, कमीज तथा स्त्रियाँ घाघरा, कांचली व ओढ़नी धारण करती हैं।
  7. इनमें शिक्षा को प्रसार तेजी से हुआ है। इन्होंने आरक्षण की सुविधा का सर्वाधिक लाभ उठाया है।

अर्थव्यवस्था:
मीणा जनजाति के लोग सामान्यतः खेती का कार्य करते हैं। इसके साथ ही पशुपालन भी इनका प्रमुख व्यवसाय है। इनमें बंटाईदारी कृषि की प्रथा का प्रचलन देखने को मिलता है। जनजातियों में राजस्थान की सबसे शिक्षित जनजाति मीणा है। सरकारी सेवाओं व अन्य व्यवसायों में मीणा जनजाति के लोग पदस्थापित मिलते हैं। वर्तमान में सरकारी सेवाओं में आरक्षण के कारण इनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति अन्य समुदायों की अपेक्षा अधिक सुदृढ़ देखने को मिलती है।

भील जनजाति:
राजस्थान की जनजातियों में भील जनजाति दूसरी महत्त्वपूर्ण जनजाति है। यह भारत की सबसे प्राचीन जनजाति मानी जाती है। यह तीर कमान रखने वालों की संघर्षरत जनजाति मानी जाती है। इनके मकान बाँस व लकड़ी के बने होते हैं। मकानों की छतें खपरैल की होती हैं।

निवास क्षेत्र:
भील जनजातियाँ मुख्यत: दक्षिणी राजस्थान के बाँसवाड़ा, डूंगरपुर तथा उदयपुर जिलों में निवास करती हैं। इन लोगों के निवास क्षेत्र ऊबड़-खाबड़ एवं वनाच्छादित क्षेत्र हैं। ये पहाड़ियों पर छितरे हुए रूप में निवास करते हैं।

सामाजिक जीवन:
भील जनजाति सामाजिक रूप से पितृसत्तात्मक, आर्थिक रूप से कृषक तथा परम्परागत रूप से तीरन्दाज होते हैं। इनके सामाजिक जीवन की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

  1. इनकी सामाजिक व्यवस्था पितृसत्तात्मक है। भीलों के कई पितृवंशीय गोत्र होते हैं, जिन्हें ‘अटक’ कहा जाता है।
  2. भीलों में मोरबांदिया विवाह, अपहरण विवाह, विनिमय विवाह, सेवा विवाह आदि प्रचलित हैं।
  3. भीलों में मुख्यत: एकाकी परिवार पाया जाता है।
  4. भीलों में गाँवों की व्यवस्था में भोपा (झाड़-फूक करने वाले) मुखिया (गोमती) तथा धार्मिक संस्कार को सम्पन्न कराने वाले (भगत) की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
  5. भीलों का प्रसिद्ध मेला ‘बेणेश्वर मेला’ माही, सोम व जाखम नदियों के संगम पर माघ शुक्ल पूर्णिमा को लगता है।
  6. त्योहारों पर नृत्य तथा उत्सवों पर पूजन इनकी प्रमुख सामाजिक परम्परा है।
  7. भील पुरुष तथा महिलाएँ धातुओं के आभूषण पहनती हैं तथा गोदना गुदवाती हैं।
  8. हिन्दू देवी-देवताओं के साथ स्थानीय लोक देवताओं की पूजा इनके सामाजिक जीवन का एक अंग है।

अर्थव्यवस्था:
आर्थिक दृष्टि से भील जनजाति के लोग गरीब तथा घुमक्कड़ प्रवृत्ति के हैं। मूलतः ये लोग कृषक हैं। मछली पकड़ना भी इनका मुख्य व्यवसाय है। पक्षियों का शिकार करना व जंगलों से जड़ी-बूटियाँ, कन्द-मूल फल, गोंद, बेर, महुंआ, सीताफल, लकड़ी आदि एकत्रित करना इनका प्रमुख व्यवसाय है।

कृषि के साथ:
साथ पशुपालन भी भील जनजातियों का प्रमुख व्यवसाय है। वर्तमान समय में अधिकांश भील निकटवर्ती नगरों तथा कस्बों में जाकर मजदूरी भी करने लगे हैं।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ

प्रश्न 3.
राजस्थान की गरासिया या सहरिया जनजाति के सामाजिक व्यवस्था व आर्थिक दशाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
गरासिया जनजाति:
गरासिया राजस्थान की तीसरी बड़ी जनजाति है। गरासिया जनजाति के लोग स्वयं को चौहान राजपूतों का वंशज मानते हैं। भीलों व इनके घरों, जीवन जीने के तरीकों, बोली, तीर-कमान आदि में काफी समानताएँ मिलती हैं।

निवास क्षेत्र:
सिरोही की आबूरोड एवं पिंडवाड़ा तहसील, पाली जिले की बाली तथा उदयपुर की गोगुन्दा व कोटड़ी तहसीलें गरासिया जनजाति बाहुल्य क्षेत्र हैं। आबूरोड का भाँखर क्षेत्र गरासियों का मूल प्रदेश माना जाता है। राजपूतों के आगमन से पूर्व गरासिया सिरोही, पिण्डवाड़ा तथा आबूरोड के पहाड़ी क्षेत्रों में राज्य किया करते थे। गरासियों के गाँव पहाड़ी क्षेत्रों में दूर-दूर छितरे हुए पाये जाते हैं।

सामाजिक व्यवस्था:
गरासियों के सामाजिक जीवन की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

  1. गरासियों के एक गाँव में प्राय: एक ही गोत्र के लोग निवास करते हैं।
  2. गरासिया समाज के लोग एकाकी परिवार के रूप में रहते हैं। पिता परिवार का मुखिया होता है।
  3. गरासियों में तीन प्रकार की विवाह प्रथा प्रचलित है-मोर बाँधिया, पहरावना तथा ताणना विवाह।
  4. गरासियों में जाति पंचायत का विशेष महत्त्व है। पंचायत का मुखिया सहलोत कहलाता है।
  5. गरासिया स्थानीय मेलों में भाग लेते हैं, जिसमें जीवनसाथी का चयन भी करते हैं।
  6. गरासिया पुरुष धोती, कमीज तथा सिर पर तौलिया और स्त्रियाँ गहरे रंग के तड़क-भड़क वाले कपड़े पहनती हैं।
  7. इनमें गोदना गुदवाने की प्रथा है। ये शिव, भैरव तथा दुर्गा के उपासक हैं।

अर्थव्यवस्था:
गरासिया जनजाति की अर्थव्यवस्था प्राथमिक व्यवसाय के रूप में है। ये प्राथमिक क्रियाओं में लगे हैं। प्रारम्भिक ढंग की कृषि, पशुपालन, जंगलों में शिकार, लकड़ी काटना व वनों से वनोत्पादों को एकत्रीकरण इनका प्रमुख कार्य है। वर्तमान समय में बदलते परिवेश में ये लोग अब समीपवर्ती ग्रामों व कस्बों में मजदूरी करने के लिए जाने लगे हैं। हरी भावरी गरासियों द्वारा की जाने वाली सामूहिक कृषि का एक रूप है। ये लोग अनाजों का संग्रहण सोहरी (कोठी) में करते हैं।

सहरिया जनजाति:
सहरिया जनजाति राजस्थान की सबसे पिछड़ी जनजाति है। अतएव भारत सरकार ने इसे आदिम जनजाति में सम्मिलित किया है। सहरिया फारसी भाषा के शब्द ‘सहर’ से बना है। जिसका अर्थ जंगल होता है। चूंकि सहरिया जनजाति जंगलों में ही निवास करती है, इसलिए ही इन्हें सहरिया कहा जाता है।

निवास क्षेत्र:
राजस्थान राज्य की 98 प्रतिशत सहरिया जनजाति बाँरा जिले की किशनगंज तथा शाहबाद तहसीलों में निवास करती है। सहरिया जनजाति के घरों को टापरी व टोपा कहते हैं। टापरी मिट्टी, पत्थर, लकड़ी और घासफूस की बनी होती है, जबकि टोपा घने जंगलों में पेड़ों पर या बल्लियों पर बने मचान होते हैं। इनकी छोटी बस्तियाँ सहराना व गाँव सहरोल कहलाते हैं।

सामाजिक जीवन:
सहरिया जनजाति के सामाजिक जीवन की निम्नलिखित विशेषताएँ मिलती हैं –

  1. सहरिया जनजाति में एकाकी परिवार व्यवस्था पाई जाती है।
  2. इनमें बहुपत्नी प्रथा प्रचलित है।
  3. नातेदारी प्रथा को बहुत मान्यता दी जाती है।
  4. सहरिया जनजाति में लड़कियों के जन्म को बड़ा शुभ माना जाता है।
  5. बाँरा जिले में केलवाड़ा के पास सीताबाड़ी में लगने वाला मेला इनका पवित्र स्थान है।
  6. ये वाल्मीकि ऋषि को अपना पूर्वज मानते हैं।
  7. सहरिया जनजाति में पुरुष धोती, कमीज व साफा पहनते हैं तथा स्त्रियाँ घाघरा, लूगड़ी व लम्बी बाँह की कमीज पहनती हैं।
  8. स्त्रियों द्वारा शरीर में गोदना गुदवाने की प्रथा है।

अर्थव्यवस्था:
जंगलों में निवास करने के कारण सहरिया जनजाति के अधिकांश लोग प्राथमिक व्यवसायों में ही लगे हैं। जंगलों से कन्दमूल फलों का एकत्रीकरण, लकड़ी काटना, शिकार करना, मछली पकड़ना आदि इनके प्रमुख व्यवसाय हैं। सहरिया जनजाति के लोग जंगलों को साफ करके स्थानान्तरित कृषि भी करते हैं। कृषि भूमि प्राप्त करने के लिए ये लोग जंगलों में एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरित भी होते रहते हैं। सहरिया जनजाति में साक्षरता का प्रतिशत बहुत कम पाया जाता है।

आंकिक प्रश्न

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ

प्रश्न 1.
राजस्थान के मानचित्र में जनसंख्या के वितरण को दर्शाइये।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ img-1
प्रश्न 2.
राजस्थान के मानचित्र पर प्रमुख जनजातियों के निवास क्षेत्र को दर्शाइए।
उतर:
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RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ

RBSE Class 12 Geography Chapter 25 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

RBSE Class 12 Geography Chapter 25 बहुचयनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में जनगणना किसका विषय है?
(अ) संघ सूची का
(ब) राज्य सूची का
(स) संघ और राज्य दोनों का
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) संघ सूची का

प्रश्न 2.
राजस्थान का जनसंख्या की दृष्टि से भारत में स्थान है –
(अ) तीसरा
(ब) पाँचवाँ
(स) आठवाँ
(द) दसवाँ
उत्तर:
(स) आठवाँ

प्रश्न 3.
राजस्थान में न्यूनतम जनसंख्या वृद्धि दर वाला जिला है –
(अ) बाड़मेर
(ब) पाली
(स) जालौर
(द) श्रीगंगानगर
उत्तर:
(द) श्रीगंगानगर

प्रश्न 4.
राजस्थान में सबसे अधिक साक्षरता वाला जिला है –
(अ) जयपुर
(ब) कोटा
(स) भरतपुर
(द) करौली
उत्तर:
(ब) कोटा

प्रश्न 5.
राजस्थान की औसत साक्षरता दर (वर्ष 2011 में) है –
(अ) 56.05%
(ब) 60.30%
(स) 67.06%
(द) 76.30%
उत्तर:
(स) 67.06%

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प्रश्न 6.
राजस्थान के किस जिले में सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व पाया जाता है?
(अ) कोटा
(ब) जयपुर
(स) जैसलमेर
(द) भरतपुर
उत्तर:
(ब) जयपुर

प्रश्न 7.
राजस्थान में घटते लिंगानुपात का कारण है –
(अ) पितृसत्तात्मक परिवार
(ब) बाल-विवाह
(स) दहेज प्रथा
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी

प्रश्न 8.
जनजातियों की संख्या की दृष्टि से राजस्थान का भारत में स्थान है –
(अ) तीसरा
(ब) पाँचवाँ
(स) छठा
(द) दसवाँ
उत्तर:
(स) छठा

प्रश्न 9.
‘गवरी’ तथा ‘घूमर’ प्रमुख नृत्य हैं –
(अ) मीणा जनजातियों का
(ब) भीलों का
(स) गरासियों का
(द) डामोर का
उत्तर:
(ब) भीलों का

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प्रश्न 10.
डामोर जनजाति का प्रमुख निवास क्षेत्र है –
(अ) बाँरा जिले की किशनगंज तहसील
(ब) डूंगरपुर जिले की सीमलवाड़ा पंचायत
(स) उदयपुर की कोटड़ा झाड़ोल पंचायत
(द) पाली जिले की बाली तहसील
उत्तर:
(ब) डूंगरपुर जिले की सीमलवाड़ा पंचायत

प्रश्न 11.
चौथमाता किस जनजाति की कुल देवी है?
(अ) मीणा
(ब) सॉसी
(स) कंजर
(द) कथौड़ी
उत्तर:
(स) कंजर

सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न

निम्नलिखित में स्तम्भ अ को स्तम्भ ब से सुमेलित कीजिए –

स्तम्भ (अ) स्तम्भ (ब)
(i) राजस्थान में न्यूनतम लिंगानुपात वाला जिला (अ) भरतपुर
(ii) सहरिया जनजाति (ब) धौलपुर
(iii) गरासिया जनजति (स) बाँरा
(iv) सांसी जनजाति (द) उदयपुर
(v) राजस्थान की औसत साक्षरता (य) 67.06%

उत्तर:
(i) ब (ii) स (iii) द (iv) अ (v) य

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RBSE Class 12 Geography Chapter 25 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जनसंख्या से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
एक निश्चित समय में राज्य में रहने वाले समस्त मनुष्यों को वहाँ की जनसंख्या कहते हैं।

प्रश्न 2.
जनसंख्या अध्ययन से किन तथ्यों का अनुमान लगाया जा सकता है?
उत्तर:
जनसंख्या अध्ययन से राज्य में उत्पादन के लिए कुल मानव शक्ति तथा उनके लिए आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं की कुल मात्रा का अनुमान लगा सकते हैं।

प्रश्न 3.
जनसंख्या के गुणनात्मक स्तर का ज्ञान कैसे होता हैं?
उत्तर:
जनांकिकीय विशेषताओं जैसे साक्षरता, लिंगानुपात आदि के आधार पर जनसंख्या के गुणात्मक स्तर का ज्ञान होता है।

प्रश्न 4.
नवीनतम जनगणना कौन सी जनगणना है?
उत्तर:
नवीनतम जनगणना (2011) इक्कीसवीं सदी की दूसरी वे स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद की सातवीं जनगणना है।

प्रश्न 5.
जनांकिकीय विशेषताओं के अध्ययन का आधार किसे माना गया है?
उत्तर:
जनसंख्या वितरण व उसके घनत्व के प्रतिरूपों को विश्लेषण किसी क्षेत्र की जनांकिकीय विशेषताओं के अध्ययन का आधार होता है।

प्रश्न 6.
जनसंख्या वितरण से क्या आशय है?
उत्तर:
जनसंख्या वितरण से आशय है कि विभिन्न क्षेत्रों में लोग कितनी संख्या में निवास करते हैं।

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प्रश्न 7.
जनसंख्या निदेशालय के प्रमुख दो कार्य बताइए।
उत्तर:
जनसंख्या निदेशालय के प्रमुख दो कार्य हैं –

  1. जनसंख्या सम्बन्धी सूचनाओं का संग्रहण एवं संकलन।
  2. जनसंख्या सम्बन्धी सूचनाओं का प्रकाशन।

प्रश्न 8.
राजस्थान में जनसंख्या वितरण किन कारकों द्वारा प्रभावित व नियन्त्रित होता है?
उत्तर:
राजस्थान में जनसंख्या वितरण वर्षा की मात्रा, जल की उपलब्धता, उपजाऊ मृदा तथा आर्थिक विकास द्वारा प्रभावित व नियन्त्रित होता है।

प्रश्न 9.
जनसंख्या वृद्धि से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
किसी क्षेत्र विशेष के निवासियों की संख्या में एक निश्चित अवधि में हुई वृद्धि को जनसंख्या वृद्धि कहते है।

प्रश्न 10.
प्राकृतिक वृद्धि व प्राकृतिक कमी से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जन्म व मृत्यु की संख्या में अंतर से जनसंख्या बढ़ने पर प्राकृतिक वृद्धि व जनसंख्या घटने को प्राकृतिक कमी कहते हैं।

प्रश्न 11.
किसी क्षेत्र की जनसंख्या वृद्धि के तीन अनुकूल कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
किसी क्षेत्र की जनसंख्या वृद्धि के तीन अनुकूल कारक निम्न हैं –

  1. मानव जीवन के लिए अनुकूल भौगोलिक दशाएँ।
  2. खाद्य पदार्थों की आपूर्ति।
  3. प्राकृतिक प्रकोपों की कमी।

प्रश्न 11.
प्रवास से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
किसी व्यक्ति या समूह विशेष द्वारा अपने निवास में परिवर्तन हेतु किया जाने वाला आवागमन प्रवास कहलाता है।

प्रश्न 12.
प्रवास के लिए कौन से कारक उत्तरदायी हैं?
उत्तर:
प्रवास के लिए प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक आदि कारक उत्तरदायी होते हैं।

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प्रश्न 13.
उत्प्रवास एवं आप्रवास क्या है?
उत्तर:
एक स्थान से किसी व्यक्ति के जाने को उत्प्रवास तथा आने को आप्रवास कहते हैं।

प्रश्न 14.
वर्ष 1911 – 21 के दशक में जनसंख्या में कमी के क्या कारण थे?
उत्तर:
वर्ष 1911 – 21 के दशक में जनसंख्या में कमी के प्रमुख दो कारण थे –

  1. वर्ष 1918 में पड़ा त्रिकाल (अन्न, जल, तृण)।
  2. महामारी की आवृत्ति।

प्रश्न 15.
विगत तीन दशकों में जनसंख्या वृद्धि के दो कारणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
विगत तीन दशकों में जनसंख्या वृद्धि के निम्नलिखित दो कारण उत्तरदायी रहे हैं –

  1. परिवार कल्याण कार्यक्रमों की सफलता।
  2. आर्थिक विकास।

प्रश्न 16.
जनसंख्या घनत्व किसे कहते हैं?
अथवा
जनसंख्या घनत्व का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
प्रति वर्ग किमी क्षेत्र पर निवास करने वाले व्यक्तियों की संख्या को जनसंख्या घनत्व कहते हैं। इसका सूत्र है –
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प्रश्न 17.
राजस्थान में सर्वाधिक व न्यूनतम जनसंख्या घनत्व किन जिलों का है?
उत्तर:
राजस्थान में सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व जयपुर जिले में (595 व्यक्ति/वर्ग किमी) तथा न्यूनतम जनसंख्या घनत्व (17 व्यक्ति/वर्ग किमी) जैसलमेर में पाया जाता है।

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प्रश्न 18.
लिंगानुपात का सूत्र क्या है?
उत्तर:
लिंगानुपात किसी दी हुई जनसंख्या में पुरुष व स्त्रियों के मध्य अनुपात का सूचक है। यह प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या के रूप में व्यक्त किया जाता है। लिंगानुपात का सूत्र निम्नलिखित है –
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प्रश्न 19.
लिंगानुपात का ज्ञान क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
लिंगानुपात का ज्ञान समुदाय की सामाजिक आवश्यकताओं, उपभोग प्रारूप तथा रोजगार की स्थिति को समझने के लिए आवश्यक है।

प्रश्न 20.
लिंगानुपात का प्रभाव किन जनांकिकीय लक्षणों पर पड़ता है?
उत्तर:
लिंगानुपात का प्रभाव जनसंख्या वृद्धि, जीवन निर्वाह दर, व्यावसायिक संरचना तथा प्रवास आदि जनांकिकीय लक्षणे पर पड़ता है।

प्रश्न 21.
राजस्थान का लिंगानुपात बताइए।
उत्तर:
राजस्थान में एक हजार पुरुषों पर 928 स्त्रियाँ मिलती है।

प्रश्न 22.
भारत के सन्दर्भ में राजस्थान के लिंगानुपात की क्या स्थिति है?
उत्तर:
भारत के सन्दर्भ में लिंगानुपात में राजस्थान 21वें स्थान पर है।

प्रश्न 23.
राजस्थान में लिंगानुपात की क्षेत्रीय विभिन्नता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
राजस्थान राज्य में लिंगानुपात में क्षेत्रीय विभिन्नता मिलती है। राजस्थान के पश्चिमी, पूर्वी एवं उत्तरी जिलों में लिंगानुपात राज्य के औसत से कम है तथा मध्य राजस्थान व दक्षिणी राजस्थान में लिंगानुपात राज्य के औसत से अधिक मिलता है।

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प्रश्न 24.
राजस्थान में शिशु लिंगानुपात के कम होने का प्रमुख कारण क्या है?
उत्तर:
राजस्थान में शिशु लिंगानुपात के कम होने का प्रमुख कारण कन्या भ्रूण हत्या है।

प्रश्न 25.
साक्षरता दर का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
साक्षरता जनसंख्या की गुणात्मकता का सूचक है। साक्षरता दर निम्न सूत्र से ज्ञात करते हैं –
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प्रश्न 26.
साक्षरता दर को प्रभावित करने वाले कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
साक्षरता दर को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक हैं –

  1. आर्थिक विकास का स्तर।
  2. नगरीकरण।
  3. जीवन-स्तर।
  4. महिलाओं की सामाजिक स्थिति।
  5. विभिन्न शैक्षिक सुविधाओं की उपलब्धता।
  6. सरकारी नीतियाँ आदि।

प्रश्न 27.
देश के उन दो राज्यों के नाम बताइए जिनकी साक्षरता दर राजस्थान से कम है? ।
उत्तर:
देश के निम्नलिखित दो राज्यों की साक्षरता दर राजस्थान की साक्षरता दर से कम है –

  1. अरुणाचल प्रदेश।
  2. बिहार।

प्रश्न 28.
राजस्थान में सर्वाधिक साक्षरता किस जिले में?
उत्तर:
राजस्थान में सर्वाधिक साक्षरता (76.60 प्रतिशत) कोटा जिले में है।

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प्रश्न 29.
वर्ष 2001 – 2011 के मध्य साक्षरता में सर्वाधिक वृद्धि किस जिले में हुई है?
उत्तर:
वर्ष 2001 से 2011 के मध्य साक्षरता में सर्वाधिक वृद्धि डूंगरपुर (10.90 प्रतिशत) जिले में हुई है।

प्रश्न 31.
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान की जनजातीय संख्या कितनी है?
उत्तर:
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान की जनजातीय संख्या 92.39 लाख है।

प्रश्न 32.
राजस्थान की सर्वाधिक जनजाति जनसंख्या किस जिले में है?
उत्तर:
राजस्थान की सर्वाधिक जनजाति जनसंख्या उदयपुर जिले (15.25 लाख) में है।

प्रश्न 33.
राजस्थान की प्रमुख जनजातियों के नाम बताइए।
उत्तर:
राजस्थान की प्रमुख जनजातियाँ मीणा, भील, गरासिया, सहरिया, डामोर, कथौड़ी, कंजर, सॉसी आदि हैं। छोटे समुदाय की जनजातियाँ धानका, कोकना, नायका तथा पटेलिया हैं।

प्रश्न 34.
मीणा जनजाति के निवास क्षेत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
मीणा जनजाति मुख्यत: जयपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, अलवर, टोंक, भरतपुर और उदयपुर जिलों में निवास करती है।

प्रश्न 35.
मीणाओं के कितने वर्ग पाये जाते हैं? उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
मीणाओं के निम्नलिखित दो वर्ग पाये जाते हैं –

  1. जमींदार मीणा।
  2. चौकीदार मीणा।

प्रश्न 36.
मीणा जनजाति के विभिन्न समूह कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
मीणा जनजाति के कई समूह हैं। जैसे –

  1. आदिया मीणा।
  2. रावत मीणा।
  3. चमरिया मीणा।
  4. चौथिया मीणा।
  5. भील मीणा।

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प्रश्न 37.
मीणा पुराण में मीणा जनजाति का क्या उल्लेख मिलता है?
उत्तर:
मुनि मगन सागर द्वारा रचित मीणा पुराण में मीणा जनजाति के 5200 गौत्र 32 तड़ों व 13 पालों का उल्लेख मिलता है।

प्रश्न 38.
प्राचीन काल में मीणा जनजाति में कौन सी दो विवाह पद्धतियाँ प्रचलित थी?
उत्तर:
प्राचीन काल में मीणा जनजाति में –

  1. ब्रह्म विवाह
  2. गन्धर्व विवाह की पद्धतयाँ प्रचालित थीं।

प्रश्न 39.
मीणा जनजाति में पंचायत के कौन से। स्तर मिलते हैं?
उत्तर:
मीणा जनजाति में पंचायत के निम्नलिखित चार स्तर होते हैं –

  1. ग्राम पंचायत
  2. गौत्र पंचायत
  3. क्षेत्रीय पंचायत
  4. चौरासी पंचायत।

सबसे बड़ी पंचायत चौरासी पंचायत होती है।

प्रश्न 40.
मीणाओं के मेले कहाँ-कहाँ लगते हैं ?
उत्तर:
मीणाओं के मेले महावीर जी, सवाईमाधोपुर के गणेशजी तथा सीकर में रेवासा की जीणमाता के मन्दिरों में लगते हैं।

प्रश्न 41.
भील जनजाति की भाषा क्या है?
उत्तर:
भील जनजाति की भाषा भीली व वागड़ी है।

प्रश्न 42.
भील शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई है?
उत्तर:
भील शब्द की उत्पत्ति ‘बीलु’ शब्द से हुई है। जिसका अर्थ होता है-तीर कमान रखने वाली जनजाति।।

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प्रश्न 43.
पलवी एवं वागड़ी भीलों में भेद कीजिए?
उत्तर:
ऊँची पहाड़ियों पर रहने वाले भीलों को पालवी तथा मैदानों में रहने वाले भीलों को वागड़ी कहते हैं।

प्रश्न 44.
अटक से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
भीलों के कई पितृवंशीय गौत्र होते हैं जिन्हें अटक कहा जाता है।

प्रश्न 45.
भीलों में प्रचलित विवाह प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भीलों में प्रचलित विवाह के प्रमुख प्रकार हैं – मोर बान्दिया विवाह, अपहरण विवाह, देवर विवाह, विनिमय विवाह, सेवा विवाह तथा क्रय विवाह आदि।

प्रश्न 46.
भील लोगों के प्रमुख गोत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भील लोगों के प्रमुख गोत्रों के नाम हैंकटारा, ताबियाड़, रोत, पारगी आदि।

प्रश्न 47.
गमेती, भोपा व भगत से क्या आशय है?
उत्तर:
भील जनजाति में गाँव के मुखिया को गोमती, झाड-फेंक करने वाले को भोपा व धार्मिक संस्कार सम्पन्न कराने वाले व्यक्ति को भगत कहते है।

प्रश्न 48.
भील लोगों के गाँवों को क्या कहते हैं?
उत्तर:
भील के छोटे गांवों को ‘फला’ तथा बड़े गांवों को ‘पाल’ कहते हैं।

प्रश्न 49.
भीलों के प्रमुख नृत्यों के नाम बताइये।
उत्तर:
गवरी और घूमर भीलों के प्रमुख नृत्य हैं। 1 श्रावण मास में पार्वती के पूजन का ‘गवरी’ पर्व इनका महत्वपूर्ण उत्सव है।

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प्रश्न 50.
भीलों के प्रमुख देवी-देवताओं के नाम बताइये।
उत्तर:
भील लोग हिन्दू देवी-देवताओं के अलावा स्थानीय लोक देवताओं-धराल, बीरसा मुण्डा, कालाजी, गोराजी, माताजी, गोविन्द गुरू, लसोड़िया महाराज आदि की पूजा करते हैं।

प्रश्न 51.
दजिया व चिमाता में क्या अन्तर है?
उत्तर:
भीलों द्वारा पहाड़ी ढालों पर की जाने वाली क्षेत्रों में खेती को ‘चिमाता तथा मैदानी भागों में की जाने वाली खेती को ‘दजिया’ कहते हैं।

प्रश्न 52.
गारसिया जनजाति कहाँ निवास करती है?
उत्तर:
गरसिया जनजाति सिरोही की आबूरोड़ एवं पिंडवाडा तहसील, पाली जिले की बाली व उदयपुर की गोगुन्दा व कोटड़ा तहसीलों में निवास करती है।

प्रश्न 53.
गरासिया जनजाति के घर और गांव क्या कहलाते हैं ?
उत्तर:
गरासिया जनजाति के घरों को ‘घेर’ तथा गाँवों को ‘फालिया’ कहते हैं।

प्रश्न 54.
गरासिया जनजातियों में प्रचलित विवाह के प्रकारों को बताइये।
उत्तर:
गरासिया जनजाति में तीन प्रकार के विवाहों का प्रचलन है –

  1. मोर बाधिया जिसमें फेरे होते हैं।
  2. पहरावना विवाह जिसमें नाममात्र के फेरे होते हैं।
  3. ताणना विवाह में वर पक्ष कन्या पक्ष को कन्या का मूल्य चुकाता है।

प्रश्न 55.
सामाजिक दृष्टि से गरासिया के तीन वर्ग कौन से हैं ?
उत्तर:
सामाजिक दृष्टि से गरासिया निम्न तीन वर्गों में बंटे हुए हैं –

  1. मोटी नियात।
  2. नेनकी नियात।
  3. निचली नियात।

प्रश्न 56.
गरासिया में जाति पंचायत की क्या स्थिति है?
उत्तर:
गरासियों में जाति पंचायत बहुत महत्वपूर्ण है। गाँव व भाखर स्तर पर जाति पंचायत होती है। इसमें शारीरिक व आर्थिक दोनों प्रकार के दण्ड दिये जाते हैं। पंचायत का मुखिया ‘सहलोत’ कहलाता है।

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प्रश्न 57.
गरासियों द्वारा की जाने वाली सामूहिक कृषि को क्या कहते हैं?
उत्तर:
गरासियों द्वारा की जाने वाली सामूहिक कृषि को ‘हरी भावरी’ कहते हैं।

प्रश्न 58.
सहरिया जनजाति की बस्तियों व गाँवों को क्या कहते हैं ?
उत्तर:
सहरिया जनजाति की छोटी बस्तियों को ‘सहराना’ तथा गाँवों को ‘सहरोल’ कहते हैं।

प्रश्न 59.
डामोर (डामरिया) समुदाय के पंचायत के मुखिया को क्या कहते हैं ?
उत्तर:
डामोर समुदाय के पंचायत के मुखिया को ‘मुखी’ कहते हैं।

प्रश्न 60.
राजस्थान की कथौड़ी जनजाति के प्रमुख निवास क्षेत्र क्या है?
उत्तर:
राजस्थान की कथौड़ी जनजाति उदयपुर की कोटड़ा, झाड़ोल व सराड़ा पंचायत समिति में निवास करती है।

प्रश्न 61.
कथौड़ी जनजाति का नाम कथौड़ी क्यों पड़ा है?
उत्तर:
खैर के वृक्ष से कत्था तैयार करने में दक्ष होने के कारण ये कथौड़ी कहलाते हैं।

प्रश्न 62.
कॅजर जनजाति किन-किन जिलों में निवास करती है?
उत्तर:
कॅजर जनजाति मुख्यत: कोटा, बूंदी, झाकवाड, चितौडगढ़, सवाईमाधोपुर, अलवर, भीलवाड़ा व अजमेर जिलों में मिलती है।

प्रश्नं 63.
सॉसी जनजाति का निवास-क्षेत्र कहाँ है?
उत्तर:
सॉसी जनजाति राजस्थान के भरतपुर और अजमेर जिलों में निवास करती है।

प्रश्न 64.
सॉसी जनजाति की दो विशेषताएँ बताइये।
उत्तर:
सॉसी जनजाति की दो विशेषताएँ निम्नलिखित है –

  1. ये लोग खानाबदोश जीवन जीते हैं।
  2. जंगली जानवरों के शिकार के साथ छोटे-छोटे हस्तशिल्प इनकी जीविका के आधार हैं।

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प्रश्न 65.
जनजातियों की आर्थिक दशा में सुधार न हो पाने के दो कारण बताइये।
उत्तर:
जनजातियों की आर्थिक दशा में सुधार नहीं हो पा रहा है। प्रमुख दो कारण निम्न हैं –

  1. नशे की बढ़ती प्रवृत्ति।
  2. जीवन-निर्वाह के साधन सीमित हो जाने के कारण इनमें बढ़ती लूटपाट व चोरी तथा अपराध की प्रवृत्ति।

प्रश्न 66.
जनजातियों पर आधुनिकता का क्या सकारामक प्रभाव पड़ा है? दो प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
जनजातियों पर आधुनिकता के निम्नलिखित दो सकारात्मक प्रभाव महत्त्वपूर्ण हैं –

  1. शहरी सम्पर्क के कारण इनके खान-पान, पहनावे तथा आवास में बदलाव आया है।
  2. शिक्षा के प्रसार से जागरूकता बढ़ी है। ये लोग सरकारी सेवाओं में भी आने लगे हैं।

प्रश्न 67.
जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख तीन कारक कौन-से हैं?
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख तीन कारक हैं – जन्म, मृत्यु तथा प्रवास।

RBSE Class 12 Geography Chapter 25 लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA-I)

प्रश्न 1.
भूगोल में जनसंख्या अध्ययन के कोई तीन महत्त्वपूर्ण कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भूगोल में जनसंख्या का अध्ययन महत्त्वपूर्ण है। इसके प्रमुख तीन कारण निम्नलिखित हैं –

  1. मानव ही धरातल के संसाधनों का उत्पादक और उपभोक्ता है अतएव वह सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के अध्ययन का केन्द्र है।
  2. जनसंख्या अध्ययन द्वारा राज्य में उत्पादन के लिए कुल मानव शक्ति तथा उनके लिए आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं का अनुमान लगाया जा सकता है।
  3. जनांकिकीय विशेषताओं जैसे-साक्षरता, लिंगानुपात आदि के आधार पर जनसंख्या के गुणात्मक स्तर का ज्ञान होता है।

प्रश्न 2.
भारतीय जनगणना के विषय में प्रमुख तीन बातें बताइए।
उत्तर:
भारतीय जनगणना की प्रमुख तीन बातें निम्नलिखित हैं –

  1. भारतीय जनगणना प्रत्येक दस वर्ष के अन्तराल पर की जाती है।
  2. भारत में जनगणना संघ सूची का विषय है।
  3. जनगणना द्वारा प्राप्त सूचनाओं का संग्रहण, संकलन तथा प्रकाशन जनसंख्या निदेशालय द्वारा किया जाता है।

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प्रश्न 3.
जनसंख्या वितरण व घनत्व का अध्ययने क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर:
जनसंख्या वितरण विभिन्न क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों की संख्या को प्रदर्शित करता है जबकि जनसंख्या घनत्व मानव व क्षेत्रफल के आनुपातिक सम्बन्ध को दिखाता है। जनसंख्या वितरण व घनत्व का अध्ययन इसलिए महत्त्वपूर्ण है। क्योंकि इनके प्रतिरूपों का अध्ययन व विश्लेषण किसी क्षेत्र की जनांकिकीय विशेषताओं के अध्ययन का आधार होता है।

प्रश्न 4.
जनसंख्या वृद्धि में जन्म, मृत्यु तथा प्रवास के कारकों का विश्लेषण कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि = कुल जन्म – (कुल मृत्यु + प्रवास)

इन तीनों कारकों के समीकरण से जनसंख्या में परिवर्तन होता है। पहले दो कारक जैविक कारक हैं। जन्म व मृत्यु की संख्या में अन्तर से जनसंख्या बढ़ने को प्राकृतिक वृद्धि तथा जनसंख्या घटने को प्राकृतिक कमी कहते हैं। प्रवासी आगमन तथा निर्गमन के अन्तर को जब प्राकृतिक वृद्धि/कमी में जोड़ते हैं, तब जनसंख्या वृद्धि का संही आकलन होता है।

प्रश्न 5.
राजस्थान में जनसंख्या की देशकीय वृद्धि की प्रवृत्ति कों स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
राजस्थान में वर्ष 2001-2011 के मध्य हुई जनसंख्या वृद्धि के आधार पर राजस्थान राज्य के जिलों को तीन भागों में बाँटा गया है –

  1. 26 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर वाले जिले – बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, बाँसवाड़ा, जयपुर एवं जालौर।
  2. 16 प्रतिशत से कम वृद्धि दर वाले जिले – श्रीगंगानगर, झुंझुनूं, पाली एवं बूंदी।
  3. 16 से 26 प्रतिशत वृद्धि दर वाले जिले – उपर्युक्त के अतिरिक्त अन्य सभी जिले।

इस प्रकार स्पष्ट है कि वर्ष 2001-2011 के मध्य जनसंख्या की दशकीय वृद्धि दर में 7 प्रतिशत की कमी आई है। स्पष्टतया 21वीं सदी में जनसंख्या वृद्धि दर में कमी आयेगी, ऐसी सम्भावना है। इससे राज्य का आर्थिक विकास होगा।

प्रश्न 6.
राजस्थान में जनसंख्या घनत्व की प्रमुख प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
राजस्थान में जनसंख्या घनत्व के आंकड़ों को देखने से निम्नलिखित प्रवृत्तियाँ स्पष्ट होती हैं –

  1. जयपुर जिले में राजस्थान का सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व (595 व्यक्ति/वर्ग किमी) जयपुर में मिलती है।
  2. सबसे कम जनसंख्या घनत्व (17 व्यक्ति/वर्ग किमी) जैसलमेर में मिलता है।
  3. राज्य के 18 जिलों का जनसंख्या घनत्व राज्य के औसत घनत्व से अधिक है।
  4. राजस्थान के पूर्वी जिलों में जनसंख्या घनत्व अधिक तथा पश्चिमी मरुस्थलीय जिलों में जनसंख्या घनत्व कम मिलता है।

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प्रश्न 7.
राजस्थान राज्य में साक्षरता सम्बन्धी प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
राजस्थान राज्य की साक्षरता के सम्बन्ध में अग्रलिखित बातें महत्वपूर्ण हैं –

  1. राजस्थान का कोटा जिला सर्वाधिक साक्षर (76.60 प्रतिशत) है।
  2. जालौर जिले की साक्षरता (54.90 प्रतिशत) सबसे कम है।
  3. सन् 1991 में साक्षरता 38.55 प्रतिशत थी जो 2011 में 67.06 प्रतिशत हो गई।
  4. स्वतन्त्रता के बाद 1951 से 2011 के मध्य साक्षरता वृद्धि 59.04 प्रतिशत हो गई।
  5. 2001 से 2011 के मध्य सर्वाधिक साक्षरता वृद्धि डूंगरपुर जिले में (10.90 प्रतिशत) हुई है।

प्रश्न 8.
जनजातियों की कोई चार विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
जनजातियों को वनवासी या गिरिजन के नाम से भी जाना जाता है। इनकी प्रमुख तीन विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

  1. प्रत्येक जनजाति की अपनी विशिष्ट पहचान, सामाजिक व्यवस्था व संस्कृति होती है।
  2. जनजातियाँ मुख्यत: पहाड़ों, पठारों व जंगली वन क्षेत्रों में निवास करती हैं।
  3. वनवासियों की जीविका का प्रमुख आधार आखेट, आदिम प्रकार की कृषि व पशुपालन होता है।
  4. इनकी जीवन शैली कृत्रिमता से दूर प्रकृति के निकट होती है।

प्रश्न 9.
राजस्थान की प्रमुख जनजातियों के क्षेत्रों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
राजस्थान में मीणा, भील, गरासिया व सहरिया, डामोर, कथौड़ी, कंजर, सॉसी के अलावा धानका, कोकना, नायका तथा पटेलिया आदि जनजातियाँ मिलती हैं। प्रमुख जनजाति एवं उनके क्षेत्र निम्नलिखित हैं –

  1. मीणा – राजस्थान राज्य को पूर्वी मैदानी व पठारी क्षेत्र।
  2. भील – दक्षिणी अरावली क्षेत्र।
  3. गरासिया – सिरोही, पाली व उदयपुर जिले।
  4. सहरिया – बाँरा जिले की शाहबाद व किशनगंज तहसील।
  5. डामोर – बाँसवाड़ा व डूंगरपुर जिले।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ

प्रश्न 10.
मीणा जनजाति की कोई चार सामाजिक विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
मीणा जनजाति की प्रमुख चार सामाजिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

  1. वर्तमान समय में इनमें विवाह अन्य समाजों की भाँति रीति-रिवाज के अनुसार सम्पन्न होते हैं।
  2. पुत्रियों का विवाह कम उम्र में होता है, किन्तु गौना विवाह योग्य उम्र में ही करते हैं।
  3. परिवार, पितृसत्तात्मक होते हैं तथा संयुक्त परिवार प्रथा प्रचलित है।
  4. नि:संतान दम्पत्ति को गोद लेने का अधिकार है।

प्रश्न 11.
भीलों की धार्मिक आस्था को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भील समुदाय का प्रसिद्ध बेणेश्वर धाम मेला प्रतिवर्ष माघ शुक्ल पूर्णिमा के दिन माही, सोम व जाखम नदियों के संगम पर. लगता है। ये लोग पवित्र स्नान, शिव पूजा व पुण्य कमाने के लिए यहाँ एकत्रिक होते हैं। श्रावण मास में ये लोग पार्वती पूजन का गवरी पर्व मनाते हैं।

प्रश्न 12.
गरासिया जनजाति के प्रमुख मेले एवं उनके महत्व को बताइए।
उत्तर:
गरासिया जनजाति के प्रति वर्ष कई स्थानीय, संभागीय व बड़े मेले लगते हैं। बड़े मेले को ‘मनखारो मेलों के नाम से जाना जाता है। इनके तीन मेले प्रमुख हैं –

  1. अम्बाजी के पास कोटेश्वर का मेला।
  2. देवला के पास कोटड़ा-कोसीना रोड पर चेतरे-विचितर मेला।
  3. वैशाख कृष्ण पंचमी को गोगुन्दा का गणगौर मेला। गरासिया युवक मेलों में अपने जीवनसाथी का चयन भी करते हैं।

प्रश्न 13.
कंजर जनजाति की कोई चार विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
कंजर जनजाति राजस्थान की एक जनजाति है। इनकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

  1. कंजर शब्द की उत्पत्ति काननचार से हुई है, जिसका अर्थ होता है–जंगल में विचरण करने वाला।
  2. कंजर चोरी तथा अपराध के लिए कुख्यात है, किन्तु ‘हाकम राजा का प्याला’ पीकर ये कभी झूठ नहीं बोलते हैं।
  3. इनके घरों में भागने के लिए पीछे की तरफ खिड़की होती है, परन्तु दरवाजे नहीं होते।
  4. इनकी कुल देवी चौथमाता है। कंजर महिलाएँ नाचने-गाने में प्रवीण होती हैं।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ

RBSE Class 12 Geography Chapter 25 लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA-II)

प्रश्न 1.
राजस्थान में लिंगानुपात कम होने के उत्तरदायी कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राजस्थान में लिंगानुपात कम होने के प्रमुख उत्तरदायी कारक निम्नलिखित हैं –

  1. पितृसत्तात्मक पारिवारिक व्यवस्था के कारण पुत्रों को प्राथमिकता दी जाती है। परिणामस्वरूप लड़कियों को खान-पान, स्वास्थ्य व शिक्षा की कम सुविधाएँ मिल पाती हैं।
  2. बाल विवाह के कारण लड़कियों को छोटी आयु में मातृत्व बोझ उठाना पड़ जाता है, जिससे प्रसूति काल में उनकी मृत्यु की सम्भावना बढ़ जाती है।
  3. वंश चलाने के अहम् के कारण लड़कों को वरीयता दी जाती है।
  4. दहेज हत्या घटते लिंगानुपात का एक प्रमुख कारण है।
  5. लिंग परीक्षण कराकर कन्या भ्रूण हत्या घटते लिंगानुपात का प्रमुख कारण बन गई है।

प्रश्न 2.
जनजातियों पर आधुनिकता के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जनजातियों पर आधुनिकता के प्रभावों का उल्लेख निम्नलिखित प्रकार से किया गया है –

  1. वनों की अन्धाधुंध कटाई वे सरकार द्वारा शेष वनों को संरक्षित कर देने से वन क्षेत्रों में कमी आ गई है, जिसका इनके जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
  2. वनोपजों तथा वन्य जीवों की कमी एवं भूक्षरण के कारण उर्वरकता में कमी से इनकी अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई है। जीवन निर्वाह साधनों की कमी के कारण ये कहीं-कहीं लूटपाट वे अपराध भी करने लगे हैं।
  3. सीमित कृषि भूमि, बढ़ती जनसंख्या व स्थानीय संसाधनों की सीमितता के कारण ये शहरों व कस्बों में मजदूरी को जाते हैं, जहाँ इनका शोषण होता है।
  4. शहरी सम्पर्क के कारण इनके खान-पान, रहन-सहन व पहनावे में अन्तर आया है।
  5. नशे की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण इनकी आर्थिक दशा ठीक नहीं हो पा रही है।
  6. वर्तमान काल में शिक्षा के प्रसार के कारण इनमें जागरूकता बढ़ी है। ये लोग धीरे-धीरे सरकारी सेवाओं में भी आने लगे हैं।

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RBSE Class 12 Geography Chapter 25 निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
राजस्थान में जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्ति की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
किसी क्षेत्र विशेष में निवास करने वाली जनसंख्या में एक निश्चित अवधि में होने वाली वृद्धि को जनसंख्या वृद्धि कहते हैं। किसी क्षेत्र की जनसंख्या वृद्धि निम्नलिखित कारकों का परिणाम होती है –

  1. मानव जीवन के उपयुक्त भौगोलिक दशाओं की उपलब्धता।
  2. खाद्य पदार्थों की निरन्तर आपूर्ति।
  3. प्राकृतिक आपदाओं की कम से कम आवृत्ति आदि। उपर्युक्त दशाएँ किसी क्षेत्र में यदि होती हैं तो निश्चित रूप से उस क्षेत्र में जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ती है।

इसके अलावा व्यापक स्तर पर जनसंख्या वृद्धि जन्म-दर, मृत्यु-दर तथा प्रवास का परिणाम होती है। जन्म-दर एवं मृत्यु-दर की समस्थिति जनसंख्या को स्थिर रखती है। यदि जन्म-दर बढ़ रही है और मृत्यु दर में कमी आ गई है, तो जनसंख्या बढ़ती है। प्रवास की स्थितियाँ जनसंख्या को घटाती अथवा बढ़ाती हैं। राजस्थान में विभिन्न दशकों में जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्ति निम्नलिखित प्रकार रही है –
राजस्थान-जनसंख्या वृद्धि:
RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ img-6
उपर्युक्त ऑकड़ों के आधार पर यह स्पष्ट होता है कि 20वीं सदी में 1911-21 के दशक में राज्य की जनसंख्या में कमी आई थी। इस कमी का प्रमुख कारण उक्त दशक में पड़े भीषण अकाल तथा महामारियों का प्रकोप था। 1991 के पश्चात् जो जनसंख्या की वृद्धि दर में कमी आई है। उसका प्रमुख कारण परिवार कल्याण कार्यक्रमों की सफलता है। (जो राज्य के आर्थिक विकास का सूचक है)। राजस्थान में जनसंख्या वृद्धि के कालों को निम्नलिखित तीन भागों में बाँटा गया है –

1. धीमी जनसंख्या वृद्धि काल ( 1901-1941 ):
इस अवधि में अकाल, महामारी तथा स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के कारण जनसंख्या में धीमी गति से वृद्धि हुई है।
RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ img-7
2. मध्यम जनसंख्या वृद्धि काल (1941-1971):
इस काल में जन्म दर की तुलना में मृत्यु-दर ज्यादा घटी है। प्रमुख कारण सिंचित क्षेत्र का विकास, योजनाबद्ध आर्थिक विकास स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आदि से मध्यम गति से जनसंख्या बढ़ी है।

3. तीव्र जनसंख्या वृद्धि काल (1971 के बाद):
इस अवधि में मृत्यु-दर में कमी तथा जन्म की स्थिरता से जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ी है। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार तथा आर्थिक विकास के कारण मृत्यु-दर कम हुई किन्तु बाल विवाह, पिछड़ापन, तथा अन्धविश्वासों के कारण जन्म-दर कम घटी। 2013 में जन्मदर 25.6 प्रति हजार थी वहीं मृत्यु-दर घटकर मात्र 6.5 प्रति हजार रह गई।

इन कारणों से इस अवधि में जनसंख्या तेजी से बढ़ी है। राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, बांसवाड़ा ,जयपुर तथा जालौर जिलों में 26 प्रतिशत से अधिक वृद्धिदर से जनसंख्या बढ़ी है। गंगानगर, झुंझुनूं, पाली तथा बूंदी जिलों में 16 प्रतिशत से कम वृद्धि दर से तथा शेष जिलों में जनसंख्या वृद्धिदर 16 से 26 प्रतिशत रही है।

आंकिक प्रश्न

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ

प्रश्न 1.
राजस्थान के मानचित्र में जनसंख्या घनत्व को प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ img-8
प्रश्न 2.
राजस्थान के मानचित्र में लिंगानुपात को प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ img-9

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ

प्रश्न 3.
राजस्थान के मानचित्र में जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों को प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 25 राजस्थान: जनसंख्या व जनजातियाँ img-10

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