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RBSE Class 12 Hindi समाचार लेखन

May 4, 2019 by Fazal Leave a Comment

RBSE Solutions for Class 12 Hindi संवाद सेतु समाचार लेखन is part of RBSE Solutions for Class 12 Hindi. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 12 Hindi संवाद सेतु समाचार लेखन.

Rajasthan Board RBSE Class 12 Hindi समाचार लेखन

RBSE Class 12 Hindi समाचार लेखन पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
समाचार लेखन के लिए छः ककार क्या हैं और ये क्यों आवश्यक हैं?
उत्तर:
समाचार लेखन के लिए छ: सूचनाओं का प्रयोग किया जाता है। ये छ: सूचनाएँ-क्या हुआ, कब हुआ, किसके (कौन) साथ हुआ, कहाँ हुआ, क्यों और कैसे हुआ प्रश्नों के उत्तर में प्राप्त होती हैं। यही छ: ककार कहलाती हैं। इनमें से प्रथम चार ककार (क्या, कब, कौन, कहाँ) सूचनात्मक व अन्तिम दो ककारे (क्यों, कैसे) विवरणात्मक होते हैं। समाचार को प्रभावी एवं पूर्ण बनाने के लिए ही इन छ: ककारों का प्रयोग किया जाता है। प्रथम चार ककार समाचार का इण्ट्रो (मुखड़ा) व अन्तिम दो ककार बॉडी व समापन को निर्माण करते हैं।

प्रश्न 2.
इंट्रो लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:
इंट्रो समाचार का प्रारम्भिक एवं महत्त्वपूर्ण भाग होता है, जिसमें समाचार का समस्त सूचनात्मक भाग निहित होता है। इंट्रो के बाद का भाग तो मात्र विस्तार के लिए ही होता है। अत: इण्ट्रो प्रभावोत्पादक होना चाहिए व क्या, कब, कौन, कहाँ के समस्त तथ्यों का समावेश इसमें होना चाहिए। भाषा सहज परन्तु प्रभावशाली होनी चाहिए।

प्रश्न 3.
अखबार और टी.वी. के समाचार लेखन में क्या अन्तर है?
उत्तर:
अखबार एक पठन माध्यम है और टी.वी. दृश्य-श्रव्य माध्यम। अखबार का सम्बन्ध मुख्य रूप से साक्षर वर्ग से होता है, जबकि टी.वी. का सम्बन्ध साक्षर व निरक्षर दोनों वर्गों से। दोनों माध्यमों की प्रकृति में अन्तर होने के कारण दोनों के लिए समाचार लेखन में अन्तर होता है। अखबार की भाषा बहुसंख्यक लोगों द्वारा समझी जाने वाली होनी चाहिए। समाचार का आकार उपलब्ध स्पेस के अनुसार होना चाहिए। आलेख में कोई गलती या अशुद्धि नहीं होनी चाहिए।

टी.वी. के लिए समाचार लेखन की बुनियादी शर्त दृश्य के साथ लेखन है। दृश्य अर्थात् बिजुअल्स के अनुसार ही समाचार लिखा जाता है। टी.वी. पर समाचार के कुछ चरण होते हैं, जैसे-ब्रेकिंग न्यूज, ड्राइ एंकर, फोन इन, एंकर विजुअल्स, एंकर बाइट, लाइव व एंकर पैकेज। इन सभी रूपों को ध्यान में रखते हुए अपेक्षानुसार समाचार लिखा जाता है।

प्रश्न 4.
फिल्म में पटकथा क्या होती है?
उत्तर:
पटकथा शब्द का निर्माण दो शब्दों ‘पट’ व ‘कथा’ से हुआ है। ‘पट’ का अर्थ है-पर्दा व ‘कथा’ का अर्थ है-कहानी। अत: पटकथा का अर्थ हुआ पर्दे पर दिखाई जाने वाली कहानी। कहानी, जिसे आधार बनाकर फिल्म के प्रत्येक दृश्य का निर्माण होता है। संवाद तैयार किए जाते हैं और अन्तिम रूप से फिल्म का निर्माण किया जाता है, को ही पटकथा कहा जाता है।

प्रश्न 5.
नव माध्यमों के लिए कौन लिख सकता है? क्या इसके लिए कोई औपचारिक शिक्षा की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
कोई भी व्यक्ति जो लेखन में रुचि रखता है व नव-तकनीक से परिचित है, नव माध्यमों के लिए लिख सकता है। नव माध्यम मुख्यत: इंटरनेट से सम्बद्ध है। अत: इण्टरनेट को ही मुख्य नव माध्यम माना जाता है। इस माध्यम के लिए लेखन हेतु लेखक की भाषा पर पकड़, लगातार अद्यतन रहने की प्रवृत्ति, समय पर काम करने की प्रवृत्ति व कम्प्यूटर पर कार्य करने की क्षमता होनी चाहिए। वैसे तो नव माध्यमों के लिए कोई भी लिख सकता है लेकिन सैद्धान्तिक ज्ञान के साथ प्रभावी लेखन के लिए औपचारिक शिक्षा की आवश्यकता होती है।

RBSE Class 12 Hindi समाचार लेखन अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
उल्टा पिरामिड शैली क्या है?
उत्तर:
उल्टा पिरामिड शैली समाचार लेखन की सर्व प्रचलित शैली है, जो कथात्मक शैली के विपरीत क्रम की शैली है। इस शैली में सबसे महत्त्वपूर्ण सूचना पहले व कम महत्त्वपूर्ण सूचनाएँ बाद में प्रस्तुत की जाती हैं। कथात्मक शैली में महत्त्वपूर्ण तथ्य (क्लाइमेक्स) मध्य या अन्त से पूर्व रखे जाते हैं जबकि उल्टा पिरामड शैली में प्रारम्भ ही चरमोत्कर्ष होता है। इस शैली में लिखित समाचार के तीन भाग होते हैं-इण्ट्रो (मुखड़ा), बॉडी व समापन।

प्रश्न 2.
इण्ट्रो, बॉडी व समापन क्या हैं?
उत्तर:
उल्टा पिरामिड शैली में लिखित समाचार के तीन भाग होते हैं-इण्ट्रो, बॉडी व समापन।

इण्ट्रो समाचार का प्रारम्भिक भाग होता है जो चार-पाँच पंक्तियों का होता है। यह भाग सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण एवं सूचनात्मक होता है, जिसमें क्या, कहाँ, कब, कौन सी सूचनाएँ निहित रहती हैं। इण्ट्रो के तुरन्त बाद का भाग बॉडी कहलाता है, जो विवरणात्मक होता है। इस भाग में क्यों व कैसे से सम्बन्धित सूचनाएँ रहती हैं। समापन भाग में उद्धरण व स्रोत की सूचना होती है।

प्रश्न 3.
स्टोरी क्या है?
उत्तर:
मीडिया की भाषा में खबर को ‘स्टोरी’ कहा जाता है। ‘स्टोरी’ से तात्पर्य कोई साहित्यिक कहानी से नहीं होता बल्कि बड़ी या विस्तारपूर्वक लिखी जाने वाली खबरें ही ‘स्टोरी’ कहलाती हैं। साप्ताहिक समाचार पत्रों तथा पत्रिकाओं में समाचार कथा शब्द का प्रयोग किया जाता है समाचार-पत्र के प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित होने वाली विस्तृत खबर कवर स्टोरी कहलाती है। मीडिया कार्यालयों में रोजाना होने वाली न्यूज बैठकों में संपादक रिपोर्टर्स की जब रोज की रिपोर्टिंग का काम देते हैं तो यही कहते हैं कि रिपार्टर्स अपनी स्टोरीज परिश्रम से ही लिखें।

प्रश्न 4.
हार्ड न्यूज व सॉफ्ट न्यूज से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
समाचार-पत्रों में विविध प्रकार की खबरें प्रकाशित होती हैं। सामान्यत: दुर्घटना, अपराध, आदि से सम्बन्धित खबरें, रोजमर्रा के घटनाक्रम, दुर्घटनाओं और अपराध से सम्बन्धित खबरें हार्ड न्यूज कहलाती हैं तथा मानवीय रुचि व मानवीय संवेदनाओं से जुड़ी खबरें सॉफ्ट न्यूज कहलाती हैं।

प्रश्न 5.
रेडियो के लिए समाचार लेखन में किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
उत्तर:
रेडियो एक श्रव्य माध्यम है जिसकी पहुँच दूर-दराज में रहने वाले आम जन तक है। मुद्रित माध्यम जहाँ केवल साक्षर वर्ग के लिए उपयोगी होता है वहीं रेडियो इस सीमा को तोड़ता हुआ साक्षर व निरक्षर दोनों वर्गों के लिए उपयोगी होता है। रेडियो के लिए लेखन करते समय श्रोता वर्ग को ध्यान में रखते हुए सहज, सरल और प्रवाहमान भाषा का प्रयोग करना चाहिए। समाचारवाचक को कोई परेशानी न हो इसके लिए समाचार की साफ-सुथरी टाइप्ड कॉपी तैयार करनी चाहिए। बड़ी संख्याओं को शब्दों में लिखा जाना चाहिए। अत्यावश्यक आँकड़ों का ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

प्रश्न 6.
टी वी समाचार के लिए क्या आवश्यक है? इसमें किन विशेष विषयों पर विशेष वुलेटिन तैयार किए जाते हैं?
उत्तर:
टीवी समाचार तथ्यों पर आधारित होने चाहिए। इनमें स्पष्टता होना अत्यंत आवश्यक है। उसके अभाव में दर्शक भ्रमित हो जायेंगे। टी वी समाचार संक्षिप्त भी होने चाहिए तथा इसमें भाषा का प्रवाह तथा ऑडियो विजुअल में साम्य भी होना चाहिए। टी वी में विशेष विषयों पर केन्द्रित विशेष बुलेटिन भी तैयार किए जाते हैं जैसे क्राइम से जुड़ी खबरों के लिए क्राइम बुलेटिन, खेल की खबरों के लिए स्पोर्ट्स बुलेटिन तथा चुनाव का खबरों को दर्शाने के लिए चुनाव बुलेटिन।

प्रश्न 7.
वर्तमान युग में इंटरनेट की उपयोगिता पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
वर्तमान युग में इंटरनेट के महत्व से कौन अपरिचित है। आज यह लेखन अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त तथा सर्वव्यापी माध्यम बन चुका है। आज के 10 साल पूर्व जो भी रचनात्मक लेखन होता उसके प्रकाशन के लिए समाचार पत्र या पत्रिकाओं पर ही निर्भर रहना पड़ता था। पर आज इंटरनेट ने चमत्कारी रूप से इस समस्या का निराकरण कर दिया है। यदि कोई व्यक्ति कविता, कहानी, लेख या फीचर लिखने में सक्षम है तो इसे टाइप कर इंटरनेट के माध्यम से अपने ब्लाग पर या सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अपने अकाउंट पर पोस्ट कर सकता है। पलक झपकते ही इस सामग्री को संसार के किसी भी कोने में बैठा व्यक्ति पढ़ सकता है। आज के युग में इंटरनेट सबसे सस्ती और विश्वव्यापी संचार प्रणाली बन गया है। अब तो 4 जी कनेक्टिविटी ने इसकी गति को दस गुना अधिक कर दिया है।

प्रश्न 8.
इंटरनेट पर आजकल विभिन्न वेब साइट्स हैं’- इस कथन को समझाइये।
उत्तर:
आजकल इंटरनेट पर बहुत सारी वेब साइट्स हैं जिनमें हिन्दी, अंग्रेजी व अन्य भाषाओं की विभिन्न विषयों पर वेबसाइट्स मिल जाती हैं। ये सभी वेबसाइट्स अलग-अलग विषयों पर बनी हैं। इनमें से कुछ तो साहित्यिक हैं तथा कुछ संबंधित संस्कृति (culture) के बारे में हैं। ये वेबसाइट्स अपने को लगातार अपडेट करती रहती हैं। इसके लिए उन्हें अच्छे कंटेंट की हमेशा आवश्यकता पड़ती है। ये वेबसाइट्स अच्छे कंटेंट को ही नहीं वरन् नये विचारों को भी काम में लेती हैं। आज के समय में इंटरनेट पर कुछ नया करके ही लोग अपनी आमदनी में वृद्धि कर सकते हैं।

प्रश्न 9.
इण्टरनेट पत्रकारिता के विकास पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
संचार के अत्याधुनिक माध्यम के रूप में इण्टरनेट की उपयोगिता आज सर्वविदित है। इण्टरनेट पत्रकारिता को ऑनलाइन पत्रकारिता, साइबर पत्रकारिता, वेब पत्रकारिता आदि नामों से जाना जाता है। भारत में इंटरनेट पत्रिका का प्रारंभ 1993 से माना जाता है। ‘रीडिफ डॉट कॉम’ भारत की पहली साइट मानी जाती है परन्तु-विशुद्ध वेब पत्रकारिता का प्रारम्भ ‘तहलका डॉट कॉम’ ने किया। वर्तमान समय में इण्टरनेट की गति के विकास के साथ साइबर पत्रकारिता का भी तीव्र गति से विकास हो रहा है। आज के दौर में लगभग सभी समाचार पत्रे, पत्रिकाएँ अपने ई-संस्करण प्रकाशित करते हैं। ई-संस्करण के जरिए पाठक विश्व के किसी भी कोने से सम्बन्धित समाचारों को पढ़ सकता है। वेब-पत्रकारिता के प्रारम्भिक दौर में मानक की-बोर्ड व फांट की समस्या रही, परन्तु वर्तमान में मंगल यूनिकोड फांट के विकास के कारण यह समस्या नहीं रही। विविध विषयों पर लेख आज इन्टरनेट पत्रकारिता का अंग बन चुके हैं। समाचारों के साथ-साथ साहित्यिक लेखन भी किया जा रहा है।

तकनीक के आधुनिक युग में वैश्विक स्तर की पहुँच के कारण साइबर-पत्रकारिता के विकास की असीमित संभावनाएँ हैं।

प्रश्न 10.
संचार माध्यमों के विभिन्न रूपों का नामोल्लेख करते हुए मुद्रित माध्यम पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
संचार माध्यमों को मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है-

  1. मुद्रित माध्यम
  2. इलेक्ट्रॉनिक माध्यम
  3. नव माध्यमे।

मुद्रित माध्यम के अन्तर्गत समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ आदि आते हैं। मुद्रित माध्यम मुख्य तौर पर साक्षर वर्ग के लिए उपयोगी है। दैनिक समाचार-पत्र के रूप में इस माध्यम ने लगभग प्रत्येक घर तक अपनी पहुँच बनाई है। देश-विदेश में घटने वाली घटनाओं के साथ-साथ खेल जगत व सिनेमा जगत की सूचनाएँ भी इस माध्यम से प्राप्त की जाती हैं। वर्तमान में पूरक-पत्र के रूप में स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारियाँ व अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य भी साप्ताहिक रूप से समाचार-पत्रों के साथ प्रसारित किए जाते हैं।

प्रश्न 11.
समाचार माध्यम के इलेक्ट्रॉनिक माध्यम व नवे माध्यम पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
रेडियो व टेलीविजन मुख्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम हैं। व्यापकता एवं पहुँच की दृष्टि से रेडियो सबसे अधिक लोकप्रिय माध् यम है। इसकी पहुँच साक्षर वर्ग के साथ-साथ निरक्षर वर्ग तक भी है। जहाँ समाचार-पत्र की पहुँच नहीं है, उस दूर-दराज क्षेत्र में भी रेडियो सन्देशों को जन-जन तक पहुँचाता है। रेडियो एक श्रव्य माध्यम है तो टेलीविजन दृश्य-श्रव्य माध्यम। आज प्रत्येक व्यक्ति की पहुँच संचार के इस साधन तक हो चुकी है। सन्देशों, समाचारों एवं मनोरंजक कार्यक्रमों को टेलीविजन के माध्यम से देखा व सुनी जा सकता है।

विकास के क्रम में अत्याधुनिक नव माध्यम के रूप में इण्टरनेट ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है। इण्टरनेट एक अन्त:क्रियात्मक माध्यम है। इस माध्यम के द्वारा शिक्षित वर्ग समस्त संसार की घटनाओं से अद्यतन रूप से जुड़ा रहता है। स्थान व समय की भौतिक सीमाओं को इण्टरनेट ने प्रायः समाप्त कर दिया है।

We hope the RBSE Solutions for Class 12 Hindi संवाद सेतु समाचार लेखन will help you. If you have any query regarding Rajasthan Board RBSE Class 12 Hindi संवाद सेतु समाचार लेखन, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

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