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Rajasthan Board RBSE Class 12 Political Science Chapter 6 राजनीतिक संस्कृति
RBSE Class 12 Political Science Chapter 6 पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
RBSE Class 12 Political Science Chapter 6 बहुंचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत और पाकिस्तान की राजनीतिक व्यवस्थाओं में अन्तर का मुख्य कारण है
(अ) भौगोलिक स्थिति
(ब) राजनीतिक संस्कृति
(स) राजनीतिक विकास
(द) राजनीतिक आधुनिकीकरण
प्रश्न 2.
एलन बॉल की राजनीतिक संस्कृति पर आधारित पुस्तक का नाम है
(अ) आधुनिक राजनीति और सरकार
(ब) भारतीय राजनीति और सरकार
(स) विश्व राजनीति की एक झलक
(द) हिन्द स्वराज
प्रश्न 3.
इनमें से कौन राजनीतिक संस्कृति का निर्धारक तत्व नहीं है
(अ) इतिहास
(ब) सामाजिक आर्थिक परिवेश
(स) भौगोलिक परिस्थितियाँ
(द) लोगों की वेशभूषा
उत्तर:
1. (ब), 2. (अ), 3. (द)
RBSE Class 12 Political Science Chapter 6 अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राजनीतिक संस्कृति के दो प्रकार कौन से हैं?
उत्तर:
राजनीतिक संस्कृति के दो प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं
- अभिजन संस्कृति तथा
- जनसाधारण की संस्कृति।
प्रश्न 2.
राजनीतिक संस्कृति के मुख्य विचारक कौन – कौन से हैं?
उत्तर:
राजनीतिक संस्कृति के मुख्य विचारक – सिडनी बर्बा, आमण्ड एवं पावेल, एलेन बॉल, लूसियन पाई आदि हैं।
प्रश्न 3.
आमण्ड एवं पावेल की राजनीतिक संस्कृति की पारिभाषा लिखिए।
उत्तर:
आमण्ड और पावेल के अनुसार – “राजनीतिक संस्कृति किसी राजनीतिक व्यवस्था के सदस्यों की राजनीति के प्रति व्यक्तिगत अभिवृत्तियों और उन्मुखताओं की शैली है।”
RBSE Class 12 Political Science Chapter 6 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राजनीतिक संस्कृति क्या है?
उत्तर:
राजनीतिक संस्कृति से आशय – राजनीतिक संस्कृति एक समाजशास्त्रीय अवधारणा है। राजनीतिक संस्कृति का निर्माण किसी भी राजनीतिक व्यवस्था के सदस्यों की उस राजनीतिक व्यवस्था के प्रति अभिवृत्तियों, विश्वासों, प्रतिक्रियाओं और अपेक्षाओं तथा सम्पूर्ण राजनीतिक व्यवहार से होता है। राजनीतिक संस्कृति उस व्यापक सामान्य संस्कृति का भाग है जिसमें समाज के सदस्य अपने मूल्यों, भावनात्मक मनोवृत्तियों, विश्वासों और भावनाओं को संचारित करते हैं।
राजनीतिक संस्कृति सामान्य संस्कृति के राजनीतिक शासकीय दृष्टिकोण से सम्बन्धित है। सिडनी बर्बा के अनुसार, राजनीतिक संस्कृति में आनुभविक विश्वासों, अभिव्यात्मक प्रतीकों और मूल्यों की वह व्यवस्था निहित है जो उस परिस्थिति अथवा दशा को परिभाषित करती है जिसमें राजनीतिक क्रिया सम्पन्न होती है।” एलन बॉल के अनुसार, “राजनीतिक संस्कृति को निर्माण समाज की उन अभिवृत्तियों, विश्वासों तथा मूल्यों के समूह से होता है जिनका राजनीतिक व्यवस्था और राजनीतिक विषयों के साथ सम्बन्ध है।”
प्रश्न 2.
राजनीतिक संस्कृति के निर्धारक तत्व बताइए।
उत्तर:
राजनीतिक संस्कृति के निर्धारक तत्व-राजनीतिक संस्कृति के प्रमुख निर्धारक तत्व निम्नलिखित हैं
- इतिहास – किसी भी व्यवस्था की राजनीतिक संस्कृति वहाँ की ऐतिहासिक परम्पराओं और प्रचलित मूल्यात्मक प्रणालियों का परिणाम होती है। उदाहरणार्थ – भारत की राजनीतिक संस्कृति संवैधानिक, शान्तिवादी और लोकतान्त्रिक होगी। जबकि पाकिस्तान, इराक व लीबिया की राजनीतिक संस्कृति हिंसक और अलोकतान्त्रिक हो सकती है।
- धार्मिक विश्वास – धर्म राजनीतिक संस्कृति के निर्माण के साथ ही समाज की राजनीतिक व्यवस्था व संस्थाओं के स्वरूप को निर्धारित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- भौगोलिक परिस्थितियाँ – किसी देश की भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या, संसाधन उस देश की राजनीतिक संस्कृति को पूर्णत: प्रभावित करते हैं।
- सामाजिक – आर्थिक परिवेश – सामाजिक परिवेश एवं आर्थिक विकास किसी देश की राजनीतिक संस्कृति को निर्धारित करते हैं। विकासशील देशों की राजनीतिक संस्कृति विकसित देशों से भिन्न होती है।
- विचारधाराएँ – उदारवाद, मार्क्सवाद, पूँजीवाद आदि विचारधाराओं के अतिरिक्त वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रगति, मीडिया तथा प्रेस, शिक्षा आदि भी राजनीतिक संस्कृति के प्रमुख निर्धारक तत्व हैं।
उपरोक्त के अलावा शिक्षा का स्तर, भाषा, रीति-रिवाज आदि का प्रभाव भी राजनीतिक संस्कृति पर पड़ता है।
प्रश्न 3.
अभिजात्य संस्कृति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अभिजात्य संस्कृति-अभिजात्य वर्ग वह वर्ग होता है जो अल्पसंख्यक होते हुए सामाजिक और राजनीतिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उसके पास सम्पूर्ण सामाजिक एवं राजनीतिक सत्ता का अधिकार होता है। ये श्रेष्ठ लोग समाज एवं राष्ट्र के उच्चतम शिखरों तक पहुँच बनाने में समर्थ होते हैं। अभिजात्य संस्कृति समाज के अभिजन कहे जाने वाले लोगों की संस्कृति होती है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
- अभिजात्य संस्कृति में ऐसे व्यक्ति पाये जाते हैं जिनके सोचने एवं जीने का तरीका अधिक विश्वसनीय है।
- अभिजात्य संस्कृति में एकरूपता होती है।
- राजनीतिक समाजों में अभिजात्य संस्कृति तथा जनसाधारण की संस्कृति में आधारभूत अन्तर होता है।
- अभिजात्य संस्कृति उन लोगों से सर्वथा भिन्न होती है जिन्हें हम दर्शक या सीमित सहभागी समझते हैं।
RBSE Class 12 Political Science Chapter 6 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राजनीतिक संस्कृति को परिभाषित करते हुए वर्तमान में प्रचलित संस्कृतियों का विवेचन कीजिए।
उत्तर:
राजनीतिक संस्कृति की परिभाषा: राजनीतिक संस्कृति, सामान्य संस्कृति के राजनीतिक शासकीय दृष्टिकोण से सम्बन्धित है। चूंकि राजनीतिक व्यवस्था मानव के राजनीतिक व्यवहार का परिणाम है। राजनीतिक व्यवहार सर्वथा गतिशील होता है, अतएव राजनीतिक संस्कृति भी स्थिर न होकर गतिशील होती है। राजनीतिक संस्कृति को आमण्ड ने कार्य के प्रति अभिमुखीकरण, डेविड ईस्टर्न ने पर्यावरण तथा स्पिरो ने राजनीतिक शैली का नाम दिया है।
विकासशील देशों के सन्दर्भ में राजनीतिक संस्कृति की अवधारणा सर्वप्रथम आमण्ड और पावेल ने प्रस्तुत की थी। राजनीतिक संस्कृति की परिभाषा देते हुए आमण्ड और पावेल ने लिखा है – ‘राजनीतिक संस्कृति किसी राजनीतिक व्यवस्था के सदस्यों की राजनीति के प्रति व्यक्तिगत अभिवृत्तियों और उन्मुखताओं की शैली है।”
एलन बॉल के अनुसार:
“राजनीतिक संस्कृति का निर्माण समाज की अभिवृत्तियों, विश्वासों तथा मूल्यों के समूह से होता है जिनका राजनीतिक व्यवस्था तथा राजनीतिक विषयों के साथ सम्बन्ध है।”
लुसियन पाई के अनुसार:
“राजनीतिक संस्कृति का सम्बन्ध अभिवृतियों, विश्वासों एवं भावनाओं के समूह से है जो राजनीतिक प्रक्रिया को व्यापकता तथा सार्थकता प्रदान करते हैं और ऐसे अन्तर्निहित विचार एवं नियम प्रदान करते हैं जो राजनीतिक व्यवहार को नियंत्रित करते हैं।”
सिडनी बर्बा के अनुसार:
“राजनीतिक संस्कृति में आनुभाविक विश्वासों, अभिव्यात्मक प्रतीकों और मूल्यों की वह व्यवस्था निहित है जो उस परिस्थिति अथवा दशा को परिभाषित करती है जिसमें राजनीतिक क्रिया सम्पन्न होती है।” इस प्रकार स्पष्ट है कि राजनीतिक संस्कृति, राजनीतिक व्यवस्था के प्रति सदस्यों की मनोवृत्तियों की अभिव्यक्ति, प्रतिक्रिया एवं अपेक्षा है। यह एक गतिशील स्थिति की सूचक है।
राजनीतिक संस्कृति का वर्गीकरण:
राजनीतिक संस्कृति सामाजिक परिवेश और राजनीतिक व्यवस्था के अनुरूप परिवर्तित होती रहती है। राजनीतिक संस्कृति का निर्माण और विकास एक सतत् चलने वाली प्रक्रिया है। आमण्ड महोदय ने राजनीतिक व्यवस्थाओं के आधार पर वर्तमान में चार प्रकार की राजनीतिक संस्कृतियों का उल्लेख किया है
- आंग्ल अमेरिकी राजनीतिक व्यवस्था-यह संस्कृति ब्रिटेन तथा संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में सामंजस्यकारी, उदारवादी मूल्यों वाली लोकतान्त्रिक व्यवस्था में पाई जाती है।
- महाद्वीपीय यूरोपीय राजनीतिक व्यवस्था-फ्रांस तथा जर्मनी आदि देशों में उदारवादी लोकतान्त्रिक व्यवस्था है। इसके बावजूद यहाँ एक राजनीतिक संस्कृति के बजाय कई उपसंस्कृतियाँ भी पाई जाती हैं। परिणामस्वरूप यहाँ हिंसात्मक संघर्ष से उत्पन्न राजनीतिक संस्कृतियाँ दिखाई पड़ती हैं।
- गैर पश्चिमी अथवा पूर्व औद्योगिक राजनीतिक व्यवस्था – यह राजनीतिक संस्कृति एशिया तथा अफ्रीका के अनेक पूर्व उपनिवेशवादी देशों में पाई जाती है जहाँ औद्योगिक, आर्थिक विकास और लोकतन्त्र आज भी नवजात और अल्पविकसित अवस्था में है।
- सर्वाधिकारवादी राजनीतिक व्यवस्था – यहं राजनीतिक संस्कृति एशिया एवं अफ्रीका के अनेक सैन्य तानाशाही, चीन तथा उत्तर कोरिया जैसे साम्यवादी देशों में मिलती है जिनमें अधिनायकवादी तथा सर्वाधिकारवादी अलोकतान्त्रिक राजनीतिक व्यवस्थाएँ हैं जिनमें विपक्ष और विरोध की कोई सम्भावना नहीं होती है।
RBSE Class 12 Political Science Chapter 6 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
RBSE Class 12 Political Science Chapter 6 बहुंचयनात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
“राजनीतिक संस्कृति कार्य के प्रति अभिमुखीकरण है” यह मानना है
(अ) डेविड ईस्टर्न का
(ब) स्पिरो का
(स) आमण्ड का
(द) लूसियन पाई का
प्रश्न 2.
राजनीतिक संस्कृति की अवधारणा को विकासशील देशों के सन्दर्भ में प्रतिपादित करने वाले प्रथम विद्वान हैं
(अ) आमण्ड एवं पावेल
(ब) स्पिरो
(स) डेविड ईस्टन
(द) सिडनी बर्बा
प्रश्न 3.
निम्न में से जिसे आमण्ड और पावेल ने राजनीतिक संस्कृति का परिवर्त्य माना है, वह है
(अ) ज्ञानात्मक अभिमुखीकरण
(ब) भावात्मक अभिमुखीकरण
(स) मूल्यांकनात्मक अभिमुखीकरण
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 4.
निम्न में से किस देश की राजनीतिक संस्कृति क्रान्ति का परिणाम है?
(अ) भारत
(ब) लीबिया
(स) ब्रिटेन
(द) फ्रांस
प्रश्न 5.
निम्न में से जो विकासशील देश है जिसकी राजनीतिक संस्कृति विकसित देशों से भिन्न होगी, वह है’
(अ) जापान
(ब) इंग्लैण्ड
(स) संयुक्त राज्य अमेरिका
(द) भारत
प्रश्न 6.
राजनीतिक संस्कृति उपागम की शुरूआत निम्न में से किस दशक में हुई?
(अ) 1920-30
(ब) 1940-50
(स) 1950-60
(द) 1990–2000
प्रश्न 7.
निम्न में से किस राजनीतिक व्यवस्था में विपक्ष और विरोध की सम्भावना नहीं होती?
(अ) उदारवादी लोकतान्त्रिक व्यवस्था
(ब) उपनिवेशवादी व्यवस्था
(स) सर्वाधिकारवादी व्यवस्था
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 8.
राजनीतिक संस्कृति एवं लोकतन्त्र के मध्य सम्बन्धों पर सबसे महत्वपूर्ण आनुभविक अनुसन्धान है
(अ) गेबियल आमण्ड एवं सिडनी बर्बा का
(ब) फाइनर एवं वाइसमैन का
(स) हीज युलाऊ का
|(द) लूसियन पाई का
प्रश्न 9.
निम्न में से किस विद्वान ने सत्ता में सैन्य भूमिका के आधार पर राजनीतिक संस्कृति का वर्गीकरण किया है
(अ) फाइनर
(ब) वाइसमैन
(स) आमण्ड एवं पावेल
(द) सिडनी बर्बा
प्रश्न 10.
आमण्ड ने कितने प्रकार की राजनीतिक संस्कृतियों का उल्लेख किया है?
(अ) 5
(ब) 3
(स) 4
(द) 2.
उत्तर:
1.(स), 2 (अ), 3. (द), 4. (द), 5. (द), 6.(स), 7.(स), 8. (अ), 9. (अ), 10. (स)
RBSE Class 12 Political Science Chapter 6 अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राजनीतिक संस्कृति गतिशील होती है, कैसे?
उत्तर:
चूँकि राजनीतिक व्यवस्था मानव के राजनीतिक व्यवहार का परिणाम है और यह राजनीतिक व्यवहार गतिशील होता है, अतएव राजनीतिक संस्कृति भी स्थिर न होकर गतिशील होती है।
प्रश्न 2.
एलन बॉल द्वारा लिखित पुस्तक का नाम बताइए।
उत्तर:
एलन बॉल द्वारा लिखित पुस्तक है -“आधुनिक राजनीति और सरकार”।
प्रश्न 3.
लुसियन पाई ने राजनीतिक संस्कृति की क्या परिभाषा दी है?
उत्तर:
लुसियन पाई के अनुसार – ”राजनीतिक संस्कृति का सम्बन्ध अभिवृत्तियों, विश्वासों व भावनाओं के समूह से है जो राजनीतिक प्रक्रिया को व्यापकता तथा सार्थकता प्रदान करते हैं और ऐसे अन्तर्निहित विचार और नियम प्रदान करते हैं। जो राजनीतिक व्यवस्था में व्यवहार को नियन्त्रित करते हैं।”
प्रश्न 4.
आमण्ड और पॉवेल ने राजनीतिक संस्कृति किसे माना है?
उत्तर:
आमण्ड और पावेल ने व्यक्ति में राजनीतिक उद्देश्यों के प्रति जागृति और उसके अनुरूप कार्यों के निष्पादन को ही राजनीतिक संस्कृति माना है।
प्रश्न 5.
आमण्ड और पावेल के अनुसार राजनीतिक संस्कृति के परिवर्यो (नियामक तत्वों) का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
आमण्ड और पावेल ने राजनीतिक संस्कृति के निम्नलिखित तीन परिवर्त्य माने हैं
- ज्ञानात्मक अभिमुखीकरण,
- भावनात्मक अभिमुखीकरण तथा
- मूल्यांकनात्मक अभिमुखीकरण।
प्रश्न 6.
राजनीतिक संस्कृति के किन्हीं दो निर्धारक तत्वों का नाम लिखिए।
उत्तर:
- इतिहास,
- धार्मिक विश्वास।
प्रश्न 7.
किस देश की राजनीतिक संस्कृति वहाँ की राजनीतिक निरन्तरता का परिणाम है?
उत्तर:
इंग्लैण्ड की।
प्रश्न 8.
राजनीतिक संस्कृति के निर्धारण में धर्म की क्या भूमिका है?
उत्तर:
राजनीतिक संस्कृति के निर्धारण में धर्म की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। धर्म इस बात का भी निर्धारण करता हैं कि समाज की राजनीतिक व्यवस्था व संस्थाएँ किस प्रकार की होंगी।
प्रश्न 9.
कौन – कौन से भौगोलिक तत्व राजनीतिक संस्कृति के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं?
उत्तर:
देश की स्थिति एवं विस्तार, उपलब्ध संसाधन तथा जनसंख्या की प्रकृति आदि उस देश की राजनीतिक संस्कृति के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्रश्न 10.
राजनीतिक संस्कृति की कोई दो विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
- नवीन एवं प्राचीन मूल्यों में समन्वय करने की प्रवृत्ति तथा
- नैतिक मूल्यों के प्रति समर्पण।
प्रश्न 11.
राजनीतिक संस्कृति की जानकारी में कौन-कौन से कारक योगदान करते हैं?
उत्तर:
राजनीतिक संस्कृति की जानकारी में किसी समाज की परम्पराओं, सामाजिक संस्थाओं, नागरिकों की आकांक्षाओं, उनका सामूहिक विवेक, नेताओं के तरीकों तथा उनके सक्रिय होने के नियमों आदि का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
प्रश्न 12.
राजनीतिक संस्कृति में गतिशीलता से क्या आशय है?
उत्तर:
किसी व्यक्ति व समाज के जीवन मूल्य भौगोलिक व सामाजिक परिस्थितियों तथा सामाजिक आवश्कताओं के अनुसार बदलते रहते हैं। तदनुसार राजनीतिक संस्कृति भी बदलती रहती है।
प्रश्न 13.
राजनीतिक संस्कृति और लोकतन्त्र के सम्बन्धों पर सबसे महत्वपूर्ण पुस्तक कब और किसने लिखी?
उत्तर:
राजनीतिक संस्कृति और लोकतन्त्र के सम्बन्धों पर सबसे महत्वपूर्ण आनुभविक अनुसन्धान गेब्रियल आमण्ड और सिडनी बर्बा द्वारा 1963 में लिखित पुस्तक ‘दि सिविक कल्चर – पोलिटिकल एटीट्यूड एण्ड डेमोक्रेसी इन फाइव नेशन्स’ में प्रस्तुत किया गया।
प्रश्न 14.
आमण्ड व सिडनी बर्बा ने किन – किन देशों के लोकतंत्र की स्थिरता या अस्थिरता पर राजनीतिक संस्कृति के प्रभावों का विश्लेषण किया था?
उत्तर:
ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, संयुक्त राज्य अमेरिका एवं मेक्सिको का।
प्रश्न 15.
अभिजन संस्कृति से क्या आशय है?
उत्तर:
सत्ता में रहते हुए सरकारी निर्णयों के सहभागी एवं उत्तरदायी वर्ग की संस्कृति को अभिजन संस्कृति कहते हैं।
प्रश्न 16.
आमण्ड के अनुसार राजनीतिक संस्कृति के कोई दो प्रकार लिखिए।
उत्तर:
- आंग्ल अमेरिकी राजनीतिक व्यवस्था
- सर्वाधिकारवादी राजनीतिक व्यवस्था।
प्रश्न 17.
पूर्व औद्योगिक राजनीतिक व्यवस्था में आमण्ड ने किन – किन देशों को सम्मिलित किया है?
उत्तर:
पूर्व औद्योगिक राजनीतिक व्यवस्था में आमण्ड ने एशिया एवं अफ्रीका के पूर्व उपनिवेशवादी देशों को सम्मिलित किया है।
प्रश्न 18.
फाइनर ने राजनीतिक संस्कृति को कितने भागों में बाँटा है?
उत्तर:
फाइनर ने राजनीतिक संस्कृति को चार भागों में बाँटा है –
- परिपक्व,
- विकसित,
- निम्न तथा
- न्यूनास्तरीय।
प्रश्न 19.
वाइसमैन ने राजनीतिक संस्कृतियों को किस प्रकार वर्गीकृत किया है?
उत्तर:
वाइसमैन ने राजनीतिक संस्कृतियों का वर्गीकरण निम्नलिखित ढंग से किया है
- विशुद्ध राजनीतिक संस्कृति – संकुचित, पराधीन तथा सहभागी।
- मिश्रित राजनीतिक संस्कृति – संकुचित, पराधीन, सहभागी
- संकुचित सहभागी।
प्रश्न 20.
आमण्ड के अनुसार राजनीतिक समाजीकरण व राजनीतिक संस्कृति में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
आमण्ड के अनुसार राजनीतिक समाजीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा राजनीतिक संस्कृति को स्थापित किया जाता है और उसमें आवश्यकतानुसार परिवर्तन लाया जाता है।
प्रश्न 21.
राजनीतिक संस्कृति के हस्तान्तरण में राजनीतिक समाजीकरण के कौन से अभिकरण सहायक होते हैं?
उत्तर:
राजनीतिक संस्कृति के हस्तान्तरण में परिवार, मित्र-मण्डली, शिक्षण संस्थान, धार्मिक संस्थान, लोकसंचार के साधन, हितसमूह व राजनीतिक दल अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्रश्न 22.
राजनीतिक संस्कृति का महत्व किस दृष्टि से सर्वाधिक उपयोगी है?
उत्तर:
राजनीतिक संस्कृति का महत्व राजनीतिक संस्थाओं के तुलनात्मक अध्ययन के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
प्रश्न 23.
राजनीतिक संस्कृति उपागम के कोई दो योगदान बताइये।
उत्तर:
- राजनीतिक संस्कृति उपागम ने अध्ययनकर्ताओं का केन्द्रबिन्दु राजनीतिक समाज को बना दिया है।
- राजनीतिक संस्कृति ने राजनीतिक क्रियाओं के अध्ययन में सामाजिक व सांस्कृतिक तत्वों का समावेश करके राजनीति शास्त्र का विकास किया।
प्रश्न 24.
सामान्य संस्कृति व राजनीतिक संस्कृति में सम्बन्ध बताइये।
उत्तर:
सामान्य जीवन पद्धति व संस्कृति का विकास सामान्य संस्कृति है जबकि राजनीतिक संस्कृति उसी सामान्य संस्कृति के राजनीतिक शासकीय दृष्टिकोण से सम्बन्धित है।
प्रश्न 25.
आमण्ड और पावेल के अनुसार राजनीतिक संस्कृति क्या है?
उत्तर:
आमण्ड और पावेल ने व्यक्ति में राजनीतिक उद्देश्य के प्रति जागृति और उसके अनुरूप कार्यों के निष्पादन को ही राजनीतिक संस्कृति माना है।
RBSE Class 12 Political Science Chapter 6 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
इतिहास राजनीतिक संस्कृति का निर्धारण है – सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किसी भी राजनीतिक व्यवस्था की राजनीतिक संस्कृति का निर्माण और विकास उस देश की ऐतिहासिक परम्पराओं और प्रचलित मूल्यांकनात्मक प्रणालियों द्वारा होता है। उदाहरणार्थ- भारत की राजनीतिक संस्कृति संवैधानिक, शान्तिवादी और लोकतान्त्रिक होगी। पाकिस्तान, इराक और लीबिया की हिंसक और अलोकतान्त्रिक तथा फ्रांस की राजनीतिक संस्कृति फ्रांस की क्रान्ति का परिणाम है। इसी प्रकार इंग्लैण्ड में राजनीतिक संस्कृति वहाँ की राजनीतिक निरन्तरता का परिणाम है।
प्रश्न 2.
सामाजिक – आर्थिक परिवेश राजनीतिक संस्कृति को कैसे निर्धारित करते हैं?
उत्तर:
सामाजिक – आर्थिक परिवेश द्वारा राजनीतिक संस्कृति की प्रकृति निर्धारित होती है। इसके प्रमुख तत्व हैं – देश की सामाजिक, धार्मिक, जातिगत विभिन्नता, औद्योगीकरण व रूढ़िवादिता आदि। धार्मिक विश्वास का प्रभाव इस्लामिक देशों की राजनीतिक संस्कृति में स्पष्ट झलकता है। विकासशील देशों की राजनीतिक संस्कृति विकसित देशों से भिन्न होगी क्योंकि दोनों प्रकार के देशों की अपेक्षाएँ और उनके जीवन स्तर में पर्याप्त विभिन्नता मिलती है।
प्रश्न 3.
दोनों विश्वयुद्धों के बाद भी ब्रिटेन व संयुक्त राज्य अमेरिका में उदार लोकतन्त्र सुरक्षित रहा क्यों?
उत्तर:
राजनीतिक संस्कृति व लोकतन्त्र का गहन सम्बन्ध है। जनता के मूल्य, विश्वास एवं कुशलता का लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था की राजनीति पर विशेष प्रभाव पड़ता है। समाज में संस्कृति ही व्यवहार, मूल्य और ज्ञान को पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तान्तरित करती है। राजनीतिक विचारकों ने अपने – अपने देश की व्यवस्थाओं के स्थायित्व व अस्थायित्व का अध्ययन राजनीतिक संस्कृति उपागम द्वारा किया। निष्कर्ष प्राप्त हुआ कि राजनीतिक संस्कृति व लोकतन्त्र में गहरा सम्बन्ध है क्योंकि विषम परिस्थितियों के बावजूद उदार लोकतन्त्र वाले इंग्लैण्ड व संयुक्त राज्य अमेरिका में लोकतन्त्र व संस्थाएँ सुरक्षित रहीं।
प्रश्न 4.
राजनीतिक संस्कृति एवं लोकतन्त्र के सम्बन्ध में आमण्ड एवं सिडनी बर्बा के क्या विचार हैं?
उत्तर:
राजनीतिक संस्कृति एवं लोकतन्त्र के सम्बन्ध में सबसे महत्वपूर्ण कार्य आमण्ड और सिडनी बर्बा ने किया है। इन्होंने ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, संयुक्त राज्य अमेरिका और मैक्सिको के लोकतन्त्र की स्थिरता एवं अस्थिरता पर राजनीतिक संस्कृति के प्रभावों का अध्ययन किया। आमण्ड एवं बर्बा के अनुसार -“राजनीतिक संस्कृति से तात्पर्य है राजनीतिक दलों, न्यायालयों, संविधान और राज्य के इतिहास जैसे विषयों के प्रति अभिविन्यासों का प्रतिमान अर्थात् समाज का कोई भी सदस्य इन संस्थाओं के सन्दर्भ में या अपने राजनीतिक पर्यावरण के सन्दर्भ में अपने आपको कहाँ रखता हैं।
अन्य शब्दों में एक व्यक्ति अपने देश की सरकार से क्या अपेक्षाएँ रखता है और उनके संचालन में अपनी क्या भूमिका समझता है। क्या वह सरकार के सामने अपने आपको विवश महसूस करता है अथवा अपनी आवाज वहाँ तक पहुँचाने और न्याय प्राप्त करने की आशा रखता है। क्या वह यह समझता है कि वह शासन के निर्णयों को प्रभावित कर सकता है? संक्षेप में व्यक्ति का झुकाव राजनीतिक कार्यवाही के प्रति किस तरह का है और वह राजनीतिक संस्कृति द्वारा कैसे प्रभावित होता है? ये समस्त बातें उपर्युक्त विद्वानों के अध्ययन में समाहित थीं।
प्रश्न 5.
राजनीतिक संस्कृति के प्रकार बताइए। अथवा आमण्ड के अनुसार राजनीतिक संस्कृति के प्रकार बताइए।
उत्तर:
आमण्ड के अनुसार राजनीतिक संस्कृति के प्रकार – आमण्ड के अनुसार राजनीतिक व्यवस्थाओं के आधार पर राजनीतिक संस्कृतियाँ चार प्रकार की हैं
(i) आंग्ल अमेरिकी राजनीतिक व्यवस्था – इस प्रकार की राजनीतिक संस्कृति ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, जैसे सामंजस्यकारी उदारवादी मूल्यों वाले लोकतांत्रिक देशों में पायी जाती है।
(ii) महाद्वीपीय यूरोपीय राजनीतिक व्यवस्था – फ्रांस व जर्मनी जैसे उदारवादी लोकतांत्रिक व्यवस्था वाले देशों में इस प्रकार की राजनीतिक संस्कृति पायी जाती है। यहाँ कई उपसंस्कृतियाँ भी पायी जाती हैं।
(iii) गैर पश्चिमी अथवा पूर्व औद्योगिक राजनीतिक व्यवस्था – इस प्रकार की राजनीतिक संस्कृति एशिया वे अफ्रीका के कई पूर्व उपनिवेशों में पायी जाती है। इन देशों में लोकतंत्र व औद्योगिक आर्थिक विकास आज भी विकासशील अवस्था में हैं।
(iv) सर्वाधिकारवादी राजनीतिक व्यवस्था – इस प्रकार की राजनीतिक संस्कृति एशिया व अफ्रीका के अनेक सैन्य तानाशाही व्यवस्था वाले देशों व चीन तथा उत्तर कोरिया जैसे साम्यवादी देशों में पायी जाती है। इन राजनीतिक संस्कृतियों में विपक्ष नहीं रहता तथा विरोध की सम्भावना भी नहीं पायी जाती है।
प्रश्न 6.
राजनीतिक संस्कृति एवं राजनीतिक समाजीकरण के सम्बन्धों को बताइए।
उत्तर:
आमण्ड और बर्बा ने राजनीतिक समाजीकरण के सम्बन्धों की विस्तृत विवेचना की है। आमण्ड एवं बर्बा के अनुसार-राजनीतिक समाजीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा राजनीतिक संस्कृति को स्थापित किया जाता है और उसमें आवश्यकतानुसार परिवर्तन लाया जाता है। राजनीतिक समाजीकरण द्वारा राजनीतिक संस्कृति के गुणों, विश्वासों तथा मनोवेगों को भावी पीढ़ियों तक पहुँचाया जाता है।
इस प्रक्रिया में परिवार, मित्र-मण्डली, शिक्षण व धार्मिक संस्थान, लोकसंचार के साधन, हित समूह, राजनीतिक दल आदि महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राजनीतिक समाजीकरण के माध्यम से समाज अपने राजनीतिक मानकों, मान्यताओं और विश्वासों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक संचारित करता है।
यह आवश्यक नहीं है कि इस प्रक्रिया द्वारा सभी व्यक्ति बने बनाये ढांचे में ढल जाएँ, परन्तु इससे राजनीतिक जीवन में निरन्तरता जरूर बनी रहती है। इसके साथ ही राजनीतिक प्रणाली नये दबावों और तनावों को झेलने की सहनशक्ति विकसित कर लेती है। राजनीतिक समाजीकरण राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देता है। यदि किसी देश की राजनीतिक संस्कृति कई उप – संस्कृतियों में बँटी होती है तो राजनीतिक समाजीकरण की प्रक्रिया को राष्ट्र निर्माण की आवश्यकताओं के अनुरूप ढालना अनिवार्य हो जाता है।
प्रश्न 7.
राजनीतिक संस्कृति के महत्व का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राजनीतिक संस्कृति उपागम को विकसित करने का श्रेय आमण्ड एवं बर्बा सहित अनेक अन्य विचारकों को है। इस उपागम के महत्व को निम्न प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है
- राजनीतिक संस्कृति अवधारणा द्वारा अध्ययनकर्ताओं का केन्द्रबिन्दु राजनीतिक समाज बन गया।
- इस अवधारणा ने राजनीतिक क्रियाओं के अध्ययन में राजनीतिक व सामाजिक तत्वों का समावेश करके राजनीति शास्त्र का विकास किया।
- इस अवधारणा से अध्ययन में विवेक को समावेश हुआ।
- राजनीतिक संस्कृति ने राजनीतिक समाज द्वारा विभिन्न दिशाएँ ग्रहण करने के कारणों को स्पष्ट किया है।
- इस उपागम से राजनीति शास्त्र सूक्ष्म और व्यष्टि उपागमों के माध्यम से एक सम्पन्न समाज शास्त्र बन गया है।
RBSE Class 12 Political Science Chapter 6 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राजनीतिक संस्कृति से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताओं / लक्षणों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राजनीतिक संस्कृति से आशय-राजनीतिक संस्कृति सामान्य संस्कृति के राजनीतिक दृष्टिकोण से सम्बन्धित है। आमण्ड और पावेल के अनुसार-‘राजनीतिक संस्कृति किसी राजनीतिक व्यवस्था के सदस्यों की राजनीति के प्रति व्यक्तिगत अभिवृत्तियों और उन्मुखताओं की शैली है।” सिडनी बर्बा के अनुसार – राजनीतिक संस्कृति में आनुभविक विश्वासों, अभिव्यात्मक प्रतीकों और मूल्यों की वह व्यवस्था निहित है जो उस परिस्थिति अथवा दशा को परिभाषित करती है जिसमें राजनीतिक क्रिया सम्पन्न होती है।”
एलन बॉल के अनुसार -“राजनीतिक संस्कृति का निर्माण समाज की उन अभिवृत्तियों, विश्वासों तथा मूल्यों के समूह से होता है, जिनका राजनीतिक व्यवस्था और राजनीतिक विषयों के साथ सम्बन्ध है।” लुसियन पाई के अनुसार -“राजनीतिक संस्कृति का सम्बन्ध अभिवृत्तियों, विश्वासों एवं भावनाओं के समूह से है जो. राजनीतिक प्रक्रिया को व्यापकता तथा सार्थकता प्रदान करते हैं और ऐसे अन्तनिर्हित विचार एवं नियम प्रदान करते हैं जो राजनीतिक व्यवस्था में व्यवहार को नियंत्रित करते हैं।”
इस प्रकार यह राजनीतिक संस्कृति सामाजिक राजनीतिक गतिशीलता की भाँति स्वयं भी गतिशील है तथा सामाजिक राजनीतिक मूल्यों पर आधारित है। राजनीतिक संस्कृति की विशेषताएँ / लक्षण – राजनीतिक संस्कृति समाज की परम्पराओं उसकी सार्वजनिक संस्थाओं की आत्मा एवं उनके नागरिकों की आकांक्षाओं, उसके सामूहिक विवेक, उसके नेताओं के तरीके तथा सक्रियता के नियम आदि द्वारा परिलक्षित होती है। राजनीतिक संस्कृति की प्रमुख विशेषताएँ / लक्षण निम्नलिखित हैं
1. समन्वयकारी स्वरूप-राजनीतिक संस्कृति का स्वरूप समन्वयकारी है। यह प्राचीन और नवीन जीवन मूल्यों में समन्वय स्थापित करती है।
2. नैतिक मूल्यों के प्रति समर्पण – नैतिक मूल्य, राजनीतिक संस्कृति के लिए आवश्यक होते हैं। नैतिक मूल्यों का समर्थन राजनीतिक संस्कृति के लिए आवश्यक है। नैतिक मूल्य की स्थापना में समाज का धार्मिक स्वरूप और कभी-कभी सत्ता व्यवस्था का स्वरूप योगदान करता है।
3. अमूर्त रूप-जनता के मनोमस्तिष्क के अमूर्त विचार राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित करते हैं। राज्य के किसी कानून तथा कार्य के विरुद्ध जनता का आक्रोश अमूर्त होता है जिसका अनुमान लगाना कठिन होता है। एक्सीलेण्ट राजनीति विज्ञान कक्षा -12
4. गतिशीलता – राजनीतिक संस्कृति का स्वरूप गतिशील है। चूंकि व्यक्ति और समाज के जीवन मूल्य स्थाई नहीं। हैं वे राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक पारिस्थितियों तथा सामाजिक आवश्यकताओं के अनुरूप बदलते रहते हैं, तदनुसार राजनीतिक संस्कृति भी बदलती रहती है।
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