• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • RBSE Model Papers
    • RBSE Class 12th Board Model Papers 2020
    • RBSE Class 10th Board Model Papers 2020
    • RBSE Class 8th Board Model Papers 2020
    • RBSE Class 5th Board Model Papers 2020
  • RBSE Books
  • RBSE Solutions for Class 10
    • RBSE Solutions for Class 10 Maths
    • RBSE Solutions for Class 10 Science
    • RBSE Solutions for Class 10 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 10 English
    • RBSE Solutions for Class 10 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 10 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 10 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 10 Physical Education
  • RBSE Solutions for Class 9
    • RBSE Solutions for Class 9 Maths
    • RBSE Solutions for Class 9 Science
    • RBSE Solutions for Class 9 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 9 English
    • RBSE Solutions for Class 9 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 9 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 9 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 9 Physical Education
    • RBSE Solutions for Class 9 Information Technology
  • RBSE Solutions for Class 8
    • RBSE Solutions for Class 8 Maths
    • RBSE Solutions for Class 8 Science
    • RBSE Solutions for Class 8 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 8 English
    • RBSE Solutions for Class 8 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 8 Sanskrit
    • RBSE Solutions

RBSE Solutions

Rajasthan Board Textbook Solutions for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

  • RBSE Solutions for Class 7
    • RBSE Solutions for Class 7 Maths
    • RBSE Solutions for Class 7 Science
    • RBSE Solutions for Class 7 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 7 English
    • RBSE Solutions for Class 7 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 6
    • RBSE Solutions for Class 6 Maths
    • RBSE Solutions for Class 6 Science
    • RBSE Solutions for Class 6 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 6 English
    • RBSE Solutions for Class 6 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 5
    • RBSE Solutions for Class 5 Maths
    • RBSE Solutions for Class 5 Environmental Studies
    • RBSE Solutions for Class 5 English
    • RBSE Solutions for Class 5 Hindi
  • RBSE Solutions Class 12
    • RBSE Solutions for Class 12 Maths
    • RBSE Solutions for Class 12 Physics
    • RBSE Solutions for Class 12 Chemistry
    • RBSE Solutions for Class 12 Biology
    • RBSE Solutions for Class 12 English
    • RBSE Solutions for Class 12 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit
  • RBSE Class 11

RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit विजेत्री Chapter 6 चारुत्वं चारुदत्तस्य

June 7, 2019 by Safia Leave a Comment

Rajasthan Board RBSE Class 12 Sanskrit विजेत्री Chapter 6 चारुत्वं चारुदत्तस्य

RBSE Class 12 Sanskrit विजेत्री Chapter 6 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

RBSE Class 12 Sanskrit विजेत्री Chapter 6 वस्तुनिष्ठ प्रश्नाः

प्रश्न 1.
दरिद्रस्य कृते शून्यं अस्ति-
(क) गृहं
(ख) दिशं
(ग) नगरं
(घ) सर्वम्
उत्तर:
(घ) सर्वम्

प्रश्न 2.
अवन्तिपुर्यां गणिका आसीत्
(क) वसन्तसेना
(ख) रदनिका
(ग) मदनिका
(घ) धूता
उत्तर:
(क) वसन्तसेना

प्रश्न 3.
चारुदत्तस्य मित्रम् आसीत्
(क) माढव्यः
(ख) वसन्तकः
(ग) मैत्रेयः
(घ) स्थावरकः
उत्तर:
(ग) मैत्रेयः

प्रश्न 4.
जूर्णवृद्धेन कस्य कृते जातीकुसुमवासितः प्रावारको प्रेषित:
(क) विदूषकस्य
(ख) चारुदत्तस्य
(ग) शर्विलकस्य
(घ) सूत्रधारस्य
उत्तर:
(ख) चारुदत्तस्य

प्रश्न 5.
सुखं कम् अनुभूय शोभते-
(क) दुःखम्
(ख) संतोषम्
(ग) ग्रीष्मम्
(घ) लाभम्
उत्तर:
(क) दुःखम्

RBSE Class 12 Sanskrit विजेत्री Chapter 6 अतिलघूत्तरात्मकाः प्रश्नाः

प्रश्न 1.
दरिद्र ब्राह्मणस्य किं नाम?
उत्तर:
चारुदत्तः।

प्रश्न 2.
चारुदत्तः कुत्र निवसति स्म?
उत्तर:
अवन्तिपुर्याम्

प्रश्न 3.
जूर्णवृद्धेन चारुदत्तस्य कृते किं प्रेषितः?
उत्तर:
प्रावारकः।

प्रश्न 4.
कः जनः धृतः शरीरेण मृतवत् जीवति?
उत्तर:
ये: नरः सुखात् दरिद्रतां याति सः

प्रश्न 5.
सर्वापदां स्थानम् किम्?
उत्तर:
दरिद्रता

RBSE Class 12 Sanskrit विजेत्री Chapter 6 लघूत्तरात्मकाः प्रश्नाः

प्रश्न 1.
वसन्तसेना कं स्नेहं करोति?
उत्तर:
वसन्तसेना चारुदत्तं स्नेहं करोति

प्रश्न 2.
केन विना गृहं शून्यं भवति?
उत्तर:
पुत्रेण विना गृहं शून्यं भवति

प्रश्न 3.
कालात्यये संशुष्कसान्दमदलेखे के करिणः कपोलं परिवर्जयन्ति?
उत्तर:
कालात्यये संशुष्कसान्द्रमदलेखेव भ्रमन्तः मधुकराः करिणः कपोलं परिवर्जयन्ति।

प्रश्न 4.
घनान्धकारे कस्य दर्शनम् शोभते?
उत्तर:
घनान्धकारे दीपस्य दर्शनं शोभते।

प्रश्न 5.
नष्टधनाश्रयस्य जनाः कस्मात् भावात् शिथिलीभवन्ति?
उत्तर:
नष्टधनाश्रयस्य जनाः मित्रभावात् शिथिलीभवन्ति।

अधोलिखित प्रश्नानां उत्तरं विस्तरेण लिखत-

प्रश्न 1.
सुखं हि दुःखान्यनुभूय शोभते, घनान्धकारेष्विदीपदर्शनम्। सुखात्तु याति यो नरः दरिद्रतां, धृतः शरीरेण मृतः स जीवति अस्य पद्यस्ये व्याख्यां कुरुत।
उत्तर:
दरिद्रजीवनस्य विषये चारुदत्तः स्वमित्रं विदूषकं सम्बोधयन् कथयति यत् यथा गहनान्धकारेषु दीपस्य दर्शनं शोभादायकं भवति, तथैव दुःखानाम् अनुभवं कृत्वा प्राप्त सुखं शोभादायकं भवति किन्तु यंः जनः सुखस्य अनुभवं कृत्वा निर्धनतारूपं दुःखं प्राप्नोति, सः जनः शरीरं धृत्वा मृतवत् जीवति। अर्थात् निर्धनस्य जीवनम् अत्यधिकं कष्टप्रदं भवति।

प्रश्न 2.
चारुदत्तस्य दरिद्रता-विषये विचारान् लिखत।
उत्तर:
चारुदत्तः दरिद्रताविषये कथयति यत् धनानि तु भाग्यक्रमेण भवन्ति यान्ति च, किन्तु यः जनः सुखात् दरिद्रतां याति, सः शरीरेण धृतः अपि मृतवत् जीवति यतोहि नष्टधनाश्रयस्य जनस्य जनाः सौहृदादपि शिथिलीभवन्ति। अतिथयः निर्धनस्य गृहं क्षीणार्थं मत्वा परित्यजन्ति दरिद्रता सर्वासां विपदां कारणमस्ति

प्रश्न 3.
अहो निर्धनतासर्वापदामास्पदम्? पंक्त्याः भावं सोदाहरणं लिखत।
उत्तर:
वस्तुतः मानवजीवने निर्धनता सर्वासां विपदां स्थानमस्ति। तथाहिनिर्धनत्वात् जनः लज्जां प्राप्नोति, लज्जितः जनः निस्तेजः भवति, निस्तेजाः तिरस्कार प्राप्नुवन्ति। तिरस्कारात् ग्लानिं प्राप्नोति, ग्लानिप्राप्तः जनः शोकं प्राप्नोति शोकयुक्तः जनः विवेकहीनः भवति, विवेकहीनः जनः विनाशं प्राप्नोति इत्थं लज्जादिसर्वासां विपदां मूलकारणं निर्धनता एवास्ति

RBSE Class 12 Sanskrit विजेत्री Chapter 6 व्याकरणात्मक प्रश्ना:

प्रश्न 1.
अधोलिखितशब्दानां सन्धिविच्छेदं कृत्वा नामोल्लेखं कुरुत।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 6 चारुत्वं चारुदत्तस्य 1

प्रश्न 2.
अधोलिखितशब्दानां समासविग्रहं कृत्वा नामोल्लेखं कुरुत।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit विजेत्री Chapter 5 मेघदूतपीयूषम् 14

प्रश्न 3.
अधोलिखितशब्दानां उपसर्ग-प्रकृति-प्रत्ययः लिखत।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit विजेत्री Chapter 5 मेघदूतपीयूषम् 15

प्रश्न 4.
अधोलिखितशब्दानां विभक्तिः वचनञ्च लिखत।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit विजेत्री Chapter 5 मेघदूतपीयूषम् 16
RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit विजेत्री Chapter 5 मेघदूतपीयूषम् 17

प्रश्न 5.
अधोलिखितधातूनां लकार-पुरुष-वचनञ्च लिखत।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit विजेत्री Chapter 5 मेघदूतपीयूषम् 18

प्रश्न 6.
अधोलिखित-अव्ययानां प्रयोगं कृत्वा वाक्य निर्माणं कुरुत।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit विजेत्री Chapter 5 मेघदूतपीयूषम् 19

प्रश्न 7.
अधोलिखितवाक्यानां शुद्धरूपं पुनः लिखत।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit विजेत्री Chapter 5 मेघदूतपीयूषम् 20

RBSE Class 12 Sanskrit विजेत्री Chapter 6 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अधोलिखितशब्दानाम् हिन्द्याम् अर्थंः लिखत
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit विजेत्री Chapter 5 मेघदूतपीयूषम् 21

प्रश्न 2.
अधोलिखितवाक्येषु रेखांकितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत

  1. चारुदत्त: अवन्तिपुर्यां निवसति स्म।
  2. वसन्तसेना तस्य गुणानुरक्ता आसीत्।
  3. अपुत्रस्य गृहं शून्यम्।
  4. यस्य सन्मित्रं नास्ति तस्य चिरं शून्यम्
  5. मूर्खस्य दिशः शून्याः।
  6. दीरद्रस्य सर्वं शून्यमस्ति
  7. तद्यावद् गृहिणीम् आहूय प्रच्छामि।
  8. एका वर्णकं पिनष्टि।
  9. अपरा सुमनसो गुम्फति।
  10. चारुदत्स मित्र मैत्रेय इत एवागच्छति।
  11. दुःखानि अनुभूय सुखं शोभते
  12. जूर्णवृद्धेन प्रावारकोऽनुप्रेषितः।
  13. धनानि भाग्यक्रमेण भवन्ति यान्ति च।
  14. परिभवात् निर्वेदमापद्यते

उत्तर:
प्रश्ननिर्माणम्

  1. चारुदत्तः कुत्र निवसति स्म?
  2. का तस्य गुणानुरक्ता आसीत्?
  3. कस्य गृहं शून्यम्?
  4. यस्य सन्मित्रं नास्ति तस्य किम् शून्यम्?
  5. कस्य दिशः शून्या:?
  6. दीरद्रस्य किम् शून्यमस्ति?
  7. तद्यावद् काम् आहूय प्रच्छामि?
  8. एका किम् पिनष्टि?
  9. का सुमनसो गुम्फति?
  10. कस्य मित्र मैत्रेय इत एवागच्छति?
  11. कानि अनुभूय सुखं शोभते?
  12. केन प्रावारकोऽनुप्रेषित:?
  13. धनानि केन भवन्ति यान्ति च?
  14. कस्मात् निर्वेदम आपद्यते?

प्रश्न 3.
अधोलिखितनाट्यांशानां भावार्थः हिन्दीभाषायां लिखत
(क) सर्वं शून्यं दरिद्रस्य।
(ख) सुखं हि दुःखान्यनुभूय शोभते घनान्धकारेष्विव दीपदर्शनम्।
(ग) भाग्यक्रमेण हि धनानि भवन्ति यान्ति।
(घ) अहो निर्धनता सर्वापदामास्पदम्।
उत्तर:
(क) सर्वं शून्यं दरिद्रस्य।
भावार्थ-प्रस्तुत नाट्यांश ‘चारुत्वं चारुदत्तस्य’ शीर्षक पाठ से उद्धत है मूलतः यह पाठ महाकवि शूद्रक विरचित ‘मृच्छकटिकम्’ प्रकरण से संकलित है। प्रस्तुत कथन प्रस्तावना भाग में सूत्रधार का है। इस कथन के द्वारा सूत्रधार ने निर्धन व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन को सारहीन माना है। तदनुसार पुत्रहीन का घर शून्य माना जाता है, सन्मित्र से रहित का सम्पूर्ण जीवन तथा मूर्ख व्यक्ति के लिए सभी दिशाएँ शून्य हैं, किन्तु दरिद्र व्यक्ति के लिए तो सबकुछ शून्य है। अर्थात् दरिद्रता के कारण उसका मान, सम्मान, तेज आदि सबकुछ नष्ट हो जाता है, वह तिरस्कृत एवं विवेकहीन होने से मृतवत् जीवन-यापन करता है। अतः उसके लिए सबकुछ सारहीन होता है।

(ख) सुखं हि दुःखान्यनुभूय शोभते।
घनान्धकारेष्विव दीपदर्शनम्। भावार्थ-प्रस्तुत नाट्यांश ‘चारुत्वं चारुदत्तस्य’ शीर्षक पाठ से उद्धृत है। मूलतः यह पाठ महाकवि शूद्रक विरचित ‘मृच्छकटिकम्’ से संकलित है। यह कथन चारुदत्त का है। अपने प्रियमित्र जूर्णवृद्ध के द्वारा भेजे गये सुगन्धित उत्तरीय वस्त्र को देखकर चारुदत्त चिन्तित हो जाता है तथा अपने पूर्व के समृद्धियुक्त सुखी जीवन का तथा वर्तमान में निर्धनता के कारण स्थिति का स्मरण करके अत्यन्त पीड़ित होता है तथा अपने मित्र विदूषक से निर्धनता के विषय में यथार्थ सत्य का वर्णन करते हुए कहता है। कि जिस प्रकार गहन अन्धकार में दीपक का प्रकाश अत्यन्त शोभाजनक होता है, उसी प्रकार दुःखों का अनुभव करके प्राप्त सुख अत्यधिक सुशोभित होता है। किन्तु सुखों का अनुभव करके जो व्यक्ति निर्धन हो जाता है। वह शरीर को धारण किया हुआ मरे हुए के समान ही जीवित रहता है। अतः दुःखों के बाद प्राप्त सुख आनन्ददायक होता है।

(ग) भाग्यक्रमेण हि धनानि भवन्ति यान्ति।
भावार्थ-प्रस्तुत कथन चारुदत्त का है जो ‘चारुत्वं चारुदत्तस्य’ शीर्षक पाठ से उद्धृत है। मूलतः यह पाठ महाकवि शूद्रक विरचित ‘मृच्छकटिकम्’ से संकलित है। उदारता के कारण अपनी समृद्धि का दान कर देने से निर्धन बना हुआ चारुदत्त इस बात से अत्यधिक पीड़ित होता है कि समृद्धि के समय हमेशा उसके साथ रहने वाले अतिथिगण व मित्रगण आज निर्धनता के कारण उसके निकट आने से भी कतराने लगे। हैं। जब विदूषक चारुदत्त को सान्त्वना देते हुए धन के नष्ट होने की चिन्ता न करने को कहता है, तब अपनी पीड़ा को व्यक्त करते कहता है कि धन तो भाग्यानुसार आता है और जाता है अर्थात् धन-सम्पत्ति कभी स्थिर नहीं रहती है। भाग्य के क्रमानुसार धन कभी आता है तो भाग्य के विपरीत होने पर धन चला जाता है। किन्तु प्रायः यह देखा जाता है कि निर्धन होने पर लोग उससे मित्रता के भाव को छोड़ देते हैं। यही बात सहृदय चारुदत्त की पीड़ा को मुख्य कारण थी।

(घ) अहो निर्धनता सर्वापदामास्पदम्।
भावार्थ-प्रस्तुत कथन चारुदत्त का है जो ‘चारुत्वं चारुदत्तस्य’ शीर्षक पाठ से उद्धृत है। मूलतः यह पाठ महाकवि शूद्रक विरचित ‘मृच्छकटिकम्’ से संकलित है। इसमें चारुदत्त ने निर्धनता का यथार्थ चित्रण किया है।

चारुदत्त कहता है कि वस्तुतः निर्धनता ही सभी विपदाओं का स्थान (कारण) है। निर्धनता से लज्जा प्राप्त होती है, लज्जा होने पर तेज नष्ट हो जाता है, तेजहीन व्यक्ति तिरस्कृत होता है, तिरस्कार से ग्लानि प्राप्त होती है, ग्लानि से शोक प्राप्त होता है, शोक होने पर विवेक नष्ट होता है तथा विवेकहीन व्यक्ति का विनाश हो जाता है। इस प्रकार निर्धनता ही सभी प्रकार की आपदाओं का मूल स्थान है।

प्रश्न 4.
अधोलिखितश्लोकानाम् अन्वयं लिखत
(क) अवन्तिपुर्यां द्विजसार्थवाहो …………………………………. वसन्तसेना।
(ख) तयोरिदं सत्सुरतो …………………………………. शूद्रको नृपः॥
(ग) शून्यमपुत्रस्य गृहं …………………………………. दरिद्रस्य।
(घ) सुखं हि दुःखान्यनुभूय …………………………………. स जीवति॥
(ङ) सत्यं न मे विभवनाश …………………………………. शिथिलीभवन्ति।
उत्तर:
[नोट-उपर्युक्त श्लोकों के अन्वय नाट्यांश के हिन्दी अनुवाद में पूर्व में ही दिये जा चुके हैं, अतः वहाँ से देखकर लिखिए।]

प्रश्न 5.
पाठ्यपुस्तकाधारितं भाषिककार्यम्
(क) कर्तृक्रियापदचयनम्प्रश्नःअधोलिखितनाट्यांशेषु कर्तृक्रियापदचयनं कुरुत
(i) चकार सर्वं किल शूद्रको नृपः।
(ii) एवं तव देवा आशासन्ताम्
(iii) अपरा सुमनसो गम्फति।
(iv) अहमप्यस्मादृशजनयोग्यं ब्राह्मणमुपनिमन्त्रयामि।
(v) मैत्रेय इत एवागच्छति।
(vi) यद् भवानाज्ञापयति
(vii) धृतः शरीरेण मृतः सः जीवति
(viii) यत्सौहदादपि जनाः शिथिलीभवति।
(ix) निर्विण्णःशुचमेति।
(x) त्वमपि चतुष्पथे मातृभ्यो बलिमुपहर।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit विजेत्री Chapter 5 मेघदूतपीयूषम् 22

(ख) विशेषणविशेष्यचयनम्
प्रश्नः (i)
‘अवन्तिपुर्यां गणिका वसन्तसेना आसीत्’ इत्यत्र ‘गणिका’ इत्यस्य विशेष्यपदं किम्?
उत्तर:
वसन्तसेना

प्रश्नः (ii)
‘आर्यस्येव प्रियवयस्येन जूर्णवृद्धेन’–इत्यत्र विशेषणपदं किम्?
उत्तर:
प्रियवयस्येन

प्रश्नः (ii)
‘कदा त्वां कुपितेन राज्ञा छेद्यमानं प्रेक्षिष्ये’ इत्यत्र विशेष्यपदं किम्?
उत्तर:
राज्ञा

प्रश्नः (iv)
अस्मादृशजनयोग्यं ब्राह्मणमुपनिमन्वयामि’ इत्यत्र विशेष्यपदं किम्?
उत्तर:
ब्राह्मणम्

प्रश्नः (v)
‘चारुदत्तस्य मित्र मैत्रेयः इति एवागच्छति’–इत्यत्र विशेषणपदं किम्?
उत्तर:
मित्रम्

प्रश्नः (vi)
जूर्णवृद्धेन जातीकुसुमवासितः प्रावरकोऽनुप्रेषितः’ इत्यत्र विशेषणपदं किम्?
उत्तर:
जातीकुसुमवासितः।

प्रश्नः (vii)
‘सर्वकालमित्र मैत्रेयः प्राप्तः’ इत्यत्र विशेषणपदं किम्?
उत्तर:
मैत्रेयः।

प्रश्नः (viii)
‘सुरजनपीतशेषस्य प्रतिपच्चन्द्रस्येव रमणीय:’-इत्यत्र विशेषणपदं किम्?
उत्तर:
सुरजनपीतशेषस्य

प्रश्नः (ix)
‘तत्को गुणो देवेष्वर्चितेषु’–इत्यत्र विशेषणपदं किम्?
उत्तर:
अर्चितेषु।

प्रश्नः (x)
‘चिरं शून्यं नास्ति यस्य सन्मित्रम्’–इत्यत्र विशेष्यपदं किम्?
उत्तर:
शून्यम्।

(ग) सर्वनाम-संज्ञाप्रयोगः

प्रश्नः अधोलिखितवाक्येषु रेखांकित सर्वनामपदस्य स्थाने संज्ञापदस्य प्रयोगं कृत्वा वाक्यं पुनः लिखत

  1. वसन्तसेना गणिका यस्य गुणानुरक्ता आसीत्।
  2. तयोः सत्सुरतोत्सवाश्रयं नयप्रचारं वर्णितम्।
  3. कृतञ्च सङ्गीतकं मया।
  4. एवं तव देवा आशासन्ताम्
  5. त्वम् एव जन्मान्तरे भविष्यसीति
  6. अन्यं ब्राह्मणमुपनिमन्त्रयतु भवान्
  7. स्वस्ति भवते।
  8. वयस्य न मम अर्थात् प्रति दैन्यम्
  9. एतत्तु मां दहति।
  10. वयस्य कृतो मया गृहदेवताभ्यो बलिः।

उत्तर:

  1. वसन्तसेना गणिका चारुदत्तस्य गुणानुरक्ता आसीत्
  2. वसन्तसेनाचारुदत्तयोः सत्सुरतोत्सवाश्रयं नयप्रचारं वर्णितम्
  3. कृतञ्च सङ्गीतकं सूत्रधारेण।
  4. एवं सूत्रधारस्य देवा आशासन्ताम्
  5. सूत्रधारः एव जन्मान्तरे भविष्यसीति
  6. अन्यं ब्राह्मणमुपनिमन्त्रयतु सूत्रधारः।
  7. स्वस्ति चारुदत्ताय।
  8. वयस्य न चारुदत्तस्य अर्थात् प्रति दैन्यम्
  9. एतत्तु चारुदत्तं दहति।
  10. वयस्य कृतो चारुदत्तेण गृहदेवताभ्यो बलिः।

प्रश्नः
निम्नलिखितवाक्येषु रेखाङ्कितपदानां सर्वनामपदानि लिखत

  1. अये शून्येयम् अस्मत्सङ्गीतशालाः।
  2. सर्वं शून्यं दरिद्रस्य।
  3. अनेन चिरसङ्गीतोपासनेन क्षुधा ममाक्षिणी खटखटायते।
  4. को नियोगोऽनुष्ठीयताम्।
  5. मर्षत्वार्थः परिहासः खल्वेषः।
  6. एष चारुदत्तस्य मित्र मैत्रेयः इत एवागच्छति
  7. एष आर्यचारुदत्तः।
  8. सुखात्तु यो याति नरः दरिद्रताम्।
  9. एते खलु दास्याः अर्थकल्पवर्ताः सन्ति
  10. तमेवार्थकल्पवर्ती स्मृत्वालं संतापितेन

उत्तर:

  1. इयम्
  2. सर्वम्
  3. अनेन
  4. कः
  5. एषः
  6. एषः
  7. एषः
  8. यः
  9. एते
  10. तम्।

(घ) समानविलोमपदचयनम्
प्रश्नः
अधोलिखितवाक्येषु रेखाङ्कितपदानां पर्यायबोधकपदानि लिखत

  1. अवन्तिपुर्यां चारुदत्तः आसीत्।
  2. चकार सर्वं किल शूद्रको नृपः।
  3. अपुत्रस्य गृहं शून्यम्।
  4. सर्वं शून्यं दरिद्रस्य।
  5. प्रचण्डदिनकरकिरणोच्छुष्क पुष्करबीजमिव
  6. मम अक्षिणी खटखटायते।
  7. कः नियोगः अनुष्ठीयताम्
  8. किमस्माकं गेहे सर्वमस्तीति।
  9. पञ्चवर्णकुसुमोपहारशोभिता भूमिः।
  10. कालात्यये मधुकराः करिणः कपोलं परिवर्जयन्ति।

उत्तर:

  1. उज्जयिन्याम्
  2. राजा, भूपतिः
  3. आवासं, गेहम्
  4. निर्धनस्य
  5. सूर्यः, रविः
  6. नेत्रे, नयने
  7. कर्तव्यः
  8. गृहे, भवने
  9. पृथ्वी, भूः
  10. गजस्य।

प्रश्नः
अधोलिखितवाक्येषु रेखाङ्कितपदानां विलोमार्थकपदानि लिखत

  1. युवा दरिद्रः किल चारुदत्तः
  2. मूर्खस्य दिशः शून्याः।
  3. आः अनार्ये, एवं तवाशं छेत्स्यति।
  4. इहलौकिकोऽथवा पारलौकिकः।
  5. कुपितेन राज्ञा छेद्यमानं प्रेक्षिष्ये
  6. सुखं हि दु:खान्यनुभूय शोभते
  7. धृतः शरीरेण मृतः स जीवति
  8. भाग्यक्रमेण हि धनानि भवन्ति यान्ति
  9. निर्बुद्धिः क्षयमेति।
  10. निर्धनता सर्वापदामास्पदम्।

उत्तर:

  1. वृद्धः
  2. पण्डितस्य
  3. आर्ये
  4. इहलौकिकः
  5. प्रसन्ने
  6. दुःखम्
  7. जीवितः
  8. यान्ति
  9. सुबुद्धिः
  10. धनिकता।

(ङ) कः कस्मै कथयति
प्रश्नः अधोलिखितानि कथनानि कः कं प्रति/कस्मै कथयति
(i) आर्य इयमस्मि
(ii) किमस्माकं गेहे सर्वमस्तीति
(iii) मर्षत्वार्यः परिहासः खल्वेष
(iv) अपि च दक्षिणापि ते भविष्यति।
(v) स्वस्ति भवते वर्धतां भवान्।
(vi) वयस्य न ममार्थन्प्रति दैन्यम्।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit विजेत्री Chapter 5 मेघदूतपीयूषम् 23

RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit

Filed Under: Class 12

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Rajasthan Board Questions and Answers

Recent Posts

  • RBSE Solutions for Class 12 Physics Chapter 6 Electric Circuit
  • RBSE Solutions for Class 12 Physics Chapter 3 Electric Potential
  • RBSE Solutions for Class 12 Maths Chapter 3 Matrix Miscellaneous Exercise
  • RBSE Solutions for Class 11 Geography भूगोल
  • RBSE Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 Relations and Functions Ex 2.4
  • Rajasthan Board Class 12 Books | RBSE 12th Class Books PDF Download in English Hindi Medium
  • Rajasthan Board Class 11 Books | RBSE 11th Class Books PDF Download in English Hindi Medium
  • Rajasthan Board Class 10 Books | RBSE 10th Class Books PDF Download in English Hindi Medium
  • Rajasthan Board Class 9 Books | RBSE 9th Class Books PDF Download in English Hindi Medium
  • Rajasthan Board Class 8 Books | RBSE 8th Class Books PDF Download in English Hindi Medium
  • Rajasthan Board Class 7 Books | RBSE 7th Class Books PDF Download in English Hindi Medium

Footer

RBSE Solutions for Class 12
RBSE Solutions for Class 11
RBSE Solutions for Class 10
RBSE Solutions for Class 9
RBSE Solutions for Class 8
RBSE Solutions for Class 7
RBSE Solutions for Class 6
RBSE Solutions for Class 5
RBSE Solutions for Class 12 Maths
RBSE Solutions for Class 11 Maths
RBSE Solutions for Class 10 Maths
RBSE Solutions for Class 9 Maths
RBSE Solutions for Class 8 Maths
RBSE Solutions for Class 7 Maths
RBSE Solutions for Class 6 Maths
RBSE Solutions for Class 5 Maths
Target Batch
RBSE Class 11 Political Science Notes
RBSE Class 11 Geography Notes
RBSE Class 11 History Notes

Copyright © 2021 RBSE Solutions