RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 8 नया समाज बनाएँ is part of RBSE Solutions for Class 5 Hindi .Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 5 Hindi Solutions Chapter 8 नया समाज बनाएँ
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 5 |
Subject | Hindi |
Chapter | Chapter 8 |
Chapter Name | नया समाज बनाएँ |
Number of Questions | 31 |
Category | RBSE Solutions |
Rajasthan Board RBSE Class 5 Hindi Solutions Chapter 8 नया समाज बनाएँ
पाठ का सार- इस कविता में एक ऐसे समाज के निर्माण की कल्पना की गई है, जो एक आदर्श समाज हो। जहाँ के लोगों में वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना हो। जहाँ एक सबके लिए और सब एक के लिए हों। एक ऐसा समाज जहाँ सब समानता, भाईचारे के साथ मिल-जुल कर रहते हों, और अपने सुखद भविष्य के सपने बुनते हों।
कठिन-शब्दार्थ एवं सरलार्थ
(1)
आओ, नया समाज …………नया समाज बनाएँ। (पृष्ठ 37 )
कठिन-शब्दार्थ-समाज = लोगों का समूह । स्वर्ग = एक ऐसा स्थान जहाँ सब प्रकार के सुख हों। | कड़ियाँ जोड़ना = मेल करना। मानवता = मनुष्य होने का भाव। हाथ बँटाना = सहायता करना।
सरलार्थ- कवि आह्वान करता है कि आओ हम सब मिलकर एक नये समाज का निर्माण करें।। एक ऐसे समाज को बनाएँ जहाँ स्वर्ग की तरह सब प्रकार के सुख हों। एक ऐसा समाज बनाएँ, जहाँ जाति-पाँति और ऊँच-नीच का कोई भेदभाव नहीं हो। सब लोगों में अपनेपन का भाव हो। इस धरती के हर मनुष्य में मानवता की भावना हो और सब लोग एक-दूसरे के सुख-दु:ख में एक-दूसरे की मदद करें।
(2)
इस माटी का………… नया समाज बनाएँ॥ ( पृष्ठ 37 )
कठिन-शब्दार्थ-वंदन = प्रणाम। नई रोशनी = सुखद भविष्य। किरणें = आशा। भाव जगाना = विचार पैदा करना।
सरलार्थ- कवि कहता है कि इस माटी का कण-कण चंदन के समान है। भावार्थ यह है कि यह धरती, जिस पर हम रहते हैं यह वंदनीय है। हम इसे नमन करें। हम यहाँ के हर घर में सुखद भविष्य
के लिए नई आशाओं का संचार करें। हम यहाँ के लोगों में आपस में मिल-जुल कर आगे बढ़ने, तरक्की | करने की प्रेरणा भरें, सबके मन में इस प्रकार की भावना जगाएँ। आओ, हम नया समाज बनाएँ।
(3)
श्रम को जीवन….. ………………………… नया समाज बनाएँ॥ ( पृष्ठ 37)
कठिन-शब्दार्थ-जीवन मंत्र = जीवन का लक्ष्य । सपूत = सुपुत्र । नव जीवन = नया जीवन । अलख जगाना = नए विचारों का प्रसार करना। धरा = धरती। गगन = आकाश।
सरलार्थ- कवि कहता है कि इस नये समाज में हम मेहनत से काम करने को अपने जीवन का लक्ष्य बनाएँ। समाज में ऊँच-नीच का भेदभाव समाप्त कर सभी के दिलों में आपस में प्रेम-भाव पैदा करें। हम इस भारत माता के अच्छे पुत्र बन कर लोगों में नवीन विचारों, तरक्की और उन्नति के नए ज्ञान का प्रचार-प्रसार करें। लोगों को यह संदेश दें कि यह धरती और आकाश हम सबका है। हम सब आपस में प्रेम-भाव का प्रसार करें। अन्त में कवि कहता है कि आओ, हम एक ऐसा आदर्श समाज बनाएँ।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
सोचें और बताएँ
प्रश्न 1.
निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़े और इनके शब्दार्थ/भावार्थ को जानें
(अ) जाति-पाँति के बंधन तोड़ें।
अपनेपन की कड़ियाँ जोड़ें।
उत्तर:
समाज से जाति-पाँति की कुरीतियों को दूर कर सब अपनेपन की भावना के साथ मिलकर रहें।
(ब) मिलजुल कर आगे बढ़ने का,
सबके मन में भाव जगाएँ।.
उत्तर:
समाज केसभी लोगों के मन में एक-दूसरे की सहायता और सहयोग करते हुए आगे बढ़ने की भावना पैदा करें।
(स) धरा सभी की, गगन सभी को
यही प्रेम-संदेश सुनाएँ।
उत्तर:
लोगों को प्रेम से यही बताएँ कि इस धरती पर सबका समान अधिकार है। ये धरती-आकाश हम सबके लिए हैं।
लिखें
प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें
(अ) इस धरती के ………………….. से …………….. जोड़ें।
(ब) …………….. की किरणें बन, आज सजा दें ………………
(स) …………….. को जीवन-मंत्र ऊँच-नीच का ………………….।
उत्तर:
(अ) हर मानव का, मानवता, नाता ।
(ब) नई रोशनी, हर घर आँगन ।
(स) श्रम, बनाएँ, भेद मिटाएँ।
प्रश्न 2.
भारत माँ के सपूत बन कर हम कौन-कौन से काम करें?
उत्तर:
भारत माँ के सपूत बनकर हम लोगों की तरक्की और उन्नति के लिए नवीन ज्ञान का प्रचारप्रसार करें। समाज से ऊँच-नीच का भेदभाव समाप्त करें।
प्रश्न 3.
कविता के आधार पर नया समाज’ कैसा होगा?
उत्तर:
कविता के आधार पर ‘नया समाज’ स्वर्ग जैसा होगा; जहाँ ऊँच-नीच, जाति-पाँति की भावना नहीं होगी। सब लोग मिलकर रहेंगे और एक-दूसरे के सुख-दुःख में हाथ बटाएँगे।
प्रश्न 4.
कौनसा संदेश सुनाने की बात कविता में कही गई है?
उत्तर:
कविता में सबको प्रेम-संदेश सुनाने की बात कही गई है।
प्रश्न 5.
हमें किसका भेद मिटाने की आवश्यकता है?
उत्तर:
हमें ऊँच-नीच का भेद मिटाने की आवश्यकता है।
प्रश्न 6.
‘नई रोशनी’ से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
‘नई रोशनी’ का तात्पर्य सामाजिक बदलाव लाने से है। इसका आशय जाति-पांति के बन्धनों को समाप्त कर आपसी मेलजोल वाले सुखद भविष्य से है।
प्रश्न 7.
हमें एक-दूसरे के प्रति कैसे भाव रखने चाहिए?
उत्तर:
हमें एक-दूसरे के प्रति भाईचारा व समानता का भाव रखना चाहिए।
भाषा की बात
यह भी करें
आप अपने शब्दों में लिखें और अपनी कक्षा में सुनाएँप्रश्न
प्रश्न 1.
आप कैसे समाज के निर्माण की बात करेंगे?
उत्तर:
हम ऐसे समाज के निर्माण की बात करेंगे, जिसमें भाईचारा रहे, ऊँच-नीच व जाति-पाँति का भेद-भाव न रहे, सबको उन्नति का मौका मिले और सब सुखी रहें। ‘एक सब के लिए और सबै एक के लिए’ ऐसे भाव को सभी अपने जीवन में अपनाएँ।
प्रश्न 2.
आदर्श समाज के निर्माण में आपकी भूमिका क्या होनी चाहिए?
उत्तर:
आदर्श समाज के निर्माण में हमारी प्रमुख भूमिका होनी चाहिए। हमें इस काम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। इस काम के लिए हमें सभी को प्रेरणा देनी चाहिए। हम समाज में जागरूकता लाने का काम करेंगे।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
कविता में माटी के कण-कण को क्या बताया गया है?
(अ) सोना
(ब) चंदन
(स) केसर
(द) रजत
उत्तर:
(ब) चंदन
प्रश्न 2.
‘हाथ बँटाना’ से क्या आशय है?
(अ) सहायता करना
(ब) हाथ पकड़ना
(स) हाथ मिलाना
(द) हाथ खींचना
उत्तर:
(अ) सहायता करना
प्रश्न 3.
कविता में किसे स्वर्ग बनाने की बात कही गई है?
(अ) समाज को
(ब) मानवता को
(स) धरती को
(द) जाति को
उत्तर:
(स) धरती को
प्रश्न 4.
धरती के हर मानव का नाता किससे जोड़ना है?
(अ) समाज से
(ब) जाति से
(स) देश से
(द) मानवता से
उत्तर:
(द) मानवता से
रिक्त स्थान भरो
(गगन, चन्द्र, श्रम, हाथ, समाज, मकान)
प्रश्न 1.
एक-दूसरे के सुख-दुख में मिलकर बैठे बटाएँ।
प्रश्न 2.
आओ, नया ……………… बनाएँ।
प्रश्न 3.
धरा सभी की, ……………… सभी का।
प्रश्न 4.
………………. को जीवन-मंत्र बनाएँ।
उत्तर:
1. हाथ
2. समाज
3. गगन
4. श्रम।
नीचे दिए गए वाक्यों में सही होने पर (✓) तथा गलत होने पर (✗) का निशान लगाएँ
प्रश्न 1.
हमें जाति-पाँति के बन्धन तोड़ने चाहिए।
उत्तर:
(✓)
प्रश्न 2.
हम सब मिलकर स्वर्ग को धरती बनाएं।
उत्तर:
(✗)
प्रश्न 3.
हम सभी को मिलकर एक नया समाज बनाना चाहिए।
उत्तर:
(✓)
प्रश्न 4.
आलस्य को हमें जीवन मंत्र बनाना चाहिए।
उत्तर:
(✗)
प्रश्न 5.
हम नव जीवन की अलख जगाएँ।
उत्तर:
(✓)
प्रश्न 6.
श्रम को जीवन मंत्र बनाएं।
उत्तर:
(✓)
प्रश्न 7.
हमें दूसरों की मदद नहीं करनी चाहिए।
उत्तर:
(✗)
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
श्रम को क्या बनाने की बात कही गई है?
उत्तर:
श्रम को जीवन का मंत्र अर्थात् लक्ष्य बनाने की बात कही गई है।
प्रश्न 2.
एक-दूसरे के सुख-दुःख में क्या करना चाहिए?
उत्तर:
एक-दूसरे के सुख-दुःख में सबको मिलकर सहायता करनी चाहिए।
प्रश्न 3.
कविता में देश की मिट्टी को किसके समान बताया गया है?
उत्तर:
कविता में देश की मिट्टी को चंदन के समान बताया गया है।
प्रश्न 4.
समाज में किस प्रकार की अलख जगाएँ?
उत्तर:
समाज में मेलजोल रखकर नये जीवन की अलख जगाएँ।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
‘अपनेपन की कड़ियाँ जोड़े के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर:
कवि कहना चाहता है कि हम एक ऐसे समाज का निर्माण करें, जिसमें जाति-पाँति का किसी प्रकार का बंधन नहीं हो। और हर व्यक्ति मानवता की भावना से काम करते हुए एक-दूसरे से अपनापन बनाए रखे।
प्रश्न 2.
आप समाज में नवजीवन की अलख किस प्रकार जगाएँगे?
उत्तर:
नए समाज के निर्माण में समाज में फैली कुरीतियों को दूर कर नये ज्ञान-विज्ञान का प्रचार-प्रसार किया जाए। समाज में से ऊँच-नीच का भेद मिटाया जाए। लोगों के सुखद भविष्य के लिए काम किया जाए। इस प्रकार नवजीवन की अलख जगाई जा सकती है।
प्रश्न 3.
‘आज सजा दें हर घर आँगन।’ इससे कवि का क्या आशय है?
उत्तर:
कवि का इससे आशय है कि नये समाज को बनाने के लिए हम नये लक्ष्य लेकर आगे बढ़े, प्रत्येक घर को नयी खुशियों से भर दें और मानवता के सुन्दर आचरण से सारे भारत को सजा दें। अपने देश और समाज को खुशहाली से भर दें।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
‘नया समाज बनाएँ’ कविता द्वारा क्या, सन्देश दिया गया है? बताइये।
उत्तर:
इस कविता से यह संन्देश दिया गया है कि हमें अपने देश को स्वर्ग के समान सुख से भरपूर बनाना चाहिए। अपने देश का समाज आदर्श बनाना चाहिए, जिसमें आपस में भाईचारा हो, जाति-पाँति और ऊँचनीच का भेदभाव न हो। सभी को समान रूप से उन्नति करने का मौका मिले। सब लोग परिश्रमी हों, सब आपस में सहयोग करें और सब अपने देश से प्रेम करें तथा सब इसकी वन्दना करें। हमें नये भविष्य को लक्ष्य में रखकर नया समाज बनाना चाहिए।
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