RBSE Solutions for Class 6 Hindi Chapter 15 योग और हमारा स्वास्थ्य are part of RBSE Solutions for Class 6 Hindi. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 6 Hindi Chapter 15 योग और हमारा स्वास्थ्य.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 6 |
Subject | Hindi |
Chapter | Chapter 15 |
Chapter Name | योग और हमारा स्वास्थ्य |
Number of Questions Solved | 35 |
Category | RBSE Solutions |
Rajasthan Board RBSE Class 6 Hindi Chapter 15 योग और हमारा स्वास्थ्य
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर
पाठ से
उच्चारण के लिए
हानि, स्वस्थ, इच्छा, उत्साह, निष्क्रिय, दृढ़ता।
नोट—छात्र-छात्राएँ स्वयं उच्चारण करें।
सोचें और बताएँ
प्रश्न 1.
खेल या व्यायाम के लिए कौन-सा समय उत्तम है?
उत्तर:
खेल या व्यायाम के लिए प्रात:काल का समय उत्तम है, क्योंकि इस समय की वायु का स्पर्श स्वास्थ्य के लिए हितकर होता है।
प्रश्न 2.
उत्तम स्वास्थ्य को जीवन का सबसे बड़ा धन क्यों माना गया है?
उत्तर:
उत्तम स्वास्थ्य को जीवन का सबसे बड़ा धन इसलिए कहा गया है, क्योंकि इसके अभाव में मनुष्य किसी कार्य को रुचिपूर्वक नहीं कर सकता है। कार्य के प्रति रुचि और लगाव के अभाव में वह अपने जीवन का लक्ष्य भी पूरा नहीं कर सकता।
लिखें
अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
‘पद्मासन’ का क्या अर्थ है?
उत्तर:
‘पद्मासन’ का अर्थ है-कमल जैसा आसन। इस आसन को करते समय व्यक्ति की बैठक की स्थिति कमल के समान हो जाती है।
प्रश्न 2.
शरीर के किस अंग को स्वचालित पंप कहा गया
उत्तर:
शरीर के हृदय को स्वचालित पंप कहा गया है।
प्रश्न 3.
विद्यालय में करवाए जाने वाले व्यायाम कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
विद्यालय में करवाए जाने वाले खेलकूद, व्यायाम, आसन-प्राणायाम आदि हैं।
प्रश्न 4.
वज्रासन करने से क्या लाभ हैं?
उत्तर:
वज्र का अर्थ कठोर या सख्त होता है। अत: वज्रासन करने से शरीर वज्र के समान बनता है।
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) खेल या व्यायाम सदा ……… हवा में करना चाहिए।
(ख) जीने के लिए ……… खाने के लिए मत जिओ।
उत्तर:
(क) खुली हवा
(ख) खाओ
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
किशोरावस्था में विशेष तौर पर किए जाने वाले व्यायामों के नाम लिखिए।
उत्तर:
किशोरावस्था के बच्चों के लिए खेलकुद, जिमनास्टिक, आसन, दौड़ना, तैरना आदि अच्छे और लाभकारी व्यायाम हैं। इसके अलावा किशोरावस्था के लिए फुटबॉल, हॉकी, कबड्डी, बॉस्केटबाल, खो-खो आदि खेल भी अत्यंत लाभदायक हैं। अत: किशोरवय बालकों को उत्साह से इनमें भाग लेना चाहिए।
प्रश्न 2.
प्रत्येक बालक एवं बालिका को सामूहिक खेलों में भाग क्यों लेना चाहिए?
उत्तर:
प्रत्येक बालक-बालिका को किसी-न-किसी सामूहिक खेल में अवश्य भाग लेना चाहिए। इससे न केवल शरीर फुर्तीला और सशक्त होता है अपितु परस्पर सहयोग से काम करने की भावना का भी विकास होता है। प्राय: सभी विद्यालयों में सामूहिक व्यायाम कराये जाते हैं। सैकड़ों बच्चों का एक साथ व्यायाम करने का दृश्य बड़ा मनमोहक होता है।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
योगासन का मानव जीवन में क्या महत्व है?
उत्तर:
उत्तम स्वास्थ्य के लिए योगासन का अति महत्व है। योगासन मानव जीवन में अनेक प्रकार से अपना प्रभाव डालता है। प्राचीनकाल में ऋषियों-मुनियों के स्वस्थ एवं दीर्घायु रहने का रहस्य योगासन ही था। योगासन मानव समाज के हर व्यक्ति को करना चाहिए। इससे न केवल शरीर लचीला, फुर्तीला और नीरोगी बना रहता है, बल्कि इसके द्वारा मानसिक, बौधिक एवं आध्यात्मिक विकास भी होता है। योगासनों द्वारा शरीर और मन की प्रवृत्तियों पर भी नियंत्रण रखा जा सकता है। योगासनों द्वारा व्यक्ति के आंतरिक अंगों, जैसे-हृदय, फेफड़ों, मस्तिष्क, पेट, गुर्दै, रक्तवाहिनियों तथा अन्त:स्रावी ग्रंथियों को काफी लाभ पहुँचता है। योग का अर्थ होता है-‘जोड़ना’ और आसन का अर्थ होता है-‘स्थिर एवं सुखपूर्वक शरीर की स्थिति’। अत: तन और मन की स्वस्थ, स्थिर एवं सुखपूर्ण स्थिति का नाम योगासन है।
प्रश्न 2.
खेलों तथा व्यायाम के दौरान हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:
खेलों तथा व्यायाम के दौरान हमें कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। खेल या व्यायाम सदा खुली हवा में करना चाहिए। खेल या व्यायाम करते समय रक्त प्रवाह की गति प्रायः तीव्र हो जाती है। अत: जहाँ भी खेल या व्यायाम करें वहाँ पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन होनी चाहिए। खेल तथा व्यायाम प्रात:काल के समय सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि इस समय की वायु को स्पर्श स्वास्थ्य के लिए हितकर होता है। खेल तथा व्यायाम के समय पेट खाली होना चाहिए क्योंकि भरे हुए पेट में खेल तथा व्यायाम करने से तबियत खराब होने का डर रहता है।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
‘शारीरिक’ शब्द में ‘इक’ प्रत्यय लगा हुआ है, इसमें मूल शब्द ‘शरीर’ है। आप भी पाठ में से ‘इक’ प्रत्यय वाले शब्द छाँटिए।
उत्तर:
- पौष्टिक
- सामूहिक
- दैनिक
- ऐच्छिक
- मानसिक
- बौद्धिक
- आध्यात्मिक
- आंतरिक
प्रश्न 2.
निम्न शब्दों को पढ़िए और अनुनासिक अनुस्वारअपनी अभ्यास-पुस्तिका में लिखिए।
चादी …………. चद्र
सुदर …………. हुसना
अश …………. दात
चाद …………. वंश
उत्तर:
चाँदी चन्द्र
सुंदर हँसना
अंश दाँत
चाँद वंश
प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों को पढ़ो और इनकी बनावट को समझिए।
चरित्र, कच्चा, सम्मान, हड्डी, पक्का, श्रम, क्या
उपर्युक्त शब्दों में कुछ शब्दों में एक ही व्यंजन दो बार जुड़कर आया है। एक बार हलंत तथा दुबारा पूर्ण व्यंजन के रूप में जुड़कर शब्द बना है, जैसे-कच्चा, पक्का तथा कुछ शब्दों में एक हलंत व्यंजन के साथ दूसरा पूर्ण व्यंजन जुड़कर शब्द बना है, जैसे-क्या, श्रम।
जब एक ही व्यंजन अपने हलंत एवं पूर्ण रूप में दो बार लिखा जाए तो उसे वित्व व्यंजन कहते हैं तथा जब एक हलंत व्यंजन दूसरे पूर्ण व्यंजन के साथ मिलकर लिखा जाता है तो उसे संयुक्त व्यंजन कहते हैं।
आप भी पाठ में आए दुवित्व व्यंजनों को छाँटकर लिखिए।
उत्तर:
- उत्तम
- कबड्डी
- बच्चों
- महत्व
- प्रवृत्तियों
- प्रसन्न।
पाठ से आगे
प्रश्न 1.
पाठ में आए खेलों की सूची बनाइए।
उत्तर:
- हॉकी
- क्रिकेट
- फुटबाल
- कबड्डी
- बास्केटबॉल
- खो-खो
- लॉन-टेनिस
- टेबिल-टेनिस
प्रश्न 2.
आपके द्वारा बनाए गए खेलों की सूची में से किसी एक खेल के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
क्रिकेट-क्रिकेट में ग्यारह खिलाड़ी एक टीम में होते हैं और यह खेल लकड़ी के बल्ले और बाल से खेला जाता है। यह एक अंतर्राष्ट्रीय खेल है। यह प्रत्येक देश में खेला जाता हैं। इसमें 50-50 ओवर के मैच होते हैं। प्रत्येक ओवर में छ: बॉल खेली जाती हैं। आजकल तो 20-20 ओवर के मैच T20 नाम से भी खेले जाते हैं और इसमें पाँच दिन का टेस्ट मैच भी खेला जाता हैं।
प्रश्न 3.
पाठ में आए आसनों के अतिरिक्त अन्य आसनों के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
- शीर्षासन-इसमें सिर जमीन पर और पैर ऊपर की तरफ होते हैं। इस आसन से बालों में असमय सफेदी नहीं आती है। मस्तिष्क का विकास होता है।
- शवासन-इस आसन में शरीर को ढीला करके छोड़ दिया जाता है। इसमें बाय करवट से लेटा जाता है। इसमें शरीर के सभी अंगों को ढीला-ढाला छोड़ दिया जाता है। जिससे शरीर को आराम मिलता है।
यह भी जानें
बास्केटबॉल हमारा राज्य खेल है। इस खेल को सर्वप्रथम 1936 के बर्लिन ओलंपिक में शामिल किया है। इसकी प्रत्येक टीम में 5-5 खिलाड़ी होते हैं।
उत्तम स्वास्थ्य के लिए संतुलित भोजन आवश्यक है। भोजन के अवयव इस प्रकार हैं
- प्रोटीन
- कार्बोहाइड्रेट
- जल
- वसा
- खनिज लवण
- विटामिन
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
उत्तम स्वास्थ्य जीवन का सबसे बड़ा है
(क) शत्रु
(ख) मित्र
(ग) धन
(घ) संपदा
प्रश्न 2.
हृदय एक प्रकार का पंप है
(क) स्वचालित
(ख) मशीनी
(ग) प्राकृतिक
(घ) अप्राकृतिक।
प्रश्न 3.
हमारे फेफड़े निरंतर छोड़ने का कार्य करते हैं
(क) खाना
(ख) श्वास
(ग) पानी
(घ) रक्त
प्रश्न 4.
अंगों की ऐच्छिक गति किसके द्वारा होती है
(क) हृदय द्वारा
(ख) तिल्ली द्वारा
(ग) माँसपेशियों द्वारा
(घ) आँतं द्वारा।
उत्तर:
1. (ग)
2. (क)
3. (ख)
4. (ग)
रिक्त स्थान पूर्ति…..
(योगासन, पौष्टिक, शारीरिक, ऐच्छिक, बच्चों)
- उत्तम स्वास्थ्य को अर्थ केवल …………… स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है।
- ……… भोजन के साथ खेलकूद, व्यायाम, आसन, प्राणायाम आदि बहुत आवश्यक है।
- खेल से ………. में राष्ट्र-प्रेम एवं राष्ट्रीय एकता का भी विकास होता है।
उत्तर:
- शारीरिक
- पौष्टिक
- बच्चों
अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
शारीरिक और मानसिक थकान से बचने के लिए किसकी आवश्यकता होती है?
उत्तर:
शारीरिक और मानसिक थकान से बचने के लिए। मनोरंजन के साधनों की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 2.
बच्चों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए कौन से साधन हैं?
उत्तर:
बच्चों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए खेलकुद, आसन, प्राणायाम आदि अनेक रुचिकर साधन हैं।
प्रश्न 3.
हृदय का क्या कार्य है?
उत्तर:
हृदय एक प्रकार का स्वचालित पंप है, जो बिना हमारी जानकारी के हमारे खून को दिन-रात सारे शरीर में प्रवाहित करता है।
प्रश्न 4.
तैरने से शरीर में क्या क्रिया होती है?
उत्तर:
तैरना भी एक प्रकार का खेल हैं। इससे मनोरंजन के साथ-साथ शरीर के सभी अंगों का व्यायाम हो जाता है।
प्रश्न 5.
योगासनों के द्वारा किसको लाभ पहुंचता है?
उत्तर:
योगासनों के द्वारा व्यक्ति के आंतरिक अंगों; जैसे-हृदय, फेफड़ों, मस्तिष्क, पेट, गुर्दे, रक्त वाहिनियों तथा अंत:स्रावी ग्रंथियों को काफी लाभ पहुँचता है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
विद्यार्थियों के लिए कौन-कौन से आसन लाभदायक हैं?
उत्तर:
वैसे तो उत्तम स्वास्थ्य के लिए बहुत से योग और आसनों का विधान है, किंतु विद्यार्थियों के लिए ध्यानात्मक, शारीरिक व्यायाम वाले आसन आवश्यक हैं, जिनमें पद्मासन, वज्रासन, धनुरासन, चक्रासन, कटिचक्रासन, सर्वांगासन, हलासन विशेष लाभदायक हैं।
प्रश्न 2.
उत्तम स्वास्थ्य का क्या अर्थ है?
उत्तर:
उत्तम स्वास्थ्य का अर्थ केवल शारीरिक स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं है, इसमें हमारा मानसिक स्वास्थ्य, चरित्र और समय भी सम्मिलित हैं। उत्तम स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक भोजन के साथ खेलकूद, व्यायाम, आसन, प्राणायाम आदि बहुत आवश्यक है।
प्रश्न 3.
हमारे शरीर के अंग किस प्रकार अपना काम करते हैं?
उत्तर:
हमारा शरीर एक यंत्र के समान है। इसमें अनेक प्रकार के कल-पुर्जे लगे हैं। हृदय एक प्रकार का स्वचालित पंप है, जो हमारे शरीर में खून को प्रवाहित करता है। इसी प्रकार फेफड़े निरंतर श्वास छोड़ने का कार्य करते हैं। हृदय, तिल्ली, गुर्दे, आँतं आदि शरीर के अन्य अंग भी इसी प्रकार निरंतर अपना-अपना कार्य करते रहते हैं।
प्रश्न 4.
माँसपेशियों के द्वारा क्या होता है?
उत्तर:
हमारे शरीर के अंगों की ऐच्छिक गति माँसपेशियों के द्वारा होती है। जिसे हम इच्छानुसार सिकोड़ या फैला सकते हैं। चलना, दौड़ना, झुकना, उठना, बैठना, खाना, पीना, बोलना आदि क्रियाएँ माँसपेशियों के द्वारा ही की जाती हैं जो हमारी इच्छा द्वारा नियन्त्रित होती हैं।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
खेल से बच्चों में किस-किस भावना का विकास होता है?
उत्तर:
सामूहिक खेलों से बच्चों में परस्पर सहयोग, सद्भाव एवं मेलजोल से काम करने की भावना का विकास होता है। खेल से बच्चों में राष्ट्र-प्रेम एवं राष्ट्रीय एकता का भी विकास होता है। अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाला प्रत्येक खिलाड़ी अपने कौशलों को प्रदर्शित कर अपने देश का नाम उजागर करता है। इसका प्रत्यक्ष अनुभव उस समय होता है जब हम दूरदर्शन से प्रसारित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय हॉकी, क्रिकेट, फुटबाल, कबडी प्रतियोगिताओं को देखते हैं। इसे देखते समय अपने देश के खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन से उनके प्रति हमारे हृदय में प्रेम, सौहार्द एवं सम्मान की भावना जागती है और उस समय हमारे मन में जाति, धर्म, संप्रदाय, क्षेत्र आदि के भेदभाव लेशमात्र भी शेष नहीं रहते।
प्रश्न 2.
मनुष्य को अपना शरीर स्वस्थ रखने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर:
दिनभर श्रम करने के कारण मजदूरों और किसानों के शरीर के अधिकतर अंगों का व्यायाम हो जाता है। लेकिन जिनका काम अधिकतर बैठने का होता है उनके शरीर की माँसपेशियाँ काम करना बंद कर देती हैं। ऐसे में लोगों को अपना शरीर स्वस्थ रखने के लिए खेल, व्यायाम, आसन आदि क्रियाएँ नित्य करते रहना चाहिए। ऐसा करने से शरीर की समस्त माँसपेशियों का रक्तप्रवाह संतुलित रहता है, उनकी अशुधियाँ दूर होती हैं, उनमें नई शक्ति आ जाती है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को चाहिए कि अपने उत्तम स्वास्थ्य के लिए अपनी अवस्था व रुचि के अनुसार खेल, आसन, व्यायाम, प्राणायाम आदि में से किसी को चुनकर नियमित अभ्यास करना चाहिए।
कठिन शब्दार्थ
रुचिपूर्वक = इच्छापूर्वक। लगाव = प्रेम। अभाव = कमी। लक्ष्य = उद्देश्य, मंजिल। उत्तम = सबसे अच्छा। शारीरिक = शरीर संबंधी। मानसिक = मन संबंधी। संयम = नियंत्रण। साधन = रास्ते। पौष्टिक = ऐसा भोजन जो खाने में स्वास्थ्यवर्धक हो। आवश्यकता = जरूरत। दुर्बल = कमजोर। क्रीडांगण = खेल का मैदान। सामूहिक = साथ-साथ। परस्पर = आपस में। सहयोग = मदद। सद्भाव = अच्छा व्यवहार। भावना = आदत। विकास = प्रगति। कौशलों = हुनर। प्रदर्शित = दिखाते हैं। उजागर = रोशन करना। प्रत्यक्ष = साफ। अनुभव = तजुर्बा। प्रसारित = फैलाना। प्रेम = प्यार। सौहार्द = भाईचारा। लेशमात्र = तनिक भी। यंत्र = मशीन। कल-पुर्जे = उपकरण। स्वचालित = अपने आप चलने वाला। प्रवाहित = फैलाता। निरंतर = लगातार। ज्ञान = जानकारी। ऐच्छिक = इच्छानुसार। स्पष्ट = साफ। सशक्त = शक्ति से भरपूर। समर्थ = योग्य। निष्क्रिय = कार्य न करना। सक्रिय = कार्य करना। नित्य = रोज। रक्त-प्रवाह = खून का बहना। संतुलित = नियंत्रण। अभ्यास = कोशिश। नियमित = रोजाना। पर्याप्त = कॉफी। मनमोहक = मन को खुशी देने वाला। सुविधा = लाभ। महत्व = जरूरी। दीर्घायु = लंबी उम्र होना। रहस्य = भेद। अवस्था = स्थिति। उपयोगी = लाभकारी। आध्यात्मिक = धार्मिक। प्रवृत्तियों = आदतों। नीरसता = अनिच्छा। व्यायाम = कसरत। जड़ता = जकड़न, जमना। रक्त वाहिनियाँ = खून की नलियाँ। वात रोग = वायु रोग, गैस रोग। कांति = सुंदरता। सुघड़ता = सुड़ौलता। दीर्घ यौवन = लंबे समय तक जवान बने रहना। अत्यंत = बहुत अधिक। विधियाँ = तरीका। मेरुदंड = रीढ़ की हड्डी। विकार = बुराई, कष्ट। स्पर्श = छूना। गरिष्ठ भोजन = ऐसा भोजन, जिसे पचाने में कठिनाई हो। आमंत्रण = न्यौता। स्फूर्ति = फुर्ती, चुश्ती। अशुद्धियाँ = बुराइयाँ, गंदगी। किशोरावस्था = बचपन और जवानी के बीच की अवस्था। निरोगी = बिना रोग का। विधान = नियम्। पश्चात् = बाद में। विश्राम = आराम। कृत्रिम = बनावटी। विधिवत = नियमपूर्वक। दुर्लभ = जिसे पाना कठिन हो। अपितु = बल्कि। अवस्था = आयु। शेष = बाकी। मेल-जोल = साथ-साथ मिलकर। श्रम = मेहनत। क्रियाएँ = कार्य करना। हितकर = लाभकारी।
गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
(1)
जीवन को स्वस्थ और सुंदर बनाने के अनेक साधन हैं। इसके लिए पौष्टिक भोजन के साथ खेल कूद, व्यायाम आसन, प्राणायाम आदि बहुत आवश्यक हैं। शारीरिक और मानसिक थकान से बचने के लिए मनोरंजन के साधनों की भी आवश्यकता होती है। स्वस्थ मनोरंजन के अभाव में भी उत्तम स्वास्थ्य दुर्बल हो जाता है। बच्चों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए खेलकुद, व्यायाम, आसन-प्राणायाम आदि अनेक रुचिकर साधन हैं, जिन्हें बच्चे विद्यालय के क्रीड़ांगण में सामूहिक रूप से सरलतापूर्वक कर सकते हैं। इनसे बालकों में परस्पर सहयोग, सद्भाव एवं मेलजोल से काम करने की भावना का विकास होता है। खेल से बच्चों में राष्ट्रप्रेम एवं राष्ट्रीय एकता का भी विकास होता है।
प्रसंग—प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक के ‘योग और हमारा स्वास्थ्य’ नामक निबंध से लिया गया है। इसके लेखक राजनारायण तिवारी हैं। इसमें लेखक शरीर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के साधन बता रहे हैं।
व्याख्या/भावार्थ—इन पंक्तियों में लेखक कहते हैं कि हमारे जीवन को स्वस्थ और सुंदर बनाने के अनेक तरीके हैं। इसके लिए विटामिन, प्रोटीन, वसा, मिनरल्स और कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन करना चाहिए। इसके साथ ही खेलकूद, कसरत, आसन, प्राणायाम, योग आदि बहुत जरूरी हैं। शरीर की और मन की थकान से बचने के लिए मनोरंजन के तरीके भी बहुत जरूरी होते हैं। स्वस्थ मनोरंजन के बिना अच्छा शरीर भी कमजोर हो जाता है। बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए खेलकुद, कसरत, आसन, प्राणायाम आदि बहुत सारे रुचिकर उपाय हैं, जिन्हें बच्चे विद्यालय के खेल के मैदान में एक साथ आसानी से कर सकते हैं। इनसे बच्चों को आपस में मदद, भाईचारा एवं साथ में मिलकर काम करने की आदत की प्रगति होती है। खेल से बच्चों में राष्ट्रप्रेम एवं राष्ट्रीय एकता की भी प्रगति होती है।
प्रश्न 1.
किसको स्वस्थ और सुंदर बनाने के अनेक साधन हैं?
उत्तर:
जीवन को स्वस्थ और सुंदर बनाने के अनेक साधन
प्रश्न 2.
ये अनेक साधन क्या-क्या हैं?
उत्तर:
ये अनेक साधन पौष्टिक भोजन, खेलकूद, व्यायाम, आसन, प्राणायाम आदि हैं।
प्रश्न 3.
शारीरिक और मानसिक थकान से बचने के लिए किसकी आवश्यकता होती है?
उत्तर:
शारीरिक और मानसिक थकान से बचने के लिए मनोरंजन के साधनों की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 4.
बच्चों में खेलकूद, व्यायाम, आसन-प्राणायाम आदि एक साथ करने से किस भावना का विकास होता है?
उत्तर:
बच्चों में खेलकूद, व्यायाम, आसन-प्राणायाम आदि एक साथ करने से परस्पर सहयोग, सद्भाव एवं मेलजोल की भावना का विकास होता है।
(2)
दिनभर श्रम करने के कारण मजदूरों और किसानों के शरीर के अधिकतम अंगों का व्यायाम हो जाता है। पर जो लोग बैठकर काम करते हैं या जिनका अधिक समय लिखने-पढ़ने में व्यतीत होता है, उनके शरीर की अधिकतर माँसपेशियाँ निष्क्रिय बनी रहती हैं। ऐसे लोगों को चाहिए कि वे अपनी माँसपेशियों को सक्रिय बनाने के लिए खेल, व्यायाम, आसन आदि क्रियाएँ नित्य करते रहें। ऐसा करने से शरीर की समस्त माँसपेशियों का रक्त प्रवाह संतुलित रहता है, उनकी अशुद्धियाँ दूर होती हैं, उनमें नई शक्ति आ जाती है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वह अपनी अवस्था व रुचि के अनुसार खेल, आसन, व्यायाम, प्राणायाम आदि में से किसी को चुनकर नियमित अभ्यास करें।
प्रसंग—प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक के “योग और हमारा स्वास्थ्य” नामक निबंध से लिया गया है। इसके लेखक राजनारायण तिवारी हैं। इन पंक्तियों में शरीर की माँसपेशियों के बारे में बताया गया है।
व्याख्या/भावार्थ—इसमें बताया गया है कि सुबह से शाम तक मेहनत करने से मजदूरों और किसानों के शरीर के अधिकतर अंगों का व्यायाम हो जाता है। परंतु जो लोग केवल बैठकर काम करते हैं या जिनका अधिक समय लिखने-पढ़ने में बीतता है, उनके शरीर की अधिकतर माँसपेशियाँ काम नहीं करती हैं। ऐसे लोगों को चाहिए कि वे अपनी माँसपेशियों को काम में लाने के लिए खेल, कसरत, आसन आदि कार्य रोज करना चाहिए। ऐसा करने से शरीर की सारी माँसपेशियों का रक्त प्रवाह नियंत्रित रहता है, उनकी कमियाँ दूर होती हैं, उनमें नई शक्ति आ जाती है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वह अपनी आयु और इच्छा के अनुसार खेल, आसन, व्यायाम, प्राणायाम आदि में से किसी को चुनकर नियमित अभ्यास करें।
प्रश्न 1.
मजदूरों और किसानों के शरीर के अधिकतर अंगों का व्यायाम किस प्रकार हो जाता है?
उत्तर:
मजदूरों और किसानों के शरीर के अधिकतर अंगों का व्यायाम दिनभर श्रम करने के कारण हो जाता है।
प्रश्न 2.
माँसपेशियाँ निष्क्रिय कब बनी रहती हैं?
उत्तर:
जो लोग बैठकर काम करते हैं या जिनका अधिक समय लिखने-पढ़ने में व्यतीत होता है, उनके शरीर की माँसपेशियाँ निष्क्रिय बनी रहती हैं।
प्रश्न 3.
माँसपेशियाँ सक्रिय कैसे होती हैं?
उत्तर:
माँसपेशियों को सक्रिय बनाने के लिए खेल, व्यायाम, आसन आदि क्रियाएँ नित्य करते रहना चाहिए।
प्रश्न 4.
खेल, व्यायाम और आसन करने का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
खेल, व्यायाम और आसन करने से शरीर की समस्त माँसपेशियों का रक्त प्रवाह संतुलित रहता है, उनकी अशुधियाँ दूर होती हैं, उनमें नई शक्ति आ जाती है।
(3)
उत्तम स्वास्थ्य के लिए योगासन का अति महत्व है। प्राचीन काल में ऋषियों-मुनियों के स्वस्थ एवं दीर्घायु बने रहने का रहस्य योगासन ही था। योगासन हर अवस्था के सभी स्त्री-पुरुषों के लिए उपयोगी होता है। इससे न केवल शरीर लचीला, फुर्तीला और निरोगी बना रहता है, बल्कि इसके द्वारा मानसिक, बौधिक एवं आध्यात्मिक विकास भी होता है। योगासनों द्वारा शरीर तथा मन की प्रवृत्तियों पर भी नियंत्रण रखा जा सकता है। जब कोई व्यक्ति कार्य की नीरसता या परिश्रम की अधिकता के कारण शारीरिक एवं मानसिक थकान अनुभव करता है, तो योग उसे आराम पहुँचाता है, उसकी जड़ता और आलस्य को दूर करता है।
प्रसंग—प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक के ‘योग और हमारा स्वास्थ्य’ नामक निबंध से लिया गया है। इसके लेखक राजनारायण तिवारी हैं। इन पंक्तियों में उन्होंने योगासन के महत्व के बारे में बताया है।
व्याख्या/भावार्थ—लेखक कहते हैं कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए योगासन बहुत ही जरूरी है। पुराने समय में ऋषियों और मुनियों के स्वस्थ एवं लंबी आयु तक जीने का राज योगासन ही था। योगासन हर आयु के सभी स्त्री-पुरुषों के लिए लाभकारी होता है। इसे करने से न केवल शरीर में लचीलापन, चुस्ती और रोग नहीं होता है, बल्कि इसके द्वारा मन संबंधी, बुद्धि संबंधी और धर्म संबंधी विकास भी होता है। योगासनों द्वारा शरीर तथा मन की आदतों पर भी काबू पाया जा सकता है। जब कोई व्यक्ति काम की अनिच्छा या मेहनत की अधिकता के कारण शरीर की एवं मन की थकान का अनुभव करता है तो योग उसे आराम पहुँचाता है। उसकी जकड़न और आलस्य को दूर करता है।
प्रश्न 1.
उत्तम स्वास्थ्य के लिए किसका महत्व है?
उत्तर:
उत्तम स्वास्थ्य के लिए योगासन का अति महत्व है।
प्रश्न 2.
प्राचीनकाल में ऋषियों-मुनियों के स्वस्थ रहने का क्या रहस्य था?
उत्तर:
प्राचीनकाल में ऋषियों-मुनियों के स्वस्थ एवं दीर्घायु बने रहने का रहस्य योगासन ही था।
प्रश्न 3.
योगासन के द्वारा शरीर कैसा बना रहता है?
उत्तर:
योगासन के द्वारा शरीर लचीला, फुर्तीला और निरोगी बना रहता है। बल्कि इसके द्वारा मानसिक, बौधिक एवं आध्यात्मिक विकास भी होता है।
प्रश्न 4.
योगासन द्वारा किस पर नियंत्रण रखा जा सकता है?
उत्तर:
योगासन द्वारा शरीर तथा मन की प्रवृत्तियों पर भी नियंत्रण रखा जा सकता है।
We hope the RBSE Solutions for Class 6 Hindi Chapter 15 योग और हमारा स्वास्थ्य will help you. If you have any query regarding Rajasthan Board RBSE Class 6 Hindi Chapter 15 योग और हमारा स्वास्थ्य, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.
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