RBSE Solutions for Class 6 Science Chapter 11 सरल मशीन are part of RBSE Solutions for Class 6 Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 6 Science Chapter 11 सरल मशीन.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 6 |
Subject | Science |
Chapter | Chapter 11 |
Chapter Name | सरल मशीन |
Number of Questions Solved | 46 |
Category | RBSE Solutions |
Rajasthan Board RBSE Class 6 Science Chapter 11 सरल मशीन
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्न
सही विकल्प का चयन कीजिए
प्रश्न 1.
चिमटे में आयास, आलम्ब वे भार का क्रम होता है
(अ) आयास, आलम्ब, भार
(ब) आलम्ब, भार, आयास
(स) भार, आयास, आलम्बे
(द) भार, आलम्ब, आयास
उत्तर:
(स) भार, आयास, आलम्बे
प्रश्न 2.
मशीन की सहायता से कार्य करने में
(अ) ऊर्जा अधिक लगती है
(ब) बल अधिक लगता है
(स) सरलता व सुविधा होती है
(द) कठिनाई हो जाती है।
उत्तर:
(स) सरलता व सुविधा होती है
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से जटिल मशीन है
(अ) पेंच
(ब) वेज
(स) सिलाई मशीन
(द) पहिया
उत्तर:
(स) सिलाई मशीन
प्रश्न 4.
भारी वस्तु को खिसकाने के लिए पहिए लगाए जाते
(अ) गुरुत्व बल को कम करने के लिए
(ब) घर्षण बल को कम करने के लिए
(स) चुम्बकीय बल को कम करने के लिए
(द) घर्षण बल बढ़ाने के लिए
उत्तर:
(ब) घर्षण बल को कम करने के लिए
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- पेंच को …………. के लिए घड़ी की सुईंयों के घूमने की दिशा में घुमाया जाता है।
- धुरी व पहिए के प्रयोग से …………… बल कम लगता है।
- मशीनों को लम्बी आयु प्रदान करने व क्षमता बढ़ाने के लिए उचित ………….: करना आवश्यक है।
- घिरनी के प्रयोग से बल की ……….. बदल जाती है।
उत्तर:
- कसने
- खिसकाने में
- रखरखाव
- दिशा
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
घिरनी का नामांकित चित्र बनाकर इसकी बनावट का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
घिरनी (Pulley): घिरनी एक छोटा-सा पहिया है। यह प्रायः ढलवाँ लोहे की बनी होती है जिसके बीच का भाग घिरनी के छिद्र (Hole) से बाजुओं द्वारा जुड़ा होता है। इसकी संख्या 4 या 6 होती है। पहिया अपने गुरुत्व केन्द्र से जाने वाली तथा स्वयं के तल के लम्बवत् धुरी के चारों ओर स्वतन्त्रतापूर्वक घूमता है।
प्रश्न 2.
उत्तोलक के सिद्धान्त का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
उत्तोलक के सिद्धान्त का सूत्र
भार x भार भुजा = आयास x आयास भुजा
W x d = Ex D
प्रश्न 3.
मशीन किसे कहते हैं ? यह कितने प्रकार की होती
उत्तर:
मशीन (Machine): वे साधन जिनकी सहायता से कार्य को शीघ्रता, सुविधा व सरलतापूर्वक किया जा सके, उन्हें मशीन कहते हैं।
मशीन दो प्रकार की होती हैं:
- (i) सरल मशीन
- (ii) जटिल मशीन
प्रश्न 4.
पेंच व वेज भी सरल मशीनें हैं। समझाइए।
उत्तर:
पेंच (Pench) भी एक सरल मशीन है क्योंकि यह दो भागों को परस्पर जोड़ने या कसने में सुविधाजनक होता है। वेज (Wedge)-यह भी सरल मशीन का एक प्रकार है जो लकड़ी को चीरने-फाड़ने या काटने में सुविधा देता है।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित उपकरणों को प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय प्रकार के उत्तोलक में वर्गीकृत कीजिएचिमटा, सब्बल, हैण्डपम्प, सरौता, कैंची, तुला, हाथ से भार थामना, एक पहिया ठेला गाड़ी और संडासी।
उत्तर:
प्रथम उत्तोलक: सब्बल, कैंची, तुला, हैण्डपम्प, संडासी।
द्वितीय उत्तोलक: सरौता, एक पहिया ठेला गाड़ी।
तृतीय उत्तोलक: चिमटा, हाथ से भार थामना।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
दो उपकरणों द्वारा समझाइए कि मशीनों की सह्मयता से कार्य सरलता व सुगमता से किया जा सकता है।
उत्तर:
नतसमतल (Inclined Plane): यह एक चौड़ा और लम्बा व मजबूत तख्ता होता है। इस ट्रक आदि और जमीन के बीच ढाल देकर लगाया जाता है और इस पर से होकर किसी भारी वस्तु को ढकेला जा सकता है। यह अत्यन्त सुविधाजनक है।
धुरी एवं पहिया (Wheel and Axle): पहिया एक सरल मशीन है जो धुरी पर घूमता है। इसे किसी भारी वस्तु के नीचे लगाकर उसे आसानी से, कम बल लगाकर लुढ़काया जा सकता है।
प्रश्न 2.
उत्तोलक क्या है ? इसके विभिन्न प्रकारों में उदाहरणों की सहायता से अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
उत्तोलक (Lever): उत्तोलके एक प्रकार की सीधी अथवा टेढ़ी मजबूत छड़ है, जिसके द्वारा किसी भारी वस्तु
को आसानी से उठाया या सरकाया जा सकता है।
प्रथम उत्तोलक | द्वितीय उत्तोलक | तृतीय उत्तोलक |
इनमें आलम्ब F की स्थिति भार w तथा आयास E के बीच में होती है। | इनमें आलम्ब F तथा आयास E के बीच में भार w होता है। | इनमें भार W तथा आलम्बे F के बीच आयास E होता है। |
उदाहरण- तुला कैंची। | उदाहरण-सरौता, फूट-कटर। | उदाहरण-चिमटा, हाथ से भारे थामना। |
पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
दी गई सारणी 11.1 में दिए गए कार्यों को सरलता से करने के लिए प्रयुक्त साधनों के नाम उनके सामने लिखिए (पृष्ठ 93)
उत्तर:
सारणी-11.1
क्र.सं. | कार्य | प्रयुक्त साधनों के नाम जिससे कार्य को सुगमतापूर्वक किया जा सकता है। |
1. | भारी चट्टान को हटाना | सब्बल, क्रेन |
2. | घर से विद्यालय तक जाना | साइकिल, रिक्शा, आटो |
3. | कपड़े सिलना | सुई-धागा, सिलाई की मशीन |
4. | गर्म वस्तु को पकड़ना | संडासी |
5. | घर में मोटर साइकिल चढ़ना | नतसमतल |
6. | बहुमंजिला भवनों में निर्माण सामग्री को पहुँचाना | चेन पुली, घिरनी |
प्रश्न 2.
कृषि या सुथारी कार्य करने वाले के यहाँ कुल्हाड़ी तथा छैनी का अवलोकन करके पता कीजिए कि इनकी आकृति कैसी होती है ? (पृष्ठ100)
उत्तर:
इसमें दो परस्पर झुके हुए तल होते हैं, जिससे ये उपकरण आगे से तीखे तथा पीछे से मोटे होते हैं। इस प्रकार की आकृति को वेज आकृति (Wedge shape) कहते हैं।
क्रियाकलाप
गतिविधि-1 (पृष्ठ 95)
प्रश्न 1.
दोनों ही क्रियाओं में आप क्या अन्तर महसूस करते हैं ?
उत्तर:
बिना पहिए वाली अटैची को खिसकाने में अधिक ताकत लगानी पड़ती है जबकि पहिए वाली अटैची खिसकाने में कम ताकत लगानी पड़ती है।
प्रश्न 2.
बिना पहियों वाली भारी अटैची को खिसकाने के लिए हमें अधिक श्रम की आवश्यकता क्यों हुई ?
उत्तर:
बिना पहियों वाली अटैची और फर्श के बीच अधिक घर्षण बल उत्पन्न हुआ जिसके कारण इसे खिसकाने में अधिक श्रम की आवश्यकता हुई।
यह भी कीजिए (पृष्ठ 98)
प्रश्न 1.
क्या यह प्रथम प्रकार का उत्तोलक है ?
उत्तर:
हाँ, यह प्रथम प्रकार का उत्तोलक है।
प्रश्न 2.
आलम्ब और भार भुजा की लम्बाई का मान बदल-बदल कर परिवर्तनों के अनुभव की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
आलम्ब एवं भार भुजा की लम्बाई बदलने पर अलग-अलग प्रकार के अनुभव होते हैं। यदि भार भुजा की लम्बाई कम है और उस पर भार भी अधिक है तब भी स्थिति सन्तुलन की स्थिति में रहती है।
करके देखें (पृष्ठ 101)
प्रश्न.
आपने अब तक के अध्ययन में देखा कि मशीनों के उपयोग से कार्य में आसानी हो जाती है। इन मशीनों का रखरखाव ढंग से नहीं किया जाता है तो इनकी क्षमता कम हो जाती है एवं ये ठीक से कार्य नहीं करती हैं। अपने आस-पास किसी फैक्ट्री अथवा कारखाने का अवलोकन करके पता लगाइए कि मशीनों का रखरखाव कैसे किया जाता है ? इन उपायों को सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर:
मशीनों के रखरखाव के उपाय
- प्रयोग करने से पहले एवं बाद में मशीन को साफ करना चाहिए।
- मशीन को सुरक्षित स्थान पर नमी एवं वायु से बचाना चाहिए।
- जंग से बचाने के लिए इन पर पेन्ट कर देना चाहिए।
- इन्हें पटकना नहीं चाहिए।
- आवश्यकतानुसार तेल डालते रहना चाहिए।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प का चयन कीजिए
प्रश्न 1.
सरल मशीन है
(अ) डीजल इंजन
(ब) बिजली का पंखा
(स) उत्तोलक
(द) स्कूटर।
उत्तर:
(स) उत्तोलक
प्रश्न 2.
किसके बिना, कार, बस, स्कूटर, रेलगाड़ी का संचालन अधूरा है ?
(अ) बिजली के बिना
(ब) नतसमतल के बिना
(स) पहिए के बिना
(द) पच्चर के बिना
उत्तर:
(स) पहिए के बिना
प्रश्न 3.
अटैची को फर्श पर खिसकाते समय कौन-सा बल आरोपित होता है ?
(अ) घूर्णन बल
(ब) घर्षण बल
(स) वैद्युत बल
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) घर्षण बल
प्रश्न 4.
पहिया जिस अक्ष या छड़ के परितः घूमता है, कहलाती
(अ) छड़ी
(ब) पच्चर
(स) पुली
(द) धुरी
उत्तर:
(द) धुरी
रिक्त स्थान
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- सरल मशीनों को चलाने के लिए …………. का प्रयोग किया जाता है।
- मानव ने सर्वप्रथम ………….. का ही आविष्कार किया था।
- ……….. व धुरी भी सरल मशीन हैं।
- एक पहिया ठेला ……….. प्रकार के उत्तोलक का उदाहरण है।
- …………. एक छोटा सा पहिया होता है।
उत्तर:
- पेशीय बल
- पहिए
- पहिया
- द्वितीय
- घिरनी
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सरल मशीन क्या है ?
उत्तर:
उन सभी उपकरणों को जिन्हें चलाने के लिए केवल पेशीय बल उपयोग किया जाता है, सरल मशीन कहते हैं।
प्रश्न 2.
सरल मशीन के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
- उत्तोलक
- पच्चर
प्रश्न 3.
आपने नतसमतल कहाँ-कहाँ देखा है ? कोई दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
- सड़क से ऊँचे दरवाजों में मोटर साइकिल चढ़ाने में।
- पहाड़ी का ढलानदार मार्ग।
प्रश्न 4.
किसी वस्तु को लुढ़काने में पहिए की क्या भूमिका होती है ?
उत्तर:
पहिया लगाने से घर्षण कम होता है इसलिये वस्तु को लुढ़काने में श्रम की बचत होती है।
प्रश्न 5.
उत्तोलक के कौन-कौन से भाग होते हैं ?
उत्तर:
आयास (E), आलम्ब (F) तथा भार (W)।
प्रश्न 6.
किस स्थिति में उत्तोलक पर कम बल लगाकर काम किया जा सकता है ?
उत्तर:
आलम्ब से आयास भुजा की लम्बाई अधिक रखकर।
प्रश्न 7.
केरी कट्टा किस प्रकार का उत्तोलक है?
उत्तर:
केरी कट्टा द्वितीय प्रकार का उत्तोलक है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
जटिल मशीन कौन-सी होती है? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
वह मशीन जिसको चलाने के लिए सरल मशीन के साथ-साथ विद्युत मोटर, चेन, गियर आदि का उपयोग किया जाता है, जटिल मशीन कहलाती है। जैसे–साइकिल, मोटर साइकिल, सिलाई की मशीन, कुट्टी काटने की मशीन आदि।
प्रश्न 2.
कुछ उपकरणों के उदाहरण दीजिए जो सरल मशीनें हैं।
उत्तर:
निम्नलिखित उपकरण सरल मशीनें हैं
- नतसमतल (Inclined Plane)
- पहिया एवं धुरी (Wheel and Axle)
- उत्तोलक (Lever)
- पच्चर (Wedge)
- पेंच (Screw)।
प्रश्न 3.
पच्चर या वेज से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
पच्चर या वेज (Wedge)-कृषि अथवा सुथारी कार्य करने वाले के यहाँ कुल्हाड़ी तथा छैनी पच्चर के रूप हैं। इनमें दो परस्पर झुके हुए तल होते हैं, जिससे ये उपकरण आगे से तीखे व पीछे से मोटे होते हैं। इस प्रकार की आकृति को ‘वेज आकृति’ कहते हैं। छैनी व कुल्हाड़ी की वेज आकृति के कारण ही ये आसानी से लकड़ी में घुस जाती हैं।
प्रश्न 4.
पेंच एक सरल मशीन है। यह कैसे कार्य करता है?
उत्तर:
पेंच (Screw) भी एक सरल उपकरण है जो दो भागों को परस्पर जोड़ने या कसने का कार्य करता है। इसका निर्माण धातु की बेलनाकार छड़ पर वर्तुलाकार चूड़ियाँ काटकर किया जाता है। इसका एक शीर्ष होता है जिसके द्वारा इसको घुमाया जा सकता है। पेंच को कसने के लिए इसे घड़ी की सुइयों के घूमने की दिशा में घुमाया जाता है जबकि इसे खोलने के लिए घड़ी की सुइयों के घूमने की विपरीत दिशा में घुमाया जाता है।
प्रश्न 5.
पेंच का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
उत्तोलक क्या है ? इसके विभिन्न भागों को समझाइए।
उत्तर:
उत्तोलक (Lever)-यह प्राचीनकाल से प्रयोग होती आ रही सबसे सरलतम मशीन है। चित्र (अ) में एक व्यक्ति सब्बल (लोहे की एक लम्बी व भारी छड़) की सहायता से भार को ऊँचा करने का प्रयास कर रहा है। सब्बल एक प्रकार का उत्तोलक है। व्यक्ति बड़े पत्थर को ऊँचा करने का प्रयास करने के लिए सब्बल के एक सिरे E
पर नीचे की ओर बल लगा रहा है। इस प्रयास बल को आयास कहते हैं और इस बिन्दु को आयास बिन्दु E कहते हैं। व्यक्ति ने बीच में एक छोटे पत्थर का सहारा दे रखा है। इस सहारे को आलम्ब (F) कहते हैं। व्यक्ति द्वारा छड़ पर बल लगाने के कारण दूसरे सिरे पर स्थित बड़ा पत्थर ऊँचा उठ रहा है। छड़ के दूसरे सिरे पर स्थित पत्थर पर पृथ्वी का गुरुत्व बल (W) नीचे की ओर कार्य करता है। इस बल को भार (W) कहते हैं। आलम्ब (F) से आयास (E) की दूरी EF ‘आयास भुजा’ (D) कहलाती है। आलम्ब (F) से भार (W) की दूरी FW ‘भार भुजा’ (d) कहलाती है।
प्रश्न 2.
उत्तोलक का सिद्धान्त क्या है ? उत्तोलक से किसी भार को उठाना आसान कैसे हो जाता है ?
उत्तर:
उत्तोलक का सिद्धान्त–“सन्तुलन की प्रत्येक अवस्था में ‘भार तथा भार भुजा का गुणनफल’, ‘आयास तथा आयास भुजा के गुणनफल’ के समान होता है।” इसे निम्नानुसार सूत्र के रूप में व्यक्त किया जा सकता हैयही उत्तोलक का सिद्धान्त है।
भार x भार भुजा = आयास x आयास भुजा W X d = Ex D |
आयास भुजा की लम्बाई अधिक होने से निश्चित भार (W) को उठाने के लिए व्यक्ति को कम आयास की आवश्यकता होती है। इसी कारण सब्बल की सहायता से भारी वस्तुओं को उठाना या खिसकाना आसान हो जाता है अर्थात् उत्तोलक की सहायता से एक बिन्दु पर कम बल लगाकर किसी दूसरे बिन्दु पर अधिक बल प्राप्त किया जा सकता है।
प्रश्न 3.
विभिन्न प्रकार के उत्तोलकों को सचित्र समझाइए।
उत्तर:
उत्तोलक तीन प्रकार के होते हैं
1. प्रथम प्रकार के उत्तोलक-ऐसे उत्तोलक जिनमें आलम्ब F की स्थिति भार W तथा आयास E के बीच में किसी स्थान पर होती है। जैसे-तराजू, कैंची, संडासी।
2. द्वितीय प्रकार के उत्तोलक-इस प्रकार के उत्तोलकों में आलम्ब F तथा आयास E के बीच में भार W स्थित होता है। जैसे-सरौता, फूट कटर, केरीकट्टा।
3. तृतीय प्रकार के उत्तोलक-इस प्रकार के उत्तोलकों में भार W तथा आलम्ब F के मध्य आयास E स्थित होता है। जैसे-चिमटा, हाथ से भार उठाना।
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