RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 1 हमारा ब्रह्मांड is part of RBSE Solutions for Class 6 Social Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Chapter 1 हमारा ब्रह्मांड.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 6 |
Subject | Social Science |
Chapter | Chapter 1 |
Chapter Name | हमारा ब्रह्मांड |
Number of Questions | 40 |
Category | RBSE Solutions |
Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Chapter 1 हमारा ब्रह्मांड
पाठात गतिविधि – आधारित प्रश्न
आओ करके देखें
(पृष्ठ सं. 3)
प्रश्न 1.
सूर्यास्त के बाद आसमान में तारों का अवलोकन कर सप्तर्षि मंडल की स्थिति का पता लगाइए।
उत्तर:
सूर्यास्त के बाद आसमान में तारों के अवलोकन से पता चलता है कि सप्तर्षि मंडल की स्थिति आकाश में उत्तर दिशा में होती है।
प्रश्न 2.
अपने परिवार के बड़े सदस्यों से तारों के बारे में पौराणिक किस्से-कहानियाँ सुनिए और उन्हें अभ्यास पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर:
- परिवार के बड़े सदस्यों से सुनी गयी कहानियाँ हमें बताती हैं कि पहले ध्रुव नाम का एक राजकुमार था जिसे उसके पिता ने अपनी दूसरी पत्नी के कहने पर अपनी गोद से नीचे उतार दिया था।
- इसी कारण ध्रुव दु:खी होकर भगवान की गोद में बैठने हेतु जंगल में जाकर तपस्या करने लगा। अन्त में उसे भगवान मिले और उन्होंने वरदान दिया कि तुम सबसे ऊँचा स्थान प्राप्त करोगे। इसी कारण ध्रुव आज भी ध्रुव तारे के रूप में दिखते हैं।
- परिवार के बड़े सदस्य बताते है कि अंतरिक्ष में जो तारे हैं वे हमारे बड़े-बुजुर्ग हैं जो मृत्यु के पश्चात् तारों के रूप में हमें दिखायी देते हैं।
- परिवार के बड़े सदस्यों द्वारा चाँद को चंदामामा बताया जाता है।
प्रश्न 3.
तारों के समूह के अनुसार उनकी आकृति पहचानकर इन्हें नाम देने का प्रयास कीजिए।
उत्तर:
रात्रि में तारों की आकृति को देखने पर हमें चारपाई. हिरण, भालू, बिना हत्थे वाली देगची, जुताई वाले हल, जलते हुए छोटे-छोटे बेल्बों जैसी आकृतियाँ दिखाई देती हैं।
(पृष्ठ सं. 6)
प्रश्न 4.
क्या ब्रह्मांड का विस्तार और आकाश गंगाओं के बीच की दूरी बढ़ रही है ? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आकाशगंगाएँ एक-दूसरे से दूर होती जा रही हैं। इससे ब्रह्माण्ड का भी विस्तार होता जा रहा है। इसे गुब्बारे के प्रयोग द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है। एक गुब्बारे पर दो या दो से अधिक निशान लगाकर फुलाने पर गुब्बारे पर लगे निशान एक-दूसरे से दूर होते जाते हैं साथ ही फैलते भी जाते हैं। इसी प्रकार आकाश गंगाएँ दूर हो रही हैं और ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है।
क्या आप जानते हैं ?
(पृष्ठ सं. 5)
प्रश्न 1.
प्रकाश वर्ष क्या है ?
उत्तर:
प्रकाश वर्ष दूरी का मापक है। प्रकाश वर्ष की सहायता से खगोलीय पिण्डों के बीच की दूरी मापी जाती है। तीन लाख किलोमीटर प्रति सेकेण्ड की गति से चलकर एक वर्ष की अवधि में प्रकाश जितनी दूरी तय करता है, उसे प्रकाश वर्ष कहते हैं। प्रकाश एक वर्ष में लगभग 95 खरब किलोमीटर की दूरी तय करता है।
पाठ्यपुस्तक के अभ्यास प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
सही विकल्प को चुनिए
(i) तारे चमकते हैं
(क) स्वयं के प्रकाश से
(ख) दूसरे के प्रकाश से
(ग) चन्द्रमा के प्रकाश से
(घ) ग्रहों के प्रकाश से।
उत्तर:
(क) स्वयं के प्रकाश से
(ii) ध्रुव तारे द्वारा दिशा निर्धारित होती है
(क) उत्तर
(ख) दक्षिण
(ग) पूर्व
(घ) पश्चिम
उत्तर:
(क) उत्तर
प्रश्न 2.
नीचे दिए गए आकाशीय पिण्डों को उनकी विशेषताओं से सुमेलित कीजिए
उत्तर:
(i) (स)
(ii) (य)
(iii) (अ)
(iv) (ब)
(v) (द)
प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(अ) भारत में आसमान में दिखने वाले सात तारों के समूह को ……………. के नाम से जाना जाता है।
(ब) सभी ग्रह एवं उपग्रह …………….. के प्रकाश से चमकते हैं।
(स) हमारी पृथ्वी का सबसे निकटतम तारा …………….. है।
(द) विभिन्न नक्षत्रमण्डलों के अन्दर ………………. स्थित है।
उत्तर:
(अ) सप्तर्षिमंडल
(ब) सूर्य
(स) सूर्य
(द) तारकीय मंडल
प्रश्न 4.
हैली क्या है ? इसकी विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
हैली सबसे चर्चित पुच्छल तारा है। यह पुच्छल तारा प्रति 76 वर्ष के लम्बे अन्तराल के बाद दिखाई देता है। इसे सन् 1986 में देखा गया था। अब यह पुन: वर्ष 2062 में दिखाई देगा।
प्रश्न 5.
खगोलीय पिंड क्या हैं? यह किन पदार्थों से बने हैं ?
उत्तर:
आकाश में फैले हुए पिंडों को खगोलीय पिण्ड कहते हैं। इनमें तारों, उल्काओं, ग्रहों, उपग्रहों, धूमकेतु आदि को सम्मिलित किया जाता है। हमारी पृथ्वी, सूर्य एवं चन्द्रमा सभी आकाशीय पिण्ड हैं। तारों की रचना हाइड्रोजन एवं हीलियम के सम्मिश्रण से हुई है। तारे गैसीय हैं। किन्तु सभी खगोलीय पिण्ड गैसीय नहीं हैं। कुछ पिंड सिर्फ ठोस पदार्थों से बने हैं, जबकि कुछ तारे ठोस, द्रव एवं गैसीय पदार्थों से बने हैं।
प्रश्न 6.
ब्रह्मांड की उत्पत्ति कब और कैसे हुई?
उत्तर:
ब्रह्मांड की उत्पत्ति के सम्बन्ध में अनेक सिद्धान्त दिये गये हैं, किन्तु वर्तमान समय में ‘बिग बैंग’ नामक सिद्धान्त सर्वमान्य सिद्धान्त है। इस सिद्धान्त के अनुसार आज से लगभग 13:7 अरब वर्ष पूर्व एक विशाल प्रभावकारी विस्फोट हुआ था। इस विस्फोट के उपरान्त ब्रह्माण्ड और खगोलीय पिंडों की उत्पत्ति हुई।
प्रश्न 7.
आकाशगंगा क्या है ? समझाइए।
उत्तर:
अंतरिक्ष में विस्तृत तारों के असंख्य समूहों को आकाशगंगा कहते हैं। आकाशगंगा में विभिन्न तारे, उनके अवशेष, तारों के मध्य गैसें और धूल कणों का जमाव गुरुत्वाकर्षण के कारण एक-दूसरे से आबद्ध हैं। आकाश गंगा का विस्तार लाखों प्रकाश वर्ष की लम्बाई-चौड़ाई में है।
प्रश्न 8.
रात में चमकने वाले तारे दिन में क्यों नहीं दिखते
उत्तर:
रात में असंख्य तारे आसमान में चमकते दिखाई देते हैं, किन्तु दिन में वे अदृश्य हो जाते हैं, क्योंकि सूर्य पृथ्वी के पास का तारा है जबकि अन्य तारे पृथ्वी से दूर हैं। इसी कारण सूर्य का प्रकाश तीव्र होता है जबकि अन्य तारों का प्रकाश नगण्य होता है इसलिए सूर्य की मौजूदगी में इनका प्रभाव (प्रकाश) अत्यधिक कम होने से दिन में तारे नहीं दिखते।
प्रश्न 9.
‘बिग बैंग सिद्धान्त’ को समझाइए।
उत्तर:
बिग बैंग सिद्धान्त ब्रह्मांड की उत्पत्ति का सर्वमान्य सिद्धान्त है। इस सिद्धान्त के अनुसार ब्रह्मांड की उत्पत्ति आज से लगभग 13:7 अरब वर्ष पूर्व जोरदार विस्फोट तथा उससे उत्पन्न विकिरण के कारण हुई। विस्फोट से निकले पदार्थों से अनेक पिंडों का निर्माण हुआ। इन पिंडों के चारों ओर सामान्य पदार्थों के जमाव से आकार में वृद्धि के कारण आकाशगंगाओं का निर्माण हुआ जिससे ब्रह्मांड का विस्तार होने लगा। अपने निर्माण काल से आज तक ब्रह्मांड का विस्तार होता जा रहा है।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
हमारी पृथ्वी है
(क) तारा
(ख) ग्रह
(ग) उपग्रह
(घ) उल्कापिण्ड
उत्तर:
(ख) ग्रह
प्रश्न 2.
प्रकाश वर्ष मापक है
(क) समय का
(ख) भार का
(ग) दबाव का
(घ) दूरी का
उत्तर:
(घ) दूरी का
प्रश्न 3.
‘ऐरावत पथ’ नाम है
(क) ब्रह्माण्ड का
(ख) अन्तरिक्ष का
(ग) तारे का
(घ) आकाशगंगा का
उत्तर:
(घ) आकाशगंगा का
प्रश्न 4.
हैली पुच्छल तारा दिखाई देता है
(क) प्रति 50 वर्ष बाद
(ख) प्रति 75 वर्ष बाद
(ग) प्रति 76 वर्ष बाद
(घ) प्रति 86 वर्ष बाद
उत्तर:
(ग) प्रति 76 वर्ष बाद
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(अ) ध्रुव तारा हमेशा एक ही स्थान पर ………… रहता है।
(ब) पारम्परिक किस्से कहानियाँ काल्पनिक थीं इसलिए इन्हें …………. कहते हैं।
(स) पोल स्टार (Pole Star) को हिन्दू धर्म ग्रन्थों के अनुसार …………… कहा जाता है।
(द) असीम आसमान को …………… कहा जाता है।
(य) अनगिनत आकाशगंगाओं के समूह को कहते हैं।
उत्तर:
(अ) स्थिर
(ब) मिथक
(स) ध्रुवतारा
(द) अन्तरिक्ष
(य) ब्रह्मांड
अति लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
तारामंडल (नक्षत्रमंडल) किसे कहते हैं?
उत्तर:
आकाश में दिखाई देने वाले असंख्य तारों के समूह को तारामंडल अथवा नक्षत्रमंडल कहते हैं।
प्रश्न 2.
चारपाई किसे कहते हैं ?
उत्तर:
सप्तर्षिमंडल के समूह में सम्मिलित चार तारों को भारत के कई भागों में चारपाई कहते हैं।
प्रश्न 3.
चारपाई को विभिन्न देशों में किन-किन नामों से सम्बोधित किया जाता है ?
उत्तर:
फ्रांस में इसे ‘सॉसपेन’ ब्रिटेन में इसे खेत जुताई वाला ‘हल’ और यूनान में इसे ‘स्माल बीयर’ के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 4.
मिथक क्या है ?
उत्तर:
पौराणिक काल में किसी कथन की प्रामाणिकता को कल्पित गाथाओं के आधार पर सिद्ध किया जाता था। इन्हीं पारम्परिक किस्से-कहानियों को मिथक कहते हैं।
प्रश्न 5.
ध्रुव तारे का शाब्दिक अर्थ क्या है?
उत्तर:
हिन्दू धर्म ग्रंथों में ‘पोल स्टार’ को ध्रुव तारा माना गया है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है अटल अथवा स्थिर।
प्रश्न 6.
ध्रुव के माता-पिता कौन थे?
उत्तर:
ध्रुव राजा उत्तानपाद एवं रानी सुनीति का पुत्र था।
प्रश्न 7.
आसमान में तारे बहुत सूक्ष्म क्यों दिखते हैं?
उत्तर:
आसमान में तारों के बहुत सूक्ष्म दिखने का मुख्य कारण इनका पृथ्वी से बहुत दूर स्थित होना है।
प्रश्न 8.
ग्रह एवं उपग्रह कैसे चमकते हैं?
उत्तर:
सभी ग्रह एवं उपग्रह सूर्य के प्रकाश से चमकते हैं।
प्रश्न 9.
अन्तरिक्ष (स्पेश) क्या है ?
उत्तर:
विभिन्न आकाशीय पिण्ड अनन्त आसमान में बिखरे हुए प्रतीत होते हैं। इस अनन्त आसमान को अन्तरिक्ष (स्पेश) कहते हैं।
प्रश्न 10.
प्रकाश वर्ष क्या है ?
उत्तर:
प्रकाश वर्ष दूरी का मापक है। एक वर्ष में प्रकाश जितनी दूरी तय करता है, उस दूरी को एक प्रकाश वर्ष कहते हैं।
प्रश्न 11.
प्रकाश एक वर्ष में कितनी दूरी तय करता है एवं इसकी गति कितनी है?
उत्तर:
प्रकाश एक वर्ष में लगभग 95 खरब किलोमीटर की दूरी तय करता है तथा इसकी गति लगभग 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड होती है।
प्रश्न 12.
आकाशगंगा और ब्रह्माण्ड क्या हैं ?
उत्तर:
अनन्त आकाश में बिखरे खगोलीय पिंडों के असंख्य समूहों को आकाशगंगा कहते हैं तथा असंख्य आकाशगंगाओं के समूह को ब्रह्मांड कहते हैं।
प्रश्न 13.
हमारा सौर मंडल किस आकाशगंगा में स्थित है?
उत्तर:
हमारा सौर मंडल ‘ऐरावत पथ’ नामक आकाशगंगा में स्थित है। इसे मन्दाकिनी भी कहते हैं।
प्रश्न 14.
पृथ्वी के सबसे निकटतम तारा कौनसा है व इसकी दूरी कितनी है?
उत्तर:
पृथ्वी का सबसे निकटतम तारा सूर्य है। जिसकी पृथ्वी से दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है।
प्रश्न 15.
धूमकेतु को पुच्छल तारा क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
पुच्छल तारों की गति तेज होने के कारण इसके उपस्थित गैसीय पदार्थ पूँछ की तरह संरचना बना लेते हैं, अतएव इन्हें पुच्छल तारा कहते हैं।
लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
प्राचीनकाल में तारों व सितारों के काल्पनिक नाम क्यों रखे जाते हैं?
उत्तर:
प्राचीन समय में मानव के पास आधुनिक तकनीक का अभाव था जिसके कारण इन तारों-सितारों को अपलक आँखों से देखने के अलावा कोई साधन नहीं था। इसी कारण इनको पहचानने के लिये काल्पनिक नाम रखे जाते थे।
प्रश्न 2.
आकाशगंगा का नामकरण कैसे हुआ?
उत्तर:
वास्तव में आकाशगंगा तारों का समूह होती है। यह समूह प्रकाशमान होता है। इस प्रकार की स्थिति के कारण प्राचीन भारत में यह कल्पना की गई कि यह आकाश में बहने वाली प्रकाश की नदी है। इसी कारण इसे आकाशगंगा कहा गया।
प्रश्न 3.
पुच्छल तारों की रचना और इनकी विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
पुच्छल तारों की रचना बर्फ, धूल, छोटी चट्टानों और गैसीय पदार्थों से हुई है। इनकी निम्न विशेषताएँ हैं
- इनकी गति बहुत तेज होती है।
- ये एक निश्चित पथ के सहारे सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
- इनका सिर सूर्य की ओर तथा पूँछ विपरीत दिशा में होती है।
- ये कभी सूर्य के निकट और कभी दूर चले जाते हैं।
प्रश्न 4.
ध्रुव तारे से उत्तर दिशा का ज्ञान कैसे करते हैं ?
उत्तर:
भारतीय मान्यताओं के अनुसार पौराणिक काल से ही ध्रुव तारे द्वारा उत्तर दिशा का शुद्ध ज्ञान प्राप्त किया जाता रहा है। ध्रुव तारे की स्थिति स्थिर होती है। इसकी स्थिति को जानने के लिए सात तारों के समूह (सप्तर्षिमंडल) के दो तारों को एक काल्पनिक रेखा से जोड़ते हुए उसे आगे बढ़ाते हैं तो रेखा उत्तरी ध्रुव पर स्थित ध्रुव तारे को जोड़ती है। इसे दिए गए चित्र की सहायता से समझा जा सकता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
ध्रुव तारे के विषय में उल्लिखित पौराणिक गाथा का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ध्रुव नामक बालक राजा उत्तानपाद और रानी सुनीति का पुत्र था। राजा उत्तानपाद की दूसरी रानी सुरुचि थी जिससे उत्तम नामक पुत्र उत्पन्न हुआ। राजा सुरुचि को अधिक प्यार करता था। एक बार उत्तानपाद ध्रुव को गोद में लिए बैठे थे। सुरुचि को यह अच्छा नहीं लगा और उन्होंने उसे तिरस्कृत करते हुए राजा की गोद से नीचे उतार दिया। सुरुचि ने कहा कि ध्रुव राजा की गोद में तभी बैठ सकता है जब वह नारायण की आराधना कर उनकी कृपा से मेरे गर्भ से जन्म ले। अपमानित ध्रुव ने भगवान नारायण की आराधना एकाग्र होकर छः माह तक की। बालक की आराधना से प्रसन्न होकर भगवान नारायण प्रकट हुए और ध्रुव को पृथ्वी पर महान और बुद्धिमान राजा बनने तथा मृत्यु के बाद ध्रुव तारे के रूप में अमर रहने का आशीर्वाद दिया।
प्रश्न 2.
धूमकेतु से आप क्या समझते हो? सचित्र वर्णन कीजिए?
उत्तर:
धूमकेतु एक विशेष आकृति वाले तारे हैं जो हमेशा दिखाई न देकर कभी-कभी दिखाई देते हैं। इनमें मिलने वाले गैसीय संगठन के कारण ये पूँछ के समान संरचना बना लेते हैं। ये सूर्य के चारों ओर एक निश्चित पथ पर परिक्रमा करते हैं। ये कभी सूर्य के निकट आ चित्र : हैली धूमकेतु जाते हैं तो कभी बहुत दूर चले जाते हैं। इनकी सूर्य के पास आने की अवधि निश्चित होती है। जैसे हैली धूमकेतु जो प्रति 76 वर्ष के बाद दिखाई देता है। धूमकेतु के इस स्वरूप को चित्र में दर्शाया गया है।
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