RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 13 बाल अधिकार एवं बाल संरक्षण is part of RBSE Solutions for Class 6 Social Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Chapter 13 बाल अधिकार एवं बाल संरक्षण.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 6 |
Subject | Social Science |
Chapter | Chapter 13 |
Chapter Name | बाल अधिकार एवं बाल संरक्षण |
Number of Questions | 47 |
Category | RBSE Solutions |
Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Chapter 13 बाल अधिकार एवं बाल संरक्षण
पाठात गतिविधि आधारित प्रश्न
प्रश्न 1.
आपके विचार से बच्चों को कौन-कौन से अधिकार होने चाहिए। उनकी एक सूची बनाइए। (पृष्ठ सं. 90)
उत्तर:
बच्चों को निम्नलिखित अधिकार मिलने चाहिए। इनकी सम्पुष्टि संयुक्त राष्ट्र संघ बाल अधिकार समझौते के तहत की गयी है
- जीने का अधिकार- दुनिया में आने (जन्म लेने), न्यूनतम स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त करने, भोजन, वस्त्र, आवास पाने तथा सम्मान के साथ जीने का अधिकार।
- विकास का अधिकार- भावनात्मक, मानसिक तथा शारीरिक विकास का अधिकार।।
- संरक्षण का अधिकार- बच्चों की घर तथा बाहर उपेक्षा, हिंसा तथा उत्पीड़न से संरक्षण का अधिकार जिसमें विकलांग (दिव्यांग) बच्चों के प्रति विशेष सजगता होनी चाहिए।
- भागीदारी का अधिकार- बच्चों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने वाले कार्यक्रमों में सहभागिता प्रदान करने का अधिकार।।
प्रश्न 2.
आप अपने आस-पास के परिवेश में जिन बाल-अधिकारों का हनन होते हुए पाते हैं। उनकी एक सूची बनाइए। (पृष्ठ सं. 91)
उत्तर:
समाज में बाल- अधिकारों का हनन विभिन्न रूपों में होता है। कुछ प्रमुख स्वरूप निम्नलिखित हैं
- कन्या भ्रूण हत्या- यह जीने के अधिकार का हनन है। इसके अन्तर्गत कन्याओं के जन्म से पूर्व ही उनके भ्रूण को नष्ट कर दिया जाता है। भारत सरकार इसे रोकने के लिए सजग है।
- बाल-विवाह- बाल विवाह से बच्चों के विकास के अधिकार का हनन होता है। बाल विवाह से बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य, पोषण व शिक्षा पाने तथा हिंसा, उत्पीड़न व शोषण से बचाव के अधिकारों का हनन होता है।
- बाल-श्रम- 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों से कार्य लेना उनके विकास के अधिकार का हनन करना है। सरकार इस सम्बन्ध में विशेष जागरूक है।
- बाल यौन हिंसा- बाल यौन हिंसा से सम्बन्धित घटनाएँ विकृत मानसिकता की सूचक हैं। इसकी रोकथाम के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाये हैं।
- बाल- तस्करी-बालश्रम, यौन-हिंसा व अन्य प्रयोजनों के लिए बच्चों को चोरी-छिपे व बहला-फुसलाकर ले जाना बाल-तस्करी है।।
प्रश्न 3.
अपनी सुरक्षा के लिए बच्चों को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ? संक्षेप में बताइए। ( पृष्ठ सं. 93)
उत्तर:
बच्चों को अपनी सुरक्षा के प्रति स्वयं सजग रहना चाहिए। इसके लिए उन्हें निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए
- असुरक्षित स्थानों पर जाने से बचना चाहिए। कहीं यदि किसी प्रकार का खतरा महसूस हो तो वहाँ से तुरन्त चल देना चाहिए।
- किसी अनजान व्यक्ति के घर या उसके साथ अपने अभिभावक व संरक्षक को बिना बताए या बिना उनकी आज्ञा के न जाएँ।
- अजनबी व्यक्ति से कुछ खाने-पीने, उपहार, खिलौना आदि न लें और न ही उसके साथ या उनकी गाड़ी में कहीं जाएँ।
- सदैव समूह में रहना व बच्चों के समूह में खेलना सुरक्षित है।
- अचानक धमकी मिलने या चेतावनी मिलने पर तेजी से आवाज लगायें और अपने साथियों को बुला लें।
- किसी अनजानी अनहोनी की सम्भावना पर 1098 या 100 नम्बर पर फोन करें।
- निर्जन स्थान पर अकेले शौच के लिए न जाएँ।
- किसी अजनबी व्यक्ति को या इण्टरनेट पर अपना नाम, पता, उम्र न बताएँ व फोटो न डालें।
- यदि कोई आपके परिवार के बारे में अनहोनी की सूचना देकर ले जाना चाहे तो उस व्यक्ति के बारे में तथा घटना के बारे में विद्यालय को बिना पूर्ण रूप से जानकारी कराए उसके साथ न जाएँ।
पाठ्यपुस्तक के अभ्यास प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
सही विकल्प को चुनिए
(i) निम्नलिखित में से कौन-सा बाल अधिकार हनन् का उदाहरण है
(अ) शिक्षा देना
(ब) बाल विवाह करना
(स) भोजन देना
(द) सुरक्षा देना।
उत्तर:
(ब) बाल विवाह करना
(ii) राज्य में बाल अधिकारों के संरक्षण एवं पुनर्वास हेतु कार्यरत है
(अ) कृषि विभाग
(ब) वन विभाग
(स) बाल अधिकारिता विभाग
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(स) बाल अधिकारिता विभाग
प्रश्न 2.
स्तम्भ’अ’ को स्तम्भ’ब’ से सुमेलित कीजिए
उत्तर:
1. (स)
2. (अ)
3. (ब)
प्रश्न 3.
बाल अधिकार कौन-कौन से हैं ?
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र संघ बाल अधिकार समझौते के अन्तर्गत बच्चों को दिए गए अधिकारों को निम्न चार भागों में वर्गीकृत किया गया है
- जीने का अधिकार सुरक्षित- जन्म लेने, न्यूनतम स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त करने, भोजन, आवास, वस्त्र पाने तथा सम्मान से जीने का अधिकार
- विकास का अधिकार- भावनात्मक, मानसिक तथा शारीरिक सभी प्रकार के विकास का अधिकार
- संरक्षण का अधिकार- बच्चों को घर तथा घर से बाहर उपेक्षा, शोषण, हिंसा तथा उत्पीड़न से संरक्षण का अधिकार
- भागीदारी का अधिकार- बच्चों से सम्बन्धित (प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से) मामलों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाये।
प्रश्न 4.
बच्चों के पाँच कर्त्तव्य लिखिए।
उत्तर:
बच्चों के प्रमुख कर्तव्य निम्नलिखित हैं
- बच्चों को अपने अभिभावकों, शिक्षकों, कर्मचारियों और अन्य बड़े व्यक्तियों का सम्मान करना चाहिए।
- बच्चों को अपने से सम्बन्धित पूरी जानकारियाँ अभिभावकों और शिक्षकों को देनी चाहिए।
- अपने अन्य सहपाठियों के साथ अपने ज्ञान को बाँटना चाहिए।
- कभी किसी अन्य बच्चे के साथ दुर्व्यवहार न करें, उसे शारीरिक चोट न पहुँचाएँ, उसे तनाव न दें, धमकाएँ नहीं, उसे ऐसे शब्द न कहें, जो बुरा लगे।
- दूसरे बच्चों से उनकी वस्तुएँ जबरदस्ती लेने का प्रयास न करें।
प्रश्न 5.
अपनी सुरक्षा के लिए बच्चों को किन बातों को ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर:
अपनी सुरक्षा के लिए बच्चों को निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए
- बच्चों को किसी अपरिचित जगह में नहीं जाना चाहिए। यदि उन्हें किसी प्रकार का खतरा महसूस हो तो उस जगह से तुरन्त निकल जाने की कोशिश करनी चाहिए।
- किसी अनजान के घर नहीं जाना चाहिए। घर से बाहर जाने पर जाने का स्थान, वहाँ का सम्पर्क सूत्र और जाने का कारण वे साथ जाने वाले व्यक्ति की जानकारी अपने अभिभावक व अध्यापक को अवश्य दें।
- अजनबी व्यक्तियों से अनायास कोई बात न करें। उनसे कोई उपहार, खिलौना, पैसे आदि न लें, उनके साथ गाड़ी में या कहीं अन्यत्र घूमने न जाएँ।
- समूह में रहना और खेलना सुरक्षित है।
- यदि अचानक कोई धमकी देता है या कोई चेतावनी देता है तो जोर से चिल्लाकर अपने साथियों को बुलाएँ।
- यदि कोई आपको परेशान कर रहा है तो इसकी सूचना अपने अभिभावकों को या अन्य विश्वसनीय लोगों को दें। यदि आप अकेले हैं और किसी अनहोनी की आशंका है तो 1098 या 100 नम्बर पर डायल करके तुरन्त सूचना दें।
- निर्जन स्थानों पर अकेले शौच न जाएँ।
- इण्टरनेट या अन्य किसी प्रकार से किसी अजनबी व्यक्ति को अपना नाम, पता, उम्र, फोटो आदि से परिचित न कराएँ।
- यदि कोई पारिवारिक सदस्यों के बारे में किसी दुर्घटना की बात करता है तो बिना उस व्यक्ति के बारे में पूर्ण जानकारी किए और विद्यालय द्वारा घटना की पुष्टि किए बिना उसके साथ न जाएँ।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(i) ‘प्राकृतिक आपदा में सुरक्षा का अधिकार शामिल
(अ) जीने के अधिकार में
(ब) विकास के अधिकार में
(स) संरक्षण के अधिकार में
(द) भागीदारी के अधिकार में।
उत्तर:
(स) संरक्षण के अधिकार में
(ii) कन्या भ्रूण हत्या का कारण है
(अ) रूढ़िवादिता
(ब) अपरिपक्व मानसिकता
(स) पुत्र की इच्छा
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी।
(iii) बच्चों को अनुशासित करने के लिए निम्न में से कौनसा उपाय करना चाहिए
(अ) बच्चों को शारीरिक दण्ड देना
(ब) बच्चों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करना
(स) उन्हें समझाकर उनकी गलतियों का बोध कराना
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(स) उन्हें समझाकर उनकी गलतियों का बोध कराना
(iv) निम्न में से जो बाल दुर्व्यवहार का परिणाम नहीं है, बताइए
(अ) अनिद्रा
(ब) नैराश्य की भावना
(स) चिड़चिड़ापन
(द) बड़ों का सम्मान न करना।
उत्तर:
(द) बड़ों का सम्मान न करना।
(v) निम्न में से जो पुरानी सामाजिक कुरीति है, बताइए
(अ) कन्या भ्रूण हत्या
(ब) बाल-विवाह
(स) बाल-श्रम
(द) बाल-यौन हिंसा।
उत्तर:
(ब) बाल-विवाह
स्तम्भ’अ’ को स्तम्भ’ब’ से सुमेलित कीजिए
उत्तर:
i. (स)
ii. (अ)
iii. (ब)
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- बालक की …… करने से समाज को ही नुकसान है।
- बालक समाज एवं राष्ट्र की ………….. हैं।
- विकलांग बच्चे विशेष ………… के पात्र हैं।
- सूने स्थानों के ………….. .में अकेले न जाएँ।
- प्रगतिशील समाज बालकों के विकास एवं उनके अधिकारों की रक्षा के प्रति ……………… रहता है।
उत्तर:
- उपेक्षा
- सम्पत्ति
- संरक्षण
- शौचालयों
- जागरूक।
अति लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
‘बाल अधिकार’ से क्या आशय है? लिखिए।
उत्तर:
बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु सरकार द्वारा निश्चित किए गए अधिकार बाल अधिकार कहलाते हैं।
प्रश्न 2.
बाल-उत्पीड़न’ का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
बच्चों के साथ मारपीट या विभिन्न प्रकार की यातनाएँ देने की प्रवृत्ति बाल उत्पीड़न के अंतर्गत आती है।
प्रश्न 3.
भ्रूण-हत्या से आप क्या समझते हो? लिखिए।
उत्तर:
रूढ़िवादिता, अपरिपक्व मानसिकता के कारण पेट में पल रहे गर्भस्थ शिशु की हत्या करना भ्रूण हत्या है।
प्रश्न 4.
कम उम्र में विवाह से बालक के किस मूल अधिकार का हनन होता है?
उत्तर:
शिक्षा के मूल अधिकार का हनन होता है।
प्रश्न 5.
किसी भी तरह की हिंसा दीर्घावधि में बालकों पर क्या प्रभाव डालती है?
उत्तर:
उनका व्यक्तित्व विकास ठीक ढंग से नहीं होता है।
प्रश्न 6.
बालक के विकास से किस-किस का भविष्य जुड़ा है?
उत्तर:
बालक के विकास से परिवार, समाज एवं राष्ट्र का भविष्य जुड़ा है।
प्रश्न 7.
बालकों में नकारात्मक प्रवृत्तियों का विकास क्यों होता है?
उत्तर:
बालकों से दुर्व्यवहार के कारण।
प्रश्न 8.
बाल अधिकारों के संरक्षण एवं पुनर्वास हेतु कौन-सा विभाग कार्यरत है?
उत्तर:
बाल अधिकारिता विभाग।
प्रश्न 9.
संकट के समय चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर क्या है?
उत्तर:
1098.
प्रश्न 10. बच्चों को जन्म से ही कौन-से अधिकार स्वतः प्राप्त हो जाते हैं?
उत्तर:
बच्चों को उनके जन्म से ही उनकी पहचान, सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, भोजन और समानता के अधिकार बिना किसी भेदभाव के स्वत: प्राप्त हो जाते हैं।
लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
बालक की संरक्षा और सुरक्षा के प्रति हमें विशेष जागरूक रहने की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर:
बालक समाज एवं राष्ट्र की सम्पत्ति हैं। उनके विकास से परिवार, समाज एवं राष्ट्र का भविष्य जुड़ा है। हमारे व्यवहार, उसकी शिक्षा और उसके स्वास्थ्य आदि पर उसके व्यक्तित्व का विकास निर्भर करता है। अतएव बालक की संरक्षा और सुरक्षा के प्रति हमें विशेष जागरूक रहने की आवश्यकता है।
प्रश्न 2.
प्रगतिशील समाज बालकों के विकास व अधिकारों के प्रति जागरूक क्यों रहता है?
उत्तर:
प्रगतिशील समाज बालकों के विकास व अधिकारों के प्रति जागरूक इसलिए रहता है क्योंकि बालकों की उपेक्षा करने से समाज को ही नुकसान होता है? चूंकि बालक ही देश के भविष्य होते हैं अतः भविष्य के सुखद समाज के लिए बच्चों के अधिकारों की रक्षा आवश्यक है।
प्रश्न 3.
बाल अधिकार संरक्षण आयोग कानून, 2005 के बारे में बताइए।
उत्तर:
बाल अधिकार संरक्षण आयोग कानून, 2005 के अनुसार बाल-अधिकार में बालक-बालिकाओं के वे समस्त अधिकार सम्मिलित हैं जो 20 नवम्बर 1989 को संयुक्त राष्ट्र संघ के बाल अधिकार अधिवेशन द्वारा स्वीकार किये गये थे तथा जिन पर भारत सरकार ने 11 दिसम्बर, 1992 में सहमति प्रदान कर दी थी।
प्रश्न 4.
‘जीने के अधिकार’ को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जीने का अधिकार बच्चे के जन्म के पूर्व से ही प्रारम्भ हो जाता है। जीने के अधिकार के अन्तर्गत बच्चे के सकुशल जन्म लेने का अधिकार, न्यूनतम स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त करने, भोजन, आवास, वस्त्र पाने का अधिकार तथा सम्मान के साथ जीने का अधिकार शामिल है।
प्रश्न 5.
भागीदारी के अधिकार से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
भागीदारी का अधिकार बच्चे को ऐसे फैसले या विषय में भागीदारी करने का अधिकार है जो उसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है। बच्चे की आयु एवं परिपक्वता के अनुसार इसके अनेक स्तर होते हैं।
प्रश्न 6.
भारत सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के क्या प्रयास किए हैं ?
उत्तर:
कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए सरकार ने ‘आई. पी. सी. एण्ड पी. एन. डी. टी. कानून 1994’ के अनुसार दण्ड की व्यवस्था की है। बालिकाओं के संरक्षण हेतु ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान संचालित किया जा रहा है।
प्रश्न 7.
भारत में बाल श्रम की समस्या को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वर्तमान समय में भारत में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शिक्षा देने के बजाय उनसे दुकानों, कारखानों, घरों, ढाबों, चाय की दुकानों, ईंट भट्टों, खेतों आदि में काम कराया जाता है। इससे बच्चों का विकास अवरुद्ध हो जाता
प्रश्न 8.
किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्यवाही कब की जाती है ?
उत्तर:
जब 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से श्रम कराने की सूचना मिलती है तो ऐसी स्थिति में किशोर न्याय (बालकों की देखरेख व संरक्षण) अधिनियम 2000 के तहत कार्यवाही की जाती है।
प्रश्न 9.
बाल-तस्करी से क्या आशय है ?
उत्तर:
बच्चों को पैसे का प्रलोभन देकर बहला- फुसलाकर, डरा-धमकाकर, शक्तियों का दुरुपयोग करके या अपहरण करके बालश्रम, यौन हिंसा या अन्य प्रयोजनों के लिए ले जाना बाल-तस्करी कहलाता है।
प्रश्न 10.
शारीरिक या मानसिक हिंसा बालकों के व्यक्तित्व को किस प्रकार प्रभावित करती है ?
उत्तर:
शारीरिक या मानसिक हिंसा बालकों में शारीरिक एवं व्यवहारपरक नकारात्मक विकृतियों को जन्म देती है। इनके प्रभावस्वरूप बच्चों में अनिद्रा, नैराश्य, आत्मग्लानि, क्रोधित होकर चिल्लाना, चिड़चिड़ापन, एकान्तवास, ध्यान केन्द्रित न होना, पढ़ाई में कमजोरी, झगड़ालू व्यवहार, नफरत, विद्यालय या घर से भागना आदि विकृत स्थितियाँ उत्पन्न हो जाती हैं। बच्चे असहाय महसूस करने लगते हैं।
प्रश्न 11.
बाल अधिकारिता विभाग का प्रमुख कार्य क्या
उत्तर:
बाल अधिकारिता विभाग का प्रमुख कार्य राज्य में बाल अधिकारों का संरक्षण और बालकों के पुनर्वास की व्यवस्था करना है। विभाग का मुख्य उद्देश्य बाल-अधिकारों एवं बच्चों के संरक्षण से सम्बन्धित योजनाओं, कार्यक्रमों, नीतियों तथा अधिनियमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है।
प्रश्न 12.
बाल संरक्षण हेतु कौन-कौन सी संस्थाएँ सहयोग कर रही हैं ?
उत्तर:
बाल अधिकारों के संरक्षण एवं पुनर्वास हेतु बाल अधिकारिता विभाग कार्यरत है। इस विभाग को निम्न संस्थाएँ सहयोग प्रदान कर रही हैं
- राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग।
- राजस्थान राज्य बाल संरक्षण समिति।
- चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 आदि।
प्रश्न 13.
बालकों के विकास के अधिकार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
विकास के अधिकार के अन्तर्गत बच्चों का भावनात्मक, मानसिक व शारीरिक विकास सम्मिलित है। बालकों का भावनात्मक विकास तब होता है जब वह यह महसूस करे कि उसे अभिभावक, संरक्षक, समाज, विद्यालय और सरकार के द्वारा उचित सुविधाएँ मिल रही हैं और उन पर ध्यान दिया जा रहा है।
मानसिक विकास हेतु बालकों के लिए उचित शिक्षा और प्रशिक्षण की आवश्यकता है। शारीरिक विकास हेतु बच्चों को उचित मनोरंजन, खेल-कूद और पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 14.
बाल-विवाहके दुष्परिणामों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
बाल-विवाह समाज की एक प्राचीन कुरीति रही है। इसका प्रमुख कारण समुचित शिक्षा एवं जनचेतना की कमी | है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों की बुराई है। इसके प्रमुख दुष्परिणाम निम्नलिखित हैं
- इससे बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण व शिक्षा के साथ-साथ हिंसा, उत्पीड़ने एवं शोषण से बचाव के अधिकारों का हनन होता है।
- बाल- विवाह से बच्चों को शारीरिक एवं मानसिक विकास प्रभावित होता है।
- बाल- विवाह से शिक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। बच्चे अनपढ़ और अकुशल रह जाते हैं।
- अच्छे रोजगार पाने और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर रहने की सम्भावना घट जाती है।
प्रश्न 15.
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के क्या कार्य हैं ?
उत्तर:
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के कार्य निम्नलिखित हैं
- यह आयोग बालक/बालिकाओं के अधिकारों के हनन के मामलों की जाँच व सुनवाई करता है।
- यह बच्चों से जुड़े कानूनों/योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी/समीक्षा करता है।
- नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम की निगरानी करता हैं।
- लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पोस्को), 2012 की निगरानी करता है।
प्रश्न 16.
राजस्थान राज्य बाल संरक्षण समिति क्या है ?
उत्तर:
राजस्थान राज्य बाल संरक्षण समिति राज्य में विभिन्न बाल संरक्षण कार्यक्रमों/कानूनों/नीतियों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी है। इस समिति द्वारा जिला शाखाओं के रूप में जिला बाल संरक्षण इकाई, प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर ब्लॉक स्तरीय बाल संरक्षण समिति एवं ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया है।
इस समिति का मुख्य उद्देश्य बाल संरक्षण से जुड़े मुद्दों का सामुदायिक स्तर पर क्रियान्वयन व जागरूकता उत्पन्न करना है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
चाइल्ड हेल्प लाइन-1098 पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
राजस्थान राज्य में 20 जिलों में 24 घण्टे नि:शुल्क आपातकालीन पहुँच सेवा 1098′ टोल फ्री टेलीफोन सेवा संचालित की जा रही है। यह सेवा कठिनाइयों से घिरे | पीड़ित, उपेक्षित, लावारिस, देख-रेख तथा संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों के लिए है।
वर्तमान समय में यह सेवा जयपुर, अलवर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, कोटा, झालावाड़, बाड़मेर, अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा, उदयपुर, बाँसवाड़ा, डूंगरपुर, पाली, जोधपुर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरू तथा सीकर जिले में संचालित है।
प्रश्न 2.
बाल दुर्व्यवहार क्या है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
बच्चों के साथ किया जाने वाला ऐसा कोई व्यवहार जिससे उसके व्यक्तित्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़े, बाल दुर्व्यवहार कहलाता है। इसके अन्तर्गत शारीरिक, लैंगिक या भावनात्मक दुर्व्यवहार, अत्याचार व हिंसा को सम्मिलित किया गया है। इसे निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है
- शारीरिक दुर्व्यवहार में वे सभी चीजें आती हैं जिनसे बालक को शारीरिक पीड़ा हो, चोट पहुँचे या कष्ट हो।
- बाल यौन दुर्व्यवहार में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (पोस्को) अधिनियम’ में सम्मिलित अपराधों की सूची को रखा गया है।
- भावनात्मक दुर्व्यवहार में वे सभी कार्य आते हैं जिनसे बालक भावनात्मक रूप से प्रताड़ित या तनावग्रस्त महसूस करता है।
- ऐसी कोई प्रताड़ना या दुर्व्यवहार जो बालक के साथ उसकी जाति, लिंग, व्यवसाय, धर्म या क्षेत्र के आधार पर किया जाता है। शारीरिक सजा देना अनुशासन का एक तरीका माना जाता रहा है। किन्तु आधुनिक मनोवैज्ञानिकों के अनुसार शारीरिक सजा बाल दुर्व्यवहार है क्योंकि इससे बालकों में नकारात्मक प्रवृत्तियों का विकास होता है और उसके व्यक्तित्व के समुचित विकास में बाधा उत्पन्न होती है।
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