RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 19 मौर्य एवं गुप्तकालीन भारत is part of RBSE Solutions for Class 6 Social Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Chapter 19 मौर्य एवं गुप्तकालीन भारत
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 6 |
Subject | Social Science |
Chapter | Chapter 19 |
Chapter Name | मौर्य एवं गुप्तकालीन भारत |
Number of Questions | 55 |
Category | RBSE Solutions |
Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Chapter 19 मौर्य एवं गुप्तकालीन भारत
पाठात गतिविधि आधारित प्रश्न
पढ़े एवं बताएँ- (पृष्ठ सं. 137)
प्रश्न 1.
आचार्य चाणक्य ने प्रतिज्ञा कब की व क्यों ?
उत्तर:
आचार्य चाणक्य ने प्रतिज्ञा घनानंद के दरबार में (चतुर्थ शताब्दी ई. पू.) की क्योंकि नंदवंश के राजा घनानंद ने अपने दरबार में उनका अपमान कर दिया था।
प्रश्न 2.
चन्द्रगुप्त मौर्य ने नंद वंश के कुशासन को किस वर्ष में समाप्त किया ?
उत्तर:
चन्द्रगुप्त मौर्य ने नंद वंश के कुशासन को 322 ई. पू. में समाप्त किया।
प्रश्न 3.
‘इण्डिका’ नामक पुस्तक किसने लिखी ?
उत्तर:
‘इण्डिका’ नामक पुस्तक मेगस्थनीज ने लिखी।
प्रश्न 4.
अशोक महान् किसका पुत्र था ?
उत्तर:
अशोक गतिविधि महान् मौर्य सम्राट बिंदुसार का पुत्र था।
प्रश्न 1.
अपने आस-पास के क्षेत्र का भ्रमण करें एवं वहाँ स्थित शिलालेखों की जानकारी प्राप्त कर फाइल बनाएँ। (पृष्ठसं. 141)
उत्तर:
विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहातया से गतिविधि निम्नानुसार पूर्ण करें।
समीपवर्ती क्षेत्र का नाम………………..
प्राचीनकालीन राजा…………
क्षेत्र कब अस्तित्व में आया. ………
किसने बसाया………..
क्या शिलालेख मिलते हैं…………
यदि हाँ तो कितने हैं………..
इनका निर्माण किसने करवाया……….
कौन-सी भाषा में हैं ……..
क्या उत्कीर्ण किया गया…………
पाठ्यपुस्तक के अभ्यास प्रश्नोत्तर
प्रश्न एक से तीन तक के सही उत्तर कोष्ठक में लिखिए
प्रश्न 1.
आचार्य चाणक्य किस विश्वविद्यालय में शिक्षक था?
(अ) नालन्दा
(ब) तक्षशिला
(स) बनारस
(द) विक्रमशिला।
उत्तर:
(ब) तक्षशिला
प्रश्न 2.
मेगस्थनीज किसका राजदूत था ?
(अ) सिकन्दर
(ब) सेल्यूकस
(स) चन्द्रगुप्त मौर्य
(द) सम्राट अशोक।
उत्तर:
(ब) सेल्यूकस
प्रश्न 3.
विक्रमादित्य की उपाधि किस शासक ने धारण की थी ?
(अ) सिकन्दर
(ब) चन्द्रगुप्त द्वितीय
(स) चन्द्रगुप्त मौर्य
(द) सम्राट अशोक।
उत्तर:
(ब) चन्द्रगुप्त द्वितीय
प्रश्न 4.
‘अर्थशास्त्र’ नामक पुस्तक किसने लिखी थी ?
उत्तर:
अर्थशास्त्र’ नामक पुस्तक आचार्य चाणक्य (विष्णुगुप्त) ने लिखी थी।
प्रश्न 5.
अमित्रघात किस मौर्य सम्राट का नाम था ?
उत्तर:
अमित्रघात बिन्दुसार नामक मौर्य सम्राट का नाम था।
प्रश्न 6.
मगध की राजधानी का क्या नाम था ?
उत्तर:
मगध की राजधानी का नाम पाटलिपुत्र था।
प्रश्न 7.
चीनी यात्री फाह्यान किसके शासन काल में भारत आया था ?
उत्तर:
चीनी यात्री फाह्यान चन्द्रगुप्त द्वितीय के शासन काल में भारत आया था।
प्रश्न 8.
सम्राट अशोक का धम्म क्या था ?
उत्तर:
सम्राट अशोक का धम्म उसके द्वारा प्रचारित नीतिगत शिक्षा से संबंधित था।
प्रश्न 9.
चन्द्रगुप्त द्वितीय के नवरत्न कौन-कौन थे ?
उत्तर:
चन्द्रगुप्त द्वितीय के नवरत्न महाकवि कालिदास, अमरसिंह, घटकर्पर, धन्वन्तरि, शंकु, वराहमिहिर, क्षपणक, वेतालभट्ट एवं वररुचि थे।
प्रश्न 10.
चीनी यात्री फाह्यान ने गुप्त साम्राज्य के बारे में क्या लिखा है ?
उत्तर:
चीनी यात्री फाह्यान ने गुप्त साम्राज्य के बारे में लिखा है कि उसकी प्रजा सुखी है। राजा न तो शारीरिक दण्ड देता और न ही प्राणदण्ड। चाण्डालों के अलावा कोई
माँस एवं मदिरा का सेवन नहीं करता है। लोग घरों में ताले भी नहीं लगाते हैं।”
प्रश्न 11.
सम्राट अशोक ने लोक कल्याण के लिए कौन-कौन से कार्य किए थे ?
उत्तर:
सम्राट अशोक ने लोक कल्याण के लिए सड़कें बनवाय, छायादार वृक्ष लगवाए तथा कुएँ, धर्मशालाएँ, मनुष्यों एवं पशुओं के लिए चिकित्सालयों का निर्माण आदि अनेक कार्य किए थे।
प्रश्न 12.
गुप्तकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग क्यों कहा जाता है ?
उत्तर:
गुप्तकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग कहा जाता है क्योंकि गुप्त काल में प्रजा सुखी थी। राजा दयावान थे। धन-वैभव की कोई कमी नहीं थी। चारों ओर समृद्धि एवं उन्नति का बोलबाला था। सोने के सिक्के प्रचलन में थे तथा इस काल में कला व साहित्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई थी।
प्रश्न 13.
समुद्रगुप्त के व्यक्तित्व पर लेख लिखिए।
उत्तर:
समुद्रगुप्त गुप्तवंश का ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण प्राचीन भारतीय इतिहास के महानतम शासकों में से एक था। वह पराक्रमी, वीर एवं विद्वान् था। वह एक महान संगीतज्ञ था उसे वीणा वादन का शौक था। वह प्रजापालक एवं धर्मनिष्ठ शासक था, उसने वैदिक धर्म एवं परम्पराओं के अनुसार शासन किया था।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(i) मौर्य साम्राज्य की स्थापना किसने की थी ?
(अ) चन्द्रगुप्त मौर्य ने
(ब) बिन्दुसार ने।
(स) सम्राट अशोक ने
(द) समुद्रगुप्त ने।
उत्तर:
(अ) चन्द्रगुप्त मौर्य ने
(ii) सम्राट अशोक मौर्य सम्राट बना था ?
(अ) 322 ई. पू.
(ब) 272 ई.
(स) 269 ई. पू.
(द) 319-320 ई.।
उत्तर:
(स) 269 ई. पू.
(iii) अभिलेखों में किसका नामदेवानां प्रियदर्शी’ लिखा हुआ है ?
(अ) चन्द्रगुप्त मौर्य
(ब) सम्राट अशोक
(स) चन्द्रगुप्त द्वितीय
(द) समुद्र गुप्त ।
उत्तर:
(ब) सम्राट अशोक
(iv) ‘विक्रम संवत’ किस शासक ने प्रारम्भ किया था ?
(अ) चन्द्रगुप्त मौर्य ने
(ब) चन्द्रगुप्त प्रथम ने
(स) समुद्रगुप्त ने
(द) चन्द्रगुप्त द्वितीय ने।
उत्तर:
(द) चन्द्रगुप्त द्वितीय ने।
(v) किस शासक के दरबार में ‘नवरत्न’ थे ?
(अ) सम्राट अशोक
(ब) चन्द्रगुप्त प्रथम
(स) समुद्रगुप्त
(द) चन्द्रगुप्त द्वितीय।
उत्तर:
(द) चन्द्रगुप्त द्वितीय।
रिक्त स्थानों को भरिए
(i) चाणक्य ……… एवं ………. के विद्वान थे।
(ii) बिन्दुसार ने ……… तक विशाल मौर्य साम्राज्य पर शासन किया।
(iii) अशोक के अधिकतर अभिलेख ……….. भाषा में
(iv)कुषाण शासकों में सर्वाधिक प्रसिद्ध ……… था।
(v) समुद्रगुप्त की माता का नाम …….. था।
उत्तर:
(i) अर्थशास्त्र, राजनीतिशास्त्र
(ii) 272 ई. पू.
(iii) प्राकृत
(iv) कनिष्क
(v) कुमारदेवी।।
स्तम्भ’अ’ को स्तम्भ ‘ब’ से सुमेलित कीजिए।
उत्तर:
(i) (ब)
(ii) (अ)
(iii) (द)
(iv) (स)।
उत्तर:
(i) (अ)
(ii) (स)
(iii) (द)
(iv) (ब) ।
अतिलघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मौर्य साम्राज्य का कार्यकाल कब से कब तक रहा ?
उत्तर:
मौर्य साम्राज्य का कार्यकाल चतुर्थ शताब्दी ई. पू. से द्वितीय शताब्दी ई. पू. तक रहा।
प्रश्न 2.
मौर्य साम्राज्य की स्थापना से पूर्व मगध पर किस राजवंश का अधिकार था ?
उत्तर:
मौर्य साम्राज्य की स्थापना से पूर्व मगध पर नंद राजवंश का अधिकार था।
प्रश्न 3.
सिकन्दर ने भारतवर्ष के किस भाग पर आक्रमण किया था ?
उत्तर:
सिकन्दर ने भारतवर्ष के पश्चिमी भाग पर आक्रमण किया था।
प्रश्न 4.
अर्थशास्त्र में किसका वर्णन है?
उत्तर:
अर्थशास्त्र में मौर्यकालीन साम्राज्य की राजव्यवस्था एवं शासन प्रणाली का वर्णन है।
प्रश्न 5.
सेल्यूकस कौन था ?
उत्तर:
सेल्यूकस सिकन्दर का उत्तराधिकारी था।
प्रश्न 6.
चन्द्रगुप्त मौर्य ने सेल्यूकस को पराजित करके किन भू-भागों को प्राप्त किया था ?
उत्तर:
चन्द्रगुप्त मौर्य ने सेल्यूकस को पराजित करके कंधार, काबुल, हैरात प्रदेश एवं बलूचिस्तान का कुछ भू-भाग प्राप्त किया था।
प्रश्न 7.
चन्द्रगुप्त मौर्य ने अपने जीवन के अंतिम दिनों में किसे और कहाँ अपना गुरु बनाया था ?
उत्तर:
चन्द्रगुप्त मौर्य ने अपने अंतिम दिनों में जैनमुनि भद्रबाहु को श्रवण बेलगोला में अपना गुरु बनाया था।
प्रश्न 8.
अशोक के अधिकांश अभिलेख किस भाषा में मिले हैं?
उत्तर:
प्राकृत भाषा में।
प्रश्न 9.
अशोक किस धर्म का अनुयायी था ?
उत्तर:
अशोक बौद्ध धर्म का अनुयायी था।
प्रश्न 10.
‘धम्म महामात्य’ कौन थे ?
उत्तर:
धम्म महामात्य’ अशोक द्वारा नियुक्त प्रजा को नीतिगत शिक्षा प्रदान करने वाले अधिकारी थे।
प्रश्न 11.
तृतीय बौद्ध संगीति का आयोजन किसने और कहाँ कराया था ?
उत्तर:
तृतीय बौद्ध संगीति का आयोजन अशोक ने पाटलिपुत्र में कराया गया था।
प्रश्न 12.
मौर्य साम्राज्य के पतन का क्या कारण था ?
उत्तर:
मौर्य साम्राज्य के पतन का कारण अशोक के उत्तरवर्ती मौर्य शासकों को अयोग्य एवं दुर्बल होना था।
प्रश्न 13.
मौर्य साम्राज्य के पतन के पश्चात् भारत पर किन राजवंशों ने शासन किया था ?
उत्तर:
मौर्य साम्राज्य के पतन के पश्चात् भारत पर शुंग, सातवाहन एवं कुषाण आदि राजवंशों ने शासन किया था।
प्रश्न 14.
गुप्त वंश की स्थापना कब हुई थी ?
उत्तर:
गुप्त वंश की स्थापना चौथी शताब्दी में हुई थी।
प्रश्न 15.
‘प्रयाग प्रशस्ति’ की रचना किसने की थी ?
उत्तर:
‘प्रयाग प्रशस्ति’ की रचना समुद्रगुप्त के मंत्री एवं लेखक हरिषेण ने की थी।
लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ?
घनानंद
उत्तर:
घनानंद- घनानंद नंद वंश का अन्तिम शक्तिशाली शासक था। चौथी शताब्दी ई. पू. वह मगध का राज था। प्रजा उसके अत्याचार से त्रस्त थी। उसने चाणक्य का अपने दरबार में अपमान किया था। इसके बाद चाणक्य ने चन्द्रगुप्त . मौर्य की सहायता से घनानंद को मगध के सिंहासन से पदच्युत कर दिया था।
आचार्य चाणक्य
उत्तर:
आचार्य चाणक्य- आचार्य चाणक्य को कुशल राजनीतिज्ञ होने के कारण कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। इनका एक और नाम विष्णुगुप्त भी है। ये तक्षशिला विश्वविद्यालय में शिक्षक थे। उन्होंने चन्द्रगुप्त मौर्य नामक साधारण बालक को शिक्षा देकर उससे नंद वंशीय राजा घनानंद को मगध के सिंहासन से पदच्युत कराया तथा चन्द्रगुप्त को मगध का राजा बनाकर उसके प्रधानमंत्री बने ।
चाणक्य ने अर्थशास्त्र नामक पुस्तक की रचना की थी जिससे मौर्य कालीन साम्राज्य की राज-व्यवस्था एवं शासन प्रणाली की जानकारी भी प्राप्त होती है। आचार्य चाणक्य भारतवर्ष को एक सूत्र में बाधना चाहते थे। मौर्य साम्राज्य की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान था।
चंद्रगुप्त मौर्य
उत्तर–
चन्द्रगुप्त मौर्य- चन्द्रगुप्त मौर्य मगध में चाणक्य की सहायता से 322 ई. पू. नंदवंश के राजा घनानंद को परास्त करके शासक बना था। चन्द्रगुप्त मौर्य में बाल्यावस्था से ही नेतृत्व का गुण था जिससे चाणक्य भी प्रभावित थे। चन्द्रगुप्त मौर्य ने बाद में छोटे-छोटे राज्यों को हराकर एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की। उसने सेल्यूकस को युद्ध में पराजित किया तथा उसकी पुत्री से विवाह किया।
चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार सेल्यूकस का राजदूत मेगस्थनीज आया था, जिसने इण्डिका नामक पुस्तक की रचना की। जीवन के अन्तिम समय में चन्द्रगुप्त मौर्य ने भद्रबाहु को श्रवणबेलगोला में अपना गुरु बनाकर जैन धर्म ग्रहण कर तप का मार्ग अपनाया।
मेगस्थनीज
उत्तर:
मेगस्थनीज- मेगस्थनीज चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में सेल्यूकस के राजदूत के रूप में आया था उसने यहाँ इण्डिका नामक पुस्तक लिखी जिससे मौर्यकालीन शासन व्यवस्था की जानकारी प्राप्त होती है। वर्तमान में इण्डिका हमें अपने वास्तविक रूप में नहीं मिलती है परन्तु यूनानी लेखकों ने इण्डिका की कुछ घटनाओं को अपने साहित्य में स्थान दिया है।
बिन्दुसार
उत्तर:
बिन्दुसार- चन्द्रगुप्त मौर्य का पुत्र था। उसे अमित्रघात के नाम से भी जाना जाता है। बिन्दुसार ने 272 ई. पू. तक मगध पर शासन किया था। चाणक्य उसके भी प्रधानमंत्री थे। बिन्दुसार ने मौर्य साम्राज्य की प्रतिष्ठा को बनाए रखा था।
प्रश्न 2.
अशोक की धार्मिक नीति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अशोक की धार्मिक नीति सहिष्णुतापूर्ण थी। उसने सभी धर्मों के प्रति उदार नीति को अपनाया था। अशोक ने अच्छे आचरण पर बल दिया था तथा पशु वध को दण्डनीय घोषित कर दिया था। अशोक ने अपने साम्राज्य में रहने वाले विभिन्न सम्प्रदाय के लोगों के बीच सद्भाव एवं एकता बनाए रखने के लिए प्रजा को नीतिगत शिक्षा प्रदान करना।
अपना कर्तव्य समझा तथा जनता को अच्छा व्यवहार करने के लिए प्रेरित किया। अशोक ने अपनी धार्मिक नीति में दैनिक समस्याओं को लेकर नीतिगत तरीके से रहने की बातें भी शामिल की र्थी, जैसे-पड़ोसियों से न लड़ो, सबसे अच्छा व्यवहार करो, दूसरे धर्म के लोगों से टकराव न करो आदि ।
प्रश्न 3.
अशोक ने धम्म प्रचार के लिए विभिन्न स्थानों पर किन-किन प्रचारकों को भेजा था ?
उत्तर:
अशोक ने धम्म प्रचार के लिए सोन एवं उत्तरा को स्वर्णभूमि (पेंगू), महेन्द्र एवं संघमित्रा को सिंहल (श्रीलंका), महारक्षित को यवन प्रदेश तथा रक्षित को वनवासी (उत्तरी कनाडा)) नामक स्थानों पर भेजा।
प्रश्न 4.
चन्द्रगुप्त प्रथम पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
उत्तर:
चन्द्रगुप्त प्रथम गुप्तवंश का प्रथम प्रतापी शासक था। वह सन् 319-320 ई. पू. में मगध का शासक बना था। उसने सम्पूर्ण भारत को एक सूत्र से बाँधकर विशाल साम्राज्य की स्थापना की थी। वह एक कुशल प्रशासक, कला एवं साहित्य का संरक्षक और उदार शासक था।
प्रश्न 5.
समुद्रगुप्त के कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
समुद्रगुप्त चन्द्रगुप्त प्रथम का पुत्र एवं उत्तराधिकारी था। उसने मगध का राजा बनते ही उत्तर भारत के सभी शासकों को पराजित कर दक्षिण एवं पूर्वोत्तर में भी अपने राज्य का विस्तार किया। समुद्रगुप्त ने भारत के विशाल भू-भाग को जीतकर अश्वमेघ यज्ञ किया समुद्रगुप्त का शासन काल राजनीतिक एवं सांस्कृतिक दोनों रूप से गुप्त साम्राज्य के उत्कर्ष का काल था। समुद्रगुप्त ने अपने दरबार में अनेक कलाकारों एवं विद्वानों को संरक्षण दिया था।
प्रश्न 6.
चन्द्रगुप्त द्वितीय के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
चन्द्रगुप्त द्वितीय समुद्रगुप्त का पुत्र एवं उत्तराधिकारी था। वह समुद्रगुप्त की तरह योग्य एवं प्रतिभाशाली था। वह कला, विद्या का संरक्षक एवं कुशल योद्धा था। वह स्वयं विद्वान था एवं विद्वानों का आश्रयदाता था। उसके दरबार में नौ विद्वानों की एक मंडली थी जिन्हें नवरत्न के नाम से भी जाना जाता था।
चन्द्रगुप्त द्वितीय ने शकों और कुषाणों को पराजित किया। उसका साम्राज्य भारतवर्ष के बहुत बड़े भू-भाग पर विस्तृत था। अपने विजय अभियानों के बाद उसने विक्रमादित्य की उपाधि धारण की तथा विक्रम संवत चलाया था।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सम्राट अशोक पर विस्तृत लेख लिखिए।
उत्तर:
सम्राट अशोक बिन्दुसार का पुत्र था। वह अपने पिता के शासनकाल में प्रांतीय उपरत्या (प्रशासक) था। इससे उसे शासन करने का अनुभव प्राप्त हुआ था। अशोक 269 ई. पू. में मगध का राजा बना था। तत्पश्चात् अपने तीस वर्ष के शासनकाल में उसने लगभग सम्पूर्ण भारतवर्ष को अपने अधीन कर लिया था। मगध के पड़ोस में शक्तिशाली कलिंग राज्य था। अशोक ने उसे जीतने के लिए उस पर आक्रमण किया। कलिंग विजय के नरसंहार को देखकर सम्राट अशोक ने कभी युद्ध न करने का फैसला किया था।
सम्राट अशोक प्रथम शासक था जिसने अपने अभिलेखों के माध्यम से राज्य की प्रजा को सन्देश पहुँचाने का प्रयास किया था। सम्राट अशोक के अभिलेख सम्पूर्ण भारतवर्ष में पाए जाते हैं। अशोक के अधिकतर अभिलेख प्राकृत भाषा में हैं जो आम लोगों की भाषा थी जबकि उत्तर पश्चिम के कुछ अभिलेख यूनानी भाषा में हैं अधिकतर अभिलेख ब्राह्मी लिपि में हैं, यद्यपि अन्य लिपियों में भी कुछ अभिलेख प्राप्त होते हैं।
सम्राट अशोक के अभिलेखों में उसका नाम देवानां प्रियदर्शी राजा एवं अशोक लिखा है। मौर्य साम्राज्य के इतिहास के सम्बन्ध में सर्वाधिक अभिलेखकीय प्रमाण अशोक के काल से प्राप्त होते हैं। अशोक ने अपने साम्राज्य में सभी धर्मों के प्रति उदार नीति रखी थी तथा प्रजा को नीतिगत शिक्षा प्रदान करने के लिए धम्म महामात्य नामक अधिकारियों को नियुक्त किया था। अशोक ने बौद्ध धर्म में उत्पन्न मतभेदों को दूर करने के लिए पाटलिपुत्र में तृतीय बौद्ध संगीति (महासभा) का आयोजन किया था तथा विदेशों में धर्म प्रचार के लिए अनेक प्रचारकों को भेजा था।
अशोक ने अपना उत्तरवर्ती जीवन सेवा एवं जन कल्याण के कार्यों में लगाया था। उसने घोषणा करवाई थी कि जनता अपने कष्ट निवारण के लिए राजा से किसी भी समय मिल सकती है। सम्राट अशोक के समय प्रजा के कष्टों में कमी आयी थी एवं उनके नैतिक आचरण में वृद्धि हुई थी। विदेशों में भारतीय संस्कृति एवं धर्म के प्रचार में सम्राट अशोक का योगदान अद्वितीय है।
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