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RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 20 प्राचीन भारत की अर्थव्यवस्था

March 11, 2019 by Fazal Leave a Comment

RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 20 प्राचीन भारत की अर्थव्यवस्था is part of RBSE Solutions for Class 6 Social Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Chapter 20 प्राचीन भारत की अर्थव्यवस्था

Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 6
Subject Social Science
Chapter Chapter 20
Chapter Name प्राचीन भारत की अर्थव्यवस्था
Number of Questions 55
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Chapter 20 प्राचीन भारत की अर्थव्यवस्था

पाठठात गतिविधि आधारित प्रश्न

प्रश्न 1.
प्राचीन भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता है ? (पृष्ठ सं. 142)
उत्तर:
भारत में निर्मित वस्तुओं की विदेशों में बहुत माँग थी। इन वस्तुओं के निर्यात के बदले भारत को विदेशों से सोना-चाँदी प्राप्त होता था तथा अच्छे माल की उपलब्धता भारत में होने के कारण वह अन्य देशों से माल का आयात नहीं करता था, जिससे विदेशों से प्राप्त सोना-चाँदी भारत में ही रहता था। अर्थात् अन्य देशों के मुकाबले सम्पन्न होने के कारण प्राचीन भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता है।

प्रश्न 2.
प्राचीनकाल के कृषि उत्पादों की सूची बनाइए। (पृष्ठ सं. 143)
उत्तर:
प्राचीन काल के कृषि उत्पादनों की सूची निम्नांकित है-चीनी, नमक, चाय, अफीम, कपास, मसाले, नील, रेशम, गन्ना आदि।

प्रश्न 3.
“भारतीय किसान कुछ मायने में एक औसत अंग्रेज किसान से भी अच्छा है।” यह वाक्य किसने कहा ? उसके कारणों पर चर्चा करें ? (पृष्ठ सं. 143)
उत्तर:
“भारतीय किसान कुछ मायने में एक औसत अंग्रेज किसान से भी अच्छा है।” यह वाक्य डॉ. वॉयलेकर (1889 ई.) ने कहा था। इसके कारण निम्नांकित हैं

  • भारतीय किसान अच्छे ढंग से खेती से खरपतवार को साफ करता था।
  • भारतीय किसान मिट्टी, फसल की बुआई और कटाई के विषय में जानकारी रखता था।

प्रश्न 4.
सफेद कपड़े का उत्पादन कहाँ पर होता था ? (पृष्ठ सं. 143)
उत्तर:
सफेद कपड़े का उत्पादन लाहौर, सरहिन्द, समाना, पटना, ढाका, कलकत्ता, अहमदाबाद, बुरहानपुर, पेताबोली, मद्रास, पांडिचेरी एवं नागापटनम आदि स्थानों पर होता था।

प्रश्न 5.
चेक और धारीदार कपड़े का उत्पादन कहाँ-कहाँ होता था ? (पृष्ठ सं. 143)
उत्तर:
चेक और धारीदार कपड़े का उत्पादन लाहौर, सरहिन्द, कलकत्ता, अहमदाबाद, बुरहानपुर, मद्रास एवं पांडिचेरी आदि जगहों पर होता था।

प्रश्न 6.
शिंज (छींट छापेदार सूती कपड़े) के केन्द्र कौन-कौन से हैं ? (पृष्ठ सं. 143)
उत्तर:
शिंट्ज (छींट छापेदार सूती कपड़े) के केन्द्र समाना, पटना, ढाका, कलकत्ता, पंतन, सिरोंज, बुरहानपुर, पेताबोली एवं मद्रास हैं।

प्रश्न 7.
सिल्क का उत्पादन भारत में कहाँ-कहाँ पर होता था ? (पृष्ठ सं. 143)
उत्तर:
सिल्क का उत्पादन भारत में क्रमशः बनारस, पंतन एवं अहमदाबाद में होता था।

प्रश्न 8.
प्राचीन काल में भारत विदेशों से माल का आयात बहुत ही कम करता था। क्यों ? (पृष्ठ सं. 144)
उत्तर:
प्राचीन काल में भारत विदेशों से माल का आयात बहुत ही कम करता था क्योंकि अन्य देश उस समय औद्योगिक दृष्टि से पिछड़े हुए थे एवं भारत संसाधनों से पूर्ण था।

प्रश्न 9.
ऐसी वस्तुओं की सूची बनाइए जिसमें प्राचीन काल में भारत की वस्तुओं की विदेशी बाजारों में माँग रहती थी। (पृष्ठ सं. 146)
उत्तर:
ऐसी वस्तुओं की सूची जिनकी प्राचीन काल में विदेशी बाजारों में माँग रहती थी निम्नांकित हैमलमल, छट, जरी के वस्त्र, लोहे व इस्पात की वस्तुएँ, तम्बाकू, नील, शॉल, रेशम व रेशमी वस्त्र, गरम मसाले आदि।

प्रश्न 10.
भारत को शेष विश्व से जोड़ने वाले जल व थल के व्यापारिक मार्ग कौन-कौन से थे ? (पृष्ठ सं. 147)
उत्तर:
भारत को शेष विश्व से जोड़ने वाले जल वे थल के व्यापारिक मार्ग निम्नांकित थे

जलमार्ग

  • सूरत बन्दरगाह (गुजरात) के रास्ते भारत फारस की खाड़ी व लाल सागर से जुड़ा था।
  • मछलीपट्नम (कोरोमंडल तट) व हुगली (बंगाल) के माध्यम से भारत दक्षिणी-पूर्वी एशियाई बन्दरगाहों से जुड़ा था।
  • भारत हिन्द महासागर एवं अरब महासागर के रास्ते अरब देशों से जुड़ा था।

थल मार्ग

  • लाहौर (पंजाब) के रास्ते भारत अफगानिस्तान, पूर्वी फारस और मध्य एशिया होते हुए आर्मिनियन व फारस से जुड़ा था।

प्रश्न 11.
प्राचीन काल में भारतीय वस्तुओं की विदेशों में माँग बहुत अधिक रहती थी। ऐसे देश कौन-कौन से थे ? (पृष्ठ सं. 148)
उत्तर:
प्राचीनकाल में भारतीय वस्तुओं की विदेशों में माँग बहुत अधिक रहती थी। ऐसे देश मलक्का, कैंटन, मस्कट, अलेक्सादिया आदि थे।

प्रश्न 12.
विभिन्न पुस्तकों में रोमांचकारी समुद्री यात्राओं को पढ़ेएवं ऐसी घटनाओं का संकलन करें। अपने अध्यापक एवं अभिभावक से इस कार्य में मदद प्राप्त करें। (पृष्ठ सं. 148)
उत्तर:
विभिन्न पुस्तकों में समुद्र की रोमांचकारी यात्राएँ मिलती हैं। जिनमें गुलीवर की विचित्र यात्रा एवं लिलिपुट वासियों का ब्यौरा मिलता है। वास्को-डि-गामा की यात्रा भारतीय द्वीप व वेस्टइंडीज की खोज, समुद्र का रोमांच तथा क्रिस्टोफर कोलम्बस द्वारा अमेरिका की खोज करने से पूर्व उनका वहाँ तक का सफर अनेक रोमांचकारी घटनाओं से युक्त था।

पढ़े एवं बताएँ

प्रश्न 1.
उत्तरापथ व दक्षिणापथ किसे कहते हैं ? (पृष्ठ सं. 143)
उत्तर:
उत्तरापथ भारत के उत्तरी भागों को जोड़ने वाले व दक्षिणापथ भारत के दक्षिणी भागों को जोड़ने वाले देशी व्यापार के लिए प्रयुक्त प्रमुख मार्गों को कहते हैं।

प्रश्न 2.
देशी व विदेशी व्यापार में क्या अन्तर है ? (पृष्ठ सं. 145)
उत्तर:
देशी व्यापार में व्यापार का कारोबार देश की सीमाओं के भीतर किया जाता है व विदेशी व्यापार में व्यापार का कारोबार एक देश से दूसरे देश के बीच किया जाता है।

प्रश्न 3.
एशिया के बल्ख तक पहुँचने के लिए मार्ग कहाँ से होकर जाता था ? (पृष्ठ सं. 145)
उत्तर:
एशिया के बल्ख तक पहुँचने के लिए मार्ग अफगानिस्तान से काबुल होकर जाता था।

पाठ्यपुस्तक के अभ्यास प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
यह कथन किसने कहे ?
(1) भारतीय किसान एक औसत अंग्रेज किसान की तरह अच्छा है और कुछ मायनों में तो इससे भी श्रेष्ठ।
(2) जिस समय पश्चिम यूरोप में असभ्य जातियाँ निवास करती थीं, भारत अपने शासकों के वैभव तथा शिल्पकारों की उच्च कोटि की कला के लिए विख्यात था।
(3) भारतीय सामग्री के प्रयोग के कारण रोमन साम्राज्य से सोना बाहर की ओर जा रहा है।
उत्तर:
(1) डॉ. वॉयलेकर (1889 ई.)
(2) भारतीय औद्योगिक आयोग की रिपोर्ट (1916)।
(3) प्लिनी।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।

(कोष्ठक में दिए शब्दों की सहायता से)
(गेहूँ, पानी का जहाज, हाथी दांत व सोना, सोना व चाँदी, ईसवाल (उदयपुर)।)

(1)यहाँ का बहुत-सा माल विदेशों में निर्यात किया जाता था तथा निर्यात के बदले मुद्रा के रूप में……लिया जाता था।
(2)………..की खेती यहाँ पर इंग्लैण्ड व यूरोप से कई शताब्दी पूर्व प्रारम्भ की थी।
(3) …………..बनाने की कला में भारत यूरोप से आगे था।
(4) ……..में मौर्यकालीन लौह प्रगलन भट्टियों के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
(5)ईथोपिया (अफ्रीका) से……….भारत आता था।
उत्तर:
(1) सोना व चाँदी
(2) गेहूँ
(3) पानी का जहाज
(4) ईसवाल (उदयपुर)
(5) हाथी दांत व सोना।

प्रश्न 3.
प्राचीन काल में भारत से कौन-कौन सी वस्तुएँ निर्यात की जाती थीं ?
उत्तर:
प्राचीन काल में भारत से मलमल, छींट, जरी के वस्त्र, लोहे व इस्पात की वस्तुएँ, तम्बाकू, नील, शॉल, रेशम व रेशमी वस्त्र एवं गरम मसाले आदि वस्तुएँ निर्यात की जाती थीं।

प्रश्न 4.
देशी व विदेशी व्यापार किसे कहते हैं ? प्राचीन काल में भारत का कौन-कौन से देशों से विदेशी व्यापार होता था ?
उत्तर:
देशी व्यापार-एक ही देश की सीमाओं के अन्तर्गत किया जाने वाला व्यापार, देशी व्यापार कहलाता है। विदेशी व्यापार-एक से दूसरे देश के मध्य होने वाला व्यापार, विदेशी व्यापार कहलाता है। प्राचीन काल में भारत का बेबीलोन, मिश्र, जावा, सुमात्रा एवं रोम आदि देशों से विदेशी व्यापार होता था।

प्रश्न 5.
उत्तरा पथ व दक्षिणा पथ से क्या आशय है? उत्तरा पथ में आने वाले स्थान कौन-कौन से हैं ?
उत्तर:
उत्तरा पथ व दक्षिणा पथ से आशय भारतीय देशी व्यापार के लिए प्रयुक्त दो प्रमुख व्यापारिक मार्गों से है। उत्तरा पथ में आने वाले स्थान क्रमशः ताम्रलिप्ति (बंगाल का पश्चिमी क्षेत्र), पाटलिपुत्र, वैशाली, कुशीनगर, श्रावस्ती, हस्तिनापुर, पंजाब, दिल्ली, हिमालय की तलहटी, कश्मीर घाटी, तक्षशिला, पुष्कलावती (वर्तमान पेशावर-पाकिस्तान), अफगानिस्तान, काबुल एवं बल्ख आदि हैं।

प्रश्न 6.
दक्षिणा पथ के आने वाले मार्ग कौन-कौन से हैं ?
उत्तर:
दक्षिणापथ अन्तर्गत आने वाले मार्ग क्रमशः पैठण, महेश्वर (म. प्र. के नर्मदा तट पर) उज्जैन, गोनाद्धा (गोंडों का प्रदेश), भिलसा, कोसम, साकेत (अयोध्या), श्रावस्ती, सेताण्या, कपिलवस्तु, पावापुरी, भोग्नगारा, वैशाली एवं राजगृह आदि हैं।

प्रश्न 7.
भारत के मानचित्र पर उत्तरापथ एवं दक्षिणापथ को चिन्हित करें ?
उत्तर:
भारत के मानचित्र में उत्तरापथ एवं दक्षिणापथ मार्ग निम्नानुसार हैं
RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 20 प्राचीन भारत की अर्थव्यवस्था 1

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(i) सोने की चिड़िया किसे कहा जाता था?
(अ) भारत को
(ब) इंग्लैण्ड को
(स) रोम को
(द) जावा को।
उत्तर:
(अ) भारत को

(ii) खेती करने की तकनीक विश्व ने किससे सीखी थी ?
(अ) इंग्लैण्ड से
(ब) अफ्रीका से
(स) भारत से
(द) सुमात्रा से।
उत्तर:
(स) भारत से

(iii) मलमल की साड़ियाँ किस स्थान की विश्व प्रसिद्ध र्थी ?
(अ) बनारस
(ब) मथुरा
(स) पंजाब
(द) ढाका।
उत्तर:
(द) ढाका।

(iv) भारत द्वारा विदेशों को तांबा किस स्थान से निर्यात किया जाता था ?
(अ) खेतड़ी (राजस्थान)
(ब) पंजाब
(स) मेवाड़ (राजस्थान)
(द) मध्य भारत
उत्तर:
(अ) खेतड़ी (राजस्थान)

(v) यूरोप में किस भारतीय वस्तु की सर्वाधिक माँग थी ?
(अ) पानी के जहाज
(ब) सोना
(सं) काली मिर्च
(द) घोड़े।
उत्तर:
(सं) काली मिर्च

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(i) प्राचीन काल में भारत……………कहलाता था।
(ii) यूनान में ढाका की मलमल……..नाम से बिकती थी।
(iii) मेवाड़ से……………निर्यात होता था।
(iv) प्राचीनकाल में अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में भारत के……:व……….:उत्पादों का ही दबदबा था।
(v) बंगाल में…………के माध्यम से दक्षिण-पूर्वी एशियाई बन्दरगाहों के साथ खूब व्यापार होता था।
उत्तर:
(i) सोने की चिड़िया
(ii) गंगेतिका
(iii) जस्ता
(iv) रेशमी, सूती
(v) हुगली।।

स्तम्भ’अ’ को स्तम्भ’ब’ से सुमेलित कीजिए

RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 20 प्राचीन भारत की अर्थव्यवस्था 2
उत्तर:
(i) (द)
(ii) (स)
(iii) (अ)
(iv) (ब)

RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 20 प्राचीन भारत की अर्थव्यवस्था 3
RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 20 प्राचीन भारत की अर्थव्यवस्था 4
उत्तर:
(i) (स)
(ii) (अ)
(iii) (द)
(iv) (ब)

अतिलघूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्राचीन भारत में लोगों का मुख्य व्यवसाय क्या था ?
उत्तर:
प्राचीन भारत में लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि एवं उससे सम्बन्धित कार्य था।

प्रश्न 2.
भारत में अंग्रेजों को किस क्षेत्र के विकास ने आश्चर्यचकित किया था ?
उत्तर:
भारत में अंग्रेजों को कृषि क्षेत्र के विकास ने आश्चर्यचकित किया था।

प्रश्न 3.
भारतीय कपड़ों की माँग किन-किन देशों में थी?
उत्तर:
भारतीय कपड़ों की माँग दक्षिण-पूर्वी एशिया (जावा व सुमात्रा आदि) तथा पश्चिम एवं मध्य एशिया के देशों में थी।

प्रश्न 4.
“भारतीयों को अनादि काल से लोहे को गलाने की कला का ज्ञान रहा है।” यह वाक्य किसने कहा था ?
उत्तर:
“भारतीयों को अनादिकाल से लोहे को गलाने की कला का ज्ञान रहा है।” यह वाक्य ‘विल्सन’ का है।

प्रश्न 5.
मिस्र द्वारा भारत से कपड़ा आयात किया जाता था। इस बात की पुष्टि किससे होती है ?
उत्तर:
मिस्र द्वारा भारत से कंपड़ा आयात किया जाता था। इस बात की पुष्टि मिस्र में ‘मम्मीज’ पर मिस्त्रवासियों द्वारा लपेटे गए भारतीय मलमल से होती है।

प्रश्न 6.
किन स्थानों से व्यापारी नावों में सामान लादकर ताम्रलिप्ति (बंगाल) ले जाते थे ?
उत्तर:
चम्पा और मिथिला नामक स्थानों से व्यापारी नावों में सामान लादकर ताम्रलिप्ति (बंगाल) ले जाते थे।

प्रेग्नं 7.
प्राचीन भारतीय व्यापारियों ने विदेशों में किन-किन स्थानों पर अपनी बस्तियाँ स्थापित की थीं ?
उत्तर:
प्राचीन भारतीय व्यापारियों ने विदेशों में सुवर्णद्वीप (सुमात्रा) कम्बोज, हिन्द-चीन व हिन्देशिया (चीनी लेखकों के अनुसार) नामक स्थानों पर अपनी बस्तियाँ स्थापित की थीं।

प्रश्न 8.
विदेशी व्यापारियों द्वारा समुद्री मार्ग की खोज के बाद किन पाश्चात्य कम्पनियों ने भारत के साथ व्यापार किया था ?
उत्तर:
विदेशी व्यापारियों द्वारा समुद्री मार्ग की खोज के बाद फ्रांस, डच एवं ब्रिटिश कम्पनियों ने भारत के साथ व्यापार किया था।

प्रश्न 9.
दिल्ली का लौह स्तम्भ किसका प्रमाण है?
उत्तर:
दिल्ली (महरौली) में कुतुबमीनार के परिसर में खड़ा लौह स्तम्भ प्राचीन भारतीय लौह इस्पात उद्योग की गुणवत्ता का प्रमाण है।

लघूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत पहले सोने की चिड़िया था फिर पिछड़ कैसे गया ?
उत्तर:
सोने की चिड़िया कहलाने वाले इस देश को विभिन्न आक्रांताओं ने जमकर लूटा है। विशेष रूप से अंग्रेजों ने तो यहाँ की अर्थव्यवस्था को तहस-नहस ही कर दिया जिसके कारण भारत पिछड़ गया।

प्रश्न 2.
कुटीर तथा बड़े उद्योग किन स्थानों पर स्थापित किए जाते थे ? उनके क्या कार्य थे ?
उत्तर:
कुटीर तथा बड़े उद्योग क्रमशः गाँवों और शहरों में स्थापित किए जाते थे। कुटीर उद्योग का कार्य स्थानीय माँग को पूरा करना तथा बड़े उद्योगों का काम विस्तृत बाजारों की माँग को पूरा करना था।

प्रश्न 3.
भारत के जहाज उद्योग पर दो वाक्य लिखिए।
उत्तर:
भारत के जहाज उद्योग पर दो वाक्य निम्नांकित हैं

  • उन्नीसवीं सदी के प्रारम्भ तक जहाज बनाने का उद्योग इंग्लैण्ड की अपेक्षा भारत में अधिक विकसित था।
  • भारतीय जहाज न केवल गुणवत्ता की दृष्टि से बल्कि माल ढोने की क्षमता की दृष्टि से भी उन्नत अवस्था में थे।

प्रश्न 4.
दक्षिणा पथ कितने भागों में बँटा हुआ था ?
उत्तर:
दक्षिणा पथ मुख्यतः दो भागों में बँटा हुआ था। जिसमें से एक महाराष्ट्र के पैठण से बिहार के लिए जबकि दूसरा पैठण से मध्य प्रदेश के उज्जैन-गोनाद्वा होते हुए राजगृह तक जाता था।

प्रश्न 5.
भारतीय कृषि की स्थिति पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
भारतीय कृषि की स्थिति- प्राचीन भारत में कृषि लोगों का मुख्य व्यवसाय थी। माना जाता है कि खेती की तकनीक विश्व ने भारत से सीखी। भारतीय किसानों ने गेहूँ। की खेती इंग्लैण्ड व यूरोप से कई शताब्दी पूर्व प्रारम्भ की थी। भारतीय किसानों की कृषि योग्यता की विदेशी विद्वानों ने भी सराहना की है।

भारत की कृषि अन्य देशों की तुलना में बहुत उन्नत अवस्था में थी। जनता के लिए धन-धान्य व उद्योगों के लिए कच्चा माल कृषि से पर्याप्त मात्रा में मिल जाता था। भारतीय कृषि उत्पादों की विदेशों में अच्छी माँग थी।

प्रश्न 6.
प्राचीन भारतीय धातु उद्योग के बारे में बताइए।
उत्तर:
भारतीय धातु उद्योग- प्राचीन भारतीय धातु उद्योग बहुत उन्नत अवस्था में था। पीतल, ताँबे और काँसे की वस्तुओं का उत्पादन सर्वत्र किया जाता था। इस समय सोना-चाँदी के आभूषण आदि के कलापूर्ण कार्य प्रमुख व्यवसाय थे। दिल्ली (महरौली) में कुतुबमीनार के परिसर में खड़ा लौह स्तम्भ लगभग 1500 वर्ष पूर्व बनाया गया था जो भारतीय धातु (लोहा) उद्योग का अद्वितीय नमूना है। क्योंकि इस स्तम्भ में इतने वर्षों बाद भी जंग नहीं लगी है।

प्रश्न 7.
भारत के पूर्वी, पश्चिमी तथा दक्षिणी बन्दरगाहों से निर्यात होने वाली वस्तुओं की सूची बनाइए।
उत्तर:
भारत के पूर्वी, पश्चिमी तथा दक्षिणी बन्दरगाहों से निर्यात होने वाली वस्तुओं की सूची निम्नांकित हैं

  • पूर्वी बन्दरगाह-मलमल, मोती, हाथीदाँत, तेज पत्र।
  • पश्चिमी बन्दरगाह-काली मिर्च, रेशम के कपड़े, आभूषण, हाथीदाँत, तेज पत्र, मूल्यवान पत्थर।।
  •  दक्षिणी बन्दरगाह-मलमल, मोती, अर्द्ध मूल्यवान पत्थर।

प्रश्न 8.
अठारहवीं सदी के आखिरी समय में भारत के मुख्य बुनाई केन्द्र कौन-से थे ?
उत्तर:
अठारहवीं सदी के आखिरी समय में भारत के मुख्य बुनाई केन्द्रों में लाहौर, पंजाब, सरहिंद, समाना, आगरा, अवध, दिल्ली, जयपुर, सांगानेर, सिंध, पतन, अहमदाबाद, सूरत, सिरोंज, बुरहानपुर, बनारस, पटना, ढाका, कलकत्ता, मछलीपट्टनम, पेताबोली, पुलिकट, मद्रास, पांडिचेरी, नागापट्टनम, तंजौर, मदुरै, कालीकट, गोवा, गोलकुंडा, बम्बई आदि शामिल थे।

प्रश्न 9.
प्राचीन भारत में विदेशी व्यापार पर संक्षेप में लेख लिखिए।
उत्तर:
प्राचीन भारत में विदेशी व्यापार उन्नत स्थिति में था। भारतीय व्यापारी मलमल, छींट, जरी के वस्त्र, नील, गरम मसाले आदि अनेक वस्तुएँ विदेशों में निर्यात करते थे तथा इनके बदले जवाहरात, सोना एवं चाँदी प्राप्त करते थे। रेशम के कपड़े रोम, काली मिर्च यूरोप, ताँबा, चन्दन एवं सागवान फारस की खाड़ी के दक्षिणी तट पर स्थित नगरों को निर्यात किए जाते थे।

मध्य पूर्व के देशों में रेशमी कपड़ों, जरी के काम, कीमती धातुओं की बनी भारतीय वस्तुओं की माँग सदैव रहती थी तथा भारत में बाहर से आने वाली वस्तुओं में घोड़े प्रमुख थे। इसके अतिरिक्त भारत, अफ्रीका से हाथीदाँत व सोना भी प्राप्त करता था। प्रमुख रूप से बेबीलोन, मिस्र, जावा, सुमात्रा व रोम के साथ भारत का विदेशी व्यापार बहुतायत में होता था।

प्रश्न 10.
प्राचीन विदेशी व्यापारिक मार्गो स्थिति पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
प्राचीन विदेशी व्यापारिक मार्गों का वर्णन निम्नांकित है

  • आर्मेनियन एवं फारसी व्यापारी पंजाब से अफगानिस्तान पूर्वी फारस और मध्य एशिया के रास्ते भारत से व्यापार करते थे।
  • गुजरात के तट पर स्थित सूरत बन्दरगाह के जरिए भारत फारस की खाड़ी और लाल सागर से जुड़ा हुआ था।
  • कोरोमण्डल तट पर मछलीपट्नम और बंगाल में हुगली के माध्यम से दक्षिणी-पूर्वी एशियाई बन्दरगाहों के साथ भारत का व्यापार होता था।
  • भारत मुख्य रूप से भू-मार्ग तथा हिन्द महासागर| अरबसागर के रास्ते समुद्री मार्ग से अरब देशों से व्यापार करता था।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय वस्त्र उद्योग पर लेख लिखिए।
उत्तर:
भारत सन् 1750 ई. के आस- पास सम्पूर्ण विश्व में कपड़ा उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी देश था। भारतीय कपड़े अपनी गुणवत्ता व बारीक कारीगरी के लिए विश्व में प्रसिद्ध थे। दक्षिणी-पूर्वी एशिया (जावा व सुमात्रा आदि) तथा पश्चिम एवं मध्य एशिया में इन कपड़ों की भारी माँग थी। कपास और रेशम के महीन कपड़े विशेषकर ढाका की मलमल की साड़ी की विश्व में माँग रहती थी। बंगाल के सूती कपड़े यूरोपीय कम्पनियों द्वारा भारी मात्रा में बाहर भेजे जाते थे।

भारत में बंगाल सूती व रेशमी वस्त्र उद्योगों का मुख्य केन्द्र था तथा बंगाल के बाहर लखनऊ, अहमदाबाद, नागपुर और मथुरा भी सूती उद्योगों के महत्वपूर्ण केन्द्र थे। अंग्रेजों के भारत आगमन से पूर्व भारत का वस्त्र उद्योग अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी था। भारत विश्व के अनेक देशों के साथ ईसा से 2000 वर्ष पूर्व भी व्यापार करता रहा है। भारतीय वस्त्र उद्योग का मलमल मिस्र में मम्मीज के ऊपर लपेटा गया था तथा यूनान में गंगेतिका के नाम से बिकता था जो इस बात का प्रमाण है कि इस समय भारतीय वस्त्र उद्योग अपने चर्मोत्कर्ष पर था।

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