RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 4 ग्लोब is part of RBSE Solutions for Class 6 Social Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Chapter 4 ग्लोब.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 6 |
Subject | Social Science |
Chapter | Chapter 4 |
Chapter Name | ग्लोब |
Number of Questions | 47 |
Category | RBSE Solutions |
Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Chapter 4 ग्लोब
पाठात गतिविधि – आधारित प्रश्न
क्या आप जानते हैं ?
प्रश्न 1.
परिधि, व्यास तथा अर्द्धव्यास क्या है ? (पृष्ठ सं. 24)
उत्तर:
किसी वृत्त को घेरने वाली रेखा को परिधि कहते हैं। वृत्त के केन्द्र बिन्दु से गुजर कर परिधि के दो बिन्दुओं को मिलाने वाली रेखा को व्यास कहते हैं। यह अर्द्धव्यास का दुगुना होता है। जिस दूरी को लेकर वृत्त की रचना की जाती है, उसे अर्द्ध व्यास या त्रिज्या कहते हैं। दूसरे शब्दों में वृत्त के केन्द्र बिन्दु से परिधि तक की दूरी अर्द्धव्यास या त्रिज्या कहलाती है।
प्रश्न 2.
केन्द्रापसारक बल क्या है? इस पर गतिशील वस्तु की किन विशेषताओं का प्रभाव पड़ता है ?(पृष्ठ सं. 25)
उत्तर:
किसी घुमावदार पथ पर गतिशील वस्तु बहिर्गामी बल महसूस करती है। इसी बहिर्गामी बल को केन्द्रापसारक बल कहते हैं। बल का प्रभाव गतिशील वस्तु के द्रव्यमान (वजन), घूमने की गति और केन्द्र से दूरी द्वारा निर्धारित होता है। केन्द्राभिमुख बल ठीक इसके विपरीत होता है।
प्रश्न 3.
विषुवत रेखा, ग्रीनविच रेखा, अक्षांश व देशान्तर रेखाएँ किस प्रकार की रेखाएँ हैं और इनकी उपयोगिता क्या है ? (पृष्ठसं. 28)
उत्तर:
विषुवत रेखा, ग्रीनविच रेखा तथा अक्षांश व देशान्तर रेखा पृथ्वी पर खिंची हुई प्राकृतिक रेखाएँ नहीं हैं। ये सभी काल्पनिक रेखाएँ हैं जिन्हें मानचित्र अथवा ग्लोब पर बनाया गया है। इन रेखाओं की सहायता से ग्लोब एवं मानचित्र पर महाद्वीप एवं महासागरों, किसी द्वीप, देश अथवा क्षेत्र की वास्तविक स्थिति का निर्धारण किया जा सकता है। देशान्तर रेखाओं द्वारा समय का निर्धारण किया जाता है।
प्रश्न 4.
अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा से दिन की गणना किस प्रकार करते हैं ? (पृष्ठसं. 31)
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को पूर्व से पश्चिम की ओर. पार करने पर एक दिन कम कर दिया जाता है और पश्चिम से पूर्व जाने पर एक दिन जोड़ दिया जाता है।
आओ करके देखें
प्रश्न 1.
चन्द्रग्रहण के समय चन्द्रमा पर पृथ्वी की छाया किस आकार में पड़ती है ? (पृष्ठसं. 24)
उत्तर:
चन्द्रग्रहण के समय चन्द्रमा पर पृथ्वी की छाया गोलाकार रूप में पड़ती है क्योंकि गोल वस्तु की छाया गोल ही हो सकती है।
प्रश्न 2.
दिये गये रेखाचित्र को देखने व स्वयं यह क्रिया करने से आप क्या महसूस करते हैं? (पृष्ठसं. 25)
उत्तर:
उक्त क्रिया को करने से हमें पता चलता है कि जबतक रस्सी गतिशील रहती है। तब तक रस्सी से बंधा गोला हमसे दूर रहता है जो केन्द्रपसारक बल को दर्शाता है। किन्तु रस्सी के गतिहीन होने पर केन्द्राभिमुख बल दृष्टिगत होता है रस्सी की सीधी गतिशील अवस्था में बीच में तनाव विद्यमान रहता है।
प्रश्न 3.
ग्लोब में भारत की स्थिति को स्पष्ट कीजिए। (पृष्ठसं. 28)
उत्तर:
भारत की स्थिति उत्तरी गोलार्द्ध में हैं। यह विषुवत रेखा के उत्तर में 8°4′ से 37°6′ उत्तरी अक्षांश तथा 68°7′ से 97°25′ पूर्वी देशान्तर के बीच फैला हुआ है। अण्डमान निकोबार द्वीप समूह का दक्षिणी छोर ग्रेट निकोबार से दक्षिण में स्थित इन्दिरा प्वाइण्ट 6°30′ उत्तरी अक्षांश तक विस्तृत है।
प्रश्न 4.
अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को कहाँ-कहाँ टेढ़ा-मेढ़ा किया गया है तथा वह किन महासागरों से होकर गुजरती (पृष्ठसं. 31)
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को आर्कटिक महासागर में 75° उत्तरी अक्षांश पर महाद्वीप से बचाने के लिए पूर्व की ओर मोड़कर बेरिंग जल संधि से निकाला गया है। बेरिंग समुद्र में यह पश्चिम की ओर मुड़ती है। फिजी द्वीप व न्यूजीलैण्ड को दूर रखने के लिए इसे दक्षिणी प्रशान्त महासागर में पूर्व की ओर मोड़ा गया है।
प्रश्न 5.
अगर ग्रीनविच 0° देशान्तर) पर सुबह के 8 बजे हैं तो भारत में क्या समय हो रहा होगा ? (पृष्ठ सं. 31)
उत्तर:
मानक समय की गणना ग्रीनविच (0° देशान्तर) के सन्दर्भ में करते हैं। भारत का मानक समय पूर्वी देशान्तर से निर्धारित होता है। यह देशान्तर ग्रीनविच रेखा से पूर्व दिशा में स्थित है। भारत का समय ग्रीनविच से 5.30 घंटे आगे है। इसलिए यदि ग्रीनविच पर सुबह के 8 बजे हैं तो वहाँ के समय में 5.30 घण्टे जोड़ने पर 8 + 5:30 = 13:30 बजे अर्थात् भारत में दोपहर के 1:30 बजे होंगे।
प्रश्न 6.
पृथ्वी पर दिन-रात की प्रक्रिया कैसे होती है ? (पृष्ठसं. 32)
उत्तर:
पृथ्वी सूर्य से प्रकाश प्राप्त करती है। चूंकि पृथ्वी गोलाकार है अतएव एक समय में उसका एक ही भाग सूर्य के सामने होता है। दूसरा भाग विपरीत दिशा में रहता है। टार्च के प्रकाश की तरह पृथ्वी का जो भाग सूर्य के सामने होता है। वहाँ दिन और जो दूसरा भाग सूर्य के विपरीत होता है, वहाँ रात्रि होती है। दिन-रात का यह चक्र निरन्तर चलता रहता है।
प्रश्न 7.
सन् 2012 के बाद अगले पाँच अधिवर्षों का पता लगाइये। (पृष्ठसं. 32)
उत्तर:
पृथ्वी सूर्य की एक परिक्रमा 365 दिन 6 घण्टे में पूरी करती है। यह 6 घण्टे का समय चार वर्ष में 24 घण्टे अर्थात् 1 दिन हो जाता है। अर्थात् हर चौथे वर्ष जिसे अधिवर्ष कहते हैं, में फरवरी 29 दिन की होती है और साल 366 दिन का होता है। वर्ष 2012 में अधिवर्ष था। अगले पाँच अधिवर्ष क्रमश: 2016, 2020, 2024, 2028 और 2032 में होंगे।
पाठ्यपुस्तक के अभ्यास प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
सही विकल्प को चुनिए
(i) वह रेखा जो पृथ्वी को उत्तरी गोलार्द्ध तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में विभाजित करती है, कहलाती है
(क) कर्क रेखा
(ख) विषुवत रेखा
(ग) मकर रेखा
(घ) ग्रीनविच रेखा।
उत्तर:
(ख) विषुवत रेखा
(ii) पृथ्वी पर एक अधिवर्ष में कितने दिन होते हैं ?
(क) 365
(ख) 364
(ग) 366
(घ) 363.
उत्तर:
(ग) 366
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
(क) पृथ्वी को भूमध्यवर्ती व्यास ……. व्यास से अधिक होता है।
(ख) भारत का मानक समय…पूर्वी देशान्तर से निर्धारित किया गया है।
(ग) पृथ्वी …….. से प्रकाश प्राप्त करती है।
(घ) 21 जून को सूर्य की सीधी किरणें …… रेखा पर गिरती हैं।
उत्तर:
(क) ध्रुवीय
(ख)
(ग) सूर्य
(घ) कर्क।
प्रश्न 3.
अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा का क्या महत्व है ?
उत्तर:
180° पूर्वी देशान्तर तथा 180° पश्चिमी देशान्तर की रेखा एक ही होती है। यही अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा कहलाती है। इस रेखा से नई तिथि की शुरुआत मानी जाती है। इतने बड़े विस्तृत विश्व में यदि अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा की मान्यता को खत्म कर दिया जाए तो विश्व की तिथियों में सामंजस्य बिगड़ जायेगा। अतएव विश्व स्तर पर तिथियों के सामंजस्य की दृष्टि से इस रेखा का विशेष महत्व है। इस रेखा के पूर्व व पश्चिम में जाने पर तिथि कम व ज्यादा होती है।
प्रश्न 4.
अक्षांश और देशान्तर रेखाओं में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
अक्षांश और देशान्तर रेखाओं में प्रमुख अन्तर निम्न हैं
अक्षांश रेखा | देशान्तर रेखा |
(i) समान अक्षांशों को मिलाने वाली रेखा अक्षांश रेखा| वाली रेखा अक्षांश रेखा कहलाती है। | (i) समान देशान्तरोंको मिलाने वाली रेखा अक्षांश रेखा वाली रेखा अक्षांश रेखा कहलाती है। |
(ii) अक्षांश रेखाएँ आड़ी पूर्व से पश्चिम की ओर खींची जाती हैं। | (ii) देशान्तर रेखाएँ उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव को मिलाती हुई उत्तर-दक्षिण खींची जाती हैं। |
(iii) इनकी संख्या 180 होती हैं। | (iii) इनकी संख्या 360 होती है। |
(iv) इनसे ताप कटिबन्धों का निर्धारण होता है। | (iv) इनसे समय एवं तिथियों का निर्धारण होता है। |
प्रश्न 5.
पृथ्वी की गतियाँ कौन-कौन सी हैं ? समझाइए।
उत्तर:
पृथ्वी की दो गतियाँ हैं
(i) दैनिक या घूर्णन गति
(ii) वार्षिक या परिक्रमण गति।।
पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना घूर्णन कहलाता है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 24 घण्टे में एक चक्कर पूरा कर लेती है। इसे सौर दिवस कहते हैं। पृथ्वी एक निश्चित मार्ग के सहारे सूर्य की परिक्रमा करती है इसे वार्षिक या परिक्रमण गति कहते हैं। पृथ्वी सूर्य की एक परिक्रमा 365 दिन और 6 घण्टे में करती है जिसे एक वर्ष कहते हैं।
प्रश्न 6.
स्थानीय समय एवं प्रामाणिक समय में क्या अन्तर हैं।
उत्तर:
स्थानीय समय- किसी स्थान का सूर्य की स्थिति से ज्ञात किया गया समय उस-स्थान का स्थानीय समय होता है। एक ही देशान्तर पर स्थित सभी स्थानों का स्थानीय समय एक जैसा होता है परन्तु पूर्व से पश्चिम की ओर प्रत्येक देशान्तर का स्थानीय समय अलग-अलग होता है। किसी देश के कई स्थानीय समय हो सकते हैं। प्रामाणिक समय-प्रामाणिक समय सामान्यतः किसी देश के मध्य भाग से गुजरने वाली देशान्तर रेखा से निर्धारित किया जाता है। इस प्रकार प्रत्येक देश का अपना प्रामाणिक समय होता है जो पूरे देश में लागू होता है। यदि किसी देश का पूर्व-पश्चिम विस्तार अधिक है तो वहाँ एक से अधिक प्रामाणिक समय हो सकते हैं।
प्रश्न 7.
पृथ्वी पर दिन-रात कैसे बनते हैं ? चित्र बनाकर समझाइए।
उत्तर:
पृथ्वी पर दिन-रात का होना पृथ्वी की दैनिक गति का परिणाम होता है। हम जानते हैं कि पृथ्वी सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होती है। पृथ्वी की गोलाकार आकृति के सूर्य की किरणेंकारण उसका एक भाग सूर्य के सामने होता है और दूसरा | भाग विपरीत अवस्था में होता। है। पृथ्वी का वह भाग जो सूर्य के सामने होता है, वहाँ चित्र-पृथ्वी पर दिन-रात होना। दिन होता है और जो भाग विपरीत अवस्था में होता है वहाँ रात होती है। चूंकि पृथ्वी का अक्ष अपने परिक्रमण तल से 66 ई० का कोण बनाता है। अतएव दिन-रात की लम्बाई में परिवर्तन होता रहता है।
प्रश्न 8.
ऋतुओं को बदलना पृथ्वी की किस गति से सम्बन्धित है और क्यों ?
उत्तर:
ऋतुओं का बदलना पृथ्वी की वार्षिक गति अथवा परिक्रमण गति का परिणाम है। हम जानते हैं कि पृथ्वी 365 दिन 6 घण्टे में सूर्य के चारों ओर एक निश्चित मार्ग के सहारे एक परिक्रमा कर लेती है। पृथ्वी अपने अक्ष पर के कोण पर झुकी हुई है। इसी झुकी हुई अवस्था में वह सूर्य की परिक्रमा करती है। पृथ्वी पर एक वर्ष में मार्च से सितम्बर के बीच सूर्य की किरणें विषुवत रेखा और कर्क रेखा के बीच में चमकती हैं। इस समय उत्तरी गोलार्द्ध में गर्मी और दक्षिणी गोलार्द्ध में शीत ऋतु होती है।
इसी प्रकार सितम्बर से मार्च तक सूर्य की किरणें दक्षिणी गोलार्द्ध में विषुवत रेखा और मकर रेखा प्रकशि के मध्य सीधी चमकती हैं। इस समय दक्षिणी गोलार्द्ध में ग्रीष्म ऋतु और उत्तरी गोलार्द्ध में शीत ऋतु होती है। 21 मार्च और 23 सितम्बर को सूर्य की किरणें भूमध्यरेखा पर सीधी चमकती हैं। इस समय दोनों गोलार्थों में समान स्थिति होती है। न अधिक गर्मी और ने अधिक ठण्ड। यह स्थिति विषुव (इक्वीनाक्स) कहलाती है। 21 जून को जब सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर सीधी चमकती हैं तो उत्तरी गोलार्द्ध में भीषण गर्मी पड़ती है और दक्षिणी गोलार्द्ध में भीषण ठण्ड होती है।
यह स्थिति उत्तरी अयनांत कहलाती है। 22 दिसम्बर को सूर्य की किरणें मकर रेखा पर सीधी चमकती हैं। इस समय दक्षिणी गोलार्द्ध में भयंकर गर्मी पड़ती है और उत्तरी गोलार्द्ध में शीतकाल होता है। यह स्थिति दक्षिणी अयनांत कहलाती है। इस प्रकार पृथ्वी विभिन्न ऋतुओं से होते हुए एक वर्ष में सूर्य की एक परिक्रमा कर लेती है।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(i) पृथ्वी के भू-आभीय आकार का पता किसने लगाया था
(क) प्लेटो ने
(ख) आर्यभट्ट ने
(ग) इराटोस्थेनस ने
(घ) जाँ रिच्हर ने।
उत्तर:
(घ) जाँ रिच्हर ने।
(ii) पृथ्वी के मध्य में (भूमध्यरेखा पर) उभार का कारण
(क) गुरुत्वाकर्षण बल
(ख) अपकेन्द्रीय बल
(ग) केन्द्राभिमुख बल
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(ख) अपकेन्द्रीय बल
(iii) पूर्व से पश्चिम की ओर खींची जाने वाली समानान्तर रेखाएँ होती हैं
(क) अक्षांश रेखाएँ
(ख) देशान्तर रेखाएँ
(ग) अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(क) अक्षांश रेखाएँ
(iv) कर्क और मकर रेखाओं के मध्य स्थित है
(क) शीत कटिबन्ध
(ख) शीतोष्ण कटिबन्ध
(ग) उष्ण कटिबन्ध
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(ग) उष्ण कटिबन्ध
(v) प्रधान मध्यान्ह रेखा है
(क) विषुवत रेखा
(ख) कर्क रेखा
(ग) मकर रेखा
(घ) शून्य डिग्री देशान्तर रेखा
उत्तर:
(घ) शून्य डिग्री देशान्तर रेखा
(vi) पृथ्वी को 1°(एक डिग्री) घूमने में समय लगता है
(क) 15 मिनट
(ख) 10 मिनट
(ग) 4 मिनट
(घ) 6 मिनट।
उत्तर:
(ग) 4 मिनट
निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए
उत्तर:
(i) (र)
(ii) (द)
(iii) (अ)
(iv) (ब)
(v) (स)
(vi) (य)
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) पृथ्वी दोनों ध्रुवों पर थोड़ी ………….. है।
(ख) पृथ्वी का अक्ष अपने परिक्रमण तल से …………. का कोण बनाता है।
(ग) किन्हीं दो देशान्तरों के मध्य ………….. के समय का अन्तर होता है।
(घ) वह तल जो कक्षा के द्वारा बनाया जाता है उसे ………. तल कहते हैं।
(ङ) ग्लोब का वृत्त (गोला) जो दिन तथा रात को विभाजित करता है उसे प्रदीप्त यो ………… वृत्त कहा जाता है।
उत्तर:
(क) चपटी
(ख) 66
(ग) 4 मिनट
(घ) कक्षीय
(ङ) प्रकाश।
अति लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
भू-आभ (Geoid) किसे कहते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी दोनों ध्रुवों पर थोड़ी चपटी है तथा मध्य भाग में उभरी हुई है। इस तरह की आकृति को ही भू-आभ या पृथ्व्याकार कहा जाता है।
प्रश्न 2.
पृथ्वी के भूमध्यवर्ती व्यास और ध्रुवीय व्यास में लगभग कितना अन्तर है ?
उत्तर:
पृथ्वी के भूमध्यवर्ती व्यास और ध्रुवीय व्यास में लगभग 43 किमी. का अन्तर है।
प्रश्न 3.
पृथ्वी की भूमध्य रेखीय एवं ध्रुवीय परिधि कितनी
उत्तर:
पृथ्वी की भूमध्यरेखीय परिधि लगभग 40075 किमी जबकि ध्रुवीय परिधि लगभग 40008 किमी. है।
प्रश्न 4.
विषुवत रेखा व ध्रुवों के पास पृथ्वी का आकृति कैसी है?
उत्तर:
पृथ्वी विषुवत रेखा पर फैली हुई तथा ध्रुवों के पास चपटी है।
प्रश्न 5.
ग्लोब क्या है ?
उत्तर:
ग्लोब पृथ्वी का एक लघु प्रतिरूप है जो पृथ्वी की विभिन्न भौतिक, महाद्वीपीय, सागरीय स्थिति को सही रूप में दर्शाता है।
प्रश्न 6.
0° देशान्तर को ग्रीनविच रेखा क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
0° देशान्तर रेखा इंग्लैण्ड के ग्रीनविच शहर से होकर गुजरती है इसलिए इसे ग्रीनविच रेखा कहते हैं।
प्रश्न 7.
प्रामाणिक समय क्या होता है ?
उत्तर:
प्रत्येक राष्ट्र अपने मध्य से गुजरने वाली देशान्तर रेखा को आधार मानकर जो समय निर्धारित करता है वह प्रामाणिक समय कहलाता है।
प्रश्न 8.
सौर दिवस क्या है ?
उत्तर:
पृथ्वी अपने अक्ष पर 24 घण्टे में एक चक्कर पूरा करती है इसीलिए एक दिन 24 घण्टे का होता है। इसे सौर दिवस के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 9.
उन देशों के नाम बताइए जहाँ एक से अधिक मानक समय हैं।
उत्तर:
रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा तथा ऑस्ट्रेलिया में एक से अधिक मानक समय है।
लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
एक ही देशान्तर पर स्थित सभी स्थानों का समय एक जैसा तथा पूर्व-पश्चिम हर देशान्तर पर स्थानीय समय अलग होता है-स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
एक ही देशान्तर पर स्थित सभी स्थानों का समय एक होता है किन्तु जब हम स्थानीय समय ज्ञात करने के लिए 1° पूर्व की ओर जाते हैं तो उस जगह के स्थानीय समय में 4 मिनट जोड़ दिये जाते हैं। ठीक इसी प्रकार जब हम 1° पश्चिम की ओर जाते हैं तो उस जगह के स्थानीय समय में से 4 मिनट घटा देते हैं।
प्रश्न 2.
पृथ्वी के अपने अक्ष पर घूर्णन करने का क्या महत्व है ?
उत्तर:
पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूर्णन करना निम्नलिखित दो कारणों से महत्वपूर्ण है-
- पृथ्वी के घूमने से समय के मापन का एक सुविधाजनक पैमाना प्राप्त हो जाता है जिससे 24 घण्टे को, दिन, रात, घण्टे, मिनेट तथा में बाँट देते हैं।
- पृथ्वी की भौतिक तथा जैविक प्रक्रियाएँ घूर्णन से अत्यधिक प्रभावित होती हैं।
प्रश्न 3.
उत्तरी अयनांत और दक्षिणी अयनांत क्या है ?
उत्तर:
21 जून को सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर सीधी चमकती हैं। इसे उत्तरी अयनांत कहते हैं। 22 दिसम्बर को सूर्य की किरणें मकर रेखा पर सीधी पड़ती हैं, इसे दक्षिणी अयनांत कहते हैं।
प्रश्न 4.
उत्तरी विषुव (बसन्त विषुव) और दक्षिणी विषुव क्या है ?
उत्तर:
21 मार्च को जब सूर्य की किरणें भूमध्य रेखा पर सीधी चमकती हैं तो उसे उत्तरी विषुव या बसन्त विषुव कहते हैं। 23 सितम्बर को पुनः सूर्य की किरणें विषुवत् वृत्त पर सीधी पड़ती हैं, परिणामस्वरूप दिन-रात बराबर होते हैं, इसे दक्षिणी विषुव कहते हैं।
प्रश्न 5.
अक्षांश रेखाओं की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
अक्षांश रेखाओं की प्रमुख विशेषताएँ निम्न हैं
- अक्षांश रेखाएँ ग्लोब पर पूर्व-पश्चिम खींची जाने वाली आड़ी रेखाएँ हैं।
- ये समानान्तर होती हैं।
- भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर इनकी लम्बाई कम होती जाती है। यहाँ तक कि ध्रुवों को बिन्दु द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
- ये रेखाएँ ताप कटिबन्धों का निर्धारण करती हैं।
प्रश्न 6.
देशान्तर रेखाओं की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
देशान्तर रेखाओं की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- देशान्तर रेखाएँ उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव को मिलाती हैं।
- भूमध्य रेखा पर देशान्तर रेखाओं के बीच की दूरी सर्वाधिक होती है।
- ध्रुवों की ओर इनके बीच की दूरी का अन्तर घटता जाता है।
- देशान्तर रेखाएँ समय का निर्धारण करती हैं।
प्रश्न 7.
ऋतु से क्या तात्पर्य है? भारत की मुख्य ऋतुओं के नाम लिखिए?
उत्तर:
पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा करने से 2-3 माह तक का एक ऐसा समय जिसमें ताप, दाब, पवन संचरण, वर्षा की विशेष दशाएँ मिलती हैं, तो इन विशेष दशाओं वाले समय को ऋतु कहते हैं। भारत में सर्दी, गर्मी, वर्षा ऋतुएँ मुख्य रूप से दृष्टिगत होती हैं। इसमें सूर्य की स्थिति का महत्वपूर्ण योगदान रहता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
पृथ्वी के अक्ष एवं कक्ष से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
पृथ्वी रूपी ग्लोब को देखने से पता चलता है कि पृथ्वी एक कील के सहारे झुकी हुई है। इस कील को ही
अक्ष कहा जाता है। इसी के द्वारा हमें ग्लोब को घुमा सकते है। इसके सहारे ही पृथ्वी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है। पृथ्वी का अक्ष अपने परिक्रमण तल से का कोण बनाता है। अर्थात् पृथ्वी के घूर्णन करने का अक्ष उसके परिक्रमण कक्ष पर झुका हुआ है। जैसा कि चित्र द्वारा दर्शाया गया है।
प्रश्न 2.
सूर्य की किरणों को एक देशान्तर से दूसरे देशान्तर पर पहुँचने में 4 मिनट का समय लगता है-सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पृथ्वी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व दिशा में घूमती है। इसलिए पृथ्वी के पूर्वी भाग में सूर्योदय पहले होता है। पृथ्वी 24 घण्टे में अपने अक्ष पर 360° घूमती है तो यह एक घण्टे में 15° घूमेगी (360/24 = 15°) इस प्रकार पृथ्वी को 1°घूमने में 4 मिनट का समय लगता है। उदाहरणार्थपृथ्वी 15° घूमती है = 1 घण्टे में (अर्थात् 60 मिनट में)
इस प्रकार स्पष्ट है कि सूर्य की किरण को एक देशान्तर से दूसरे देशान्तर पर पहुँचने में 4 मिनट का समय लगता है।
प्रश्न 3.
सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण किस प्रकार होते हैं ?
उत्तर:
पृथ्वी एवं चन्द्रमा अपनी कक्षा में निरन्तर परिक्रमण करते हैं। इसी दौरान एक ऐसी स्थिति आती है जब सूर्य, चन्द्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं। इस स्थिति में जब चन्द्रमा, पृथ्वी एवं सूर्य के बीच में आ जाता है तो सूर्य से आने वाली किरणें चन्द्रमा द्वारा अवरुद्ध हो जाती हैं और पृथ्वी पर नहीं पहुँच पातीं। यह सूर्य ग्रहण की स्थिति होती है। इसी प्रकार जब पृथ्वी सूर्य व चन्द्रमा के मध्य आ जाती है, तब सूर्य से आने वाली किरणें पृथ्वी द्वारा बाधित होकर चन्द्रमा तक नहीं पहुँच पातीं । इस स्थिति को चन्द्रग्रहण कहते हैं।
प्रश्न 4.
भूमण्डल को ताप कटिबन्धों में बाँटिए।
उत्तर:
विषुवत रेखा को शून्य डिग्री अक्षांश रेखा भी कहते हैं। यहाँ सूर्य की किरणें वर्ष भर सीधी चमकती हैं, तथा दिन रात की लम्बाई बराबर होती है। इससे उत्तर व दक्षिण ध्रुवों की ओर जाने पर क्रमशः सूर्य की किरणें तिरछी होती जाती हैं और तापमान कम होता जाता है। भूमण्डल को अक्षांशों के आधार पर निम्न ताप कटिबन्धों में बाँटा गया है
- उष्ण कटिबन्ध-कर्क ( उत्तरी अक्षांश) तथा मकर ( दक्षिणी अक्षांश) रेखाओं के मध्य स्थित क्षेत्र को उष्ण कटिबन्ध कहते हैं।
- शीतोष्ण कटिबन्ध-दोनों गोलार्द्धा (उत्तरी गोलार्द्ध एवं दक्षिणी गोलार्द्ध) में क्रमश: कर्क रेखा से उत्तरी अक्षांश (आर्कटिक वृत्त) तथा मकर रेखा से दक्षिणी अक्षांश (अण्टार्कटिक वृत्त) के मध्य स्थित भाग को शीतोष्ण कटिबन्ध कहते हैं।
- शीत कटिबन्ध-दोनों गोलार्थों में क्रमश: आर्कटिक वृत्त से उत्तरी ध्रुव तक तथा अण्टार्कटिक वृत्त से दक्षिणी ध्रुव के मध्य स्थित भू-भागको शीत कटिबन्ध कहा जाता है।
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