• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • RBSE Model Papers
    • RBSE Class 12th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 10th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 8th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 5th Board Model Papers 2022
  • RBSE Books
  • RBSE Solutions for Class 10
    • RBSE Solutions for Class 10 Maths
    • RBSE Solutions for Class 10 Science
    • RBSE Solutions for Class 10 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 10 English First Flight & Footprints without Feet
    • RBSE Solutions for Class 10 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 10 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 10 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 10 Physical Education
  • RBSE Solutions for Class 9
    • RBSE Solutions for Class 9 Maths
    • RBSE Solutions for Class 9 Science
    • RBSE Solutions for Class 9 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 9 English
    • RBSE Solutions for Class 9 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 9 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 9 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 9 Physical Education
    • RBSE Solutions for Class 9 Information Technology
  • RBSE Solutions for Class 8
    • RBSE Solutions for Class 8 Maths
    • RBSE Solutions for Class 8 Science
    • RBSE Solutions for Class 8 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 8 English
    • RBSE Solutions for Class 8 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 8 Sanskrit
    • RBSE Solutions

RBSE Solutions

Rajasthan Board Textbook Solutions for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

  • RBSE Solutions for Class 7
    • RBSE Solutions for Class 7 Maths
    • RBSE Solutions for Class 7 Science
    • RBSE Solutions for Class 7 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 7 English
    • RBSE Solutions for Class 7 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 6
    • RBSE Solutions for Class 6 Maths
    • RBSE Solutions for Class 6 Science
    • RBSE Solutions for Class 6 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 6 English
    • RBSE Solutions for Class 6 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 5
    • RBSE Solutions for Class 5 Maths
    • RBSE Solutions for Class 5 Environmental Studies
    • RBSE Solutions for Class 5 English
    • RBSE Solutions for Class 5 Hindi
  • RBSE Solutions Class 12
    • RBSE Solutions for Class 12 Maths
    • RBSE Solutions for Class 12 Physics
    • RBSE Solutions for Class 12 Chemistry
    • RBSE Solutions for Class 12 Biology
    • RBSE Solutions for Class 12 English
    • RBSE Solutions for Class 12 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit
  • RBSE Class 11

RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit रञ्जिनी Chapter 4 आदिकत्रिः वाल्मीकिः

May 17, 2019 by Safia Leave a Comment

Rajasthan Board RBSE Class 7 Sanskrit रञ्जिनी Chapter 4 आदिकत्रिः वाल्मीकिः

RBSE Class 7 Sanskrit रञ्जिनी Chapter 4 पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखितशब्दानाम् उच्चारणं कुरुत-(निम्नलिखित शब्दों के उच्चारण कीजिए-) युष्माकम्, कमण्डलुः, ममाधिकारः, ख्यातनामा, दस्युः, प्रवेष्टुम्, पुत्रादीन्, व्याधेन, विध्यम्, त्वमगमः।
उत्तर:
छात्रा: स्वयमेव उच्चारणं कुर्वन्तु । (छात्रगण स्वयं ही उच्चारण करें।)

प्रश्न 2.
निम्नलिखितप्रश्नान् एकपदेन उत्तरत(नीचे लिखे हुए प्रश्नों के एक पद में उत्तर दीजिये-)
(क) सप्तऋषयः कुत्र गच्छन्ति स्म? (सात ऋषि कहाँ जा रहे थे?)
(ख) रत्नाकरः कुत्र गत्वा कुटुम्बजनान् अपृच्छत् ? (रत्नाकर ने कहाँ जाकर कुटुम्बीजनों से पूछा?)
(ग) सः स्वमस्तकं कुत्र अनमत्? (उसने अपने मस्तक को कहाँ झुकाया?)
(घ) वाल्मीकिः तमसातीरे केन विध्यं खगम् अपश्यत्? (वाल्मीकि ने तमसा नदी के किनारे किसके द्वारा वेधे गये पक्षी को देखा?)
(ङ) रामायणकथा कीदृशी अस्ति? (रामायण की कथा कैसी है?)
उत्तर:
(क) सघनवने
(ख) गृहं
(ग) ऋषिणां चरणेषु
(घ) व्याधेन
(ङ) रम्या।

प्रश्न 3.
रेखांकितानि पदानि अधिकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत। (रेखांकित पदों के आधार पर प्रश्न निर्माण कीजिए।)

(क) इदं श्रुत्वा रत्नाकर: स्तब्धः अभवत्।
उत्तर:
इदं श्रुत्वा के स्तब्धः अभवत् ?

(ख) स आगत्य ऋषीणां चरणेषु समस्तकम् अनमत्।
उत्तर:
स आगत्य केषां चरणेषु समस्तकम् अनमत्?

(ग) ऋषेः मुखात् श्लोकः निरगच्छत्।
उत्तर:
ऋषेः कुतः: श्लोक: निरगच्छत् ?

(घ) इयं कथा रमणीया अस्ति।
उत्तर:
इयं कथा कीदृशी अस्ति?

(ङ) महाकवेः ख्यातिः कुत्र प्रसृता अभवत् ।
उत्तर:
महाकवेः काः कुत्र प्रसृता अभवत्?

प्रश्न 4.
मजूषातः पदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत-(मंजूषा से पद चुनकर वाक्यों को पूरा कीजिए-)

RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit Ranjini Chapter 4 आदिकत्रिः वाल्मीकिः 1

(क) ऋषीणां ……………… भयंकरः ध्वनिः पतितः।
(ख) वाल्मीके: पूर्वनाम …………………. आसीत्।
(ग) …………………….. ऋषय: वनम् अगच्छन्।
(घ) वाल्मीके: मुखात् ……………………… निर्गतः।
(ङ) रामायणस्य रचनाकारः ………………. अस्ति।
उत्तर:
(क) कर्णपथे
(ख) रत्नाकरः
(ग) सप्त
(घ) श्लोकः
(ङ) वाल्मीकिः।

प्रश्न 5.
अधोलिखितेषु पदेषु प्रयुक्तम् उपसर्ग लिखित-(नीचे लिखे हुए पदों में प्रयुक्त उपसर्ग लिखिए-)

RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit Ranjini Chapter 4 आदिकत्रिः वाल्मीकिः 2

प्रश्न 6.
सुसङ्गतानि पदानि मेलयत-(सुसंगत पदों को मिलाइये-)
(क) कालिदासः- योगसूत्रम्
(ख) वेदव्यास:- अष्टाध्यायी
(ग) माघः- अर्थशास्त्रम्
(घ) पतञ्जलि:- रघुवंशम्
(ङ) चाणक्यः- महाभारतम्
(च) पाणिनिः- शिशुपालवधम्
उत्तर:
(क) कालिदासः- रघुवंशम्
(ख) वेदव्यास:- महाभारतम्
(ग) माघः- शिशुपालवधम्
(घ) पतञ्जलि:- योगसूत्रम्
(ङ) चाणक्य:- अर्थशास्त्रम्
(च) पाणिनि:- अष्टाध्यायी

प्रश्न 7.
(क) सप्तमीविभक्तेः-रूपाणि लिखत-(सप्तमी विभक्ति के रूप लिखिए-)
उत्तर:
यथा-कोषः कोषे
(क) हस्त: हस्ते
(ख) देवालयः देवालये
(ग) घट: घटे
(घ) श्लोकः श्लोके
यथा-नगरम् नगरे
(ङ) द्वारम् द्वारे
(च) पुस्तकम् पुस्तके
(छ) अक्षरम् अक्षरे
(ज) पत्रम् पत्रे
(ख) चित्रं दृष्ट्वा सप्तमीविभक्तेः रूपाणि जानीत रिक्तस्थानानि च पूरयत- (चित्र को देखकर सप्तमी विभक्ति के रूपों को जानिये और रिक्तस्थानों की पूर्ति कीजिए-)

RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit Ranjini Chapter 4 आदिकत्रिः वाल्मीकिः 8

यथा-कपाटिका कपाटिकायाम्
(क) शाखा ……..
(ख) वाटिका ………..
(ग) माला …………….
(घ) पाकशाला ……..
(ङ) कक्षा …………..
उत्तरम्:
(क) शाखायाम्,
(ख) वाटिकायाम्
(ग) मालायाम्,
(घ) पाकशालायाम्
(ङ) कक्षायाम्।

(ग) चित्रं दृष्ट्वा सप्तमीविभक्तेः रूपाणि जानीत रिक्तस्थानानि च पूरयत-(चित्र को देखकर सप्तमी विभक्ति के रूपों को जानिए और रिक्तस्थानों को पूरा कीजिए-)
RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit Ranjini Chapter 4 आदिकत्रिः वाल्मीकिः 4
उत्तर:
(क) कूपी कृप्याम्
(ख) दवा दव्याम्
(ग) दूरवाणी दूरवाण्याम्
(घ) जननी जनन्याम्
(ङ) सरस्वती सरस्वत्याम्

प्रश्न 8.
रेखांकितपदे सप्तमीविभक्तिं प्रयुज्य वाक्य निर्माण कुरुत-(रेखांकित पद में सप्तमी विभक्ति का प्रयोग करके वाक्य की रचना कीजिए-)

RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit Ranjini Chapter 4 आदिकत्रिः वाल्मीकिः 5

प्रश्न 9.
सप्तमीविभक्तेः द्विवचन बहुवचने च रूपाणि लिखत-(सप्तमी विभक्ति के द्विवचन और बहुवचन में रूप लिखिए-)

RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit Ranjini Chapter 4 आदिकत्रिः वाल्मीकिः6

प्रश्न 10.
रेखांकितपदानां द्विवचने बहुवचने च प्रयोगं कृत्वा वाक्यानि रचयत-(रेखांकित पदों का द्विवचन और बहुवचन में प्रयोग करके वाक्यों की रचना कीजिए-)
यथा-
दुग्धं चषके अस्ति। दुग्धं चषकयोः अस्ति। दुग्धं चषकेषु अस्ति।
(क) पुष्पाणि उद्याने सन्ति।
(ख) मन्दिरं ग्रामे अस्ति।
(ग) लता: वाटिकायां सन्ति।
(घ) वानरा: शाखायां सन्ति ।
(ङ) मकरा: नद्यां सन्ति।
उत्तर:
(क) पुष्पाणि उद्यानयो: सन्ति। पुष्पाणि उद्यानेषु सन्ति।
(ख) मन्दिरं ग्रामयोः अस्ति। मन्दिरं ग्रामेषु अस्ति।
(ग) लता: वाटिकयो: सन्ति। लता: वाटिकासु सन्ति ।
(घ) वानरा: शाखयो: सन्ति। वानरा: शाखासु सन्ति।
(ङ) मकरा: नद्योः सन्ति। मकरा: नदीषु सन्ति।

प्रश्न 11.
उचितां विभक्तिं प्रयुज्य वाक्यानि पूरयत(उचित विभक्ति का प्रयोग करके वाक्यों को पूरा कीजिए-)
यथा-
नौका जले विहरति। (जलम्)
(क) ब्रह्ममन्दिरं …………. अस्ति। (पुष्करम्)
(ख) छात्रा: विद्यालयस्य………क्रीडन्ति। (क्रीडाङ्गणम्)
(ग) खगाः………….कूजन्ति । (शाखा)
(घ) माता ………….पाकं करोति। (पाकशाला)
उत्तर:
(क) पुष्करे
(ख) क्रीडाङ्गणे
(ग) शाखायां
(घ) पाकशालायां

योग्यता-विस्तारः

1. रामायण का परिचय-
महर्षि वाल्मीकि ने ही आदिकाव्य रामायण की रचना की है। यह संस्कृत में लिखा गया है। इसमें मर्यादापुरुषोत्तम राम की कथा वर्णित है। इसकी कथा सात काण्डों में विभक्त हैं। उनके नाम हैं

  1. बालकाण्ड
  2. अयोध्याकाण्ड
  3. किष्किन्धाकाण्ड
  4. अरण्यकाण्ड
  5. सुन्दरकाण्ड
  6.  युद्धकाण्ड
  7. उत्तरकाण्ड। इसमें चौबीस हजार (24000) पद्य हैं। इसलिए इसे ‘चतुर्विंशति- साहस्री’ भी कहा जाता है। इसकी कथा पर आधारित विभिन्न भाषाओं में अनेक ग्रन्थ रचे गये हैं। जैसे- तमिल भाषा में-कम्बरामायण । अवधी भाषा में – रामचरितमानस

2. सर्वनाम शब्दानां सप्तमीविभक्तेः रूपाणि जानीम-

RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit Ranjini Chapter 4 आदिकत्रिः वाल्मीकिः 7

RBSE Class 7 Sanskrit रञ्जिनी Chapter 4 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

RBSE Class 7 Sanskrit रञ्जिनी Chapter 4 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
आदिकवेः महर्षि वाल्मीः जीवनगाथा तु अतीवास्ति………………।
(क) विचित्रा
(ख) सरला
(ग) जटिला
(घ) मनोहरा।

प्रश्न 2.
एकदा सघने वने गच्छन्ति स्म ………..।
(क) कृषका;
(ख) राजानः
(ग) सप्तऋषयः
(घ) छात्राः ।

प्रश्न 3.
रत्नाकरः पापाचरणं करोति स्म ………..।
(क) कुटुम्बपालनाय
(ख) धनसंग्रहाय
(ग) देशस्यक्षाय
(घ) धर्माय।
उत्तर-
1. (क),
2. (ग),
3. (क)।
घटनाक्रमानुसार वाक्यानि लिखत

  1. रत्नाकरः गृहम् गत्वा पत्नी पुत्रादीन् अपृच्छत् ।
  2. ऋषयः अवदन्-“वत्स! केषां कृते स्वजीवने पापाचरणं करोषि ?”
  3. ऋषिभि: प्रदत्तं रामनामजपम् आरभत् सः।
  4. ऋषे: मुखात् एकः श्लोक: निरगच्छत् ।

उत्तर:

  1. ऋषयः अवदन्-“वत्स ! केषां कृते स्वजीवने पापाचरणं करोषि ?”
  2. रत्नाकर: गृहम् गत्वा पत्नी पुत्रादीन् । अपृच्छत्।
  3. ऋषिभिः प्रदत्तं रामनामजपम् आरभत् सः।
  4. ऋषे: मुखात्: एकः श्लोक: निरगच्छत् ।

RBSE Class 7 Sanskrit रञ्जिनी Chapter 4 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
केषाम् कर्णपथे भयंकर ध्वनिः पतितः?
उत्तर:
सप्तऋषिणाम् कर्णपथे भयंकर ध्वनिः पतितः।

प्रश्न 2.
वाल्मीकि ऋषेः पूर्वनाम् किम् आसीत्?
उत्तर:
वाल्मीकि ऋषे: पूर्वनाम् ‘रत्नाकरः आसीत्।

प्रश्न 3.
एकदा तमसा नद्या: तीरे वाल्मीकि ऋषि किम् अपश्यत्?
उत्तर:
एकदा तमसा नद्या: तीरे वाल्मीकि व्याधेन विध्यम्। काममोहितं क्रौञ्चखगम् अपश्यत् ।

RBSE Class 7 Sanskrit रञ्जिनी Chapter 4 निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न-
आदिकविः वाल्मीकि कथाया सारं हिन्दी भाषायां लिखते।
उत्तर:
एक बार घने जंगल से होकर सात ऋषि जा रहे थे। अचानक उन्हें एक भयंकर ध्वनि सुनाई पड़ी-तुम्हारे पास जो भी कमंडलु, रुद्राक्ष, वस्त्र आदि वस्तुएँ हैं, उन्हें जमीन पर रख दो। ऋषियों ने पूछा-आप कौन हैं? और यह पाप कर्म क्यों करते हो। डाकू बोला- मैं प्रसिद्ध डाकू रत्नाकर हूँ। मेरे भय से कोई जंगल में प्रवेश नहीं करता। यह यह सब मैं अपने परिवार के पालन के लिए करता हूँ। ऋषि बोले- आप जिनके लिए यह पापकर्म कर रहे हो उनसे पूछा है कि वे इस | पाप में भागीदार हैं या नहीं। डाकू ने ऋषियों को पेड़ से बाँधकर घर आकर पूछा तो सबने मना कर दिया। लौटकर वह ऋषियों के चरणों में गिर गया। ऋषियों ने उसे राम नाम | जपने का उपाय बताया। राम-नाम मंत्र का जप करते हुए रत्नाकर के शरीर पर चींटियों ने मिट्टी के ढेर बना दिए, | जिससे वह ‘वाल्मीकि’ नाम से प्रसिद्ध हुए। एक बार तमसा नदी के तट पर काममोहित क्रौंच पक्षी के जोड़े में से एक को व्याध ने तीर से मार दिया। दयार्द्र ऋषि के मुख से संस्कृत में एक श्लोक निकला। लौकिक संस्कृत का यह | प्रथम श्लोक माना गया और वाल्मीकि संस्कृत साहित्य के आदिकवि कहलाए। इनकी प्रसिद्ध रचना ‘रामायण’ है।

पाठ-परिचय

प्रस्तुत पाठ में संस्कृत साहित्य के आदि कवि वाल्मीकि के जीवन की उस विशेष घटना का वर्णन है, जिसके द्वारा वह डाकू रत्नाकर से महाकवि वाल्मीकि बने।

मूल अंश, शब्दार्थ, हिंदी अनुवाद एवं प्रश्नोत्तर

(1) एकदा सघने वने सप्त ऋषयः गच्छन्ति स्म। तेषां कर्णपथे भयङ्करः ध्वनिः पतितः। “भोः ऋषयः! तिष्ठन्तु युष्माकं समीपे विद्यमानानि रुद्रक्षकमण्डलुवस्त्रादीनि भूतले अत्र स्थापयन्तु। एतेषु ममाधिकार: न युष्माकम्।” ”भोः त्वं कः?” इति ऋषयः अपृच्छन्। ”किं यूयं न जानीथ? अहं रत्नाकर: नामधेयो ख्यातनामा दस्युः वनेऽस्मिन् मम भयकारणेन न कोऽपि प्रवेष्टुम् उत्सहते” इत्यवदत् रत्नाकरः। ऋषयः अवदन् “वत्स! केषां कृते स्वजीवने पापाचरणं करोषि?” रत्नाकरः अवदत् “अहं मम कुटुम्बपालनाय पोषणाय च इदं करोमि।”

शब्दार्थाः-एकदा = एक बार, गच्छन्ति स्म = जा रहे थे, कर्णपये = कान में, ध्वनिः = आवाज, तिष्ठन्तु = रुकें, रुकिए, कमण्डलु, = पानी पीने का पात्र, स्थापयन्तु = रख दें, युष्माकं = तुम्हारे, यूयं तुम लोग, जानीथ = जानते हो, नामधेयो नाम वाला, उत्सहते = साहस करता, प्रवेष्टुम् = प्रवेश करने के लिये, ख्यातनामा = प्रसिद्ध, दस्युः = डाकू।।

हिन्दी अनुवाद-एक बार सघन वन में सातऋषि जा रहे थे। उनके कान में भयंकर ध्वनि आ पड़ी। “हे ऋषियों। रुकिये ! तुम लोगों के पास में रुद्राक्ष, कमण्डल, वस्त्र इत्यादि वस्तुएँ (जो) विद्यमान हैं (उनको) यहीं जमीन पर रख दो।” इन पर मेरा अधिकार है। तुम लोगों का नह’ अरे तुम कौन हो? इस प्रकार ऋषियों ने पूछा। “क्या तुम लोग नहीं जानते? मैं रत्नाकर नामक प्रसिद्ध डाकू हूँ। इस वन में मेरे भय के कारण कोई भी प्रवेश करने की हिम्मत नहीं करता, रत्नाकर ने ऐसा कहा। ऋषि बोले, “वत्स किसके लिए अपने जीवन में पाप का आचरण करते हो।” रनाकर ने कहा “मैं अपने परिवार के पालन-पोषण के लिये यह कार्य करता हूँ।”

अवबोध के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत
(क) सघन वने के गच्छन्ति स्म?
(ख) ख्यातनामा दस्युः कः आसीत्?
(ग) रत्नाकरः कुत्र सप्तऋषिन् अवरुद्धति स्म?
(घ) रुद्राक्षकमण्डलुवस्त्रादीनि कुत्र स्थापयन्तु?
उत्तर:
(क) सप्तऋषय:
(ख) रत्नाकर;
(ग) सघनवने
(घ) भूतले

प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) रत्नाकर: ऋषिभिः किम् अकथयत्?
उत्तर:
अस्मिन् वने मम भयकारणेन न कोऽपि प्रयेष्टुम् उत्सहते।

(ख) ऋषयः रत्नाकरं किम् अपृच्छन्?
उत्तर:
ऋषय: अपृच्छन् “वत्स! केषाम् कृते स्वजीवने पापाचरणं करोषि।”

(2) “भवान् येषां कृते इदमाचरति तान् पृच्छ। किम् तेऽपि अस्मिन् पापकर्मणि भागभूताः भविष्यन्ति?” रत्नाकर गृहं गत्वा पत्न पुत्रादीन् अपृच्छत्। “यः पापकर्म करिष्यति तस्य फलमपि स एव प्राप्स्यति, वयं न” इति कुटुम्बजनाः अवदन्। इदं श्रुत्वा रत्नाकरः स्तब्धः अभवत्। तस्य हृदये महापीड़ा जाता। आगत्य ऋषीणां चरणेषु अनमत्। ऋषिभि: प्रदत्तं रामनामजपम् आरभत् सः। तस्य शरीरे च पिपीलिकाभिः रचितेन वल्मीकेन वाल्मीकिः इति नाम्ना ख्यातो जातः कविः असौ।।

शब्दार्था:- भवान् = आप, येषां कृते = जिनके लिये, पृच्छ = पूछो, तेऽपि = वे भी, भागभूताः = भागीदार, गत्वा = जाकर, अपृच्छत् = पूछा, प्राप्स्यति = प्राप्त करेगा, स्तब्धः = वचनविहीन, जाता = पैदा हो गयी, आगत्य = आकर, आरभत् = शुरू कर दिया, पिपिलिकाभिः = चींटियों के द्वारा, वल्मीकेन == मिट्टी के ढेर के द्वारा, जातः = हो गया; असौ = वह।।

हिन्दी अनुवाद- आप जिनके लिये यह आचरण कर रहे हो, उनसे पूछो। क्या वे भी इस पाप कर्म में भागीदार होंगे?’ रत्नाकर ने घर जाकर पत्नी-पुत्रों आदि से पूछा। जो पाप कर्म करेगा, उसका फल वही प्राप्त करेगा, हम लोग नहीं। कुटुम्बीजनों ने इस प्रकार कहा। यह सुनकर रत्नाकर स्तब्ध रह गया। उसके हृदय में बहुत पीड़ा हुई। आकर ऋषियों के चरणों में झुक गया। उसने ऋषियों के द्वारा दिये गये रामनाम को जपना आरम्भ किया। उसके शरीर पर चींटियों के द्वारा बनाये मिट्टी के देर से वह वाल्मीकि नाम से प्रसिद्ध कवि हो गये।

अवबोध के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
एकपदेन. उत्तरत
(क) रत्नाकर: कुत्र अगच्छत्?
(ख) रत्नाकर: कान् अपृच्छत्?
(ग) ऋषीणां चरणेषु कः अनमत्?
(घ) कुटुम्बीजनानां उत्तरं श्रुत्वा कः स्तब्धः अभवत्?
उत्तर:
(क) गृहम्
(ख) कुटुम्बीजनान्
(ग) रत्नाकर
(घ) रत्नाकरः।

प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) रत्नाकरस्य हृदये का जाता?
उत्तर:
रत्नाकरस्य हृदये महापौड़ा जाता।

(ख) रत्नाकरः किं कर्तुम् आरभत्?
उत्तर:
रत्नाकरः ऋषिभिः प्रदत्तं रामनामजपम् आरभत्।।

(3) एकदा तमसा नद्या; तीरै विद्यमानेन व्याधेन विध्यम् एकं काममोहितं क्रौञ्चखगम् अपश्यत्। तस्य सहचरस्य वियोगेन व्याकुलाया: क्रौञ्ज्या: उच्चैः करुणं क्रन्दनम् अशृणोत्। तस्याः दयनीय दशां विलोक्य द्रवितहृदयस्य ऋषेः मुखात् एकः श्लोकः निरगच्छत्।।

मा निषाद! प्रतिष्ठां त्वमगमः शाश्वतीः समाः।
यत्क्रौञ्चमिथुनादेकमेवधीः काममोहितम्।।

अयमेव श्लोक: लौकिकसंस्कृतसाहित्यस्य आदिश्लोकः, कविः च आदिकवि: जातः। ब्रह्मण: आदेशेन एव सः कविः आदर्शपुरुषस्य रामस्य रामायणकथाम् अलिखत्। इयं कथा अतीव रमणीया अस्ति अत: उच्यते ”रम्या रामायण कथा” शब्दार्था:-एकदा = एक बार विध्यम् = विधा हुआ, काममोहितं = काम से मोहित, क्रौञ्चखगम् = क्रौञ्च पक्षी को, सहचरस्य साथी के, वियोगेन = विशेह से, क्रन्दनम् = रोने की आवाज, अमृणोत् = सुना, विलोक्य = देखकर, अवधी = मार दिया, मा = मत, निषाद = प्राप्त करो, प्रतिष्ठां = यश को, अतीव = अत्यन्त, रम्या = सुन्दर, व्याधेन = शिकारी।

हिन्दी अनुवाद- एक बार तमसा नदी के किनारे विद्यमान बहेलिया के द्वारा विंधे हुए एक काममोहित क्रौञ्च पक्षी को देखा। उसके साथी के वियोग से व्याकुल क्रौञ्च (मादा पक्षी) के करुण क्रन्दन को सुना। उसकी दयनीय दशा को देखकर द्रवित हुए हृदय वाले ऋषि के मुख से एक श्लोक निकलाहे बहेलिए! तुम सैकड़ों वर्षों तक प्रतिष्ठा को प्राप्त नहीं करोगे क्योंकि क्रौञ्च पक्षी के जोड़े में से काम मोहित एक (नर) पक्षी का वध कर डाला है। यही श्लोक (उक्ति) लौकिक संस्कृत साहित्य का प्रारम्भिक श्लोक है, जिसके द्वारा) कवि आदि कवि कहे जाने लगे। ब्रह्मा के आदेश से ही उस कवि (वाल्मीकि) ने आदर्श पुरुष राम की कथा को लिखा। यह कथा अत्यन्त सुन्दर है, अतः इसे ‘रामायण की सुन्दर कथा’ कहा जाता है।

अवबोध के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत
(क) तमसा नद्याः तीरे ऋषिः किम् अपश्यत्?
(ख) क्रौञ्चखगं कीदृशम् आसीत्?
(ग) ऋषिः किम् अशृणोत्?
(घ) करुणक्रन्दनस्य कस्य आसीत्?
उत्तर:
(क) क्रौञ्चखगम्
(ख) काममोहितम्
(ग) कणक्रंदनम्
(घ) क्रौञ्च्याः।

प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) ऋषिः वाल्मीकिः व्याधं किम् अकथयत्?
उत्तर:
ऋषि: वाल्मीकि; व्याधम् अकथयत्-“त्वम् अगम; शाश्वती: समा; मा निषाद।”

(ख) ब्रह्मणः आदेशेन आदिकवि: वाल्मीकिः किम अलिखत?
उत्तर:
ब्रह्मण: आदेशेन आदिकवि: वाल्मीकि; आदर्शपुरुषस्य रामस्य रामायणकथाम् अलिखत्।।

RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit

Share this:

  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)

Related

Filed Under: Class 7

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Recent Posts

  • RBSE Class 5 Hindi रचना पत्र लेखन
  • RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 2 पदार्थ की संरचना एवं अणु
  • RBSE Solutions for Class 5 Hindi परिवेशीय सजगता
  • RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 14 स्वर्ण नगरी की सैर
  • RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 17 चुनाव प्रक्रिया कब, क्या व कैसे?
  • RBSE Class 5 Hindi व्याकरण
  • RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 16 दृढ़ निश्चयी सरदार
  • RBSE for Class 5 English Vocabulary One Word
  • RBSE Solutions for Class 5 Environmental Studies Manachitr
  • RBSE Solutions for Class 9 Maths Chapter 1 वैदिक गणित Additional Questions
  • RBSE Class 5 English Vocabulary Road Safety

Footer

RBSE Solutions for Class 12
RBSE Solutions for Class 11
RBSE Solutions for Class 10
RBSE Solutions for Class 9
RBSE Solutions for Class 8
RBSE Solutions for Class 7
RBSE Solutions for Class 6
RBSE Solutions for Class 5
RBSE Solutions for Class 12 Maths
RBSE Solutions for Class 11 Maths
RBSE Solutions for Class 10 Maths
RBSE Solutions for Class 9 Maths
RBSE Solutions for Class 8 Maths
RBSE Solutions for Class 7 Maths
RBSE Solutions for Class 6 Maths
RBSE Solutions for Class 5 Maths
RBSE Class 11 Political Science Notes
RBSE Class 11 Geography Notes
RBSE Class 11 History Notes

Copyright © 2025 RBSE Solutions

 

Loading Comments...