RBSE Solutions for Class 7 Science Chapter 11 समय एवं चाल are part of RBSE Solutions for Class 7 Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 7 Science Chapter 11 समय एवं चाल.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 7 |
Subject | Science |
Chapter | Chapter 11 |
Chapter Name | समय एवं चाल |
Number of Questions Solved | 45 |
Category | RBSE Solutions |
Rajasthan Board RBSE Class 7 Science Chapter 11 समय एवं चाल
पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर
सही विकल्प का चयन कीजिए
प्रश्न 1.
यदि भारती के भाई की आयु 10 दिन है। उसकी आयु का मान घंटों में कितना होगा ?
(अ) 120 घंटे
(ब) 100 घंटे
(स) 240 घंटे
(द) 80 घंटे।
उत्तर:
(स) 240 घंटे
प्रश्न 2.
घड़ियों की कार्यविधि किस प्रकार की गति पर आधारित होती है?.
(अ) सरल रेखीय गति
(ब) आवर्त गति
(स) वक्र रेखीय गति
(द) घूर्णन गति
उत्तर:
(ब) आवर्त गति
प्रश्न 3.
मीटर प्रति सेकण्ड किसका अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक है ?
(अ) समय का
(ब) भार का
(स) चाल का
(द) दुरी का।
उत्तर:
(स) चाल का
रिक्त स्थान
1. समय का अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक ……. है।
2. किसी वस्तु द्वारा एकांक समय में चली गयी दूरी को
उस वस्तु की ……………. कहते हैं।
3. कोई वस्तु किसी सरल रेखा के अनुदिश नियत चाल से
गति कर रही है तो उसकी गति को …… गति कहते हैं।
उत्तर:
1. सेकण्ड
2. चाल
3. एक समान गति।
निम्नलिखित कथनों में से सही या गलत को पहचान कर चिह्नित कीजिए।
प्रश्न.1
प्रत्येक वस्तु नियत चाल से गति करती है।
उत्तर:
सही
प्रश्न 2.
बस की चाल को मीटर में व्यक्त किया जाता है।
उत्तर:
गलत
प्रश्न 3.
दो शहरों के बीच की दूरी किलोमीटर में मापी जाती
उत्तर:
सही
प्रश्न 4.
किसी दिए गए लोलक का आवर्तकाल नियत नहीं होता।
उत्तर:
गलत
प्रश्न 5.
नियत चाल से गति करने वाली वस्तु का दूरी-समय ग्राफ एक सरल रेखा होता है।
उत्तर:
सही
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कोई सरल लोलक 40 दोलन पूरे करने में 80 सेकण्ड समय लेता है। लोलक का आवर्तकाल कितना है ?
उत्तर:
लोलक का आवर्तकाल सेकण्ड ज्ञात कीजिए।
प्रश्न 2.
एक मोटर साइकिल सवार अपने सफर में 40 km/ h की चाल से 15 घंटे में चलकर अपने गन्तव्य तक पहुँचता है। उसके द्वारा तय की गई दूरी कितनी होगी ?
उत्तर:
मोटर साइकिल की चाल = 40 km/h
लिया गया समय = 1:5 घंटे
तय की गई दूरी = चाल x समय
= 40 x 1:5
= 60.0 किमी
प्रश्न 3.
सौर दिन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
सूर्य प्रतिदिन प्रात:काल में उदय होता है। एक सूर्योदय से अगले सूर्योदय के बीच के समय को एक “सौर-दिन’ कहा जाता है।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
किसी वाहन की गति के लिए समय तथा दूरी के मानों को आगे सारणी में दिया गया है। इनसे समय-दूरी ग्राफ बनाइए।
उत्तर:
प्रश्न 2.
सरल लोलक क्या होता है ? इसके आवर्तकाल को समझाइए।
उत्तर:
सरल लोलक-धातु के एक छोटे गोले अथवा पत्थर के टुकड़े को किसी दृढ़ स्टेण्ड से धागे द्वारा लटका कर दोलन करवाते हैं तो इसे सरल लोलक कहते हैं। धातु का गोला सरल लोलक का गोलक कहलाता है। सरल लोलक का आवर्तकाल-सरल लोलक एक दोलन पूरा करने में जितना समय लगाता है, उसे सरल लोलक का आवर्तकाल कहते हैं।
क्रियात्मक कार्य
प्रश्न 1.
अपने आस-पास की वस्तुओं की भूमि, हवा और पानी में गति का अवलोकन कीजिए। इनके द्वारा तय की गई दूरी तथा समय के प्रेक्षण लेकर इनकी चाल ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
1. नाव की पानी में चाल यदि नाव द्वारा 10 मिनट में 600 मीटर दूरी तय की गई है।
पाठात प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
यदि आपके पास घड़ी नहीं है तो आप यह कैसे निश्चित करेंगे कि अब क्या समय हो गया है ? (पृष्ठ 101)
उत्तर:
हम सूर्य की स्थिति और उससे किसी वस्तु की छाया का अंदाजा लगाकर समय बताने का प्रयास करेंगे।
प्रश्न 2.
क्या कभी आपको यह जानने की उत्सुकता हुई है कि हमारे बुजुर्ग किस प्रकार केवल छाया देखकर दिन के समय का अनुमान लगा लेते थे ?
(पृष्ठ101)
उत्तर:
हाँ, कुछ बुजुर्ग जमीन में लकड़ी गाढ़कर उसकी छाया उँगलियों से नापकर समय का अंदाजा लगा लेते थे।
प्रश्न 3.
आप ज्ञात कीजिए कि एक वर्ष में कितने घंटे और कितने सेकण्ड होते हैं ? (पृष्ठ 102)
प्रश्न 4.
एक सेकण्ड का समय अन्तराल कितना छोटा अथवा बड़ा होता है ? (पृष्ठ103)
उत्तर:
हमारे द्वारा दो-तीन शब्दों जैसे ‘जय राजस्थान’ को जोर से उच्चारण करने में लगा समय लगभग 1 सेकण्ड होता है। विराम की स्थिति में किसी सामान्य स्वस्थ युवा की नाड़ी एक मिनट में 72 बार अर्थात् 10 सेकण्ड में लगभग 12 बार स्पंदन करती (धड़कती) है। बच्चों में यह दर कुछ अधिक हो सकती है।
प्रश्न 5.
समय के अन्य बड़े मात्रक कौन-कौन से हैं ? सारणी में लिखकर बताइए कि मिनट, घंटा, दिन और वर्ष आदि का छोटे मात्रकों के साथ क्या सम्बन्ध है ? (पृष्ठ 103-104)
उत्तर:
सारणी : समय के मात्रक एवं उनमें सम्बन्ध
प्रश्न 6
माना कि एक बैलगाड़ी तथा एक मोटर साइकिल दोनों ही एक साथ एक ही सरल रेखीय पथ के अनुदिश गति करना प्रारम्भ करते हैं तो बताइए कि किसकी गति मन्द होगी तथा किसकी तीव्र ?
(पृष्ठ104)
उत्तर:
मोटर साइकिल की गति तीव्र होगी तथा बैलगाड़ी की गति मन्द होगी।
प्रश्न 7.
इसी प्रकार से सरल रेखीय पथ के अनुदिश गति करने वाली कुछ अन्य वस्तुएँ लेकर उनके जोड़े बनाइए तथा आगे दी गई सारणी में इनकी गति को मन्दगति तथा तीव्रगति के रूप में दो वर्गों में वर्गीकृत कीजिए। (पृष्ठ 105)
उत्तर:
सारणी : मंदगति तथा तीव्रगति
प्रश्न 8.
आपने यह कैसे निश्चित किया कि कौन-सी वस्तु मन्दगति कर रही है और कौन-सी वस्तु तीव्रगति कर रही है ? (पृष्ठ105)
उत्तर:
किसी निश्चित बिन्दु से समय के सापेक्ष तय दूरी के आधार पर यह ज्ञात किया जा सकता है कि कौन-सी वस्तु । मन्दगति कर रही है और कौन-सी तीव्रगति कर रही है।
क्रियाकलाप
गतिविधि-1 (पृष्ठ 102)
प्रश्न-1
क्या आपके लोलक का आवर्तकाल हर बार लगभग समान आता है ?
उत्तर:
हाँ, लोलक का आवर्तकाल लगभग समान आता है।
गतिविधि-4 (पृष्ठ110)
वस्तु के दूरी एवं समय ग्राफ के किसी बिन्दु से हम पता लगा सकते हैं कि किसी समय पर उसने कितनी दूरी तय की है। एक वान ने किसी स्थान से दिन के 1.00 बजे चलना प्रारम्भ किया। इसकी गति के लिए तय की गई दूरी एवं समय के मान आगे सारणी में दिए गए हैं, जिसका ग्राफ चित्र में दर्शाया गया है। 27फ से पता लगाइए कि वाहन ने 2.15 बजे समः ५ किती दूरी तय की है ?
उत्तर:
ग्राफ दर्शाता है कि 2.15 पर वस्तु ने 75 किमी की दूरी तय की।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
‘वृहत सम्राट यंत्र’ कहाँ स्थित है ?
(अ) उदयपुर
(ब) जयपुर
(स) जोधपुर
(द) बीकानेर।
(ब) जयपुर
प्रश्न 2.
एक मिनट में सेकण्ड होती है
(अ) 60
(ब) 120
(स) 900
(द) 600.
(अ) 60
प्रश्न 3.
चाल का मात्रक है
(अ) मीटर/सेकण्ड
(ब) किमी/घंटा
(स) सेन्टीमीटर/सेकण्ड
(द) ये सभी।
(द) ये सभी।
प्रश्न 4.
पथमापी को कहते हैं|
(अ) स्पीडोमीटर
(ब) ओडोमीटर
(स) थर्मामीटर
(द) घनमीटर।
(ब) ओडोमीटर
प्रश्न 5.
दूरी लिखने का सही तरीका है
(अ) 50 h/s
(ब) 50 ms
(स) 50 km
(द) 50 kms.
(स) 50 km
प्रश्न 6.
समय का मूल मात्रक होता है
(अ) सेकण्ड
(ब) मिनट
(स) घंटा
(द) वर्ष ।
(अ) सेकण्ड
प्रश्न 7.
घड़ी के पेण्डुलम की गति होती है
(अ) आवर्त गति
(ब) रेखीय गति
(स) वक्र गति
(द) धूर्णन गति ।
(अ) आवर्त गति
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. प्राचीनकाल में……घड़ी और………घड़ी का प्रयोग | समय मापने के लिए किया जाता था।
2. एक अमावस्या से अगली अमावस्या के बीच की अवधि को……….कहा गया।
3. धातु का गोला सरल लोलक का………कहलाता है।
4. …………चाल का अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक है।
5. नियत चाल से गतिशील वस्तु का दूरी-समय ग्राफ …..होता है।
उत्तर:
1. रेत, धूप
2. चन्द्रमास
3. गोलक
4. मीटर
प्रति सेकण्ड
5. सरल रेखा।
अतिलघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जयपुर स्थित धूप घड़ी से कितने समय को शुद्ध मापा जा सकता है ?
उत्तर:
2 सेकण्ड के अल्प समय को शुद्ध मापा जा सकता है।
प्रश्न 2.
वृहत सम्राट् यन्त्र को किसने और कब बनवाया था?
उत्तर:
वृहत सम्राट् यन्त्र को 1735 ई. में जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह ने बनवाया था।
प्रश्न 3.
एक चन्द्रमास क्या है ?
उत्तर:
एक अमावस्या से अगली अमावस्या के बीच की अवधि को चन्द्रमास कहते हैं।
प्रश्न 4.
वर्ष क्या है ?
उत्तर:
जितने समय में पृथ्वी सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करती है, उस अवधि को एक वर्ष के समय के लिए नियत किया गया है।
प्रश्न 5.
किसी वस्तु की चाल ज्ञात करने के लिए सूत्र
लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 6.
किसी वस्तु द्वारा तय की गई दूरी को ज्ञात करने के | लिए सूत्र लिखिए।
उत्तर:
तय की गयी दूरी = चाल x समय
प्रश्न 7.
किसी वस्तु द्वारा किसी दूरी को तय करने में लिए गए समय को ज्ञात करने के लिए सूत्र लिखिए।
उत्तर:
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
एक दिन में सेकण्डों की गणना कीजिए।
उत्तर:
यदि एक माध्य के सारे दिन को मानक समय मान लिया जाए तथा इसे 24 बराबर घंटों में विभाजित कर लिया जाए तब 1 दिन = 24 घंटे
इसी प्रकार एक घंटे को 60 बराबर मिनटों में और 1 मिनट को 60 बराबर सेकण्डों में विभाजित कर लिया जाए तब
1 घंटा = 60 मिनट
1 मिनट = 60
सेकण्ड इस प्रकार हम पाते हैं कि 1 घंटे में 3600 सेकण्ड तथा 1 दिन में 86400 सेकण्ड होते हैं।
प्रश्न 2.
विभिन्न प्रकार की घड़ियों के बारे में बताइए।
उत्तर:
आजकल अधिकांश घड़ियों में एक या दो सेलों वाले विद्युत परिपथ होते हैं। इन घड़ियों को क्वार्ट्ज घड़ी कहते हैं। इनके द्वारा मापा गया समय पहले उपलब्ध घड़ियों द्वारा मापे गए समय से अधिक यथार्थ होता है। इसके अतिरिक्त आजकल इलैक्ट्रॉनिक या आंकिक (डिजिटल) घड़ियाँ भी विकसित हो गई हैं जिनमें समय का मान अंकों के रूप में व्यक्त किया जाता है। आजकल ऐसी विशिष्ट घड़ियाँ उपलब्ध हैं जिनका उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधानों में किया जाता है। इनमें से कुछ घड़ियों में एक सेकण्ड के दस लाखवें भाग (माइक्रोसेकण्ड) तथा एक सेकण्ड के एक अरबवें भाग (नेनो सेकण्ड) जैसे अति अल्प समय को मापा जाता है।
प्रश्न 3.
चाल के विभिन्न मात्रक बताइए। इनको कैसे लिखा जाता है ?
उत्तर:
मीटर प्रति सेकण्ड चाल का अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक है। चाल के अन्य मात्रक हैं-सेंटी मीटर प्रति सेकण्ड (cm/s), किलोमीटर प्रति सेकण्ड (km/s), किलोमीटर/घंटा (km/h) आदि। सभी मात्रकों के प्रतीकों को एक वचन में लिखा जाता है। उदाहरण के लिए दूरी के लिए हम 50 km लिखते हैं न कि 50 kms अथवा 8 cm लिखते हैं न कि 8 cms ।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
चाल की अवधारणा का विस्तृत वर्णन कीजिए। नियत एवं औसत चाल को समझाइए।
उत्तर:
किसी वस्तु द्वारा एकांक समय में तय की गई दूरी को उस वस्तु की चाल कहते हैं। जब वस्तु की गति तीव्र होती है तो हम कहते हैं कि उसकी चाल अधिक है तथा उस वस्तु की गति धीमी होती है तो हम कहते हैं कि उसकी चाल कम है। दो या अधिक वस्तुओं में कौन तीव्रतम गति कर रहा है, इसे ज्ञात करने के लिए हमने माना कि दो कारे गति कर रही हैं। पहली कार एक घंटे पश्चात् 50 किलोमीटर दूर तथा दूसरी कार 65 किलोमीटर दूर पहुँच जाती है। स्पष्ट है कि दूसरी कार तेज चाल से गति कर रही है।
इस प्रकार, यदि हम दो वस्तुओं द्वारा एक घंटे में तय की गई दूरी जानते हैं, तब हम यह बता सकते हैं कि उनमें से किसकी चारन अधिक और किसकी कम।। यदि किसी सरल रेखा के अनुदिश गति करने वाली वस्तु की चाल परिवर्तित होती रहती है, तो उस वस्तु की चाल को असमान चाल कहा जाता है। जब हम यह कहते हैं कि किसी कार की चाल 50 किलोमीटर प्रति घंटा है, तो प्रायः हम केवल कार द्वारा एक घंटे में तय की गई दूरी पर ही विचार करते हैं। हम इसकी चिन्ता नहीं करते कि इस एक घंटे की अवधि में कार नियत चाल से चलती रही अथवा नहीं। वास्तव में, यहाँ ज्ञात की गई चाल, कार की औसत चाल है।
जब कोई वस्तु किसी सरल रेखा के अनुदिश नियत चाल से गति कर रही होती है तो उसकी गति एक समान गति कहलाती है। एक समान गति की स्थिति में वस्तु की वास्तविक चाल ही उसकी औसत चाल होती है। वस्तु । द्वारा तय की गई कुल दूरी में लिए गए कुल समय का भाग देकर वस्तु की चाल को ज्ञात करते हैं।
प्रश्न 2.
भारतीय काल गणना में अमूर्त काल तथा मूर्तकाल को समझाइए।
उत्तर:
प्राचीन भारतीय काल गणना भारत में प्राचीन काल से ही सूक्ष्मतम काल (समय) गणना की परम्परा मौजूद रही है। कई ऐसे ग्रन्थ प्राप्त हुए हैं जिनमें विस्तार से काल गणना की विवेचना की गई है। ऐसी सूक्ष्म काल गणना विश्व की किसी और सभ्यता में नहीं मिलती है। ‘सूर्य सिद्धान्त ग्रन्थ’ में काल के दो रूप बताए गए हैं।
1. अमूर्त काल- “ऐसा सूक्ष्म समय जिसको न तो देखा जा | सकता है और न ही उसकी गणना सामान्य तरीकों से की जा | सकती है। ऐसे सुक्ष्म समय को सामान्इन्द्रियों से अनुभव नहीं किया जा सकता।”
2. भू काल- “ऐसा समय जिसकी गणना सम्भव हैं एवं उसको देखा और अनुभव किया जा सकता है।” त्रुटि-काल गणना की मूल इकाई त्रुटि है जो 0.32400000 सेकण्ड के बराबर होती है अर्थात् एक । त्रुटि एक सेकण्ड के तीन करोड़वें भाग के बराबर होती है। त्रुटि से प्राण तक का समय अमूर्त एवं उसके बाद का समय मूर्त कहलाता है।
सूर्य सिद्धान्त की समय सारणी
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