RBSE Solutions for Class 7 Science Chapter 9 जन्तुओं में श्वसन एवं उत्सर्जन are part of RBSE Solutions for Class 7 Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 7 Science Chapter 9 जन्तुओं में श्वसन एवं उत्सर्जन.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 7 |
Subject | Science |
Chapter | Chapter 9 |
Chapter Name | जन्तुओं में श्वसन एवं उत्सर्जन |
Number of Questions Solved | 45 |
Category | RBSE Solutions |
Rajasthan Board RBSE Class 7 Science Chapter 9 जन्तुओं में श्वसन एवं उत्सर्जन
पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर
सही विकल्प का चयन कीजिए
प्रश्न 1.
जल में घुली ऑक्सीजन का उपयोग करने में सहायक
(अ) क्लोम
(ब) रन्ध्र
(स) मुख
(द) नासाछिद्र
उत्तर:
(अ) क्लोम
प्रश्न 2.
कीटों में श्वसन अंग है
(अ) त्वचा
(ब) क्लोम
(स) फेफड़े
(द) श्वास रन्ध्र
उत्तर:
(द) श्वास रन्ध्र
प्रश्न 3.
त्वचा द्वारा श्वसन करता है
(अ) मनुष्य
(ब) मछली
(स) कॉकरोच
(द) केंचुआ
उत्तर:
(द) केंचुआ
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
प्रश्न 1.
अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने के प्रक्रम को …….. कहते हैं।
प्रश्न 2.
उच्छ्व सन के समय पसलियाँ …………… की ओर तथा डायाफ्राम ………. की ओर गति करता है।
प्रश्न 3.
कीटों में वायु नलियों का जाल बिछा होता है जिन्हें …………… कहते हैं।
उत्तर:
1. उत्सर्जन
2. अन्दर, ऊपर
3. श्वास प्रणाल
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मछलियाँ जल में श्वसन कैसे करती हैं ?
उत्तर:
मछलियों में क्लोम या गलफड़े पाए जाते हैं जिनकी सहायता से मछलियाँ जल में घुली हुई ऑक्सीजन को अवशोषित कर लेती हैं।
प्रश्न 2.
कीटों में श्वसन कैसे होता है ?
उत्तर:
कीटों के शरीर के पार्श्व भाग में छोटे- छोटे छिद्र होते हैं, जो श्वासरन्ध्र (spiracles) कहलाते हैं। कीटों में वायु नलियों का जाल बिछा रहता है जिन्हें श्वास प्रणाल (Trachea) कहते हैं। यहाँ गैसों का विनिमय होता है।
प्रश्न 3.
यदि हमारे वृक्क कार्य करना बन्द कर दें तो क्या होगा ?
उत्तर:
हमारे वृक्क हमारे रुधिर से अपशिष्ट पदार्थों; जैसेयूरिया को अलग करते हैं। यदि वृक्क कार्य करना बन्द कर दें तो शरीर में उत्सर्जी पदार्थों की मात्रा बढ़ जाएगी और हमारा ज्यादा समय जिन्दा रहना मुश्किल हो जाएगा।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
श्वसन तन्त्र का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
श्वसन तन्त्र (Excretory system)- हमारी श्वसन क्रिया में मुख्य श्वसन अंग एक जोड़ी फेफड़े होते हैं। नासा द्वारा, नासा गुहा, श्वास नली तथा फेफड़े मिलकर श्वसन तन्त्र का निर्माण करते हैं। प्रत्येक फेफड़ा गहरे भूरे रंग की माँसल संरचना है। दोनों फेफड़े हमारी वक्षगुहा में हृदय के दोनों ओर एक-एक स्थित होते हैं। ये पसलियों के एक पिंजरे में सुरक्षित रहते हैं। इनके नीचे एक बड़ी पेशीय पट्टी पायी जाती है जिसे डायाफ्राम कहते हैं। प्रत्येक फेफड़े में अनेक श्वसनियाँ एवं श्वसनिकाएँ पायी जाती हैं। फेफड़ों से निकलकर ये एक श्वासनली बनाती है जो ग्रसनी से होकर नासा गुहा में खुलती है। नासागुहा दो नासा मार्गों से नासा छिद्रों द्वारा बाहर खुलती है।
प्रश्न 2.
उत्सर्जन तन्त्र का नामांकित चित्र बनाइए।
प्रश्न 3.
मानव में डायाफ्राम की क्रियाविधि को एक गतिविधि द्वारा समझाइए।
उत्तर:
छात्र पाठ के प्रारंभ में दी गई गतिविधि 1 का अवलोकन करें।
क्रियात्मक कार्य
प्रश्न 1.
श्वसन तन्त्र का मॉडल तैयार कीजिए।
उत्तर:
छात्र दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न 1 के उत्तर में दिए गए चित्र के आधार पर मॉडल तैयार करें।
प्रश्न 2.
अपने साथियों के अन्त:श्वसन एवं उच्छ्वसन के पश्चात् सीने का माप लेकर निम्नांकित सारणी में अंकित कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 3.
अनुपयोगी वस्तुओं की सहायता से मानव श्वसन तन्त्र की क्रियाविधि का मॉडल बनाइए।
उत्तर:
छात्र, पुरानी बोतल, गुब्बारे,आकार की नली, धागा, रबड़ शीट, चाकू आदि एकत्र करके गतिविधि 1. की भाँति श्वसन की क्रियाविधि का मॉडल तैयार करें ।
प्रश्न 4.
अनुपयोगी वस्तुओं एवं प्लास्टर ऑफ पेरिस की सहायता से मानव उत्सर्जन तन्त्र का मॉडल बनाइए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 5.
कक्षा के छात्र-छात्राओं में एक मिनट में होने वाली श्वसन क्रिया की गणना करिए और औसत निकालिए।
उत्तर:
यह क्रिया छात्र एक-एक छात्र पर तीन- चार बार दोहराकर कर सकते हैं। माना सुधीर पहले मिनट में 15 बार श्वसन करता है, दूसरे मिनट में 17 बार, तीसरे मिनट में 15 बार और चौथे मिनट में 17 बार श्वसन कता है तो
इसी प्रकार छात्र अन्य छात्रों की श्वसन क्रिया की गणना करें।
प्रश्न 6.
“धूम्रपान से खतरे” सम्बन्धी भूमिका का निर्वहन करें।
उत्तर:
सिगरेट पीना, बीड़ी पीना, हुक्का पीना, तम्बाकू चबाना आदि धूम्रपान की श्रेणी में आते हैं। ये हमारे फेफड़ों, मुख व गले को हानि पहुँचाकर स्वास्थ्य को बर्बाद करते हैं। इस आधार पर छात्र भूमिका तैयार करें।
पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
श्वसन क्या है ? (पृष्ठ83)
उत्तर:
कोशिकाओं में ऑक्सीजन की उपस्थिति में ग्लूकोज को विखण्डन होकर जल, कार्बन डाइऑक्साइड एवं ऊर्जा के मुक्त होने की क्रिया श्वसन कहलाती है।
प्रश्न 2.
क्या सभी जीवों में फेफड़े होते हैं ? (पृष्ठ85)
उत्तर:
नहीं, सभी जीवों में फेफड़े नहीं होते हैं।
प्रश्न 3.
क्या पौधों की जड़े भी श्वसन करती हैं ?(पृष्ठ85)
उत्तर:
हाँ, पौधों की जड़े भी श्वसन करती हैं।
गतिविधि-1 (पृष्ठ 84)
- प्लास्टिक की एक चौड़े मुँह वाली बोतल लीजिए।
- इसके पेंदे को काटकर अलग कर दीजिए।
- अब एक Y आकार की काँच अथवा प्लास्टिक की नली लीजिए।
- चित्र के अनुसार नली को बोतल के ढक्कन में छेद करके फँसा दीजिए।
- नली के निचले दोनों सिरों पर एक-एक गुब्बारा धागे से बाँधिए।।
- अब बोतल के खुले पेंदे पर रबड़ अथवा प्लास्टिक की एक पतली शीट तानकर किसी धागे या रबड़ बैण्ड से बाँध दीजिए।
प्रश्न 1
रबड़ की शीट को नीचे खींचने पर गुब्बारों में क्या परिवर्तन हुआ ?
उत्तर:
गुब्बारे फूल जाते हैं।
अब रबड़ शीट को ऊपर की ओर धकेलिए।
प्रश्न 2
गुब्बारों में क्या परिवर्तन हुआ ?
उत्तर:
गुब्बारे वापस अपनी पूर्व अवस्था में आ जाते हैं। अर्थात् पिचक जाते हैं।
निष्कर्ष-रबड़ शीट को खींचकर तानने पर बोतल के अन्दर का आयतन बढ़ जाता है जिससे नली से होकर वायु गुब्बारों में भर जाती है और गुब्बारे फूल जाते हैं। जब रबड़ शीट को ऊपर की ओर धकेला जाता है तो बोतल का आयतन कम होता है जिससे गुब्बारों में भरी वायु बाहर निकल जाती है। हमारे फेफड़े भी इसी तरह से कार्य करते हैं।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प का चयन कीजिए
प्रश्न 1.
श्वसन क्रिया में उत्पन्न होता है
(अ) कार्बन डाइऑक्साइड
(ब) जल
(स) ऊर्जा
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी
प्रश्न 2.
मानव के मुख्य श्वसन अंग हैं
(अ) फेफड़े
(ब) मुँह
(स) वृक्क
(द) यकृत।
उत्तर:
(अ) फेफड़े
प्रश्न 3.
मनुष्य में अन्त:श्वसन तथा उच्छ्वसन की क्रिया होती है
(अ) पसलियों की गति द्वारा
(ब) डायाफ्राम की गति द्वारा
(स) पसलियों व डायाफ्राम की गति द्वारा
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(स) पसलियों व डायाफ्राम की गति द्वारा
प्रश्न 4.
श्वास प्रणाल पाए जाते हैं
(अ) मनुष्य में
(ब) मछली में
(स) केचुआ में
(द) कॉकरोच में
उत्तर:
(द) कॉकरोच में
प्रश्न 5.
मूत्र का निर्माण होता है
(अ) यकृत में
(ब) वृक्क में
स) मूत्राशय में
(द) मूत्रमार्ग में
उत्तर:
(ब) वृक्क में
रिक्त स्थान
प्रश्न 1.
हमारा शरीर छोटी-छोटी असंख्य ……….. से मिलकर बना है।
प्रश्न 2.
फेफड़े ………. के पिंजर में सुरक्षित रहते हैं।
प्रश्न 3.
श्वास नाल में ………… का विनिमय होता है।
प्रश्न 4.
………… जल में घुली हुई ऑक्सीजन का अवशोषण | करते हैं।
प्रश्न 5.
पसीना त्वचा के …………… द्वारा बाहर निकलता है।
उत्तर:
1. कोशिकाओं
2. पसली
3. गैसों
4. क्लोम
5. सूक्ष्मछिद्रों
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
हमें श्वसन की आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर:
श्वसन क्रिया द्वारा भोज्य पदार्थों से ऊर्जा मुक्त होती है जो हमारी अनेक क्रियाओं का संचालन करती है।
प्रश्न 2.
मनुष्य के फेफड़े कहाँ स्थित होते हैं ?
उत्तर:
वक्षगुहा में।
प्रश्न 3.
श्वसन क्रिया में कौन-सी गैस अन्दर ली जाती है। तथा कौन-सी गैस बाहर निकलती है ?
उत्तर:
ऑक्सीजन अन्दर ली जाती है तथा कार्बन डाइ ऑक्साइड बाहर निकलती है।
प्रश्न 4.
कीटों में गैसों का विनिमय कहाँ होता है ?
उत्तर:
कीटों में गैसों का विनिमय श्वास प्रणाल में होता है।
प्रश्न 5.
केंचुआ एवं जोंक कैसे श्वसन करते हैं ?
उत्तर:
केंचुआ एवं जोक अपनी नम एवं श्लेष्मीय त्वचा द्वारा श्वसन की क्रिया करते हैं।
प्रश्न 6.
पादपों में गैसों का आदान-प्रदान कैसे होता है ?
उत्तर:
पादपों में पत्तियों पर सूक्ष्मछिद्र होते हैं जिन्हें रन्ध्र कहते हैं। इन्हीं रन्ध्रों के द्वारा पादपों में गैसों का आदान-प्रदान होता है।
प्रश्न 7.
मनुष्य के अपशिष्ट पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर:
पसीना, मल-मूत्र एवं कार्बन डाइऑक्साइड मनुष्य में अपशिष्ट पदार्थ हैं।
प्रश्न 8.
पादपों की जड़ें कहाँ से ऑक्सीजन ग्रहण करती हैं ?
उत्तर:
पादपों की जड़ें मृदा कणों के मध्य पाए जाने वाले रिक्त स्थानों से ऑक्सीजन ग्रहण करती हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
अन्त:श्वसन तथा उच्छ्वसन को समझाइए।
उत्तर:
जब हम साँस लेते हैं तो ऑक्सीजन से समृद्ध वायु नथुनों से शरीर में प्रवेश करती है, इस क्रिया को अन्तःश्वसन कहते हैं। अंतत: यह ऑक्सीजन कोशिकाओं तक पहुँचती है। कोशिकाओं में यह संचित भोजन का विखण्डन करती है। जिससे ऊर्जा, जल और कार्बन डाइऑक्साइड बनती हैं। इस कार्बन डाई-ऑक्साइड को हम पुन: साँस के द्वारा बाहर निकाल देते हैं जिसे उच्छ्वसन कहते हैं।
प्रश्न 2.
कॉकरोच में किस प्रकार श्वसन होता है ? समझाइए।
उत्तर:
कॉकरोच व अन्य कीटों के शरीर के पाश्र्व भाग में छोटे- छोटे छिद्र होते हैं। ये छिद्र श्वास रन्ध्र कहलाते हैं। कीटों में वायु नलियों का जाल बिछा रहता है जिन्हें श्वास प्रणाल कहते हैं। यहाँ गैसों का विनिमय होता है। ऑक्सीजन समृद्ध वायु श्वसन रन्ध्रों से श्वास प्रणाल में जाती है तथा अन्तत: यह कोशिका में पहुँचती है। इसी प्रकार कोशिकाओं से कार्बन डाइऑक्साइड श्वास प्रणाल में आती है। वहाँ से यह कार्बन डाइऑक्साइड श्वास रन्ध्रों के द्वारा बाहर निकाल दी जाती है।
प्रश्न 3.
मछलियों में श्वसन कैसे होता है ?
उत्तर:
जलीय जीव; जैसे-मछली में क्लोम जिन्हें गिल अथवा गलफड़े भी कहते हैं। क्लोम त्वचा से बाहर निकले होते हैं। ये क्लोम जल में घुली हुई ऑक्सीजन का अवशोषण करते हैं। क्लोम में अनेक रक्त वाहिनियाँ पायी जाती हैं। इन रक्त वाहिनियों में गैसों का आदान-प्रदान होता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मनुष्य में श्वसन की क्रियाविधि को सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मनुष्य के शरीर की वक्षगुहा में दो फेफड़े होते हैं। पसलियों एवं डायाफ्राम की गति के कारण फेफड़ों का
आयतन अधिक या कम होता है। अन्त:श्वसन के समय पसलियाँ बाहर की ओर तथा डायाफ्राम नीचे की ओर गति करता है जिससे वक्ष गुहा का आयतन बढ़ता है फलस्वरूप वायुमण्डल से वायु नथुनों, नासागुहा तथा श्वासनली में से होती हुई फेफड़ों में भर जाती है। उच्छ्वसन के समय पसलियाँ अन्दर की ओर एवं डायफ्राम अपनी पूर्व स्थिति में आ जाता है जिससे वक्ष गुहा का आयतन कम हो जाता है और वायु फेफड़ों से बाहर निकल जाती है।
प्रश्न 2.
उत्सर्जन क्या है ? मनुष्य में उत्सर्जन की क्रिया को समझाइए।
उत्तर:
हम अपचित भोजन को समय-समय पर मल के रूप में एवं मूत्र के द्वारा हानिकारक पदार्थों (यूरिया एवं यूरिक अम्ल) को शरीर से बाहर निकालते हैं। पसीना, मलमूत्र व कार्बन डाई-ऑक्साइड हमारे शरीर में अपशिष्ट पदार्थ हैं। इसी प्रकार शरीर की कोशिकाओं में विभिन्न प्रकार की जैव रासायनिक क्रियाएँ होती रहती हैं जिनके फलस्वरूप कुछ अपशिष्ट पदार्थ बनते हैं। ये अपशिष्ट पदार्थ हमारे शरीर के लिए विषैले होते हैं। अतः इन्हें शरीर से बाहर निकालना अत्यन्त आवश्यक होता है।
कोशिकाओं में निर्मित अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने की प्रक्रिया को उत्सर्जन कहते हैं। उत्सर्जन में सहयोग करने वाले सभी अंग मिलकर उत्सर्जन तन्त्र का निर्माण करते हैं। मानव में दो वृक्क, मूत्रवाहिनियाँ, मूत्राशय एवं मूत्रमार्ग मिलकर उत्सर्जन तन्त्र का निर्माण करते हैं। रक्त में उपस्थित अपशिष्ट पदार्थों को अलग करने का कार्य दोनों वृक्कों में होता है। जल में घुले हुए ये अपशिष्ट मूत्र के रूप में मूत्रवाहिनियों द्वारा मूत्राशय में आते हैं। मूत्राशय से एक पेशीय नली जुड़ी होती है। इसे मूत्रमार्ग कहते हैं। मूत्रमार्ग | एक छिद्र द्वारा शरीर से बाहर खुलता है जिसे मूत्ररन्ध्र कहते 1 हैं। मूत्राशय से मूत्र, मूत्रमार्ग में होता हुआ मूत्ररन्ध्र द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है।
प्रश्न 3.
“आधुनिक समय में योग का महत्व बढ़ता जा रहा है।” इस कथन की पुष्टि कीजिए।
योग (Yoga)
उत्तर:
आज के परिवेश में हम शरीर व जीवन को योग द्वारा क्रमशः स्वस्थ और खुशहाल बना सकते हैं। आज के प्रदूषित वातावरण में योग एक ऐसी विधा है जिसका कोई प्रतिकूल प्रभाव ( साइड इफेक्ट) नहीं है। योग के अनेक आसन एवं कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी आदि प्राणायाम की क्रियाएँ हमें अनेक रोगों से मुक्त करती है। योग व प्राणायाम मन को शान्त करते हैं। शवासन उच्च रक्तचाप को सामान्य करता है। वज्रासन पाचन से जुड़ी समस्याओं के समाधान में 1 मदद करता है।
आज के इस कम्प्यूटर युग में दिन भर कम्प्यूटर पर कार्य करते रहने से पीठ व गर्दन में दर्द होने लगता है। ऐसे में शलभासन तथा ताड़ासन हमें दर्द निवारक दवाओं से मुक्ति दिलाता है। योग में ऐसे अनेक आसन हैं। जिनको जीवन में अपनाने से कई बीमारियों से दूर रही जा सकता है तथा अपनी सेहत को चुस्त-दुरुस्त रखा जा सकता है। योग से शरीर को रोगों से लड़ने की ताकत मिलती है। अर्थात् योग व प्राणायाम से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
योग हमारी शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। यह हमारे जीवन को तनाव मुक्त बनाता है। हमारे देश की ऋषि परम्परा की देन इस योग को आज विश्व भी अपना रहा है जिसको परिणाम है कि 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में | हमारे प्रधानमंत्री द्वारा रखे गए प्रस्ताव को 177 देशों ने अत्यन्त सीमित समय में पारित कर दिया और 21 जून, 2015 को प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पूरी दुनिया में बड़े उत्साह से मनाया गया। गीता में भी लिखा है, “योग स्वयं की स्वयं के माध्यम से स्वयं तक पहुँचने की यात्रा है।” आइए इस यात्रा में शामिल होकर हम सब अपने जीवन को स्वस्थ रखें।
We hope the RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 9 जन्तुओं में श्वसन एवं उत्सर्जन will help you. If you have any query regarding Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Chapter 9 जन्तुओं में श्वसन एवं उत्सर्जन, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.
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