Rajasthan Board RBSE Class 8 Hindi Chapter 11 गो संरक्षण से ग्राम विकास
RBSE Class 8 Hindi Chapter 11 पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
पाठ से
सोचें और बताएँ
प्रश्न 1.
भगवान् कृष्ण को ‘गोपाल’ क्यों कहा जाता है ?
उत्तर:
ग्वाला बनकर गायों की सेवा करने से भगवान् कृष्ण को ‘गोपाल’ कहा जाता है।
प्रश्न 2.
गो-संरक्षण के बारे में ‘आइने-ए-अकबरी’ में क्या लिखा है?
उत्तर:
‘आइने-ए-अकबरी’ में लिखा है कि उस काल में गायें प्रायः 20 सेर दूध देती थीं और बैल 24 घंटे में 120 मील की दूरी तय करते थे।
प्रश्न 3.
‘हमें गाय पालती है।’ कैसे?
उत्तर:
गाय से दूध, दही, छाछ एवं घी मिलता है। कृषि के लिए अधिकांश ऊर्जा गोवंश से ही मिलती है। इस तरह गाय हमें पालती है।
प्रश्न 4.
भारतीय गायों की नस्लों के नाम बताइए।
उत्तर:
भारतीय गायों की प्रसिद्ध नस्लों के नाम हैंगीर, साहीवाल, थारपारकर, राठी, हरियाणवी आदि।
RBSE Class 8 Hindi Chapter 11 लिखेंबहुविकल्पी प्रश्न
प्रश्न 1.
”गावो विश्वस्य मातरः” गाय के लिए ये शब्द कहे?
(क) सम्राट् अशोक ने
(ख) मुगल शासक अकबर ने
(ग) ऋषि-मुनियों ने
(घ) राजा दिलीप ने
उत्तर:
1. (ग)
RBSE Class 8 Hindi Chapter 11 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
हमारी पारिवारिक एवं कृषि संस्कृति का आधार किसे माना है?
उत्तर:
हमारी पारिवारिक एवं कृषि संस्कृति का आधार गाय को माना गया है।
प्रश्न 2.
वेदों में गाय को किस अर्थ में स्वीकारा गया है?
उत्तर:
वेदों में गाय को रक्षणीय, सुरक्षा के योग्य के अर्थ में स्वीकारा गया है।
प्रश्न 3.
राजा दिलीप ने किस गाय की सेवा की ?
उत्तर:
राजा दिलीप ने ‘नन्दिनी’ नामक गाय की सेवा की।
प्रश्न 4.
ऋषि वशिष्ठ ने किस गाय की रक्षा की थी ?
उत्तर:
ऋषि वशिष्ठ ने ‘कामधेनु गाय की रक्षा की थी।
RBSE Class 8 Hindi Chapter 11 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सम्राट अशोक ने अपने स्तम्भों पर क्या-क्या अंकन करवाया ?
उत्तर:
सम्राट अशोक ने जो शिला-स्तम्भ स्थापित किये थे, उन पर सिंह और अश्व (घोड़ा) के साथ ही बैलों का अंकन करवाया।
प्रश्न 2.
गाय से प्राप्त द्रव्य ‘पंचगव्य’ के नाम से जाने जाते हैं। उनके नाम लिखिए।
उत्तर:
गाय से पाँच द्रव्य पाये जाते हैं, जिन्हें पंचगव्य कहते हैं। पंचगव्य को अतीव पवित्र एवं रोगनाशक माना जाता है। गाय के दूध, दही, घी, गोमूत्र तथा गोबर को पंचगव्य कहते हैं।
प्रश्न 3.
गोमूत्र के औषधीय उपयोग से ठीक होने वाले रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर:
गोमूत्र असाध्य रोगों के उपचार में उपयोगी रहता है। इसके औषधीय उपयोग से पेट के कीड़े, हृदय रोग, जलोदर, कैंसर, बवासीर आदि रोग ठीक हो जाते हैं। गोमूत्र में अनेक औषधीय तत्त्व पाये जाते हैं।
RBSE Class 8 Hindi Chapter 11 दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
गाय को ग्राम-विकास का आधार माना गया है, क्यों? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
गाय हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार है। गाय को पालने से दूध, दही, छाछ, घी जैसे पोषक पदार्थ प्राप्त होते हैं। गाय से ही बैल मिलते हैं जो कि हल चलाने, सामान ढोने और खेती के काम में सहायक होते हैं। गोधन का गोबर ईंधन बचाने व ऊर्जा उत्पादन में काम आता है। इससे पर्यावरण प्रदूषण कम होता है। गोबर की खाद भी होती है। गोधन को पालने से ग्वालों की दिनचर्या अनुशासित रहती है। इससे जीवन पूरी तरह स्वस्थ रहता है। गोमूत्र से अनेक रोगों का उपचार होता है। एक अनुसन्धान के अनुसार हमारे देश को कृषि के लिए नब्बे प्रतिशत ऊर्जा गोवंश से ही मिलती है। इस तरह गाय को ग्राम विकास का आधार मानना पूर्णतया उचित है।
प्रश्न 2.
गाय पर एक विस्तृत निबन्ध लिखिए।
उत्तर:
गाय चौपाया पालतू पशु होता है। इसका शरीर सुगठित रहता है। इसके दो सींग, दो आँखें, दो लम्बे कान, एक पूंछ और लम्बा गलकम्बल होता है। इसके थन से पौष्टिक दूध निकाला जाता है। यह सूखा चारा एवं हरी घास खाती है और घास-चारा खाने के बाद जुगाली या पागर करती है। गाय बहुत सीधी होती है। यह बच्चों से भी प्यार करती है। गाय को हमारे धर्म ग्रन्थों में माता के समान पूज्य बताया गया है। पुराणों में बताया गया है कि गाय के शरीर में सभी देवता रहते हैं। यह सभी को दूध देती है। इसका दूध बालकों के लिए माता के दूध के समान पौष्टिक और सुपाच्य होता है। इसके दूध में कार्बोहाइड्रेट, वसा, अल्छमिनाइड क्षार तथा विटामिन होता है।
गाय के घी से होने वाले हवन का धुआँ कीटाणु अथवा बैक्टीरिया को नष्ट करता है। गाय का गोबर खेतों में खाद के काम तथा ईंधन के काम आता है। इसका मूत्र अनेक असाध्य रोगों के इलाज में उपयोगी रहता है। इस प्रकार गाय का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्त्व है। यह गरीबों के परिवारों का पालन-पोषण करने में उपयोगी रहती है। इससे खेती और कृषि के कामों में सहायता मिलती है। गाय के बछड़े बैल बनते हैं, जो हल चलाने एवं भार ढोने के काम आते हैं। गोधन के मरने पर भी इसका चमड़ा अनेक चीजों को बनाने के काम आता है। गाय की उपयोगिता एवं महत्त्व को देखकर ही इसे ‘गोमाता’ कहते हैं।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
गोमूत्र असाध्य रोगों के उपचार में भी उपयोगी है। जिसके पास जितनी अधिक गायें, वह उतना ही अधिक धनी माना जाता था।
रेखांकित शब्दों से वाक्य के अर्थ में विशेष परिवर्तन हुआ है। ऐसे शब्दों को (ही, भी, तक) निपात कहा जाता है। ये अव्यय होते हैं। निपातों का स्वतंत्र अर्थ नहीं होता है। आप भी पाठ में से निपात वाले वाक्यों को छाँटकर लिखिए।
उत्तर:
- एक उपयोगी पशु मात्र ही नहीं, वरन्….. रखते हैं।
- वे गायों के साथ ही पूजा के योग्य भी माने गए।
- सम्राट् अशोक ने अपने स्तम्भों पर सिंह और अश्व के साथ ही बैलों का अंकन भी करवाया।
- बैल को बलीवर्द और वृषभ भी कहा जाता है।
- गोधन के संरक्षण में मुगल शासक अकबर ने भी रुचि ली।
- गाय के दूध में भी लगभग वे सारे गुण होते हैं।
- दही और छाछ भी उसी से मिलते हैं।
- आज भी गाय हमारी अर्थव्यवस्था का…..है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों में सर्वनाम शब्दों को रेखांकित कीजिए तथा उनके सही भेद पर सही का निशान लगाइए।
(क) वे गायों के साथ ही पूजा के योग्य भी माने गए हैं। (पुरुषवाचक/संबंधवाचक)
(ख) यह हमारी पारिवारिक व कृषि संस्कृति का आधार रही है। (पुरुषवाचक/संबंधवाचक)
(ग) गाय चौपाया प्राणी है और उसे माँ के बराबर आदर दिया गया है।(पुरुषवाचक संबंधवाचक)
(घ) वह चरकर अपने आप घर आ जाती है।(पुरुषवाचक/निजवाचक)
उत्तर:
(क) वे-पुरुषवाचक
(ख) यह-पुरुषवाचक
(ग) उसे-सम्बन्धवाचक
(घ) वह पुरुषवाचक, अपनेआप-निजवाचक।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों को शब्दकोश क्रम में लिखिए
गौ, प्रतिदिन, संस्कृति, हृदय, मिठाई, सिंह, ऋषि, वशिष्ठ, ग्रामीण।
उत्तर:
ऋषि, ग्रामीण, गौ, प्रतिदिन, मिठाई, वशिष्ठ, संस्कृति, सिंह, हृदय।
पाठ से आगे
प्रश्न.
गाँधीजी ने कहा था “गाय बचेगी तो मनुष्य बचेगा।” इस कथन पर अपना मत प्रकट कीजिए।
अथवा
”गाय बचेगी तो मनुष्य बचेगा।” गाँधीजी के इस कथन की समीक्षा कीजिए।
उत्तर:
यह कथन सत्य है कि यदि गाय नष्ट हुई, तो प्रकृति, पशु-पक्षी, पर्यावरण तथा मानव सभ्यता भी नष्ट हो जायेगी। क्योंकि गाय के न रहने से दूध, दही, घी, गोमूत्र, गोबर नहीं मिलेगा, खेती नहीं हो पायेगी, पर्यावरण प्रदूषण बढ़ेगा, जीवन में रोग बढ़ जायेंगे और अर्थव्यवस्था भी नष्ट हो जायेगी। अतः गाय के बचने से ग्रामीण जीवन के साथ ही शहरी जीवन भी बच सकेगा।
मन की बात
प्रश्न 1.
महाराजा दिलीप एवं नंदिनी से संबंधित अंतर्कथा शिक्षकजी से जानकर प्रार्थना सभा एवं बालसभा में सुनाइए।
उत्तर:
रामायण में यह कथा है कि सूर्यवंशी राजा दिलीप के कोई सन्तान नहीं हुई, तो वे अपनी पत्नी सुदक्षिणा के साथ महर्षि वशिष्ठ के आश्रम में गये। तब वशिष्ठ ने कहा कि मेरी नन्दिनी गाय कामधेनु की पुत्री है। इसकी सेवा करने से तुम्हें पुत्र की प्राप्ति होगी। ऋषि वशिष्ठ के निर्देश पर राजा दिलीप नन्दिनी की सेवा करने लगे। वह वन में चरने जाती तो राजा ‘उसके पीछे-पीछे चलता, वह बैठती तो राजा भी बैठ जाता, वह घर आती तो राजा भी घर आ जाता।
एक दिन नन्दिनी ने राजा की परीक्षा ली। वन में एक सिंह आया और उसने नन्दिनी पर हमला कर दिया। तब राजा ने सिंह से कहा कि तुम मुझे खा लो, परन्तु नन्दिनी को छोड़ दो। ऐसा कहकर राजा ने अपना शरीर सिंह के मुख के सामने कर दिया। राजा की सेवा देखकर सिंह अन्तर्धान हो गया और नन्दिनी ने प्रसन्न होकर राजा को पुत्र प्राप्त करने का वरदान दिया। इसी प्रकार की अन्य कथाएँ अपने शिक्षक से जानकर बालसभा में सुनायें।
प्रश्न 2.
इस पाठ में गाय के बारे में विस्तृत जानकारी है। आप अपनी पसन्द के किसी एक चौपाया जानवर के बारे में विस्तृत जानकारी कर अपनी पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर:
स्वयं लिखिए।
चर्चा करें
प्रश्न.
हमने पाठ में गाय आधारित ग्राम विकास को जाना है, ग्राम विकास में गाय के साथ और कौन-कौन से आधार हैं? चर्चा कीजिए।
उत्तर:
राजस्थान में गाय के अलावा भैंस, ऊँट एवं बकरी भी ग्रामविकास में अर्थव्यवस्था का आधार हैं। वृक्षों की रोपाई, बागवानी तथा कुट्टी-मिट्टी की दस्तकारी भी इसके आधार बन सकते हैं।
तब और अब
प्रश्न.
नीचे लिखे शब्दों के मानक रूप लिखिए
श्रद्धा, सिद्ध, सम्बन्ध, समृद्धि, पाण्डव।
उत्तर:
श्रद्धा – श्रद्धा
सिद्ध – सिद्ध,
सम्बन्ध – संबंध
समृद्धि – समृद्धि
पाण्डव – पांडव
RBSE Class 8 Hindi Chapter 11 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
RBSE Class 8 Hindi Chapter 11 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
द्वापर काल में श्रीकृष्ण किस नाम से विख्यात थे?
(क) ग्वाला
(ख) गोपाल
(ग) गोकुल
(घ) गोवर्धन
प्रश्न 2.
बैल को किसकी सवारी बताया जाता है?
(क) भगवान् शिव की
(ख) माता पार्वती की
(ग) भगवान् विष्णु की
(घ) यमराज की
प्रश्न 3.
महाराज दिलीप ने जिस गाय की सेवा की थी, उसका नाम था
(क) कपिला
(ख) कामधेनु
(ग) कृष्णा
(घ) नन्दिनी
प्रश्न 4.
गाय के मूत्र में कितने तत्त्व होते हैं?
(क ) सोलह
(ख) बीस
(ग) चौबीस
(घ) चौदह
प्रश्न 5.
गाय के गोबर से कौन-सी गैस प्राप्त होती है?
(क) मिथेने
(ख) ऑक्सीजन
(ग) कार्बन-डाईआक्साइड
(घ) हीलियम्
उत्तर:
1. (ख) 2. (क) 3. (घ) 4. (ग) 5. (क)
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें
प्रश्न 6.
निम्न रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिये गये सही शब्दों से कीजिए
सही शब्दों से कीजिए
(i) भारत में गो सेवा की अनेक………प्रचलित हैं। (कहानियाँ/कहावतें
(ii) बैल को बलीवर्द और………भी कहा जाता है। (नन्दी/वृषभ)
(iii) शास्त्रों में गौशाला के निर्माण को……कहा गया।(पुण्य कार्य/धर्म)
(iv) गोबर में…..तत्त्व पाये जाते हैं। (चौबीस/सोलह)
(v) गाय की रक्षा का अर्थ हमारी……..को बचाना है।(अर्थव्यवस्था/कृषि)
उत्तर:
(i) कहानियाँ, (ii) वृषभ, (iii) पुण्य कार्य, (iv) सोलह, (v) अर्थव्यवस्था।
RBSE Class 8 Hindi Chapter 11 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 7.
हमारी पुरातन संस्कृति का अनूठा हिस्सा क्या है?
उत्तर:
गोधन के प्रति आदर-भाव एवं आस्था हमारी पुरातन संस्कृति का अनूठा हिस्सा है।
प्रश्न 8.
पौराणिक काल में किसे धनी माना जाता था ?
उत्तर:
पौराणिक काल में जिसके पास जितनी अधिक गायें होती थीं, उसे उतना ही धनी माना जाता था।
प्रश्न 9.
गाय के दूध किसके समान माना गया है?
उत्तर:
गाय का दूध माँ के दूध के समान माना गया है।
प्रश्न 10.
गोमूत्र में कितने तत्त्व मिलते हैं और इसे किसमें उपयोगी माना जाता है ?
उत्तर:
गोमूत्र में चौबीस तत्त्व पाये जाते हैं और यह असाध्य रोगों के इलाज में भी उपयोगी रहता है।
प्रश्न 11.
सामान्य देशी गायें प्रतिदिन कितना दूध देती हैं?
उत्तर:
सामान्य देशी गायें प्रतिदिन 10 से 15 लीटर तक दूध देती हैं।
RBSE Class 8 Hindi Chapter 11 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 12.
भारतीय जीवन में गाय का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
भारतीय जन-जीवन में परिवार के पालन तथा कृषि कार्य की दृष्टि से गाय का विशेष महत्त्व है। इससे दूध जैसा पौष्टिक पदार्थ मिलता है। इसके गोबर एवं गोमूत्र का अनेक तरह से उपयोग किया जाता है। वेदों एवं पुराणों में गाय को पूज्य और रक्षणीय बताया गया है। यहाँ पर गोपालन की सनातन परम्परा रही है।
प्रश्न 13.
बादशाह अकबर ने गोधन के संरक्षण के लिए क्या किया था?
उत्तर:
बादशाह अकबर ने गोधन के संरक्षण के लिए पूरे ब्रज में तथा अन्य क्षेत्रों या गाँवों में चरागाह या गोचर भूमि की व्यवस्था करवाई थी। बैलों की रक्षा एवं भार ढोने की क्षमता पर विशेष ध्यान दिया था।
प्रश्न 14.
भारत में गायों की कौनसी नस्लें मुख्य हैं और कितना दूध देती हैं ?
उत्तर:
भारत में गीर, साहीवाल, थारपारकर, राठी, हरियाणवी आदि गायों की नस्लें मुख्य हैं। सामान्य देशी गायें घासचारा एवं उत्तम पोषाहार मिलने पर 25 लीटर तक दूध रोजाना दे सकती हैं।
प्रश्न 15.
गाय के घी की क्या उपयोगिता मानी गई है?
उत्तर:
आयुर्वेद में अनेक रोगों के उपचार आदि में गाय के घी को उपयोगी माना गया है। गाय के घी से हवन करने पर जो धुआँ फैलता है, वह हानिकारक कीटाणुओं को नष्ट करता है। वह ओजोन परत के छेद को पाटने का काम करने में व पर्यावरण शुद्धि में भी उपयोगी रहता है।
प्रश्न 16.
गाय के गोबर की उपयोगिता बताइए।
उत्तर:
गाय के गोबर में सोलह तत्त्व पाये जाते हैं। गोबर से मिथेन गैस प्राप्त होती है, जिसका उपयोग भोजन पकाने एवं विद्युत प्रकाश के रूप में होता है। गोबर के कण्डे-उपले बनाये जाते हैं, जो ईंधन के काम आते हैं। गोबर खेती में खाद की तरह काम आता है। गाय के गोबर की ऊर्जा उत्पादन एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अत्यधिक उपयोगिता है।
RBSE Class 8 Hindi Chapter 11 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 17.
गाय हमें कैसे पालती है? बताइये।
उत्तर:
एक अनुसन्धान के अनुसार हमारे देश को कृषि के लिए नब्बे प्रतिशत ऊर्जा गोवंश से मिलती है। देश में जितना दूध पैदा होता है, उसका चवालीस प्रतिशत गायों से मिलता है। गायों के दूध में कार्बोहाइड्रेट, वसा, अल्बुमिनाइड और विटामिन उचित मात्रा में रहता है, जो कि बच्चों एवं प्रौढ़ों के लिए सम्पूर्ण पौष्टिक आहार है। गाय के घी का आयुर्वेद में औषधीय प्रयोग होता है। इससे किये गये हवन से विषैले कीटाणु नष्ट होते हैं, ओजोन परत की सुरक्षा होती है और पर्यावरण प्रदूषण कम होता है। गाय के दूध से दही, छाछ एवं घी मिलता है। पंचगव्य से असाध्य रोगों का उपचार होता है। इस प्रकार गाय हर तरह से हमें पालती है और हमारी रक्षा करती है।
प्रश्न 18.
भारतीय गायों की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
भारतीय गायों की अनेक विशेषताएँ दिखाई देती हैं, जैसे-
- भारतीय गायें क्षेत्रीय एवं भौगोलिक परिस्थितियों से तालमेल रखने में सक्षम होती हैं।
- ये सामान्यत: हरी घास, चारा या पोषक चीजों से पर्याप्त दूध देती हैं।
- ये चरागाहों में चरकर अपने गोष्ठ में लौट आती हैं।
- दूध देने की दृष्टि से भारतीय गायें सर्वश्रेष्ठ मानी जाती हैं।
- भारत में क्षेत्रों के अनुसार अनेक नस्लों की गायें मिलती हैं जिनमें गीर, साहीवाल, थारपारकर, राठी और हरियाणवी नस्लें मुख्य हैं।
- धार्मिक दृष्टि से गाय के शरीर में देवताओं का निवास माना जाता है। इस कारण भारत में गायों का पूजन किया जाता है।
- भारतीय गायें स्थानीय पर्यावरण एवं परिवेश के अनुसार अनेक रंग-रूप में देखी जाती हैं।
प्रश्न 19.
निम्न गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(क) भारतीय जन जीवन में गाय का अपना विशेष महत्त्व है। गाय चौपाया प्राणी है और उसे माँ के बराबर आदर दिया गया है। यह हमारी पारिवारिक व कृषि संस्कृति की आधार रही हैं। गाय को गोधन कहा है। पौराणिक काल में जिसके पास जितनी अधिक गायें, वह उतना ही धनी माना जाता था। अतएव गायों की सुरक्षा को एक मानवीय कर्तव्य के रूप में परिभाषित किया गया है। गाय को वेदों में रक्षणीय, सुरक्षा के योग्य, इसी अर्थ में स्वीकारा गया है कि वे सर्वोपरि धन हैं। गायों के जाये बैलों ने कृषि कार्य में इतना सहयोग किया कि वे गायों के साथ ही पूजा के योग्य भी माने गये।
प्रश्न
(i) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
(ii) गायों की सुरक्षा को मानवीय कर्तव्य क्यों माना जाता है?
अथवा
किसकी सुरक्षा को मानवीय कर्तव्य माना गया है?
(iii) गायों के साथ बैल भी पूजा के योग्य क्यों माने गये?
(iv) भारतीय जन-जीवन में गायों का विशेष महत्त्व क्यों है?
उत्तर:
(i) शीर्षक-भारतीय जन-जीवन में गाय का महत्त्व।
(ii) गाय को हमारे यहाँ माँ के बराबर आदर दिया गया है, वेदों में सर्वोपरि धन माना गया है और यह हमारी पारिवारिक व कृषि संस्कृति का आधार रही है। इसलिए, इसकी सुरक्षा को मानवीय कर्त्तव्य माना जाता है।
(iii) कृषि कार्य में सहयोगी होने के कारण बैलों को पूजा के योग्य माना गया है।
(iv) भारतीय जन-जीवन में गायों का विशेष महत्त्व इसलिए है क्योंकि इन्हें भी माँ के बराबर आदर दिया जाता है।
(ख) यह हमारी पारिवारिक व कृषि संस्कृति की आधार रही है। गाय को गोधन कहा है। पौराणिक काल में जिसके पास जितनी अधिक गायें, वह उतना ही धनी माना जाता था। अतएव गायों की सुरक्षा को एक मानवीय कर्तव्य के रूप में परिभाषित किया गया है। गाय को वेदों में रक्षणीय, सुरक्षा के योग्य इसी अर्थ में स्वीकारा गया है। प्रश्न.
(i) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
(ii) पौराणिक काल में किसे बड़ा धनी माना जाता था ?
(iii) किसे मानवीय कर्तव्य बताया गया है?
(iv) गाय को लेकर वेदों में क्या कहा गया है ?
उत्तर:
(i) शीर्षक- भारत में गाय का महत्त्व।
(ii) पौराणिक काल में जिसके पास जितनी अधिक गायें होती थीं, उसे उतना ही बड़ा धनी माना जाता था।
(iii) गायों की रक्षा करना तथा अत्यधिक उपयोगी पशु होने से उनका पालन करना मानवीय कर्तव्य बताया गया है।
(iv) गाय को लेकर वेदों में कहा गया है कि यह सर्वोपरि धन है, इसकी सदा धन की तरह रक्षा करनी चाहिए।
(ग) गाय के दूध में भी लगभग वे सारे गुण होते हैं जो माँ के दूध में होते हैं। कई मिठाइयाँ गाय के दूध से बनती, हैं। दही और छाछ भी उसी से मिलते हैं। गाय के घी का महत्त्व आयुर्वेद में तो विशेष है ही, अग्निहोत्र पर शोध करने वालों ने भी इसे महत्त्वपूर्ण माना है। पर्यावरण की शुद्धि की क्षमता गाय के घी से हवन करने में है।
प्रश्न.
(i) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
(ii) गाय के दूध से क्या-क्या मिलता है?
(iii) आयुर्वेद में गाय के घी का क्या महत्त्व है?
(iv) गाय के घी से किसकी शुद्धि होती है और कैसे ?
उत्तर:
(i) शीर्षक-गाय के दूध में विद्यमान गुण।
(ii) गाय के दूध से दही, छाछ एवं घी मिलता है, मिठाइयाँ बनती हैं।
(iii) आयुर्वेद में गाय के घी में अनेक औषधीय गुण माने गये हैं, यह दवाएँ बनाने में काम आता है। इस तरह इसका विशेष महत्त्व है।
(iv) गाय के घी से पर्यावरण शुद्ध होती है, क्योंकि गाय के घी से हवन करने से उसके धुएँ से विषाक्त कीटाणु मर जाते हैं और ओजोन परत की सुरक्षा होती है।
(घ) आज भी गाय हमारी अर्थव्यवस्था का आधार सिद्ध हो सकती है। गोपालन से परिवार का भरण-पोषण का अधिकांश गुजारा शोधन से प्राप्त दूध, दही, छाछ जैसे पोषक पदार्थों से हो जाता है। खेती में सहायक बैल सामान ढोने में सहायक बन, महँगे पेट्रोलियम पदार्थों से मुक्त ढोने में सहायक बन, महँगे पेट्रोलियम पदार्थों से मुक्त ग्रामीण पर्यावरण में सन्तुलन भी बनाते हैं। गोधन का गोबर ईंधन बचाने व ऊर्जा उत्पादन कर आत्मनिर्भरता को मजबूत बनाता है। गोपालक की दिनचर्या अनुशासन के धागे में ऐसी पिरोयी जाती है कि वह स्वस्थ जीवन को संबलन प्रदान करती है। गोमय और उससे प्राप्त मिथेन गैस का उपयोग भोजन बनाने में हो सकता है।
(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
(ख) गाय से प्राप्त दूध से कौन-कौनसे पदार्थ बनते हैं ?
(ग) सामान ढोने में कौनसा जानवर सहायक बनता है ?
(घ) भोजन बनाने में कौनसी गैस का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
(क) शीर्षक-गो संरक्षण से ग्राम विकास।
(ख) गाय से प्राप्त दूध से दही, छाछ, मावा, घी, पनीर, मिठाइयाँ आदि पदार्थ बनते हैं। ये पौष्टिक होने के साथ आय के स्रोत भी हैं। इनसे परिवार का पालन होता है।
(ग) गाय से प्राप्त बैल खेती करने में जहाँ सहायक सिद्ध होते हैं वहीं ये सामान ढोने में भी सहायता करते हैं। इनके उपयोग से पेट्रोलियम पदार्थों से मुक्ति मिलती है और ग्रामीण पर्यावरण में सन्तुलन भी बनता है।
(घ) गोमय और उससे प्राप्त मिथेन गैस का उपयोग भोजन बनाने में किया जाता है।
गो-संरक्षण से ग्राम-विकास पाठ-सार
यह पाठ गाय के महत्त्व पर आधारित निबन्ध है। इसमें बताया गया है कि हमारे देश में गाय का विशेष महत्त्व है। इससे कृषि प्रधान ग्रामीण जीवन का विकास हो सकता है। गाय के पालन एवं रक्षण की अत्यधिक जरूरत है।
कठिन शब्दार्थ-उद्घोष = ऊँची आवाज में कहना, ढिंढोरा पीटना। गावः = गायें। दात्री = देने वाली। पुरातन = बहुत पुराना। चौपाया = चार पैरों वाला। रक्षणीय = जिसकी रक्षा की जाए। सर्वोपरि = सबसे ऊपर। परिभाषित = परिभाषा की गई। वृषभ = बैल। गोष्ठ = गौशाला का आँगण या बाड़ा। अनुसन्धान = खोज। बलीवर्द = बैल। चारागाह = चरने का स्थान। पंचगव्य = पाँच पदार्थों का मिश्रण, गाय से प्राप्त होने वाले दूध, दही, घी, मूत्र एवं गोबर ये पाँच पदार्थ। संचित = एकत्र, जमा हुआ। जलोदर = पेट या शरीर में जल की अधिकता वाला रोग। दृष्टिगोचर = दिखाई देना। विनिमय = लेन-देन। बवासीर = मस्सा, अर्श। उपचार = इलाज। अग्निहोत्र = आग में हवन करना। गोपालक = गायों को पालने वाला, ग्वाला। संबलन = सहारा। गोमय = गोबर। महती = बडी।।
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