Rajasthan Board RBSE Class 8 Sanskrit व्याकरण संज्ञा शब्द
शब्द-रूपाणि किसी व्यक्ति, वस्तु या जगह के नाम को संज्ञा कहते हैं। जैसे-राम, जयपुर, फल आदि। इनके रूप सात विभक्तियों में चलते हैं। विभक्ति का ज्ञान कारक प्रकरण में कराया गया है। यहाँ महत्त्वपूर्ण संज्ञा शब्दों के रूप दिये जा रहे
1. वधू (बहू) शब्द (ऊकारान्त) स्त्रीलिंग
[‘वधू’ शब्द की तरह अन्य ऊकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्द श्वसू | आदि के रूप चलते हैं।]
2. आत्मन् (आत्मा) शब्द पुल्लिंग
3. भवत् (आप) शब्द पुल्लिंग रूप
4, राम शब्द (अकारान्त) पुल्लिंग।
[‘राम’ शब्द की तरह ही अन्य अकारान्त पुल्लिंग शब्द मोहन, सोहन, कृष्ण, रहीम, नृप, जनक, सुत, बालक, पुत्र, ग्राम, विद्यालय, नर, मनुष्य, अश्व, वृक्ष, पुरुष, सूर्य, चन्द्र, सज्जन, विप्र, लोक (संसार), उपाध्याय, सिंह, शिष्य, धर्म, सागर, कृषक (किसान), छात्र, मानव, भ्रमर, सरोवर, युवक, ईश्वर, गज, शिव आदि के सभी रूप चलते हैं ।]
5. कवि शब्द (इकारान्त) पुल्लिंग।
6. भानु शब्द (उकारान्त) पुल्लिंग।
[भानु शब्द की तरह ही अन्य उकारान्त पुल्लिंग शब्द गुरु, बन्धु, प्रभु, साधु, वायु, शत्रु, रिपु, पशु, तरु, मनु, धातु, राहु, केतु, मृत्यु, ऋतु, शिशु, इन्दु आदि के रूप चलेंगे।]
7. करिन् (हाथी) शब्द पुल्लिंग।
8. राजन् शब्द (नकारान्त) पुल्लिंग।
9. लता शब्द (आकारान्त) स्त्रीलिंग
[लता शब्द की तरह ही अन्य आकारान्त स्त्रीलिंग शब्द रमा, बाला, कन्या, बालिका, शिक्षा, कमला, विमला, सीता, गीता, पाठशाला, महिला, शीला, कक्षा, विद्या, वसुधा, शाखा, सभा, ३ राधा, शोभा, मृत्तिका, गङ्गा, यमुना, आकांक्षा, प्रभा, विभा, = माया, क्रीड़ा, क्षमा, सरिता, सविता, कविता आदि के रूप – चलेंगे।]
10. पितृ (पिता) शब्द (ऋकारान्त) पुल्लिंग
[पितृ शब्द की तरह ही अन्य ह्रस्व ‘ऋ’ से अन्त होने वाले पुल्लिंग शब्द भ्रातृ, जामातृ (दामाद) आदि के रूप चलते हैं।]
11. मति शब्द (इकारान्त) स्त्रीलिंग
[मति शब्द के समान ही इकारान्त स्त्रीलिंग बुद्धि (मति) भक्ति, प्रीति, श्रुति (वेद), कीर्ति (यश), कान्ति, रात्रि, भूमि, रीति, वृष्टि (वर्षा) आदि के रूप चलेंगे।]
12. नदी शब्द (ईकारान्त) स्त्रीलिंग
[नदी शब्द के समान ही ईकारान्त स्त्रीलिंग गोरी, पार्वती, भवानी, लक्ष्मी, कुमारी, नारी, जननी, नगरी, पत्नी, पृथ्वी, पुत्री आदि के रूप चलेंगे।] .
13. मातृ (माता) शब्द स्त्रीलिंग
14. फल शब्द नपुंसकलिंग
[‘फल’ शब्द के समान ही अकारान्त नपुंसकलिंग वन, पुस्तक, जल, मित्र, वस्त्र, आम्र, गृह, उद्यान, पुष्प आदि के रूप चलेंगे।]
15. स्वसृ (बहन)
अभ्यासार्थ प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठप्रश्नाः
प्रश्न 1.
‘रामः पुस्तकं पठति।’ रेखांकितः शब्दः अस्ति
(क) विशेषणम्
(ख) अव्ययम्।
(ग) संज्ञा
(घ) सर्वनाम्
उत्तर:
(ग) संज्ञा
प्रश्न 2.
‘ग्रामम् परितः वृक्षाः सन्ति।’ इति वाक्ये विभक्तिः अस्ति
(क) पंचमी
(ख) द्वितीया
(ग) तृतीया
(घ) षष्ठी
उत्तर:
(ख) द्वितीया
प्रश्न 3.
व्यास: विरचिता …………………………….. पुण्यकथा अस्ति
(क) रामायण
(ख) महाभारत
(ग) गीताञ्जलि
(घ) कादम्बरी
उत्तर:
(ख) महाभारत
प्रश्न 4.
‘परित्राणाय साधूनाम्’ रेखांकितपदे का विभक्ति।
(क) द्वितीया
(ख) चतुर्थी
(ग) षष्ठी
(घ) सप्तमी
उत्तर:
(ख) चतुर्थी
प्रश्न 5.
‘तस्य विवाहः हाडावती राजकुमार्या सह अभवत्’रेखांकितपदे का विभक्तिः ?
(क) तृतीया।
(ख) पंचमी
(ग) सप्तमी
(घ) चतुर्थी
उत्तर:
(क) तृतीया।
प्रश्न 6.
‘अयं वैज्ञानिकानां देशः अस्ति’-रेखांकितपदे का विभक्तिः?
(क) द्वितीया
(ख) तृतीया
(ग) पंचमी
(घ) षष्ठी
उत्तर:
(घ) षष्ठी
प्रश्न 7.
…………………………….. पत्रम् अद्यैव प्राप्तम्।
(क) भवतः
(ख) भवान्।
(ग) भवते
(घ) भवताम्
उत्तर:
(क) भवतः
प्रश्न 8.
………………………………… शंसति यतिवाणी।
(क) ज्ञानः
(ख) ज्ञानौ
(ग) ज्ञानम्।
(घ) ज्ञानेन
उत्तर:
(ग) ज्ञानम्।
प्रश्न 9.
अहम् …………………………….. धन्यं मन्ये।
(क) आत्मन्
(ख) आत्मानः
(ग) आत्मना
(घ) आत्मानम्
उत्तर:
(घ) आत्मानम्
प्रश्न 10.
गुरुशब्दस्य चतुर्थीविभक्तेः एकवचनस्य रूपमस्ति
(क) गुरवे
(ख) गुरोः
(ग) गुरुणा
(घ) गुरुवाय।
उत्तर:
(क) गुरवे
प्रश्न 11.
पितृशब्दस्य षष्ठीविभक्तेः बहुवचनस्य रूपमस्ति
(क) पितृषु
(ख) पितुः
(ग) पितराणाम्
(घ) पितृणाम्
उत्तर:
(घ) पितृणाम्
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्ना
प्रश्न 1.
कोष्ठके दत्तान् संज्ञापदान् चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत
(क) विद्याधर …………………………….. पिता अस्ति। (सरला/सरलायाः)
(ख) …………………………….. नमः। (रामाय/रामस्य)
(ग) सः …………………………….. काणः। (नेत्रेण/नेत्रस्य)
(घ) सः …………………………….. लिखति। (कलमेन/कलमात्)
उत्तर:
(क) विद्याधर सरलायाः पिता अस्ति।
(ख) रामाय नमः।
(ग) सः नेत्रेण काणः।
(घ) सः कलमेन लिखति।
प्रश्न 2.
कोष्ठके दत्तान् संज्ञापदान् चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत
(क) दशरथः …………………………….. पिता अस्ति। (रामाय/रामस्य)
(ख) राघव: …………………………….. पतिः अस्ति (विमलायाः/विमलाम्)
(ग) …………………………….. नमः। (कृष्णाय/कृष्णस्य)
(घ) मोहनः …………………………….. लिखति। (कलमेन/कलमम्)
उत्तर:
(क) रामस्य
(ख) विमलायाः
(ग) कृष्णाय
(घ) कलमेन।
प्रश्न 3.
कोष्ठके दत्तान् संज्ञापदान् चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयते
(क) …………………………….. हृदयः व्यथितः सञ्जातः। (नरेन्द्रस्य/नरेन्द्राय)
(ख) परोपकाराय …………………………….. विभूतयः। (सतेन/सताम्)
(ग) गङ्गा …………………………….. निर्गच्छति। (हिमालयेन/हिमालयात्)
(घ) वृद्धः …………………………….. काणः। (नेत्रेण/नेत्रात्)
उत्तर:
(क) नरेन्द्रस्य
(ख) सताम्
(ग) हिमालयात्
(घ) नेत्रेण
प्रश्न 4.
कोष्ठके दत्तान् संज्ञापदान् चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत–
(क) राजस्थानं …………………………….. भूमिः अस्ति। (वीरैः/वीराणाम्
(ख) रामः …………………………….. पतिः अस्ति। (सीतायाः/सीताम
(ग) …………………………….. ध्यानं श्रेष्ठतरम्। (ज्ञानेन/ज्ञानात्
(घ) गोपालः …………………………….. प्रति गच्छति। (नगर/नगरस्य)
उत्तर:
(क) वीरणाम्।
(ख) सीतायाः।
(ग) ज्ञानात्
(घ) नगरं
प्रश्न 5.
कोष्ठके दत्तान् संज्ञापदान् चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत
(क) अध्यापकः सर्वान् …………………………….. प्रेरितवान् (छात्राणां/छात्रान्)
(ख) अस्माकं विद्यालये …………………………….. निर्माणम् अभवत् (शौचालयानां/शौचालयः)
(ग) …………………………….. गृहकार्येषु साहाय्यं करिष्यन्ति। (बालकाः/बालकैः)
(घ) एषः मम …………………………….. कौस्तुभः। (मित्रे/मित्रम्)
उत्तर:
(क) छात्रान्
(ख) शौचालयानां
(ग) बालकाः।
(घ) मित्रम्
प्रश्न 6.
अधोलिखितवाक्यानि कोष्ठकेषु प्रदत्तशब्देषु निर्देशानुसारं विभक्तिं प्रयुज्य पूरयते–
- सः …………………………….. अवतीर्य गृहं गतः। (वृक्ष, पंचमी)
- तेन …………………………….. निश्चयः कृतः। (युद्ध, चतुर्थी)
- यत्र च …………………………….. वनराजः। (क्रीडा, चतुर्थी)
- एषः …………………………….. कुटिलः अस्ति। (आत्मन्, सप्तमी)
- स …………………………….. पूर्वभागस्य स्वामी अभवत् (महिषी, षष्ठी)
उत्तर:
- वृक्षात्,
- युद्धाय,
- क्रीडायै,
- आत्मनि,
- महिष्याः
प्रश्न 7,
अधोलिखितानि पदांनि निर्देशानुसारं परिवर्तयत। पदानि
उत्तर:
- वधू (सप्तमी-बहुवचन) – वधूषु
- आत्मन् (पञ्चमी-एकवचन) – आत्मनः
- भवत् (प्रथमा-बहुवचन) – भवन्तः।
- हरि (चतुर्थी-द्विवचन) – हरिभ्याम्
- शिखर (सप्तमी-एकवचने) – शिखरे।
- श्वसू (द्वितीया-बहुवचने) – श्वसूः
- राष्ट्र (चतुर्थी-एकवचने) – राष्ट्राय।
- पाषाण (सप्तमी-एकवचने) – पाषाणे।
- पथिन (सप्तमी-एकवचने). – पथि।
- शक्ति (प्रथमा-एकवचने) : – शक्तिः
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