RBSE Solutions for Class 9 Maths Chapter 9 चतुर्भुज Ex 9.1 is part of RBSE Solutions for Class 9 Maths. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 9 Maths Chapter 9 चतुर्भुज Exercise 9.1.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 9 |
Subject | Maths |
Chapter | Chapter 9 |
Chapter Name | चतुर्भुज |
Exercise | Exercise 9.1 |
Number of Questions Solved | 14 |
Category | RBSE Solutions |
Rajasthan Board RBSE Class 9 Maths Chapter 9 चतुर्भुज Ex 9.1
प्रश्न 1.
एक चतुर्भुज के कोण 3 : 5 : 9 : 13 के अनुपात में हैं। इस चतुर्भुज के सभी कोण ज्ञात कीजिए।
हल
चतुर्भुज के कोणों का अनुपात = 3 : 5 : 9 : 13
कोणों के अनुपात का योग =3 + 5 + 9 + 13 = 30
चूंकि हम जानते हैं कि(RBSESolutions.com)चतुर्भुज के चारों कोणों का योग 360° होता है।
प्रथम कोण का मान = \(\frac { 3 }{ 30 }\) × 360° = 36°
द्वितीय कोण का मान = \(\frac { 5 }{ 30 }\) × 360° = 60°
तृतीय कोण का मान = \(\frac { 9 }{ 30 }\) × 360° = 108°
चतुर्थ कोण का मान = \(\frac { 13 }{ 30 }\) × 360° = 156°
अत: चतुर्भुज के कोण है : 36°, 60°, 108°, 156°
प्रश्न 2.
एक समान्तर चतुर्भुज ABCD के विकर्ण AC और BD परस्पर बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करते हैं जो OA = 3 सेमी और OD = 2 सेमी है तो AC और BD की लम्बाई ज्ञात कीजिए
हल
OA = 3 सेमी तथा
OD = 2 सेमी
चूंकि समान्तर चतुर्भुज के(RBSESolutions.com)विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।
AC = 2 × OA = 2 × 3 = 6 सेमी
तथा BD = 2 × OD = 2 × 2 = 4 सेमी।
अतः विकर्ण AC और BD की लम्बाई 6 सेमी तथा 4 सेमी है।
प्रश्न 3.
एक समान्तर चतुर्भुज के विकर्ण परस्पर लम्बे होते हैं। क्या यह कथन सत्य है? अपने उत्तर के लिए कारण दीजिए।
हल
एक समान्तर चतुर्भुज के विकर्ण परस्पर लम्ब होते हैं, यह कथन असत्य है क्योंकि समान्तर चतुर्भुज के विकर्ण परस्पर समद्विभाजित होते हैं।
प्रश्न 4.
क्या कोण 110°, 80°, 70° और 95° किसी चतुर्भुज के कोण हो सकते हैं।
हल
दिए गए चतुर्भुज के कोणों का योग = 110° + 80° + 70° + 95° = 355°
चूँकि चतुर्भुज के सभी(RBSESolutions.com)कोणों का योग 360° होता है।
अतः यह चतुर्भुज के कोण नहीं हैं।
प्रश्न 5.
क्या किसी चतुर्भुज के सभी कोण अधिककोण हो सकते हैं? अपने उत्तर के लिए कारण दीजिए।
हल
अधिककोण का मान 90° से अधिक तथा 180° से कम होता है। माना चारों अधिककोणों में से प्रत्येक अधिककोण का मान 91° है।
कोणों का योग = 91° + 91° + 91° + 91° = 364°
जो कि 360° से अधिक है। अत: चतुर्भुज(RBSESolutions.com)संभव नहीं है।
अतः चतुर्भुज के सभी कोण, अधिककोण नहीं हो सकते।
प्रश्न 6.
एक चतुर्भुज का एक कोण 108° है तथा अन्य तीनों कोण बराबर हैं। तीनों बराबर कोणों में से प्रत्येक को ज्ञात कीजिए।
हल
माना प्रत्येक बराबर(RBSESolutions.com)कोणों का मान x, x, x हैं।
चूँकि चतुर्भुज के सभी कोणों का योग 360° होता हैं।
108° + x + x + x = 360°
⇒ 3x + 108° = 360°
⇒ 3x = 360° – 108° = 252°
⇒ x = 84°
अतः चतुर्भुज के प्रत्येक बराबर कोण 84° है।
प्रश्न 7.
ABCD एक समलम्ब है, जिसमें AB || DC और ∠A = ∠B = 45°है। इस समलम्ब के कोण C और D ज्ञात कीजिए।
हल
समलम्ब ABCD में, ∠A = ∠B = 45° तथा AB||CD
AB || CD, AD एक तिर्यक रेखा है।
⇒ ∠A + ∠D = 180° (तिर्यक रेखा के एक ही ओर बने अन्त: कोण)
⇒ 45° + ∠D = 180°
⇒ ∠D = 180° – 45° = 135°
इसी प्रकार ∠C = 135°, अत: ∠C = ∠D = 135°
प्रश्न 8.
एक समांतर चतुर्भुज के एक अधिककोण के शीर्ष से खींचे गए उस समांतर चतुर्भुज के दो शीर्षलंबों के बीच का कोण 60° है। इस समांतर चतुर्भुज के सभी कोण ज्ञात कीजिए।
हल
माना कि ABCD एक समान्तर चतुर्भुज हैं, जिसमें अधिककोणों(RBSESolutions.com)के शीर्ष D से AB पर लम्ब DM तथा शीर्ष B से AD पर लम्ब BN खींचा। दोनों शीर्ष लम्बों के बीच का कोण 60° है।
अर्थात् ∠BPM = 60°, ∠NPD = 60° (शीर्षाभिमुख कोण)
चतुर्भुज AMPN में
∠A + ∠AMP + ∠NPM + ∠ANP = 360°
∠A + 90° + 120° + 90° = 360°
∠A + 300° = 360°
∠A = 60°
AD || BC तथा AB एक तिर्यक रेखा है।
∠A + ∠B = 180° (एकान्तर कोण)
60° + ∠B = 180°
∠B = 120°
अब ∠C = ∠A = 60° तथा ∠D = ∠B = 120° (समान्तर चतुर्भुज के सम्मुख कोण)
प्रश्न 9.
समान्तर चतुर्भुज ABCD के विकर्ण AC पर बिन्दु E और F इस प्रकार स्थित हैं कि AE = CF है। दर्शाइए कि BFDE एक समांतर चतुर्भुज है।
हल
AC पर बिन्दु E और F इस प्रकार स्थित हैं कि
AE = CF है।
AE = CF
AE + EF = CF + EF (दोनों ओर EF जोड़ने पर)
AF = CE …(1)
AB || CD, तथा AC एक तिर्यक रेखा है।
∠BAC = ∠DCA (एकान्तर कोण)
∠BAF = ∠DCE …(2)
ΔABF और ΔCDE में,
AB = CD (समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ)
∠BAF = ∠DCE (समी. (2) से)
AF = CE (समी. (1) से)
ΔABF = ΔCDE (SAS नियम से)
∠AFB = ∠CED (CPCT)
∠EFB = ∠FED
परन्तु यह एकान्तरे कोण है। अत: DE || FB
तथा DE = FB (CPCT)
चूंकि चतुर्भुज की सम्मुख भुजाओं का एक युग्म परस्पर बराबर तथा समान्तर है।
अतः BFDE एक समान्तर चतुर्भुज है।
इति सिद्धम्।
प्रश्न 10.
चित्र में, ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है। AQ और CP क्रमशः ∠A और ∠C के समद्विभाजंक हैं। सिद्ध कीजिए कि APCQ एक समान्तर चतुर्भुज है।
हल
समान्तर चतुर्भुज
ABCD में,
∠A = ∠C (समान्तर चतुर्भुज के सम्मुख कोण)
\(\frac { 1 }{ 2 }\) ∠A = \(\frac { 1 }{ 2 }\) ∠C (AQ तथा CP क्रमशः ∠A तथा ∠C के अर्धक हैं।)
∠1 = ∠2 …(1)
AB || CD तथा तिर्यक रेखा CP है।
∠3 = ∠2 …(2) (एकान्तर कोण)
समीकरण (1) तथा (2) से, ∠1 = ∠3
तिर्यक(RBSESolutions.com)रेखा AB, रेखाओं AQ तथा PC को इस प्रकार प्रतिच्छेद करती है कि ∠1 = ∠3, अर्थात् संगत कोण बराबर हैं।
तथा AQ || PC
अब AB || CD
AP || QC
AQ || PC तथा AP || QC
APCQ एक समान्तर चतुर्भुज है।
इति सिद्धम्।
प्रश्न 11.
चित्र में ABCD और AFEB समान्तर चतुर्भुज हैं। सिद्ध कीजिए कि CDFE समान्तर चतुर्भुज हैं।
हल
ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है।
AB || CD तथा AB = CD …(1)
AFEB एक समान्तर चतुर्भुज है।
AB || FE, तथा AB = FE …(2)
समीकरण (1) तथा (2) से
FE || CD तथा FE = CD
अतः एक चतुर्भुज का सम्मुख भुजाओं का एक युग्म परस्पर(RBSESolutions.com)समान्तर तथा बराबर है, प्रमेय 9.8 से, CDFE एक समान्तर चतुर्भुज है।
इति सिद्धम्।
प्रश्न 12.
ABCD एक समान्तर चतुर्भुज के विकर्ण BD पर A और C से डाले गये लम्ब क्रमशः AP और CQ हैं। सिद्ध कीजिए कि AP = CQ
हल
दिया है। समान्तर चतुर्भुज के विकर्ण BD पर A और C से डाले। गए लम्ब क्रमशः AP तथा CQ हैं।
सिद्ध करना है : AP = CQ
उपपत्ति: समान्तर चतुर्भुज ABCD में, AB || CD तथा BD एक तिर्यक रेखा है।
∠ABD = ∠CDB (एकान्तर कोण)
∠ABP = ∠CDQ …(1)
∠APB = ∠CQD = 90° (दिया है)
∆APB तथा ∆CQD के दो-दो कोण समान हैं।
दोनों के तीसरे कोण भी समान होंगे।
∠PAB = ∠QCD …(2)
∆APB तथा ∆CQD में,
∠ABP = ∠CDQ (समीकरण (1) से)
AB = CD (समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ)
∠PAB = ∠QCD (समीकरण (2) से)
∆APB = ∆CQD (ASA नियम से)
AP = CQ (CPCT)
इति सिद्धम्।
प्रश्न 13.
चित्र में, ABCD एक चतुर्भुज है। जिसमें AB || DC और AD = BC तो सिद्ध कीजिए कि ∠A = ∠B
हल
दिया है : एक चतुर्भुज ABCD जिसमें AB || DC तथा AD = BC
सिद्ध करना है : ∠A = ∠B.
रचना : AB को आगे बढ़ाया तथा बिन्दु C से AD के समान्तर रेखा CE खींची जो बढ़ाई गई रेखा AB को बिन्दु E पर मिलती है।
उपपत्ति : AD || CE तथा AE एक तिर्यक रेखा है।
∠A + ∠E = 180° …(1)
(क्रमागत अन्त:कोणों का योग 180° होता है)
अब AD || CE (रचना से) तथा AE ||CD
AECD एक समान्तर(RBSESolutions.com)चतुर्भुज है।
AD = CE (समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ) …(2)
तथा AD = BC (दिया है) …(3)
समीकरण (2) तथा (3) से,
BC = CE
∠CBE = ∠CEB (सम्मुख भुजाओं के सामने के कोण बराबर होते हैं) …(4)
∠B + ∠CBE = 180° (रैखिक युग्म कोण)
∠B + ∠CEB = 180° (समीकरण (4) से)
∠B + ∠E = 180° …(5)
समीकरण (1) तथा (5) से,
∠A + ∠E = ∠B + ∠E
∠A = ∠B
इति सिद्धम्।
प्रश्न 14.
दिए गए चित्र में, ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है। P और Q क्रमशः सम्मुख भुजाओं AB और CD के A मध्य बिन्दु हैं। सिद्ध कीजिए कि PRQS एक समान्तर चतुर्भुज है।
हल
समान्तर चतुर्भुज ABCD में,
AB || CD = AP || CQ
⇒ AB = CD (समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ)
⇒ \(\frac { 1 }{ 2 }\) AB = \(\frac { 1 }{ 2 }\) CD
⇒ AP = CQ (∴ P तथा Q; AB तथा CD के मध्य बिन्दु हैं।)
चतुर्भुज APCQ की भुजाओं(RBSESolutions.com)का एक युग्म परस्पर समान्तर तथा बराबर है। अत: प्रमेय 9.8 से,
APCQ एक समान्तर चतुर्भुज है।
PC || AQ
⇒ PR || SQ …(1)
इसी प्रकार PBQD एक समान्तर चतुर्भज है।
PD || BQ
⇒ PS || QR
अब PR || SQ तथा RQ || SP
⇒ PRQS एक समान्तर चतुर्भुज हैं।
इति सिद्धम्।
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