• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • RBSE Model Papers
    • RBSE Class 12th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 10th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 8th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 5th Board Model Papers 2022
  • RBSE Books
  • RBSE Solutions for Class 10
    • RBSE Solutions for Class 10 Maths
    • RBSE Solutions for Class 10 Science
    • RBSE Solutions for Class 10 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 10 English First Flight & Footprints without Feet
    • RBSE Solutions for Class 10 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 10 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 10 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 10 Physical Education
  • RBSE Solutions for Class 9
    • RBSE Solutions for Class 9 Maths
    • RBSE Solutions for Class 9 Science
    • RBSE Solutions for Class 9 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 9 English
    • RBSE Solutions for Class 9 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 9 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 9 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 9 Physical Education
    • RBSE Solutions for Class 9 Information Technology
  • RBSE Solutions for Class 8
    • RBSE Solutions for Class 8 Maths
    • RBSE Solutions for Class 8 Science
    • RBSE Solutions for Class 8 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 8 English
    • RBSE Solutions for Class 8 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 8 Sanskrit
    • RBSE Solutions

RBSE Solutions

Rajasthan Board Textbook Solutions for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

  • RBSE Solutions for Class 7
    • RBSE Solutions for Class 7 Maths
    • RBSE Solutions for Class 7 Science
    • RBSE Solutions for Class 7 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 7 English
    • RBSE Solutions for Class 7 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 6
    • RBSE Solutions for Class 6 Maths
    • RBSE Solutions for Class 6 Science
    • RBSE Solutions for Class 6 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 6 English
    • RBSE Solutions for Class 6 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 5
    • RBSE Solutions for Class 5 Maths
    • RBSE Solutions for Class 5 Environmental Studies
    • RBSE Solutions for Class 5 English
    • RBSE Solutions for Class 5 Hindi
  • RBSE Solutions Class 12
    • RBSE Solutions for Class 12 Maths
    • RBSE Solutions for Class 12 Physics
    • RBSE Solutions for Class 12 Chemistry
    • RBSE Solutions for Class 12 Biology
    • RBSE Solutions for Class 12 English
    • RBSE Solutions for Class 12 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit
  • RBSE Class 11

RBSE Class 9 Sanskrit रचना अनुवाद प्रकरणम्

May 17, 2019 by Safia Leave a Comment

Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit रचना अनुवाद प्रकरणम्

अनुवाद का अर्थ-एक भाषा को दूसरी भाषा में परिवर्तित करने का नाम अनुवाद है। संस्कृत वाक्यों में कर्ता, क्रिया, कर्म आदि का स्थानक्रम स्थिर नहीं है। लेखक या बोलने वाला अपनी इच्छानुसार इन्हें किसी भी स्थान पर रख सकता है। यही संस्कृत भाषा की विशेषता है। यह कारक प्रधान भाषा है। अव्ययों को छोड़कर कोई भी शब्द या धातु ऐसी नहीं है जिसका बिना रूप चलाए प्रयोग किया जाता है। अतः वचन, विभक्ति व पुरुष का ज्ञान परमावश्यक है। इसके अलावा अनुवाद निरन्तर अभ्यास की प्रक्रिया है। छात्रों को चाहिए कि वे प्रतिदिन कुछ हिन्दी के वाक्यों का नियमानुसार संस्कृत में अनुवाद करें तथा अपने शिक्षकों को दिखाकर अपनी कमियों को दूर करके दक्षता प्राप्त करें।

अनुवाद के लिए आवश्यक निर्देश

  1. किसी भी वाक्य का संस्कृत में अनुवाद करने से पूर्व उस वाक्य के कर्ता, क्रिया और कर्म के साथ-साथ काल एवं अन्य कारकों के बोधक चिह्नों को भी भली-भाँति समझ लेना चाहिए।
  2. अनुवाद में केवल अव्ययों को छोड़कर कोई अन्य शब्द बिना किसी विभक्ति अथवा प्रत्यय के प्रयुक्त नहीं होता है।
  3. संस्कृत में तीन वचन होते हैं- (क) एकवचन (ख) द्विवचन (ग) बहुवचन ने
  4. संस्कृत में तीन पुरुष होते हैं- (क) प्रथम पुरुष (ख) मध्यम पुरुष (ग) उत्तम पुरुष।
  5. इस प्रकार किसी क्रिया के एक काल में नौ (9) प्रकार के कर्ता हो सकते हैं। जहाँ युष्मद् शब्द के त्वम्, युवाम्, यूयम् रूपों का प्रयोग किया जाता है, वहाँ मध्यम पुरुष की क्रिया का प्रयोग होगा।
  6. जहाँ अस्मद् शब्द के अहम्, आवाम्, वयम् रूपों का प्रयोग किया जाता है, वहाँ उत्तम पुरुष की क्रिया का प्रयोग होगा। शेष सभी संज्ञा, सर्वनाम आदि शब्द प्रथम पुरुष में आते हैं और उनके साथ प्रथम पुरुष की क्रिया का ही प्रयोग होगा। प्रथम पुरुष को अन्य पुरुष भी कहते हैं।
  7. कर्ता जिस पुरुष या वचन का होगा, उसी पुरुष और वचन की क्रिया का प्रयोग होगा।
  8. अनुवाद के लिए शब्द-रूपों तथा धातु-रूपों को याद रखना परमावश्यक है, क्योंकि इनके बिना अनुवाद हो ही नहीं सकता। अतः सबसे पहले रूपों का अभ्यास कर लेना चाहिए।
  9. निम्नलिखित कारक, कारक चिह्न एवं विभक्ति-ज्ञान को भी समझकर कण्ठाग्र कर लेना चाहिए

RBSE Class 9 Sanskrit रचना अनुवाद प्रकरणम् 1
अर्थात् कर्ता में प्रथमा विभक्ति का प्रयोग होता है। कर्म में द्वितीया विभक्ति होती है। करण कारक में तृतीया विभक्ति आती है। सम्प्रदान कारक में चतुर्थी विभक्ति प्रयुक्त होती है। अपादान कारक में अलग होने के अर्थ में पंचमी विभक्ति लगती है। सम्बन्ध कारक में साधारणतया षष्ठी विभक्ति को प्रयोग किया जाता है। अधिकरण कारक में सप्तमी विभक्ति होती है। सम्बोधन कारक में सम्बोधन विभक्ति का प्रयोग किया जाता है।

अनुवाद करने से पूर्व वाक्य में होने वाले काल का निर्णय कर उसी के अनुसार क्रिया का प्रयोग करना चाहिए।

अनुवाद के लिए कुछ सरलतम प्रयोग
वाक्य-रचना (अनुवाद) के लिए नीचे प्रथम पुरुष के कर्ता : (कर्तृ-पद) हेतु क्रमशः (1), (2), (3), मध्यम पुरुष के कर्ता हेतु (4), (5), (6) तथा उत्तम पुरुष के कर्ता हेतु (7), (8), (9) संख्यांक दिए जा रहे हैं। 1 से 9 तक के संख्यांक कर्तृ-पदों को गिनने के लिए हैं। जैसे-
RBSE Class 9 Sanskrit रचना अनुवाद प्रकरणम् 2
[ध्यान दें – प्रथम पुरुष में सर्वनाम शब्द-सः/सा/तत् (एकवचने में), तौ/ते/ते (द्विवचन में) तथा ते/ता/तानि (बहुवचन में) क्रमशः पुल्लिग/स्त्रीलिंग/नपुंसकलिंग में प्रयुक्त होते हैं।]

इसी प्रकार नीचे प्रथम पुरुष की क्रिया-पद हेतु क्रमशः
(1), (2), (3), मध्यम पुरुष की क्रिया-पद हेतु (4), (5), (6) तथा उत्तम पुरुष की क्रिया-पद हेतु (7), (8), (9) के संख्यांक अनुवाद के लिए दिए जा रहे हैं। इनके ऊपर 1 से 9 तक के अंक इन क्रिया–पदों को गिनने की सुविधा के लिए रखे गए हैं। जैसे-
RBSE Class 9 Sanskrit रचना अनुवाद प्रकरणम् 3

[ध्यान दें-ऊपर कर्तृ-पदों की तालिका है और नीचे क्रिया-पदों की तालिका है। यदि हम क्रम से दोनों को जोडेंगे तो वाक्य-रचना शुद्ध एवं सरल होगी।] करना यह है कि ऊपर की तालिका में अंक (1) पर जो कर्ता है उसके साथ नीचे की तालिका के अंक (1) पर जो क्रिया है, उसे लिखना है। इस प्रकार दोनों शब्दों को जोड़कर वाक्य बनेगा

बालिका पठति। अर्थात् बालिका पढ़ती है। यह ध्यान रखें कि नं. (1) के कर्ता के साथ नं. (1) की क्रिया ही लगेगी। नं. (2) के साथ नं. (2) की, इसी प्रकार नं. (3) के साथ नं. (3) की और नं. (9) के साथ नं. (9) की ही क्रिया लगेगी, कोई अन्य नहीं। क्रमशः (1), (2), (3) प्रथम पुरुष के कर्तृ-पदों के साथ (1), (2), (3) प्रथम पुरुष के क्रिया-पदों को जोड़कर निम्नवत् वाक्य-रचना होगी:
RBSE Class 9 Sanskrit रचना अनुवाद प्रकरणम् 1

नोट-वाक्य-रचना में जिस पुरुष तथा जिस वचन का कर्ता हो, उसके साथ उसी पुरुष तथा उसी वचन की क्रिया भी होनी चाहिए। उपर्युक्त की भाँति ही निम्नलिखित कर्तृ-पदों तथा क्रिया-पदों को क्रमशः जोड़कर वाक्य-रचना करें
कर्तृ-पद-
RBSE Class 9 Sanskrit रचना अनुवाद प्रकरणम् 2

क्रिया-पद-
RBSE Class 9 Sanskrit रचना अनुवाद प्रकरणम् 3

उपर्युक्त कर्तृ-पदों एवं क्रिया-पदों को एक-सी संख्या के अनुसार क्रमशः जोड़ते जाने पर निम्नवत् वाक्य बनते चले जायेंगे:
RBSE Class 9 Sanskrit रचना अनुवाद प्रकरणम् 4

विद्यार्थी इस श्लोक को कण्ठस्थ करें : उत्तमाः पुरुषः ज्ञेयाः – अहम् आवाम् वयम् सदा। मध्यमाः त्वम् युवाम् यूयम्, अन्ये तु प्रथमाः स्मृताः॥ अर्थात् अहम् (मैं), आवाम् (हम दोनों) और वयम् (हम सब) को सदैव ‘उत्तम पुरुष’ जानना चाहिए। त्वम् (तुम्), युवाम् (तुम दोनों) और यूयम् (तुम सब) को सदैव ‘मध्यम पुरुष’ जानना चाहिए तथा इनके अलावा सः (वह), तौ (वे दोनों) और ते (वे सब) आदि अन्य सभी सर्वनामों तथा संज्ञा शब्दों को सदैव ‘प्रथम पुरुष’ के अन्तर्गत जानना चाहिए।

उपर्युक्त उदाहरण में प्रथम पुरुष’ के कर्ता-पद क्रमशः ‘सः, तौ, ते’ दिए गए हैं। इनके स्थान पर किसी भी संज्ञा-शब्द के रूप रखे जा सकते हैं। जैसे – गोविन्दः गच्छति, कवी गच्छतः, मयूराः गच्छन्ति आदि। नोट-यहाँ लट् लकार (वर्तमान काल) की क्रिया के वाक्यों के उदाहरण दिए गए हैं। अन्य कालों अर्थात् लङ लकार (भूतकाल), लृट् लकार (भविष्यत् काल), लोट् लकार (आज्ञार्थक) तथा विधिलिङ् लकार (प्रेरणार्थक, चाहिए अर्थ में) की क्रियाओं के भी प्रयोग वचन व पुरुष के अनुसार इसी तरह होंगे।

1. लट् लकार (वर्तमान काल), धावू धातु (दौड़ना)
RBSE Class 9 Sanskrit रचना अनुवाद प्रकरणम् 5

अभ्यास- 1

  1. मोहन दौड़ता है।
  2. बालक पढ़ता है।
  3. राधा भोजन पकाती है।
  4. छात्र देखता है।
  5. गीदड़ आता है।
  6. वह प्रश्न पूछता है।
  7. बन्दर फल खाता है।
  8. दो बच्चे पढ़ते हैं।
  9. वे सब दौड़ते हैं।
  10. बालक चित्र देखते हैं।

अनुवाद-

  1. मोहनः धावति।
  2. बालकः पठति।
  3. राधा भोजनं पचति।
  4. छात्रः पश्यति।
  5. शृगालः आगच्छति।
  6. सः प्रश्नं पृच्छति।
  7. कपिः फलं भक्षयति।
  8. शिशू पठतः।
  9. ते धावन्ति।
  10. बालकाः चित्रं पश्यन्ति।

अभ्यास- 2

  1. तुम पाठ पढ़ते हो।
  2. तुम क्या देखते हो ?
  3. तुम कब जाते हो ?
  4. तुम दोनों चित्र देखते हो।
  5. तुम दोनों पत्र लिखते हो।
  6. तुम सब यहाँ आते हो।
  7. तुम सब प्रातः दौड़ते हो।
  8. तुम दोनों फल खाते हो।
  9. तुम यहाँ आते हो।
  10. तुम सब कहाँ जाते हो ?

अनुवाद-

  1. त्वं पाठं पठसि।
  2. त्वं कि पश्यसि ?
  3. त्वं कदा गच्छसि ?
  4. युवां चित्रं पश्यथः।
  5. युवा पत्रं लिखथः।
  6. यूयम् अत्र आगच्छथ
  7. यूयं प्रातः धावथ।
  8. युवां फलं भक्षयथः।
  9. त्वम् अत्र आगच्छसि।
  10. यूयं कुत्र गच्छथ ?

2. लङ् लकार ( भूतकाल) पठ् धातु (पढ़ना)
RBSE Class 9 Sanskrit रचना अनुवाद प्रकरणम् 6

अभ्यास- 3

  1. वह गाँव को गया।
  2. ब्राह्मण घर गया।
  3. उसने स्नान किया।
  4. राम और मोहन पढ़े।
  5. वे दोनों बाग को गए।
  6. सीता पानी लायी।
  7. लड़की ने खाना खाया।
  8. क्या तुम्हारा भाई यहाँ आया?
  9. तुम लोग कहाँ गए ?
  10. सीता ने एक पत्र लिखा।

अनुवाद-

  1. सः ग्रामम् अगच्छत्।
  2. विप्रः गृहम् अगच्छत्।
  3. सः स्नानम् अकरोत्।
  4. रामः मोहनः च अपठताम्।
  5. तौ उद्यानम् अगच्छताम्।
  6. सीता जलम् आनयत्।
  7. बालिका भोजनम् अभक्षयत्।
  8. किं तव सहोदरः अत्र आगच्छत्?
  9. यूयं कुत्र अगच्छत ?
  10. सीता एकं पत्रम् अलिखत्।

अभ्यास- 4

  1. उसका मित्र आया।
  2. कृष्ण ने अर्जुन से कहा।
  3. मुनि ने तप किया।
  4. राम ने पत्र लिखा।
  5. मैंने चोरों को देखा।
  6. राम ने सदा सत्य बोला।
  7. सेवक ने अपना कार्य किया।
  8. धनिक ने धन दिया।
  9. अध्यापक क्रुद्ध हुआ।
  10. तुमने कल क्या किया ?

अनुवाद-

  1. तस्य मित्रम् आगच्छत्।
  2. कृष्णः अर्जुनम् अकथयत्।
  3. मुनिः तपः अकरोत्।
  4. रामः पत्रम् अलिखत्।
  5. अहं चौरान् अपश्यम्।
  6. रामः सदा सत्यम्। अवदत्।
  7. से वकंः स्वकार्य म् अकरोत्।
  8. धनिकः धनम् अयच्छत्।
  9. अध्यापकः क्रुद्धः अभवत्।
  10. त्वं ह्यः किम् अकरोः ?

नोट- लट् लकार (वर्तमान काल) की क्रिया में ‘स्म’ लगाकर लङ लकार (भूतकाल) में अनुवाद किया जा सकता है। प्रायः वाक्य के अन्त में यदि ‘था’ लगा रहता है, तभी इसका प्रयोग करते हैं। जैसे –
(1) वन में सिंह रहता था। – वने सिंहः निवसति स्म।
(2) बालक खेलता था। – बालकः क्रीडति स्म।

3. लृट् लकार ( भविष्यत् काल) लिख (लिखना) धातु
RBSE Class 9 Sanskrit रचना अनुवाद प्रकरणम् 7

अभ्यास- 5

  1. ब्रह्मदत्त जाएगा।
  2. मोहनश्याम पत्र लिखेगा।
  3. लड़के पाठ पढ़ेंगे।
  4. तुम पाठ याद करोगे।
  5. सीता वन को जाएगी।
  6. वे सब चित्र देखेंगे।
  7. प्रमिला खाना पकाएगी।
  8. तुम दोनों दूध पियोगे।
  9. छात्र खेल के मैदान में दौड़ेंगे।
  10. मैं क्या करूंगा ?

अनुवाद –

  1. ब्रह्मदत्तः गमिष्यति।
  2. मोहनश्यामः पत्रं लेखिष्यति।
  3. बालकाः पाठं पठिष्यन्ति।
  4. त्वं पाठे स्मरिष्यसि।
  5. सीता वनं गमिष्यति।
  6. ते चित्रं द्रक्ष्यन्ति।
  7. प्रमिला भोजनं पक्ष्यति।
  8. युवां दुग्धं पास्यथः।
  9. छात्राः क्रीडाक्षेत्रे धाविष्यन्ति।
  10. अहं किं करिष्यामि?

अभ्यास- 6

  1. तुम प्रसन्न होंगे।
  2. हम क्या चाहेंगे ?
  3. राम स्नान करेगा।
  4. मैं क्रोध करूंगा।
  5. पुत्र पिता के साथ जाएगा।
  6. बालक पुस्तकें गिनेगा।
  7. चोर धन चुराएगा।
  8. मैं तेरे साथ चलूंगा।
  9. वह पुरस्कार जीतेगा।
  10. शिक्षक छात्र को पीटेगा।

अनुवाद –

  1. त्वं प्रसन्नः भविष्यसि।
  2. वयं किम् एषिष्यामः?
  3. रामः स्नानं करिष्यति।
  4. अहं क्रोत्स्यामि।
  5. पुत्रः जनकेन सह गमिष्यति।
  6. बालकः पुस्तकानि गणयिष्यति।
  7. चौरः धनं चोरयिष्यति।
  8. अहं त्वया सह चलिष्यामि।
  9. सः पुरस्कारं जेष्यति।
  10. शिक्षकः छात्रं ताडयिष्यति।

4. लोट् लकार (आज्ञार्थक) कथ्-कथय् धातु ( कहना)
RBSE Class 9 Sanskrit रचना अनुवाद प्रकरणम् 8
अभ्यास- 7

  1. राधा पाठ पढे।
  2. छात्र भोजन करें।
  3. राजा धन दे।
  4. ईश्वर जीवन बचाए।
  5. हम चित्र देखें।
  6. तुम बाग में दौड़ो।
  7. वे फूल ले जाएँ।
  8. वे दोनों जल पिएँ।
  9. राधा खाना पकाए।
  10. तुम दोनों पाठ पढ़ो।

अनुवाद –

  1. राधा पाठं पठतु।
  2. छात्राः भोजनं कुर्वन्तु।
  3. नृपः धनं यच्छतु।
  4. ईश्वरः जीवनं रक्षतु।
  5. वयं चित्रं पश्याम।
  6. त्वम् उद्याने धाव।
  7. ते पुष्पाणि नयन्तु।
  8. तौ जलं पिबताम्।
  9. राधा भोजनं पचतु।
  10. युवां पाठं पठतम्

अभ्यास- 8

  1. वह कविता रचे।
  2. तुम दोनों पत्र लिखो।
  3. मैं सत्य बोलू।
  4. हम सभी सृजन करें।
  5. मोहने और सोहन पाठ याद करें।
  6. वे फूल स्पर्श नहीं करें।
  7. तुम मत हँसो।
  8. हम बाग को जाएँ।
  9. आओ, पढ़ो, लिखो।
  10. वहाँ मत जाओ।

अनुवाद –

  1. सः कविता रचयतु।
  2. युवा पत्रं लिखतम्।
  3. अहं सत्यं वदानि।
  4. वयं सर्वे सृजाम्।
  5. मोहनः सोहनः च पाठं स्मरताम्।
  6. ते पुष्पाणि न स्पृशन्तु।
  7. त्वं मा हस।
  8. वयम् उद्यानं गच्छाम।
  9. आगच्छ, पठ, लिख।
  10. तत्र मा गच्छ।

5. विधिलिङ् लकार हस् (हँसना) धातु (प्रेरणार्थक – चाहिए अर्थ में)
RBSE Class 9 Sanskrit रचना अनुवाद प्रकरणम् 9

किन्तु ये कार्य के करने वाले (कर्ता) हैं। अतः इनमें प्रथमा विभक्ति (कर्ता कारक) का ही प्रयोग किया जाता है। विधिलिङ लकार के वाक्यों का प्रयोग अधिकांशतः ‘चाहिए’ वाले वाक्यों के रूप में ही किया जाता है अर्थात् वाक्य का अन्त ‘चाहिए’ से होता दिखलाई देता है।

अभ्यास- 9

  1. उसे पाठ पढ़ना चाहिए।
  2. तुम्हें वहाँ जाना चाहिए।
  3. सीता को खाना पकानी चाहिए।
  4. उसे पत्र लिखना चाहिए।
  5. तुम्हें क्रोध नहीं करना चाहिए।
  6. तुम्हें पाठ याद करना चाहिए।
  7. मुझे तुम्हारे साथ होना चाहिए।
  8. माताजी को कहानी कहनी चाहिए।
  9. हमें विद्यालय रोजाना जाना चाहिए।
  10. उन्हें गाँव नहीं जाना चाहिए।

अनुवाद –

  1. सः पाठं पठेत्।
  2. त्वं तत्र गच्छेः।
  3. सीता भोजनं पचेत्।
  4. सः पत्रं लिखेत्।
  5. त्वं क्रोधं न कुर्याः।
  6. त्वं पाठं स्मरेः।
  7. अहं त्वया सह भवेयम्।
  8. जननी कथा कथयेत्।
  9. वयं प्रतिदिनं विद्यालयं गच्छेम।
  10. ते ग्रामं न गच्छेयुः

अभ्यास- 10

  1. बच्चों को भयभीत नहीं होना चाहिए।
  2. तुम सभी को देश की रक्षा करनी चाहिए।
  3. लड़की को नहीं हँसना चाहिए।
  4. उसे विद्वान का सम्मान करना चाहिए।
  5. हमें शिक्षकों की आज्ञा माननी चाहिए।
  6. तुम्हें कलह नहीं करना चाहिए।
  7. हमें अपनी पुस्तकें पढनी चाहिए।
  8. राम को धीरे-धीरे बोलना चाहिए।
  9. तुम्हें प्रातः पाठे याद करने चाहिए।
  10. पुत्र को पिता के साथ होना चाहिए।

अनुवाद-

  1. बालकाः भयभीताः न भवेयुः।
  2. यूयं देशस्य रक्षां कुर्यात।
  3. बालिका न हसेत्।
  4. सः विदुषः सम्मानं कुर्यात्।
  5. वयं शिक्षकानाम्। आज्ञापालनं कुर्याम।
  6. त्वं कलहं न कुर्याः।
  7. वयं स्वपुस्तकानि पठेम।
  8. रामः मन्द-मन्दं वदेत्।
  9. त्वं प्रातः पाठान् स्मरेः।
  10. पुत्रः जनकेन सह भवेत्
RBSE Solutions for Class 9 Sanskrit

Share this:

  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)

Related

Filed Under: Class 9

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Recent Posts

  • RBSE Solutions for Class 7 Our Rajasthan in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 6 Our Rajasthan in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 7 Maths Chapter 15 Comparison of Quantities In Text Exercise
  • RBSE Solutions for Class 6 Maths Chapter 6 Decimal Numbers Additional Questions
  • RBSE Solutions for Class 11 Psychology in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 11 Geography in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 Hindi
  • RBSE Solutions for Class 3 English Let’s Learn English
  • RBSE Solutions for Class 3 EVS पर्यावरण अध्ययन अपना परिवेश in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 Maths in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 in Hindi Medium & English Medium

Footer

RBSE Solutions for Class 12
RBSE Solutions for Class 11
RBSE Solutions for Class 10
RBSE Solutions for Class 9
RBSE Solutions for Class 8
RBSE Solutions for Class 7
RBSE Solutions for Class 6
RBSE Solutions for Class 5
RBSE Solutions for Class 12 Maths
RBSE Solutions for Class 11 Maths
RBSE Solutions for Class 10 Maths
RBSE Solutions for Class 9 Maths
RBSE Solutions for Class 8 Maths
RBSE Solutions for Class 7 Maths
RBSE Solutions for Class 6 Maths
RBSE Solutions for Class 5 Maths
RBSE Class 11 Political Science Notes
RBSE Class 11 Geography Notes
RBSE Class 11 History Notes

Copyright © 2023 RBSE Solutions

 

Loading Comments...