RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 9 बल और गति are part of RBSE Solutions for Class 9 Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 9 Science Chapter 9 बल और गति.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 9 |
Subject | Science |
Chapter | Chapter 9 |
Chapter Name | बल और गति |
Number of Questions Solved | 149 |
Category | RBSE Solutions |
Rajasthan Board RBSE Class 9 Science Chapter 9 बल और गति
पाठ्य-पुस्तक के उदाहरण
उदाहरण 9.1
एक छात्र अपने वाहन से 100 किलोमीटर दूरी 2 घंटे में तय करता है। छात्र के वाहन की औसत चाल ज्ञात करिये।
हल:
उदाहरण 9.2
एक बस पूर्व दिशा में गतिमान है। यह 4 घण्टे में 200 किलोमीटर चलती है। बस का वेग ज्ञात कीजिए।
हल:
उदाहरण 9.3
विराम अवस्था से चलकर कोई रेलगाड़ी 10 मिनट में 72 किमी/घंटा का वेग प्राप्त कर लेती है। रेलगाड़ी को त्वरण एकसमान है तो
(i) रेलगाड़ी का त्वरण,
(ii) रेलगाड़ी द्वारा इस वेग तक पहुँचने में तय की गई दूरी ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया गया है
प्रारम्भिक वेग u = 0
(ii) रेलगाड़ी द्वारा इस वेग तक पहुँचने में तय की गई दूरी के लिए समीकरण
उदाहरण 9.4
एक वस्तु का प्रारम्भिक वेग 4 मी/से है। यह वस्तु 2 मी/सेके त्वरण से गतिशील है। 5 सेकेण्ड पश्चात् वस्तु का वेग तथा उसके द्वारा तय की गई दूरी ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया गया है–
उदाहरण 9.5
5 किग्रा देव्यमाने वाली वस्तु में 10 मी/सेका त्वरण उत्पन्न करने के लिए कितने बल की आवश्यकता होगी ? यदि बल को दो गुना कर दिया जाए तो त्वरण कितना ले जाएगा ?
हल:
दिया गया है–
वस्तु का द्रव्यमान, m = 5
किग्रा वस्तु में उत्पन्न त्वरण, α = 10 मी/से2
सूत्र,
F = ma से,
F = 5 × 10
= 50 न्यूटन
अतः आवश्यक बल का मान 50 न्यूटन होगा। प्रश्नानुसार, बल को दो गुना करने पर
F’ = 2 × 50 = 100 न्यूटन अतः वस्तु में उत्पन्न त्वरण
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न एवं उनके उत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न में से सदिश राशि है
(अ) कार्य
(ब) समय
(स) द्रव्यमान
(द) गुरुत्वीय बल।
उत्तर:
(द) गुरुत्वीय बल।
प्रश्न 2.
4N एवं 3N के दो बल एक ही वस्तु पर विपरीत दिशा में कार्यरत हैं, कण पर बल का परिमाण होगा
(अ) 5N
(ब) 7N
(स) 1N
(द) 1N एवं 7N के बीच।
उत्तर:
(स) 1N
प्रश्न 3.
वेग में परिवर्तन की दर है
(अ) बल
(ब) संवेग
(स) त्वरण
(द) विस्थापन।
उत्तर:
(स) त्वरण
प्रश्न 4.
संवेग को मात्रक है
(अ) न्यूटन मीटर
(ब) न्यूटन किग्रा/मीटर
(स) न्यूटन मीटर/सेकण्ड
(द) किग्रा मीटर/सेकण्ड।
उत्तर:
(द) किग्रा मीटर/सेकण्ड।
प्रश्न 5.
एकसमान वेग से गतिमान वस्तु का वेग समय आरेख
उत्तर:
(स)
प्रश्न 6.
वस्तु का संवेग निर्भर करता है
(अ) वस्तु के द्रव्यमान पर
(ब) वस्तु के विस्थापन पर
(स) विस्थापन में लगे समय पर
(द) उपरोक्त सभी पर।
उत्तर:
(अ) वस्तु के द्रव्यमान पर
प्रश्न 7.
बल (F), द्रव्यमान (m) तथा त्वरण (a) सम्बन्धित समीकरण है
(अ) F = ma
(ब) m = αF
(स) a = mF
(द) ma = \(\frac { 1 } { \overline { \mathrm { F } } }\)
उत्तर:
(अ) F = ma
प्रश्न 8.
बल का मात्रक है
(अ) किग्रा-मीटर-सेकण्ड
(ब) किग्रा-मीटर-सेकण्ड2
(स) किग्रा-मीटर/सेकण्ड2
(द) किग्रा-मीटर/सेकण्ड।
उत्तर:
(स) किग्रा-मीटर/सेकण्ड2
प्रश्न 9.
संवेग का मात्रक है
(अ) मीटर/सेकण्ड
(ब) किग्रा-मीटर/सेकण्ड
(स) किग्रा-भार
(द) किग्रा-मीटर/सेकण्ड।
उत्तर:
(द) किग्रा-मीटर/सेकण्ड।
प्रश्न 10.
यदि कोई पिण्ड नियत संवेग से सीधी रेखा में गतिमान है। यदि उस पर कोई बाह्य बल न लगे तो
(अ) इसके वेग में वृद्धि होगी
(ब) वेग नियत रहेगा।
(स) थोड़ी देर पश्चात् पिण्ड रुक जायेगा
(द) चाल में वृद्धि होगी।
उत्तर:
(ब) वेग नियत रहेगा।
प्रश्न 11.
किसी वस्तु का जड़त्व निर्भर करता है
(अ) वस्तु के गुरुत्व केन्द्र पर
(ब) वस्तु के द्रव्यमान पर
(स) गुरुत्वीय त्वरण पर
(द) वस्तु के आकार पर।
उत्तर:
(ब) वस्तु के द्रव्यमान पर
प्रश्न 12.
5 किग्रा का एक पिण्ड 10 m/sec2 त्वरण से सरल रेखा में गतिमान है। पिण्ड पर कार्यरत परिणामी बल होगा
(अ) 50 N
(ब) 0.5 N
(स) 0
(द) 2 N.
उत्तर:
(अ) 50 N
प्रश्न 13.
किसी वस्तु पर बल आरोपित होने पर
(अ) उसकी गति बदल सकती है।
(ब) उसकी गति की दिशा बदल सकती हैं।
(स) उसका आकार बदल सकता है।
(द) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी।
प्रश्न 14.
1 किग्रा, द्रव्यमान की वस्तु का भार होगा
(अ) 1 न्यूटन
(ब) 9.08 न्यूटन
(स) 9.8 न्यूटन
(द) 8.9 न्यू टन्
उत्तर:
(स) 9.8 न्यूटन
प्रश्न 15.
यदि वस्तु का द्रव्यमान , वेग ७, व त्वरण a है तो संवेग p होगा
(अ) 2 = m x α
(ब) p = m x u
(स) p = m/u
(द) P = u/m.
उत्तर:
(ब) p = m x u
प्रश्न 16.
कोई वस्तु अपनी स्थिर या गति की अवस्था में परिवर्तन नहीं कर सकतीं
(अ) अपने द्रव्यमान के कारण
(ब) अपने भार के कारण
(स) अपने त्वरण के कारण
(द) अपने जड़त्व के कारण।
उत्तर:
(द) अपने जड़त्व के कारण।
प्रश्न 17.
यदि किसी सतह की दी गई सतह पर बल दोगुना कर देते हैं तो दाब
(अ) आधा हो जाएगा।
(च) अपरिवर्तित रहेगा
(स) दुगना हो जाएगा
(द) चार गुणा हो जाएगा।
उत्तर:
(स) दुगना हो जाएगा
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
40 मी/से, के समान वेग से गतिशील वस्तु का 10 सेकण्ड के बाद कितना त्वरण होगा ?
उत्तर:
त्वरण = वेग में परिवर्तन की दर अत: त्वरण शून्य होगा।
प्रश्न 2.
m द्रव्यमान एवं u वेग से गतिशील वस्तु दीवार से टकराने के पश्चात् पुनः u वेग से लौट जाती है वस्तु के संवेग में कितना परिवर्तन होगा।
उत्तर:
संवेग में परिवर्तन = mu – (- mu)
= 2mu
प्रश्न 3.
एक रेलगाड़ी 120 किमी/घण्टा के वेग से चल रही है। यह 30 मिनट में कितनी दूरी तय करेगी ?
उत्तर:
दिया गया है,
अत: 30 मिनट में रेलगाड़ी 60 किमी दूरी तय करेगी।
प्रश्न 4.
किसी गतिमान वस्तु के वेग-समय ग्राफ तथा समय अक्ष के बीच स्थित क्षेत्रफल किसके बराबर होता है ?
उत्तर:
वेग-समय ग्राफ तथा समय अक्ष के मध्य का क्षेत्रफल वस्तु द्वारा तय की गई दूरी के बराबर होता है।
प्रश्न 5.
रॉकेट का सिद्धान्त न्यूटन के कौन से नियम पर आधारित है ?
उत्तर:
न्यूटन का तृतीय नियम।
प्रश्न 6.
एक गतिशील साइकिल पर घर्षण बल किस दिशा में होता है ?
उत्तर:
गतिशील साइकिल की विपरीत दिशा में।
प्रश्न 7.
एक क्रिकेट का खिलाड़ी गेंद को पकड़ने के लिए अपना हाथ नीचे (पीछे) की ओर क्यों करता है ?
उत्तर:
खिलाड़ी गेंद को अधिक समय में रोकने के लिए हाथ को गेंद की गति की दिशा में पीछे खींचता है जिससे गेंद के वेग परिवर्तन की दर (अर्थात् मन्दन) कम हो तथा उसे कम बल लगाना पड़े।
प्रश्न 8.
एक खिलाड़ी ऊँची कूद/लम्बी कूद में कूदने से पहले कुछ देर क्यों भागता है ?
उत्तर:
आवेग के प्रभाव को कम करने के लिए, खिलाड़ी भागने की दूरी बढ़ा देता है जिससे उसका समय बढ़ जाता हैं। और कूदते समय उसको कम चोट लगती है।
प्रश्न 9.
चलती बस के अचानक रुकने पर उसमें खड़ा यात्री आगे की ओर क्यों गिरता है ?
उत्तर:
इसका कारण यह है कि गाड़ी के अचानक रुकने पर उसका फर्श तथा उस पर रखे हुए यात्रियों के पैर तो विरामावस्था में आ जाते हैं, परन्तु उनके शरीर का ऊपरी भाग जड़त्व के कारण उसी वेग से आगे की ओर चलने का प्रयास करता है। इसलिए यात्री आगे की ओर गिर जाता है।
प्रश्न 10.
एक वस्तु नियत वेग से गतिशील है, तो उस पर परिणामी बल कितना होगा ?
उत्तर:
शून्य।
प्रश्न 11.
एक व्यक्ति बर्फ से जमे हुए तालाब के बीच में बर्फ पर खड़ा है उसे किनारे पर पहुँचने के लिए क्या प्रयास करने चाहिए ?
उत्तर:
व्यक्ति को कीलदार जूते प्रयोग करने चाहिए जिससे घर्षण कम हो जाए।
प्रश्न 12.
एक न्यूटन बल क्या है ?
उत्तर:
1 न्यूटन वह बल है जो किसी 1 किग्रा द्रव्यमान की वस्तु पर लगकर उसमें 1 मी/से2 का त्वरण उत्पन्न करने में समर्थ हो।
प्रश्न 13.
जड़त्व क्या है ?
उत्तर:
वस्तुओं की इस प्रवृत्ति को कि वे स्वत: (बिना बाह्य बल लगाये) अपनी विराम या गति की अवस्था को नहीं बदल सकती, जड़त्व कहते हैं।
प्रश्न 14.
ब्रेक लगाने से चलती हुई गाड़ी रुक जाती है। इस प्रक्रिया में गाड़ी के संवेग का क्या होता है ?
उत्तर:
गाड़ी के संवेग का अधिकांश भाग पृथ्वी को तथा शेष भाग वायु के अणुओं को स्थानांतरित हो जाता है।
प्रश्न 15.
बन्दूक से गोली छोड़ने से पहले बन्दूक तथा गोली का संवेग कितना होता है ?
उत्तर:
शून्य।
प्रश्न 16.
प्रणोद क्या है ?
उत्तर:
किसी वस्तु की सतह के लम्बवत् लगने वाले बल को प्रणोद कहते हैं।
प्रश्न 17.
आपेक्षिक घनत्व की इकाई क्या है ?
उत्तर:
आपेक्षिक घनत्व की कोई इकाई नहीं है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न की परिभाषा दीजिए-.
(i) विस्थापन,
(ii) वेग,
(iii) त्वरण।
उत्तर:
विस्थापन- किसी गतिमान वस्तु के यात्राकाल में उसकी प्रारम्भिक स्थिति व अन्तिम स्थिति के बीच की न्यूनतम दूरी को वस्तु का विस्थापन कहते हैं। वेग-एकांक समय में हुए विस्थापन को गतिशील वस्तु का वेग कहते हैं। त्वरण-किसी गतिशील वस्तु के वेग परिवर्तन की दर अथवा 1 सेकण्ड में हुए वेग परिवर्तन को उस वस्तु का त्वरण कहते हैं।
प्रश्न 2.
एकसमान गति से क्या तात्पर्य है ? एक उदाहरण बताइए।
उत्तर:
यदि कोई गतिमान वस्तु समान समय-अन्तरालों में समान दूरी तय करे तो उस वस्तु की गति एकसमान गति कहलाती है।
उदाहरण:
दिखाए गए चित्र में गतिशील वस्तु प्रारम्भ के 1 सेकण्ड में 20 मीटर तथा 2 सेकण्ड में 40 मीटर एवं 3 सेकण्ड में 60 मीटर दूरी तय करती है। अतः वस्तु प्रत्येक सेकण्ड में 20 मीटर की दूरी तय कर रही है। इस प्रकार वस्तु एकसमान गति से गतिशील है।
प्रश्न 3.
यदि क्रिया सदैव प्रतिक्रिया के बराबर होती है तो स्पष्ट कीजिये कि घोड़े द्वारा खींची गई घोड़ा गाड़ी आगे की ओर कैसे चलती है ?
उत्तर:
घोड़ा, गाड़ी को खींचते समय अपनी पिछली टाँगों से पृथ्वी को पीछे की ओर धकेलता है, जिससे प्रतिक्रिया के रूप में पृथ्वी घोड़े पर आगे की ओर बल लगाती हैं और गाड़ी आगे बढ़ जाती है। इस प्रकार घोड़ा व गाड़ी, घोड़े द्वारा लगाए गए बल के कारण नहीं, पृथ्वी के प्रतिक्रिया बल के कारण गतिमान है।
प्रश्न 4.
फल से लदे पेड़ की शाखाओं को जोर-जोर से हिलाने पर फल नीचे गिरते हैं। कारण बताओ।
उत्तर:
जब किसी पेड़ की शाखाओं को जोर जोर से हिलाया जाता है तो शाखाएँ तो तुरन्त ही गति की अवस्था में आ जाती हैं, जबकि उन पर लदे फल जड़त्व के कारण, विरामावस्था में ही बने रहते हैं। अतः इनमें से कुछ फल शाखाओं से अलग होकर गिर जाते हैं।
प्रश्न 5.
पानी के टैंकरों को भरते समय उनके ऊपर कुछ खाली स्थान छोड़ दिया जाता है। कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जब पानी वाष्पित होता है तो इसकी वाध्य स्थान घेरती है तथा दाब डालती है। पानी की वाष्य के लिए पर्याप्त स्थान देने के लिए टैंकर भरते समय उसके ऊपर खाली स्थान छेड़ा जाता है। यदि टैंकर में पर्याप्त खाली स्थान न छोड़ा जाए तो पानी की वाष्प के दाब के कारण टैंकर के टैंक को फटने का खतरा उत्पन्न हो सकता है।
प्रश्न 6.
यदि कोई व्यक्ति नाव से किनारे पर कूदता है तो नाव विपरीत दिशा में चली जाती है। क्यों, स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर:
नाव से उतरते समय नाव पीछे की ओर चल पड़ती है-जब हम नदी के किनारे नाव से कूदकर जमीन पर आते हैं। तो इसमें हम नाव को पीछे की ओर दबाते हैं। इस क्रिया बल के कारण नाव पीछे भागती है एवं नाव द्वारा लगाये गये प्रतिक्रिया बल के कारण व्यक्ति आगे कूद पाता है।
प्रश्न 7.
“किसी वस्तु पर सदा दो बल जोड़े से लगते हैं, उस पर एक बल सम्भव नहीं होता हैं” इस कथन पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
जब कभी कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर बल लगाती है तो दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर उतना ही बल विपरीत दिशा में लगाती है जिसे प्रतिकिया बल कहते हैं। जैसे
अभिकेन्द्रीय बल का विपरीत अपकेन्द्रीय बल (छदम् बल) है। अत: बल सदा जोड़े से लगते हैं।
प्रश्न 8.
गतिक घर्षण एवं लुढ़कने वाले घर्षण में अन्तर बताइए।
उत्तर:
जब एक वस्तु की सतह दूसरी वस्तु की सतह पर फिसलती है तो उनकी गति का विरोध करने वाले बल को सप या गतिक घर्षण कहते हैं। यदि एक पिण्ड दूसरे पिण्ड के तल पर लुढ़कता है या लुढ़कने की कोशिश करता है तो दोनों पिण्डों के सम्पर्क तलों के बीच जो घर्षण बल कार्य करता है, उसे लोटनिक घर्षण बल कहते हैं। किन्हीं दो तर्लो के बीच गतिक घर्षण की तुलना में लोटनिक घर्षण बहुत कम होता है। इसीलिए गाड़ियों के पहिए वृत्तीय बनाये जाते हैं ताकि वे लुढ़क कर गति करें और घर्षण बल का मान कम हो सके।
प्रश्न 9.
संवेग संरक्षण का नियम क्या है ? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
संवेग संरक्षण का नियम-यदि किसी पिण्ड या निकाय पर बाह्य आरोपित बल शून्य हो तो उस निकाय का संपूर्ण संवेग संरक्षित रहता है अर्थात् समय का संवेग सदैव नियत रहता है। एक विस्फोटक (बम) का प्रारंभिक वेग शून्य होता है। अर्थात् उसका प्रारंभिक संवेग भी शून्य ही होता है। अब यदि वह दो भागों में विस्फोट कर जाता है तो विस्फोट के पश्चात् इनके वेग एक ही रेखा में किन्तु विपरीत दिशा में इस प्रकार होंगे कि संपूर्ण संवेग विस्फोट के पश्चात भी शून्य रहे।
प्रश्न 10.
घर्षण को कम करने के उपाय बताइए।
उत्तर:
घर्षण को कम करने के निम्न उपाय हैं
- पॉलिश करना,
- स्नेहन,
- बाल-बियरिंग,
- सुप्रवाहिता,
- उचित पदार्थों का चयन।
प्रश्न 11.
एक कार एवं एक ट्रक के रेखीय संवेग बराबर हैं। दोनों में से किसकी चाल अधिक होगी ?
उत्तर:
चूँकि दोनों के संवेग बराबर हैं, अर्थात्
P1 = P2 माना कार का द्रव्यमान m तथा ट्रक का द्रव्यमान M है एवं उनके वेग u1 व u2 हैं।
∴ mu1 = Mu2
अत: स्पष्ट है कि रेखीय संवेग बराबर होने के लिए u1 को मान अधिक होगा। अतः कार की चाल अधिक होगी।
प्रश्न 12.
घर्षण के लाभ एवं ह्मनियों को समझाइए।
उत्तर:
लाभ-
- घर्षण के कारण ही हम पृथ्वी पर चल पाते हैं।
- घर्षण के कारण ही वाहन तेज गति से सड़कों पर दौड़ सकते हैं। घर्षण के बिना वाहनों का मुड़ना संभव नहीं होता।
- घर्षण के कारण ही वाहनों के ब्रेक कार्य करते हैं।
- घर्षण से ही माचिस की तीली से आग जला सकते हैं।
- घर्षण से ही हम पेन को हाथ में पकड़ पाते हैं और उससे लिख पाते हैं।
हानियाँ:
- मशीन के जो भाग घूमते हैं, उनका घिसना एवं टूट-फूट घर्षण के कारण ही होता है।
- मशीन के घूमने वाले भाग घर्षण के कारण बहुत गरम हो जाते हैं जिससे मशीन को नुकसान पहुँचने की सम्भावना रहती हैं।
- घर्षण के कारण ही मशीनों की दक्षता कम हो जाती है।
प्रश्न 13.
क्या होता है जब किसी गीले कपड़े को झटकते हैं? अपने प्रेक्षण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
गीले कपड़े को झटकने से गीले कपड़े के भागों में यकायक गति उत्पन्न हो जाती है, परन्तु पानी की बूंद विराम के जड़त्व के कारण उन्हीं स्थानों में रहने का प्रयत्न करती हैं। अतः इस क्रिया में गीले कपड़े से पानी की बूंदें अलग होकर गिर जाती हैं।
प्रश्न 14.
कुएँ से जल खींचते समय एकाएक रस्सी टूट जाने पर पानी खींचने वाला व्यक्ति पीछे की ओर क्यों गिर पड़ता है ?
उत्तर:
इसका कारण यह है कि पहले मनुष्य रस्सी को अपनी ओर खींच रहा था। रस्सी टूट जाने पर रस्सी द्वारा मनुष्य पर लगने वाला प्रतिक्रिया बल लुप्त हो गया अंत: खिचाव हट जाने के कारण वह गिर पड़ता है। बाल्टी जितनी अधिक भारी होती है उतनी ही अधिक शक्ति का धक्का हमें पीछे की ओर लगता है।
प्रश्न 15.
चलती हुई गाड़ी से अचानक उतरने पर यात्री आगे की ओर गिर पड़ता है, क्यों ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
चलती हुई गाड़ी से अचानक उतरने पर यात्री गिर पड़ता है-इसका कारण यह है कि यात्री अचानक चलती हुई गाड़ी से उतरता है तो उसके पैर तो जमीन के सम्पर्क में
आते ही विरामावस्था में आ जाते हैं, परन्तु शरीर का ऊपरी भाग उसी वेग से चलता रहता है। अत: यात्री गाड़ी के चलने की दिशा में गिर पड़ता है। यदि यात्री गाड़ी से उतरते समय थोड़ी दूर गाड़ी के साथ-साथ दौड़े तो वह गिरने से बच सकता है।
प्रश्न 16.
लोहे का जहाजे पानी में तैरता है लेकिन उसी लोहे की चद्दर पानी में डूब जाती है। क्यों ?
उत्तर:
लोहे से बने जहाज का जल पर तैरना-लोहे की चद्दर की बनावट इस प्रकार की होती है कि उसका भार, उसके द्वारा हटाए गए जल के भार से बहुत अधिक होता है। इसी कारण वह जल में डूब जाती है।
इसके विपरीत लोहे का जहाज तैरता है। इसका कारण यह है कि जहाज का हौंचा अवतल होता है तथा अन्दर से खोखला बनाया जाता है। जैसे ही जहाज समुद्र में प्रवेश करता है तो उसके द्वारा उकी अनावट के कारण) इतना जल हटा दिया जाता है कि उसके द्वारा हटाए गए जल के भार, जहाज (जहाज व उसके समस्त सामान सहित) के कुल भार के बराबर हो जाता है। इसी कारण लवन के सिद्धान्त के अनुसार जहाज जल में तैरता रहता है।
प्रश्न 17.
घनत्व व आपेक्षिक घनत्व में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
किसी वस्तु का घनत्व, उसके प्रति एकांक आयतन के द्रव्यमान को कहते हैं। घनत्व का मात्रक किग्रा/मी है। घनत्व भिन्न-भिन्न पदार्थों के लिए भिन्न-भिन्न होता है। प्रायः किसी पदार्थ के घनत्व को पानी के घनत्व की तुलना में व्यक्त किया जाता है। किसी पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व उस पदार्थ के घनत्व व पानी के घनत्व का अनुपात है।
आपेक्षिक घनत्व का कोई मात्रक नहीं होता है।
प्रश्न 18.
आर्किमिडीज का सिद्धान्त लिखिए।
उत्तर:
आर्किमिडीज का सिद्धान्त- जब किसी वस्तु को पूर्ण या आंशिक रूप से द्रव में डुबोया जाता है तो वह ऊपर की ओर एक बल का अनुभव करती है, जो उस वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होता है। यह बल उत्प्लावन बल कहलाता है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
अदिश एवं सदिश राशियों को समझाइए। किसी सदिश राशि को लिखने का तरीका बताइए। एकांक सदिश की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
अदिश राशियाँ
जिन भौतिक राशियों को व्यक्त करने के लिए केवल परिमाण की आवश्यकता होती है, दिशा की नहीं, वे अदिश राशियाँ कहलाती हैं, जैसे-लम्बाई, दूरी, द्रव्यमान, समय, चाल, कार्य, ऊर्जा, दाब आदि।
सदिश राशियाँ
जिन भौतिक राशियों को व्यक्त करने के लिए परिमाण एवं दिशा दोनों की आवश्यकता होती है, वे सदिश राशियाँ कहलाती हैं, जैसे-विस्थापन, वेग, त्वरण, बल, संवेग, आवेग आदि।
सदिश को प्रदर्शन- सदिश को तीरनुमा रेखा से प्रदर्शित करते हैं। इस तीरनुमा रेखा खण्ड़ की लम्बाई राशि के परिमाण के समानुपातिक रहती हैं तथा तीर का अग्र सिरा दिशा को व्यक्त करता है। किसी भी सदिश को लिखते समय पुच्छ का अक्षर पहले तथा शीर्ष का अक्षर बाद में लिखा जाता है।
अतः चित्र में दर्शाए सदिश को AB लिखा जायेगा।
एकांक सदिश- वह सदिश जिसका परिमाण इकाई होता है, एकांक सदिश कहलाता है। यह किसी सदिश राशि की दिशा को व्यक्त करता है।
किसी भी सदिश में उसके परिमाण का भाग देने पर उसकी दिशा में एकांक सदिश प्राप्त होता हैं।
प्रश्न 2.
एकसमान एवं असमान गति को समझाइए। वेग-समय ग्राफ की सहायता से गति के समीकरण ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
यदि कोई गतिमान वस्तु समान समय-अन्तरालों में समान दूरी तय करे तो उस वस्तु की गति एकसमान गति कहलाती है। चित्र में दर्शाया गया है कि गतिशील वस्तु प्रारम्भ के 1 सेकण्ड में 20 मीटर तथा 2 सेकण्ड में 40 मीटर एवं 3 सेकण्ड में 60 मीटर दूरी तय करती है। अतः वस्तु प्रत्येक सेकण्ड में 20 मीटर की दूरी तय कर रही है। इस प्रकार वस्तु एकसमान चाल से गतिशील है।
यदि वस्तु समान समय अन्तरालों में असमान दूरी तय करे तो वस्तु की गति असमान गति कहलाती है।
वेग-समय ग्राफ द्वारा गति के समीकरण ज्ञात करनामाना किसी गतिमान वस्तु का प्रारम्भिक वेग u तथा एकसमान त्वरण α है। t समय बाद वस्तु का वेग u हो जाता है समय (t) को X-अक्ष पर तथा वेग को Y-अक्ष पर निरूपित करने से समय-वेग ग्राफ QP प्राप्त होता है।
उपर्युक्त ग्राफ की सहायता से गति के समीकरणों का निगमन निम्नवत् किया जा सकता हैगति का प्रथम समीकरण (First Equation of Motion) माना यदि t = 0 पर वस्तु का प्रारम्भिक वेग u = OQ = SR एवं समय पश्चात् वस्तु का अन्तिम वेग u = SP
अत: वस्तु का त्वरण α = रेखा QP का ढाल
गति का द्वितीय समीकरण (Second Equation of Motion) माना, t = 0 से t समय तक वस्तु द्वारा तय दूरी = s
वस्तु द्वारा तय दूरी s = समलम्ब चतुर्भुज PSOQ का क्षेत्रफल
= आयत QOSR का क्षेत्रफल + ΔPQR का क्षेत्रफल
\(= \mathrm { QO } \times \mathrm { OS } + \frac { 1 } { 2 } \times \mathrm { PR } \times \mathrm { QR }\)
गति का तृतीय समीकरण (Third Equation of Motion) गति के प्रथम समीकरण
प्रश्न 3.
सन्तुलित व असन्तुलित बल को परिभाषित कीजिए। आवश्यक चित्र बनाकर समझाइए कि असन्तुलित बल ही वस्तु में गति उत्पन्न कर सकता है।
उत्तर:
सन्तुलित बल
यदि किसी वस्तु पर लगने वाले सभी बलों का परिणामी बल शून्य हो तो इन बलों को सन्तुलित बल कहते हैं। असन्तुलित बल जब किसी वस्तु पर कार्यरत अनेक बलों का परिणामी बल शून्य न हो तो उन बलों को असन्तुलित बल कहते हैं।
असन्तुलित बल
गति की दिशा अथवा चाल में परिवर्तन स्थापित करता है।
उदाहरण:
सड़क पर गतिमान कार पर कार का भार नीचे की ओर तथा बराबर प्रतिक्रिया बल ऊपर की ओर कार्य करता है। इन दोनों बलों का परिणामी बल शून्य होता है। इंजन द्वारा कार पर आगे की ओर एक क्षैतिज बल आरोपित किया जाता है। साथ ही सड़क द्वारा कार पर घर्षण बल आरोपित किया जाता है। यदि इंजन द्वारा कार पर आरोपित क्षैतिज बल, घर्षण बल से अधिक हो तभी कार पर परिणामी बल कार्य करता है और कार परिणामी बल की दिशा में गति करती है।
उपर्युक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि असन्तुलित बल, गति की दिशा एवं अवस्था (चाल) में परिवर्तन करता है एवं यदि किसी वस्तु पर असन्तुलित बल कार्य न कर रहा हो और वह चल रही है तो वह एकसमान चाल से चलती रहेगी।
प्रश्न 4.
न्यूटन के गति के नियमों को दैनिक जीवन के उदाहरण देते हुए समझाइए। द्वितीय नियम के आधार पर बल, द्रव्यमान एवं त्वरण में सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
उत्तर:
1. न्यूटन का गति-विषयक प्रथम नियमइस नियम के अनुसार, “यदि कोई वस्तु विरामावस्था में है तो विरामावस्था में ही बनी रहेगी और यदि वह एक सरल रेखा में एकसमान वेग से चल रही है तो वह उसी प्रकार चलती रहेगी, जब तक कि उस पर कोई बाह्य बल लगाकर उसकी वर्तमान अवस्था में परिवर्तन न किया जाए।” इसे गैलीलियों का नियम अथवा जड़त्व का नियम भी कहते हैं।
उदाहरण 1:
यदि कोई पुस्तक मेज पर रखी है तो वह तब तक उसी अवस्था में रहेगी, जब तक कि उस पर बाहर से कोई बल लगाकर उसे वहाँ से हटा न दिया जाए।
उदाहरण 2:
तेज रफ्तार से चलती बस को एकाएक ब्रेक लगाकर रोकने पर उसमें बैठे यात्री आगे की ओर झुक जाते। हैं। इसका कारण गति का जड़त्व है।
2. न्यूटन का गति-विषयक द्वितीय नियमइस नियम के अनुसार, किसी वस्तु में संवेग परिवर्तन की दर उस पर आरोपित बाह्य असंतुलित बल के समानुपाती होती है। और बल की दिशा में ही होती है।
माना m द्रव्यमान की वस्तु पर \(\vec { \mathrm { F } }\) बल लगाया जाता है, बल की दिशा प्रारंभिक वेग u की दिशा में है जिससे t समय पश्चात वस्तु का अंतिम वेग u हो जाता है, तब
प्रारंभिक संवेग \(\vec { \mathrm { P } } _ { 1 } = m \vec { u }\)
अंतिम संवेग \(\vec { \mathrm { P } } _ { 2 } = m \vec { v }\)
यही न्यूटन का गति विषयक द्वितीय नियम है। अर्थात् बल = द्रव्यमान × त्वरण इसे ही न्यूटन का गति-विषयक द्वितीय नियम कहते हैं।
उदाहरण 1:
क्रिकेट की गेंद पकड़ते समय खिलाड़ी अपने हाथ पीछे की ओर खींचता है ताकि संवेग परिवर्तन का समय अन्तराल बढ़ जाये। इस प्रकार हथेली बल का मान घट जाता
उदाहरण 2:
बन्दूक की गोली शरीर में घुस जाती है क्योंकि तीव्र गति से दौड़ती गोली जब शरीर से टकराती है तो अंतिम वेग शून्य हो जाता है। जिससे संवेग परिवर्तन की दर का मान बहुत अधिक होता है और गोली अत्यधिक बल के साथ शरीर में घुस जाती है।
3. न्यूटन का गति-विषयक तृतीय नियम-इस नियम के अनुसार, जब दो वस्तुओं में आपस में अन्योन्य क्रिया होती है। तो पहली वस्तु द्वारा दूसरी वस्तु पर लगाया गया बल, दूसरी वस्तु द्वारा पहली वस्तु पर लगाए गए बल के बराबर और विपरीत दिशा में होता है अथवा क्रिया व उसकी प्रतिक्रिया बराबर तथा विपरीत दिशा में होती है।
उदाहरण 1:
तैरते समय मनुष्य पानी को पीछे धकेलता है। (क्रिया); परिणामस्वरूप जल मनुष्य को आगे की ओर धकेलता है (प्रतिक्रिया)। इन दो बलों में से एक को क्रिया तथा दूसरे को प्रतिक्रिया कहते हैं। अत: इसे क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम भी कहते हैं। इस नियम के अनुसार, “प्रत्येक क्रिया की उसके बराबर, परन्तु विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है।”
उदाहरण 2:
बन्दूक से गोली छेड़ने पर गोली क्रिया बल के कारण आगे बढ़ती है परन्तु गोली भी बन्दूक पर विपरीत दिशा में इतना ही प्रतिक्रिया बल लगाती है। अत: बन्दूक स्वयं पीछे की ओर हटती है तथा बन्दूक चलाने वाले को पीछे की ओर धक्का लगता है।
प्रश्न 5.
जड़त्व से क्या अभिप्राय है ? दो उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
जड़त्व (Inertia)
“वस्तुओं का वह गुण जिसके द्वारा वे बाह्य बल की अनुपस्थिति में अपनी विरामावस्था या असंतुलित समान गतिशील अवस्था बनाए रखती हैं, जड़त्व कहलाता है।” पिण्ड का द्रव्यमान कम होने पर उसका जड़त्व कम तथा द्रव्यमान अधिक होने पर उसका जड़त्व भी अधिक होता है। अतः पिण्ड का द्रव्यमान ही जड़त्व की माप होता है। जड़त्व के प्रकार-जड़त्व दो प्रकार का होता है
- विराम का जड़त्व-विराम के जड़त्व के अनुसार यदि कोई वस्तु स्थिर है तो सदैव स्थिर ही रहेगी जब तक कि बाह्य असंतुलित बल लगाकर उसकी अवस्था में परिवर्तन न कर दिया जाय।
- गति का जड़त्व-गति के जड़त्व के अनुसार यदि कोई वस्तु एक सरल रेखा में समान वेग से गतिमान है तो वह उसी दिशा में उसी वेग से चलती रहेगी जब तक कि कोई बाह्म असंतुलित बल लगाकर उसकी स्थिति में परिवर्तन न कर दिया जाय।
अर्थात् किसी वस्तु का विरामावस्था अथवा गत्यावस्था में परिवर्तन का कारण बाह्य असंतुलित बल होता है। अर्थात् वस्तु की स्थिति में परिवर्तन के लिए उस पर बाह्य असंतुलित बल लगाना आवश्यक होता है।
उदाहरण:
गोली मारने से शीशे में गोल छेद हो जाता है। जबकि पत्थर मारने से शीशा चटक जाता है। बन्दूक की गोली का वेग अधिक होता है जबकि शीशा जड़त्व के कारण स्थिर बना रहता है और गोली शीशे में गोल छेद कर देती है। पत्थर का वेग गोली की तुलना में कम होता है। अत: पत्थर मारने से शीशा चटक जाता है।
उदाहरण:
बस के अचानक मुड़ने पर यात्री एक ओर झुक जाता है। समान वेग से चलती हुयी बस यकायक किसी मोड़ पर रुकती है तो बस में बैठे यात्रियों के सिर मोड़ के विपरीत दिशा में झुक जाते हैं। इसका कारण यह है कि गति अवस्था में यात्री अपनी चाल को ही नहीं बल्कि दिशा को भी पूर्ववत् बनाए रखने का प्रयत्न करते हैं।
प्रश्न 6.
संवेग को परिभाषित कीजिए। दो गतिशील वस्तुओं की सीधी टक्कर में संवेग संरक्षित रहता है। चित्र बनाकर समझाइए।
उत्तर:
संवेग-किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा वेग के गुणनफल को उस वस्तु का संवेग कहते हैं।
संवेग = द्रव्यमान x वेग
उपपत्ति: माना कि mA तथा mB द्रव्यमानों के दो गोले, एक सरल रेखा में क्रमशः uA तथा uB वेग से गति करते हुए परस्पर संघट्ट करते हैं। संघट्ट के पश्चात् दोनों गोले अलग होकर क्रमशः ,तथा वेगों से चलने लगते हैं। माना कि गोले ‘t‘ समय के लिए एक-दूसरे के सम्पर्क में रहते हैं तथा इस दौरान गोला A, गोले B पर बल FAB लगाता है तथा गोला B प्रतिक्रिया के रूप में गोले A पर बल F, लगाता है। क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम से, बल FAB तथा FBA परिमाण में बराबर तथा दिशा में विपरीत हैं; अतः
∴ संघट्ट के दौरान गोले A के संवेग में परिवर्तन इस पर लगे बल FBA के कारण होता है; अतः
FBA = गोले A की संवेग-परिवर्तन की दर = \(\frac { m _ { \mathrm { A } } v _ { \mathrm { A } } – m _ { \mathrm { A } } u _ { \mathrm { A } } } { t }\) इसी प्रकार गोले B पर लगा बल
अर्थात् टक्कर से पूर्व संवेग = टक्कर के पश्चात् संवेग इस प्रकार स्पष्ट है कि दो गतिशील वस्तुओं की सीधी टक्कर में संवेग संरक्षित रहता है।
आंकिक प्रश्न
उदाहरण 1.
एक जह्मज जिसका द्रव्यमान 3 x 107 kg है, विरामावस्था में हैं, 5 x 104 बल से 3 m की दूरी तक खींचा जाता है, यदि जल का घर्षण नगण्य हो, तो जहाज की चाल ज्ञात करिए।
हल:
उदाहरण 2.
एक बस की चाल 25 km/h से बढ़कर 5 sec में 70 km/h हो जाती है। बस का माध्य त्वरण ज्ञात कीजिए।
हल:
उदाहरण 3.
एक साइकिल चला रहे छात्र को साइकिल सहित संवेग 400 kg-m/s है। साईकिल 5 m/s के वेग से गतिमान है। छात्र एवं साइकिल का द्रव्यमान ज्ञात कीजिए।
हल;
दिया गया है—
उदाहरण 4.
एक बालक किसी गेंद को ऊपर की ओर फेंक कर 8 8 के पश्चात् पुनः लपक लेता है, तो बतलाइए?
(क) किस वेग से गेंद को ऊपर फेंका गया था ?
(ख) कितनी ऊँचाई पर गेंद का वेग शून्य होगा ? (g = 9 – 8 m/s2)
हल:
दिया गया है,
t = 8s
α = = 9:8 m/s2
(क) चूंकि गेंद के ऊपर जाने का समय = गेंद के नीचे आने का समय
अत: यहाँ समय t = 4s होगा।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
एक खिलाड़ी R त्रिज्या के वृत्ताकार पथ में एक पूर्ण चक्कर 40 सेकण्ड में लगता है। 2 मिनट 20 सेकण्ड पश्चात् इसका विस्थापन होगा
(अ) शून्य
(ब) 2R
(स) 2nR
(द) 7TR.
उत्तर:
(ब) 2R
प्रश्न 2.
कण की गति के लिये वेग तथा समय के मध्य बनाये गये ग्राफ में वक़ तथा समय अन्तराल 11 और 12 के बीच का क्षेत्रफल हैं
(अ) कण का संवेग
(ब) कण का विस्थापन
(स) कण का चरण
(द) कण पर बल
उत्तर:
(ब) कण का विस्थापन
प्रश्न 3.
तय किये गये विस्थापन एवं दूरी के अनुपात का आंकिक मान होता है
(अ) एक से काम
(ब) एक
(स) एक के बराबर अथवा एक से कम
(द) एक के बराबर अथवा एक से अधिक।
उत्तर:
(स) एक के बराबर अथवा एक से कम
प्रश्न 4.
गाड़ी द्वारा चली गयी दूरी बतायी जाती है
(अ) स्पीडोमीटर से
(ब) ओडोमीटर से
(स) मेनोमीटर से
(द) सीस्मोग्राफ से।
उत्तर:
(ब) ओडोमीटर से
प्रश्न 5.
किसी वस्तु की गति के लिए दूरी समय ग्राफ, समय अक्ष के समान्तर एक सरल रेखा है। यह ग्राफ प्रदर्शित करता है
(अ) एक समान गति
(ब) समान वेग
(स) त्वरित गति
(द) विरामविस्था।
उत्तर:
(द) विरामविस्था।
प्रश्न 6.
किसी वस्तु की गति के लिए चाल-समय ग्राफ, समय अक्ष के समान्तर एक सरल रेखा है। यह ग्राफ प्रदर्शित ता है
(अ) एक समान त्वरित गति
(ब) एक समान चाल
(स) असमान त्वरित गति
(द) विरामावस्था।
उत्तर:
(ब) एक समान चाल
प्रश्न 7.
कोई कार 54 किमी/घण्टा की चाल से चल रही है। 5 सेकण्ड पश्चात् उसकी चाल 72 किमी/घण्टा हो जाती है उसका त्वरण होगा
(अ) 2 मी/से
(ब) 4 मी/से
(स) 1 मी/से
(द) 3 मी/से।
उत्तर:
(स) 1 मी/से
प्रश्न 8.
यदि कोई पिण्ड संवेग से सीधी रेखा में गतिमान है। यदि उस पर कोई बाह्य बल न लगे तो
(अ) इसके वेग में वृद्धि होगी
(ब) वेग नियत रहेगा
(स) थोड़ी देर पश्चात् पिण्ड रुक जायेगा।
(द) चाल में वृद्धि होगी।
उत्तर:
(ब) वेग नियत रहेगा
प्रश्न 9.
किसी वस्तु का जड़त्व निर्भर करता है
(अ) वस्तु के गुरुत्व केन्द्र पर
(ब) वस्तु के द्रव्यमान पर
(स) गुरुत्वीय त्वरण पर
(द) वस्तु के आकार पर।
उत्तर:
(ब) वस्तु के द्रव्यमान पर
प्रश्न 10.
जब किसी वस्तु की गति त्वरित होती है तो
(अ) उसकी चाल में सदैव वृद्धि होती है।
(ब) उसके वेग में सदैव वृद्धि होती है।
(स) वह सदैव पृथ्वी की ओर गिरती है।
(द) उस पर सदैव कोई बल कार्य करता है।
उत्तर:
(द) उस पर सदैव कोई बल कार्य करता है।
प्रश्न 11.
किसी पिण्ड का द्रव्यमान 5 किग्रा हो और उस पर 15 न्यूटन का बल आरोपित किया जाय तो उसमें उत्पन्न त्वरण होगा
(अ) 5 मीटर/सेकण्ड
(ब) 4 मीटर/सेकण्ड
(स) 3 मीटर/सेकण्ड
(द) 2 मीटर/सेकण्ड।
उत्तर:
(स) 3 मीटर/सेकण्ड
प्रश्न 12.
जब नेट बल किसी वस्तु पर कार्य करता है, वस्तु निम्नलिखित के आनुपातिक त्वरण से बल की दिशा में त्वरित होगी
(अ) वस्तु के ऊपर बल
(ब) वस्तु के वेग
(स) वस्तु का द्रव्यमान
(द) वस्तु का जड़त्व
उत्तर:
(अ) वस्तु के ऊपर बल
प्रश्न 13.
न्यूटन की गति का द्वितीय नियम मापन करता है
(अ) त्वरण का
(ब) बल का
(स) संवेग का
(द) कोणीय संवेग का।
उत्तर:
(ब) बल का
प्रश्न 14.
रॉकेट की गति किसके संरक्षण के सिद्धान्त पर
आधारित है
(अ) द्रव्यमान
(ब) गतिज ऊर्जा
(स) रेखीय संवेग
(द) कोणीय संवेग।
उत्तर:
(स) रेखीय संवेग
प्रश्न 15.
दुग्धमापी तथा हाइड्रोमीटर किस सिद्धान्त पर आधारित हैं
(अ) न्यूटन का द्वितीय नियम
(ब) आर्किमिडीज का सिद्धान्त
(स) संवेग संरक्षण का नियम
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(ब) आर्किमिडीज का सिद्धान्त
सुमेलित कीजिए।
प्रश्न 1.
निम्नलिखित को सुमेलित कीजिएकॉलम-
उत्तर:
1.
(i) – c,
(ii) – a,
(iii) – b,
(iv) – e,
(v) – d.
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
क्या एक अदिश को सदिश में जोड़ा जा सकता
उत्तर:
नहीं, एक अदिश को सदिश में नहीं जोड़ा जा सकता
प्रश्न 2.
निम्नलिखित सूची से दो सदिश राशियों को छाँटिएबल, कार्य, रेखीय संवेग, द्रव्यमान, त्वरण, विस्थापन।
उत्तर:
बल, विस्थापन।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित भौतिक राशियों में से बतलाइए कि कौन-सी सदिश है और कौन-सी अदिश ? आयतन, द्रव्यमान, चाल, त्वरण, मोल संख्या, वेग, कोणीय आवृत्ति, विस्थापन, कोणीय वेग।
उत्तर:
सदिश-त्वरण, विस्थापन, कोणीय वेग अदिश-आयतन, द्रव्यमान, चाल, मोल संख्या, कोणीय आवृत्ति।
प्रश्न 4.
एक वस्तु एक समान वेग से चल रही है। इसका त्वरण ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
शून्य।
प्रश्न 5.
क्या किसी गतिमान वस्तु का औसत वेग शून्य हो सकता है ?
उत्तर:
हाँ, जब उसका किसी दिये गये समय में विस्थापन शून्य हो।
प्रश्न 6.
किसी वस्तु की चाल नियत है। क्या उसमें त्वरण हो सकता है ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
चाल नियत होने पर भी वस्तु में त्वरण हो सकता है, यदि वह वृत्तीय गति में है। जैसे कृत्रिम उपग्रहों की पृथ्वी के चारों ओर गति, इलेक्ट्रॉन की नाभिक के चारों ओर गति।।
प्रश्न 7.
एक वस्तु द्वारा तय की गई दूरी समय के अनुक्रमानुपाती है, उसकी चाल कैसी होगी?
उत्तर:
पिण्ड की चाल एक समान होगी।
प्रश्न 8.
एक गेंद वायु में ऊपर फेंकी गई। गेंद का त्वरण तथा वेग सबसे ऊपर वाले भाग में क्या होगा ?
उत्तर:
त्वरण 9-8m/s है जो नीचे की ओर कार्य करता है। तथा उसका वेग शून्य होगा।
प्रश्न 9.
कोई वस्तु 10 मीटर/सेकण्ड के वेग से गति कर रही है, यदि उसकी गति एकसमान हो तो 10 सेकण्ड पश्चात् उसका वेग क्या होगा ?
उत्तर:
चूंकि वस्तु की गति एकसमान है; अत: उसका वेग अपरिवर्तित रहेगा अर्थात् 10 सेकण्ड पश्चात् भी उसका वेग 10 मीटर/सेकण्ड ही रहेगा।
प्रश्न 10.
वेग-समय ग्राफ का ढलान क्या प्रदर्शित करता
उत्तर:
वेग-समय ग्राफ का ढलान (8lope) त्वरण को प्रदर्शित करता है।
प्रश्न 11.
अगर किसी वस्तु का वेग-समय ग्राफ, समय अक्ष के समान्तर हो, तो इससे क्या निष्कर्ष निकलता है ?
उत्तर:
पिण्ड का वेग एक समान है अर्थात् पिण्ड का त्वरण शून्य है।
प्रश्न 12.
कोई वस्तु समान समय में समान दूरी तय करती है। इसके दूरी-समय ग्राफ का ढलान क्या होगा ?
उत्तर:
एक सीधी सरल रेखा होगी जो ¥-अक्ष के साथ कोई कोण बनाती है।
प्रश्न 13.
कोई वस्तु समान समय अन्तरालों में समान दूरी तय करती है। इसके चाल-समय ग्राफ का ढलान क्या होगा?
उत्तर:
यह एक सीधी रेखा होगी; जो समय अक्ष के समान्तर होती हैं।
प्रश्न 14.
यदि किसी वस्तु का विस्थापन-समय ग्राफ एक सीधी रेखा हो जो समय के साथ एक कोण बनाती है। गति की प्रकृति कैसी होगी ?
उत्तर:
एकसमान गति।
प्रश्न 15.
यदि किसी वस्तु का विस्थापन-समय ग्राफ समय अक्ष के समान्तर हो तो वस्तु की गति कैसी होगी ?
उत्तर:
वस्तु विराम अवस्था में है।
प्रश्न 16.
समय-दूरी ग्राफ का ढाल क्या प्रदर्शित करता
उत्तर:
समय-दूरी ग्राफ का ढाल चाल को प्रदर्शित करता
प्रश्न 17.
यदि समय-विस्थापन ग्राफ, समय-अक्ष के समान्तर एक सरल रेखा में हो तो वेग तथा त्वरण के मान होंगे?
उत्तर:
वेग तथा त्वरण दोनों के मान शून्य होंगे।
प्रश्न 18.
क्रिया और प्रतिक्रिया बराबर एवं विपरीत दिशाओं में होती हैं तो फिर वे एक-दूसरे को निरस्त क्यों नहीं करते हैं ?
उत्तर:
क्योंकि क्रिया तथा प्रतिक्रिया बल विभिन्न वस्तुओं पर कार्य करती हैं।
प्रश्न 19.
न्यूटन के गति का प्रथम नियम बताओ।
उत्तर:
न्यूटन के गति का प्रथम नियम-यदि कोई वस्तु विराम अवस्था में है तो वह विरामावस्था में ही रहेगी और यदि वह एक समान चाल में सीधी रेखा से चल रही है तो वैसे ही चलती रहेगी, जब तक कि उस पर कोई वाहा बल ने लगाया जाये। इसे गैलीलियो का नियम भी कहते हैं।
प्रश्न 20.
चलती हुई रेलगाड़ी में बैठे व्यक्ति द्वारा ऊध्र्वाधर दिशा में फेंकी गेंद लौटकर उसके हाथ में वापस क्यों आ जाती है?
उत्तर:
जड़त्व के कारण व्यक्ति एवं गेंद समान वेग से गाड़ी के साथ क्षैतिज दिशा में चलते रहते हैं। इसलिए यदि गेंद उछालने के पश्चात् व्यक्ति का हाथ गेंद के नीचे ही रहता है। तो गेंद उसके हाथ में आ जाती है।
प्रश्न 21.
संवेग संरक्षण के लिये कौन-सा प्रतिबन्ध आवश्यक है?
उत्तर:
पिण्डों पर कोई बाह्य असन्तुलित बल न लगे।
प्रश्न 22.
बिजली का पंखा स्विच बन्द होने के बाद भी कुछ सः:य तक किस कारण से चलता है?
उत्तर:
अपने गति-जड़त्व के गुण के कारण पंखा स्विच बन्द होने के बाद भी कुछ समय तक गति में रहता है।
प्रश्न 23.
जूतों के तले क्यों घिस जाते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जब हम सड़क पर चलते हैं तो जूतों के तलों तथा सड़क के बीच घर्षण बल कार्य करता है जिससे जूतों के तले घिस जाते हैं।
प्रश्न 24.
टायरों को लहरदार तथा खुरदरा क्यों बनाया जाता है ?
उत्तर:
सड़क की सतह तथा टायर के मध्य घर्षण बल बढ़ाने के लिए वाहनों के टायरों की ऊपरी सतह को लहरदार तथा खुरदरा बनाया जाता है, जिससे तीव्र गति पर वाहन अनियन्त्रित होकर अथवा ब्रेक लगाने पर फिसले नहीं।
प्रश्न 25.
साइकिल के पहिये में तेल क्यों दिया जाता है।
उत्तर:
पहिये तथा धुरी के बीच घर्षण बल कार्य करता है। इन दोनों के बीच खुरदरापन आने से घर्षण बल अधिक हो जाता है जिसके कारण पहिये को घुमाने के लिए अधिक बल लगाना पड़ता है। अत: घर्षण बल कम करने के लिए साइकिल के पहिये में तेल दिया जाता है।
प्रश्न 26.
एक कॉर्क जल पर तैर रही है। इसका आभासी भार क्या है ?
उत्तर:
शून्य, क्योंकि कॉर्क का भार कॉर्क पर जल के प्रणोद द्वारा सन्तुलित हो जाता हैं।
प्रश्न 27.
किसी दूव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है?
उत्तर:
उत्प्लावन बल सदैव भार के विपरीत दिशा में अर्थात् ऊपर की ओर कार्य करता है।
प्रश्न 28.
पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर क्यों आ जाता है?
उत्तर:
चूंकि प्लास्टिक का घनत्व, पानी के घनत्व से कम होता है, इस कारण प्लास्टिक के गुटके को जल में डुबोने पर उस पर लगने वाला उत्प्लावन बल गुटके के भार से अधिक होगा। अतः गुटका पानी की सतह पर आ जाता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से अदिश तथा सदिश राशियाँ छाँटोतापक्रम, संहति, आयतन, चाल, विस्थापन, समय, दूरी, वेग, विद्युत आवेश, त्वरण, बल, संवेग, कार्य, भार तथा ऊर्जा, घनत्व।
उत्तर:
अदिश-तापक्रम, संहति, आयतन, चाल, समय, दूरी, विद्युत आवेश, घनत्व, कार्य और ऊर्जा। सदिश-विस्थापन, वेग, त्वरण, बल, संवेग तथा भार।
प्रश्न 2.
चाल एवं वेग में अन्तर बताइए।
उत्तर:
चाल तथा वेग में अन्तर
क्र. | चाल | वेग |
1. | 1.किसी वस्तु द्वारा, दूरी तय करने की समय दर को उसकी चाल कहते हैं। | 1. किसी वस्तु द्वारा, विस्थापन तय करने की समय दर को उसका वेग कहते हैं। |
2. | 2. यह अदिश राशि है, जिसमें केवल परिमाण होता है। | 2. यह एक सदिश राशि है। जिसमें परिमाण के साथ दिशा भी होती है। |
3. | 3.यह सदैव धनात्मक होती है। | 3. यह धनात्मक तथा ऋणात्मक दोनों हो सकता है। |
प्रश्न 3.
किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं, क्यों?
उत्तर:
जब किसी पेड़ की शाखाओं को जोर-जोर से हिलाया जाता है तो शाखाएँ तो तुरन्त ही गति की अवस्था में आ जाती हैं, जबकि उनसे जुड़ी पत्तियाँ जड़त्व के कारण, विरामावस्था में ही बनी रहती हैं। अत: इनमें से कुछ पत्तियाँ शाखाओं से अलग होकर गिर जाती हैं।
प्रश्न 4.
जब कोई गतिशील बस अचानक रुकती है तो आप आगे की ओर झुक जाते हैं, और जब विरामावस्था से गतिशील होती है तो पीछे की ओर हो जाते हैं, क्यों ?
उत्तर:
ऐसा जड़त्व के कारण होता है। जब तक गाड़ी चलती रहती हैं तो हमारा शरीर भी गाड़ी के साथ उसी वेग से गति करता रहता है। गाड़ी के अचानक रुकने पर हमारे पैर गाड़ी के सम्पर्क में होने के कारण तुरन्त विरामावस्था में आ जाते हैं, परन्तु गति जड़त्व के कारण हमारा ऊपरी शरीर आगे की ओर गति करता रहता है और हम आगे की ओर झुक जाते हैं। जब रुकी हुई गाड़ी अचानक चलती है तो हमारे पैर तो तुरन्त गति में आ जाते हैं, परन्तु हमारा ऊपरी शरीर विराम जड़त्व के कारण विरामावस्था में बना रहता है; अत: हम पीछे की ओर झुक जाते हैं।
प्रश्न 5.
एक अग्निशमन कर्मचारी को तीव्र गति से बहुतायत मात्रा में पानी फेंकने वाली रबर की नली को पकड़ने में कठिनाई क्यों होती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
फायर ब्रिगेड की मोटर के पाइप से पानी की अत्यधिक मात्रा उच्च वेग से निकलती है अर्थात् पाइप से निकलने वाले पानी की संवेग-परिवर्तन की दर बहुत अधिक होती है। क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम से, पाइप का संवेग भी इसी दर से विपरीत दिशा में परिवर्तित होता है। इसका अर्थ यह
हुआ कि पाइप से निकलने वाला पानी पाइप पर बहुत अधिक बल आरोपित करता है जिसके कारण पाइप को सँभालना कठिन होता है।
प्रश्न 6.
जैवलिन थ्रो में यदि खिलाड़ी किसी निश्चित रेखा को पार कर लेता है तो यह फाउल माना जाता है, किन्तु खिलाड़ी इस रेखा पर रुकने में प्रायः असफल रहते हैं। स्पष्ट कीजिए, क्यों?
उत्तर:
जैवलिन थ्रो ( भाला फेंक) में तीव्र गति से भाला फेंकने के लिए खिलाड़ी तीव्र गति से आगे की ओर भागत! है, इसलिये निश्चित रेखा तक पहुँचते समय खिलाड़ी गति की अवस्था में होता है। अतः शरीर के गति जड़त्व के कारण प्राय: वह निश्चित रेखा तक अपने को रोकने में असफल रह्ता हैं।
प्रश्न 7.
स्पष्ट कीजिए कि गति विषयक द्वितीय नियम F = ria में न्यूटन का गति-विषयक प्रथम नियम स्वतः निहित है।
उत्तर:
न्यूटन के गति के द्वितीय नियम से, F = ria यदि F = 0 हो तो a = 0 अर्थात् यदि वस्तु पर बाह्य बल न लगाया जाए तो वस्तु में त्वरण भी उत्पन्न नहीं होगा। त्वरण के शून्य होने पर या तो वस्तु विरामावस्था में ही रहेगी या एकसमान वेग से गतिमान रहेगी। यही न्यूटन का गति विषयक प्रथम नियम है। अतः न्यूटन के गति के द्वितीय नियम में प्रथम नियम स्वत: निहित है।
प्रश्न 8.
गिलास पर रखे गत्ते को अचानक हटा देने पर उस रखा सिक्का गिलास में क्यों गिर जाता है?
उत्तर:
गिलास पर रखे गत्ते को अचानक हटा देने पर उस पर रखा सिक्का गिलास में जा गिरता है इसका कारण यह है कि प्रारम्भ में गत्ता तथा सिक्का दोनों विरामावस्था में थे। गत्ते को क्षैतिज दिशा में ऊँगली से तीव्रता से धक्का देने पर उसमें गति उत्पन्न हो जाती है, जबकि सिक्का जड़त्व के कारण उसी स्थान पर स्थिर रहता है; अत: गत्ता हटकर आगे बढ़ जाता है तथा सिक्का (गत्ता हटने के कारण) गिलास में गिर जाता है।
प्रश्न 9.
रेलगाड़ी के अचानक चलने पर उसमें खड़ा यात्री पीछे की ओर क्यों गिर पड़ता है?
उत्तर:
रेलगाड़ी के अचानक चलने पर उसमें खड़ा यात्री पीछे की ओर गिर पड़ता है-इसका कारण यह है कि यात्री के शरीर का निचला भाग तो गाड़ी के सम्पर्क में होने के कारण गाड़ी के चलने पर तुरन्त गति में आ जाता है, परन्तु उसका ऊपरी भाग जड़त्व के कारण विरामावस्था में ही बना रहता है। इस कारणवश यात्री के शरीर के ऊपरी भाग को पीछे की ओर धक्का लगता है तथा यात्री पीछे की ओर गिर पड़ता है।
प्रश्न 10.
भारी वाहनों के पहियों के टायर काफी चौड़े क्यों बनाए जाते हैं ?
उत्तर:
भारी वाहनों के टायर काफी चौड़े बनाना-भारी वाहनों के टायर चौड़े होने से ( क्षेत्रफल A अधिक हैं) सड़क अथवा जमीन पर लगने वाला दाब (P = F/A) कम हो जाता है, क्योंकि वाहन का भार अधिक क्षेत्रफल पर लगता है, इसलिए वाहन के पहिये सड़क में धंसने से बच जाते हैं।
प्रश्न 11.
लोहे से बना जहाज समुद्र में तैरता है, परन्तु लोहे का ठोस टुकड़ा (कील) डूब जाता है, क्यों? सम्बन्धित नियम देते हुये इस कथन की व्याख्या कीजिये।
उत्तर:
लोहे से बने जहाज का जल पर तैरना-लोहे की कील की बनावट इस प्रकार की होती है कि उसका भार, उसके द्वारा हटाए गए जल के भार से बहुत अधिक होता है। इसी कारण वह जल में डूब जाती हैं। इसके विपरीत लोहे का जहाज तैरता है। इसका कारण यह है कि जहाज का ढाँचा अवतल होता है तथा अन्दर से खोखला बनाया जाता है। जैसे ही जहाज समुद्र में प्रवेश करता है तो उसके द्वारा (उसकी बनावट के कारण) इतना जल हटा दिया जाता है कि उसके द्वारा हटाए गए जल का भार, जहाज (जहाज व उसके समस्त सामान सहित) के कुल भार के बराबर हो जाता है। इसी कारण लवन के सिद्धान्त के अनुसार जहाज जल में तैरता रहता है।
प्रश्न 12.
प्लवन (तैरने) के नियम लिखिए।
अथवा
किसी वस्तु के सन्तुलन में तैरने के लिए क्या आवश्यक शर्ते हैं?
अथवा
कोई वस्तु किसी दुव में कब तक तैरती है ?
उत्तर:
प्लवन (तैरने) के नियम-किसी वस्तु के सन्तुलन में तैरने की दो शर्ते हैं
- तैरने वाली वस्तु का भार, वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होना चाहिए।
- वस्तु का गुरुत्व केन्द्र तथा हटाए गए द्रव का उत्प्लावन केन्द्र एक-ही ऊध्र्वाधर रेखा में होने चाहिए। उपर्युक्त दोन शर्तों के पूर्ण होने पर ही वस्तु टूव में तैरती है।
प्रश्न 13.
रेलगाड़ी की पटरियों के नीचे लकड़ी अथवा लोहे के चौड़े स्लीपर क्यों लगाए जाते हैं ?
उत्तर:
यदि रेलगाड़ी की पटरियों के नीचे चौड़े स्लीपर न लगाए जाएँ तो रेल की पटरियाँ अधिक दबाव के कारण जमीन में सि सकती हैं। पटरियों के नीचे स्लीपर लगाने से क्षेत्रफल अधिक हो जाता है, जिसके कारण दाब कम पड़ता है (P = F/A); अतः रेल की पटरियाँ जमीन में नहीं धेस सकर्ती।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
गणितीय विधि से एकसमान त्वरण के अन्तर्गत ऋजुरेखीय गति करती किसी वस्तु के लिए गति के समीकरणों का निगमन कीजिए।
उत्तर:
गणितीय विधि द्वारा गति के
समीकरण स्थापित करना
1. गति का प्रथम समीकरण- माना, किसी गतिशील वस्तु का प्रारम्भिक वैग u व एकसमान त्वरण α हैं। माना, t सेकण्ड में 5 दूरी चलने के पश्चात् वस्तु का वैग हो जाता है, तब
1 सेकण्ड में वस्तु के वेग में वृद्धि = α
t सेकण्ड में वस्तु के वेग में वृद्धि = a × t
अत: t सेकण्ड पश्चात् वस्तु का वेग = वस्तु का प्रारम्भिक वेग + t सेकण्ड में वस्तु के वेग में वृद्धि या u = u + α t
2. गति का द्वितीय समीकरण- माना, किसी गतिशील वस्तु का प्रारम्भिक वेग u तथा एकसमान त्वरण α है। माना, t समय पश्चात् वस्तु का अन्तिम वेग ए हो जाता है; अतः 1 सेकण्ड में वस्तु के वेग में वृद्धि = α
गति के प्रारम्भ होने के 1 सेकण्ड बाद वस्तु का वेग = (u + α)
गति समाप्त होने के 1 सेकण्ड पहले वस्तु का वेग = (U – α)
अतः वस्तु का औसत वेग = \(\frac { ( u + a ) ( v – a ) } { 2 } = \left( \frac { u + v } { 2 } \right)\)
इसी प्रकार, गति प्रारम्भ होने के 2 सेकण्ड बाद वस्तु का वेग = (a + 2α)
गति समाप्त होने के 2 सेकण्ड पहले वस्तु का वेग = (t – 2α)
अतः वस्तु का औसत वेग =
\(\begin{array} { l } { \frac { ( u + 2 a ) ( v – 2 a ) } { 2 } } \\ { = \left( \frac { u + v } { 2 } \right) } \end{array}\) इस प्रकार, त्वरण के नियत होने पर वस्तु का औसत वेग सदैव ही \(\frac { 1 } { 2 }\) (u + v ) रहता है। अत: हम यह मान सकते हैं कि t सेकण्ड तक वस्तु इसी औसत वेग \(\frac { 1 } { 2 }\) (u + v) से चलती रही है।
अत: t सेकण्ड में वस्तु द्वारा चली गई दूरी, s = वस्तु का औसत वेग x समय = \(\frac { 1 } { 2 }\) (u + v) x t परन्तु गति के प्रथम समीकरण u = u + at से,
अत: वस्तु द्वारा चली गई दूरी s = \(\begin{array} { l } { s = \left( \frac { u + u + a t } { 2 } \right) \times t } \\ { = \left( \frac { 2 u t + a t ^ { 2 } } { 2 } \right) } \end{array}\)
3. गति का तृतीय समीकरण-गति के प्रथम समीकरण u = u + at को दोनों ओर का वर्ग करने पर,
प्रश्न 2.
चाल-समय ग्राफ से किसी वस्तु द्वारा चली गई दूरी किस प्रकार ज्ञात करोगे?
उत्तर:
चाल-समय ग्राफ से किसी
वस्तु द्वारा चली गई दूरी ज्ञात करना।
यदि समय को X-अक्ष पर तथा चाल को Y-अक्ष पर लेकर ग्राफ खींचा जाए तो इसे वस्तु का चाल-समय ग्राफ कहते हैं। इस ग्राफ से हम किसी भी समयान्तराल में वस्तु द्वारा चली गई दूरी ज्ञात कर सकते हैं। यदि वस्तु की चाल नियत है तो समय-चाल ग्राफ चाल-समय के समान्तर एक सरल रेखा होगी। यदि Δt = (t2 – t1) समय में वस्तु द्वारा चली गई दूरी Δs = (s2 -s1) है तो
इस प्रकार, किसी गतिमान वस्तु द्वारा तय की गई दूरी, उसके चाल समय ग्राफ तथा समय-अक्ष के बीच घिरे क्षेत्रफल के बराबर होती है। यह तथ्य एकसमान गति तथा असमान गति दोनों के लिए समान रूप से लागू होता है।
प्रश्न 3.
वेग-समय ग्राफ से त्वरण ज्ञात करने की विधि। उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
वेग-समय ग्राफ से त्वरण ज्ञात करना चित्र में किसी वस्तु का वेग-समय ग्राफ दिखाया गया है। ग्राफ से स्पष्ट है कि वेग समान दर से बढ़ रहा है। किसी वस्तु का त्वरण ज्ञात करने के लिए इस रेखा पर दो बिन्दु A व B लेते हैं। माना A पर t1 समय पर वेग u1 तथा बिन्दु B पर t2 समय पर वेग u2 है। अतः
इस प्रकार, किसी गतिमान वस्तु का त्वरण, उनके वेग-समय ग्राफ के ढाल के बराबर होता है।
प्रश्न 4.
सन्तुलित तथा असन्तुलित बलों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सन्तुलित तथा असन्तुलित बलों में अन्तर
सन्तुलित बल | असन्तुलित बल |
1.जब किसी वस्तु पर कार्यरत विभिन्न बलों का परिणाम शून्य हो तो उन्हें सन्तुलित बल कहते हैं। | 1.जब किसी वस्तु पर कार्यरत विभिन्न बलों का परिणाम शून्य न हो तो उन्हें असन्तुलित बल कहते हैं। |
2.ये बल वस्तु की स्थिति में परिवर्तन नहीं करते हैं। अर्थात् विरामावस्था में स्थित वस्तु को गतिमान नहीं कर सकते हैं। | 2.ये बल विरामावस्था में स्थित वस्तु को गतिमान कर सकते हैं। |
3.संतुलित बल के प्रभाव से वस्तु की स्थिति में परिवर्तन नहीं होता जबकि उसकी आकृति बदल सकती है। | 3.ये बल प्राय: वस्तु की आकृति एवं आकार में परिवर्तन नहीं कर पाते हैं। बल्कि स्थिति परिवर्तित करते हैं। |
4. ये गतिशील वस्तु की चाल तथा दिशा में परिवर्तन नहीं कर सकते। | 4.ये बल वस्तु की चाल तथा दिशा में परिवर्तन कर सकते हैं। |
प्रश्न 5.
जड़त्व का नियम कितने प्रकार का होता है ?
उत्तर:
विस्तारपूर्वक समझाइए। जड़त्व के प्रकार जड़त्व दो प्रकार का होता है
1. विराम का जड़त्व-विराम के जड़त्व के अनुसार यदि कोई वस्तु स्थिर हैं तो सदैव स्थिर ही रहेगी जब तक कि बाहा चल लगाकर उसकी अवस्था में परिवर्तन न कर दिया जाय।
2. गति का जड़त्व-गति के जड़त्व के अनुसार यदि कोई वस्तु एक सरल रेखा में समान वेग से गतिमान है तो वह उसी दिशा में उसी वेग से चलती रहेगी जब तक कि कोई बाह्य बल लगाकर उसकी स्थिति में परिवर्तन न कर दिया जाय।। अर्थात् किसी वस्तु का विरामावस्था अथवा गत्यावस्था में परिवर्तन का कारण बल होता है। अर्थात् वस्तु की स्थिति में परिवर्तन के लिए उस पर बाह्य बल लगाना आवश्यक होता
प्रश्न 6.
गति का तृतीय नियम क्या है ? इसका प्रायोगिक सत्यापन कैसे करेंगे ? दैनिक जीवन में गति विषयक तृतीय नियम के दो उदाहरण बताइए।
उत्तर:
न्यूटन का गति विषयक तृतीय नियम दो वस्तुओं के मध्य लगने वाले बल की प्रक्रिया स्पष्ट करता है। इस नियम के अनुसार-“जब कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर बल लगाती है तो दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर उतना ही बल विपरीत दिशा में लगाती है।” पहली वस्तु द्वारा आरोपित बल को क्रियात्मक बल या क्रिया तथा दूसरी वस्तु द्वारा लगाये गये बल को प्रतिक्रियात्मक बल या प्रतिक्रिया कहते हैं। अत:
प्रत्येक क्रिया की एकसमान तथा विपरीत प्रतिक्रिया होती यह स्मरणीय है कि क्रिया बल तथा प्रतिक्रिया बल दो विभिन्न वस्तुओं पर कार्य करते हैं। प्रायोगिक सत्यापन (Experimental Verification) न्यूटन के क्रिया-प्रतिक्रिया नियम के प्रायोगिक सत्यापन के लिए दो कमानीदार तुला लेते हैं। इन तुलाओं के हुर्को को एक-दूसरे में फंसाकर एक तुला को किसी दीवार में लगी बँटी से लटका देते हैं और दूसरे तुला को खींचते हैं।
अब तुलाओं का निरीक्षण करने से ज्ञात होता है कि दोनों तुलाओं के संकेतक समान तनावं प्रदर्शित करते हैं। इससे सिद्ध होता है कि जितने बल से एक तुला दूसरी तुला को अपनी ओर खींचता है दूसरे तुला भी पहले तुला को उतने ही बल से अपनी ओर आकर्षित करता है। इससे न्यूटन के गति विषयक तृतीय नियम की पुष्टि होती है।
दैनिक जीवन में गति विषयक तृतीय नियम (क्रियाप्रतिक्रिया) के उदाहरण
1. गोली छूटने पर बन्दूक पीछे धक्का देती है- बन्दूक से गोली दागने पर गोली, क्रिया बल के कारण आगे बढ़ती है। जिसके फलस्वरूप प्रतिक्रिया बल के कारण बन्दूक स्वयं पीछे की ओर धक्का देती है। बन्दूक की तुलना में गोली बहुत हल्की होती है इसलिए इसका वेग बन्दूक की तुलना में अत्यधिक होता है। यद्यपि क्रिया एवं प्रतिक्रिया बल परस्पर परिमाण में बराबर होते हैं।
2. जेट वायुयान तथा रॉकेट की गति- जेट यान अथवा रॉकेट के इंजन में ईंधन के जलने से अत्यधिक मात्रा में गरम गैसें उत्पन्न होती हैं जो इंजन के पीछे बने छिद्रों से तीव्र वेग से बाहर निकलती हैं जिससे रॉकेट पर आगे की ओर प्रतिक्रिया बल कार्य करता है। जिससे जेट-यान या रॉकेट आगे बढ़ता हैं।
प्रश्न 7.
प्लवन अथवा उत्प्लावन के नियम लिखिए।
उत्तर:
जब कोई वस्तु द्रव में पूर्णतः या आंशिक रूप से डूबी रहकर तैरती है, तो वस्तु का भार, उसके डूबे हुए भाग द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होता है।” यही प्लवने का नियम है। वस्तु का भार तथा वस्तु पर उत्क्षेप परस्पर विपरीत दिशाओं में लगते हैं। वस्तु के सन्तुलन में तैरने के लिए किसी भी प्रकार का बल आघूर्ण नहीं होना चाहिए। इसके लिए वस्तु का भार व उत्क्षेप बल एक ही ऊध्र्वाधर रेखा में होने चाहिए। अतः सन्तुलन में वस्तु के तैरने के लिए निम्नलिखित दो शर्ते हैं
- वस्तु का भार उसके द्वारा विस्थापित द्रव के भार के बराबर होना चाहिए।
- वस्तु का गुरुत्व केन्द्र तथा विस्थापित द्रव का उत्प्लवन केन्द्र एक ही ऊर्ध्वाधर रेखा में होने चाहिए।
प्रश्न 8.
आर्किमिडीज के सिद्धान्त का सत्यापन कीजिए।
उत्तर:
इसे चित्र के अनुसार प्रदर्शित उपकरण द्वारा सत्यापित किया जाता है। इसमें काँच का एक जार होता है। इसके मुँह के पास नली लगी होती है। जार में नली की सतह तक जल भर दिया जाता है। अब ठोस का भार वायु में ज्ञात कर लेते हैं। इसके बाद एक स्प्रिंग से लटके हुए ठोस को पानी से भरे जार में डुबोते हैं। जैसे-जैसे ठोस पानी में डूबता जाता है। उसके भार में कमी होती जाती है; स्प्रिंग तुला द्वारा इसके भार में कमी को नोट कर लेते हैं तथा विस्थापित द्रव एक बीकर में एकत्रित होता जाता है। बीकर में एकत्रित हुए जल का भार ज्ञात कर लिया जाता है। ठोस के भार में कमी, उसके द्वारा हटाए गए पानी के भार के बराबर होती है। इस प्रकार आर्किमिडीज के सिद्धान्त का सत्यापन हो जाता है।
प्रश्न 9.
किसी पदार्थ के आपेक्षिक घनत्व से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आपेक्षिक घनत्व किसी पदार्थ के घनत्व तथा जल के घनत्व के अनुपात को उस पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व कहते हैं।
पदार्थ का घनत्व अर्थात् पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व चूँकि आपेक्षिक घनत्व एक अनुपात है; अत: इसका कोई मात्रक नहीं होता है। किसी पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व 1 से कम होने पर वह पदार्थ जल में तैरेगा। यदि किसी पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व 1 से अधिक है तो वह पदार्थ जल में डूब जाएगा।
माना किसी वस्तु का आयतने V तथा घनत्व d1 है, जबकि जल का घनत्व d2 है। तब वस्तु का वायु में भार
W1 = वस्तु का आयतन × घनत्व × g = Vd1 g.
तथा जल में डुबोने पर, वस्तु के भार में कमी
= वस्तु द्वारा हटाए गए पानी का भार
= वस्तु का आयतन x जल का घनत्व x g
= Vd2g
वस्तु का वायु में भार जल में डुबोने पर वस्तु के भार में कमी = vdpg – d
1 = वस्तु का आपेक्षिक घनत्व ठोस का आपेक्षिक घनत्व
आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1.
एक बस की गति 5 सेकण्ड में 80 किमी/घण्टा से घटकर 60 किमी/घण्टा हो जाती है। बस का त्वरण ज्ञात कीजिए।
हल:
बस का प्रारम्भिक वेग u = 80 किमी/घण्टा
अत: बस का त्वरण α = 10/9 मीटर/सेकण्ड।
प्रश्न 2.
कोई बस विरामावस्था से चलना प्रारम्भ करती है तथा 2 मिनट तक 0-1 मीटर/सेके एक समान त्वरण से चलती है। परिकलन कीजिए
(a) प्राप्त की गई चाल
(b) तय की गई दूरी।
हल:
दिया है u = 0 α = 0.1 मीटर/सेकण्ड2 समय t = 2 मिनट = 2 x 60 = 120 सेकण्ड
(a) सूत्र u = u + at से, प्राप्त की गई चाल
u = 0 + 0.1 (ms-1) × 120 s
= 12 मीटर/सेकण्ड × 120 सेकण्ड = 12 मीटर/सेकण्ड।
(b) s = ut + \(\frac { 1 } { 2 }\) at से, तय की गई दूरी
s = 0 x 120 + \(\frac { 1 } { 2 }\) × 0.1 × 120 × 120
= 720 मीटर।
प्रश्न 3.
कोई रेलगाड़ी 90 किमी/घण्टा की चाल से चल रही है। ब्रेक लगाए जाने पर वह -0.5 मीटर/सेकण्ड का एकसमान त्वरण उत्पन्न करती है। रेलगाड़ी विरामावस्था में जाने से पहले कितनी दूरी तय करेगी ?
हल:
दिया हैं–
u = 90 किमी/घण्टा
प्रश्न 4.
किसी पत्थर को ऊर्ध्वाधरतः ऊपर की ओर 5 मीटर/सेकण्ड के वेग से फेंका जाता है। यदि गति के दौरान पत्थर का नीचे की ओर दिष्ट त्वरण 10 मीटर/सेकण्ड2 है। तो पत्थर के द्वारा कितनी ऊँचाई प्राप्त की गई तथा उसे वहाँ पहुँचने में कितना समय लगा?
हल:
दिया है–
पत्थर का वेग u = 5 मीटर/सेकण्ड, त्वरण α = – 10 मीटर/सेकण्ड
[∵ त्वरण नीचे की ओर है; अत: ऋणात्मक लिया गया है।] माना कि पत्थर h ऊँचाई तक पहुँचता है, वहाँ पहुँचने में उसे t समय लगता है। तब अधिकतम ऊँचाई पर s = h तथा u = 0
प्रश्न 5.
ऊषा 90 m लम्बे तालाब में तैरती है। वह एक सिरे से दूसरे सिरे तक सरल रेखीय पथ पर जाती है तथा वापस आती है। इस दौरान वह कुल 180 m की दूरी 1 मिनट में तय करती है। ऊषा की औसत चाल और औसत वेग को ज्ञात कीजिए।
हल:
ऊषा द्वारा 1 मिनट में तय की गई कुल दूरी 180 m है। 1 मिनट में ऊषा का विस्थापन = 0 m
अतः ऊषा की औसत चाल 3 ms-1 है और औसत वेग 0 ms-1 है।
प्रश्न 6.
किसी कार पर ब्रेक लगाने पर गति के विपरीत दिशा में 6 ms-2 का त्वरण उत्पन्न होता है। यदि कार ब्रेक लगाए जाने के बाद रुकने में 5s का समय लेती है तो उतने समय में तय की गई दूरी परिकलित करें।
हल:
दिया गया है, a = – 6 ms-2 ; t = 25 तथा u = 0 ms-1
प्रश्न 7.
किसी कार पर ब्रेक लगाने से वह गति की विपरीत दिशा में 6 मीटर/सेकण्ड2 का त्वरण उत्पन्न करती है। यदि कार ब्रेक लगाये जाने के बाद रुकने में 2 सेकण्टु का समय लेती है तो उतने समय में तय की गई दूरी की गणना कीजिए।
हल:
gy 8 दिया है α = – 6 मीटर/सेकण्डो, रुकने पर
u = 0 तथा t = 2 सेकण्ड
माना कि ब्रेक लगाने के समय कार का वेग u है तो
सूत्र u = u + at से, 0 = u + (-6) × 2
या u = 6 × 2 = 12 मीटर/सेकण्ड अब इस बीच तय दूरी
अत: रुकने तक कार 12 मीटर की दूरी तय करती है।
प्रश्न 8.
एक गोली 90 मीटर/सेकण्ड के वेग से लक्ष्य से टकराकर (0,3) सेकण्ड़ में रुक जाती है। गोली का मन्दन ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया हैं–
u = 90 मीटर/सेकण्ड, u = 0, t = 0.3 सेकण्ड, α = ?
प्रश्न 9.
9.8 kg द्रव्यमान की एक वस्तु पर 4 kg wt का बल लगता है। वस्तु में उत्पन्न त्वरण ज्ञात कीजिए। (g = 9.8 N/kg)
हल:
प्रश्न 10.
1500 kg की एक कार को विरामावस्था से 10 s में 30 m/s का वेग प्रदान करने के लिए कितने बल की आवश्यकता होगी?
उत्तर:
कार को प्रारम्भिक वेग u = 0 m/s, अन्तिम वेग u = 30 m/s, t = 10 s
प्रश्न 11.
एक 5 किग्रा. की रायफल 500 मीटर/सेकण्ड के वेग से 10 ग्राम की गोली छोड़ती है। रायफल का गोली छोड़ने का वेग ज्ञात करो।
हल:
रायफल का द्रव्यमान (m1) = 5 किग्रा.
गोली का द्रव्यमान (m2) = 10 ग्रा. = 10 × 10-3 किग्रा. गोली का वेग u2 = 500 मीटर प्रति सेकण्डू
मान लिया रायफल की गोली का वेग u2 = u1 संवेग संरक्षण के नियम का उपयोग करके
\(m _ { 1 } u _ { 1 } = m _ { 2 } u _ { 2 } \pi 5 \times u _ { 1 } = 10 \times 10 ^ { – 3 } \times 500\)
प्रश्न 12.
दो गोले 20 kg तथा 80 kg द्रव्यमान के क्रमशः 40 m/s तथा 10 m/s के वेग से एक-दूसरे की ओर आ रहे हैं। यदि वे टकराकर जुड़ जायें तो संयुक्त गोला किस वेग से गति करेगा ?
हल:
प्रश्नानुसार, m1 = 20 kg; m2 = 80 kg
u1 = 40 m/s; u2 = 10 ms-1
टक्कर से पूर्व संवेग = m1 u1 + m2 u2
= 20 × 40 – 80 × 10 = 800 – 800 = 0
टक्कर के बाद संयुक्त गोले का द्रव्यमान = 20 + 80 = 100 kg,
माना टक्कर के बाद वेग u है तब टक्कर के बाद संवेग = mu = 100 u संवेग संरक्षण के नियम से, टक्कर के पूर्व संवेग = टक्कर के बाद संवेग
100 u या u = 0
अत: टक्कर के बाद दोनों गोले जुड़कर स्थिर हो जायेंगे।
प्रश्न 13.
6 किग्रा का एक पिण्ड स्थिर अवस्था में रखा है। उस पर कितना बल लगाया जाए कि उसमें 4 सेकण्ड में 4 मीटर/सेकण्ड का वेग उत्पन्न हो जाए।
हल:
दिया है प्रारम्भिक वेग (u) = 0, अन्तिम वेग (u) = 4 मीटर/सेकण्ड, समय (t) = 4 सेकण्ड द्रव्यमान (m) = 6 किग्रा, बल (F) = ?
गति के प्रथम समीकरण
u = u + at से, 4 = 0 + α × 4
∴ पिण्ड में उत्पन्न त्वरण \(( a ) = \frac { 4 } { 4 } = 1\) मीटर/सेकण्ड2 पिण्ड़ पर लगाया गया बल (F) = m × α
= 6 किग्रा × 1 मीटर/सेकण्ड2 = 6 किग्रा-मीटर/सेकण्ड = 6 न्यूटन।
प्रश्न 14.
रायफल से 50 g की गोली 400 m/s के वेग से निकलती है। रायफल 4 m/s के वेग से पीछे हटती है। रायफल का द्रव्यमान ज्ञात कीजिए।
हल:
गोली के छूटने से पहले संवेग = 0 गोली के छूटने के बाद संवेग
= 50 x 10-3 kg x 400 m/s
माना रायफल का द्रव्यमान m हैं अतः इसका संवेग
= – 4m (पीछे हटती है।)
इसलिए गोली तथा रायफल का संयुक्त संवेग
= 20 – 4m
अतः गोली छूटने के बाद संयुक्त संवेग = गोली छूटने से पहले संयुक्त संवेग
20 – 4m = 0 अथवा \(m = \frac { 20 } { 4 } = 5 \mathrm { kg }\)
प्रश्न 15.
1000 kg की एक मोटर कार 4 m/s के वेग से जा रही है। 10,000 kg का एक टूक विपरीत दिशा से आता है तथा कार से टकरा जाता है। दोनों गाड़ियाँ तुरन्त रुक जाती हैं। ट्रक का वेग ज्ञात कीजिए।
हल;
टकराने से पहले कार का संवेग p = mu
= 103 x 4 = 4 x 103 kg m/s
माना टकराने से पहले ट्रक का वेग u m/s है।
इसलिए, टकराने से पहले ट्रक का संवेग
= 104 x u kg m/s
कुल संवेग = 4 x 103 + 104 x u
टकराने के बाद कुल संवेग = 0
इसलिए, टकराने से पहले कुल संवेग = टकराने के बाद कुल संवेग
4 x 103 + 104 x u = 0 या \(v = \frac { – 4 \times 10 ^ { 3 } } { 10 ^ { 4 } } = – 0.4 \mathrm { m } / \mathrm { s }\)
प्रश्न 16.
50 ग्राम के किसी पदार्थ का आयतन 20 सेमी है। यदि पानी का घनत्व 1 ग्राम/सेमी हो तो पदार्थ तैरेगा या डूबेगा?
हल:
पदार्थ का द्रव्यमान m = 50 ग्राम तथा आयतन = 20 सेमी3
जल का घनत्व = 1 ग्राम/सेमी3
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