• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • RBSE Model Papers
    • RBSE Class 12th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 10th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 8th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 5th Board Model Papers 2022
  • RBSE Books
  • RBSE Solutions for Class 10
    • RBSE Solutions for Class 10 Maths
    • RBSE Solutions for Class 10 Science
    • RBSE Solutions for Class 10 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 10 English First Flight & Footprints without Feet
    • RBSE Solutions for Class 10 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 10 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 10 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 10 Physical Education
  • RBSE Solutions for Class 9
    • RBSE Solutions for Class 9 Maths
    • RBSE Solutions for Class 9 Science
    • RBSE Solutions for Class 9 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 9 English
    • RBSE Solutions for Class 9 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 9 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 9 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 9 Physical Education
    • RBSE Solutions for Class 9 Information Technology
  • RBSE Solutions for Class 8
    • RBSE Solutions for Class 8 Maths
    • RBSE Solutions for Class 8 Science
    • RBSE Solutions for Class 8 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 8 English
    • RBSE Solutions for Class 8 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 8 Sanskrit
    • RBSE Solutions

RBSE Solutions

Rajasthan Board Textbook Solutions for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

  • RBSE Solutions for Class 7
    • RBSE Solutions for Class 7 Maths
    • RBSE Solutions for Class 7 Science
    • RBSE Solutions for Class 7 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 7 English
    • RBSE Solutions for Class 7 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 6
    • RBSE Solutions for Class 6 Maths
    • RBSE Solutions for Class 6 Science
    • RBSE Solutions for Class 6 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 6 English
    • RBSE Solutions for Class 6 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 5
    • RBSE Solutions for Class 5 Maths
    • RBSE Solutions for Class 5 Environmental Studies
    • RBSE Solutions for Class 5 English
    • RBSE Solutions for Class 5 Hindi
  • RBSE Solutions Class 12
    • RBSE Solutions for Class 12 Maths
    • RBSE Solutions for Class 12 Physics
    • RBSE Solutions for Class 12 Chemistry
    • RBSE Solutions for Class 12 Biology
    • RBSE Solutions for Class 12 English
    • RBSE Solutions for Class 12 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit
  • RBSE Class 11

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 4 with Answers

March 24, 2022 by Prasanna Leave a Comment

Students must start practicing the questions from RBSE 10th Hindi Model Papers Set 4 with Answers provided here.

RBSE Class 10 Hindi Model Paper Set 4 with Answers

पूर्णाक : 80
समय : 2 घण्टा 45 मिनट

परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश:

  • परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
  • सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
  • जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
  • प्रश्न का उत्तर लिखने से पूर्व प्रश्न का क्रमांक अवश्य लिखें।
  • प्रश्नों का अंकभार निम्नानुसार है –
खण्ड प्रश्नों की संख्या अंक प्रत्येक प्रश्न कुल अंक भार
खण्ड-अ 1 (1 से 12), 2 (1 से 6),3 (1 से 12) 1 30
खण्ड-ब 4 से 16 = 13 2 26
खण्ड-स 17 से 2014 3 12
खण्ड-द 21 से 23 = 3 4 12

RBSE Solutions

खण्ड – (अ)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों का उत्तर लिखिए: (5 x 1 = 5)

हर किसी मनुष्य को अपने राष्ट्र के प्रति गौरव, स्वाभिमान होना आवश्यक है। राष्ट्र से जुड़े समस्त राष्ट्र प्रतीकों के प्रति भी हमें स्वाभिमान होना चाहिए। राष्ट्र प्रतीकों का यदि कोई अपमान करता है, तो उसका पुरजोर विरोध करना चाहिए। प्रत्येक राष्ट्राभिमानी व्यक्ति के हृदय में अपने देश, अपने देश की संस्कृति तथा अपने देश की भाषा के प्रति प्रेम होना स्वाभाविक भावना ही है।

राष्ट्र के प्रति हर राष्ट्रवासी को राष्ट्र हित में अपने प्राणों का उत्सर्ग करने को तैयार रहना चाहिए। जिस देश के निवासियों के हृदय में यह उत्सर्ग भावना नहीं होती है, वह राष्ट्र शीघ्र ही पराधीन होकर अपनी सुख, शान्ति और समृद्धि को सदा के लिए खो बैठता है। देशभक्ति एवं सार्वजनिक हित के बिना राष्ट्रीय महत्ता का अस्तित्व ही नहीं रह सकता है। जिसके हृदय में राष्ट्रभक्ति है उसके हृदय में मातृभक्ति, पितृभक्ति, गुरुभक्ति, परिवार, समाज व सार्वजनिक हित की बात स्वतः ही आ जाती है।

इन उपर्युक्त भावनाओं से वह आत्मबली होकर अन्याय, अत्याचार व अमानवीयता से लड़ने को तत्पर हो जाता है। वह एक सच्चे मानव धर्म का अनुयायी होकर धर्म एवं न्याय के पक्ष में खड़ा होता है। अतः राष्ट्र-धर्म एवं राष्ट्र-भक्ति ही सर्वोपरि है। यदि हम ऐसा नहीं करेंगे तो स्वयं के प्रति, ईश्वर के प्रति एवं राष्ट्र के प्रति अनुत्तरदायी ही होंगे। किसी को हानि पहुँचाकर स्वयं के लिए अनुचित लाभ उठाना अन्याय है। अपने राष्ट्र के प्रति कर्त्तव्य से विमुख न होना ही सच्ची राष्ट्रभक्ति है।

1. राष्ट्राभिमानी व्यक्ति के हृदय में कौन-सी भावना स्वाभाविक होती है ? (1)
(अ) अपने देश के प्रति प्रेम की भावना
(ब) अपने देश की भाषा के प्रति प्रेम की भावना
(ब) अपने देश की संस्कृति के प्रति प्रेम की भावना
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर :
(द) उपर्युक्त सभी।

RBSE Solutions

2. कौन-सा राष्ट्र शीघ्र ही पराधीन हो जाता है ? (1)
(अ) जिस देश के वासी स्वाभिमानी व देशप्रेमी नहीं होते हैं।
(ब) जिस देश के वासियों में उत्सर्ग की भावना होती है
(स) जिस देश के वासियों में उत्सर्ग की भावना नहीं होती है
(द) जिस देश के वासी अपने देश से प्रेम नहीं करते हैं।
उत्तर :
(स) जिस देश के वासियों में उत्सर्ग की भावना नहीं होती है

3. आत्मबली व्यक्ति का स्वभाव कैसा होता है ?
(अ) अन्याय, अत्याचार व अमानवीयता से लड़ता है –
(ब) वह अधर्म और न्याय के पक्ष में खड़ा होता है
(स) वह उचित-अनुचित का विचार किए बिना निर्णय लेता है
(द) (अ) और (ब) दोनों विकल्प सही हैं।
उत्तर :
(द) (अ) और (ब) दोनों विकल्प सही हैं।

4. उसके हृदय में सार्वजनिक हित की बात स्वतः ही आ जाती है।’ जिसके हृदय में – (1)
(अ) आत्मीयता हो
(ब) प्रेम हो
(स) राष्ट्रभक्ति हो
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(स) राष्ट्रभक्ति हो

5. उपर्युक्त गद्यांश का समुचित शीर्षक चुनिए
(अ) राष्ट्र के प्रति दायित्व
(ब) राष्ट्राभिमानी का स्वभाव
(स) आत्मबली का स्वभाव
(द) देशप्रेमी।
उत्तर :
(अ) राष्ट्र के प्रति दायित्व

RBSE Solutions

निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों का उत्तर लिखिए :

क्षमा शोभती उस भुजंग को
उठी अधीर धधक पौरुष की
जिसके पास गरल हो,
आग राम के शर से।
उसको क्या, जो दन्तहीन
सिन्धु देह धर ‘त्राहि-त्राहि’
विषहीन विनीत सरल हो।
करता आ गिरा शरण में,
तीन दिवस तक पंथ माँगते
चरण पूज, दासता ग्रहण की
रघुपति सिन्धु किनारे,
बँधा मूढ़ बन्धन में।
बैठे पढ़ते रहे छन्द
सच पूछो तो शर में ही
अनुनय के प्यारे-प्यारे।
बसती है दीप्ति विनय की,
उत्तर में जब एक नाद भी
सन्धि-वचन संपूज्य उसी का
उठा नहीं सागर से,
जिसमें शक्ति विजय की।

6. क्षमा किसको शोभा देती है ?
(अ) विषयुक्त सर्प को
(ब) सरल व्यक्ति को
(स) शक्ति सम्पन्न व्यक्ति को
(द) निर्बल को।
उत्तर :
(स) शक्ति सम्पन्न व्यक्ति को

7. समुद्र के किनारे खड़े होकर कौन रास्ता माँग रहा है ? .
(अ) लक्ष्मण
(ब) सुग्रीव
(स) विभीषण
(द) राम।
उत्तर :
(द) राम।

RBSE Solutions

8. ‘अनुनय के प्यारे छन्द पढ़ने’ से क्या आशय है ?
(अ) अच्छे गीत गाना
(ब) भजन-कीर्तन करना
(स) नम्रता से विनय करना
(द) दोहा-छन्द पढ़ना।
उत्तर :
(स) नम्रता से विनय करना

9. ‘त्राहि-त्राहि’ कौन कर उठा था
(अ) विभीषण
(ब) समुद्र
(स) आकाश
(द) रावण।
उत्तर :
(ब) समुद्र

10. उपर्युक्त पद्यांश का उपयुक्त शीर्षक है
(अ)विषधर सर्प
(स) जीवन में शान्ति का महत्त्व
(ब) भगवान राम और सागर
(द) जीवन में शक्ति की महत्ता।
उत्तर :
(द) जीवन में शक्ति की महत्ता।

11. भारतीय आर्मी के किस कप्तान ने यूमथांग को ‘टूरिस्ट स्पॉट’ बनाने में सहयोग दिया?
(अ) कप्तान शेखर दत्त ने
(ब) कप्तान शेखर कपूर ने
(स) कप्तान जोगेन्द्र सिंह ने
(द) कप्तान सुब्बाराव ने
उत्तर :
(अ) कप्तान शेखर दत्त ने

RBSE Solutions

12. रानी एलिजाबेथ के दर्जी की परेशानी का क्या कारण था?
(अ) उसे रानी के योग्य अच्छा कपड़ा नहीं मिल रहा था
(ब) वह समझ नहीं पा रहा था कि रानी कौन-सा सूट कब पहने
(स) इंग्लैंड के मौसम और भारत के मौसम में काफी अंतर था
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ब) वह समझ नहीं पा रहा था कि रानी कौन-सा सूट कब पहने

प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए

1. जिन शब्दों से किसी व्यक्ति, वस्तु, भाव, गुण, व्यापार आदि का बोध होता है। ऐसे शब्दों को …………………………………… कहते
2. जिस सर्वनाम का प्रयोग बात कहने वाले के लिए होता है, वह …………………………………… पुरुष कहलाता है। (1)
3. ऐसे विशेषण शब्द जो अन्य विशेषणों की विशेषताएँ बताते हैं, उनको …………………………………… कहते हैं। (1)
4. दो या दो से अधिक धातुओं के योग से बनने वाली क्रियाएँ …………………………………… कहलाती हैं। (1)
5. ‘जहाँ जाना कठिन हो’ शब्द समूह के लिए उपसर्ग युक्त शब्द …………………………………… होगा। (1)
6. ‘इकहरा, दुहरा’ शब्दों में …………………………………… प्रत्यय का प्रयोग हुआ है। (1)
उत्तर :
1. संज्ञा,
2. उत्तम,
3. प्रविशेषण,
4. संयुक्त क्रियाएँ,
5. दुर्गम,
6. हरा।

RBSE Solutions

प्रश्न 3.
निम्नलिखित अति लघूत्तरात्मक प्रश्नों के उत्तर दीजिए। प्रत्येक प्रश्न के लिए उत्तर सीमा लगभग 20 शब्द है। (6 x 1 = 6)

1. दीर्घ सन्धि का सूत्र लिखकर एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर :
सूत्र- ‘अक: सवर्णे दीर्घ :’।
उदाहरण – नदी + ईश = नदीश।

2. द्विगु समास की परिभाषा दीजिए।
उत्तर :
जिस समस्त पद का एक अंश संख्यावाचक विशेषण होता है, उसे द्विगु समास कहते हैं।

3. ‘घुटने टेकना’ मुहावरे का अर्थ लिखिए।
उत्तर :
अर्थ- पराजय स्वीकार करना।

4. ‘कोयले की दलाली में हाथ काले।’ लोकोक्ति का अर्थ लिखिए।
उत्तर :
अर्थ- जैसा काम वैसा परिणाम।

5. हालदार साहब कब तक मूर्ति के बारे में सोचते रहे?
उत्तर :
हालदार साहब मूर्ति के बारे में तब तक सोचते रहे जब तक जीप कस्बा छोड़कर आगे न बढ़ गई।

6. लेखिका मन्नू भंडारी ने अपने पिता के गुणों के बारे में क्या बताया है ?
उत्तर :
लेखिका के पिता कांग्रेस के साथ समाज-सुधार के कामों से भी जुड़े थे। वह विद्यार्थियों की पढ़ाई में मदद करते थे। एक तरफ वह अत्यन्त कोमल और संवेदनशील थे तो दूसरी ओर बहुत क्रोधी और अहंकारी थे।

7. बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगलध्वनि का नायक क्यों कहा गया है ?
उत्तर :
बिस्मिल्ला खाँ देश के महानतम शहनाई वादक रहे हैं। अत: बिस्मिल्ला को शहनाई की मंगलध्वनि का नायक कहा गया है।

RBSE Solutions

8. गोपियों ने श्रीकृष्ण को राजनीति पढ़ आए’ क्यों कहा है ?
उत्तर :
उद्धव के द्वारा योग का संदेश भिजवाए जाने से श्रीकृष्ण की छवि गोपियों की दृष्टि में एक चतुर राजनीतिज्ञ और व्यावहारिक व्यक्ति बन चुके हैं।

9. परशुराम पर किसका ऋण बाकी था और वह उसे कैसे चुकाना चाह रहे थे?
उत्तर :
परशुराम पर गुरु का ऋण बाकी था, जिसे वह लक्ष्मण का वध करके चुकाना चाह रहे थे।

10. ‘बादल’ कविता के आधार पर ‘जल से शीतल’ करने का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
कवि बादल का आह्वान करता है कि वह पृथ्वीवासियों को कष्टों से मुक्ति प्रदान कर सुख-शान्ति दे।

11. ‘लड़के और बंदर पराई पीर नहीं समझते।’ क्या बच्चे सचमुच स्वभाव से क्रूर होते हैं ? आपका मत क्या है? (1)
उत्तर :
यह बात पूरी तरह सच नहीं है। वे नासमझी और कौतूहल के कारण इन जीवों से छेड़-छाड़ किया करते हैं। यदि उनको समझाया जाय तो वे ऐसा नहीं करेंगे।

12. जॉर्ज पंचम की मूर्ति की नाक का न होना सरकारी तंत्र के लिए विकट समस्या क्यों बन गया था? (1)
उत्तर :
भारत के तत्कालीन शासक चाहते थे कि इंग्लैंड की रानी के सामने कोई ऐसा दृश्य न आए जो उसे बुरा लगे।

RBSE Solutions

खण्ड – (ब)

निर्देश-प्रश्न सं. 04 से 16 तक के लिए प्रत्येक प्रश्न के लिए अधिकतम उत्तर सीमा 40 शब्द है।

प्रश्न 4.
कैप्टन को न देखने तक हालदार साहब के मन में उसकी कौन-सी छवि रही होगी?
उत्तर :
जब तक हालदार साहब ने चश्मेवाले को स्वयं अपनी आँखों से नहीं देखा था तब तक कैप्टन कहे जाने वाले इस व्यक्ति की कल्पित मूर्ति सर्वथा भिन्न रही होगी। कैप्टन पुकारे जाने से उन्हें लगता होगा कि चश्मेवाला सेना से सेवानिवृत्त कोई मजबूत कद-काठी वाला व्यक्ति होगा। उसका चेहरा रौबीला और चाल चुस्त होगी। उसकी वेशभूषा एक कैप्टन से मिलती-जुलती होगी।

प्रश्न 5.
आपकी दृष्टि में भगत की कबीर पर अगाध श्रद्धा के क्या कारण रहे होंगे?
उत्तर :
बालगोबिन एक सीधे-सच्चे गृहस्थ किसान थे। उनका स्वभाव कबीर के व्यक्तित्व से मेल खाता था। वह हर प्रकार के आडम्बर और दिखावे से दूर रहने वाले, सत्यभाषी, खरा व्यवहार रखने वाले, स्पष्ट वक्ता और स्वाभिमानी व्यक्ति थे। कबीरपंथियों की जीवन-शैली को उन्होंने निकट से देखा होगा। गृहस्थ बने रहकर भी साधु-संत जैसा आचरण उनको भाया होगा। इन सभी कारणों से कबीर के प्रति उनकी श्रद्धा बढ़ती गई होगी।

प्रश्न 6.
‘लखनवी अंदाज’ पाठ में लेखक के व्यंग्य का लक्ष्य क्या है ? व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
इस गद्यांश में लेखक ने लखनऊ के नवाबों और तथाकथित खानदानी रईसों की बनावटी और दिखावटी जीवन-शैली पर व्यंग्य किया है। अपने आपको आम आदमियों से विशिष्ट दिखाने के फेर में ये नज़ाकत, नफासत और तहज़ीब का ऐसा नाटक पेश किया करते हैं जो इन्हें वाहवाही दिलाने के बजाय हँसी का पात्र बना देते हैं। लेखक का व्यंग्य इन लोगों की इसी दिखावटी जीवन-शैली पर केन्द्रित है।

RBSE Solutions

प्रश्न 7.
‘खाँ साहब हमेशा संगीत के नायक बने रहेंगे’ लेखक ने ऐसा क्यों कहा है ?
उत्तर :
खाँ साहब का भारतीय संगीत जगत् को प्रतिष्ठा दिलाने में अपूर्व योगदान रहा। उनको अनेक विश्व विद्यालयों, संगीत-नाटक अकादमी तथा भारत सरकार से उपाधियाँ और अलंकरण मिले लेकिन उनकी असली पहचान उनकी अथक और अजेय संगीत यात्रा थी। उन्होंने अस्सी बरस तक संगीत को संपूर्णता से सीखने की ललक को जिंदा रखा। यह बात उन्हें संगीत का नायक सिद्ध करती है।

प्रश्न 8.
‘हरि हैं राजनीति पढ़ि आए’ पद से आज निरंतर हो रहे जीवन-मूल्यों के ह्रास का संकेत मिलता है। इस कथन पर अपना मत स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
आज अपने लाभ के लिए मनुष्य कुछ भी कर सकता है और कह सकता है। राजनीति में छल-कपट को अनुचित नहीं माना जाता। आज का मनुष्य अपना काम निकालने के लिए चतुराई, चालाकी, कूटनीति का प्रयोग खुलेआम करता है। इस प्रकार अप्रत्यक्ष रूप में यह पद आज हो रहे जीवन-मूल्यों के निरादर और उपेक्षा की ओर संकेत करता है।

प्रश्न 9.
राम और परशुराम के बीच क्या बातें हुईं? ‘लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ पाठ के आधार लिखिए।
उत्तर :
जब परशुराम ने स्वयंवर-सभा में आकर पूछा कि यह शिव का धनुष किसने तोड़ा है, तो राम ने उत्तर दिया कि धनुष तोड़ने वाला उनका (परशुराम का) कोई दास ही होगा। यह सुनकर परशुराम क्रोधित हो गए और कहा कि सेवक तो सेवा करने वाला होता है। धनुष तोड़ने वाला तो उनका शत्रु है। अतः वह राजाओं के बीच से अलग खड़ा हो जाए, अन्यथा सारे राजा मारे जाएँगे।

प्रश्न 10.
‘कन्यादान’ कविता में जिस लड़की को आधार बनाया गया है, उसकी विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर :
‘कन्यादान’ कविता में जिस लड़की के विवाह का वर्णन आया है, वह आयु से परिपक्व नहीं है। वह सीधी-सादी है तथा विवाह के बाद जीवन में आने वाली समस्याओं का उसे कुछ भी आभास नहीं है। वह विवाह के सुख की केवल कल्पना कर सकती है। इस कविता से बाल-विवाह का भी संकेत मिलता है।

प्रश्न 11.
‘उत्साह’ कविता के शीर्षक की सार्थकता पर विचार कीजिए।
उत्तर :
कवि ने इस रचना को ‘उत्साह’ शीर्षक प्रदान किया है। बादलों की हलचल और उनका गर्जन कवि के मन में किसी नई काव्य-रचना की प्रेरणा जगा रहा है। बादलों के गर्जन में उसे प्रोत्साहन के स्वर सुनाई दे रहे हैं। कवि चाहता है कि वह ऐसी कविता लिखे जो समाज के पिछड़े और रूढ़िग्रस्त स्वरूप को बदलकर उसको नया प्रगतिशील रूप प्रदान कर सके।

RBSE Solutions

प्रश्न 12.
‘माता का अँचल’ पाठ में बच्चे बारात का जुलूस किस प्रकार निकालते थे ?
उत्तर :
बच्चे अनेक खेल-खेलते थे। कभी-कभी वे बारात का जुलूस निकालते थे। टूटी चूहेदानी की पालकी बनायी जाती थी। कनस्तर को तँबूरा और अमोले को शहनाई बनाकर बजाया जाता था। भोलानाथ समधी बनता और बकरे पर सवार हो जाता। बारात दूसरे छोर पर बने चबूतरे तक जाती। उसे कन्या का घर माना जाता था। सभी बच्चे इसमें बाराती बनकर सम्मिलित होते थे।

प्रश्न 13.
“नयी दिल्ली में सब था ……………………… सिर्फ नाक नहीं थी।” इस कथन के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है ? 2
उत्तर :
इस कथन के माध्यम से लेखक ने स्वतंत्र भारत के शासकों की मनोवृत्ति पर तीखा व्यंग्य किया है। इंग्लैंड की महारानी के स्वागत में पलक-पाँवड़े बिछाने वाले इन शासकों ने भले ही भारतीयों को सारी-सुख सुविधाएँ उपलब्ध करा दी हों, दिल्ली को दुलहन की तरह सजा दिया हो, लेकिन इन लोगों में राष्ट्रीय स्वाभिमान का लेशमात्र अंश भी नहीं था। नई दिल्ली में नाक न होना स्वतंत्र भारत के शासक-प्रशासकों का स्वाभिमानशून्य होना प्रदर्शित करता है।।

प्रश्न 14.
पलामू और गुमला के जंगलों तथा यूमथांग के पहाड़ी प्रदेश में काम करने वाली महिलाओं में क्या समानता है ?
उत्तर :
पलामू और गुमला के जंगलों तथा यूमथांग के पहाड़ी प्रदेश की महिलाएँ अत्यन्त परिश्रमी हैं। जंगलों में आदिवासी महिलायें अपनी पीठ पर बच्चों को बाँधकर तेंदू पत्तों की तलाश में भटकती हैं। पर्वतीय प्रदेश की महिलायें भी ऐसा ही करती हैं। दोनों स्थानों की महिलायें मातृत्व का निर्वाह करते हुए कठोर श्रम भी करती हैं।

प्रश्न 15.
‘रामवृक्ष बेनीपुरी’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
अथवा
‘स्वयं प्रकाश’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
उत्तर :
मॉडल 1 व 2 के प्रश्न 15 का उत्तर देखें।

प्रश्न 16.
‘तुलसीदास’ का जीवन व कृतित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
अथवा
‘नागार्जुन’ का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
उत्तर :
मॉडल 6 व 5 के प्रश्न 16 का उत्तर देखें। खण्ड – (स)

RBSE Solutions

खण्ड – (स)

प्रश्न 17.
निम्नांकित पठित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) (1 + 2 = 3)

नवाब साहब ने बहुत करीने से खीरे की फाँकों पर जीरा-मिला नमक और लाल मिर्च की सुर्थी बुरक दी। उनकी प्रत्येक भाव-भंगिमा और जबड़ों के स्फुरण से स्पष्ट था कि उस प्रक्रिया में उनका मुख खीरे के रसास्वादन की कल्पना से प्लावित हो रहा था। हम कनखियों से देखकर सोच रहे थे, मियाँ रईस बनते हैं, लेकिन लोगों की नज़रों से बच सकने के खयाल में अपनी असलियत पर उतर आए हैं।
अथवा
पानवाले के लिए यह एक मजेदार बात थी लेकिन हालदार साहब के लिए चकित और द्रवित करने वाली। यानी वह ठीक ही सोच रहे थे। मूर्ति के नीचे लिखा ‘मूर्तिकार मास्टर मोतीलाल’ वाकई कस्बे का अध्यापक था। बेचारे ने महीने-भर में मूर्ति बनाकर पटक देने का वादा कर दिया होगा। बना भी ली होगी लेकिन पत्थर में पारदर्शी चश्मा कैसे बनाया जाए-काँचवाला यह तय नहीं कर पाया होगा। या कोशिश की होगी और असफल रहा होगा। या बनाते-बनाते ‘कुछ और बारीकी’ के चक्कर में चश्मा टूट गया होगा। या पत्थर का चश्मा अलग से बनाकर फिट किया होगा और वह निकल गया होगा। उफ …….!
उत्तर :
संदर्भ एवं प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश पाठ्यपुस्तक ‘क्षितिज भाग-2’ में संकलित व्यंग्य रचना ‘लखनवी अंदाज’ से लिया गया है। इसके लेखक ‘श्री यशपाल’ हैं। लेखक नवाब साहब की भाव-भंगिमा और खीरे खाने की आतुरता का बड़ी बारीकी से चित्रण कर रहा है।

व्याख्या-नवाब साहब बड़ी लगन से खीरे की फाँकों पर जीरा, लालमिर्च और नमक छिड़क रहे थे। उस समय उनके मुख पर प्रकट होते भाव और खीरे के खाने की ललक स्पष्ट दिखाई दे रही थी। उनके जबड़े स्वतः ही हिल रहे थे। इन गतिविधियों से स्पष्ट हो रहा था कि नवाब साहब को बिना खाए ही खीरे का स्वाद आ रहा था। उनके मुँह में बार-बार पानी आ रहा था। लेखक इस सारे दृश्य को तिरछी नजरों से देख रहा था और सोच रहा था कि नवाब साहब खुद को रईस समझते हैं लेकिन खीरे जैसी साधारण वस्तु पर ललचानां उनकी असलियत को प्रकट कर रहा था।

RBSE Solutions

प्रश्न 18.
निम्नांकित पठित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) (1 + 2 = 3)

ऊधौ, तुम हौ अति बड़भागी।
अपरस रहत सनेह तगा तैं, नाहिन मन अनुरागी।
पुरइनि पात रहत जल भीतर, ता रस देह न दागी।
ज्यौं जल माह तेल की गागरि, बूंद न ताकौं लागी।
प्रीति-नदी में पाउँ न बोर्यो, दृष्टि न रूप परागी।
‘सूरदास’ अबला हम भोरी, गुर चाँटी ज्यौं पागी।
अथवा
अट नहीं रही है
हट नहीं रही है।
आभा फागुन की तन
पत्तों से लदी डाल
सट नहीं रही है।
कहीं हरी, कहीं लाल,
कहीं साँस लेते हो,
कहीं पड़ी है उर में
घर-घर भर देते हो,
मंद-गंध-पुष्य-माल,
उड़ने को नभ में तुम
पाट-पाट शोभा-श्री
पर-पर कर देते हो,
पट नहीं रही है।
आँख हटाता हूँ तो
उत्तर:
सन्दर्भ तथा प्रसंग-प्रस्तुत पद सूरदास की रचना ‘सूरसागर’ महाकाव्य के ‘भ्रमर गीत’ प्रसंग से लिया है। पाठ्यपुस्तक ‘क्षितिज’ में संकलित इस पद में गोपियों द्वारा उद्धव पर व्यंग्य किया गया है।

RBSE Solutions

व्याख्या-गोपियाँ उद्धव पर व्यंग्य करती हुई कहती हैं- “हे उद्धव ! आप सचमुच बड़े भाग्यशाली हैं। आप प्रेम की डोर से मुक्त रहे हो। कभी प्रेम-बंधन में नहीं पड़े। आपके मन में प्रेम का अनुभव ही नहीं आया। जैसे कमलिनी के पत्ते जल के भीतर रहते हुए भी उससे नहीं भीगते उसी प्रकार आप भी संसार में रहते हुए प्रेम के तरल स्पर्श से वंचित रहे हैं। जैसे तेल से लिपी हुई गगरी जल के बीच रहते हुए भी उसकी एक बूंद भी अपने ऊपर नहीं ठहरने देती, उसी प्रकार प्रेम-जगत् में रहते हुए भी आप उसका बूंद भर भी आस्वाद नहीं पा सके।

प्रेम रूपी नदी में स्नान करना तो दूर आपने तो उसमें कभी पैर तक नहीं डुबोया। आपकी दृष्टि कभी किसी के रूप पर मुग्ध नहीं हुई। ये तो हम ही भोली-भाली नारियाँ हैं जो। श्रीकृष्ण के प्रेम-जाल में उसी प्रकार फँसी ‘पड़ी हैं जैसे मिठास की लोभी चीटियाँ गुड़ से चिपकी रह जाती हैं।”

प्रश्न 19.
कबीर पंथ मानव को किस प्रकार जीने की प्रेरणा देता है ? बालगोबिन भगत’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) (3)
अथवा
‘लखनऊ की नवाबी नस्ल के एक सफेदपोश सज्जन’ इन शब्दों में लेखक ने क्या व्यंग्य किया है? (3)
उत्तर:
इन शब्दों में कहानीकार ने लखनऊ के उन लोगों पर व्यंग्य किया है जो खुद को किसी नवाब खानदान का वंशज मानते हुए आम आदमियों से विशिष्ट समझते हैं। अब नवाबी तो नहीं रही लेकिन ये नवाबियत के खंडहर नवाबी ठसक को अभी भी ढो रहे हैं। इनकी बोलचाल, खान-पान, वेश-भूषा हर चीज में वही नफासत, सलीका तथा नाजुकमिजाजी का दिखावा रहता है।

लेखक ने अपनी खानदानी रईसी और नवाबी नस्ल के गुमान में रहने की इनकी मानसिकता पर व्यंग्य किया है। उनकी ये हरकतें इनको हास्यास्पद प्राणी के रूप में ही पेश करती हैं। नवाबी मानसिकता से ग्रस्त लोगों के बारे में लेखक की राय है कि वे खुद को आम आदमियों से श्रेष्ठ मानते हैं और ऐसा दिखाने की कोशिश भी करते हैं। उनके आचरण में दिखावा और बनावटीपन झलकता है।

प्रश्न 20.
‘आत्मकथ्य’ कविता से प्रसादजी के मानव-जीवन के प्रति तथा आत्मकथा लेखन के प्रति क्या विचार सामने आते हैं? (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) (3)
अथवा
‘यह दंतुरित मुसकान’ कविता में कवि ने मानव जीवन के किस सत्य को प्रकट किया है ? (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) (3)
उत्तर:
कवि ने भौरों तथा पत्तियों के उदाहरणों द्वारा मानव-जीवन की नश्वरता की ओर संकेत किया है। इससे जीवन के प्रति उनका निराशाजनक दृष्टिकोण सामने आता है। अनेक धोखे खाने पर भी कवि ने सरलता में अपना पूर्ण विश्वास प्रकट किया है। इतने पर भी कवि अपने सरल व्यवहार से पूर्ण संतुष्ट है।

वह नहीं चाहता कि आत्मकथा में सरलता के कारण पहुँचे आघातों का विवरण देकर वह सरलता को व्यंग्य और उपहास का पात्र बनाए। सरलता का सम्मान गिराना कवि को स्वीकार नहीं है। लेखक की दृष्टि में आत्मकथा लेखन की कोई उपयोगिता नहीं है। आत्मकथा लिखने वाले लोग स्वयं अपने को ही व्यंग्य और उपहास का पात्र बनाते हैं। अपनी दुर्बलताओं, भलों को सार्वजनिक करना कवि की दृष्टि में निरर्थक है।

RBSE Solutions

खण्ड – (द)

प्रश्न 21.
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक पर 300-350 शब्दों में सारगर्भित निबन्ध लिखिए।

(अ) बढ़ती जनसंख्या : विकट चुनौती
(i) समस्याओं की जड़
(ii) जनसंख्या वृद्धि के कारण
(iii) बढ़ती जनसंख्या के दुष्परिणाम
(iv) नियंत्रण के उपाय
(v) उपसंहार

(ब) सैटेलाइट चैनलों का बढ़ता जाल : प्रभाव और प्रदूषण
(i) टी. वी. संस्कृति और उसका दुष्प्रभाव
(ii) किशोरों के मन पर कलुषित प्रभाव
(iii) मर्यादा विहीन ‘आचरण’
(iv) सांस्कृतिक मूल्यों में गिरावट
(v) उपसंहार

(स) मेरी कल्पना का विद्यालय
(i) विद्यालय में क्या है अनावश्यक
(ii) विद्यालय में क्या है आवश्यक
(iii) विद्यालय और परिवेश
(iv) उपसंहार

(द) मोबाइल फोन : दैनिक जीवन में
(i) मोबाइल फोन का बढ़ता प्रचार
(ii) मोबाइल फोन से लाभ
(iii) मोबाइल फोन से हानि
(iv) उपसंहार
उत्तर :
(अ) सैटेलाइट चैनलों का बढ़ता जाल : प्रभाव और प्रदूषण

RBSE Solutions

(i) टी. वी. संस्कृति और उसका दुष्प्रभाव – टी. वी. आज हमारे नित्य-जीवन का एक अंग बन गया है। सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शित हो रहे टी.वी. चैनल्स ने अपनी विविधता, मोहकता और सुविचारित व्यावसायिकता के बल पर समाज के एक बड़े भाग पर अपना सांस्कृतिक साम्राज्य स्थापित कर लिया है।

जिसे टी. वी. संस्कृति कहा जाता है वह उपभोग प्रधान, दिखावे से परिपूर्ण पाश्चात्य संस्कृति है। इस टी. वी. संस्कृति ने देश के युवावर्ग को गहराई से प्रभावित किया है। दूरदर्शन संस्कृति ने युवाओं में भारतीय जीवन मूल्यों के प्रति अवज्ञा तो उत्पन्न की ही है, उसे उसके पारंपरिक संस्कारों से भी विमुख कर दिया है। उसकी भाषा, वेशभूषा, खान-पान, हाव-भाव सब टी.वी. के रंग में रंगे हुए हैं।

(ii) किशोरों के मन पर कलुषित प्रभाव – किशोर-मन बड़ा संवेदनशील और बाहरी चमक-दमक से सहज प्रभावित होने वाला होता है। टी. वी. ने किशोर वर्ग की इस दुर्बलता का पूरा लाभ उठाया है। उसे फैशन प्रिय, मिथ्या प्रेम-प्रसंगों का दीवाना और सामाजिक मर्यादाओं का विरोधी बना दिया है। टी. वी. कार्यक्रमों में मन को दूषित करने वाले दृश्यों की भरमार होती है।

(iii) मर्यादाविहीन आचरण को प्रोत्साहन – टी. वी. कार्यक्रम युवा और किशोर वर्ग को व्यक्तित्व निर्माण और उचित पथ-प्रदर्शन के बजाय सस्ता मनोरंजन परोस रहे हैं। टी. वी. कार्यक्रमों में युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता के नाम पर सामाजिक और पारिवारिक मर्यादाओं को तोड़ने के लिए उकसाया जाता है। इससे जहाँ परिवार बिखर रहे हैं वहीं जीवन तनावों से भरता जा रहा है।

(iv) सांस्कृतिक मूल्यों में गिरावट – पश्चिम की ‘खाओ-पिओ’ प्रधान संस्कृति ने भारतीय संस्कृति के महान मूल्यों की उपेक्षा कराई है। सत्य, न्याय, अहिंसा, शील, करुणा आदि पिछड़ेपन की निशानी बन गई है। इस स्थिति के लिए दूरदर्शन बहुत हद तक जिम्मेदार है। टी. वी. के कारण समय का भी दुरुपयोग हो रहा है। बच्चे, किशोर और युवा टी. वी. देखने में अपना बहुत-सा समय नष्ट कर देते हैं। इससे इनकी दिनचर्या अव्यवस्थित होती है और स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है।

(v) उपसंहार – यद्यपि अनेक चैनल ज्ञान वर्धक, सांस्कृतिक और चरित्र-निर्माण की प्रेरणा देने वाले कार्यक्रम भी प्रस्तुत करते हैं, लेकिन उनमें नई पीढ़ी की कोई रुचि नहीं होती। दूरदर्शन एक बड़ा प्रभावपूर्ण माध्यम है। यदि उसका उपयोग नई पीढ़ी को सँवारने में हो तो एक आदर्श युवा शक्ति का निर्माण हो सकता है लेकिन आज तो दूरदर्शन ‘बोतल से बाहर आए जिन्न’ के समान है जिसे सम्हाल पाना बड़ा कठिन प्रतीत होता है।

RBSE Solutions

प्रश्न 22.
प्रधानाचार्य को बस चालक द्वारा बस तेज चलाने व ठीक समय पर स्टॉप पर न पहुंचने की शिकायत करते हुए पत्र लिखिए।
अथवा
आपके छोटे भाई ने बोर्ड की परीक्षा में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। पुरस्कार में वह पिताजी से एक मोटर साइकिल चाहता है। उसे पत्र लिखकर समझाइए कि वयस्क होने से पहले वाहन चलाना ठीक नहीं। (4)
उत्तर :
अशोक प्रधान
गली नं. 4
दौसा रोड
जयपुर
दिनांकः 13.03.20_ _
प्रिय मनोरम
स्नेह!
आजकल तुम बहुत खुश होगे। मुझे घर से समाचार मिला कि तुमने इस बार दसवीं की परीक्षा में 95 प्रतिशत अंक पाए हैं तथा पूरे विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। तुम्हें बहुत-बहुत बधाई!

पिताजी बता रहे थे कि वे तुम्हारे लिए नई मोटर साइकिल खरीदने की योजना बना रहे हैं। तुमने पुरस्कार में मोटर साइकिल माँगी होगी। प्रिय मनोरम! मैं चाहता हूँ कि तुम मोटर साइकिल की जगह कोई और चीज ले लो। मोटर साइकिल लेने में दो परेशानियाँ हैं। पहली यह कि अभी तुम 18 साल के नहीं हुए हो। जब भी गाड़ी चलाओगे, पुलिस द्वारा पकड़े जाने का डर रहेगा। इस चक्कर में तुम सड़क पर आँख बचाकर निकलोगे।

भय और बचाव के कारण तुम्हें दुख अधिक मिलेंगे, सुख कम। दूसरे, अगर तुमने नई मोटर साइकिल ले ली तो इस पर सवारी करने का मन भी करेगा। तब तुम्हारा ध्यान पढ़ाई से हटकर सैर-सपाटे में लगेगा। आगे 11-12 कक्षा की पढ़ाई है। मैं चाहता हूँ कि तुम्हारा ध्यान इधर-उधर न भटके। इसलिए मोटर साइकिल दो साल बाद लेना।। आशा है, तुम मेरे सुझाव का सम्मान करोगे।

तुम्हारा भाई
अशोक प्रधान

RBSE Solutions

प्रश्न 23.
स्वच्छता ही स्वास्थ्य का दूसरा नाम है। अपने शहर को स्वच्छ बनाने के लिए नागरिकों को प्रेरित करने वाला एकविज्ञापन का आरेख 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए।
अथवा
देश की नदियाँ देश की अमूल्य निधि हैं। उनका जल हमारे लिए अमूल्य है। नदियों की पवित्रता बनाए रखने के लिए 25-50 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर :
RBSE 10th Hindi Model Paper Set 4 with Answers 1

Share this:

  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)

Related

Filed Under: Model Papers

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Recent Posts

  • RBSE Solutions for Class 6 Maths Chapter 6 Decimal Numbers Additional Questions
  • RBSE Solutions for Class 11 Psychology in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 11 Geography in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 Hindi
  • RBSE Solutions for Class 3 English Let’s Learn English
  • RBSE Solutions for Class 3 EVS पर्यावरण अध्ययन अपना परिवेश in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 Maths in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 3 in Hindi Medium & English Medium
  • RBSE Solutions for Class 4 Hindi
  • RBSE Solutions for Class 4 English Let’s Learn English
  • RBSE Solutions for Class 4 EVS पर्यावरण अध्ययन अपना परिवेश in Hindi Medium & English Medium

Footer

RBSE Solutions for Class 12
RBSE Solutions for Class 11
RBSE Solutions for Class 10
RBSE Solutions for Class 9
RBSE Solutions for Class 8
RBSE Solutions for Class 7
RBSE Solutions for Class 6
RBSE Solutions for Class 5
RBSE Solutions for Class 12 Maths
RBSE Solutions for Class 11 Maths
RBSE Solutions for Class 10 Maths
RBSE Solutions for Class 9 Maths
RBSE Solutions for Class 8 Maths
RBSE Solutions for Class 7 Maths
RBSE Solutions for Class 6 Maths
RBSE Solutions for Class 5 Maths
RBSE Class 11 Political Science Notes
RBSE Class 11 Geography Notes
RBSE Class 11 History Notes

Copyright © 2023 RBSE Solutions

 

Loading Comments...