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RBSE 10th Hindi Model Paper Set 7 with Answers

March 24, 2022 by Prasanna Leave a Comment

Students must start practicing the questions from RBSE 10th Hindi Model Papers Set 7 with Answers provided here.

RBSE Class 10 Hindi Model Paper Set 7 with Answers

पूर्णाक : 80
समय : 2 घण्टा 45 मिनट

परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश:

  • परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
  • सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
  • जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
  • प्रश्न का उत्तर लिखने से पूर्व प्रश्न का क्रमांक अवश्य लिखें।
  • प्रश्नों का अंकभार निम्नानुसार है –
खण्ड प्रश्नों की संख्या अंक प्रत्येक प्रश्न कुल अंक भार
खण्ड-अ 1 (1 से 12), 2 (1 से 6),3 (1 से 12) 1 30
खण्ड-ब 4 से 16 = 13 2 26
खण्ड-स 17 से 2014 3 12
खण्ड-द 21 से 23 = 3 4 12

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

खण्ड (अ)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों का उत्तर लिखिए : (5 x 1 = 5)

व्यक्ति तथा समाज का सम्बन्ध सापेक्ष कहा जा सकता है, क्योंकि एक के अभाव में दूसरे की उपस्थिति सम्भव नहीं। व्यक्ति के स्वत्वों की रक्षा के लिए समाज बना है और समाज के अस्तित्व के लिए व्यक्ति की आवश्यकता रहती है। व्यक्ति एक सामाजिक प्राणी है। वह स्वतन्त्र और परतन्त्र दोनों ही है। जहाँ तक वैयक्तिक हितों की रक्षा के लिए निर्मित नियमों का सम्बन्ध है, व्यक्ति परतन्त्र ही कहा जाएगा क्योंकि वह कोई ऐसा कार्य करने के लिए स्वच्छंद नहीं, जिससे अन्य सदस्यों को हानि पहुँचे, परन्तु अपने और समाज के व्यक्तिगत तथा सार्वजनिक विकास के क्षेत्र में व्यक्ति पूर्णतः स्वतन्त्र रहता है। मनुष्य जाति का, बर्बरता की स्थिति से निकलकर मानवीय गुणों तथा कला-कौशल में वृद्धि करते हुए सभ्य और सुसंस्कृत होते जाना ही उसका विकास है। व्यक्ति जब वैयक्तिक हानि-लाभ को केन्द्रबिन्दु बनाकर अपनी सार्वजनिक उपयोगिता को भूलने लगता है तब समाज की व्यवस्था और उसके सामूहिक विकास में बाधा पहुँचने लगती है।

1. समाज का निर्माण किसलिए हुआ ?
(अ) व्यक्ति के हित के लिए
(ब) व्यक्ति की रक्षा के लिए
(स) व्यक्ति के अधिकार की रक्षा के लिए
(द) भेद-भाव का विरोध करने के लिए।
उत्तर :
(स) व्यक्ति के अधिकार की रक्षा के लिए

2. व्यक्ति को किस रूप में स्वतन्त्र नहीं कहा जा सकता ?
(अ) दूसरों को कष्ट पहँचाने में
(अ) दूसरों का दुःख बाँटने में।
(स) दूसरों पर दया दिखाने में
(द) दूसरों की सहायता करने में।
उत्तर :
(अ) दूसरों को कष्ट पहँचाने में

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

3. समाज की व्यवस्था और उसके सामूहिक विकास में बाधा पहुँचने लगती है, जब मानव –
(अ) अपने स्वार्थ को सर्वोपरि समझता है
(ब) अपने नुकसान-फायदे के कारण सार्वजनिक उपयोगिता को भूलने लगता है
(स) व्यक्तिगत विकास को ही प्रमुखता देता है
(द) केवल अपने परिवार के सदस्यों का ही कल्याण चाहता है।
उत्तर :
(ब) अपने नुकसान-फायदे के कारण सार्वजनिक उपयोगिता को भूलने लगता है

4. ‘व्यक्ति तथा समाज का सम्बन्ध सापेक्ष है’ कथन में ‘सापेक्ष’ शब्द का अर्थ है
(अ) दोनों की सत्ता एक-दूसरे पर आधारित है
(ब) व्यक्ति समाज के बिना नहीं रह सकता
(स) समाज व्यक्ति के बिना प्राणहीन है
(द) दोनों का सम्बन्ध गहरा है।
उत्तर :
(अ) दोनों की सत्ता एक-दूसरे पर आधारित है

5. उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक है
(अ) समाज का अस्तित्व
(ब) सार्वजनिक विकास
(स) व्यक्ति व समाज का सम्बन्ध
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर :
(स) व्यक्ति व समाज का सम्बन्ध

निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों का उत्तर लिखिए

ऋषि-मुनियों, साधु-सन्तों को
नमन, उन्हें मेरा अभिनन्दन।
जिनके तप से पूत हुई है
भरत देश की स्वर्णिम माटी
जिनके श्रम से चली आ रही
युग-युग से अविरल परिपाटी।
जिनके संयम से शोभित है
जन-जन के माथे पर चंदन।
कठिन आत्म-मंथन के हित
जो असि-धारा पर चलते हैं।
पर-प्रकाश हित पिघल-पिघल कर
मोम-दीप-सा जलते हैं।
जिनके उपदेशों को सुनकर
सँवर जाए जन-जन का जीवन
सत्य-अहिंसा जिनके भूषण
करुणामय है जिनकी वाणी
जिनके चरणों से है पावन
भारत की यह अमिट कहानी।
उनसे ही आशीष, शुभेच्छा,
पाने को करता पद-वंदन।

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

6. ऋषि-मुनि व साधु-सन्त नमन करने योग्य हैं, क्योंकि
(अ) तप, श्रम एवं संयम का आदर्श प्रस्तुत किया है
(ब) जंगल में रहकर तपस्या करते हैं
(स) उन्होंने धन-संचय नहीं किया है
(द) वे पूज्य होते हैं।
उत्तर :
(अ) तप, श्रम एवं संयम का आदर्श प्रस्तुत किया है

7. “असि धारा पर चलते हैं” से क्या आशय है
(अ) तलवार की धार पर चलते हैं
(ब) लोकहित में कष्ट झेलते हैं
(स) कष्टों को बुलाते हैं
(द) तलवार से कष्टों को हटाते हैं।
उत्तर :
(ब) लोकहित में कष्ट झेलते हैं

8. दीपक के समान जलकर वह
(अ) जन-जीवन को सँवारते हैं
(ब) अन्धकार हटाकर उजाला करते हैं
(स) गरीबों का कष्ट दूर करते हैं
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(अ) जन-जीवन को सँवारते हैं

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

9. सत्य और अहिंसा भूषण हैं-
(अ) जन-जीवन के
(ब) गाँधीजी के
(स) ऋषि-मुनियों के
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(स) ऋषि-मुनियों के

10. उपर्युक्त पद्यांश का शीर्षक है
(अ) हमारे पूजनीय ऋषि-मुनि
(ब)अहिंसा-व्रती
(स) आत्मजयी साधु-सन्त
(द) महापुरुष।
उत्तर :
(अ) हमारे पूजनीय ऋषि-मुनि

11. साना साना हाथ जोड़ि ……………………………………….. यात्रावृत्त के रचनाकार हैं
(अ) शिवपूजन सहाय
(ब) कमलेश्वर
(स) मधु कांकरिया
(द) शिवप्रसाद मिश्र ‘रुद्र’
उत्तर :
(स) मधु कांकरिया

12. जॉर्ज पंचम की नाक को लेकर सरकारी तंत्र की बदहवासी उनकी किस मानसिकता को दर्शाती है?
(अ) स्वाभिमान को
(ब) आजादी की मानसिकता को
(स) गुलामी की मानसिकता को
(द) जुगाड़ की मानसिकता को
उत्तर :
(स) गुलामी की मानसिकता को

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए (6)
1. जिस शब्द से किसी एक व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि का बोध होता है, उसे ………………………………… संज्ञा कहते हैं। (1)
2. पुरुषवाचक सर्वनाम ………………………………… प्रकार के होते हैं। (1)
3. शब्द जो संख्या, क्रम या गणना का बोध कराते हैं, वे ………………………………… विशेषण कहे जाते हैं। (1)
4. क्रिया के भेद ………………………………… आधारों पर किये जाते हैं। (1)
5. हिन्दी में प्रायः ………………………………… प्रकार के उपसर्गों का प्रयोग होता है। (1)
6. संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण के बाद लगने वाले प्रत्यय ………………………………… प्रत्यय कहलाते हैं। (1)
उत्तर :
1. व्यक्तिवाचक,
2. तीन,
3. संख्यावाचक,
4. दो,
5. तीन,
6. तद्धित।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित अति लघूत्तरात्मक प्रश्नों के उत्तर दीजिए। प्रत्येक प्रश्न के लिए उत्तर सीमा लगभग 20 शब्द है। (6 x 1 = 6)

1. ‘सन्धि’ का अर्थ स्पष्ट कीजिए? 1
उत्तर :
‘सन्धि’ का अर्थ है-आपस में मेल। व्याकरण की भाषा में शब्दों या वर्णों के मेल को ‘सन्धि’ के नाम से जाना जाता है।

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

2. समास के कितने भेद होते हैं? नाम लिखिए।
उत्तर :
समास के छह भेद हैं-

  • अव्ययीभाव समास,
  • तत्पुरुष समास,
  • कर्मधारय समास,
  • द्विगु समास,
  • द्वन्द्व समास,
  • बहुव्रीहि समास।

3. ‘आग लगने पर कुआँ खोदना’ मुहावरे का अर्थ लिखिए।
उत्तर :
अर्थ-आपत्ति आने के बाद उससे बचने का प्रयत्न या उपाय करना।

4. ‘सूर समर करनी करहिं कहि न जनावहिं आपु’- लोकोक्ति का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
अर्थ-सुयोग्य व्यक्ति अपनी सामर्थ्य को काम करके और उसमें सफल होकर प्रकट करते हैं, अपनी योग्यता का वर्णन अथवा आत्म-प्रशंसा करके नहीं।

5. हालदार साहब उस कस्बे से क्यों गुजरते थे ?
उत्तर :
हालदार साहब किसी कम्पनी में काम करते थे। उस कम्पनी के काम से उनको आना-जाना होता था तथा हर पन्द्रहवें दिन उस कस्बे से गुजरना पड़ता था।

6. लेखिका मनू भंडारी के व्यक्तित्व पर किन-किन व्यक्तियों का प्रभाव पड़ा ?
उत्तर :
लेखिका के व्यक्तित्व को प्रमुख रूप से दो व्यक्तियों ने गहराई से प्रभावित किया। एक थे उसके पिता और दूसरी थीं हिन्दी की प्राध्यापिका शीला अग्रवाल।।

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

7. शहनाई की दुनिया में डुमराँव को क्यों याद किया जाता है ?
उत्तर :
डुमराँव प्रसिद्ध शहनाई वादक बिस्मिल्ला खाँ की जन्मभूमि है और यहाँ की सोन नदी के तट पर नरकट घास मिलती है जिससे शहनाई की रीड बनाई जाती है।

8. गोपियों के अनुसार राजा का धर्म क्या होना चाहिए ?
उत्तर :
गोपियों के अनुसार राजा का धर्म अपनी प्रजा की रक्षा करना होता है। अच्छा राजा अपनी प्रजा को सताता नहीं है अपितु उसको संकट से बचाता है।

9. “होइहि केउ एक दास तुम्हारा” राम ने इस पंक्ति में ‘दास’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया है?
उत्तर :
राम ने ‘दास’ शब्द का प्रयोग अपने लिए किया है क्योंकि वही धनुष को तोड़ने वाले हैं।

10. कवि बादल से गरजने का आग्रह क्यों कर रहा है ?
उत्तर :
कवि बादल के गर्जन से चाहता है कि जड़ता से ग्रसित समाज में बादल गरज कर नव-जीवन का संचार करें।

11. बच्चे माता-पिता के प्रति अपने प्रेम को कैसे अभिव्यक्त करते हैं ? ‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर :
बच्चे माता-पिता के प्रति अपना प्रेम सदा उनके साथ रहकर, उनको अपने खेल से रिझाकर, उनकी गोद में बैठकर तथा मचलकर अभिव्यक्त किया करते हैं।

12. ‘धर्म-चक्र’ क्या है ? इसका प्रयोग कौन करता है तथा क्यों ? साना-साना हाथ जोड़ि….. पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर :
‘धर्म-चक्र’ एक घूमता हुआ चक्र होता है। बौद्ध धर्म को मानने वाले इसको घुमाकर प्रार्थना करते हैं। उनकी मान्यता है कि ऐसा करने से सारे पाप मिट जाते हैं।

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

खण्ड – (ब)

निर्देश-प्रश्न सं. 04 से 16 तक के लिए प्रत्येक प्रश्न के लिए अधिकतम उत्तर सीमा 40 शब्द है।

प्रश्न 4.
हालदार साहब को मूर्ति में हर बार क्या अंतर दिखाई देता था ? उनकी जिज्ञासा का समाधान किसने किया? 2
उत्तर :
हालदार साहब जब भी मूर्ति के सामने से गुजरते थे तो उन्हें मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई देता था। यह अंतर था मूर्ति पर लगे चश्मे के फ्रेम का बदल जाना। पहले तो हालदार साहब ने इसे मनोरंजन के रूप में लिया लेकिन जब उनसे नहीं रहा गया तो उन्होंने पानवाले से इसके बारे में पूछा। उसने बताया कि कैप्टन चश्मेवाला यह काम करता है।

प्रश्न 5.
भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर अपनी भावनाएँ किस तरह व्यक्त की ?
उत्तर :
बालगोबिन भगत ने बड़े धैर्य और संयम का परिचय देते हुए भाग्य के इस कठोर प्रहार को सहन किया। मृत पुत्र के सामने बैठकर वह बड़े सहज भाव और तल्लीनता से भक्ति-संगीत गा रहे थे। विलाप करती पुत्रवधू को समझा रहे थे कि यह शोक का नहीं उत्सव का अवसर है। पुत्र की विरहिणी आत्मा अपने प्रियतम से जा मिली है।

प्रश्न 6.
नवाब साहब ने खीरे को खाने योग्य किस प्रकार बनाया ?
उत्तर :
नवाब साहब ने पहले खीरों को पानी से धोकर काटा और सिरों को गोद-गोदकर उनका कड़वा भाग निकाल दिया। इसके पश्चात् फाँके काट कर तौलिए पर करीने से रख दी। इसके बाद उन्होंने नमक, जीरा और लाल मिर्च का चूर्ण फाँकों पर बरक दिया। इस प्रकार उन्होंने खीरों को खाने योग्य बनाया।

प्रश्न 7.
शहनाई को ‘सुषिर वाद्यों में शाह’ की उपाधि क्यों दी गई होगी?
उत्तर :
संगीत शास्त्र के अनुसार फूंककर बजाए जाने वाले वाद्यों को सुषिर वाद्य कहा जाता है। शहनाई अरब देशों की देन मानी जाती है। शहनाई की ध्वनि सबसे मधुर होने के कारण उसे ‘शाहेनय’ अर्थात् ‘सुषिर वाद्यों में शाह’ कहा गया। ‘शाहेनय’ शब्द ही कालान्तर में ‘शहनाई’ हो गया।

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

प्रश्न 8.
गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है ?
उत्तर:
गोपियों ने उद्धव को भाग्यवान कहकर उन पर तीखा व्यंग्य किया है। उनको स्नेह के बंधन से मुक्त कहकर वस्तुतः वे उन्हें अभागा सिद्ध करना चाहती हैं। उद्धव भले ही बड़े ज्ञानी और योगी हों लेकिन वह प्रेम की मार्मिक अनुभूति से वंचित हैं। जो व्यक्ति किसी का प्रेम न पा सका वह गोपियों की दृष्टि में अभागा है।

प्रश्न 9.
लक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या-क्या विशेषताएँ बताईं ?
उत्तर :
लक्ष्मण ने बताया कि वीर योद्धा युद्ध-भूमि में अपनी वीरता का प्रदर्शन किया करते हैं, वे अपने बल-पौरुष की डींग नहीं हाँकते। वीर पुरुष में पराक्रम के साथ-साथ सहनशीलता भी होनी चाहिए। उसे अपने पौरुष का अहंकार नहीं होना चाहिए। युद्धभूमि में शत्रु को सामने पाकर अपनी वीरता की प्रशंसा करने वाले कायर कहलाते हैं।

प्रश्न 10.
आपके विचार से माँ ने ऐसा क्यों कहा कि लड़की होना पर लड़की जैसी मत दिखाई देना ?
उत्तर :
माँ चाहती है कि उसकी पुत्री में लड़कियों जैसी सरलता, धैर्य, निस्वार्थता आदि गण तो रहें लेकिन वह लड़की होने के नाते किसी भी प्रकार की हीनता, दुर्बलता और भीरुता से ग्रस्त न हो। शोषण और अन्याय का दृढ़ता से सामना करे। उसे लड़की समझकर कोई उसके साथ अशोभनीय आचरण न कर सके।

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

प्रश्न 11.
कवि फागुन के सौन्दर्य से क्यों अभिभूत है?
उत्तर :
फागुन मास की प्राकृतिक शोभा इतनी विविध और मनोहारी है कि कवि उस पर मुग्ध हो गया है। उसका मन उस शोभा को निरंतर देखते रहने को कर रहा है। घर-घर को महकाता पवन, आकाश में अठखेलियाँ करते पक्षी, पत्तों से लदी डालियाँ और मंद-सुगंध से परिपूर्ण पुष्प-समूह, इन सारे दृश्यों ने कवि की आँखों को मंत्रमुग्ध-सा कर दिया है।

प्रश्न 12.
आपके विचार से भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना व जाता है?
उत्तर :
भोलानाथ को अपने साथियों के साथ खेलने-कूदने और नाना प्रकार की शरारतें करने में बड़ा आनंद मिलता है। उन्हीं बाल-सखाओं को सामने देखकर उसका मन उनके साथ मस्ती करने को मचलने लगता है। इसी कारण वह सिसकना भूलकर बाल-मण्डली में शामिल हो जाता है।

प्रश्न 13.
‘और देखते ही देखते नयी दिल्ली का काया-पलट होने लगा।’ नयी दिल्ली के काया-पलट के लिए क्या-क्या प्रयत्न किए गए होंगे ? (2)
उत्तर :
नयी दिल्ली को हर तरह से एक शाही मेहमान की शान के अनुरूप सजाया-सँवारा गया होगा। हर तरह की गंदगी हटवाई गई होगी। सड़क किनारे के भवनों तथा सरकारी इमारतों की मरम्मत तथा रँगाई-पुताई कराई गई होगी। बिजली की सजावट, फव्वारों को चालू करना तथा यातायात का सुप्रबन्ध आदि कार्य भी कराए गए होंगे।

प्रश्न 14.
झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका को किस तरह सम्मोहित कर रहा था ?
उत्तर :
लेखिका ने रात में जब सिक्किम के गंतोक नगर को देखा तो वह ठगी-सी रह गई। सारा शहर सितारों भरी रात में रोशनी से जगमगा रहा था। वह अद्भुत दृश्य लेखिका की सुध-बुध भुला रहा था। उसे लग रहा था कि उसकी सारी संवेदनाएँ ठहर-सी गई थी। उसे अपने भीतर और बाहर एक शून्यता का अनुभव हो रहा था।

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

प्रश्न 15.
यतीन्द्र मिश्र का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
अथवा
यशपाल का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
उत्तर :
यतीन्द्र मिश्र का जन्म उत्तर प्रदेश के अयोध्या शहर में सन् 1977 में हुआ था। इन्होंने एम. ए. (हिन्दी) की परीक्षा लखनऊ विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण की। इनकी साहित्यिक उपलब्धियों के लिए इन्हें भारत भूषण अग्रवाल कविता सम्मान, हेमन्त स्मृति कविता पुरस्कार तथा ऋतुराज सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। रचनाएँ-यतीन्द्र मिश्र की प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं-यदा-कदा, अयोध्या तथा अन्य कविताएँ, ड्योढ़ी पर आलाप और गिरिजा।

प्रश्न 16.
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ का जीवन व कृतित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
अथवा
ऋतुराज का जीवन व कृत्तित्व परिचय संक्षेप में लिखिए।
उत्तर :
सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ का जन्म 1896 ई. में बंगाल के मेदिनीपुर गाँव में हुआ था। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा हाईस्कूल तक हुई। बाल्यावस्था में ही ‘निराला’ के माता-पिता उन्हें छोड़ स्वर्गवासी हो गए। युवावस्था में एक-एक करके पत्नी, भाई, भाभी तथा चाचा भी महामारी की भेंट चढ़ गए। अंत में उनकी परम प्रिय पुत्री सरोज भी उन्हें छोड़कर परलोक चली गई। मृत्यु के इस ताण्डव से ‘निराला’ टूट गए।

उनकी करुण व्यथा सरोज स्मृति’ नामक रचना के रूप में बाहर आई। सन् 1961 ई. में हिन्दी के इस निराले साहित्यकार का देहावसान हो गया। रचनाएँ-अनामिका, परिमल, गीतिका, तुलसीदास, कुकुरमुत्ता, नए पत्ते, राम की शक्तिपूजा, सरोज-स्मृति तथा लिली, चतुरी चमार, अपरा, अलका, प्रभावती और निरूपमा आदि गद्य रचनाएँ हैं।

खण्ड – (स)

प्रश्न 17.
निम्नांकित पठित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) (1 + 2 = 3)

शहनाई के इसी मंगलध्वनि के नायक बिस्मिल्ला खाँ साहब अस्सी बरस से सुर माँग रहे हैं। सच्चे सुर की नेमत। अस्सी बरस की पाँचों वक्त वाली नमाज़ इसी सुर को पाने की प्रार्थना में खर्च हो जाती है। लाखों सज़दे, इसी एक सच्चे सुर की इबादत में खुदा के आगे झुकते हैं। वे नमाज़ के बाद सज़दे में गिड़गिड़ाते हैं “मेरे मालिक एक सीर पैदा कर कि आँखों से सच्चे मोती की तरह अनगढ़ आँसू निकल आएँ।” उनको यकीन है, कभी खुदा यूँ ही उन पर मेहरबान होगा और अपनी झोली से सुर का फल निकालकर उनकी ओर उछालेगा, फिर कहेगा, ले जा अमीरुद्दीन इसको खा ले और कर ले अपनी मुराद पूरी।
अथवा
आज पीछे मुड़कर देखती हूँ तो इतना तो समझ में आता ही है क्या तो उस समय मेरी उम्र थी और क्या मेरा भाषण रहा होगा ! यह तो डॉक्टर साहब का स्नेह था जो उनके मुँह से प्रशंसा बनकर बह रहा था या यह भी हो सकता है कि आज से पचास साल पहले अजमेर जैसे शहर में चारों ओर से उमड़ती भीड़ के बीच एक लड़की का बिना किसी संकोच और झिझक के यों धुआँधार बोलते चले जाना ही इसके मूल में रहा हो। पर पिताजी ! कितनी तरह के अंतर्विरोधों के बीच जीते थे वे ! एक ओर ‘विशिष्ट’ बनने और बनाने की प्रबल लालसा तो दूसरी ओर अपनी सामाजिक छवि के प्रति भी उतनी ही सजगता।
उत्तर :
संदर्भ व प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश पाठ्य पुस्तक ‘क्षितिज भाग-2′ में संकलित पाठ नौबतखाने में इबादत’ से लिया गया है। इसके लेखक यतीन्द्र मिश्र हैं। लेखक शहनाई वाद्ययंत्र के इतिहास पर प्रकाश डाल रहा है।

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

व्याख्या-बिस्मिल्ला खाँ अद्वितीय शहनाईवादक माने गए हैं। वह अस्सी वर्षों से शहनाई बजाते आ रहे हैं। लेखक ने उन्हें शहनाई की मंगल ध्वनि का नायक बताया है। वह पाँचों वक्त की नमाज के बाद अल्लाह से यही माँगते थे कि वह उनको सच्चे सुर का वरदान दे। उनके शहनाई वादन में ऐसा प्रभाव उत्पन्न कर दे जिसे सुनकर श्रोता परमानंद में लीन हो जाएँ। उनके नेत्रों में प्रसन्नता के आँसू झलकने लगें।

अस्सी बरसों से सिजदे में सिर झुकाकर वह गिड़गिड़ाते हुए ऊपर वाले से यही प्रार्थना करने आ रहे थे। बिस्मिल्ला खाँ को पूरा विश्वास था कि एक दिन खुदा उनकी प्रार्थना अवश्य सुनेगा और उनकी इतनी लम्बी तपस्या से प्रसन्न होकर अपनी मेहरबानी की झोली से सच्चे सुर का फल निकालकर उनकी ओर फेंकेगा और कहेगा कि अमरुद्दीन (बिस्मिल्ला खाँ) उसे खा ले। इस प्रकार उनकी बरसों की मुराद पूरी हो जाएगी।

प्रश्न 18.
निम्नांकित पठित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द)

नाथ संभुधनु भंजनिहारा। होइहि केउ एक दास तुम्हारा।।
आयेसु काह कहिअ किन मोही। सुनि रिसाइ बोले मुनि कोही।।
सेवकु सो जो करै सेवकाई। अरिकरनी करि करिअ लराई।।
सुनहु राम जेहि सिवधनु तोरा। सहसबाहु सम सो रिपु मोरा।।
सो बिलगाउ बिहाइ समाजा। न त मारे जैहहिं सब राजा।।
सुनि मुनिबचन लखन मुसुकाने। बोले परसुधरहिं अवमाने।।
बहु धनुही तोरी लरिकाईं। कबहुँन असि रिस कीन्हि गोसाईं।।
येहि धनु पर ममता केहि हेतू। सुनि रिसाइ कह भृगुकुलकेतू।।
रे नृपबालक कालबस, बोलत तोहि न सँभार।
धनुही सम त्रिपुरारिधनु, बिदित सकल संसार।।
अथवा
तुम मुझे पाए नहीं पहचान?
देखते ही रहोगे अनिमेष !
थक गये हो ?
आँख लूँ मैं फेर ?
क्या हुआ यदि हो सके परिचित न पहली बार ?
यदि तुम्हारी माँ न माध्यम बनी होती आज
मैं न सकता देख
मैं न पाता जान
तुम्हारी यह दंतुरित मुसकान
उत्तर :
सन्दर्भ तथा प्रसंग-प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘क्षितिज’ में संकलित, कवि नागार्जुन की रचना ‘यह दंतुरित मुसकान’ से लिया गया है। यहाँ कवि अपने छोटे बालक से बात करके प्रसन्न हो रहा है।

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

व्याख्या- शिशु कवि को एकटक देख रहा है। वह उसे पहचान नहीं पा रहा है। कवि सोच रहा है कि वह उसे अपलक देखने से थक गया होगा। शिशु ने उसे पहली बार देखा है, वह कवि से परिचित नहीं है। शिशु की माँ ने ही उसका शिशु से परिचय कराया है। यदि माँ माध्यम न बनी होती तो कवि शिशु की इस दंतुरित, भोली और मनमोहक मुसकान से वंचित रह जाता।

प्रश्न 19.
भगत के जीवन की घटना के आधार पर मोह तथा प्रेम के अन्तर को समझाइए। (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द)
अथवा
लेखक को नवाब साहब के किन हाव-भावों से महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं ? 3
उत्तर:
मोह को दुर्गुण जबकि प्रेम एक दैवी गुण माना जाता है। मोह और प्रेम के बीच मूल अंतर भावना का है। मोह प्राय: स्वार्थमूलक होता है लेकिन सच्चे प्रेम में त्याग की भावना होती है। मोह प्रायः एकपक्षीय होता है लेकिन प्रेम उभयपक्षीय होता है। बालगोबिन भगत अपने दुर्बल और सुस्त पुत्र से प्रेम करते हैं। उसकी विशेष देखभाल करते हैं। बड़ी साध से उसका विवाह भी करते हैं लेकिन उन्हें पुत्र से मोह नहीं है। पुत्र की मृत्यु पर रोने-पीटने की जगह हम उन्हें शान्त भाव और तल्लीनता से भजन गाते दिखते हैं। इस घटना से पुत्र के प्रति उनके प्रेम का पता चलता है, मोह का नहीं।

प्रश्न 20.
उद्धव ज्ञानी थे, नीति की बातें जानते थे। गोपियों के पास ऐसी कौन-सी शक्ति थी जो उनके वाक्चातुर्य में मुखरित हो उठी ? (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) 3
अथवा
कवि नागार्जुन ने बच्चे की मुसकान के सौन्दर्य को किन-किन बिंबों के माध्यम से व्यक्त किया है ? (उत्तर सीमा लगभग 60 शब्द) 3
उत्तर:
उद्धव ज्ञानी और नीतिज्ञ अवश्य थे, लेकिन प्रेम के क्षेत्र में उनका अनुभव शून्य था। यदि उनके सामने कोई ज्ञानी और तर्क कुशल व्यक्ति होता तो वह शायद उसे अपने ज्ञान और तर्क-शक्ति से परास्त कर देते परन्तु उनके सामने तो व्यंग्य और कटाक्ष में पारंगत प्रेम में समर्पित गोपियाँ थीं। उनके पास न शास्वीय तर्क का बल था और न नीति का। वे तो प्रेम के ब्रह्मास्त्र को लेकर उद्धव के सामने डटी हुई थीं। निश्छल, निष्काम और एकनिष्ठ प्रेम ही उनकी शक्ति था जिसके समक्ष उद्धव का सारा ज्ञान और नीतिज्ञता असहाय-सी खड़ी दिखाई देती थी।

खण्ड (द)

प्रश्न 21.
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक पर 300-350 शब्दों में सारगर्भित निबन्ध लिखिए।
(अ) भारत के उन्नति की ओर बढ़ते कदम
(i) उज्ज्वल भविष्य के संकेत
(ii) प्रगति के आधार
(iii) विविध क्षेत्रों में प्रगति।
(iv) बाधाएँ और निराकरण
(v) उपसंहार

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

(ब्) जल बचाओः जीवन बचाओ
(i) जल की महत्ता
(ii) जल संरक्षण का तात्पर्य
(iii) राजस्थान में जल संरक्षण
(iv) जल संरक्षण के उपाय
(v) उपसंहार

(स) भ्रष्टाचारः प्रगति का शत्रु
(i) भ्रष्टाचार से आशय
(ii) विभिन्न क्षेत्रों में भ्रष्टाचार की स्थिति
(iii) भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए सुझाव
(iv) उपसंहार

(द) स्वस्थ तन तो स्वस्थ मन
(i) स्वस्थ रहना परम सुख
(iii) स्वस्थ रहने के उपाय
(ii) स्वस्थ जीवन के लाभ
(iv) उपसंहार
उत्तर :
(अ) भारत के उन्नति की ओर बढ़ते कदम

(i) उज्वल भविष्य के संकेत – इक्कीसवीं सदी भारत की होगी। भारत विश्व की महाशक्ति बनेगा। ऐसी घोषणाएँ भारत के राजनेताओं, अर्थशास्त्रियों और वैज्ञानिकों ने की है। अनेक विदेशी विद्वानों ने भी भारत के उज्ज्वल भविष्य की भविष्यवाणियाँ की हैं। क्या यह सपना सच होगा ? क्या वास्तव में हम महाशक्ति, विकसित राष्ट्र बनने के मार्ग पर बढ़ रहे हैं? इन प्रश्नों पर विचार करना आवश्यक है।

(ii) प्रगति के आधार- भारत की चहुँमुखी उन्नति के इन दावों और भविष्यवाणियों के पीछे कुछ ठोस आधार दिखायी देते हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने सभी क्षेत्रों में अपनी योग्यता का लोहा मनवाया है। हमने अपने आपको विश्व का सबसे बड़ा और स्थिर लोकतंत्र साबित किया है। हमारी अर्थव्यवस्था निरन्तर प्रगति कर रही है। पिछली विश्वव्यापी मंदी को हमने अपनी सूझ-बूझ से परास्त किया है।

हमारी अनेक कम्पनियों ने विदेशी कम्पनियों का अधिग्रहण करके भारत की औद्योगिक कुशलता का प्रमाण दिया है। हमारे शिक्षक, वैज्ञानिक और उद्योगपति विदेशों में भी अपनी प्रतिभा का डंका बजा रहे हैं। विज्ञान, चिकित्सा, व्यवसाय, कला, सैन्य-शक्ति, शिक्षा और संस्कृति, हर क्षेत्र में हमने नए-नए कीर्तिमान स्थापित किये हैं। ये सभी बातें भारत के उज्ज्वल भविष्य में हमारा विश्वास दृढ़ करती हैं।

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

(iii) विविध क्षेत्रों में प्रगति- इसमें संदेह नहीं कि भारत ने विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। हमारे वैज्ञानिकों ने अनेक मौलिक खोजें की हैं। अंतरिक्ष विज्ञान, चिकित्सा, अस्व-शस्त्रों का विकास, औद्योगिक कुशलता, दूर-संचार, परमाणु-शक्ति आदि क्षेत्रों में हमारी प्रगति उल्लेखनीय है। आर्थिक क्षेत्र में हमारी प्रगति का प्रमाण हमारी अर्थव्यवस्था की स्थिरता और निरंतर विकास से मिलता है।

जब विश्वव्यापी मंदी से संसार की बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ ढह रहीं थीं तब भारतीय अर्थव्यवस्था ने इससे अप्रभावित रहकर अपनी विश्वसनीयता प्रमाणित की। विदेशी निवेश का बढ़ना और विदेशी कम्पनियों का अधिग्रहण भी हमारी अर्थव्यवस्था की सफलता का प्रमाण देता है। इसके अतिरिक्त शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में भी हमने उल्लेखनीय प्रगति की है।

(iv) बाधाएं और निराकरण-भारत की प्रगति यात्रा के मार्ग में अनेक बाधाएँ भी हैं। ढाँचागत सुविधाओं का अभाव, गरीबी, अशिक्षा, भ्रष्टाचार, राजनीतिक अपराधीकरण, वोट की राजनीति, महिलाओं की उपेक्षा, आतंकवाद और नक्सलवाद आदि बाधाओं पर विजय पाए बिना हमारे सारे सपने अधूरे रह जायेंगे। चरित्र की दृढ़ता, पारदर्शिता और दृढ़ प्रशासन, जनता और सरकार का तालमेल आदि ऐसे उपाय हैं जिनसे हम इन बाधाओं को दूर कर सकते

(v) उपसंहार-भारत के भविष्य को उज्ज्वल बनाने में जनता की भी अनिवार्य भूमिका है। जाति, संप्रदाय, निजी स्वार्थ आदि को ठुकराकर आपसी सद्भाव स्थापित करना हर नागरिक का कर्त्तव्य है। सभी भारतीय जन संगठित होकर बुराइयों का विनाश करें और राष्ट्र की उन्नति में सहयोग करें तभी भारत विश्व की महाशक्ति बनेगा।

प्रश्न 22.
विद्यालय में एक संगीत-सम्मेलन करने की अनुमति देने हेतु अपने प्रधानाचार्य से अनुरोध कीजिए।
अथवा
रास्ते में गुम हो गए बैग को एक अपरिचित व्यक्ति द्वारा लौटाने पर धन्यवाद पत्र लिखिए।
उत्तर :
विद्यालय भवन
जोधपुर।
दिनांक : 15 नवम्बर, 20_

सेवा में,
प्रधानाचार्य जी,
संस्कृति विद्यालय
जोधपुर।

विषय – विद्यालय में संगीत सम्मेलन करवाने की अनुमति लेने हेतु।

महोदय, मैं विकास कुमार कक्षा दसवीं का छात्र व विद्यालय की सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन समिति का सदस्य हूँ। महोदय, हमारी समिति विद्यालय में एक संगीत-सम्मेलन का आयोजन करना चाहती है। आयोजन समिति चाहती है कि इस सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रीय एवं राज्य स्तरीय सम्मानित व्यक्तियों को भी आमंत्रित किया जाए, साथ ही एक अंतर्विद्यालयी नृत्य एवं गायन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाए, जिसके द्वारा विद्यालय की युवा प्रतिभाओं को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्राप्त होगा।

महोदय, हमारा आपसे अनुरोध है कि विद्यालय की सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन समिति को विद्यालय में संगीत सम्मेलन आयोजित करवाने की अनुमति दी जाए, जिससे वे एक उच्च कोटि का कार्यक्रम प्रस्तुत कर सकें। अतः हमें आशा ही नहीं, बल्कि पूर्ण विश्वास है कि आप समिति को कार्यक्रम करने की अनुमति अवश्य देंगे। सधन्यवाद सहित।

आपका आज्ञाकारी शिष्य
विकास कुमार
कक्षा-10

RBSE 10th Hindi Model Paper Set 9 with Answers

प्रश्न 23.
रक्तदान के लिए प्रेरित करते हुए एक आकर्षक विज्ञापन 25-50 शब्दों में बनाइये।
अथवा
जल संरक्षण को प्रेरित करते हुए एक विज्ञापन 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए।
उत्तर :
RBSE 10th Hindi Model Paper Set 7 with Answers 1

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