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RBSE Class 10 Science Model Paper Set 2 with Answers in Hindi
समय : 2 घण्टा 45 मिनट
पूर्णांक : 80
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देशः
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें। 5. प्रश्न क्रमांक 17 से 23 तक में आन्तरिक विकल्प है।
खण्ड – (अ)
प्रश्न 1.
निम्न प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखिए :
(i) उत्सर्जन की क्रिया में भाग लेने वाली वृक्क की इकाई है- [1]
(अ) केशिका
(ब) रुधिराणु
(स) कूपिका
(द) वृक्काणु।
उत्तर:
(द) वृक्काणु।
(ii) प्रकाश-संश्लेषण में पौधे द्वारा निकाली गयी O2, आती है – [1]
(अ) CO2, से
(ब) जल से
(स) ग्लूकोज से
(द) ATP से।
उत्तर:
(ब) जल से
(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा पादप हॉर्मोन है- [1]
(अ) इन्सुलिन
(ब) थायरॉक्सिन
(स) एस्ट्रोजन
(द) सायटोकाइनिन।
उत्तर:
(द) सायटोकाइनिन।
(iv) मस्तिष्क उत्तरदायी है- [1]
(अ) सोचने के लिए
(ब) हृदय स्पंदन के लिए
(स) शरीर का सन्तुलन बनाने के लिए
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी।
(v) कोई किरण पृष्ठ पर लम्बवत आपतित होती है तब अपवर्तन कोण का मान है – [1]
(अ) 90°
(ब) 0°
(स) 45°
(द) 60°
उत्तर:
(ब) 0°
(vi) किसी शब्दकोष (dictionary) में पाए गए छोटे अक्षरों को पढ़ते समय आप निम्न में से कौन-सा लेंस पसन्द करेंगे? [1]
(अ) 50 cm फोकल दूरी का एक उत्तल लेंस
(ब) 50 cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस
(स) 5 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
(द) 5 cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस
उत्तर:
(अ) 50 cm फोकल दूरी का एक उत्तल लेंस
(vii) प्रतिरोध R के किसी तार के टुकड़े को पाँच बराबर भागों में काटा जाता है। इन टुकड़ों को फिर पार्यक्रम में संयोजित कर देते है। यदि संयोजन का तुल्य प्रतिरोध R’ है तो R/R’ अनुपात का मान क्या है- [1].
(अ) 1/25
(ब) 15
(स) 5
(द) 25.
उत्तर:
(द) 25.
(viii) लंबाई l तथा एक समान अनुप्रस्थ-काट क्षेत्रफल ‘A’ के किसी बेलनाकार चालक का प्रतिरोध ‘R’ है। उसी पदार्थ.के किसी अन्य चालक जिसकी लंबाई 2.5l प्रतिरोध 0.5R है, अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल होगा : [1]
(अ) 5A
(ब) 2.5A
(स) 0.5A
(द) \(\frac{1}{5}\) A
उत्तर:
(अ) 5A
(ix) किसी ac जनित्र तथा dc जनित्र में एक मूलभूत अन्तर यह है कि – [1]
(अ) ac जनित्र में विद्युत चुम्बक होता है जबकि dc मोटर में स्थायी चुम्बक होता है।
(ब) dc जनित्र उच्च वोल्टता का जनन करता है।
(स) ac जनित्र उच्च वोल्टता का जनन करता है। .
(द) ac जनित्र में सी वलय होते हैं, जबकि dc जनित्र में दिक्परिवर्तक होता है।
उत्तर:
(द) ac जनित्र में सी वलय होते हैं, जबकि dc जनित्र में दिक्परिवर्तक होता है।
(x) नीचे दी गई अभिक्रिया के सम्बन्ध में कौन-सा कथन असत्य है- [1]
2 PbO(s)+C(s) → 2Pb (s)+CO2(g)
(i) सीसा अपचयित हो रहा है।
(ii) कार्बन डाइऑक्साइड उपचयित हो रही है।
(iii) कार्बन उपचयित हो रहा है।
(iv) लैड ऑक्साइड अपचयित हो रहा है।
(अ) (i) एवं (ii)
(ब) (i) एवं
(iii) (स) (i), (ii) एवं (iii)
(द) सभी।
उत्तर:
(अ) (i) एवं (ii)
(xi) वे पदार्थ जिनकी गंध अम्लीय या क्षारीय माध्यम में बदल जाती है, कहलाते हैं- [1]
(अ) गंधीय सूचक
(ब) संश्लेषित सूचक
(स) लिटमस
(द) ये सभी सूचक।
उत्तर:
(अ) गंधीय सूचक
(xii) निम्न में कौन-सा युगल विस्थापन अभिक्रिया प्रदर्शित करता है- [1]
(अ) NaCl विलयन एवं कॉपर धातु
(ब) MgCl2 विलयन एवं ऐल्युमिनियम धातु
(स) FeSO4 विलयन एवं सिल्वर धातु
(द) AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु।
उत्तर:
(द) AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु।
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(i) …………………….. को आपातकालीन हार्मोन भी कहते हैं। [1]
उत्तर:
एड्रीनलीन,
(ii) एककोशिकीय जीवों में उत्सर्जन की क्रिया ……………………. द्वारा होती है। [1]
उत्तर:
विसरण,
(iii) विश्व पर्यायवरण दिवस …………… को मनाया जाता है। [1]
उत्तर:
5 जून,
(iv) पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करने वाली संस्था …………… है। [1]
उत्तर:
IUCN,
(v) काँच का अपवर्तनांक ………………………….. रंग के लिए अधिकतम होता है। [1]
उत्तर:
बैंगनी,
(vi) एक किलोवाट घंटा ………. जूल ऊर्जा के तुल्य है। [1]
उत्तर:
3.6 x 106
प्रश्न 3.
अंतिलघूत्तरात्मक प्रश्न (प्रश्नों के उत्तर एक शब्द या एक पंक्ति में दीजिए।)
(i) पित्त रस का निर्माण कहाँ होता है तथा यह कहाँ एकत्र होता है ? [1]
उत्तर:
पित्त रस का निर्माण यकृत में होता है तथा यह पित्ताशय में एकत्र होता है।
(ii) क्रेनियम किसे कहते हैं ? [1]
उत्तर:
मस्तिष्क को सुरक्षित रखने वाला कंकाल जो तीन परतों का बना होता है, क्रेनियम (Cranium) कहलाता है।
(iii) जीवमण्डल को किस रूप में माना जाता है? [1]
उत्तर:
जीवमण्डल को सबसे बड़े पारितंत्र के रूप में माना जाता है।
(iv) दो विषैली गैसों के नाम बताएँ। [1]
उत्तर:
नाइट्रोजन ऑक्साइड तथा कार्बन मोनोऑक्साइड विषैली गैसें हैं।
(v) दो मुख्य खनिज संसाधनों के नाम बताएँ। [1]
उत्तर:
कॉपर तथा मैंगनीज।
(vi) विद्युत धारा का तापीय प्रभाव क्या है ? [1]
उत्तर:
किसी भी परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा का एक भाग सदैव ऊष्मा में परिवर्तित हो जाता है। इसे विद्युत धारा का तापीय प्रभाव कहते हैं।
(vii) MRI का पूरा नाम क्या है ? [1]
उत्तर:
MRI-चुम्बकीय अनुनाद प्रतिबिंबन।
(vii) जनित्र किसे कहते हैं ? [1]
उत्तर:
जनित्र वह युक्ति है, जो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है।
(ix) एक्वा -रेजिया क्या है? [1]
उत्तर:
एक्वा रेजिया सान्द्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं सान्द्र नाइट्रिक अम्ल को 3 : 1 के अनुपात में मिलाकर बना ताजा मिश्रण है जो सोने व प्लैटिनम को गला सकता है।
(x) तरल अधातु का नाम बताइए। [1]
उत्तर:
ब्रोमीन।
(xi) निम्नलिखित में सबसे कम क्रियाशील धातुओं को छाँटिए-K, Zn, Ag, Au [1]
उत्तर:
Au.
(xii) आयनिक यौगिकों के कठोर होने का क्या कारण है? [1]
उत्तर:
धनात्मक एवं ऋणात्मक आयनों के बीच मजबूत आकर्षण बल के कारण आयनिक यौगिक ठोस एवं थोड़े कठोर होते हैं।
खण्ड – (ब)
लघूत्तरात्मक प्रश्न- प्रश्न सं. 04 से 16 के उत्तर के लिखिए (शब्द सीमा 50 शब्द)
प्रश्न 4.
उच्च संगठित पादपों में परिवहन तन्त्र के घटक क्या हैं ? [2]
उत्तर:
उच्च संगठित पादपों में परिवहन तन्त्र के निम्नलिखित घटक हैं –
(अ) जाइलम (Xylem)- यह ऊतक जड़ों द्वारा अवशोषित जल एवं खनिज लवणों को पौधे के विभिन्न वायवीय भागों में परिवहन करता है।
(ब) फ्लोएम (Phloem)- यह ऊतक पत्तियों में प्रकाश-संश्लेषण के फलस्वरूप बने कार्बनिक भोज्य पदार्थों तथा हॉर्मोन्स का पौधे के विभिन्न भागों में परिवहन करता है।
प्रश्न 5.
जैव विविधता क्या है? इसके विभिन्न स्तर कौन-से हैं ? [2]
उत्तर:
जैव विविधता (Biodiversity)-पृथ्वी पर जन्तुओं एवं पेड़-पौधों की लाखों प्रजातियाँ पायी जाती हैं। इन सभी में संरचनात्मक एवं क्रियात्मक अन्तर पाए जाते हैं, इन अन्तरों को ही जैव विविधता कहते हैं।
जैव विविधता के विभिन्न स्तर निम्नलिखित हैं-
- आनुवंशिक विविधता
- प्रजाति विविधता
- पारितान्त्रिक विविधता।
प्रश्न 6.
नयी जाति (स्पीशीज़) के उद्भव में कौन-से कारक सहायक हैं? समझाइए । [2]
उत्तर:
नयी जाति के उद्भव में निम्नलिखित कारक सहायक हैं-
- लैंगिक प्रजनन के फलस्वरूप उत्पन्न परिवर्तन
- आनुवंशिक अपवहन
- प्राकृतिक चयन
- दो उपसमष्टियों का एक-दूसरे से भौगोलिक प्रथक्करण। इसके कारण समष्टियों के सदस्य परस्पर प्रजनन नहीं कर पाते।
प्रश्न 7.
पारितंत्र में अपमार्जकों की क्या भूमिका है ? [2]
उत्तर:
पारितंत्र में अपमार्जकों (scavengers) का प्रमुख स्थान है। जीवाणु तथा अन्य सूक्ष्म जीव अपमार्जकों का कार्य करते हैं।
ये पेड़-पौधों एवं जीव-जन्तुओं के मृत शरीरों पर आक्रमण कर जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल पदार्थों में बदल देते हैं।
इसी प्रकार कचरा जैसे- सब्जियों एवं फलों के छिलके, जन्तुओं के मल-मूत्र, पौधों के सड़े-गले भाग अपमार्जकों द्वारा ही विघटित कर दिए जाते हैं। इस प्रकार पदार्थों के पुनः चक्रण में अपमार्जक सहायता करते हैं और वातावरण को स्वच्छ रखते हैं।
प्रश्न 8.
उत्तल दर्पण के प्रमुख उपयोग लिखिए। [2]
उत्तर:
उत्तल दर्पण के उपयोग (Uses of convex mirror)-
- इस दर्पण द्वारा अधिक विस्तृत क्षेत्र का प्रतिबिम्ब कम स्थान में बनने के कारण इसे ट्रक चालक के पार्श्व में लगा दिया जाता है, जिससे पीछे की ओर के काफी क्षेत्र का स्पष्ट व सीधा प्रतिबिम्ब दिखायी पड़ता है। इस दर्पण का दृष्टि क्षेत्र विस्तृत होता है।
- सड़क पर लगे लैम्पों के परावर्तक तल के रूप में इस दर्पण का प्रयोग करने से प्रकाश अधिक बड़े क्षेत्र में फैल जाता है।
प्रश्न 9.
किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है ? [2]
उत्तर:
किसी चालक का प्रतिरोध R उसकी लम्बाई l, उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल A तथा उसके पदार्थ पर निम्न प्रकार से निर्भर करता है-
R∝l, R∝\(\frac{1}{\mathrm{~A}}\) अंतः R= ρ\(\frac{l}{\mathrm{~A}}\)
जहाँ ρ चालक के पदार्थ की प्रतिरोधकता है।
प्रश्न 10.
20 Ω प्रतिरोध की कोई विद्युत इस्तरी 5A विद्युत धारा लेती है। 30s में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए। [2[
उत्तर:
दिया है R = 20 Ω, I = 5A, t= 30 s
∵ उत्पन्न ऊष्मा (H) = I2Rt
= (5)2 x 20 x 30 = 15000 जूल
= 1.5 x 104 जूल
प्रश्न 11.
किसी विद्युत परिपथ में लघुपथन कब होता है? [2]
उत्तर:
जब विद्युन्मय तार एवं उदासीन तार परस्पर सम्पर्कित हो जाते हैं तो परिपथ लघुपथित हो जाता है।
इस स्थिति में परिपथ का प्रतिरोध अचानक शून्य हो जाता है तथा धारा का मान अचानक बहुत अधिक बढ़ जाता है।
प्रश्न 12.
तत्वों को धातुओं अथवा अधातुओं में वर्गीकृत करते समय विचारणीय गुण बताइए। [2]
उत्तर:
तत्वों को धातुओं एवं अधातुओं में वर्गीकृत करते समय निम्नलिखित गुण आवश्यक रूप से विचारणीय होते हैं-
- चमक,
- चालकता,
- कठोरता,
- वायु में जलना,
- तन्यता,
- ध्वनि,
- अम्लों व जल के साथ अभिक्रिया।
प्रश्न 13.
वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ क्यों किया जाता है ? [2]
उत्तर:
मैग्नीशियम वायु में उपस्थित ऑक्सीजन से संयोग करके मैग्नीशियम ऑक्साइड बना लेता है। मैग्नीशियम ऑक्साइड व अन्य अशुद्धियों-धूल कण व नमी आदि को हटाकर शुद्ध मैग्नीशियम प्राप्त करने के लिए इसे वायु में जलाने से पहले साफ करना आवश्यक है।
प्रश्न 14.
उपधातुएँ क्या हैं? किन्हीं पाँच उपधातुओं के नाम लिखिए। [2]
उत्तर:
कुछ पदार्थ धातु और अधातु दोनों के गुण प्रदर्शित करते हैं, ऐसे पदार्थों को उपधातु कहते हैं। निम्नलिखित पाँच धातुएँ उपधातुएँ हैंआर्सेनिक (As), पोलोनियम (Po), सिलिकॉन (Si), एंटीमनी (Sb), टेलुरियम (Te)।
प्रश्न 15.
जल में विलेय धातु ऑक्साइडों के उदाहरण दीजिए। जल में घोलने पर धातु ऑक्साइड क्या बनाते हैं? [2]
उत्तर:
सोडियम ऑक्साइड तथा पोटैशियम ऑक्साइड जल में विलेय धातु ऑक्साइड हैं।
Na2O(s) + H2O(l) → 2NaOH
K2O(s) + H2O (l) → 2KOH
धातु ऑक्साइड जल में विलेय होकर क्षार बनाते हैं।
प्रश्न 16.
टाइटेनियम धातु की विशेषता क्या है जिसके कारण इसे सामरिक महत्त्व की धातु कहा जाता है? [2]
उत्तर:
टाइटेनियम धातु अल्प अभिक्रियाशील धातु है। इसकी तनाव सहने की क्षमता अत्यधिक होती है, यही कारण है कि इसका प्रयोग नाभिकीय संयन्त्रों, सैन्य उपकरणों, गैस टरबाइनों व जेट इंजनों आदि में होता है। यह धातु शीघ्रता से क्षरित नहीं होती है।
इस कारण से इसे सामरिक महत्व की धातु कहा जाता है।
खण्ड – (स)
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न- प्रश्न सं. 17 से 20 के उत्तर लिखिए (शब्द सीमा 100 शब्द)
प्रश्न 17.
मनुष्य में दोहरे परिसंचरण की व्याख्या कीजिए। यह क्यों आवश्यक है? [3]
अथवा
गैसों के अधिकतम विनिमय के लिए कणिकाएँ किस प्रकार अभिकल्पित हैं? [3]
उत्तर:
मनुष्य के हृदय में चार कक्ष पाए जाते हैं- दो अलिंद तथा दो निलय। ऐसी व्यवस्था होने से मनुष्य में शुद्ध (ऑक्सीकृत) तथा अशुद्ध (अनॉक्सीकृत) रुधिर पृथक् रहता है। मनुष्य के रुधिर परिसंचरण में रुधिर को हृदय से होकर दो बार गुजरना पड़ता है। पहले चक्र में अशुद्ध रुधिर को हृदय फेफड़ों में ऑक्सीकृत होने के लिए पम्प करता है। फेफड़ों से ऑक्सीकृत रुधिर वापस बाएँ निलय में आता है जहाँ से दूसरे चक्र में इसे विभिन्न अंगों को पम्प किया जाता है। शरीर के अंगों से अशुद्ध रुधिर पुनः हृदय के दाएँ अलिन्द में आता है। अतः रुधिर का परिसंचरण दो बार होता है। दोहरा परिसंचरण होने के कारण शरीर के विभिन्न ऊतकों को अधिक-सेअधिक ऑक्सीजन उपलब्ध हो पाती है। मनुष्य को नियततापी होने के कारण ताप नियंत्रण के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जो श्वसन से प्राप्त होती है।
प्रश्न 18.
आनुवंशिकता की परिभाषा लिखिए। आनुवंशिकता के सम्बन्ध में मेण्डल का क्या योगदान है? [3]
अथवा
जीवों में विभिन्नताएँ किस प्रकार उत्पन्न होती हैं ? [3]
उत्तर:
आनुवंशिकता-जीवों में जनकों के लक्षणों का संतान में वंशानुगत स्थानांतरण होना, आनवंशिकता कहलाता है। ग्रेगर जॉन मेण्डल ने मटर के पौधों पर अपने प्रयोग किये तथा वंशागति के नियम प्रतिपादित किए। उन्होंने अपने कार्यों को सन् 1866 में “बूंन सोसाइटी ऑफ नेचुरल हिस्ट्री” में प्रकाशित कराया। मेण्डल के कार्यों के आधार पर उन्हें आनुवंशिकी का पिता कहा जाता है।
प्रश्न 19.
(i) विद्युत मोटर में विभक्त वलय की क्या भूमिका है?
(ii) किसी कुंडली में विद्युत धारा प्रेरित करने के विभिन्न ढंग स्पष्ट कीजिए। [3]
अथवा
(i) विद्युत जनित्र का सिद्धान्त लिखिए।
(ii) दिष्ट धारा के कुछ स्रोतों के नाम लिखिए। [3]
उत्तर:
(i) विद्युत मोटर में विभक्त वलय दिक्परिवर्तक का कार्य करता है। वह युक्ति जो परिपथ में विद्युत धारा के प्रवाह को उत्क्रमित कर देती है, उसे दिक्परिवर्तक कहते हैं।
(ii)
(अ) यदि कुंडली को स्थिर रखकर, दण्ड चुम्बक को कुण्डली की ओर लाएँ या कुण्डली से दूर ले जाएँ, तो कुंडली में प्रेरित धारा उत्पन्न की जा सकती है।
(ब) चुम्बक को स्थिर रखकर कुंडली को चुम्बक के समीप या उससे दूर ले जाकर कुण्डली में विद्युत धारा प्रेरित की जा सकती है।
(स) कुंडली को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में घुमाकर उसमें धारा प्रेरित की जा सकती है।
(द) कुंडली के समीप रखी किसी अन्य कुण्डली में प्रवाहित धारा में परिवर्तन करके भी पहली कुंडली में विद्युत धारा प्रेरित की जा सकती है।
प्रश्न 20.
(i). प्रत्यूष ने सल्फर चूर्ण को स्पैचुला में लेकर उसे गर्म किया तथा परखनली को उल्टाकर उसने उत्सर्जित गैस को एकत्र किया।
(a) गैस की क्रिया क्या होगी
(i) सूखे लिटमस पत्र पर?
(ii) आर्द्र लिटमस पत्र पर?
(b) ऊपर की अभिक्रियाओं के लिए सन्तुलित रासायनिक अभिक्रिया लिखिए। [3]
अथवा
(i) दो धातुओं के नाम बताएँ जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देंगी तथा दो धातुएँ जो ऐसा नहीं कर सकती हैं।
(ii) किसी धातु M के विद्युत-अपघटनी परिष्करण में आप ऐनोड-कैथोड एवं विद्युत अपघट्य किसे बनाएँगे? [3]
उत्तर:
(a)
(i) सूखे लिटमस पत्र पर गैस की कोई अभिक्रिया नहीं होगी।
(ii) गैस नीले आर्द्र लिटमस पत्र को लाल कर देगी।
(b)
S (s) +O2(g) → SO2 (g)
खण्ड-द
निबन्धात्मक प्रश्न- प्रश्न सं. 21 से 23 के उत्तर लिखिए (शब्द सीमा 250 शब्द)
प्रश्न 21.
बीजांकुरण में जड़ें सदैव भूमि की ओर तथा प्ररोह ऊपर की ओर वृद्धि करते हैं। क्यों ? प्रयोग द्वारा समझाइए। [4]
अथवा
(i) शीर्ष प्रमुखता से आप क्या समझते हैं?
(ii) तंत्रिका तंत्र कैसे कार्य करता है? संक्षिप्त वर्णन कीजिए। [4]
उत्तर:
बीजांकुरण में जड़ों का भूमि की ओर जाना धनात्मक गुरुत्वानुवर्तन तथा प्ररोह का ऊपर की ओर वृद्धि करना धनात्मक प्रकाशानुवर्तन कहलाता है। प्रयोग-बुरादे या रेत में कुछ बीजों को अंकुरित कराते हैं। इनमें प्ररोह ऊपर की ओर तथा जड़ें नीचे की ओर वृद्धि करती हैं। यदि गमले को क्षैतिज लिटा दिया जाए तो भी जड़ें नीचे की ओर तथा प्ररोह ऊपर की ओर मुड़ जाता है।
प्रश्न 22.
12 सेमी फोकस दूरी के अवतल दर्पण द्वारा किसी बिम्ब का सीधा प्रतिबिम्ब बनाने के लिए कहा गया है।
(i) दर्पण के सामने बिम्ब की दूरी का क्या परिसर होना चाहिए?
(ii) बनने वाला प्रतिबिम्ब आकार में बिम्ब से छोटा होगा अथवा बड़ा? इस प्रकरण में प्रतिबिम्ब बनना दर्शाने के लिए किरण आरेख खींचिए। .
(iii) इस बिम्ब का प्रतिबिम्ब कहाँ बनेगा, यदि इसे दर्पण के सामने 24 सेमी दूरी पर रख दिया जाए? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए इस स्थिति के लिए भी किरण आरेख खींचिए। उपरोक्त किरण आरेखों में ध्रुव, मुख्य फोकस और वक्रता केन्द्र की स्थितियों को भी दर्शाइए। [4]
अथवा
(a) प्रकाश किरण आरेखों की रचना करते समय हम ऐसी दो किरणों को चुनते हैं, जिनकी दर्पण से परावर्तन के पश्चात् की दिशा ज्ञात करना सरल होता है। ऐसी दो किरणों की सूची बनाइए और अवतल दर्पण के प्रकरण में परावर्तन के पश्चात् इन किरणों के पथों का उल्लेख कीजिए।
इन्हीं दो किरणों का उपयोग अवतल दर्पण के ध्रुव और फोकस के बीच स्थित किसी बिम्ब के प्रतिबिम्ब की स्थिति, प्रकाश किरण आरेख खींचकर ज्ञात कीजिए।
(b) कोई अवतल दर्पण अपने सामने 20 सेमी दूरी पर स्थित किसी बिम्ब का तीन गुना आवर्धित प्रतिबिम्ब पर्दे पर बनता है। पर्दा बिम्ब से कितनी दूरी पर है? । [4]
उत्तर:
(i) अवतल दर्पण में किसी भी बिम्ब का सीधा प्रतिबिम्ब प्राप्त होगा यदि बिम्ब को दर्पण के ध्रुव तथा फोकस के मध्य रखा जाए।
फोकस, f= 12 सेमी
बिम्ब की दूरी का परिसर ‘P’ बिन्दु व ‘F’ बिन्दु के बीच होना चाहिए अर्थात् बिम्ब की दूरी 0 सेमी < 12 सेमी के मध्य होनी चाहिए।
(ii) बनने वाला प्रतिबिम्ब आकार में बिम्ब से बड़ा तथा सीधा बनेगा।
किरण आरेख :
(iii) इस अवस्था में प्रतिबिम्ब भी दर्पण के सामने 24 सेमी पर बनेगा। इस दूरी पर प्रतिबिम्ब, बिम्ब के ठीक नीचे उल्टा बनेगा।
इस प्रतिबिम्ब का आकार बिम्ब के बराबर होगा।
प्रश्न 23.
(i) हाइड्रोजन आयन [H+] की सान्द्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(ii) अम्ल को तनुकृत करते समय अम्ल को जल में मिलाया जाता है न कि जल को अम्ल में। कारण दीजिये।
(iii) संतरा और इमली में पाये जाने वाले अम्लों के नाम लिखिए।
(iv) क्लोर-क्षार प्रक्रिया किसे कहते हैं? [4]
अथवा
हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता ज्ञात करने में प्रयुक्त स्केल का नाम लिखिये। अम्लीय वर्षा का कारण व इसके दो कुप्रभावों को लिखिए। [4]
उत्तर:
(i) H+(aq) आयन की सान्द्रता का विलयन की प्रकृति पर यह प्रभाव पड़ता है कि H+(aq) की जितनी सान्द्रता होगी, उतना ही विलयन अधिक अम्लीय होगा। जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय नहीं होता।
(ii) जल में घुलने की प्रक्रिया अत्यंत ऊष्माक्षेपी होती है। इसलिए जल में किसी सांद्र अम्ल को सावधानीपूर्वक मिलाना चाहिए। अम्ल और जल को धीरे-धीरे हिलाते रहना चाहिए। ऐसा न करने पर अम्ल में जल मिलाने पर उत्पन्न ऊष्मा के कारण मिश्रण आसफलित होकर बाहर आ सकता है। इससे स्थानीय ताप बढ़ जाता है, जिसके कारण उपयोग किया जाने वाला काँच का पात्र भी टूट सकता है।
(iii) संतरा-सिट्रिक अम्ल इमली-टार्टरिक अम्ल
(iv) सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन (लवण जल) में विद्युत प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उत्पन्न करता है, इसे क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहते
2NaCl (aq) + 2H2O (l) → 2NaOH (aq) + Cl2(g)+ H2 (g).
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