Students must start practicing the questions from RBSE 10th Science Model Papers Set 4 with Answers in Hindi Medium provided here.
RBSE Class 10 Science Model Paper Set 4 with Answers in Hindi
पूर्णांक : 80
समय : 2 घण्टा 45 मिनट
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देशः
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
- प्रश्न क्रमांक 17 से 23 तक में आन्तरिक विकल्प है।
खण्ड – (अ)
प्रश्न 1. निम्न प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखिए :
(i) मनुष्य द्वारा निःश्वसन में फेफड़ों द्वारा खींची गयी वायु में ऑक्सीजन का प्रतिशत होता है- [1]
(अ) 16%
(ब) 21%
(स) 0.03%
(द) 78%
उत्तर:
(ब) 21%
(ii) मनुष्य के रुधिर में पाया जाने वाला श्वसन वर्णक है- [1]
(अ) हीमोसायनिन
(ब) क्लोरोफिल
(स) हीमोग्लोबिन
(द) जैन्थोफिल
उत्तर:
(स) हीमोग्लोबिन
(iii) इन्सुलिन हॉर्मोन के अल्प स्रावण से किस रोग के होने की सम्भावना होती है- [1]
(अ) पीलिया
(ब) घेघा
(स) मधुमेह
(द) तपेदिक
उत्तर:
(स) मधुमेह
(iv) किस हॉर्मोन की कमी से घेघा (goiter) रोग होता है- [1]
(अ) ऑक्सीटोसिन
(ब) थायरॉक्सिन
(स) पिट्यूसिन
(द) प्रोलैक्टिन
उत्तर:
(ब) थायरॉक्सिन
(v) किसी बिम्ब का वास्तविक तथा समान आकार का प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए बिम्ब को उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखें? [1]
(अ) लेंस के मुख्य फोकस पर
(ब) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर
(स) अनन्त पर
(द) लेंस के प्रकाशिक केन्द्र तथा मुख्य फोकस के बीच।
उत्तर:
(ब) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर
(vi) निर्वात में प्रकाश का वेग है – [1]
(अ) 3 x 108 m/s
(ब) 3 x 1010 m/s
(स) 3 x 1011 m/s
(द) 3 x 109 m/s
उत्तर:
(अ) 3 x 108 m/s
(vii) 100W और 40W के दो बल्ब श्रेणी क्रम में संयोजित हैं। 100 W के बल्ब से 1A धारा प्रवाहित हो रही है। 40W के बल्ब से प्रवाहित धारा का मान होगा- [1]
(अ) 0.4A
(ब) 0.6 A
(स) 0.8A
(द) 1A
उत्तर:
(द) 1A
(viii) mA और uA के साथ क्रमशः हैं -[1]
(अ) 10-6 और 10-9A
(ब) 10-3 A और 10-6A
(स) 10-3 A और 10-9A
(द) 10-6A और 10-3A
उत्तर:
(ब) 10-3 A और 10-6A
(ix) निम्नलिखित प्रकथनों में कौन-सा सही कथन नहीं है- [1]
(अ) विद्युत जनित विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धान्त पर कार्य करता है। .
(ब) किसी लम्बी वृत्ताकार विद्युत धारावाही कुंडली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र समान्तर सीधी क्षेत्र रेखाएँ होता है।
(स) हरे विद्युतरोधन वाला तार प्रायः विद्युन्मय तार होता है।
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) विद्युत जनित विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धान्त पर कार्य करता है। .
(x) लौह-चूर्ण पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालने से निम्न में से क्या होता है? [1]
(अ) हाइड्रोजन गैस तथा आयरन क्लोराइड बनता है
(ब) क्लोरीन गैस एवं आयरन हाइड्रॉक्साइड बनता है
(स) कोई अभिक्रिया नहीं होती है
(द) आयरन लवण तथा जल बनता है।
उत्तर:
(अ) हाइड्रोजन गैस तथा आयरन क्लोराइड बनता है
(xi) हमारा उदर कौन-सा अम्ल उत्पन्न करता है- [1]
(अ) H2SO4
(ब) HNO3
(स) HCl
(द) NaOH
उत्तर:
(स) HCl
(xii) कोई धातु ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उच्च गलनांक वाला यौगिक निर्मित करती है। यह यौगिक जल में विलेय है। यह तत्व क्या हो सकता है- [1]
(अ) कैल्सियम
(ब) कार्बन
(स) सिलिकन
(द) लोहा
उत्तर:
(अ) कैल्सियम
प्रश्न 2. रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(i) ……………….. शरीर का मुख्य समन्वय केन्द्र है। [1]
उत्तर:
मस्तिष्क,
(ii) ग्लाइकोलिसिस ……………….. में होता है। [1]
उत्तर:
कोशिका द्रव्य,
(iii) चिपको आन्दोलन ………….. जनपद के रेनी ग्राम से प्रारम्भ हुआ। [1]
उत्तर:
गढ़वाल,
(iv) MPN में P का अर्थ …………………………. [1]
उत्तर:
Probable
(v) 2 डायोप्टर क्षमता वाले लेंस की फोकस दूरी ………………………………….. होती है। [1]
उत्तर:
50 सेमी
(vi) I2R परिपथ में ….. ……….. को प्रदर्शित करता है। [1]
उत्तर:
वैद्युत शक्ति ।
प्रश्न 3.
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न (प्रश्नों के उत्तर एक शब्द या एक पंक्ति में दीजिए।)
(i) मनुष्य के दो अन्तःपरजीवियों के नाम लिखिए। [1]
उत्तर
(i) फीताकृमि तथा प्लाज्मोडियम (मलेरिया परजीवी)।
(ii) हाइपोथैलेमस का क्या कार्य है ? [1]
उत्तर:
यह समस्थापन तथा पीयष ग्रन्थि का नियमन करता है तथा यह संवेदी अंगों के लिए नियंत्रण केन्द्र होता है।
(iii) जीवमण्डल को किस रूप में माना जाता है? [1]
उत्तर:
जीवमण्डल को सबसे बड़े पारितंत्र के रूप में माना जाता है।
(iv) चिपको आन्दोलन कहाँ प्रारम्भ हुआ ? [1]
उत्तर:
उत्तराखण्ड के ‘रेनी’ ग्राम में सन् 1970 में।
(v) जल संग्रहण (Water Harvesting) क्या है ? [1]
उत्तर:
जल संग्रहण का अर्थ है कि वर्षा के पानी को एकत्र करके बाद में उपयोग करना।
(vi) कोई विद्युत बल्ब 220v के जनित्र से संयोजित है। यदि बल्ब से 0.50A विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो बल्ब की शक्ति क्या है ?[1]
उत्तर:
P =VI = 220 V x 0.50 A= 110 J/s = 110W.
(vii) हमारे देश में धनात्मक और ऋणात्मक तारों के बीच कितना विभव होता है ? [1]
उत्तर:
220 V
(vii) विद्युत मोटर व विद्युत जनित्र में सिद्धान्ततः क्या अन्तर है ? [1]
उत्तर:
विद्युत मोटर में विद्युत ऊर्जा को यान्त्रिक ऊर्जा में तथा विद्युत जनित्र में यान्त्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदला जाता है।
(ix) हाइड्रोजन गैस किस प्रकार की ध्वनि से जलती है ?[1]
उत्तर:
फट-फट (Pop sound) की ६ वनि से।
(x) चूने के पानी में CO2 गैस को प्रवाहित करने से क्या होता है ? [1]
उत्तर:
चूने का पानी दूधिया हो जाता है।
(xi) चूने के पानी से अधिक CO2 गुजारने से चूने के पानी का दूधियापन किस कारण समाप्त हो जाता है ? [1]
उत्तर:
जल में विलयशील Ca(HCOR), के कारण।
(xii) अधात्विक ऑक्साइड किस प्रकृति के होते हैं ? [1]
उत्तर:
(xii) अम्लीय प्रकृति के।
खण्ड – (ब)
लघूत्तरात्मक प्रश्न- प्रश्न सं. 04 से 16 के उत्तर के लिखिए (शब्द सीमा 50 शब्द)
प्रश्न 4.
हमारे शरीर में वसा का पाचन कैसे होता है ? यह प्रक्रम कहाँ होता है? [2]
उत्तर:
हमारे शरीर में वसा (Fat) का पाचन आहार नाल (alimentary canal) में लाइपेज (lipase) नामक विकर द्वारा होता है। पित्त रस (bile juice) में उपस्थित पित्त लवण (bile salts) वसा का इमल्सीकरण करते हैं। जठर रस, अग्न्याशयी रस तथा आंत्रीय रस में लाइपेज एन्जाइम उपस्थित होता है। यह इमल्सीकृत वसा को वसीय अम्ल तथा ग्लिसरॉल में बदलता है। इस प्रकार वसा का पाचन होता है।
प्रश्न 5.
किन प्रमाणों के आधार पर हम कह सकते हैं कि जीवन की उत्पत्ति पदार्थों से हुई है? [2]
उत्तर:
हम जानते हैं कि अनेकों अकार्बनिक पदार्थ तथा कार्बनिक पदार्थ विशिष्ट परिस्थितियों में मिलकर जीन का निर्माण करते हैं जो आनुवंशिकता की इकाई हैं। हाल्डेन तथा मिलर एवं यूरे ने अपने प्रयोग द्वारा प्रयोगशाला में यह सिद्ध कर दिया कि प्रारम्भिक जीव की उत्पत्ति अकार्बनिक पदार्थों से हुई। अकार्बनिक अणुओं से कुछ जटिल कार्बनिक अणुओं का संश्लेषण हुआ जिसके फलस्वरूप वे सरल कार्बनिक यौगिकों में परिवर्तित हुये तथा अमीनों अम्ल जैसे पदार्थों का निर्माण हुआ जो जीवन का आधार होते हैं।
प्रश्न 6.
केवल वे विभिन्नताएँ जो किसी एकल जीव (व्यष्टि) के लिए उपयोगी होती हैं, समष्टि में अपना अस्तित्व बनाए रखती हैं। क्या आप इस कथन से सहमत हैं? क्यों एवं क्यों नहीं ?[2]
उत्तर:
हाँ, हम इस कथन से सहमत हैं क्योंकि जो विभिन्नताएँ एकल जीव (व्यष्टि) के लिए उपयोगी हैं, वे वर्तमान पर्यावरण के अनुकूल हैं और प्राकृतिक चयन द्वारा अपने अस्तित्व को बनाये रखती हैं। ये विभिन्नताएँ समय व्यतीत होने के साथ-साथ समष्टि की मुख्य विशेषता के रूप में स्थापित हो जाती हैं। जीवधारी इन विभिन्नताओं के कारण स्वयं को वातावरण से अनुकूलित किए रहते हैं। यह जीवधारी सफल होते हैं और अपनी संतति को निरन्तर सृष्टि में बनाये रखते हैं।
प्रश्न 7.
(a) पारितंत्र किसे कहते हैं ?
(b) किन्हीं दो प्राकृतिक पारितंत्रों की सूची बनाइए। [2]
उत्तर:
(a) पारितंत्र किसी क्षेत्र के जैव, अजैव घटकों, प्राणियों, पेड़-पौधों, जीव जंतुओं के आपसी संबंधों का एक संगठन है।
(b) दो प्राकृतिक परितंत्र-झील, तालाब।
प्रश्न 8.
एक अभिसारी लैंस जिसकी क्षमता + 2.5D है, जिसे एक अपसारी लैंस जिसकी क्षमता- 3.0D है के सम्पर्क में रखा जाता है। इस संयोजन से बने लैंस की क्षमता तथा फोकस दूरी की गणना कीजिए। [2]
उत्तर:
अभिसारी लैंस की क्षमता (P1) = + 2.5 D
अपसारी लैंस की क्षमता (P2) = – 3.0 D
संयोजन की क्षमता (P) = P1 + P2
=+2.5-3.0 =-0.5D संयोजन की फोकस दूरी (F) = \(\frac{100}{\mathrm{P}}\) सेमी
= \( \frac{100}{-0.5}\) = -200 सेमी
प्रश्न 9.
220V की विद्युत लाइन पर उपयोग किए जाने वाले बहुत से बल्बों का अनुमतांक 10w है। यदि 220 V लाइन से अनुमत अधिकतम विद्युत धारा 5A है तो इस लाइन के दो तारों के बीच कितने बल्ब पार्यक्रम में संयोजित किए जा सकते हैं ?[2]
उत्तर:
माना n बल्बों को पार्यक्रम में जोड़ा जाता है, तब परिपथ में कुल शक्ति व्यय
P =n x एक बल्ब की शक्ति
=n x 10 W = 10 nw होगी।
दिया है : V= 220 V, I = 5A
तब P= VI से, (10 nW = 220V x 5A)
n=\(\frac{220 \times 5}{10}\) = 110
अर्थात् 110 बल्बों को पार्श्वक्रम में जोड़ा जा सकता है।
प्रश्न 10.
विद्युत लैम्पों के तन्तुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र टंगस्टन का ही उपयोग क्यों किया जाता है? [2]
उत्तर:
विद्युत लैम्पों के तन्तुओं में प्रायः एकमात्र टंगस्टन का ही उपयोग किया जाता है, क्योंकि टंगस्टन के बहुत पतले तार बनाए जा सकते हैं तथा टंगस्टन का गलनांक 3400°C होता है जो अन्य धातुओं की तुलना में बहुत अधिक होता है।
प्रश्न 11.
परिनालिका चुम्बक की भाँति कैसे व्यवहार करती है? क्या आप किसी छड़ चुम्बक की सहायता से किसी विद्युत धारावाही परिनालिका के उत्तर ध्रुव तथा दक्षिण ध्रुव का निर्धारण कर सकते हैं।[2]
उत्तर:
धारावाही परिनालिका एक छड़ चुम्बक की भाँति ही व्यवहार करती है। इनमें निम्नलिखित समानताएँ होती हैं –
- धारावाही परिनालिका एवं छड़ चुम्बक दोनों को स्वतन्त्रतापूर्वक लटकाए जाने पर दोनों के अक्ष उत्तर एवं दक्षिण दिशा में ठहरते हैं।
- धारावाही परिनालिका एवं छड़ चुम्बक दोनों के समान ध्रुवों में प्रतिकर्षण एवं असमान ध्रुवों में आकर्षण होता है।
- दोनों ही लोहे के छोटे-छोटे टुकड़ों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं तथा दिक्सूचक सुई लाने पर सुई विक्षेपित हो जाती है।
प्रश्न 12.
निम्न अभिक्रियाओं के लिए सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए-
(a) कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड + कार्बन डाइऑक्साइड → कैल्सियम कार्बोनेट + जल
(b) जिंक + सिल्वर नाइट्रेट→जिंक नाइट्रेट + सिल्वर
(c) ऐलुमिनियम + कॉपर क्लोराइड → ऐलुमिनियम क्लोराइड + कॉपर
(d) बेरियम क्लोराइड + पोटैशियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + पोटैशियम क्लोराइड [2]
उत्तर:
(a) Ca(OH)2 + CO2 → CaCO3 + H2O
(b) Zn + 2AgNO3 → Zn(NO3)2 + 2Ag
(c) 2Al + 3CuCl2 → 2AICl + 3Cu
(d) BaCl2 + K2SO4 → BaSO4 + 2KCl
प्रश्न 13.
ऑक्सीजन के योग या ह्रास के आधार पर निम्न पदों की व्याख्या कीजिए। प्रत्येक के लिए दो उदाहरण दीजिए- [2]
(a) उपचयन
(b) अपचयन।
उत्तर:
(a) उपचयन-वे अभिक्रियाएँ जिनमें ऑक्सीजन की वृद्धि (योग) होती है, उपचयन अभिक्रियाएँ कहलाती हैं। उदाहरण –
(b) अपचयन-ऐसी अभिक्रियाएँ जिनमें ऑक्सीजन का ह्रास होता है, अपचयन अभिक्रियाएँ कहलाती हैं। उदाहरण-
प्रश्न 14.
धातुओं एवं अधातुओं के रासायनिक गुणों में अन्तर लिखिए। [2]
उत्तर:
रासायनिक गुणों में विभेद
धातुएँ | अधातुएँ |
1. धातुओं द्वारा क्षारीय ऑक्साइड का निर्माण होता है जिसमें से कुछ क्षार बनाती हैं। | 1. अधातुएँ अम्लीय एवं उदासीन ऑक्साइड बनाती हैं। |
2. धातुएँ धनात्मक आवेश की प्रकृति की होती हैं। | 2. अधातुएँ ऋणात्मक आवेश की प्रकृति की होती हैं। |
3. धातुएँ अपचायक हैं। | 3. अधातुएँ ऑक्सीकारक हैं। |
4. धातुएँ जलीय विलयन विलयन में ऋणायन बनाती हैं। | 4. अधातुएँ – जलीय में धनायन बनाती हैं। |
प्रश्न 15.
जंग लगने से बचाने के कोई दो उपायों को बताइए। [2]
उत्तर:
- लोहे पर जस्ते की परत जमा कर (यशदलेपन) इसे जंग लगने से बचाया जाता है, जैसे-लोहे की बाल्टियाँ, चादरों आदि पर यह प्रक्रिया अपनायी जाती है।
- निकिल, क्रोमियम आदि धातुओं की तह विद्युत् लेपन के द्वारा लोहे की सतह पर चढ़ाने से जंग नहीं लगती है, जैसे-वाहनों के रिम, हैंडिल आदि।
प्रश्न 16.
निस्तापन और भर्जन में अंतर बताइए। [2]
उत्तर:
हवा की सीमित सप्लाई में अयस्क को गलन के ताप तक गर्म करके उसमें से नमी एवं वाष्पशील पदार्थों को अलग करने की क्रिया को निस्तापन कहते हैं जबकि हवा की मक्त सप्लाई में अयस्क को गलन से कम ताप पर गर्म करके ऑक्सीकृत करना भर्जन कहलाता है।
खण्ड – (स)
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न- प्रश्न सं. 17 से 20 के उत्तर लिखिए (शब्द सीमा 100 शब्द)
प्रश्न 17.
मूत्र बनने की मात्रा का नियमन किस प्रकार किया जाता है ? समझाइए। [3]
अथवा
वृक्काणु (नेफ्रान) का नामांकित चित्र बनाइए। [3]
उत्तर:
मूत्र बनने की मात्रा प्रमुख रूप से पुनः अवशोषण पर निर्भर करती है। वृक्काणु नलिका द्वारा पानी का पुनः अवशोषण निम्न बातों पर निर्भर करता है-
- जब शरीर के ऊतकों में पर्याप्त मात्रा में जल हो, तब एक बड़ी मात्रा में तनु मूत्र का उत्सर्जन होता है और पनः अवशोषण कम होता है। यदि शरीर के ऊतकों में जल की मात्रा कम हो, तब सान्द्र मूत्र का उत्सर्जन होता है और पुनः अवशोषण अधिक होता है।
- जब मूत्र में घुलनशील उत्सर्जकों (जैसे-यूरिया, यूरिक अम्ल, औषधि) की मात्रा अधिक हो तो इनके उत्सर्जन के लिए अधिक जल की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थिति में मूत्र की मात्रा बढ़ जाती है।
प्रश्न 18.
(a) निम्नलिखित का समजात अंग और समरूप अंग में वर्गीकरण कीजिए : [3]
(i) ब्रोकोली और पत्तागोभी
(ii) अदरक और मूली
(iii) पक्षी की अग्रबाहु और छिपकली की अग्रबाहु
(iv) चमगादड़ के पंख और पक्षी के पंख।
(b) उस प्रमुख लक्षण का उल्लेख कीजिए जो दिए गए अंगों के युगल का वर्गीकरण समजात अथवा समरूप अंगों में करता है।
अथवा
“व्यक्ति-वृत्त में जाति-वृत्त की पुनरावृत्ति होती है।” इस कथन की पुष्टि कीजिए। [3]
उत्तर:
(a)
- बोकोली और पत्तागोभी समजात अंग
- अदरक और मूली समरूप अंग हैं।
- पक्षी की अग्रबाहु और छिपकली की अग्रबाह समजात अंग हैं।
- चमगादड़ के पंख और पक्षी के पंख समरूप अंग हैं।
(b) यदि दो अलग-अलग जीवों में किसी अंग की मूल संरचना एक जैसी होती है, परन्तु वह कार्य अलग करते हैं तो वे समजात अंग होंगे। यदि दो अलग-अलग जीवों में किसी अंग की मूल संरचना अलग-अलग है, परन्तु वह अंग उन जीवों में कार्य एक जैसा करते हैं तो वे समरूप अंग होंगे।
प्रश्न 19.
निम्नलिखित की दिशा को निर्धारित करने वाला नियम लिखिए
(i) किसी विद्युत धारावाही सीधे चालक के चारों ओर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र।
(ii) किसी चुम्बकीय क्षेत्र में, क्षेत्र के लम्बवत् स्थित, विद्युत धारावाही सीधे चालक पर आरोपित बल। [3]
अथवा
(i) विद्युत जनित्र का सिद्धान्त लिखिए।
(ii) दो वृत्ताकार कुंडली A तथा B एक-दूसरे के निकट स्थित हैं। यदि कंडली A में विद्यत धारा में कोई परिवर्तन करें तो क्या कुंडली B में कोई विद्युत धारा प्रेरित होगी? कारण लिखिए।[3]
उत्तर:
(i) किसी धारावाही चालक के चारों ओर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम द्वारा निर्धारित होती है। इस नियम के अनुसार, “यदि दाएँ हाथ की अंगुलियों को धारावाही चालक के चारों ओर मोड़कर, अंगूठे को धारावाही चालक में प्रवाहित धारा के अनुदिश रखें तो मुड़ी हुई अंगुलियाँ चुम्बकीय बल रेखाओं की दिशा को प्रदर्शित करेंगी।
(ii) चुम्बकीय क्षेत्र में रखे गये धारावाही चालक पर लगने वाले बल की दिशा फ्लेमिंग के बाएँ. हाथ के नियम द्वारा निर्धारित की जाती है।
फ्लेमिंग का बाएँ हाथ का नियम-इस नियम के अनुसार, “यदि हम बाएँ हाथ के अंगूठे तथा पहली दो अंगुलियों को इस प्रकार फैलाएँ कि तीनों परस्पर लम्बवत् रहें तब यदि तर्जनी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा, मध्यमा चालक में प्रवाहित धारा की दिशा को प्रदर्शित करेगा तो अँगूठा चालक पर लगने वाले बल की दिशा को प्रदर्शित करेगा।”
प्रश्न 20.
विस्थापन एवं द्विविस्थापन अभिक्रियाओं में क्या अन्तर है ? इन अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए। [3]
अथवा ऊष्माक्षेपी तथा ऊष्माशोषी अभिक्रियाओं का क्या अर्थ है? उदाहरण देकर समझाओ। [3]
उत्तर:
(i) विस्थापन अभिक्रिया-ऐसी अभिक्रिया जिसमें किसी यौगिक के अणु के किसी एक परमाणु अथवा समूह (मूलक) के स्थान पर कोई दूसरा परमाणु अथवा समूह (मूलक) आ जाता है, विस्थापन अभिक्रिया कहलाती है।
उदाहरण-
(ii) द्विविस्थापन अभिक्रिया-वह अभिक्रिया जिसमें आयनों का परस्पर विस्थापन होता है, द्विविस्थापन अभिक्रिया कहलाती है।
उदाहरण-
खण्ड-द
निबन्धात्मक प्रश्न- प्रश्न सं. 21 से 23 के उत्तर लिखिए (शब्द सीमा 250 शब्द)
प्रश्न 21.
केवल रासायनिक समीकरण लिखिए –
(i) बुझे हुए चूने के साथ क्लोरीन क्रिया करती है।
(ii) विरंजक चूर्ण की तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अभिक्रिया करायी जाती है।
(iii) जिप्सम को 373 K ताप पर गर्म किया जाता है।
(iv) धावन सोडा को वायु में रखा जाता है। [4]
अथवा
उस समय आप क्या प्रेक्षण करते हैं जब आप एसीटिक अम्ल की कुछ बूंदें उस परखनली में मिलाते हैं जिसमें भरा है –
(i) फिनॉल्फ्थैलिन
(ii) आसुत जल
(iii) सार्वत्रिक सूचक
(iv) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट चूर्ण। [4 ]
उत्तर:
प्रश्न 22.
(i) कोई 2.0 सेमी लम्बा बिम्ब 10 सेमी फोकस दूरी के किसी उत्तल लेंस के मुख्य अक्ष के लम्बवत्र रखा है। बिम्ब की लेंस से दूरी 15 सेमी है। प्रतिबिम्ब की प्रकृति, स्थिति तथा आकार ज्ञात कीजिए। इसका आवर्धन भी ज्ञात कीजिए। [4]
(ii) अपवर्तन के नियम लिखिए।
अथवा
(i) गोलीय दर्पणों द्वारा परावर्तन के लिए चिह्न परिपाटी समझाओ।
(ii) गोलीय दर्पण का सूत्र देकर आवर्धन को परिभाषित कीजिए। [4]
उत्तर:
(i) बिम्ब की ऊँचाई, h = + 2.0 cm
फोकस दूरी,f= + 10 cm
बिम्ब दूरी, u = – 15 cm
प्रतिबिम्ब दूरी v = ?
प्रतिबिम्ब की ऊँचाई, h’ = ?
\(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f} \) या \(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f} \)
\(\frac{1}{v}=\frac{1}{(-15)}+\frac{1}{10}=\frac{1}{15}+\frac{1}{10}\)
\(\frac{1}{v}=\frac{-2+3}{30}=\frac{1}{30}\) या y= + 30 cm
y का धनात्मक चिह्न यह दर्शाता है कि प्रतिबिम्ब लेंस के प्रकाशिक केन्द्र के दायीं ओर 30 cm दूरी पर बनता है। प्रतिबिम्ब वास्तविक तथा उल्टा है। अपवर्तन के नियम निम्नलिखित हैं –
(क) किन्हीं दो माध्यमों के लिए एक ही रंग के प्रकाश के लिए आपतन कोण
(i) की ज्या (sin) तथा अपवर्तन कोण (r) की ज्या (sin) का अनुपात सदैव स्थिरांक होता है। \(\frac{\sin i}{\sin r}\) = स्थिरांक = 1n2
स्थिरांक 1n2 को पहले माध्यम का दूसरे के सापेक्ष अपवर्तनांक कहते हैं।
(ख) आपतित किरण, आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब एवं अपवर्तित किरण तीनों एक ही तल पर होते हैं।
प्रश्न 23.
दो तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन) के मध्य अंतर्ग्रथन (सिनेप्स) में क्या होता है ? समझाओ। [4]
अथवा
निम्नलिखित में अन्तर लिखिए –
(i) अनुकंपी तंत्रिका तंत्र व परानुकंपी तंत्रिका तंत्र।
(ii) हार्मोन्स तथा एन्जाइम। [4]
उत्तर:
तंत्रिका तंत्र में तंत्रिका कोशिकाएँ आपस में जुड़कर श्रृंखलाएँ बनाकर सूचनाओं का प्रेषण करती हैं।
दो तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन) के मध्य अंतर्गंथन (सिनेप्स) पर न्यूरॉन के तंत्रिकाक्ष (axon) का घुण्डीनुमा अन्तिम छोर दूसरी न्यूरॉन के डेन्ड्राइट के साथ सन्धि बनाता हैं|
“निकटवर्ती तंत्रिका कोशिकाओं की जोड़ी के बीच अति सूक्ष्म रिक्त स्थान जिसके पार तंत्रिका आवेगों को जब एक तंत्रिका कोशिका से अगली तंत्रिका कोशिका को जाने पर, आगे बढ़ाया जाता है, अंतर्ग्रथन कहलाता है।” अंतर्ग्रथन वास्तव में एकलमार्ग वाल्वों की तरह कार्य करते हैं। कारण यह है कि सन्धि स्थल पर रासायनिक पदार्थ केवल एक तरफ उपस्थित होता है। इसके कारण न्यूरॉन के एक विशिष्ट सेट के द्वारा तंत्रिका आवेग केवल एक तरफ से ही पार जा सकते हैं।
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