Students must start practicing the questions from RBSE 10th Science Model Papers Set 5 with Answers in Hindi Medium provided here.
RBSE Class 9 Science Model Paper Set 5 with Answers in Hindi
समय: 2 घण्टा 45 मिनट
पूर्णांक : 80
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देशः
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आंतरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
- प्रश्न क्रमांक 17 से 23 तक में आन्तरिक विकल्प है।
खण्ड – (अ)
प्रश्न 1.
निम्न प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चयन कर उत्तर पुस्तिका में लिखिए:
(i) पायरूवेट के विखण्डन से यह कार्बन डाइऑक्साइड, जल तथा ऊर्जा देता है और यह क्रिया होती है- [1]
(अ) कोशिका द्रव्य में
(ब) माइटोकॉण्ड्रिया में
(स) हरित लवक में
(द) केन्द्रक में
उत्तर:
(द) केन्द्रक में
(ii) रुधिर से मूत्र का पृथक्करण होता है. [1]
(अ) यकृत में
(ब) वृक्क में
(स) आमाशय में
(द) मूत्राशय में
उत्तर:
(ब) वृक्क में
(iii) थायरॉक्सिन के निर्माण के लिए किस तत्व की आवश्यकता होती है [1]
(अ) आयोडीन
(ब) आयरन
(स) कैल्सियम
(द) सल्फर
उत्तर:
(अ) आयोडीन
(iv) तंत्रिका तंत्र की क्रियात्मक एवं संरचनात्मक इकाई है- [1]
(अ) मस्तिष्क
(ब) मेरुरज्जु
(स) केशिका
(द) तंत्रिका
उत्तर:
(द) तंत्रिका
(v) निम्न में से कौन-सा पदार्थ लेंस बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा सकता है।- [1]
(अ) जल
(ब) काँच
(स) प्लास्टिक
(द) मिट्टी
उत्तर:
(द) मिट्टी
(vi) किसी बिम्ब का अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब आभासी, सीधा तथा बिम्ब से बड़ा पाया गया। वस्तु की स्थिति कहाँ होनी चाहिए ? [1]
(अ) मुख्य फोकस तथा वक्रता केन्द्र के बीच
(ब) वक्रता केन्द्र पर
(स) वक्रता केन्द्र से परे
(द) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच।
उत्तर:
(द) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच।
(vii) निम्नलिखित में से कौन-सा पद विद्युत परिपथ में विद्युत शक्ति को निरूपित नहीं करता? [1]
(अ) I2R.
(ब) IR2
(स) VI
(द) V2/R.
उत्तर:
(ब) IR2
(viii) किसी विद्युत बल्ब का अनुमतांक 220 V; 100 w है। जब इसे 110 V पर प्रचालित करते हैं तब इसके द्वारा उपभुक्त शक्ति कितनी होती है? [1]
(अ) 100 W
(ब) 75 W
(स) 50 W
(द) 25 W
उत्तर:
(द) 25 W
(ix) लघुपथन के समय, परिपथ में विद्युत धारा का मान- [1]
(अ) बहुत कम हो जाता है
(ब) परिवर्तित नहीं होता
(स) बहुत अधिक बढ़ जाता है
(द) निरन्तर परिवर्तित होता है।
उत्तर:
(स) बहुत अधिक बढ़ जाता है
(x) CI2 + 2KI → 2KCI + I2 एक- [1]
(अ) संयोजन अभिक्रिया है
(ब) अपघटन अभिक्रिया है
(स) विस्थापन अभिक्रिया है
(द) द्विविस्थापन अभिक्रिया है
उत्तर:
(स) विस्थापन अभिक्रिया है
(xi) विलयन में किस आयन के निर्माण के कारण पदार्थ की प्रकृति अम्लीय होती है- [1]
(अ) H+
(ब) Cl–
(स) OH–
(द) \(\mathrm{SO}_{4}^{2-}\)
उत्तर:
(अ) H+
(xii) लोहे के फ्राइंग पैन (Frying pan) को जंग से बचाने के लिए निम्न में से कौन-सी विधि उपयुक्त है- [1]
(अ) ग्रीस लगाकर
(ब) पेण्ट लगाकर
(स) जिंक की परत चढ़ाकर
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(स) जिंक की परत चढ़ाकर
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(i) पीयूष ग्रन्थि को …………………………. कहते हैं। [1]
उत्तर:
मास्टर ग्रंथि
(ii) फुफ्फुस (पल्मोनरी) शिरा ………………….. में खुलती है। [1]
उत्तर:
बाएँ आलिन्द
(iii) गंगा सफाई योजना वर्ष ………………………….. में प्रारम्भ हुई। [1]
उत्तर:
1985
(iv) CO2 को ……………………… भी कहते हैं। [1]
उत्तर:
ग्रीन हाउस गैस
(v) क्रान्तिक कोण का मान ………………………… रंग के लिए अधिकतम होता है। [1]
उत्तर:
लाल
(vi) विभवान्तर का मात्रक ……………………… है। [1]
उत्तर:
वोल्ट
प्रश्न 3.
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न (प्रश्नों के उत्तर एक शब्द या एक पंक्ति में दीजिए।)
(i) हमारे शरीर में CO2 का परिवहन किसके द्वारा होता है? [1]
उत्तर:
रुधिर द्वारा बाइकार्बोनेट के रूप में।
(ii) रसायनानुवर्तन क्या है? इसका एक उदाहरण दीजिए। [1]
उत्तर:
किसी रसायन के प्रति पादप गति को रसायनानुवर्तनी गति कहते हैं। उदाहरणपरागनली का वर्तिका में प्रवेश।
(iii) क्या जैविक एवं अजैविक घटक एक-दूसरे पर आश्रित हैं ? [1]
उत्तर:
हाँ, ये एक दूसरे को प्रभावित भी करते हैं।
(iv) दो जीवाश्म ईंधनों के नाम दीजिए। [1]
उत्तर:
(क) कोयला, (खा) पेट्रोलियम।
(v) पर्यावरण संरक्षण हेतु आप किस तकनीक का प्रयोग करेंगे ? [1]
उत्तर:
तीन आर (Reduce, Recycle तथा Reuse) का।
(vi) किसी अज्ञात प्रतिरोध के प्रतिरोधक के सिरों से 12V की बैटरी को संयोजित करने पर परिपथ में 2.5 mA विद्युत धारा प्रवाहित होती है। प्रतिरोधक का प्रतिरोध परिकलित कीजिए। [1]
उत्तर:
दिया है : V = 12V, I= 2.5 mA = 2.5 × 10-3A
प्रतिरोध R = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}\) = \(\frac{12 \mathrm{~V}}{2.5 \times 10^{-3} \mathrm{~A}}\) = 4.8 × 103 Ω
या R= 4.8k Ω
(vii) गैल्वेनोमीटर किसे कहते हैं ? [1]
उत्तर:
गैल्वेनोमीटर एक ऐसा उपकरण है जो किसी परिपथ में विद्युत धारा की उपस्थिति संसूचित करता है।
(viii) प्रत्यावर्ती धारा (ac) किसे कहते हैं ? [1]
उत्तर:
ऐसी विद्युत धारा जो समान-समान अंतरालों के पश्चात् अपनी दिशा में परिवर्तन कर लेती है उसे प्रत्यावर्ती धारा कहते हैं।
(ix) ताँबे के बर्तन में दूध-दही क्यों नहीं रखना चाहिए ?[1]
उत्तर:
ताँबे के बर्तन में दूध-दही रखने पर वे बर्तनों के साथ अम्ल अभिक्रिया करके विषैले यौगिक (लवण) बनाते हैं।
(x) अम्लों में विद्युत प्रवाह किस कारण होता है? [1]
उत्तर:
आयनों के कारण।
(xi) अधिक आर्द्र गैस को किसकी सहायता से शुष्क किया जाता है ? [1]
उत्तर:
कैल्सियम क्लोराइड की सहायता से।
(xii) हाइड्रोजन आयन को किस रूप में दर्शाया जाता है ? [1]
उत्तर:
H+ (aq) या हाइड्रोनियम आयन (H3O+)
खण्ड – (ब)
लघूत्तरात्मक प्रश्न- प्रश्न सं. 04 से 16 के उत्तर के लिखिए (शब्द सीमा 50 शब्द)
प्रश्न 4.
मानव में परिसंचरण तंत्र के निम्नलिखित घटकों में से प्रत्येक का एक कार्य लिखिए
(a) रुधिर वाहिनियाँ, [2]
(b) लिम्फ
उत्तर:
(a) रुधिर वाहिनियाँ-ये पूरे शरीर में रक्त को लेकर जाती हैं।
(b) लिम्फ-इसकी लिम्फोसाइड कोशिकाएँ रोगोत्पादक पदार्थों, जीवाणुओं आदि को नष्ट करती हैं।
प्रश्न 5.
एक अध्ययन से पता चला कि हल्के रंग की आँखों वाले बच्चों के जनक (माता-पिता) की आँखें भी हल्के रंग की होती हैं। इसके आधार पर क्या हम कह सकते हैं कि आँखों के हल्के रंग का लक्षण प्रभावी है अथवा अप्रभावी? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए। [2]
उत्तर:
उपर्युक्त परिस्थिति में नेत्रों का हल्का रंग प्रभावी लक्षण है। अतः यह लक्षण जनकों से भावी पीढ़ी की सन्तानों में स्थानान्तरित हो सकता है। प्रभावी लक्षण उसी अवस्था में अथवा कुछ परिवर्तन के साथ भावी पीढ़ी में चले जाते हैं। इनमें अप्रभावी लक्षण भी उपस्थित होते हैं। ये अप्रभावी लक्षण प्रभावी लक्षणों की अनुपस्थिति में सन्तान में प्रदर्शित हो सकते हैं।
प्रश्न 6.
अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न विभिन्नताएँ अधिक स्थायी होती हैं, व्याख्या कीजिए। [2]
उत्तर:
लैंगिक जनन की प्रक्रिया में संयुग्मन करने वाले युग्मक (gametes) विभिन्न जनकों से आते हैं। इनके मिलने से युग्मनज (zygote) का निर्माण होता है। युग्मनज से सम्पूर्ण संतति जीव विकसित होता है। युग्मकों का निर्माण डी.एन.ए. के प्रतिकृतिकरण के द्वारा सम्भव होता है और डी.एन.ए. के प्रतिकृति होने के समय इसमें अनेक विभिन्नताएँ उत्पन्न हो जाती हैं जो नये जीव में वंशानुगत होती हैं। इसीलिए लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न विभिन्नताएँ अधिक स्थायी होती हैं।
प्रश्न 7.
स्वपोषी तथा परपोषी में अन्तर लिखिए। [2]
उत्तर:
स्वपोषी तथा परपोषी में अन्तर । स्वपोषी (Autotrophs)-(क) ये अपना भोजन सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में स्वयं बना लेते हैं। (ख) ये सौर ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदलते हैं। (ग) इन्हें उत्पादक कहते हैं।
उदाहरण-सभी हरे पेड़-पौधे।
परपोषी (Heterotrophs)-(क) ये अपना भोजन प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से स्वपोषी से प्राप्त करते हैं। (ख) ये सौर ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में नहीं बदल सकते।
(ग) इन्हें उपभोक्ता कहते हैं। उदाहरण-सभी जन्तु एवं अपघटक।
प्रश्न 8.
अपवर्तनांक सम्बन्धी स्नैल का नियम लिखिये। [2]
उत्तर:
जब कोई प्रकाश किरण किसी पारदर्शी माध्यम में प्रवेश करती है तो उसके आपतन कोण की ज्या (sin i) तथा अपवर्तन कोण की ज्या (sin r) में एक निश्चित अनुपात होता है जिसे अपवर्तनांक कहते हैं।
प्रश्न 9.
176 Ω प्रतिरोध के कितने प्रतिरोधकों को पार्यक्रम में संयोजित करें कि 220 V के विद्युत स्रोत के संयोजन से 5A विद्युत धारा प्रवाहित हो ? [2]
उत्तर:
I = 5A, V = 220V
परिपथ की प्रतिरोधकता
R = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}\) = \(\frac{220}{5}\) = 44 Ω
प्रत्येक प्रतिरोधक का प्रतिरोध r = 176 Ω
यदि n प्रतिरोधक, प्रत्येक की प्रतिरोधकता r को पार्श्वक्रम में संयोजित करें तो इच्छित प्रतिरोध होगा R = r/n
या 44 = \(\frac{176}{n}\) or n= \(\frac{176}{44}\) = 4
प्रश्न 10.
विद्युत ताप युक्तियों जैसे ब्रेड-टोस्टर तथा विद्युत इस्तरी के चालक शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्र धातुओं के क्यों बनाए जाते हैं ? [2]
उत्तर:
ब्रेड-टोस्टर, विद्युत इस्तरी आदि के चालक मिश्र धातुओं के इसलिए बनाए जाते हैं, क्योंकि मिश्र धातुओं की प्रतिरोधकता, शुद्ध धातुओं की तुलना में अधिक होती है तथा ताप वृद्धि के साथ इनकी प्रतिरोधकता में नगण्य परिवर्तन होता है। इसके अलावा मिश्रधातुओं का ऑक्सीकरण भी कम होता है। फलतः मिश्र धातुओं से बने चालकों की उम्र शुद्ध धात्विक चालकों की तुलना में अधिक होती है।
प्रश्न 11.
दण्ड चुम्बक की सहायता से परिनालिका के ध्रुवों का निर्धारण कैसे किया जाता है? [2]
उत्तर:
दण्ड चुम्बक की सहायता से परिनालिका के ध्रुवों का निर्धारण-दण्ड चुम्बक द्वारा परिनालिका के ध्रुवों का निर्धारण निम्न प्रकार से किया जा सकता है-
(क) परिनालिका को उसके केन्द्र पर धागा बाँधकर स्वतन्त्रतापूर्वक लटका देते हैं।
(खा) दण्ड चुम्बक के उत्तरी ध्रुव को. परिनालिका के एक सिरे के पास लाते हैं। यदि परिनालिका का यह सिरा चुम्बक की ओर आकर्षित होता है तो परिनालिका का यह सिरा दक्षिणी ध्रुव होगा तथा विपरीत सिरा उत्तरी ध्रुव होगा।
(ग) यदि दण्ड चुम्बक का उत्तरी ध्रुव समीप लाने पर परिनालिका विक्षेपित हो जाती है तब दण्ड चुम्बक के उत्तरी ध्रुव के सामने वाला परिनालिका का सिरा उत्तरी ध्रुव होगा तथा विपरीत सिरा दक्षिणी ध्रुव होगा।
प्रश्न 12.
वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रियाओं के विपरीत क्यों कहा जाता है? इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए। [2]
उत्तर:
संयोजन अभिक्रिया में दो या दो से अधिक पदार्थ परस्पर संयोग करके एक नया पदार्थ बनाते हैं। जैसे
C(s)+ O(g) → CO(g)
तथा वियोजन अभिक्रिया में एक ही यौगिक विखण्डित होकर दो या दो से अधिक सरल पदार्थ बनाता है। जैसे-
2KClO3 → 2KCl + 3O2
प्रश्न 13.
निम्न अभिक्रियाओं में उपचयित तथा अपचयित पदार्थों की पहचान कीजिये-
(i) 4Na(s) + O2(g) → 2Na2O(s)
(ii) CuO(s) + H2(g) → Cu(s) + H2O(l) [2]
उत्तर:
(i) 4Na (s) + O2 (g) → 2Na2O(s)
इस अभिक्रिया में सोडियम (Na) सोडियम ऑक्साइड (Na2O) में उपचयित या ऑक्सीकृत हो रहा है। इसका अर्थ यह है कि ऑक्सीजन का अपचयन हो रहा है।
(ii) CuO (s) + H2 (g) → Cu(s) + H2O(l)
इस अभिक्रिया में हाइड्रोजन गैस (H2) जल (H2O) में ऑक्सीकृत या उपचयित हो रही है जबकि कॉपर (ii) ऑक्साइड (CuO) का अपचयन कॉपर में हो रहा है।
प्रश्न 14.
चार आयनिक यौगिकों के नामों को उनके सूत्र तथा उनमें उपस्थित आयनों के साथ लिखिए। [2]
उत्तर:
यौगिक का नाम सूत्र उपस्थित आयन ।
- सोडियम क्लोराइड NaCl Na+ तथा Cl–
- पोटैशियम क्लोराइड KCl K+ तथा Cl–
- अमोनियम क्लोराइड NH4CI NH4+ + तथा Cl–
- मैग्नीशियम क्लोराइड Mgo Mg2+ तथा O2-
प्रश्न 15.
Ca, Pb, AI, Na, Mg एवं Cu में से किन-किन धातुओं को विद्युत अपघटनी विधि द्वारा निष्कर्षित किया जाता है और क्यों? [2]
उत्तर:
ऐसी धातुएँ जो अत्यधिक क्रियाशील एवं अत्यधिक धनविद्युती प्रकृति की होती हैं वह अच्छी अपचायक होती हैं। अतः ऐसी धातुओं का निष्कर्षण रासायनिक अपचयन द्वारा नहीं किया जा सकता है। इनका निष्कर्षण केवल विद्युत अपघटनी विधि से ही करते हैं। इस कारण Ca, Al, Na तथा Mg का निष्कर्षण विद्युत अपघटनी विधि से करते हैं।
प्रश्न 16.
प्रमुख मिश्र धातुओं के नाम, उनके घटक तथा उपयोग लिखिए। [2]
उत्तर:
मिश्रधातु घटक उपयोग _. स्टील लोहा, भवनों, यातायात
कार्बन के साधनों में आदि। पीतल ताँबा, बर्तन, मूर्तियाँ, नलों
जिंक की टोंटी आदि। काँसा ताँबा, टिन टांके लगाने में। जर्मन ताँबा, निकिल, घंटियों में। सिल्वर जिंक गन ताँबा, टिन, मशीनों और वाहनों मैटल जस्ता के गियर बनाने में।
खण्ड – (स)
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न- प्रश्न सं. 17 से 20 के उत्तर लिखिए (शब्द सीमा 100 शब्द)
प्रश्न 17.
पादप में भोजन का स्थानान्तरण कैसे होता है? समझाओ। [3]
अथवा
उत्सर्जी उत्पाद से छुटकारा पाने के लिए पादप किन विधियों का उपयोग करते हैं? समझाओ। [3]
उत्तर:
पादप की पत्तियों में प्रकाश-संश्लेषण द्वारा निर्मित भोज्य पदार्थों का पौधे के अन्य भागों में स्थानान्तरण फ्लोएम (Pholem) नामक ऊतक द्वारा होता है। फ्लोएम चालनी नलिका तथा सहचर कोशिकाओं द्वारा निर्मित होता है। ऊर्जा का उपयोग करके फ्लोएम द्वारा भोजन का स्थानान्तरण होता है। वह स्थान जहाँ भोजन का निर्माण होता है, स्त्रोत (Source) कहलाता है तथा जहाँ इसका प्रयोग होता है, उपभोग (Sink) कहलाता है। स्रोत से भोज्य पदार्थ ATP की ऊर्जा का प्रयोग करके फ्लोएम की चालनी नलिकाओं में भरा जाता है। अब शर्करायुक्त चालनी नलिका में परासरण द्वारा जल प्रवेश करता है जिससे फ्लोएम ऊतकों में दाब बढ़ जाता है। फ्लोएम भोज्य पदार्थों का उच्च दाब क्षेत्र से कम दाब क्षेत्र की ओर परिवहन करता है। भोज्य पदार्थों का परिवहन उपभोग स्थल एवं संचय स्थल की ओर अधिक होता है।
प्रश्न 18.
जाति उद्भवन से क्या तात्पर्य है? जाति उद्भवन के लिए उत्तरदायी चार कारकों की सूची बनाइए। इनमें से कौन स्वपरागित स्पीशीज़ के पादपों के जाति उद्भवन का प्रमुख कारक नहीं हो सकता? अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए। [3]
अथवा
मटर के उन दो स्थूल रूप से दिखाई देने वाले लक्षणों की सूची बनाइए जिनका अध्ययन मेण्डल ने अपने प्रयोगों में किया था। मेण्डल के प्रयोगों द्वारा कैसे पता चला कि लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं? [3]
उत्तर:
एक जाति के जीवों में जैव विकास में हुए परिवर्तनों के कारण, एक नई जाति के जीवों के बनने को जाति उद्भव कहते हैं। जाति उदभव के चार कारक:
- एक ही जाति के जीवों में परिवर्तनशील वातावरण में रहने के लिए अपने शरीर के लक्षणों में कुछ परिवर्तन लाना।
- एक ही जाति की समष्टियों का भौगोलिक रूप से विलग होना ।
- एक ही जाति की समष्टियों में आनुवंशिक विचलन।
- एक ही जाति के जीवों में आए शारीरिक परिवर्तनों का अगली संतति में जाने के लिए प्राकृतिक चयन। एक ही जाति की समष्टियों में आनुवांशिक विचलन, स्वपरागित स्पीशीज़ के जाति उद्भवन का प्रमुख कारक नहीं हो सकता क्योंकि ऐसे पादपों में कभी भी आनुवांशिक विचलन संभव नहीं है।
प्रश्न 19.
विद्युत मोटर का नामांकित चित्र देकर उसकी रचना का वर्णन कीजिए। [3]
अथवा
विद्युत जनित्र का नामांकित चित्र देकर उसकी रचना का वर्णन कीजिए। [3]
उत्तर:
विद्युत मोटर द्वारा विद्युत ऊर्जा को यान्त्रिक ऊर्जा में बदला जाता है। इसकी रचना और चित्र इस प्रकार है। रचना-विद्युत मोटर के मुख्य भाग होते हैं- (क) क्षेत्र चुम्बक, (ख)आर्मेचर, (ग) विभक्त वलय, (घ) ब्रुश।
- क्षेत्र चुम्बक (Field magnet)—यह एक शक्तिशाली स्थायी चुम्बक होता है, जिसके ध्रुव खण्ड N व 5 हैं। इस चुम्बक के ध्रुवों के बीच उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र में आर्मेचर कुंडली घूमती है।
- आर्मेचर (Armature)-यह अनेक फेरों वाली एक आयताकार कुंडली ABCD होती है जो कच्चे लोहे के क्रोड पर ताँबे के पृथक्कित तार लपेटकर बनायी जाती है।
- विभक्त वलय (Split rings)-यह दो अर्द्ध-वृत्ताकार वलयों L व M के रूप में होता है। कुंडली के सिरे A व B इन भागों में अलग-अलग जुड़े रहते हैं। यह कुंडली में प्रवाहित होने वाली धारा की दिशा को इस प्रकार परिवर्तित करता है कि कुंडली सदैव एक ही दिशा में क्षैतिज अक्ष पर घूमती है।
- ब्रुश (Brush)-विभक्त वलय L व M धातु की बनी दो पत्तियों को स्पर्श करते हैं। इन्हें ब्रुश कहते हैं। इन ब्रुशों का सम्बन्ध दो संयोजक पेचों से कर दिया जाता है। बाह्य परिपथ से आने वाली धारा को इन्हीं पेचों से सम्बन्धित कर देते हैं।
प्रश्न 20.
निम्न पदों का वर्णन कीजिए तथा प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिए(a) संक्षारण, (b) विकृतगन्धिता। [3]
अथवा
उन वियोजन अभिक्रियाओं के एक-एक समीकरण लिखिए जिनमें प्रकाश, ऊष्मा व विद्युत के रूप में ऊर्जा प्रदान की जाती है। [3]
उत्तर:
(a) संक्षारण-जब किसी धातु की सतह वायु, जल अथवा अपने चारों ओर उपस्थित किसी अन्य पदार्थ द्वारा अभिक्रमित हो जाती है, अथवा इस पर जंग लग जाती है तब इसे संक्षारित वस्तु कहते हैं। यह प्रभाव संक्षारण कहलाता है। उदाहरण के लिए, लोहे पर जंग का लगना।
(b) विकृतगन्धिता-तेल व वसा के उपचयित हो जाने पर ये विकृतगन्धी हो जाते हैं तथा इनके गन्ध व स्वाद में परिवर्तन हो जाता है। इनमें प्रतिऑक्सीकारक मिलाकर अथवा भोज्य पदार्थों को निर्वातित पात्रों में रखकर अथवा इनमें नाइट्रोजन प्रवाहित करके इस प्रक्रिया को रोका जा सकता है। उदाहरण-आलू की चिप्स की थैलियों में नाइट्रोजन प्रवाहित करके इन्हें उपचयित होने से बचाया जा सकता है।
खण्ड – (द)
निबन्धात्मक प्रश्न- प्रश्न सं. 21 से 23 के उत्तर लिखिए (शब्द सीमा 250 शब्द)
प्रश्न 21.
लवण जल (ब्राइन) के विद्युत अपघटन के समय एनोड पर कोई गैस ‘G’ मुक्त होती है। जब इस गैस ‘G’ को
बुझे हुए चूने से प्रवाहित किया जाता है, तो कोई यौगिक ‘C’ बनता है जिसका उपयोग पीने के जल को जीवाणुओं से मुक्त करने के लिए किया जाता है। (i) ‘G’ और ‘C’ के सूत्र लिखिए।
(ii) होने वाली अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
(ii) यौगिक ‘C’ का सामान्य नाम क्या है? इसका रासायनिक नाम लिखिए। [4]
अथवा
नीचे दिए गए रासायनिक समीकरणों को पूरा और सन्तुलित कीजिये
(i) NaOH (aq) + Zn (s) →
(ii) CaCO3(s) + H2O(l) + CO2(g) →
(iii) HCI(aq) + H2O(l) →
(iv) BaCl + H2SO4 → BaSO4 + HCl ……….. [4]
उत्तर:
(i) G का सूत्र = Cl2 (क्लोरीन गैस)
C का सूत्र = CaOCl2
(iii) यौगिक ‘C’ का सामान्य नाम विरंजक चूर्ण है।
यौगिक ‘C’ का रासायनिक नाम कैल्सियम ऑक्सीक्लोराइड है।
प्रश्न 22.
(i) किसी लेंस की क्षमता से क्या तात्पर्य है? इसका SI मात्रक लिखिए। कोई छात्र 40 सेमी फोकस दूरी का लेंस उपयोग कर रहा है तथा कोई अन्य छात्र-20 सेमी फोकस दूरी का लेंस उपयोग कर रहा है। इन दोनों लेंसों की प्रकृति और क्षमता लिखिए।
(ii) ड्राइवर को रात्रि में किस प्रकार के प्रकाश पुंज का प्रयोग करना चाहिए। [4]
अथवा
लेंस द्वारा प्रतिबिम्ब बनने के नियमों को समझाओ। (यदि आवश्यक हो, तो चित्र भी दें।) [4]
उत्तर:
(i) लेंस की क्षमता-किसी लेंस की फोकस दूरी के व्युत्क्रमानुपात को उस लेंस की क्षमता कहते हैं।
P (लेंस की क्षमता) = \(\frac{1}{f}\)
इसका S.I. मात्रक डाइऑप्टर (D) है।
(क) लेंस की फोकस दूरी
(f) = 40 cm = 0.4m
इस लेंस की क्षमता
(P) = \(\frac{1}{0.4}=\frac{10}{4}\) = + 2.5 D
प्रकृति- यह एक उत्तल लेंस है क्योंकि उत्तल लेंस की क्षमता धनात्मक (Positive) होती है।
(ख) इस लेंस की फोकस दूरी
(f) = -20 cm
= -0.2 m
इस लेंस की क्षमता
(P) = \(\frac{1}{-0.2}=\frac{-10}{4}\) = -5.0D
प्रकृति-यह एक अवतल लेंस है क्योंकि अवतल लेंस की क्षमता ऋणात्मक होती है।
(ii) ड्राइवर को रात्रियों में कम तीव्रता वाले प्रकाश पुंज का प्रयोग करना चाहिए।
प्रश्न 23.
जन्तुओं में नियन्त्रण एवं समन्वयन के लिए तंत्रिका तथा हॉर्मोन क्रियाविधि की तुलना तथा व्यतिरेक (Contrast) कीजिए। [4]
अथवा
मानव में पायी जाने वाली विभिन्न अन्तःस्रावी ग्रंथियों का वर्णन कीजिए। [4]
उत्तर:
जन्तुओं में नियन्त्रण एवं समन्वयन दो तंत्रों
के द्वारा होता है-(क) तंत्रिका तंत्र (ख) हॉर्मोनी तंत्र या अन्तःस्रावी तंत्र।
तन्त्रिकीय नियन्त्रण-
(अ) यह तंत्रिकाओं द्वारा होता है तथा तंत्रिकाएँ शरीर में जाल बनाती हैं।
(ब) यह एक तीव्रगामी क्रिया है। तंत्रिकाओं द्वारा तुरन्त आवश्यक क्रियाओं का नियन्त्रण होता है।
(स) इससे तंत्रिका कोशिकाएँ संवेदांगों से उद्दीपन प्राप्त करके इन्हें मस्तिष्क या मेरुरज्जु तक पहुँचाती हैं। ये उद्दीपन, प्रेरणाओं के रूप में मस्तिष्क द्वारा कार्यकारी अंगों तक विद्युत् आवेश के रूप में प्रेषित किये जाते हैं।
(द) इसके कार्यकर अंग प्रायः पेशियाँ या ग्रंथिया होती है। यह अंग प्रतिक्रिया को प्रदर्शित करते हैं।
हॉर्मोनिक क्रियाविधि-
(अ) यह हॉर्मोन्स द्वारा होता है। हॉर्मोन्स का स्रावण अन्तः ग्रन्थियों द्वारा होता है।
(ब) यह एक मन्द गति से होने वाली क्रिया है।
(स) हॉर्मोन्स अन्तःस्रावी ग्रन्थियों से स्रावित होकर लक्ष्य कोशिकाओं में पहुँचकर उनकी उपापचयी क्रियाओं को प्रभावित करते हैं।
(द) हॉर्मोन प्रायः पाचन, वृद्धि जनन, स्रावण, उपापचय आदि क्रियाओं का नियन्त्रण और नियमन करते हैं।
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